करेंसी से लाभ

Crypto करेंसी से लाभ Currency में निवेश कितना है सुरक्षित, Bitcoin और डिजिटल करेंसी को लेकर है कन्फ्यूजन तो जानिए.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल रुपया जारी करेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटल करेंसी से होनेवाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना होगा. तो Crypto Currency में निवेश करना आपके लिए कितना है सुरक्षित, Bitcoin और डिजिटल करेंसी को लेकर अगर आपके मन में है किसी तरह की कोई कन्फ्यूजन, तो पढ़ें ये रिपोर्ट.
Updated: February 3, 2022 10:31 AM IST
Crypto Currency: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस साल का बजट (Budget 2022-23) पेश करते हुए बड़ा ऐलान किया था. वित्त मंत्री ने भारत में भी डिजिटल करेंसी को मान्यता देने की बात कही और कहा कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी. इसके साथ उन्होंने ये भी कहा था कि सभी क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत का TAX लगेगा. यह म्युचुअल फंड या यहां तक कि शेयरों से होने वाली आय पर आप जितना भुगतान करते हैं, करेंसी से लाभ उससे कहीं अधिक है.अब क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वाले लोगों के मन में इसे लेकर कई तरह के सवाल पैदा हो गए हैं.
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राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि सरकार डिजिटल करेंसी को स्पेकुलेटिव असेट मानती है. यही कारण है कि अन्य स्पेकुलेटिव असेट जैसे हॉर्स रेसिंग की तरह ही क्रिप्टो से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा. साथ ही टोटल अमाउंट पर 1 प्रतिशत टीडीएस काटने का प्रावधान है.
इसके साथ ही राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बड़ी बात कही है कि अगर क्रिप्टो करेंसी से किसी तरह का कोई नुकसान होता है तो भरपाई की कोई व्यवस्था नहीं है. उन्होंने साफ किया कि अगर किसी वित्त वर्ष में आपको क्रिप्टो में निवेश से घाटा होता है तो आप इसे कैरी फॉरवर्ड नहीं कर सकते.
वहीं, टीवी सोमनाथन ने कहा कि क्रिप्टो की वास्तविक वैल्यू कोई नहीं जानता. इनके रेट्स में बदलाव होते रहता है. सरकार की नई नीति है कि क्रिप्टो पर होने वाली कमाई पर अब 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा.
Crypto Currency से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाया जाएगा. उदाहरण के लिए, यदि आप अपने बिटकॉइन बेचकर 100 रुपये कमाते हैं, तो आपको सरकार को क्रिप्टो टैक्स के रूप में 30 रुपये का भुगतान करना होगा. आपको केवल अपनी आय या क्रिप्टोकरेंसी से लाभ पर ही टैक्स का भुगतान करना होगा. उदाहरण के लिए, यदि आपने 5,000 रुपये की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी है और बेचते हैं तो 5,500 रुपये में केवल 500 रुपये पर 30 प्रतिशत कर लगेगा, न कि पूरे निवेश पर.
मौजूदा आयकर कानून करदाताओं को लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ के खिलाफ अपने दीर्घकालिक नुकसान को समायोजित करने की अनुमति देते हैं. यह करदाताओं को उनके दीर्घकालिक लाभ पर कर का भुगतान करने से छूट देता है. हालाँकि, क्रिप्टो आय के मामले में यह संभव करेंसी से लाभ नहीं होगा.
वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि केवल Crypto Currency प्राप्त करने वाले व्यक्ति पर कर लगाया जाएगा. इसलिए, अगर आप अपने दोस्त को 1 Bitcoin गिफ्ट कर रहे हैं, तो उसे उस ट्रांजैक्शन पर टैक्स देना होगा. हालांकि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि यह विरासत में मिली क्रिप्टो पर लागू होता है या नहीं.
भारत में अभी भी कोई क्रिप्टो कानून नहीं है. नया कराधान बस क्रिप्टो लेनदेन को वैधता देता है और सरकार को सभी लेनदेन की निगरानी करने की अनुमति देता है. इसे सरल शब्दों में समझें तो, यह भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी बनाता है. हालांकि, वे अभी भी अनियंत्रित हैं.
वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी. बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को केवल डिजिटल संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया है.इसका मतलब है कि जब आप उनमें निवेश कर सकते हैं, तो उनका उपयोग चीजों को खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता है.
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क्या है 'डिजिटल रुपया और इससे लोगों को कितना होगा फायदा? क्या ई-रुपया पर ब्याज भी मिलेगा?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) केंद्रीय बैंक खुदरा ग्राहकों के लिए डिजिटल मुद्रा 'डिजिटल रुपया' का पायलट परीक्षण एक माह के भीतर शुरू कर सकता है। आरबीआई ने एक बयान में इस बात करेंसी से लाभ की जानकारी दी है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) केंद्रीय बैंक खुदरा ग्राहकों के लिए डिजिटल मुद्रा 'डिजिटल रुपया' का पायलट परीक्षण एक माह के भीतर शुरू कर सकता है। आरबीआई ने एक बयान में इस बात की जानकारी दी है। आइए जानते हैं डिजिटल रुपया क्या है और इससे ग्राहकों को क्या-क्या फायदा मिलेगा.
