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कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना

कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना
प्रतीकात्मक तस्वीर

11 तरीकों से ऑनलाइन शॉपिंग आसान बनाएं

सही ई-कॉमर्स प्लेटफार्म का चयन करें –

ऑनलाइन खरीदारी के समय सही वेबसाइट का चयन बहुत जरूरी है, क्योंकि बात प्रोडक्ट की क्वालिटी के साथ आपके पैसे से जुड़ी होती है।

इस स्थिति में जब भी हम किसी प्रोडक्ट को खरीदें तो सबसे पहले उसकी बाजार कीमत पता करें।

बाद में ये देखें कि ऑनलाइन खरीदने पर हमें कितना फायदा हो रहा हैं।

साथ ही, प्रोडक्ट की डिलीवरी कब मिलेगी।

भारत की कुछ प्रमुख ऑनलाइन वेबसाइट इस प्रकार हैं –

  • www.flipkart.com
  • www.snapdeal.com

11 तरीकों से ऑनलाइन शॉपिंग

कीमत की तुलना जरुर करें –

ऑनलाइन खरीदारी में सबसे बड़ा फायदा किसी उत्पाद का कम कीमत पर मिलना होता है।

इसके लिए खरीदारी करते समय कीमत की तुलना करना नहीं भूलना चाहिए।

कई बार दो अलग-अलग वेबसाइट पर किसी उत्पाद की कीमत में 100 रुपए से 500 रुपए तक का अंतर आ जाता है।

इसके अलावा प्रोडक्ट की वास्तविक कीमत भी जरूर देखें।

कई बार दो प्रोडक्ट के मॉडल नंबर में थोड़ा सा अंतर होता है, लेकिन कीमत पूरी तरह अलग हो जाती है।

ऐसे में प्रोडक्ट के मॉडल पर जरूर ध्यान दें। 11 तरीकों से ऑनलाइन शॉपिंग

आज का ऑफर | बिग ऑफर की जाँच करें –

ज्यादातर वेबसाइट कई प्रोडक्ट पर बिग ऑफर देती हैं। इसके अलावा आज का ऑफर भी देती है।

ऐसे में जरूरी हो जाता है कि किसी प्रोडक्ट को खरीद रहे हैं तो उसे इन दोनों कैटेगरी को जरूर देखें।

इन वेबसाइट पर कई बार किसी दिन, सप्ताह या फिर फेस्टिवल के समय 50 प्रतिशत तक का डिस्काउंट मिल जाता है।

ऐसे में जो लोग ऑनलाइन खरीदारी करते हैं उन्हें इन ऑफर को ध्यान में रखना चाहिए। 11 तरीकों से ऑनलाइन शॉपिंग

प्रमोशन या कूपन कोड का उपयोग करें –

ऑनलाइन ऑफर देने वाली कई वेबसाइट ग्राहकों को ऑफर कूपन और प्रमोशनल कोड भी सेंड करती रहती हैं।

ये बोनस पॉइंट भी देती हैं। इन कोड के मैसेज भी आपके मोबाइल पर आते हैं।

इन सभी बातों का फायदा ये होता है कि जब आप ऑनलाइन खरीदारी करेंगे तब ऑफर कूपन, प्रमोशनल कोड और बोनस पॉइंट का उपयोग करने से उस प्रोडक्ट की कीमत और कम हो जाती है।

ऐसे कूपन ज्यादातर गूगल पे, paytm, Phone-pe आदि पर मिलते रहते हैं। 11 तरीकों से ऑनलाइन शॉपिंग

एक्सचेंज ऑफर की जाँच करें –

कई बार हम नया प्रोडक्ट खरीदना चाहते है साथ ही पुराने प्रोडक्ट को बेचना भी चाहते हैं।

ऐसे में हम इसके लिए एक्सचेंज ऑफर का उपयोग कर सकते हैं।

अर्थात् कोई User अपने पुराने फोन को ऑनलाइन एक्सचेंज कर नया स्मार्टफोन खरीद सकता है।

