डीमैट अकाउंट द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं

– डिमैट अकाउंट में Share,Security,Bond को बड़ी ही सरलता से ट्रांसफर कर सकते हैं|
एन एस डी एल NSDL का फुल फॉर्म क्या होता है?
इस समय देश में अधिकांश लोगों ने किसी न किसी बैंक में अपना खाता खुलवाया है, क्योंकि बहुत से लोग अपनी दैनिक कमाई daily earning से कुछ पैसे बचाते हैं डीमैट अकाउंट द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं और अपनी सुरक्षा के लिए अपना खाता खोलकर उसमें पैसा जमाdepositing money करते रहते हैं। ज्यादातर लोग ऐसे भी होते हैं जो सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ लेने के लिए किसी बैंक में अपना खाता खुलवाते हैं, ताकि उन्हें सरकार government द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाओं का लाभ मिल सके.
इसी तरह NSDL भी एक बैंक है, जिसे भारत की सबसे बड़ी प्रतिभूतियों largest securities में से एक माना जाता है। वैसे तो आपको NSDL से जुड़ी और भी जानकारी मिल जाएगी, तो आज हम आपको NSDL की फुल फॉर्म के बारे में बताएंगे यह कैसे काम करता है इसके बारे में आपको बताएंगे।
एनएसडीएल (NSDL) का फुल फ़ॉर्म
NSDL का फुल फ़ॉर्म नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड National Securities Depository Limited है, इसे हिंदी में राष्ट्रीय प्रतिभूतियां भंडार सीमित कहा जाता है।
NSDL भारत डीमैट अकाउंट द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं में एक सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी securities depository है, जो इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप format में शेयरों, बॉन्ड और डिबेंचर जैसे निवेशकों की Securities रखती है। यह भारत में पहली और सबसे बड़ी सेंट्रल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी Central Securities Depository है. जिसे प्रतिभूतियों Securities
के पेपर-आधारित निपटान से संबंधित मुद्दों जैसे खराब वितरण poor delivery और शीर्षक के हस्तांतरण transfer में देरी के समाधान के लिए स्थापित किया गया था।
NSDL की स्थापना डिपॉजिटरी एक्ट 1996 के अधिनियमन के बाद की गई थी, ताकि इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में प्रतिभूतियों securities के व्यापार और समाधान की सुविधा प्रदान की जा सके। इसने निवेशकों को कागजी कार्रवाई में शामिल किए बिना सरल खाता हस्तांतरण account transfers के माध्यम से प्रतिभूतियों securities के स्वामित्व ownership को स्थानांतरित transfers करने में सक्षम बनाया। इसका मुख्यालय मुंबई, भारत में है।
NSDL के प्रमोटर और शेयरहोल्डर
इसका प्रमोशन NSE और IDBI द्वारा किया जाता है। और आपकी जानकारी के लिए बता दे कि NSDL के जरिए भी डीमैट demat खाते खोले जा सकते हैं.
