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शेयरों में निवेश करना आसान है शेयरों में

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न्यूनतम राशि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए | Minimum amount to invest in stock market

न्यूनतम राशि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए – हर नए इन्वेस्टर के मन में हमेशा ही शेयर बाज़ार में निवेश करने से पहले ये सवाल एकबार जरुर मन में आता है की stock market में invest करने के लिए कितने Minimum amount की जरूरत पड़ती हैं। लोगों में शेयर मार्किट में इन्वेस्टमेंट की प्रति जागरूकता बढ़ने के साथ ही धीरे धीरे ज्यादा से ज्यादा लोग शेयरों में निवेश करना आसान है शेयरों में इसके प्रति आकर्षित होते दिखाई दे रहा है, जिसकी वजह शेयर बाजार में निवेश करने के लिए न्यूनतम राशि कितने चाहिए ये सवाल भी ज्यादा से ज्यादा उठते हुवे नजर आ रहा हैं।

आज हम हर नए इन्वेस्टर के मन में बह रही इस सवाल के जबाव के साथ साथ कितने रूपया के साथ शेयर मार्किट में नए इन्वेस्टर को सुरवात करना चाहिए इसके बारे में भी बिस्तार से जानेंगे बहुत ही आसान भाषा में आज हम जानेंगे। आइए बिस्तार से जानते है-

Table of Contents

न्यूनतम राशि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए

बहुत ही छोटी अमाउंट से सुरु:- न्यूनतम राशि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए नए इन्वेस्टर को कोई भी बड़ी अमाउंट की जरुरत नहीं पड़ती, बहुत ही छोटी अमाउंट से भी आप शेयर मार्किट में निवेश सुरु कर सकते हो। भारतीय शेयर मार्किट में आपको कुछ पैसे से लेकर कई हजारों तक शेयर का प्राइस देखने को मिलेगा, उसमे आपको तय करना होगा कौन सा शेयर में आपको निवेश करना है उसी के प्राइस के हिसाव से ही आप शेयर मार्किट में निवेश सुरु कर सकते हो।

जितने कम प्राइस वाले शेयर में आप निवेश करोगे, उतना ही कम आपको निवेश के लिए पैसा चाहिए, जिसमे आप 1 रुपया से लेके जितने भी चाहो उतने रूपया से आप भारतीय शेयर बाज़ार में इन्वेस्टमेंट सुरु कर सकते हैं।

500 रूपया से सुरु करे:- भारतीय शेयर बाज़ार में निवेश करने के लिए वैसे तो बहुत ही न्यूनतम राशि से तो सुरु किया जा सकता है, लेकिन मार्किट को अच्छी तरह से समझने के लिए Minimum 500 रूपया आपको जरुर निवेश करना चाहिए। शेयर बाज़ार में अगर आप एक नए निवेशक हो तो आपको कभी भी पहले ही एकसाथ बहुत बड़ी अमाउंट बिल्कुल भी इन्वेस्ट नहीं करना चाहिए, ऐसा कभी नहीं होगा की आप पहले ही मार्किट का हर पहलु समझते हो, कभी कभी आप इन्वेस्टमेंट में गलत भी हो सकते हो, इसलिए नुकशान को कम करने के लिए आपको हमेशा ही छोटी इन्वेस्टमेंट से ही सुरु करना चाहिए।

पहले आपको 500 रूपया से ही कुछ स्टॉक को सेलेक्ट करके उनमे निवेश करना चाहिए, जब धीरे धीरे मार्किट को अच्छी तरह से समझने लगोगे तभी आप थोड़ा थोड़ा करके अपने इन्वेस्टमेंट अमाउंट को बड़ा सकते है, इससे आपको नुकशान होने की संभावना धीरे धीरे कम होता नजर आएगा।

SIP की माध्यम से निवेश:- शेयर बाजार में न्यूनतम राशि से नए निवेशक सुरवात करने के लिए SIP की माध्यम से निवेश एकमात्रा सबसे बेहतरीन तरीका हैं। हर महीने आपको कोई भी अच्छी स्टॉक में छोटी छोटी मात्रा में एक निर्धारित अमाउंट निवेश करना चाहिए, इससे आप शेयर मार्केट के उतार चरब से बचने के साथ ही आपके इन्वेस्टमेंट अमाउंट को संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।

