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जोखिम विश्लेषण

जोखिम विश्लेषण
बांग्लादेश ए और भारत ए के बीच शेख कमाल इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में दो मैचों की अनौपचारिक चार-दिवसीय टेस्ट सीरीज के पहले टेस्ट के दौरान खराब अंपायरिंग एक बार फिर पिक्चर में आई, जिसका फायदा मेहमान टीम को मिला। दरअसल, इस अनौपचारिक पहले टेस्ट के पहले दिन यानी 29 नवंबर को अभिमन्यु ईश्वरन काफी भाग्यशाली रहे, क्योंकि खराब अंपायरिंग के चलते भारत ए के कप्तान को जीवनदान मिला और उन्होंने इसका भरपूर फायदा उठाया।

Abhimanyu Easwaran (Image Source: Twitter Screengrab)

Top Brokerage views for today: PAYTM, MCX और BANDHAN BANK आज ब्रोकर्स के रडार पर

MCX पर अंMORGAN STANLEY ने डरवटे कॉल देकर शेयर का लक्ष्य 1,120 रुपये प्रति शेयर तय किया है। पिछले महीने ये स्टॉक 2 प्रतिशत ऊपर रहा जबकि सेंसेक्स 4 प्रतिशत ऊपर रहा था

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Today's Top Brokerage stocks - सीएनबीसी-आवाज़ आपके लिए रोजाना बड़े और दिग्गज ब्रोकरेज हाउसेज के निवेश टिप्स प्रस्तुत करते हैं जिससे आपको शेयरों पर निवेश करने की सटीक सलाह प्राप्त हो सके और आपको मुनाफा हो सके। इन शेयरों पर मुनाफा कमाने के लिए ब्रोकरेज हाउसेज ने क्या रणनीति अपनाई है ये भी बताते हैं। ब्रोकरेज हाउसेज के एक्सपर्ट और विश्लेषक अपने अध्ययन और विश्लेषण से बाजार में हुए छोटे-बड़े बदलावों के आधार पर निवेशकों के लिए सलाह पेश करते हैं। जानते हैं आज किन शेयरों में दांव लगाने जोखिम विश्लेषण की दिग्गज ब्रोकरेजेस राय दे रहे हैं। वैसे आज दिग्गज ब्रोकरेज हाउसेज की नजरें PAYTM, MCX और BANDHAN BANK जैसे स्टॉक्स पर टिकी हैं।

संवेदनशीलता विश्लेषण तकनीक | संवेदनशीलता विश्लेषण की प्रक्रिया | संवेदनशीलता विश्लेषण की सीमाएँ

संवेदनशीलता विश्लेषण तकनीक | संवेदनशीलता विश्लेषण की प्रक्रिया | संवेदनशीलता विश्लेषण की सीमाएँ | Sensitivity Analysis Techniques in Hindi | Process of sensitivity analysis in Hindi | Limitations of Sensitivity Analysis in Hindi

Table of Contents

संवेदनशीलता विश्लेषण तकनीक

(Sensitivity Analysis Technique)

क्योंकि भविष्य अनिश्चित होता है इसलिए संवेदनशीलता विश्लेषण तकनीक के अनतर्गत इस बात का विश्लेषण किया जाता है कि यदि किसी परियोजना के कुछ घटक जैसे बिक्री या विनियोग अपने अनुमानित मूल्यों से परिवर्तित हो जाये तो क्या वह परियोजना ऐसी परिस्थितियों में भी लाभदायक रहेगी अर्थात् इस विश्लेषण के अन्तर्गत इस बात की संवेदनशीलता का विश्लेषण किया जाता है कि क्या परिवर्तित परिस्थितियों में भी परियोजना लाभप्रद रहेगी। यह विश्लेषण निम्न प्रकार के प्रश्नों का उत्तर देता है-

(i) शुद्ध वर्तमान मूल्य क्या होगा यदि बिक्री अनुमानित 7,50,000 इकाइयों की अपेक्षा 60,000 इकाइयाँ ही रह जायें।

(ii) शुद्ध वर्तमान मूल्य क्या होगा यदि परियोजना का जीवन काल अनुमानित 12 वर्ष की जगह 10 वर्ष रह जाये।

संवेदनशीलता विश्लेषण की प्रक्रिया

(Procedure of Sensitivity Analysis)

संवेदनशीलता विश्लेषण में निम्नलिखित कदम उठाये जाते हैं-

(1) सर्वप्रथम परियोजना के मूल्य घटकों जैसे बेची गयी मात्रा, प्रति इकाई मूल्य, परियोजना का जीवन काल आदि में और शुद्ध वर्तमान मूल्य के बीच सम्बन्ध स्थापित किया जाता है।

(2) विचरणों के प्रकार तथा प्रत्येक मूल घटक के सम्भावित मूल्य का अनुमान लगाया जाता है।

(3) शुद्ध वर्तमान मूल्य पर घटकों के अन्तरों (विचरण) के प्रभाव का अध्ययन करते हैं।