इस तरह के ऑफर में कंपनी आपके पुराने प्रोडक्ट से जुड़े हुए कुछ प्रश्न पूछती है और फिर उसकी एक्सचेंज कीमत आपको बता देती है।

एक्सचेंज ऑफर में आपको नया प्रोडक्ट काफी कम कीमत में मिल जाता है।

11 तरीकों से ऑनलाइन शॉपिंग आसान बनाएं

कैश ऑन डिलीवरी (COD) भी देखें –

ऑनलाइन खरीदारी में कैश ऑन डिलीवरी सबसे अच्छा ऑप्शन माना जाता है। इसको COD भी कहते हैं।

इस ऑप्शन के चलते यूजर्स उत्पाद लेने के बाद उसकी कीमत देता है।

जब आप कोई प्रोडक्ट खरीदते हैं तो पेमेंट के साथ COD और EMI के विकल्प मौजूद रहते हैं।

ऐसे में हम COD का चुनाव कर सकते हैं।

इस विकल्प में आप प्रोडक्ट मिलने के समय पेमेंट कर सकते हैं।

फ्री शिपिंग का ध्यान रखें –

हम खरीदारी के समय जब भी कोई प्रोडक्ट खरीदें, तो इस बात का भी ध्यान रखें कि उसकी शिपिंग फ्री है या नहीं।

कई बार, कुछ प्रोडक्ट पर वेबसाइट फ्री शिपिंग नहीं देती हैं और डिलीवरी के वक्त उसकी कीमत आपको चुकानी पड़ती है।

ऐसे में फ्री शिपिंग का होगा भी जरूरी है, ताकि आपकी जेब से अतिरिक्त चार्ज नहीं आए।

इसके लिए एक बार फिर से वेबसाइट की तुलना कर सकते हैं।

ईमेल एड्रेस जरुर डालें –

ऑनलाइन खरीदारी के लिए आप कोई भी प्लेटफार्म पर अपने मोबाइल नंबर से अकाउंट बना सकते हैं।

लेकिन हो सके तो इसके अकाउंट पर ईमेल एड्रेस भी जरूर डालें।

ज्यादातर, जबहम कोई प्रोडक्ट ऑनलाइन खरीदते हैं तो ईमेल पर उसकी डिटेल के साथ बिल भी आ जाता है।

ये भविष्य में कभी प्रोडक्ट के खराब होने की स्थिति में काम आते है।

11 तरीकों से ऑनलाइन शॉपिंग

EMI में फायदा हो तो उसे चुनें –

अगर आप क्रेडिट कार्ड उपयोग करते हैं तो ऑनलाइन खरीदारी के समय EMI का विकल्प चुन सकते हैं।

इसका बड़ा फायदा यह हो सकता है कि कई प्रोडक्ट EMI पर भी उतनी ही कीमत में मिल जाते है जो कीमत उनको कैश में खरीदने पर होती हैं।

ऐसे में आपकी जेब से एक साथ पैसा नहीं जाता है और EMI भी आसानी से चूका पाते हैं।

EMI भी 3 महीने, 6 महीने, 12 महीने आदि के ऑप्शन में दे सकते हैं।

वहीं EMI पर अतिरिक्त पैसा भी नहीं देना पड़ता है।

11 तरीकों से ऑनलाइन शॉपिंग

उत्पाद रिटर्न पॉलिसी भी देखें –

किसी भी वेबसाइट से खरीदारी कर रहे हैं तो उसकी रिटर्न पॉलिसी को भी देखना जरूरी होता है।

कई बार प्रोडक्ट में कोई कमी हो सकती है या फिर वो टूटा-फूटा हो सकता है या फिर जो प्रोडक्ट हमने ऑर्डर किया है उसकी बजाय दूसरा प्रोडक्ट आ गया हो तो उसको आसानी कंपनी को रिटर्न किया जा सके।

इसके लिए जब भी हमारा बुकिंग किया हुआ प्रोडक्ट मिल जाए, तो सबसे पहले उसकी जाँच कर लेनी चाहिए।

अर्थात् हमने जो प्रोडक्ट चुना था क्या ये वही प्रोडक्ट है?