अगर आप एक नए निवेशक हो तो जितने भी कभी कभी मन में लालच आए, निर्धारित अमाउंट से ज्यादा कभी भी एकसाथ बड़ी निवेश से दूर रहना चाहिए, जबतक आप शेयर बाजार को अच्छे से नहीं समझते हो तबतक आपको निवेश करते समय इन्वेस्टमेंट की इस अनुशासन को बजाए रखना बहुत ही जरुरी हैं।

न्यूनतम राशि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए

न्यूनतम राशि से शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए कुछ सुझाव

सीखने पर ध्यान देना चाहिए:- जब तक आप किसी भी काम को खुद नहीं करोगो तब तक आपको कोई भी काम अच्छी तरह से समझ नहीं आएगा, ठीक उसी तरह शेयर मार्किट में भी बेहतर होने के लिए भी उसको हमेशा ही सीखते रहना बहुत ही जरुरी हैं। आपको पहले न्यूनतम राशि शेयरों में निवेश करना आसान है शेयरों में से ही शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट की सभी बुनियादी जानकारी को अच्छी तरह से समझना चाहिए।

हमेशा ही पहला टारगेट आपका पैसा कमाना से ज्यादा इसको सीखने पर ज्यादा फोकस देना चाहिए, जब आप धीरे धीरे अच्छी तरह से शेयर मार्किट को समझने लगोगे तब अपने आप आपका इन्वेस्टमेंट अच्छी होने के साथ बहुत ही आसानी के साथ अच्छी कमाई आप शेयर मार्किट से कर सकते हो।

क्वांटिटी के बदले क्वालिटी स्टॉक को पकडे:- भले ही शेयर बाजार में निवेश करने के लिए कोई भी बड़ी राशि की जरुरत नहीं पड़ती, लेकिन उसी को देखते हुवे अगर आप बहुत ही कमजोर कंपनीयों के कम प्राइस वाले शेयर में निवेश करते हो तो इससे आपको बहुत ही ज्यादा नुकशान होने का संभावना बढ़ जाता हैं।

शेयर मार्किट में न्यूनतम राशि से अगर आप सुरवात करना ही चाहते हो तो बहुत सारे कमजोर कंपनीयों के शेयर खरीदने के बदले हमेशा ही छोटी क्वांटिटी में ही सही अच्छी क्वालिटी स्टॉक में निवेश करना चाहिए। जब आप अच्छी बिज़नस वाली कंपनीयों के शेयर में निवेश करते हो इससे आपका इन्वेस्टमेंट सुरक्षित होने के साथ ही लम्बे समय में शेयर अच्छी रिटर्न भी कमाई करके देने की पूरी क्षमता रखता हैं।

स्टॉक का एनालिसिस:- नए निवेशकों को शेयर मार्किट में किसी भी कंपनी में न्यूनतम राशि से निवेश की सुरवात करने से पहले उस कंपनी का अच्छी तरह से एनालिसिस करना बहुत ही जरुरी हैं। कंपनी के बिज़नस, फाइनेंसियल ग्रोथ , बिज़नस में भविस्य की प्लान इन सभी बातों को आपको अच्छी तरह से एनालिसिस चाहिए, अगर कंपनी में सबकुछ ठीकठाक दिखाई दिए तभी आपको उस कंपनी के शेयर में निवेश करने के लिए सोचना चाहिए।

जबतक आप किसी भी कंपनीयों के बिज़नस को अच्छी तरह से समझ नहीं पाओगे तबतक आप इन्वेस्टमेंट से अच्छी कमाई नहीं कर सकोगे, हो सकता है की एकबार तुक्के से अच्छी कमाई हो गया, लेकिन अगर आपको लम्बे समय बड़ी कमाई करना है तो निवेश से पहले अच्छी तरह कंपनी का एनालिसिस करना बहुत ही जरुरी हैं।

मेरी राय:-

शेयर मार्किट में पैसा कमाने से ज्यादा आपको पैसे को बचाना आना चाहिए, ज्यादातर नए निवेशक बहुत ही ज्यादा लालच के चक्कर में अपना सारा पैसा गवा देते है, जिसके बाद शेयर मार्किट को जुआ कहके इससे दूर हो जाते है। अगर आप शेयर मार्किट में नए निवेशक हो तो मेरी सलाह रहेगा की जबतक आप स्टॉक मार्किट को अच्छी तरह से ना सीखो, तबतक ट्रेडिंग के बदले लम्बे समय के लिए इन्वेस्टमेंट की तरफ ही ज्यादा से ज्यादा फोकस करे।

शेयर बाजार में निवेश से जुड़ी सवाल

– शेयर मार्किट में इन्वेस्टमेंट के लिए Demat Account कहा खोले?