NSDL’s share holder
State Bank of India
Oriental Bank of India
एनएसडीएल NSDL का इतिहास
भारत में एक जीवंत पूंजी vibrant capital बाजार था जो एक सदी से भी अधिक पुराना है, लेकिन ट्रेडों के पेपर-आधारित निपटान ने खराब वितरण और शीर्षक के हस्तांतरण में देरी जैसी पर्याप्त समस्याएं पैदा कीं। अगस्त 1996 में डिपॉजिटरी Depositories एक्ट के अधिनियमन ने भारत में पहली डिपॉजिटरी, नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) की स्थापना किया। यह अंतरराष्ट्रीय मानकों international standards के आधार डीमैट अकाउंट द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं पर बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए आगे बढ़ा, जो भारतीय पूंजी बाजारों में धारित और व्यवस्थित रूप में रखी गई अधिकांश प्रतिभूतियों securities को संभालता है।
निक्षेपागार प्रणाली depository system में प्रतिभूतियों securities को निक्षेपागार depository खातों में रखा जाता है, जो बैंक खातों में धन रखने के समान हैं। प्रतिभूतियों securities के स्वामित्व का transfer साधारण खाता transfer के माध्यम से किया जाता है। यह विधि सामान्य रूप से कागजी कार्रवाई से जुड़े सभी जोखिमों और बाधाओं को दूर करती है। नतीजतन, प्रमाण पत्र में लेनदेन की तुलना में डिपॉजिटरी वातावरण depository environment में लेनदेन की लागत काफी कम है। अगस्त 2009 में, NSDL के पास रखे गए डीमैट खातों की संख्या एक करोड़ को पार कर गई।
Salary Account Services : आपके सैलरी अकाउंट पर मिलती हैं ये खास सुविधाएं, यहां जानें पूरी डिटेल
Salary Account Services : वेतन खाता ( Salary Account ) लाभ अगर आप नौकरी करते हैं ! तो आपका सैलरी अकाउंट जरूर होगा ! अगर आपको सैलरी अकाउंट में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी नहीं है ! तो यहां आपको पूरी जानकारी दी जा रही है कि आप वेतन खाता लेकिन क्या सुविधाए ( Salary Account Services ) उपलब्ध है ! बता दें कि वेतन खाता वह डीमैट अकाउंट द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं खाता है ! जो कंपनी द्वारा खोला जाता है ! इसमें हर महीने आपकी सैलरी ( Monthly Salary ) जोड़ी जाती है ! सैलरी अकाउंट भी बचत खाता ( Saving Account ) कहा जा सकता है ! कि इसमें भी आपको चेक बुक, एटीएम, नेटबैंकिंग, क्रेडिट कार्ड आदि सुविधाएं दी जाती हैं ! लेकिन फिर भी यह सामान्य बचत खाते से थोड़ा अलग होता है !
ऋण सुविधा उपलब्ध
आप आसानी से व्यक्तिगत ऋण ( Loan ) , कार ऋण या गृह ऋण ( Home Loan ) आदि प्राप्त कर सकते हैं ! वेतन खाते के खिलाफ ऋण क्योंकि इस प्रकार के ऋण से बैंक को जोखिम कम होता है ! वेतन खाता ( Salary Account ) और विवरण आपके वेतन का प्रामाणिक दस्तावेज है ! इसके लिए दस्तावेजों के सत्यापन का कार्य भी आसानी से हो जाता है ! अगर आपके पास बहुत पैसा है तो आप वेल्थ सैलरी अकाउंट भी खोल सकते हैं ! इस तरह के अकाउंट में बैंक आपको एक डेडिकेटेड वेल्थ मैनेजर भी देता है ! जो बैंक से जुड़े आपके सारे काम देखता है !
कई बैंक वेतन खातों ( Salary Account ) पर लॉकर शुल्क ( Locker Charges ) माफ करते हैं ! अगर एसबीआई की बात करें तो बैंक सैलरी अकाउंट पर लॉकर चार्ज में 25 फीसदी तक की छूट मिलती है ! लेकिन अगर आपके डीमैट अकाउंट द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं बैंक को पता चले कि आपके खाते में कुछ समय से सैलरी नहीं आ रही है ! तो सारी सुविधाएं आपके पास वापस ले लिया जाएगा ! हुह ! ऐसे में आपका बैंक खाता सामान्य बचत खाते ( Saving Acccount ) की तरह चलता रहता है ! आपको अपने वेतन खाते में मुफ्त चेकबुक, पासबुक, नेट बैंकिंग की सुविधा मुफ्त में मिलती है ! इसके साथ ही सैलरी क्रेडिट होने पर एसएमएस के लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाता है !
Demat account open kaise karen? | ऑनलाइन डीमैट अकाउंट कैसे खोले?
क्या आप डिमैट अकाउंट के बारे में जानना चाहते हैं? और समझना चाहते हैं कि डीमेट अकाउंट क्या होता है और डीमेट अकाउंट कैसे काम करता हैं? तो इस आर्टिकल में आपको डीमैट अकाउंट द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं Demat account open kaise karen? तथा ऑनलाइन डीमैट अकाउंट कैसे खोले? डीमैट अकाउंट के फायदे और नुकसान क्या है? और इससे संबंधित अन्य सभी उपयोगी जानकारी प्राप्त होगी!
जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ रही है, वैसे वैसे हमें हमारी जिंदगी में भी बहुत सारे बदलाव देखने को मिल रहे हैं| कुछ समय पहले किसी भी कंपनी में निवेश करने के लिए या फिर उस कंपनी के Share को खरीदने के लिए हमें कुछ डॉक्यूमेंट दिए जाते थे, जिसमें यह लिखा होता था कि, हमने कितना निवेश किया है|
डीमेट अकाउंट क्या होता है? – What is Demat Account in Hindi?
जिस प्रकार आप अपने बचे हुए पैसे को बैंक के माध्यम से saving account में जमा करवाने के लिए बैंक में अपना अकाउंट ओपन करवाते हैं और उसके बाद बैंक द्वारा आपको एक passbook प्रदान की जाती है, जिसमें आपने कितने पैसे निकाले, साथ ही कितने पैसे जमा किए गए, इसके बारे में जानकारी होती है|
उसी प्रकार से जब कोई आदमी शेयर मार्केट या फिर स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहता है, तो उसे एक डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है| जिस तरह से पैसे की Saving करने के लिए बैंक अकाउंट की जरूरत होती है|
उसी तरह से शेयर मार्केट में पैसा निवेश करने वाले व्यक्ति को एक डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती है, जिसमें वह अपने द्वारा खरीदे गए shares या फिर stocks को online Digitaly Store करके रखता है और उसकी सुरक्षा भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से होती है|
Demat का हिंदी में अर्थ – Meaning of demat Account in hindi
डीमेट का पूरा नाम Dematerialize Account होता है. डीमेट के अंदर निवेशक की पूरी जानकारी होती है, शेयर या फिर स्टॉक में निवेश किए गए पैसे को भौतिक तौर पर Convert करने को Dematerialization कहा जाता है|
कुछ सालों पहले तक इसी प्रोसेस को डॉक्यूमेंट यानी की कागज के माध्यम से पूरा किया जाता था, परंतु बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी के कारण Demat Account चलन में आया और अब डिमैट अकाउंट का इस्तेमाल अधिकतर इन्वेस्टर कर रहे हैं Online Investment करने के लिए.
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक Documents
डिमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि आपकी उम्र 18 साल या उससे ऊपर होनी चाहिए| इसके अलावा आपके पास पासपोर्ट साइज के दो फोटो, बैंक अकाउंट नंबर, आधार कार्ड नंबर, राशन कार्ड नंबर, बिजली का बिल, ड्राइविंग लाइसेंस और पैन कार्ड, Cancel Cheque और Income Tax Return Proof भी होना चाहिए|
देश में मुख्य तौर पर दो संस्थाएं डिमैट अकाउंट खोलने का काम करती है,जिसमें से पहली संस्था है “National Security Deposit Limited” और दूसरी “Central Depository services Limited” संस्था है | भारत में इन दोनों संस्थानों की कम से कम 500 से भी ज्यादा Sub Branch हैं, जिनमें Zeeodha, Angel Broking, Sharekhan broking, Oswal broking, up stock जैसी संस्था शामिल है| यहां पर हम आपको “Zerodha में Demat” अकाउंट कैसे खोलते हैं, इसके बारे में बता रहे हैं|
डीमैट अकाउंट द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं
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सारस्वत बैंक और एक्सिस सिक्योरिटीज के बीच गठजोड
भारत के सबसे बड़ा शहरी सहकारी बैंक सारस्वत बैंक ने ग्राहकों को 3-इन-1 खाता (बचत, डीमैट और ऑनलाइन ट्रेडिंग) ऑफर करने के लिए एक्सिस बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक एक्सिस सिक्योरिटीज के साथ हाथ मिलाया हैं. इस गठजोड़ के साथ, सारस्वत बैंक के ग्राहक आसानी से बैंकिंग और ट्रेडिंग लेनदेन का सही मिश्रण कर सकते हैं.