- एक केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा देश की मुख्य मुद्रा का डिजिटल रूप है
- इसे केंद्रीय बैंक द्वारा जारी और विनियमित किया जाता है
- सीबीडीसी से वित्तीय समावेशन के साथ करेंसी से लाभ भुगतान दक्षता बढ़ती है
- आपराधिक गतिविधि रोकती है, अंतरराष्ट्रीय भुगतान विकल्पों में सुधार करती है
- संभावित रूप से शुद्ध लेनदेन
- लागत को कम करती है
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धन भेजने का खर्च घटेगा
विश्व बैंक का अनुमान है कि अभी इस तरह दूसरे देशों में पैसे भेजने पर 7 करेंसी से लाभ से अधिक का शुल्क चुकाना पड़ता है, जबकि डिजिटल करेंसी के आने से इस मद में 2 तक की कमी आएगी।
बिना इंटरनेट केभी लेनदेन
करंसी विशेषज्ञों के मुताबिक ई-रुपया टोकन आधारित होगा। इसका मतलब यह है कि आप जिस व्यक्ति को पैसे भेजना चाहते हैं, उसकी पब्लिक 'की' के जरिये भेज सकते हैं। यह एक ईमेल आईडी जैसा हो सकता है। आपको पैसे भेजने के लिए पासवर्ड डालना होगा। ई- रुपया बिना इंटरनेट के भी काम करेगा। हालांकि, इस पर विस्तार से जानकारी आनी बाकी है।
क्या ब्याज भी मिलेगा
आरबीआई के मसौदा प्रस्ताव के मुताबिक ई-रुपया पर कोई भी ब्याज नहीं दिया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने इसकी वजह बताते हुए कहा है कि अगर यह कदम उठाया जाता है यानी इसपर ब्याज दिया जाता है तो बड़ी संख्या में लोग पैसे निकालकर बैंकों से ई-रुपया में बदलने में जुट सकते हैं। इससे मुद्रा बाजार में अस्थिरता आ सकती है।
यह देश अपना चुके हैं क्रिप्टोकरंसी
केंद्रीय बैंक की तरफ से डिजिटल मुद्रा जारी करने वाला भारत पहला देश होगा। इसके पहले दुबई (यूएई) , रूस, स्वीडन, जापान, एस्तोनिया और वेनेजुएला जैसे देश खुद की क्रिप्टोकरंसी लॉन्च कर चुके हैं।
क्रिप्टो करेंसी के फायदे , क्रिप्टो करेंसी के नुकसान ओर क्रिप्टो का भविष्य क्या है बताइए
आप इस पोस्ट में जानेंगे क्रिप्टो करेंसी के फायदे ,क्रिप्टो करेंसी के नुकसान । कई लोग का यह भी प्रश्न रहता है कि कृपया करेंसी का भविष्य क्या है। आपको बता दूं मैं, क्रिप्टो करेंसी आने वाले समय का सबसे बड़ा जायदाद होगा। लोग आज क्रिप्टोकरंसी को छोटी नजर से देख रहे हैं लेकिन आने वाले समय में भविष्य की बात करें तो क्रिप्टो से बड़ा बाजार दूसरा कुछ नहीं हो सकता।
वैसे तो भारत ने भी यह स्वीकार किया है कि क्रिप्टो करेंसी आने वाला भविष्य है तभी भारत ने भी क्रिप्टो करेंसी को बैन नहीं किया और क्रिप्टो करेंसी को चालू रखा और उसके ऊपर बड़ी रकम की टैक्स वसूली कर रहा है..