शेयर मार्किट में इन्वेस्टमेंट के लिए आप Upstox के साथ बहुत ही आसानी से (Click Here to Open Account) हमारे दिए हुवे लिंक से अकाउंट को खोल सकते हैं।

– क्या नए निवेशकों को ट्रेडिंग करना चाहिए?

नहीं, ट्रेडिंग से अच्छी कमाई करने के लिए स्टॉक मार्किट की बहुत ही अच्छी नॉलेज होने के साथ ही न्यूज़ के साथ भी अपडेट रहना भी बहुत ही जरुरी है, नए निवेशकों को इसका अच्छी तरह से पता ना होने के चलते नुकशान होने का खतरा बहुत ही ज्यादा होता है, जिसकी वजह से नए निवेशकों को इससे दूर रहने में ही भलाई दिखाई देती हैं।

– क्या ऋण लेकर शेयर मार्केट में निवेश करना सही रहेगा?

बिल्कुल भी सही नहीं रहेगा, खास करके नए निवेशकों को कभी भी ऋण लेकर शेयर मार्केट में निवेश करना नहीं चाहिए, इससे आप कभी भी बहुत बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हो।

उम्मीद करता हु आपको न्यूनतम राशि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए Minimum amount to invest in stock market पोस्ट को पढ़ने के बाद आपके मन में बह रही सवाल का सही जबाव अच्छी तरह से मिल गया होगा। अगर अभी भी आपके मन में इस पोस्ट से जुड़ी कोई भी सवाल है तो कमेंट में पुछना बिल्कुल भी ना भूले। शेयर मार्किट से जुड़ी इस तरह की महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आप हमारे अन्य पोस्ट को भी जरुर पढ़े।

मोटी कमाई के लिए घर पर बैठकर खरीदें Apple, Google और Tesla जैसी कंपनियों के शेयर, ये रहा पूरा प्रोसेस

how to invest in us market from india-टेस्ला, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों के शेयर रोजाना नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं. इन कंपनियों की तेजी का फायदा आप भी उठा सकते हो. आज हम आपको इससे जुड़ी जरूरी जानकारी दे रहे हैं.

मोटी कमाई के लिए घर पर बैठकर खरीदें Apple, Google और Tesla जैसी कंपनियों के शेयर, ये रहा पूरा प्रोसेस

TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकित त्यागी

Updated on: Jan 13, 2022 | 6:00 AM

भारतीयों में विदेशी शेयरों, खासकर अमेरिकी कंपनियों (US Companies) के शेयरों में निवेश का चलन तेजी पकड़ बना रहा है. अगर आप भी घर बैठे एपल, गूगल, टेस्‍ला जैसे शेयरों को खरीदने के विभिन्न विकल्पों के बारे में जानना चाहते हैं तो यहां हम आपको इसकी पूरी जानकारी देने जा रहे हैं. अमेरिकी कंपनी ऐप्पल (Apple) की कुल मार्केट वेल्यू 3 ट्रिलियन डॉलर के पार हो गई है. टेस्ला, माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft), अमेजन (Amazon), फेसबुक (Facebook) और गूगल (Google) जैसी कंपनियां भी तेजी से अमीर होती जा रही हैं. इन कंपनियों की तेजी से होती ग्रोथ को देखकर भारत से भी कई निवेशक अमेरिकी कंपनियों में पैसा लगा रहे हैं. यह संभव हो सका है विदेश में निवेश करने वाले फंड के जरिए.एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इंडिया यानी एंफी की शेयरों में निवेश करना आसान है शेयरों में मानें तो 2021 में जनवरी से नवंबर के दौरान विदेश में पैसा लगाने वाले फंड्स ऑफ फंड्स में 13 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश हुआ है.

