पीपीएफ खाता क्या है

बंद पड़े पीपीएफ खाते को इस तरह करें फिर से एक्टिव
अगर फाइनेंशियल प्रॉब्लम की वजह से आपके पीपीएफ खाते में मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं हो पाया और यह बंद हो गया है तो आप इसे मैच्योरिटी पीरियड से पहले फिर स.
पीपीएफ खाते में हर साल कम से कम 500 रुपये जमा करने की जरूरत होती है। तभी यह एक्टिव रहता है। 15 साल तक यह काम नियमित रूप से करना जरूरी होता है। पीपीएफ खाते में एक फाइनेंशियल इयर में डेढ़ लाख रुपये तक निवेश करने की लिमिट है।
कैसे इनेक्टिव हो जाता है पीपीएफ खाता?
पीपीएफ खाते में सालभर में 500 रुपये जमा करना आवश्यक है, लेकिन किसी साल आपने पैसा नहीं डाला तो उस स्थिति में खाता बंद पीपीएफ खाता क्या है नहीं हो जाता, बल्कि उस पर आपको पेनाल्टी भरनी पड़ती है। हालांकि यह पेनाल्टी न्यूनतम ही होती है। वहीं अगर आप अपने पीपीएफ अकाउंट में किसी वित्त वर्ष में पैसे डालना भूल जाती हैं या जमा नहीं कर पाती हैं, जिसकी वजह से मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं हो पाता तो यह खाता इनेक्टिव हो जाता है।
हर साल खाते पर मिलता है ब्याज
पीपीएफ में 15 साल बाद मैच्योरिटी की अवधि खत्म होने पर खाताधारक को ब्याज के साथ अपनी रकम मिल जाती है। यह ब्याज हर साल बैलेंस में जुड़ता जाता है। बंद पड़े पीपीएफ खाते तो रीएक्टिव करना पर भी बात लागू होती है। सरकार समय-समय पर ब्याज दरें तय कर रहती है।
मैच्योरिटी की तारीख से पहले अगर आप बंद पड़े पीपीएफ खाते को चालू कराना चाहती हैं तो मैच्योरिटी की तारीख से पहले आप यह काम कभी भी कर सकती हैं। मैच्योरिटी की तारीख आपकी पीपीएफ पासबुक में दर्ज होती है।
मैच्योरिटी से पहले बंद कराया जा सकता है खाता
2016 में पीपीएफ खाते के नियमों में एक अहम बदलाव हुआ है। इसमें सरकार ने कुछ विशेष स्थितियों में मैच्योरिटी के पहले पीपीएफ खाते को बंद करने की अनुमति दी है। इन स्थितियों में किसी जानलेवा बीमारी का इलाज कराने या बच्चे की पढ़ाई के लिए खर्च शामिल हैं। लेकिन इसमें कंडिशन यह है कि पीपीएफ खाते के पांच साल चलने के बाद ही अंशदाता ऐसा कर सकते हैं। हालांकि रुके हुए पीएपीएफ खाते के पीपीएफ खाता क्या है साथ यह सुविधा नहीं मिलती है, बशर्ते इसे दोबारा चालू ना करा दिया जाए। तीसरे वित्त वर्ष के बाद छठे वित्त वर्ष के खत्म होने तक पीपीएफ खाते में बैलेंस पर लोन लेने की भी सुविधा मिलती है। रुके हुए पीपीएफ खाते में यह फायदा नहीं उठाया जा सकता है।
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अंशधारक ही पास खुलवा सकता है खाता
अगर बंद पड़े पीपीएफ खाते को खाताधारक के अलावा कोई और खुलवाने का प्रयास करता है तो नियमों के तहत उसे इसकी इजाजत नहीं मिलती है। साथ ही कोई पीपीएफ खाता क्या है महिला दो पीपीएफ खाते नहीं खुलवा सकती हैं।
बंद खाते को चालू कराने की प्रक्रिया
बंद पड़े पीपीएफ खाते को चालू कराने की प्रक्रिया जानना आपके लिए बहुत जरूरी है और इसे अपनाकर आप आसानी से अपना खाता चालू करा सकती हैं। इसके लिए आपको बैंक या पोस्ट आफिस में लिखित एप्लिकेशन देनी पड़ेगी, जहां आपका खाता खुला है। इसमें हर साल के हिसाब से 500 रुपये की पेनाल्टी लगती है। इसी तरह एरियर के भुगतान के तौर पर हर साल के लिए 500 रुपये देने होंगे। जिस साल खाता चालू कराया जा रहा है, उस साल न्यूनतम 500 रुपये सब्सक्रिप्शन के तौर पर देने होते हैं।
आपको क्या पीपीएफ खाता क्या है पीपीएफ खाता क्या है पीपीएफ खाता क्या है करना चाहिए?