Table of Contents
क्रिप्टो करेंसी के फायदे
● ये एक ऑनलाइन Currency होने के कारण है, धोखाधड़ी और इसकी नकली करेंसी बनने के चांस कम है।
● क्रि प्टो करेंसी एक स्ट्रांग एंड अन्य सामान्य digital payment से ज्यादा सुरक्षि त माना जाता है।
● क्रि प्टो करेंसी की कीमत बहुत तेजी से दि न ब दि न बढ़ रही है, इसलि ए इन्वेस्ट करने के लि ए यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है। जो फ्यूचर में काफी फायदेमंद साबि त हो सकता है।
● Cryptocurrency की ट्रांसफर और लेन देन बहुत सुरक्षि त है, यह सामान्य लेन देन से बिल्कुल भिन्नऔर ज्यादा सुरक्षित है।
● कोई मेडि एटर नहीं होता है।
● यह ग्लोबल में नहीं है।
● ट्रांजैक्शन फीस बहुत ही है और ट्रांजैक्शन जल्दी और आसानी से होता है। क्रिप्टो करेंसी का गेर-लाभ
● इसमें रि वर्स ट्रांजैक्शन का ऑप्शन नहीं होने के, अगर गलती ट्रांजैक्शन हो जाता है तो आप को बहुत
क्रिप्टो करेंसी के नुकसान
क्रिप्टो करेंसी से भारी नुकसान हो सकता है।
● ऑनलाइन करेंसी होने के कारण क्रि प्टोकरेंसी का मुद्रण नहीं कि या जा सकता है।
● क्रि प्टो करेंसी को कि सी भी देश की सरकार या संस्था या कि सी मालि क संचालि त नहीं कर सकते है। यह बहुत ही बड़ा disadvantage है।
● कि सी भी तरह की अगर करेंसी से लाभ धोखाधड़ी हो जाती है तो आप कि सी भी संस्था पर क्लेम नहीं कर सकते हैं।
● अगर आपका वॉलेट आईडी एक बार खो जाता है तो उस वॉलेट में जि तने आपके रुपए होंगे वह सब डूब जाएगा।
● क्रिप्टो करेंसी में मार्केट बहुत flexible होती है। इसमें उतार चढ़ाव होता रहता है इसलिए इसमें इन्वेस्ट करना बहुत ही रि स्की होता है।
● इसका यूज कहा होता हैं ये पता न चल पाने की वजह से गलत कामों में इसका यूज होने लगा, ड्रग्स इत्यादि में।
क्या आप जानते हैं क्या होता है Digital Rupee, क्यों लांच करने जा रही मोदी सरकार, क्या होगा लाभ
नोटबंदी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल करेंसी को लागू करने का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि डिजिटल करेंसी लागू होने के बाद काफी फायदा होंगे। जहां एक ओर नोटों की अपेक्षा ये सुरक्षित होगी वहीं डिजिटल रुपये के बाद लेन-देन भी काफी आसान होगा। नोटों की चोरी और लूट की घटनाओं में भी कमी आएगी, जिसके बाद से लगातार डिजिटल करेंसी को लागू करने व आधिकारिक मान्यता देने के लिए काम जारी है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि वर्ष 2023 की शुरुआत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आधिकारिक तौर पर डिजिटल करेंसी को जारी कर देगी।
लखनऊ. केन्द्र की मोदी सरकार डिजिटल पेमेंट पर बल दे रही है वहीं मोदी सरकार डिजिटल रुपे को जारी करने की योजना तैयार कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मोदी सरकार आगामी लोकसभा चनाव से पहले बड़ा फैसला लेते हुए डिजिटल रुपे को लांच करेगी। पहले की मोदी सरकार काले धन को समाप्त करने के लिए नोट बंदी जैसे बड़े फैसले से चुकी है। अब सरकार डिजिटल रुपे को लांच करने की तैयारी कर रही है।
पिछले वित्तीय बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय जनता को डिजिटल रुपे की सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही थी, जिसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) उत्तर प्रदेश के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2023 तक डिजिटल मुद्रा को जारी कर दिया जाएगा। यह डिजिटल रुपे (मुद्रा) पूरी तरह से आधिकारिक होगी और आरबीआई द्वारा इसे जारी किया जाएगा। यह जानकारी सामने आने के बाद यूपी के डिजिटल पमेंट एप का यूज करने वालों का रहात मिलेगी। यूजर्स का कहना है कि डिजिटल रुपे को आधारिक मान्यता मिलने के बाद काफी हद तक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन सुरक्षित व लेनदने में राहत होगी।
आरबीआई यूपी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आधिकारिक डिजिटल मुद्रा इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट की तरह ही होगी। इस वॉलेट के संदर्भ में सरकार की ओर से गारंटी दी जाएगी, जिस तरह की गारंटी नोटों को लेकर दी जाती है। सूत्र का कहना है कि डिजिटल करेंसी में भारतीय मुद्रा के विशिष्टता शामिल होंगे। यह मुद्रा को इस तहत से समझा जा सकता है कि यह ऐसी डिजिटल मुद्रा होगी जिसको भारत सरकार की तरफ से आरबीआई डिजिटल मुद्रा को तैयार जारी करेगी, जिसे अगले वर्ष 2023 तक जारी कर दिया जाएगा।
नोटबंदी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल करेंसी को लागू करने का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि डिजिटल करेंसी लागू होने के बाद काफी फायदा होंगे। जहां एक ओर नोटों की अपेक्षा ये सुरक्षित होगी वहीं डिजिटल रुपये के बाद लेन-देन भी काफी आसान होगा। नोटों की चोरी और लूट की घटनाओं में भी कमी करेंसी से लाभ आएगी, जिसके बाद से लगातार डिजिटल करेंसी को लागू करने व आधिकारिक मान्यता देने के लिए काम जारी है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि वर्ष 2023 की शुरुआत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आधिकारिक तौर पर डिजिटल करेंसी को जारी कर देगी।
वर्तमान में तमाम कंपनियों की ओर से डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध कराए जाते हैं। इस प्लेटफार्म के तहत कंपनी बैंक से पैसे का लेनदेन कर ग्राहकों को डिजिटल करेंसी के लेन-देन की सुविधा उपलब्ध कराती है, लेकिन जब सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर डिजिटल करेंसी को जारी कर दिया जाएगा तो बैंक से ग्राहक सीधे तौर पर लेन-देन कर सकेंगे।