Apple Google और Amazon जैसी अमीर कंपनियों के शेयर खरीदने का पूरा प्रोसेस-विदेश में निवेश करने का सबसे आसान तरीका फंड ऑफ फंड्स यानी FoF रूट ही है. विदेशी फंड ऑफ फंड ऐसे ग्लोबल म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं जो वैश्विक शेयरों में पैसा लगाते हों. ऐसे फंड ऑफ फंड्स की होल्डिंग में एक या एक से वैश्विक ग्लोबल फंड शामिल हो सकते हैं. हालांकि विदेशी बाजारों में निवेश के लिए सिर्फ विदेशी फंड ऑफ फंड्स ही एक तरीका नहीं है… कई और भी तरीके हैं, आइए उन्हें जानते हैं…

(1) अंतरराष्ट्रीय स्टॉक वाले म्यूचुअल फंड्स में निवेश

विदेशों में निवेश का दूसरा तरीका सेक्टोरल या थीमैटिक फंड हैं. सेक्टोरल या थीमैटिक म्यूचुअल फंड्स की होल्डिंग में भारतीय और विदेशी शेयरों का मिश्रण हो सकता है. यानी इस तरह के फंड्स में ऐपल, गूगल सहित भारतीय कंपनियां शामिल हो सकती हैं.

(2) इंडेक्स फंड

एक और तरीका है जिसे इंडेक्स फंड कहा जाता है…. जिस तरह भारतीय शेयर बाजारों के अलग-अलग इंडेक्स के लिए इंडेक्स फंड उपलब्ध हैं उसी तरह वैश्विक शेयर बाजारों के लिए भी इंडेक्स फंड हैं… वैश्विक बाजारों में निवेश करने वाले इंडेक्स फंड भी दुनिया के किसी एक शेयर बाजार के किसी एक इंडेक्स को ट्रैक करके निवेश करते हैं… मोतीलाल ओसवाल एसएंडपी 500 इंडेक्स फंड इसका एक उदाहरण है.

(3) अंतरराष्ट्रीय ईटीएफ में निवेश

वैश्विक बाजारों में निवेश का एक और तरीका इंटरनेशनल एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ भी हैं, ये ईटीएफ सामान्य तौर पर 2 तरह हो सकते हैं- Country specific और Country neutral. Country specific ईटीएफ आपको किसी चुनिंदा देश में निवेश करने की अनुमति देते हैं. उदाहरण के लिए, वैनएक्क वेक्टर्स वियतनाम ईटीएफ आपको वियतनाम इक्विटी बाजार में निवेश करने की अनुमति देता है. दूसरी ओर, Country neutral ईटीएफ आपको पूरी दुनिया में निवेश करने की अनुमति देते हैं.

(4) सीधा निवेश

ऐसा नहीं है कि सिर्फ फंड्स या ईटीएफ के जरिए ही आप अमेरिकी या अन्य विदेशी बाजारों में निवेश कर सकते हैं, बल्कि सीधे निवेश का तरीका भी है, जैसे भारतीय शेयर बाजार में निवेश के लिए आप ब्रोकर के जरिए ट्रेडिंग कर सकते हैं, ठीक उसी तरह अमेरिकी बाजारों में भी कर सकते हैं, बशर्ते अमेरिकी ब्रोकर हायर करना होगा या फिर भारत में जो ब्रोकर अमेरिकी बाजारों में निवेश की सुविधा दे रहे हैं उनसे संपर्क करना होगा… दोनों ही परिस्थितियों में आपको इंटरनेशनल ट्रेडिंग खाता भी खोलना पड़ेगा और ट्रेडिंग के लिए करेंसी को डॉलर में बदलवाना होगा.. ऐसा करके आप सीधे ऐपल, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी अमेरिकी कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं.

(5) इंडियन डिपॉजिटरी रिसीट्स (IDRs)

आप इंडियन डिपॉजिटरी रिसीट्स यानी आईडीआर के जरिए भी विदेशी बाजारों में निवेश कर सकते हैं. आईडीआर मूल रूप से भारतीय करेंसी में होता है और सेबी रजिस्टर्ड डिपॉजिटरी इसे तैयार करता है. आईडीआर को कंपनी की इक्विटी के बदले जारी किया जाता है ताकि विदेशी कंपनियों को भारत से धन जुटाने में सक्षम बनाया जा सके. चूंकि विदेशी कंपनियों को भारतीय शेयर बाजार में लिस्टिंग कराने की अनुमति नहीं है, आईडीआर उन कंपनियों के शेयरों को खरीदने का एक तरीका है.

Investment Tips for Beginners: स्टॉक मार्केट में निवेश कर बनना चाहते हैं अमीर? तो इन 6 बातों का जरूर रखें ध्यान

Investment Tips: आज के समय में हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन और डिजिटल प्लेटफॉर्म हैं, जिसके चलते अब कोई भी आसानी से स्टॉक मार्केट में निवेश कर सकता है.

