सही ब्रोकर कैसे चुनें?

स्टॉक ब्रोकर क्या है और शेयर ब्रोकर के प्रकार (Stock Broker in Hindi)
Stock Broker Kya Hai In Hindi: अगर आप शेयर मार्केट के बारे में सीखना चाहते हैं तो इससे जुड़े छोटे – छोटे टर्म के बारे में जानकारी प्राप्त करें, इनके बारे में जानकारी होना आपके वित्तीय बुद्धि को मजबूत बनाती है. शेयर बाजार से जुडी एक ऐसी ही टर्म है जो कि बहुत महत्वपूर्ण है वह है स्टॉक ब्रोकर. जिसके बारे में हम आपको आज के लेख में जानकारी देंगे.
आज के इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Stock Broker क्या है, स्टॉक ब्रोकर कितने प्रकार के होते हैं, स्टॉक ब्रोकर कैसे काम करता है और स्टॉक ब्रोकर कैसे बनें.
शेयर मार्केट में स्टॉक ब्रोकर का रोल सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि निवेशक सीधे तौर पर शेयर बाजार में निवेश नहीं कर सकता है. ब्रोकर के द्वारा ही निवेशक शेयर बाजार में शेयर को खरीद और बेच सकता है. शेयर खरीदने और बेचने के लिए ब्रोकर कुछ प्रतिशत चार्ज अपने ग्राहकों से करते हैं जिससे उनकी कमाई होती है.
अगर आप स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा अंत तक पढ़ें, इसमें हमने आपको स्टॉक ब्रोकर के बारे में बहुत उपयोगी जानकारी प्रदान करवाई है. तो चलिए आपका अधिक समय न लेते हुए शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं Share Broker क्या है हिंदी में.
फाइनेंशियल इन्टरमीडियरीज
शेयर बाजार में आपके एक शेयर खरीदने से ले कर उस शेयर के आपके डीमैट एकाउंट में आने तक कई तरह की सही ब्रोकर कैसे चुनें? कॉरपोरेट एंटिटीज (Corporate Entities) यानी कई संस्थाएं बैकएंड में काम कर रही होती हैं, जिससे ये काम सही तरीके से हो जाए। पर्दे के पीछे काम कर रहीं ये एंटिटीज सेबी के कायदे कानूनों के मुताबिक आपके सौदे को मुमकिन बनाती हैं जिससे आपको कोई दिक्कत न हो। इन एंटिटीज को फाइनेंशियल इन्टरमीडियरीज (Financial Intermediaries) के नाम से जाना जाता है।
ये इन्टरमीडियरीज एक दूसरे के काम पर निर्भर होती हैं और एक साथ मिल कर वो इकोसिस्टम तैयार करती हैं जिसके बिना वित्तीय बाजार का चलना असंभव है। इस अध्याय में आपको इन इन्टरमीडियरीज के बारे में बताया जाएगा।
3.2 शेयर दलाल/स्टॉक ब्रोकर (The Stock Broker)
ब्रोकर या दलाल शायद शेयर बाजार का सबसे महत्वपूर्ण इन्टरमीडियरी है, इसके बारे में जाने बगैर आपका काम नहीं चलेगा। ये एक कॉपोरेट एंटिटी (Corporate Entity) है जो शेयर एक्सचेंज में ट्रेडिंग मेंबर के तौर पर रजिस्टर्ड होते हैं और इनके पास स्टॉक ब्रोकिंग का लाइसेंस होता है। और ये सेबी के नियमों के तहत काम करते हैं।
एक तरह से स्टॉक ब्रोकर आपके लिए शेयर बाजार का दरवाजा है। शेयर बाजार में आने के लिए आपको किसी ब्रोकर के पास ट्रेडिंग एकाउंट खोलना जरूरी होता है। आप ब्रोकर अपनी मर्जी से या अपनी पसंद का चुन सकते हैं।
आपका ट्रेडिंग एकाउंट आपके ब्रोकर के पास होता है जिसके जरिए आप शेयर खरीद या बेच सकते हैं।
तो मान लीजिए कि आपने ट्रेडिंग एकाउंट खोल लिया है और आप कोई सौदा करना चाहते हैं जिसके लिए आपको अपने ब्रोकर से संपर्क करना है तो इसके क्या तरीके हैं?