सर्टीफाइड फाइनेंशियल एडवाइजर पंकज मठपाल बताते हैं, 'पीपीएफ खाते में 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है। यह पूरी तरह से सुरक्षित निवेश विकल्प है, इसीलिए इसे किसी भी स्थिति में बंद नहीं होने दें। अगर खाता बंद हो गया है तो बिना देरी किए उसे चालू कराएं। अपनी बचत के पैसों को आप पीपीएफ में डालकर लंबी अवधि के लक्ष्य को हासिल करने में जैसे कि घर बनाने या रिटायरमेंट के समय के जरूरी खर्चों आदि में सहूलियत पा सकती हैं।'
PPF खाते को बंद करने या रिवाइव करने की क्या है प्रक्रिया, खाते की मियाद पूरी होने पर क्या करें? . जानें
कम बचत में निवेश के सभी बेहतर उत्पादों में एक है पीपीएफ यानी प्रोविडेंट फंड. बेहतर रिटर्न के साथ पीपीएफ में निवेश के जरिये आयकर का भी लाभ भी मिलता है. हालांकि, केवल कुछ सीमित निवेश में ही यह प्राप्त होता है. निवेश में कर छूट, रिटर्न में छूट, परिपक्वता में छूट या निकासी लाभ की सुविधा के कारण ही पीपीएफ आज भारत में सबसे अच्छा टैक्स बचत निवेश का विकल्प बन गया है.
नयी दिल्ली : कम बचत में निवेश के सभी बेहतर उत्पादों में एक है पीपीएफ यानी प्रोविडेंट फंड. बेहतर रिटर्न के साथ पीपीएफ में निवेश के जरिये आयकर का भी लाभ भी मिलता है. हालांकि, केवल कुछ सीमित निवेश में ही यह प्राप्त होता है. निवेश में कर छूट, रिटर्न में छूट, परिपक्वता में छूट या निकासी लाभ की सुविधा के कारण ही पीपीएफ आज भारत में सबसे अच्छा टैक्स बचत निवेश का विकल्प बन गया है.
क्या है अकाउंट बंद करने की प्रक्रिया?
खाताधारक अगर खाते को बंद करना चाहता है, तो जिस डाकघर या बैंक की शाखा में खाता खोला गया है, वहां जाकर जमा राशि को निकालने के बाद इसे बंद करने के लिए लिखित आवेदन देकर बंद किया जा सकता है. खाता बंद करने के लिए मूल पासबुक जमा करना होता है. साथ ही जिस खाते में राशि स्थानांतरित करना हो, उस खाते का विवरण भी देना होता है. साथ ही खाताधारक को अपनी पहचान के प्रपत्र जमा करना होता है.
न्यूनतम राशि जमा नहीं जमा करने पर क्या होगा?
पीपीएफ खाताधारक यदि किसी भी वित्तीय वर्ष में न्यूनतम राशि का योगदान करने में विफल रहता है, तो खाते को बंद कर दिया जाता है. इसके साथ ही खाताधारक की निकासी की सुविधा समाप्त हो जाती है. ऐसी परिस्थिति में खाताधारक अपने पीपीएफ खाते पर ऋण नहीं ले सकता है.
खाता बंद करने पर क्या करें?