Investment Tips for Beginners: स्टॉक मार्केट में निवेश कर बनना चाहते हैं अमीर? तो इन 6 बातों का जरूर रखें ध्यान

नए निवेशक भी आसानी से स्टॉक मार्केट के बारे में सीख सकते हैं और निवेश कर पैसे कमा सकते हैं.

Investment Tips for Beginners: वे दिन गए जब केवल फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स ही निवेश किया करते थे. आज के समय में हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन और डिजिटल प्लेटफॉर्म हैं, जिसके चलते अब कोई भी आसानी से स्टॉक मार्केट में निवेश कर सकता है. नए निवेशक भी आसानी से स्टॉक मार्केट के बारे में सीख सकते हैं और निवेश कर पैसे कमा सकते हैं. हालांकि निवेश का कोई शॉर्टकट नहीं है. अगर आप कुछ बेसिक नियमों को ध्यान में रखते हैं और बाजार को समझते हुए निवेश करते हैं तो अच्छा खासा रिटर्न जनरेट कर सकते हैं. शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होता ही है, ऐसे में यह समझना जरूरी है कि शेयरों में निवेश पर आपको फायदा भी हो सकता है और नुकसान भी. बाजार की चाल हमेशा ऊपर की ओर नहीं होती है. इसलिए निवेश करते समय धैर्य रखना जरूरी है.

आप अपने फाइनेंशियल गोल्स को ध्यान में रखते हुए शेयर बाजार में लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म के लिए निवेश कर सकते हैं. यहां हमने बताया है कि आपको निवेश से जुड़े फैसले लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

प्लानिंग के साथ करें निवेश

समझने वाली पहली बात यह है कि म्यूचुअल फंड के विपरीत, शेयरों में सीधे निवेश करने से रिस्क ज्यादा होता है. निवेश करने से पहले कैपिटल अमाउंट की योजना बनाना और निर्धारित करना जरूरी है. जरूरी बात यह है कि पहले आपको अपनी जोखिम उठाने की क्षमता का पहचानना होगा और इसी आधार पर निवेश करना चाहिए. ‘हाई रिस्क, हाई रिटर्न’ फिलॉसफी को आंख मूंदकर फॉलो न करें और आपको अपने इन्वेस्टमेंट के लॉन्ग टर्म प्रभावों पर विचार करना चाहिए.

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यह तय करते समय कि किन शेयरों में निवेश करना है, सभी ट्रेड में अपनी नुकसान उठा लेने की क्षमता को समझें. अगर बाजार में गिरावट आती है तो इससे आपको बायबैक और एग्जिट प्लान तैयार करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, अपने निवेश को डायवर्सिफाई करना भी जरूरी है. अगर आपको किसी स्टॉक में नुकसान हो भी जाता है तो डायवर्सिफिकेशन से संतुलन बना रहता है. अलग-अलग इक्विटी में निवेश करने से लंबी अवधि में अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने में भी मदद मिलती है.

बाजार को समझना है जरूरी

नए निवेशकों को यह समझना चाहिए कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है. यहां तक कि अनुभवी निवेशक भी हमेशा बाजार के व्यवहार का सटीक अनुमान नहीं लगा सकते हैं. यदि एक दिन स्टॉक की कीमत बढ़ जाती है, तो ऐसा भी हो सकता है कि अगले दिन उसकी कीमत घट जाए. इसलिए, शेयर बाजार को प्रभावित करने वाले कारकों को समझना अहम है. अनुभवी निवेशक भी कई बार गलत साबित हो सकते हैं. छोटी अवधि में होने वाले नुकसान पर फोकस करने के बजाय लंबी अवधि के रिटर्न पर ध्यान दें.

लक्ष्य ऐसे बनाएं, जिन्हें हासिल किया जा सके

शौकिया निवेशक अक्सर फौरन हाई रिटर्न की उम्मीद करते हैं. उदाहरण के लिए, हर साल स्टॉक पर 100% से अधिक का रिटर्न कमाने की उम्मीद करना ठीक नहीं है. हालांकि, कुछ निवेश हाई रिटर्न दे सकते हैं. इसलिए आपको हमेशा वास्तविकता को समझते हुए निवेश करना चाहिए. फाइनेंशियल गोल ऐसे होने चाहिए जिन्हें आप हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा, उन स्कीम में निवेश से बचें जो कम समय में हाई रिटर्न का वादा करती हैं. निवेश करने से पहले पूरी तरह से रिसर्च कर लें.