इसके बाद, उसका बिल, वारंटी कार्ड जैसे डॉक्यूमेंट भी चैक करने चाहिए।

11 तरीकों से ऑनलाइन शॉपिंग आसान बनाएं

फेक वेबसाइट से बचें –

जब भी ऑनलाइन खरीदारी करें तो यह निश्चित कर ले कि जो वेबसाइट या ऐप आप काम में ले रहे हैं वह सही हो।

कई बार मिलती जुलती वेबसाइट या ऐप बनाकर फ्रोड करने का प्रयास किया जाता है तो हमें ऐसी स्थिति से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।

इसके लिए फ्रोड करने करने वाले कई प्रकार के लुभावने विज्ञापन चलाकर आप तक पहुँचने का प्रयास करते है।

11 तरीकों से ऑनलाइन शॉपिंग आसान बनाएं

ये भी पढ़ें –

FAQ 11 तरीकों से ऑनलाइन शॉपिंग

ऑनलाइन शोपिंग करते समय कौनसा पेमेंट मॉड सही रहता है ?

ऑनलाइन शोपिंग करते समय केश ऑन डिलीवरी का पेमेंट मॉड सही रहता है. कई बार क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड पर छुट दी जाती है तो स्थिति में हम इनका उपयोग कर सकते है.

E Commerce Framework in Hindi – ई कॉमर्स फ्रेमवर्क क्या है?

हेल्लो दोस्तों! आज हम इस आर्टिकल में (E Commerce Framework in Hindi – ई कॉमर्स फ्रेमवर्क क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-

E Commerce Framework in Hindi – ई कॉमर्स फ्रेमवर्क क्या है?

E Commerce Framework एक प्रकार का सॉफ्टवेयर होता है जिसका इस्तेमाल ई-कॉमर्स स्टोर बनाने के लिए किया जाता है।

दूसरे शब्दों में कहें तो, “ई कॉमर्स फ्रेमवर्क एक सॉफ्टवेयर फ्रेमवर्क होता है जिसका इस्तेमाल e-commerce application बनाने के लिए किया जाता है।”

ई-कॉमर्स फ्रेमवर्क काफी लचीले (flexible) होते है जो यूजर की आवश्यकताओं को पूरा करते है। इस फ्रेमवर्क में e-commerce के द्वारा किये जाने वाले सभी प्रकार के कार्य शामिल होते है।

इस फ्रेमवर्क को Electronic Commerce Framework (इलैक्ट्रॉनिक कॉमर्स फ्रेमवर्क) भी कहते है। इन फ्रेमवर्क का इस्तेमाल लगभग सभी प्रकार की ऑनलाइन दूकान और ई-कॉमर्स से संबंधित चीज़ो को बनाने के लिए किया जाता है। ई-कॉमर्स बिज़नेस को बढ़ाने में मदद करता है।

आज के समय में हर कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना कोई अपने बिज़नेस को ऑनलाइन लेकर जाना चाहता है और ऐसा करने के लिए वह ई-कॉमर्स का सहारा लेता है और एक ऑनलाइन दूकान या स्टोर का निर्माण करने में ई-कॉमर्स फ्रेमवर्क मदद करते है।

ई-कॉमर्स फ्रेमवर्क मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है पहला SaaS दूसरा Open source और तीसरा Headless commerce.

ecommerce framework in hindi

इसे भी पढ़े –

Types of Ecommerce Framework in Hindi – ई-कॉमर्स के प्रकार

इसके तीन प्रकार होते है –

1- SaaS

SaaS का पूरा नाम software as a service (सॉफ्टवेयर ऐज ए सर्विस) होता है।

यह एक प्रकार का ई-कॉमर्स फ्रेमवर्क है जिसका इस्तेमाल इ-कॉमर्स सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर के द्वारा बिज़नेस के infrastructure को स्थापित (establish) करने, बिज़नेस के infrastructure को मेन्टेन करने वाली लागत को कम करने और ई-कॉमर्स की समस्याओ को सुलझाने के लिए किया जाता है।

यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो subscription model पर आधारित होता है। SaaS एक मॉडल होता है जो अधिक लचीला (flexible) होता है।

यह मॉडल व्यवसाय के लिए काफी लोकप्रिय होता है जिसमे यूजर को तकनीकी सहायता भी मिल जाती है।

SaaS के फायदे

1- SaaS में यदि आप subscription लेते है तो आपको होस्टिंग को सुरक्षित रखने और उस मेन्टेन करने के लिए अलग से पैसे खर्च नहीं करने पड़ते।

2- इस मॉडल में होस्टिंग पूरी तरह से सुरक्षित रहती है।

3- यह फ्रेमवर्क हेडलेस ई-कॉमर्स फ्रेमवर्क की तुलना में काफी सस्ता होता है।

SaaS के नुकसान

1- इस फ्रेमवर्क में यूजर को customization की सुविधा बहुत कम मिलती है।

2- Open Source (ओपन सोर्स)

ओपन सोर्स फ्रेमवर्क का इस्तेमाल यूजर के द्वारा software के सोर्स कोड तक कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना पहुंचने और उस सोर्स कोड को modify करने के लिए किया जाता है।

ओपन सोर्स को ज्यादातर PHP (Hypertext Preprocessor) भाषा में लिखा जाता है। PHP एक लोकप्रिय स्क्रिप्टिंग भाषा होती है। यह सॉफ्टवेयर इ-कॉमर्स प्लेटफार्म को अच्छे से customize कर सकता है।

इस फ्रेमवर्क का उपयोग यूजर मुफ्त में कर सकता है इसमें कोई पैसा नहीं लगता है।

Open Source के फायदे

1- यूजर इस फ्रेमवर्क का उपयोग free में कर सकता है।

2- यह फ्रेमवर्क enterprise के लिए अच्छे होते है।

Open Source का नुकसान

1- इसमें यूजर को कोई तकनीकी सहायता नहीं मिलती।

2- यह एक जटील (complex) फ्रेमवर्क है।

3- Headless eCommerce

यह एक ई-कॉमर्स फ्रेमवर्क है जिसे SaaS और open Source फ्रेमवर्क के साथ जोड़ा जा सकता है।

इस फ्रेमवर्क का इस्तेमाल वेबसाइट को विकसीत (develop) और उन्हें मेन्टेन करने के लिए किया जाता है। हालांकि इसमें वेबसाइट को विकसीत और मेन्टेन करना काफी कठीन होता है। इसके बावजूद भी इस फ्रेमवर्क का इस्तेमाल बिज़नेस में किया जाता है।

Headless Ecommerce के फायदे

1- इसमें यूजर Front -End को प्रभवित किये बिना अपने विकास कार्यो को कर सकता है।

2- इस फ्रेमवर्क को SaaS और ओपन सोर्स के साथ जोड़ा जा सकता है।

Headless Ecommerce के नुकसान

1- इस फ्रेमवर्क में वेबसाइट को बनाना और मेन्टेन करके रखना काफी मुश्किल होता है।

2- यह फ्रेमवर्क महंगा होता है।

3- इसमें यूजर को back-end और front-end के विकास के लिए भुगतान करना पड़ता है जिसके कारण इसकी लागत बढ़ जाती है और यह महगा हो जाता है।

4- इसका आर्किटेक्चर जटील (complex) होता है जिसके कारण developer expertise (डेवलपर विशेषज्ञता) की आवश्यकता पड़ती है।

Features of Ecommerce Framework in Hindi – ई कॉमर्स की विशेषताएं

1- यह फ्रेमवर्क प्रोडक्ट को manage करने में मदद करते है।

2- इन फ्रेमवर्क का उपयोग ज्यादतर वेबसाइट बनाने और उन्हें मेन्टेन करने के लिए किया जाता है।