खाताधारक यदि बंद खाते को पुनर्जीवित करना चाहता है, तो परिपक्वता तिथि से पहले किसी भी समय इसे पुनर्जीवित किया जा सकता है. इसके लिए खाताधारक को खाता खोले गये अपने बैंक या डाकघर की शाखा में लिखित आवेदन जमा कर खाते को पुनर्जीवित किया जा सकता है. इसके लिए खाताधारक को प्रतिवर्ष के लिए 50 रुपये का जुर्माने के साथ बकाया भुगतान के रूप में प्रतिवर्ष के लिए न्यूनतम राशि 500 रुपये और खाते को पुनर्जीवित करनेवाले वर्ष के लिए भी न्यूनतम 500 रुपये की राशि का भुगतान करना होता है.
मियाद की अवधि के पूर्व खाता बंद करने की सुविधा
सामान्य मामलों में 15 वर्ष से पहले खाताधारक पीपीएफ खाते को समयपूर्व बंद नहीं कर सकता है. हालांकि, उच्च शिक्षा या आपात चिकित्सा स्थिति जैसे अत्यधिक जरूरत पड़ने पर पीपीएफ खाते को समय पूर्व बंद करने की अनुमति दी जा सकती है. हालांकि, पीपीएफ खाता को पांच वर्ष से पहले अनिवार्य रूप से बंद नहीं किया जा सकता है.
मियाद पूरी होने पर क्या करें?
पीपीएफ खाते में 15 साल की मियाद होती है. मैच्योरिटी पूरी होने पर खाताधारक को दो विकल्प मिलते हैं. मियाद पूरी होने पर खाताधारक खाते से अपनी पूरी राशि निकाल कर खाता बंद कर सकता है. वहीं, खाताधारक को दूसरा विकल्प मिलता है कि मियाद पूरी होने पर पांच वर्ष के ब्लॉक में खाते को चालू रख सकता है.
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PPF Account : उठा लें कैलकुलेटर और लगा लें हिसाब क्योंकि कम ब्याज में भी ये स्कीम आपको बना देगी करोड़पति
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HR Breaking News, New Delhi :पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश जोखिम रहित तो होता ही है, साथ ही इसमें गारंटीड रिटर्न भी मिलता है. बढ़िया ब्याज दर और टैक्स छूट जैसी सुविधाओं के चलते पीपीएफ में पैसा लगाने वालों की तादात बढ़ रही है. पीपीएफ में एक वित्त वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक जमा किए जा सकते हैं.
फिलहाल पीपीएफ खाताधारक को पीपीएफ पर 7.10 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है. पीपीएफ की ब्याज दर हर तिमाही संशोधन होता है. पिछले कुछ वर्षों में मिले औसत ब्याज के आधार पर भी हम गणना करें तो अगर कोई व्यक्ति 35 वर्षों के लिए पीपीएफ खाते में प्रति माह 12,500 का निवेश करता है, तो उसे खाता मैच्योर होने पर 2.27 करोड़ रुपये मिलेंगे. पीपीएफ पर किए निवेश पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट (Tax Exemption) मिलती है. ब्याज आय पर और मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पर भी टैक्स नहीं चुकाना होता है. यही नहीं सब्सक्राइबर्स PPF अकाउंट पर लोन भी ले सकते हैं. इस लोन पर ब्याज भी बहुत ज्यादा नहीं होता है.
बढ़ाई जा सकती है परिपक्वता अवधि
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, सेबी पंजीकृत कर और निवेश विशेषज्ञ जितेंद्र सोलंकी का कहना है कि 1.5 लाख तक के निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत छूट मिलती है. इस तरह डेढ लाख की कर छूट का सालाना फायदा उठाया जाता सकता है. सोलंकी ने बताया कि पीपीएफ खाते की परिपक्वता अवधि 15 साल है. खाते को आगे चालू रखने के लिए फॉर्म 16-एच जमा करना पड़ता है. इससे पांच साल के लिए खाता और बढ़ जाता है. खाताधारक पांच-पांच साल के लिए कई बार खाते की मैच्योरिटी अवधि बढ़वा सकता है. इस तरह अगर कोई व्यक्ति 35 वर्षों तक पीपीएफ में निवेश करना चाहता है तो उसे खाता खुलवाने के 15वें, 20वें, 25वें और 30वें साल में फार्म16-एच जमा कराना होगा.