3-इन-1 खाता मूल रूप से बचत बैंक खाते, डीमैट खाते और ट्रेडिंग खाते को एकीकृत करता है. 3-इन-1 खाते में बैंक बचत खाता, केंद्रीय डिपॉजिटरी NSDL और CDSL में से किसी एक के साथ डीमैट खाता और विभिन्न वित्तीय साधनों को खरीदने और बेचने के लिए एक ट्रेडिंग खाता शामिल डीमैट अकाउंट द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं है. सभी खाते एक ब्रोकर द्वारा संयुक्त रूप से खोले जाते हैं.
कौन ऑफर करता हैं ऐसा खाता
आम तौर पर बैंक और ब्रोकिंग कंपनियों द्वारा 3-इन-1 खातों की पेशकश की जाती है. विभिन्न बैंको ने इस सुविधा के लिए HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, कोटक सिक्योरिटीज और एक्सिस सिक्योरिटीज के साथ गठजोड किया हैं. सभी प्रमुख बैंक SBI, ICICI, एक्सिस, कोटक, HDFC इत्यादि, जिनके समूह में ब्रोकरेज कंपनी है, वे 3-इन-1 खातों की पेशकश करते हैं.
यह सुविधा से ग्राहक जल्दी से फंड ट्रांसफर कर सकते हैं, कागजी कार्रवाई कम हो जाती हैं. इसके अलावा इक्विटी, डेरिवेटिव, करेंसी, कमोडिटीज, MF, IPO आदि जैसे विभिन्न निवेश साधनों में निवेश करने के लिए एक कम्प्रेहेंसिव प्लेटफॉर्म मिलता हैं.
कैसे चुनें बेस्ट 3-इन-1 खाता
अधिकांश 3-इन-1 खातों की विशेषताएं समान हैं. हालांकि, सबसे अच्छा 3-इन-1 खाता चुनते समय विचार करने के लिए कुछ कारक हैं
क्या 3-इन-1 खाते के लिए आपको मासिक, त्रैमासिक या वार्षिक शेष राशि बनाए रखने की आवश्यकता है? ज्यादातर मामलों में, बचत खाता एक शून्य शेष (zero balance) खाता है और इसके लिए किसी शेष राशि को बनाए रखने की आवश्यकता नहीं होती है. हालांकि, कुछ बैंक आपके ट्रेडिंग खाते में न्यूनतम ट्रेडिंग गतिविधि का एक क्लॉज लगाते हैं. यदि आप न्यूनतम ट्रेडिंग गतिविधि नहीं करते हैं तो आपका बैंक खाता शून्य शेष से न्यूनतम शेष (minimum balance) खाते में परिवर्तित किया जा सकता है.
ब्रोकरेज शुल्कः
ब्रोकरेज शुल्क ब्रोकर से ब्रोकर में भिन्न होता है. इसलिए अपना 3-इन-1 खाता चुनने से पहले ब्रोकरेज शुल्क की तुलना करें. बैंक आपको फ्री में अकाउंट खोलने का ऑफर करता हैं, लेकिन इक्विटी फ्यूचर्स ट्रेडिंग के लिए ब्रोकरेज शुल्क लगाता हैं. BSE, NSE और MCX में ऑप्शंस, करेंसी F&O और कमोडिटी फ्यूचर्स में प्रति ट्रेड करीब 20 रूपये ब्रोकरेज शुल्क लागू होता हैं.
सभी ब्रोकरेज कंपनियां इक्विटी, डेरिवेटिव्स, करेंसी और कमोडिटीज आदि जैसे सभी सेगमेंट में ट्रेडिंग की सुविधा नहीं देती हैं. इसलिए सुनिश्चित करें कि जिस बैंक में आप 3-इन-1 अकाउंट खोल रहे हैं, वह आपकी पसंद के सेगमेंट में ट्रेडिंग की सुविधा देता है.