- आप खुद ब्रोकर के ऑफिस में जाएं और वहां बैठे डीलर से मिल कर उसे बताएं कि आपको क्या सौदा करना है। डीलर वहां इस तरह के ऑर्डर को पूरा करने के लिए ही बैठता है।
- आप अपने ब्रोकर को फोन कर सकते हैं, अपनी पहचान, क्लायंट कोड जैसी जानकरी देने के बाद अपना ऑर्डर बता सकते हैं। इसके बाद डीलर आपके सौदे को पूरा करेगा। फिर आपको फोन पर ही बता देगा कि आपका ऑर्डर पूरा हो गया।
- आप खुद भी सौदा कर सकते हैं। एक ट्रेडिंग टर्मिनल साफ्टवेयर के जरिए। आपको अपने कम्प्यूटर पर सिर्फ लॉग इन करना होगा और आप खुद शेयर की लाइव (LIVE) यानी उस वक्त की कीमत देख सकेंगे और ऑर्डर कर सकेंगे। इसीलिए ये सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला तरीका है।
ब्रोकर आपको कुछ जरूरी सुविधाएं देता है, जैसे:
- बाजार में शेयर खरीदने बेचने की सुविधा।
- ट्रेडिंग के लिए मार्जिन। इसकी हम बाद में विस्तार से चर्चा करेंगे।
- अगर फोन पर ट्रेडिंग करनी है तो वहाँ ब्रोकर आपको मदद करेगा। साथ ही सॉफ्टवेयर का सपोर्ट भी जिससे आपके ट्रेडिंग में दिक्कत ना आए।
- हर सौदे का कॉन्ट्रैक्ट नोट जारी करना। ये नोट उस दिन के सौदे का लिखित प्रमाण होता है।
- आपके बैंक एकाउंट और ट्रेडिंग एकाउंट के बीच पैसा ट्रांसफर करना।
- बैक ऑफिस का लॉग इन बनाना, जिससे आप अपने एकाउंट की पूरी जानकारी देख सकें।
- अपनी तरफ से दी गयी इन सुविधाओं के लिए ब्रोकर आपसे एक फीस लेता है जिसे ब्रोकरेज चार्ज कहते हैं। हर ब्रोकर के यहां ये फीस अलग अलग होती है। आपको वो ब्रोकर चुनना होता है जहाँ फीस और सुविधाओं का सही संतुलन हो।
3 .3 डिपॉजिटरी और डिपॉजिटरी पॉर्टिसिपेंट (Depository and Depository Participants)
जब आप कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो उसके कागज संभाल कर रखते हैं जिसे समय आने पर आप दिखा सकें कि आपने कब और कहाँ से उसे खरीदा था। इसलिए कागज को सुरक्षित जगह पर रखना महत्वपूर्ण होता है।
इसी तरह जब आप शेयर खरीदते हैं (जो कि वास्तव में उस कंपनी में आपकी हिस्सेदारी है) तो आपको अपनी हिस्सेदारी साबित करने के लिए शेयर सर्टिफिकेट को संभाल कर रखना होता है। क्योंकि उसी में सारी जानकरी लिखी होती है कि आपके पास कंपनी का कितना हिस्सा है।
1996 तक शेयर सर्टिफिकेट कागज का होता था। लेकिन उसके बाद से शेयर सर्टिफिकेट डिजिटल तरीके से जारी होने लगा। कागज के शेयरों को डिजिटल में बदलने की प्रक्रिया को डीमैटेरियलाइजेशन (Dematerialization) कहा जाता है जिसे छोटे में डीमैट (DEMAT) कहा जाने लगा।
1996 के बाद इन डीमैट शेयरों को डिजिटली रखने की जरूरत आ पड़ी और तब से एक डीमैट एकाउंट जरूरी हो गया। डीमैट एकाउंट की सुविधा देने के लिए डिपॉजिटरी को बनाया गया। डिपॉजिटरी आपके डीमैट एकाउंट आपके सभी शेयरों को डिजिटल फॉर्म में रखने का काम करती है। इसे आप अपनी डिजिटल तिजोरी भी मान सकते हैं।
आपके ब्रोकर के पास खोला गया ट्रेडिंग एकाउंट और डिपॉजिटरी के पास खुला डीमैट एकाउंट आपस में जुड़े होते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर आप इन्फोसिस का शेयर खरीदना चाहते हैं तो आप अपने ट्रेडिंग एकाउंट पर लॉग इन करेंगे, अपनी कीमत डालेंगे और खरीदने का ऑर्डर डालेंगे और शेयर खरीद लेंगे। यहाँ आ कर ट्रेडिंग एकाउंट का काम खत्म। इसके बाद इन्फोसिस का शेयर अपने आप आपके डीमैट एकाउंट में आ जाएगा।