ऐसे बढ़ेगा पैसा
अगले 35 वर्षों पीपीएफ खाता क्या है के लिए पीपीएफ ब्याज दर 7.10 प्रतिशत मानते हुए, यदि कोई निवेशक प्रति माह 12,500 रुपये या एक वर्ष में 1.50 लाख रुपये का निवेश करता है, तो उसे मैच्योरिटी पर 2,26,97,857 रुपये मिलेंगे. 35 साल में उसका कुल निवेश 52, 50, 000 रुपये होगा. इस निवेश पर उसे 1,74,47,857 रुपये ब्याज मिलेगा. एक व्यक्ति अपने नाम से सिर्फ एक अकाउंट खोल सकता है.
कम ब्याज दर में भी करोड़पति बना सकता है PPF में निवेश, देखें कैलकुलेशन
News18 हिंदी 5 दिन पहले News18 Hindi
© News18 हिंदी द्वारा प्रदत्त "कम ब्याज दर में भी करोड़पति बना सकता है PPF में निवेश, देखें कैलकुलेशन"
नई दिल्ली. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश जोखिम रहित तो होता ही है, साथ ही इसमें गारंटीड रिटर्न भी मिलता है. बढ़िया ब्याज दर और टैक्स छूट जैसी सुविधाओं के चलते पीपीएफ में पैसा पीपीएफ खाता क्या है लगाने वालों की तादात बढ़ रही है. पीपीएफ में एक वित्त वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक जमा किए जा सकते हैं.
फिलहाल पीपीएफ खाताधारक को पीपीएफ पर 7.10 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है. पीपीएफ की ब्याज दर हर तिमाही संशोधन होता है. पिछले कुछ वर्षों में मिले औसत ब्याज के आधार पर भी हम गणना करें तो अगर कोई व्यक्ति 35 वर्षों के लिए पीपीएफ खाते में प्रति माह 12,500 का निवेश करता है, तो उसे खाता मैच्योर होने पर 2.27 करोड़ रुपये मिलेंगे. पीपीएफ पर किए निवेश पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट (Tax Exemption) मिलती है. ब्याज आय पर और मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पर भी टैक्स नहीं चुकाना होता है. यही नहीं सब्सक्राइबर्स PPF अकाउंट पर लोन भी ले सकते हैं. इस लोन पर ब्याज भी बहुत ज्यादा नहीं होता है.
बढ़ाई जा सकती है परिपक्वता अवधि
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, सेबी पंजीकृत कर और निवेश विशेषज्ञ जितेंद्र सोलंकी का कहना है कि 1.5 लाख तक के निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत छूट मिलती है. इस तरह डेढ लाख की कर छूट का सालाना फायदा उठाया जाता सकता है. सोलंकी ने बताया कि पीपीएफ खाते की परिपक्वता अवधि 15 साल है. खाते को आगे चालू रखने के लिए फॉर्म 16-एच जमा करना पड़ता है. इससे पांच साल के लिए खाता और बढ़ जाता है. खाताधारक पांच-पांच साल के लिए कई बार खाते की मैच्योरिटी अवधि बढ़वा सकता है. इस तरह अगर कोई व्यक्ति 35 वर्षों तक पीपीएफ में निवेश करना चाहता है तो उसे खाता खुलवाने के 15वें, 20वें, 25वें और 30वें साल में फार्म16-एच जमा कराना होगा.
ऐसे बढ़ेगा पैसा
अगले 35 वर्षों के लिए पीपीएफ ब्याज दर 7.10 प्रतिशत मानते पीपीएफ खाता क्या है हुए, यदि कोई निवेशक प्रति माह 12,500 रुपये या एक वर्ष में 1.50 लाख रुपये का निवेश करता है, तो उसे मैच्योरिटी पर 2,26,97,857 रुपये मिलेंगे. 35 साल में उसका कुल निवेश 52, 50, 000 रुपये होगा. इस निवेश पर उसे 1,74,47,857 रुपये ब्याज मिलेगा. एक व्यक्ति अपने नाम से सिर्फ एक अकाउंट खोल सकता है.