शुरुआत में लीवरेज्ड इंस्ट्रूमेंट्स से बचें

नए निवेशकों को कैश डिवीजन में इक्विटी में निवेश करना शुरू कर देना चाहिए और लीवरेज्ड फाइनेंस से बचना चाहिए. लीवरेज्ड निवेश एक ऐसी रणनीति है जिसके तहत पैसे उधार लेकर निवेश के मुनाफे को बढ़ाने का प्रयास किया जाता है. ये लाभ उधार ली गई पूंजी पर निवेश रिटर्न और ब्याज की लागत के बीच के अंतर से प्राप्त होते हैं. इसमें प्रॉफिट की संभावना तो बढ़ जाती है, लेकिन नुकसान की संभावना भी बढ़ जाती है.

जल्दबाजी में फैसले लेने से बचें

फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बनाए रखने के लिए चीजों को सरल रखना चाहिए. अपने एनालिसिस को जितना हो सके सरल रखें. जैसा कि पहले हमने बताया है कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होता ही है. हालांकि, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप कभी भी बाजार के उतार-चढ़ाव को देखकर जल्दबाज़ी में और फौरन फैसले न लें. स्टॉक के प्रदर्शन से घबराने के बजाय, आपको एक व्यापक रणनीति बनानी चाहिए और उस पर टिके रहना चाहिए.

नए निवेशक बनाएं रणनीति

शेयर बाजार में निवेश पर काफी फायदा हो सकता है. हालांकि, आपको कुछ ऐसे नुकसानों से बचना चाहिए जिनका सामना ज्यादातर नए निवेशक पहली बार निवेश करते समय करते हैं. नए लोगों को निवेश के लिए एक रणनीति तैयार करनी चाहिए. यह रणनीति ऐसी होनी चाहिए जिसके तहत बाजार की स्थितियों की परवाह किए बिना अच्छे और बुरे दोनों समय में उस पर कायम रहा जा सके.

(By Anish Singh Thakur. लेखक बूमिंग बुल्स एकेडमी के CEO हैं. यहां व्यक्त विचार लेखक के हैं. Financialexpress.com इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता है. कृपया कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें.)

सलाह: इन 11 पैरामीटर पर करें शेयरों का चुनाव, मिलेगा 100% से 500% तक का तगड़ा रिटर्न

किसी भी शेयर में पैसा लगाने से पहले वह किस सेक्टर की कंपनी के शेयर है और उसका कारोबार क्या है यह पता करें। इसके बाद उस कंपनी की बैलेंस सीट, टर्नओवर, बिजनेस मॉडल और कंपनी का भविष्य क्या है आदि की जानकारी जुटाएं।

Edited by: Alok Kumar @alocksone
Updated on: January 17, 2022 13:17 IST

शेयरों का चुनाव- India TV Hindi News

Photo:INDIA TV

Highlights

  • कंपनी की कुल शुद्ध लाभ और उसके शेयरों की संख्या से विभाजित करके ईपीएस हासिल किया जा सकता है
  • आरओई रेश्यो आपको बताता हैं की कंपनी अपने इक्विटी पर कितना पैसा या रिटर्न बना रही है
  • किसी शेयर का चुनाव करते समय उस कंपनी के पिछले 5 सालों के डिविडेंड भुगतान का रिकॉर्ड जरूर देखें

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच शेयर बाजार ने बीते दो साल में निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। इसके चलते डीमैट खातों की संख्या दो करोड़ से बढ़कर 7.5 करोड़ से अधिक हो गई है। ऐसे में अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हैं और सही स्टॉक का चुनाव नहीं करने के कारण नुकसान में है तो हम आपको सही शेयर के चुनाव के लिए 11 टिप्स दे रहे हैं। इनको फॉलो कर आप न सिर्फ अपना जोखिम कम कर पाएंगे बल्कि 100% से 500% तक का तगड़ा रिटर्न वाले शेयर का चुनाव भी आसानी से कर पाएंगे।

1. निवेश से पहले EPS के गणित को समझें

EPS का मतलब होता है कि कंपनी के नेट प्रॉफिट में से कंपनी के प्रत्येक शेयर का हिस्सा। EPS का सीधा संबंध कंपनी के लाभ से होता है। अगर EPS अच्छा है तो इसका मतलब है कि कंपनी अच्छा मुनाफा कमा रही है। आप EPS को वार्षिक या मासिक आधार पर जरूर देंखे। इसका कलकुलेशन बहुत ही आसान है। कंपनी की कुल शुद्ध लाभ और उसके शेयरों की संख्या से विभाजित करके ईपीएस हासिल किया जा सकता है।