इसी तरह बेचते समय आपको शेयर की कीमत और ऑर्डर ट्रेडिंग एकाउंट पर डालना होगा और शेयर आपके डीमैट एकाउंट से अपने आप निकल जाएंगे।
अभी देश में डीमैट एकाउंट की सर्विस देने वाली सिर्फ दो डिपॉजिटरी हैं। एन एस डी एल (NSDL) यानी नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (The National Securities Depository Limited) और सी डी एस एल (CDSL) यानी सेन्ट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (Central Depository Services- India- Limited)। दोनों मे एक जैसी सर्विस मिलती है और दोनों सेबी के नियमों के तहत काम करती हैं।
जैसे आप शेयर ट्रेडिंग एकाउंट खोलने के लिए ब्रोकर के पास जाते हैं, NSE या BSE नहीं, उसी तरह डीमैट एकाउंट खोलने के लिए आप NSDL या CDSL के पास नहीं किसी डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (Depository Participant- DP) के पास जाएंगे। ये DP आपका एकाउंट खोलने के लिए डिपॉजिटरी के एजेंट की तरह काम करते हैं और सेबी के नियमों के अधीन होते हैं।
3.4 बैंक (Banks)
शेयर बाजार के मामले में बैंक की भूमिका काफी सीधी होती है। ये बैंक से ट्रेडिंग एकाउंट और ट्रेडिंग एकाउंट से बैंक के बीच पैसों का ट्रांसफर करते हैं। इसके लिए ट्रेडिंग एकाउंट और बैंक एकाउंट में एक ही नाम होना जरूरी है।
आप अपने कई बैंक एकाउंट अपने ट्रेडिंग एकाउंट से जोड़ सकते हैं। जैसे जेरोधा (Zerodha) पर एक प्राइमरी बैंक एकाउंट और तीन सेकेंडरी बैंक एकाउंट आपके ट्रेडिंग एकाउंट से जोड़ने की सुविधा है। आप शेयर खरीदने के लिए पैसे इनमें से किसी भी बैंक एकाउंट से डाल सकते हैं। लेकिन बेचते समय पैसे सिर्फ प्राइमरी बैंक एकाउंट में ही जाएंगे। आपका प्राइमरी बैंक एकाउंट आपके ट्रेडिंग एकाउंट, डिपॉजिटरी और रजिस्ट्रार एंड ट्रांसफर एजेंट (Registrar and transfer agents- RTA) से भी जुड़ा होता है।
तो ट्रेडिंग, बैंक और डिपॉजिटरी एकाउंट आपस में इलेक्ट्रानिक तरीके से जुड़े होते हैं जिससे आप आसानी से सौदे कर सकें।
3.5 एन एस सी सी एल (NSCCL) और आई सी सी एल (ICCL)
नेशनल सेक्योरिटीज क्लियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (National Security Clearing Corporation Limited- NSCCL) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)की और इंडियन क्लियरिंग कारपोरेशन लिमिटेड BSE यानी बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज की सब्सिडियरी हैं। इनका काम है एक्सचेंज पर होने वाले हर सौदे का सेटेलमेंट करना। अगर आपने बॉयोकॉन का एक शेयर 446 के भाव पर खरीदा है तो किसी ने आपको ये शेयर 446 रूपए में बेचा होगा। क्लियरिंग कॉरपोरेशन का काम ये सुनिश्चित करना है कि शेयर बेचने वाले के डीमैट एकाउंट से निकल कर खरीदने वाले के सही ब्रोकर कैसे चुनें? डीमैट एकाउंट में पहुंच जाए। और पैसे खरीदने वाले के बैंक से निकल कर बेचने वाले के बैंक एकाउंट में। तो कुल मिलाकर क्लियरिंग कॉरपोरेशन किसी भी सौदे में ये काम करता है:
- खरीदार और बेचने वाले की पहचान करना और उनके एकाउंट में पैसे और शेयर का हिसाब किताब जोड़ना।
- ये पक्का करना कि सौदा पूरा हो और कोई भी पार्टी सौदे से पीछे ना हट जाए।
वैसे किसी भी निवेशक के लिए क्लियरिंग कॉरपोरेशन के बारे में बहुत विस्तार से जानना जरूरी नहीं है। उसे कभी सीधे इनसे काम नहीं पड़ने वाला। उसे सिर्फ इतना पता होना चाहिए कि एक प्रोफेशनल संस्था पूरे नियम कानूनों के साथ ये काम कर रही है।
स्टॉक मार्केट की निवेश पाठशाला 1 : घर बैठे करें निवेश, होती है मोटी कमाई
देश में स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। लेकिन अभी भी कई लोगों को नहीं पता है कि शेयर बाजार में निवेश कैसे किया जाता है। हालांकि यह काफी आसान है। अगर इंटरनेट पर काम करने की आदत है तो यह पूरा काम ऑनलाइन घर बैठे ही किया जा सकता है। वहीं अगर इंटरनेट पर काम करने के आदी नहीं हैं, तो किसी किसी ब्रोकर की मदद से इस काम को आसानी से किया जा सकता है। आजकल ब्रोकर निवेशकों को हर तरह की सुविधा फोन पर भी उपलब्ध करा रहे हैं।
किन दस्तावेजों की पड़ती है जरूरत
शेयर बाजार में निवेश करने से पहले एक डीमैट खाता और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ता है। इसके लिए पैन कार्ड, आधार कार्ड, कैंसिल चेक और फोटो की जरूरत पड़ती है।
इन बातों का रखें ध्यान
अच्छा ब्रोकर चुनें : देश में कई बड़े-बड़े ब्रोकर हैं। इनके कार्यालय ज्यादातर शहरों में हैं। लोगों इन ब्रोकर की साइट पर जाकर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की रिक्वस्ट कर सकते हैं। इसके बाद आपके पास एक फोन आएगा और आपसे मिलने का समय तय करेगा। इसी दौरार यह दस्तावेजों के बारे में जानकारी भी देता है।
ऑन लाइन और ऑफ लाइन का विकल्प चुने : जब ब्रोकर का प्रतिनिधि आता है तो पहला सवाल होता है कि शेयर बाजार में निवेश के लिए अकाउंट ऑनलाइन खोलना है या ऑफ लाइन। ऑन लाइन अकाउंट में निवेशक घर से इंटरनेट के माध्यम से शेयर खुद ही खरीद सकता है। लेकिन इस अकाउंट में यह भी सुविधा होती है कि आप फोन के माध्यम से भी शेयर की खरीदारी कर सकते हैं। वहीं ऑफ लाइन अकाउंट में शेयरों की खरीदारी केवल ब्रोकर के आफिस में जाकर या फोन पर ही की जा सकती है। इस कारण ऑन लाइन अकाउंट ज्यादा अच्छा माना जाता है जिसमें ऑफ लाइन अकाउंट की भी सभी सुविधाएं होती हैं।
डिटेल सही दें: डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलते वक्त आपका मोबाइल नम्बर और ईमेल लिया जाता है। यह जानकारी सही होनी चाहिए। क्योंकि ब्रोकर और स्टॉक एक्सचेंज हर ट्रेड की जानकारी मेल और मोबाइल नंबर पर देते हैं। अगर यह जानकारी सही होगी तो आपके अकाउंट के साथ कोई भी गड़बड़ी नहीं कर सकेगा। अगर कभी ईमेल या मोबाइल नंबर में आप बदलाव करते हैं तो उसकी जानकारी अपने अकाउंट में अपडेट करा सकते हैं।
क्या होता है ट्रेडिंग खाता
ट्रेडिंग खाते के माध्यम से ही आप शेयरों की खरीद या बिक्री करते हैं। इस खाते में ही पैसे भी रखे जाते हैं। अगर आप चाहें तो इस खातें में शेयर खरीदने के बाद बचे पैसे को अपने बैंक अकाउंट में ट्रासंफर कर सकते हैं।