संवेदनशीलता विश्लेषण की इस प्रक्रिया को हम अप्रलिखित उदाहरण द्वारा स्पष्ट कर सकते हैं-

स्पष्टीकरण-

NPV = Net Present Value of the Project

(परियोजना का शुद्ध वर्तमान मूल्य)

संवेदनशीलता विश्लेषण की सीमाएँ

(1) यह अपने उद्देश्यों में विफल हो सकता है- यदि यह विश्लेषण केवल जटिल मूल्यों को ही प्रदर्शित करता है तो परियोजना की जोखिम विशेषताओं पर प्रकाश नहीं डाल सकता जिससे यह अपने उद्देश्यों में विफल हो जाता है।

(2) घटकों के आपसी अन्तर्सम्बन्धों को ध्यान में रखना- यदि सभी मूल घटक आपस में एक-दूसरे से अन्तर्सम्बन्धित होते हैं तो एक घटक में परिवर्तन करने तथा अन्य घटकों के समान रहने की दशा में हुए परिवर्तनों का अध्ययन अर्थपूर्ण नहीं रह जायेगा। जैसे कीमत में परिवर्तन का प्रभाव जानने का प्रयास किया जाये जबकि मात्रा स्थिर रखी जाये तो ऐसी दशा में यह विश्लेषण कोई अर्थ नहीं निकाल पाएगा क्योंकि कीमत व मात्रा एक दूसरे से अति निकट संबंध रखते हैं।

वित्तीय प्रबंधन – महत्वपूर्ण लिंक

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क्या कम्युनिस्ट पार्टी के असंतुष्ट हैं चीनी प्रदर्शनों के पीछे?

चीन में प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं और ऐसा जोखिम विश्लेषण करने वाले कौन लोग हैं? क्या सख़्त कोविड लॉकडाउन यानी तालाबंदी की वजह से ही नाराज़गी है और और कुछ वजह भी है?

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नवंबर 2022 के अंतिम एक सप्ताह में, पश्चिमी मीडिया ने ज़ीरो कोविड नीति को लेकर चीन में छिटपुट विरोध की सूचनाएँ दीं। जोखिम विश्लेषण तीन कारणों से इन ख़बरों की प्रामाणिकता का पता लगाना बहुत मुश्किल है कि वे नक़ली हैं जोखिम विश्लेषण या असली।

सबसे पहले, देश के विभिन्न हिस्सों में सख़्त तालाबंदी ने आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया है। प्रत्येक पर्यटक की आवाजाही पर बहुत प्रभावी ढंग से नज़र रखी जाती है और उन्हें यात्रा की कोई स्वतंत्रता नहीं होती है। दूसरे, भाषा की बाधा और सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म जो चीनी भाषा जोखिम विश्लेषण मंदारिन आधारित ऐप बाइडू है और जिसका मुख्य सर्वर देश के भीतर है और उस पर कड़ी निगरानी की जाती है। और तीसरा, अक्टूबर 2022 के पहले सप्ताह को याद करें, पश्चिमी मीडिया ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के मीडिया की नज़रों से ग़ायब होने पर संभावित सत्ता परिवर्तन के बारे में बात की थी। उनके हाउस अरेस्ट, सैन्य तख़्तापलट, बीजिंग की ओर सशस्त्र वाहनों की आवाजाही, पीएलए में विद्रोह और बीजिंग में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द करने सहित कई फ़र्ज़ी वीडियो प्रसारित किए थे। सभी सोशल मीडिया की ख़बरें फ़र्ज़ी और प्रेरित साबित हुए। इसलिए, इन फ़र्ज़ी ख़बरों से भरी मीडिया सामग्री वास्तविक समय में स्थिति का आकलन करना मुश्किल बना दे रही है।

राजनीतिक असंतोष और सार्वजनिक अशांति

16 अक्टूबर से 22 अक्टूबर 2022 तक बीजिंग में आयोजित चीनी कम्युनिस्ट पार्टी यानी सीसीपी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस में बैठक स्थल के पास सत्तारूढ़ गुट के विरोध में कुछ पोस्टरों की सूचना मिली थी। सबसे महत्वपूर्ण दृश्य सीसीपी के पूर्व महासचिव (2002 - 2012) और चीन के पूर्व राष्ट्रपति (2003-2013) हू जिनताओ का सभा से निष्कासन था। इसे लाइव दिखाया गया क्योंकि कार्यक्रम स्थल पर विदेशी मीडिया मौजूद था।

हू जिनताओ के बाहर जाने के वास्तविक कारण अभी अस्पष्ट हैं। जोखिम विश्लेषण कड़ियों को जोड़ते हुए अब तक यह बात सामने आई है कि आर्थिक संकट से जूझ रहा चीन बहुआयामी कारणों से आंतरिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है। शी जिनपिंग ने भले ही अपने लिए तीसरा अभूतपूर्व कार्यकाल हासिल कर लिया हो, लेकिन वे कम्युनिस्ट पार्टी के चार प्रमुख समूहों में से केवल एक गुट के नेता हैं।