3- सुरक्षा के मामले में इ -कॉमर्स फ्रेमवर्क अच्छे होते है।

4- सभी इ -कॉमर्स फ्रेमवर्क का उपयोग मुफ्त में नहीं किया जा सकता।

5- कुछ फ्रेमवर्क काफी महंगे होते है।

6- यह फ्रेमवर्क SEO (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन) जैसी सुविधाओं को सपोर्ट करती है जिसके कारण आपकी वेबसाइट की रैंकिंग बढ़ती है।

Ecommerce Framework के उदहारण:-

● BigCommerce
● Shopify
● Magento
● Volusion
● Shift4Shop
● Woocommerce
● Kibo
● Squarespace
● Wix
● Salesforce Commerce Cloud

Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न

ई कॉमर्स फ्रेमवर्क एक सॉफ्टवेयर फ्रेमवर्क होता है जिसका इस्तेमाल e-commerce application बनाने के लिए किया जाता है।

इसके तीन प्रकार होते है।

निवेदन:- अगर आपके लिए (E Commerce Framework in Hindi – ई कॉमर्स फ्रेमवर्क क्या है?) का यह पोस्ट उपयोगी रहा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य share कीजिये. और आपके जो भी questions हो उन्हें नीचे comment करके बताइए. धन्यवाद.

रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी, अब IRCTC से चंद सेकेंडों में बुक कर सकेंगे ट्रेन टिकट

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्म आईआरसीटीसी ने टिकट बुक करने की प्रक्रिया को बेहतर करने के लिए ईपेलेटर के साथ साझेदारी में ‘बुक नाउ पे लेटर’ चेकआउट सेवा शुरू की है।

रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी, अब IRCTC से चंद सेकेंडों में बुक कर सकेंगे ट्रेन टिकट

प्रतीकात्मक तस्वीर

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्म आईआरसीटीसी ने टिकट बुक करने की प्रक्रिया को बेहतर करने के लिए ईपेलेटर के साथ साझेदारी में ‘बुक नाउ पे लेटर’ चेकआउट सेवा शुरू की है। बुधवार को रेल राज्य मंत्री राजेन गोहेन ने संसद को इस भागीदारी की जानकारी दी। मुंबई की वित्तीय कंपनी फिनटेक के स्वामित्व वाली ईपेलेटर ग्राहकों को एक क्लिक व ओटीपी से टिकट बुक करने की सहूलियत देती है, जो क्रेडिट कार्ड, नेटबैंकिंग आदि जैसे अन्य पारंपरिक विकल्पों की तुलना में टिकट बुक करने की प्रक्रिया को ज्यादा आसान व तेज बना देता है।

मंत्री ने संसद को सूचित किया कि इस बुकिंग प्रक्रिया के लिए एक बार साइन-अप करने की जरूरत होती है, जिसके लिए ग्राहक को पैन/आधार नंबर के साथ अपनी जानकारी प्रविष्ट करनी होती है। अपने ट्रेडमार्कयुक्त एल्गोरिदम का प्रयोग करके, ई-पेलेटर रिअलटाइम में ग्राहक को खर्च करने की सीमा उपलब्ध कराता है, जिसका प्रयोग बाद में बुकिंग करने के लिए किया जा सकता है।

मंत्री ने यह भी बताया कि इस सेवा को वेबसाइट पर भुगतान विकल्पों की सूची में प्रदर्शित किया गया है और वहां पर विस्तृत नियम व शर्तें भी दी गई हैं। ग्राहक बुकिंग करने के 14 दिनों के अंदर ही कभी भी ऑनलाइन तरीकों का प्रयोग करके भुगतान कर सकते हैं, जिससे यह प्रक्रिया पूरी तरह से कैशलेस व डिजिटल बन रही है। मंत्रालय ने आधिकारिक ट्वीट में कहा है, “अब रेल टिकट बुक करें और बाद में भुगतान करें।