जाने पैसे ट्रांसफर करने का तरीका
अगर आप शेयर खरीदना चाहते हैं तो आपको इसके लिए पैसे ट्रेडिंग अकाउंट में ट्रांसफर करने होते हैं। यह पैसा आप ऑनलाइन या चेक और ड्राफ्ट से ही अपने ट्रेडिंग खाते में ला सकते हैं। कोई भी ब्रोकर यह पैसा नकद नहीं ले सकता है।
ब्रोकरेज की बारे में जानें पूरी बात
शेयर खरीदने और बेचने के दौरान निवेशकों को फीस देनी होती हैं। यह कंपनियां अपने हिसाब से तय करती हैं। आमतौर पर यह 1 फीसदी से कम होती है। इसलिए जब भी अकाउंट खुलवाएं तो ब्रोकरेज की जानकारी जरूर कर लें।
एक्सपर्ट की राय
शेयरखान के वाइस प्रेसिडेंट मृदुल कुमार वर्मा की राय है कि लोगों के पास एक डीमैट अकाउंट जरूर होना चाहिए। इसमें शेयर और म्युचुअल फंड के अलावा टैक्स सेविंग बांड से लेकर कंपनियों की एफडी तक को खरीद कर रखा जा सकता है। इसके अलावा अगर किसी को अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाए डीमैट में रखे शेयर, म्युचुअल फंड, बांड या कंपनियों की एफडी के बदले तुरंत ही लोन भी लिया जा सकता है। ऐसा इसलिए होता है कि इनको ऑनलाइन गिरवी रखने की सुविधा भी होती है।
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भारत में चॉइस stock ब्रोकरेज फर्म के लिए
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1.ब्रोकरेज शुल्क:
ब्रोकर ब्रोकरेज शुल्क चुनते समय ब्रोकर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है क्योंकि ब्रोकर ब्रोकरेज शुल्क लगाने में लाभदायक हो जाता है। ब्रोकरों द्वारा फिक्स्ड / फ्लेक्सिबल (प्रतिशत प्रतिशत और फ्लैट / फिक्स्ड चार्जेज) ब्रोकरेज चार्ज पॉलिसीज हैं। इस पैरामीटर के आधार पर विपरीत साइट के रूप में दिए गए सर्वश्रेष्ठ चार अनुशंसित हैं।
2. आदेश सुविधाएं:
ऑर्डर के प्रकार जो व्यापारियों को उनकी ट्रेडिंग शैली दिन/डिलीवरी के अनुसार ऑनलाइन/ऑफ़लाइन ऑर्डर की सुविधा के अनुसार लचीलापन प्रदान करते हैं। आजकल कुछ ब्रोकर सबसे उन्नत ऑर्डर सुविधा प्रदान करते हैं जैसे ट्रेलिंग स्टॉप लॉस और लक्ष्य ऑर्डर समान मार्जिन जो सुरक्षित दिन व्यापारी और स्वतंत्रता
3. पारदर्शिता/समर्थन:
व्यापारी के प्रति आश्वस्त होने के कारक के लिए समय पर समर्थन और उपयोगिता महत्वपूर्ण है
या इसके साथ भारतीय बाजार के दलालों ने भारतीय व्यापारी के लिए अपने सर्वोत्तम, निम्न और सस्ते ब्रोकरेज और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का चयन करने की तुलना की। हमारा उद्देश्य खुदरा व्यापारियों को अत्याधुनिक तकनीक कम दलालों के लिए उनके सबसे भरोसेमंद ब्रोकर प्रदान करना है। खासकर अब डिस्काउंट ब्रोकर, सभी सेगमेंट के साथ भारतीय शेयर बाजार में शामिल हो गया है। हमने भारतीय निवेशकों को उनके ब्रोकर, ट्रेडिंग सुविधाओं और स्टॉक, कमोडिटी मार्केट की अन्य खबरों को समझने की कोशिश की।हमने उन व्यापारियों और निवेशकों के लिए सर्वोत्तम जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया, जो अपने ज्ञान में सुधार करना चाहते हैं। यहां हम उपलब्ध भारतीय स्टॉक ब्रोकरों की ब्रोकरेज योजनाओं और विदेशी मुद्रा ब्रोकरेज कंपनियों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा की निष्पक्ष समीक्षाओं की समीक्षा के लिए एक मंच प्रदान करते हैं। इसके अलावा, बाजार विशेषज्ञों के सम्मानित दृष्टिकोण, व्यापारियों की समीक्षा और स्वतंत्र विशेषज्ञों की रेटिंग आपको रुचि की ब्रोकर कंपनियों और उनकी गतिविधि का अपना उद्देश्य मूल्यांकन करने में मदद करेगी।