पहले समूह के नेताओं को शंगहाई समूह के रूप में जाना किया जाता है। यह शहरी इलाक़ों में असर रखने वाले नेताओं का समूह है। कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव (1989-2003) और चीनी राष्ट्रपति (1993-2003) जियांग जेमिन की अध्यक्षता में इस समूह को तंग शियाओपिंग की औद्योगीकरण, सुधारों की नीतियों को आगे बढ़ाने का श्रेय दिया जाता है।

कोविड के बहाने असंतुष्टों का सफ़ाया

चीन में सख़्त जीरो कोविड प्रोटोकॉल पर इतना शोर क्यों है? इसके तीन संभावित कारण हो सकते हैं।

सबसे पहले, चीनी नागरिकों को हर दूसरे दिन कोविड परीक्षण से गुज़रना पड़ता है। हो सकता है कि उन्होंने रोग के ख़िलाफ़ अपने शरीर में प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली हो, लेकिन वायरस के बचे-खुचे अंश की उपस्थिति को पॉज़िटिव मानते हुए उस व्यक्ति पर ही नहीं, पूरे आवासीय क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी जाती है।

ज़ीरो कोविड नीति के तहत चीनी नागरिकों को बाहर निकलने से रोकने के लिए घरों की घेराबंदी की जा रही है।

दूसरा, चीन में बनी वैक्सीन (जिसे सिनोवैक कहा जाता है) बेअसर रही है। चीन ने विदेशी चिकित्सा कंपनियों को उनका टीका चीन में बेचने की अनुमति नहीं दी है। वैज्ञानिक परीक्षण में जहाँ दुनिया के बाक़ी टीके 70 से 80 प्रतिशत कारगर पाए गए हैं, वहीं सिनोवैक की शक्ति केवल 30 प्रतिशत आँकी गई है। एक तरह से देश महामारी नियंत्रण में विफल सिद्ध हुआ है। यहाँ तक कि चीन के राष्ट्रपति भी शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन (15 सितंबर 2022) में शारीरिक संपर्क से बचते हुए देखे गए।

छत्तीसगढ़ में मातृत्व मृत्यु दर में आई बड़ी गिरावट, 159 से घटकर 137 हुई

छत्तीसगढ़ में मातृत्व मृत्यु दर में आई बड़ी गिरावट, 159 से घटकर 137 हुई

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मातृत्व मृत्यु दर (MMR) में बड़ी गिरावट आई है। राज्य शासन द्वारा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिए जाने के कारण वर्ष 2016 से 2018 के बीच 159 MMR वाले छत्तीसगढ़ का एमएमआर अब घटकर 137 पर पहुंच गया है। प्रदेश में मातृत्व मृत्यु दर का अब तक का यह सबसे न्यूनतम आंकड़ा है।

भारत के महापंजीयक कार्यालय द्वारा 28 नवम्बर को वर्ष 2018 से 2020 के बीच देश में मातृत्व मृत्यु पर विशेष बुलेटिन (SRS – Sample Registration System) जारी किया गया है। इसके मुताबिक तीन वर्षों में प्रदेश के एमएमआर में 22 अंकों की कमी आई है। एसआरएस के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में प्रति एक लाख जीवित बच्चों के जन्म पर मातृ मृत्यु की दर 159 से घटकर अब 137 हो गई है।

क्रीज से बाहर होने के बावजूद अंपायर ने अभिमन्यु ईश्वरन को नहीं दिया रन-आउट

जिसके बाद पूरी बांग्लादेश टीम ने जोरदार अपील की, लेकिन ऑन-फील्ड अंपायर ने ईश्वरन को नॉटआउट दिया, जिस फैसले से मेजबान टीम हक्का-बक्का रह गई। इस चौंकाने वाले फैसले के बाद बांग्लादेश ए के कप्तान मिथुन ने डीआरएस का भी इस्तेमाल नहीं किया, लेकिन अगर मेजबान टीम ने डीआरएस लिया होता, तो उनके खाते में एक विकेट होता, क्योंकि रिप्ले में साफ दिख रहा था कि भारत ए के कप्तान रन-आउट हो गए हैं।

दरअसल, जब बाद में रिप्ले दिखाया गया तो अभिमन्यु ईश्वरन क्रीज से कुछ दूर थे, जब स्टंप्स की बेल्स गिर चुकी थी। यह चूक बांग्लादेश को भारी पड़ी, क्योंकि दोनों भारतीय सलामी बल्लेबाजों ईश्वरन (53*) और यशस्वी जायसवाल (61*) ने अर्धशतक बनाया, और साथ ही पहले विकेट के लिए नाबाद 120 रनों की साझेदारी भी की।

भारत ए ने ईश्वरन और यशस्वी की शानदार बल्लेबाजी के दम पर पहले दिन का खेल खत्म होने तक 36 ओवर में 120 रन बना लिए थे। इससे पहले नवदीप सैनी (3/21), सौरभ कुमार (4/23) और मुकेश कुमार (2/25) ने बांग्लादेश ए टीम को 45 ओवर में 112 रनों पर समेट दिया था।

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