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गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय रेलवे ने तत्काल ट्रेन टिकट बुक कराने वालों को अब आईआरसीटीसी ने एक और सर्विस दे दी है। IRCTC से बुक किए गए टिकट पर ‘पे ऑन डिलीवरी’ की सुविधा देने वाली एंड्युरिल टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड ने बुधवार (3 अगस्त) को ऐलान किया कि अब यूजर तत्काल टिकट बुक कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना करने के दौरान भी ‘बुक नाउ पे लेटर’ का ऑप्शन चुन सकते हैं। अब आईआरसीटीसी से तत्काल रेल टिकट बुक करने के बाद कैश और डेबिट या क्रेडिट कार्ड से बाद में भुगतान कर सकेंगे। पे ऑन डिलीवरी की सर्विस अभी तक जनरल रिजर्वेशन के लिए उपलब्ध थी। अब तत्काल बुकिंग के लिए इस सेवा को उपलब्ध करा दिया गया है। यह सर्विस उन लोगों के लिए ज्यादा उपयोगी है जो टिकट तो ऑनलाइन बुक करना चाहते हैं लेकिन टिकट की पेमेंट ऑनलाइन नहीं करना चाहते या फिर ऑनलाइन टिकट बुक करने के बाद पेमेंट कैश में करना चाहते हैं।

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शीतकालीन उत्पादों के रुझान में तेजी, एफएमसीजी निर्माताओं को आने वाली तिमाही में ग्रामीण विकास की उम्मीद

अग्रणी एफएमसीजी निर्माता अपने शीतकालीन उत्पादों के पोर्टफोलियो के शुरुआती पिकअप से उत्साहजनक रुझान देख रहे हैं, उम्मीद है कि पारा गिरने के कारण खपत में और तेजी आएगी, जिससे उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों से विकास की उम्मीद है। डाबर, इमामी और मैरिको जैसे निर्माता अपने शीतकालीन-विशिष्ट उत्पादों के पोर्टफोलियो में त्वचा देखभाल उत्पादों से लेकर च्यवनप्राश और शहद जैसे प्रतिरक्षा उत्पादों तक पिकअप देख रहे हैं।

इसके अलावा, निर्माता यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाली तिमाहियों में अच्छी फसल और सामान्य मुद्रास्फीति में नरमी से ग्रामीण बिक्री में उछाल आएगा। जबकि सर्दियों के उत्पाद ई-कॉमर्स और आधुनिक व्यापार चैनलों जैसे नए जमाने के चैनलों पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

मैरिको इंडिया बिजनेस और सीईओ न्यू बिजनेस संजय मिश्रा ने कहा कि उनके पोर्टफोलियो में कुछ उत्पादों जैसे बॉडी लोशन और सफोला इम्युनिवेदा रेंज के लिए सर्दी हमेशा एक महत्वपूर्ण मौसम रहा है, विशेष रूप से उत्तरी क्षेत्र से। मिश्रा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''इस साल फिर हमने इन दोनों की खपत में बढ़ोतरी देखी है क्योंकि हम सर्दियों में प्रवेश कर रहे हैं।''

मैरिको ने आधुनिक व्यापार चैनलों और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों में विंटर हेयर ऑयल श्रेणी में तेजी और उपभोक्ता मांग देखी है।

इसी तरह, पिछले कुछ महीनों में, मैरिको ने अपने बॉडी लोशन के लिए पिछले साल की समान अवधि की तुलना में दो अंकों की वृद्धि देखी है। बॉडी लोशन श्रेणी। सफोला हनी और सफोला इम्युनिवेदा च्यवनप्राश ने भी पारंपरिक रूप से इस मौसम में ऊपर की ओर गति देखी है," मिश्रा ने कहा।

डाबर इंडिया लिमिटेड के मुख्य परिचालन अधिकारी आदर्श शर्मा ने कहा कि इस साल त्योहारी सीजन "उम्मीद की एक छोटी सी किरण" लेकर आया है और कंपनी ने अपने सर्दियों के लिए विशेष उत्पादों जैसे डाबर च्यवनप्राश, डाबर हनी और त्वचा की देखभाल की गुलाबी विंटर रेंज के लिए पाइपलाइन का निर्माण किया है। उत्पादों।