2. P/E Ratio देखना कभी भी न भूलें

P/E यानी Price to Earning Ratio। इस रेश्यो को कंपनी के 1 शेयर की मार्केट कीमत में EPS का भाग देकर निकाला जाता है। अगर किसी कंपनी का EPS 10 रुपयेे प्रति शेयर हैं। अगर कंपनी के शेयर का भाव 200 रुपये है तो कंपनी का P/E Ratio 20 होगा। इसका मतलब हुआ की आपको एक वर्ष में 10 रुपये कमाने के लिए 20 गुना पैसे देने होंगे। अतः आपको एक शेयर के लिए 200 रुपये देने होंगे।

3. RoE और RoCE को समझना बहुत जरूरी

दोनों रेश्यो किसी भी कंपनी के शेयर का चुनाव करते समय सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। यह रेश्यो आपको बताते हैं शेयरों में निवेश करना आसान है शेयरों में की लगाई हुई इक्विटी या कैपिटल पर कितना रिटर्न प्राप्त हो रहा हैं। आरओई रेश्यो आपको बताता हैं की कंपनी अपने इक्विटी पर कितना पैसा या रिटर्न बना रही है। आसान भाषा में समझे तो कंपनी के लगाए पैसे पर कितना पैसा बन रहा हैं।

4. तुक्का न लगाएं, ट्रेडिंग कोई जुआ नहीं

पहली बार बाजार में पैसा लगाने वाले या नए निवेशक शेयर को तुक्का का खेल समझते हैं, जबकि ठीक उलट शेयर में निवेश एक रणनीति की मांग करता है। आप किस कंपनी का शेयर खरीद रहे हैं, उसकी मार्केट में स्थिति कैसी है, पिछले कुछ समय से उसकी शेयर बाजार में क्या स्थिति रही है आदि की जानकारियां एक निवेशक को होनी चाहिए। सिर्फ कम कीमत देखकर जुए के खेल की तरह शेयर खरीदना और उससे लाभ की उम्मीद लगाना आपको भारी नुकसान करा सकता है।

5. कंपनी के ऊपर कर्ज का आकलन

शेयर मार्केट में शेयर चुनते समय कंपनी के ऊपर कितना कर्ज यह जरूर देखना चाहिए। अगर किसी कंपनी के ऊपर ज्यादा कर्ज हैं तो उसे बहुत ज्यादा ब्याज होगा। इसलिए आप जिस शेयर में इन्वेस्टमेंट कर रहे हो उस कंपनी के ऊपर कम से कम कर्ज होना चाहिए। एक कर्ज मुक्त कंपनी को आप ज्यादा तवज्जो देना चाहिए। एक निवेशक के तौर पर आप कंपनी का Debt-Equity Ratio देख सकते हैं। Debt-Equity Ratio अगर 1 से कम हो तो अच्छा माना जाता है। यह रेश्यो अगर जीरो हो तो यह एक आदर्श रेश्यो माना जाता हैं।

6. कंपनी द्वारा लाभांश भुगतान का रिकॉर्ड

जिन कंपनियों की वित्तीय हालत अच्छी होती है और लाभ कमाती हैं। वह अपने शेयर होल्डर्स को लाभांश का भुगतान करती है। शेयर की प्राइस में इजाफे के साथ-साथ नियमित आय के रूप में डिविडेंड को भी महत्व देना चाहिए। किसी शेयर का चुनाव करते समय उस कंपनी के पिछले 5 सालों के डिविडेंड भुगतान का रिकॉर्ड देखें।

7. मजबूत मैनजमेंट का चयन

किसी भी कंपनी का मैनेजमेंट उस कंपनी की आत्मा माना जाता है। एक अच्छा मैनेजमेंट कंपनी के भविष्य को अधिक उज्जवल बना सकता है जबकि अक्षम मैनेजमेंट अच्छी कंपनी को भी नीचे की ओर ला सकता है। इसलिए आप Share Select करते समय कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में सही जानकारी जरूर हासिल करें।