निफ्टी फ्रेंड को उन लोगों की सहायता के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो ट्रेडिंग करते समय एक उच्च रिटर्न देना चाहते हैं, लेकिन इस बीच सफलतापूर्वक ट्रेड करने के लिए ज्ञान या समय की कमी के कारण इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। आपके द्वारा खाता खोलने और व्यापार शुरू करने से पहले हम आपको विदेशी मुद्रा बाजार में संचालन की विशेषताओं को समझने, इसकी गतिशीलता और बिक्री के माहौल के चरित्र को महसूस करने में सहायता करेंगे। आवश्यक जानकारी और अनुभव रखने के बाद हम आपके मामलों की वर्तमान स्थिति को बेहतर बनाने में सक्षम होंगे।4. लेनदेन शुल्क/अन्य शुल्क:
यह शुल्क संबंधित एक्सचेंज (बीएसई/एनएसई/एनसीडीईएक्स/एमसीएक्स आदि) द्वारा लगाया जाता है और टर्न ओवर एक्सचेंज के आधार पर इन शुल्कों को ठीक करता है। कुछ डिस्काउंट ब्रोकर बहुत कम ब्रोकरेज शुल्क प्रदान करते हैं, हालांकि व्यापारी को लेनदेन की जांच करनी चाहिए जो व्यापार के कुल कारोबार पर प्रबंधित होता है।
Share Market For Beginners Full Details In Hindi
नया निवेशक शेयर बाजार में कैसे निवेश प्रारम्भ कर सकता है?
बहुत से लोग हैं जो निवेश करने के इच्छुक हैं, किन्तु शेयर बाजार में निवेश करना नहीं जानते हैं। Share Market For Beginners लेख के माध्यम से, वे शेयर बाजार में निवेश की प्रक्रिया को सीख सीखेंगे कि एक शुरुआत करने वाला शेयर बाजार में निवेश कैसे प्रारम्भ कर सकता है। यह पोस्ट थोड़ी लंबी हो सकती है क्योंकि हम उन सभी बुनियादी बातों को बताने की कोशिश कर रहे हैं जो एक शुरुआती निवेशक को निवेश करने से पहले पता होनी चाहिए। सुनिश्चित करें कि आप लेख को अंत तक पढे। Share Market In Hindi के बारे में सभी ने सुना होगा मगर वहां क्या होता है इसका ज्ञान हर किसी को नहीं है। इसलिए मैं आज आपको शेयर बाजार क्या है और Share Market For Beginners In Hindi के बारे में बताने जा रहा हूँ।
Share Market में निवेश शुरू करने के लिए आवश्यक है-
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपको जिन चीजों की आवश्यकता होगी, वे हैं:
- बैंक बचत खाता (Saving Account)
- ट्रेडिंग और डीमैट खाता (Demat Account)
- कंप्यूटर/लैपटॉप/मोबाइल (Computer/Laptop/Mobile)
- इंटरनेट कनेक्शन (Internet)
हम उम्मीद करते है कि आप सब के पास अपना Saving Account जरूर होगा और Computer, Laptop या Mobile में से एक चीज़ आप के पास जरूर होगी।
Demat खाता खोलने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरुरत होती है:
- पैन कार्ड ( Pancard)
- आधार कार्ड (Adhaar Card For Address Proof)
- रद्द चेक/बैंक स्टेटमेंट/पासबुक (Cheque/Bank Statement/Passbook)
- पासपोर्ट साइज फोटो (Passport Photo)
आप अपना बचत खाता किसी भी निजी/सार्वजनिक भारतीय बैंक में खुलवा सकते हैं।