इमामी ने कहा, 'अभी सर्दी के शुरुआती दिन हैं, लेकिन हमारे सर्दियों के उत्पादों की शुरुआती मांग स्थिर है।

हालांकि ग्रामीण बाजारों में मांग शहरी बाजारों में पिछड़ रही है, लेकिन उन्होंने कहा: "इस सीजन में कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना अच्छी फसल के साथ, हमें उम्मीद है कि आने वाली तिमाही में ग्रामीण विकास में उछाल आएगा।" इमामी सेल्स-सीसीडी के अध्यक्ष विनोद राव ने कहा, "सर्दियों के अच्छे मौसम की उम्मीद में इस साल सितंबर और अक्टूबर में विंटर पोर्टफोलियो में तुलनात्मक रूप से अच्छी लोडिंग देखी गई है।" कोलकाता मुख्यालय वाली कंपनी, जो स्किन केयर सेगमेंट में प्रतिष्ठित ब्रांड बोरोप्लस की मालिक है, अच्छी सर्दी के साथ "काफी अच्छी वृद्धि की उम्मीद" कर रही है।

राव को उम्मीद है कि महंगाई की वजह से मांग की चुनौतियों के बावजूद इमामी के विंटर ब्रांड ग्रामीण और थोक चैनलों में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

उन्होंने कहा, "हम अपने एलयूपी और मिड-प्राइस पैक्स में तेजी देख रहे हैं, जिससे हम थोक और ग्रामीण चैनल में महत्वपूर्ण योगदान की उम्मीद करते हैं।" इमामी का विंटर पोर्टफोलियो मॉडर्न ट्रेड और ई-कॉमर्स जैसे संगठित चैनलों में अच्छी तरह से बढ़ रहा है। .

नुवामा ग्रुप के कार्यकारी निदेशक, इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज अवनीश रॉय ने कहा कि एचयूएल, डाबर और इमामी जैसी प्रमुख एफएमसीजी कंपनियों का इस सेगमेंट में बड़ा दखल है, क्योंकि स्किन क्रीम को पाम ऑयल और कच्चे तेल की कीमतों में हालिया गिरावट से पोर्टफोलियो में फायदा मिलेगा।

हालांकि, रॉय ने संरचनात्मक रूप से यह भी जोड़ा कि उन्हें ग्रामीण मांग में सुधार नहीं दिख रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अभी भी H2 (दूसरी छमाही) में सभी कंपनियों का आधार नरम है, इसलिए वैकल्पिक रूप से H1 (पहली छमाही) की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में मांग बेहतर दिखनी चाहिए।

उन्होंने कहा, "कठोर सर्दी और नरम सामान्य मुद्रास्फीति एफएमसीजी कंपनियों के लिए ग्रामीण मांग में धीरे-धीरे सुधार ला सकती है।"

रॉय ने आगे कहा: "हमारी जांच के अनुसार, स्किन क्रीम, च्यवनप्राश, शहद, हनीटस आदि के लिए उपभोक्ताओं की मांग बढ़ना शुरू हो गई है। यह संभावित रूप से चाय और कॉफी जैसे गर्म पेय पदार्थों को भी कुछ हद तक लाभान्वित कर सकता है।" बिक्री कम हो जाती है वहीं, ठंडे पेय पदार्थों और आइसक्रीम की बिक्री पर भी असर पड़ेगा। "वैसे भी Q3 ऐसे उत्पादों के लिए एक बड़ी तिमाही नहीं है।

इस महीने की शुरुआत में डेटा एनालिटिक्स फर्म NielsenIQ कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के एफएमसीजी उद्योग में सितंबर तिमाही में खपत में कमी देखी जा रही है, ग्रामीण बाजारों में जून को समाप्त हुए कॉमर्स प्लेटफार्मों की तुलना तीन महीनों की तुलना में वॉल्यूम में अधिक गिरावट दर्ज की गई है।

एफएमसीजी उद्योग ने पिछले तीन महीनों की तुलना में सितंबर तिमाही में 0.9 प्रतिशत की समग्र मात्रा में गिरावट देखी।

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