8. शेयर बाइबैक का रिकॉर्ड चेक करें

शेयर चुनने से पहले Share Buyback के बारे में जानकारी लें। अगर प्रमोटर स्वयं की कंपनी के शेयर पब्लिक से वापस खरीद रहे हैं तो इसका मतलब है कि उन्हें कंपनी के बिजनेस मॉडल में विश्वास है और भविष्य में कंपनी के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद हैं। इसके साथ ही कंपनी की शेयर होल्डिंग पैटर्न चेक करें। किसी कंपनी का शेयर होल्डिंग पेटर्न यह दिखाता है कि कंपनी के शेयर किन-किन व्यक्तियों के पास हैं? इसमें आपको देखना है कि शेयर का कितना हिस्सा प्रमोटर्स के पास हैं। प्रमोटर्स के पास जितना अधिक शेयर का हिस्सा होगा, उतना ही अच्छा माना जाता है।

9. कंपनी और सेक्टर जरूर देंखे

किसी भी शेयर में पैसा लगाने से पहले वह किस सेक्टर की कंपनी के शेयर है और उसका कारोबार क्या है यह पता करें। इसके बाद उस कंपनी की बैलेंस सीट, टर्नओवर, बिजनेस मॉडल और कंपनी का भविष्य क्या है आदि की जानकारी जुटाएं। इससे आपको एक आइडिया मिल जाएगा कि कौन सी कंपनी सही है या किसकी वित्तीय स्थिति कमजोर है। किसी भी सेक्टर की लीडर कंपनी पर प्रमुखता से ध्यान देना चाहिए।

10. लंबी अवधि के लक्ष्य लेकर शेयर चुनें

किसी भी शेयर में छोटी अवधि में शेयरों में निवेश करना आसान है शेयरों में रिटर्न की उम्मीद नहीं करें। हमेशा लंबी अवधि का लक्ष्य बनाकर निवेश करें। ऐसी कंपनी के शेयर चुनें जिसमें रिटर्न ज्यादा मिले, लेकिन रिस्क कम हो। ऐसे निवेश से बचें जिसमें या तो बहुत बढ़िया रिटर्न मिलेगा या फिर भयंकर नुकसान की संभावना है।

11. ज्यादा ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले शेयर चुनें

हमेशा वैसे शेयर का चुनाव करें जिसमें ज्यादा ट्रेडिंग वॉल्यम हो। विश्‍लेषक अक्‍सर ज्यादा ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले शेयरों की समीक्षा करते हैं। कम ट्रेड किए जाने वाले शेयरों में नकली तेजी लाई जा सकती है। बड़े शेयरों में इसकी गुंजाइश बहुत नहीं होती है।

शेयर बाजार की सुस्त शुरुआत, सेंसेक्स-निफ्टी में उतार-चढ़ाव, ओएनजीसी में तेजी

शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 105 अंकों की बढ़त के साथ 61729 के स्तर पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 37 अंक ऊपर 18366 के स्तर पर। निफ्टी टॉप गेनर में ओएनजीसी, कोल इंडिया, एनटीपीसी, इंडसइंड बैंक थे।

शेयर बाजार की सुस्त शुरुआत, सेंसेक्स-निफ्टी में उतार-चढ़ाव, ओएनजीसी में तेजी

Share Market Open : शेयर बाजार की शुरुआत बेहद सुस्त रही। 30 शेयरों पर आधारित बीएसई का प्रमुख संवेदी सूचकांक आज 5 अंकों की मजबूती के साथ 61630 के स्तर पर खुला। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी बढ़त के साथ 18362 के स्तर पर।

शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 105 अंकों की बढ़त के साथ 61729 के स्तर पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 37 अंक ऊपर 18366 के स्तर पर। निफ्टी टॉप गेनर में ओएनजीसी, कोल इंडिया, एनटीपीसी, इंडसइंड बैंक और दिविस लैब जैसे स्टॉक्स थे तो ग्रासिम, नेस्ले, आईटीसी, एसबीआई लाइफ और एचडीएफसी लाइफ टॉप लूजर की लिस्ट में।

सोमवार का हाल: बड़े शेयरों में बिकवाली से सेंसेक्स 171 अंक टूटा

मुंबई, एजेंसी। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार के बीच सोमवार को बीएसई सेंसेक्स में 170 अंक से अधिक की गिरावट आई। सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाले आईसीआईसीआई बैंक, आईटीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे शेयरों में नुकसान से बाजार नीचे आया।

बीएसई सेंसेक्स 170.89 अंक यानी 0.28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 61,624.15 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, यह नीचे में 61,572.03 तक आया और ऊंचे में 61,916.24 अंक तक गया। निफ्टी भी 20.55 अंक की मामूली गिरावट के साथ 18,329.15 अंक पर बंद हुआ।

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