ये समस्त दस्तावेज आपके पास होने चाहिये अन्यथा आपको Demat Account को Open करने में बाधा आयेगी।
नए निवेशकों के लिए सलाह (Advice For The Beginners) :
जो अभी-अभी निवेश की दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं, उन्हें कुछ बातों में सावधान रहना चाहिए।
A) केवल अपने अतिरिक्त/सरप्लस फंड का निवेश करें :-
केवल उस राशि का निवेश करें जो आपके दैनिक जीवन को प्रभावित न करे। जितनी हानि उठाने की क्षमता हो उतना सही ब्रोकर कैसे चुनें? ही निवेश करें, खासकर जब आप नए हों और शेयर बाजार में निवेश करना सीख रहे हों।
B) कुछ नकदी (Cash) हाथ में रखें :-
अपना सारा पैसा निवेश करके, अपनी आजादी खोकर फंसें नहीं। वित्तीय स्वतंत्रता के नाम पर अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का त्याग न करें।
अब आप तैयार हैं, तो शेयर बाजार मे निवेश करना सीखने के लिए यहां सात चरण दिए गए हैं।
शेयर बाजार में निवेश कैसे करें? How To Invest In Share Market?
Step 1- अपने निवेश लक्ष्यों को स्पष्ट रखें :-
लक्ष्यों को ध्यान में रखकर शुरुआत करें। जानिए आप निवेश से क्या चाहते हैं?
क्या आप उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए अपने धन को बढ़ाना चाहते हैं? क्या आप किसी खास लक्ष्य के लिए निवेश करना चाहते हैं? या क्या आप दौलत बनाने के साथ-साथ शेयर बाजार के बारे में सीखना चाहते हैं?
यदि आप लक्ष्य-आधारित निवेश की शुरुआत कर रहे हैं, तो विभिन्न निवेश लक्ष्यों के लिए समय सीमा अलग-अलग होगी। आपका लक्ष्य हो सकता है नया घर खरीदना, नई कार, अपनी उच्च शिक्षा के लिए फंडिंग, बच्चों की शादी आदि। जब आप लक्ष्यों को जानते हैं, तो आप तय करते हैं कि आपको कितना मुनाफा चाहिए और आपको कितने समय तक निवेशित रहना है।
Step 2- योजना बनाएं :-
अब आप अपने लक्ष्यों को जानते हैं, तो आपको अपनी रणनीतियों को पर विचार करने की जरूरत है। आपको यह पता लगाने की आवश्यकता हो सकती है कि शेयर बाज़ार में आप एकमुश्त में निवेश करना चाहते हैं या एसआईपी (SIP) में निवेश करना चाहते हैं। यदि आप छोटे आवधिक निवेश की योजना बना रहे हैं, तो विश्लेषण करें कि आप मासिक कितना निवेश करना चाहते हैं।एक आम धारणा है कि निवेश आरंभ करने के लिए आपको बड़ी बचत की आवश्यकता होती है। आप छोटी मात्रा में धन से भी सुरूआत कर सकते हैं, यह निवेश की आदत बनाने के लिए पर्याप्त है।
Step 3- कुछ निवेश पुस्तकें पढ़े :-
शेयर बाजार में निवेश (Invest In Share Market For Beginners In Hindi) करने से पहले हर निवेशक को शेयर बाजार से सम्बंधित पुस्तकों को पढ़ना चाहिए। ये निवेशक को जागरूक और सावधान करने में सहायक हैं।
Step 4- सही स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker) चुनें :-
ब्रोकर चुनना सबसे बड़े कदमों में से एक है जिसे आपको लेने की आवश्यकता है। भारत में दो प्रकार के स्टॉक ब्रोकर हैं:
- पूर्ण-सेवा दलाल (Traditional Broker)
- डिस्काउंट दलाल (Discount Broker)
A) पूर्ण-सेवा दलाल (Traditional Broker)-
जो स्टॉक, वस्तुओं और मुद्रा के लिए व्यापार, रिसर्च और सलाह सुविधा प्रदान करते हैं। ये ब्रोकर अपने क्लाइंट द्वारा किए जाने वाले प्रत्येक ट्रेड पर कमीशन लेते हैं। वे विदेशी मुद्रा,mutual fund, IPO, FD, BOND और बीमा में निवेश की सुविधा भी देते हैं।
Ex- Icici direct, Kotak Security, Hdfc, Motilal Oswal आदि हैं।
B) डिस्काउंट ब्रोकर्स (Discount Broker)-
डिस्काउंट ब्रोकर सिर्फ अपने ग्राहकों के लिए ट्रेडिंग सुविधा प्रदान करते हैं। वे सलाह नहीं देते। वे कम ब्रोकरेज, Quick Service और Stock, Commodity और Dervatives में व्यापार के लिए एक अच्छा मंच प्रदान करते हैं।
Ex- Zerodha, Upstox, Angel Broking, 5 Paisa, Paytm Money, Groww आदि हैं।
आजकल ज्यादातर लोग डिस्काउंट ब्रोकर चुनने की सलाह देते है क्योंकि यह आपको बहुत सारे ब्रोकरेज शुल्क से बचाता है।
यदि आप एक नया ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की योजना बना रहे हैं तो आप Zerodha में अकाउंट खोल सकते हैं।
Link : Invest and trade with Kite by Zerodha, India’s largest retail stockbroker.
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Step 5- शेयरों पर रिसर्च करना शुरू करें और निवेश करें :-
यदि आप किसी कंपनी के उत्पाद या सेवाओं को पसंद करते हैं, तो उसकी मूल कंपनी के बारे में अधिक जानने के लिए रिसर्च करें, जैसे कि यह स्टॉक एक्सचेंज में Listed है या नहीं, इसकी वर्तमान शेयर कीमत क्या है, आदि। अधिकांश उत्पाद या सेवाएं जो आप दैनिक जीवन में उपयोग करते हैं – साबुन, शैम्पू, सिगरेट, बैंक, पेट्रोल पंप, सिम या आपके वस्त्रों से, सभी के पीछे एक कंपनी है। उनके बारे में रिसर्च करना शुरू करे। भारत में सभी सूचीबद्ध कंपनियों की जानकारी सार्वजनिक रूप से इन्टरनेट पर उपलब्ध है।
लोकप्रिय Large-Cap कंपनियों से शुरुआत करें। और एक बार जब आप बाजार में सहज हों, तो Mid-Cap और Small-Cap Comapanies में निवेश करें।
Step 6- अपने प्रदर्शन का Analysis करें :-
आप अपने स्टॉक को ट्रैक करने के लिए Excel या Google का उपयोग कर सकते हैं। इन्टरनेट पर अनेक Paltform उपलब्ध है जो शेयर बाज़ार (Share Market For Beginners In Hindi) में आपका Stock Analysis का काम आसान कर सकते है। किंतु आपको अपने पसंदीदा स्टॉक का गहन अध्ययन करना चाहिए जिससे आप सही स्टॉक को चुनने में सफल हो। इस टॉपिक पर हम आपको अपने अगले आर्टिकल में और विस्तृत जानकारी देने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा, कई वित्तीय वेबसाइट और मोबाइल ऐप भी हैं जिनका उपयोग आप स्टॉक पर नज़र रखने के लिए कर सकते हैं।
Step 7- Exit Plan की योजना :-
स्टॉक से बाहर निकलने के दो तरीके हैं। या तो प्रॉफिट बुक करके या लॉस में कटौती करके। केवल चार परिस्थितियों में आपको अपने पोर्टफोलियो में एक अच्छा स्टॉक बेचना चाहिए:
- जब आपको पैसों की सख्त जरूरत हो ।
- जब स्टॉक के फंडामेंटल बदल गए हों ।
- जब आपको निवेश का बेहतर अवसर मिले।
- जब आप अपने निवेश लक्ष्यों को प्राप्त कर लें।
अगर आपके निवेश लक्ष्य पूरे हो गए हैं, तो आप शेयरों से बाहर निकल सकते हैं। दूसरी ओर, यदि स्टॉक आपके जोखिम उठाने के स्तर के नीचे गिर गया है, तो स्टॉक से बाहर निकलें।