विदेशी मुद्रा भंडार में क्यों आ रही गिरावट

प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से भारतीय रुपया पिछले कुछ हफ्तों में कमजोर होकर नए सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है। पिछले हफ्ते रुपया इतिहास में पहली बार डॉलर के मुकाबले 83 रुपये के स्तर को पार कर गया था। इस साल अब तक रुपये में करीब 10-12 फीसदी तक की गिरावट आई है।
Forex Reserves: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो वर्षों के न्यूनतम स्तर पर, स्वर्ण भंडार भी घटा, एसडीआर बढ़ा
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बीते 21 अक्तूबर को घटकर दो वर्षों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है 524.520 बिलियन डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार में क्यों आ रही गिरावट हो गया है। उससे एक हफ्ते पहले की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार में 3.85 बिलियन डॉलर की कमी दर्ज की गई। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले 14 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 528.367 बिलियन डॉलर था। बता दें कि दो वर्ष पहले भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 577.00 बिलियन डॉलर था।
आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Assets) में 3.59 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर 465.075 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया।
देश का स्वर्ण भंडार (गाेल्ड रिजर्व) इस दौरान 247 मिलियन डॉलर की गिरावट के साथ 37.206 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि, आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights, एसडीआर) का मूल्य 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.440 अरब डॉलर हो गया।
लगातार 8वें सप्ताह घटा अपना विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए अब कितना रह गया
मुंबई: देश के फॉरेन करेंसी असेट में फिर कमी हुई है। यह लगातार 8वां सप्ताह है, जबकि इसमें गिरावट हुई है। इसका असर देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर दिखा है। तभी तो 23 सितंबर 2022 को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 8.134 अरब डॉलर की कमी हुई। यह अगस्त 2020 के बाद का न्यूनतम स्तर है। इससे पहले 16 सितंबर 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भी विदेशी मुद्रा भंडार में 5.22 अरब डॉलर की कमी हुई थी और यह घट कर 545 अरब डॉलर रह गया था।
फिर लगातार 8वें सप्ताह हुई है कमी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से मिली सूचना के अनुसार 23 सितंबर 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 8.134 अरब डॉलर घटकर 537.518 अरब डॉलर रह गया। इससे पहले बीते 16 सितंबर को भी यह 5.22 अरब डॉलर घट कर 545 अरब डॉलर रह गया था। पिछले महीने पांच अगस्त को समाप्त सप्ताह से यह लगातार घट रहा है। हालांकि, बीते 29 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान अपना विदेशी मुद्रा भंडार 2.4 अरब डॉलर बढ़ कर 573.875 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। उससे पहले देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार चार सप्ताह तक गिरावट हुई थी।
बीते 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण फॉरेन करेंसी असेट का घटना है। यह कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आरबीआई के शुक्रवार को जारी किये गये भारत के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा अस्तियां (FCA) 7.688 अरब डॉलर घटकर 477.212 अरब डॉलर रह गया। डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है।
स्वर्ण भंडार में भी हुई कमी
आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में स्वर्ण भंडार में भी कमी हुई है। अब इसका मूल्य 30 करोड़ डॉलर घटकर 37.886 अरब डॉलर पर आ गया है।
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Rupee Against Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपये में बढ़ रही है कमजोरी, ज्यादा रिटर्न के लिए कैसे तैयार करें पोर्टफोलियो
डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से भारतीय निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो रिटर्न को बढ़ाने में मदद मिलती है.
Rupee Against Dollar: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट आज भी जारी रही. शुरूआती कारोबार बाजार में डॉलर के मुकाबले में रुपया 82.66 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया. एक्सपर्ट्स की माने तो ग्लोबल मार्केट में जारी अनिश्चितता की वजह डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में आगे भी गिरावट जारी रह सकती है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि अगले कुछ दिनों में रुपया 83.50 के स्तर तक गिर सकता है. इस अनिश्चितता का असर न सिर्फ भारतीय करेंसी पर हो रहा, बल्कि दुनिया भर के देश इससे प्रभावित हो रहे हैं.
अब तक के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा रुपया
इससे पहले सोमवार को रुपया 82.40 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था. गिरावट का यह दौर इस साल जनवरी 2022 से जारी है. डॉलर लगातार रुपये के मुकाबले मजबूत हो रहा है और आने वाले दिनों में भी ऐसा ही जारी रह सकता है. रुपये को कमजोर होने से बचाने के लिए आरबीआई द्वारा विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले 2 सालों से कमी की जा रही है. इस साल अब तक विदेशी मुद्रा भंडार में 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है.
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यूएस फेड की सख्त आर्थिक नीतियो का असर
डॉलर में मजबूती के पीछे यूएस फेड अपनाई गए सख्त आर्थिक नीति को माना जा सकता है. इसके साथ ही अमेरिकी में जॉब की बढ़ती संख्या भी इसकी एक बड़ी वजह हो सकती है. फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में अभी और भी इजाफा किये जाने की उम्मीद है. डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती आने में अभी थोड़ा वक्त लग सकता है. ऐसे में अगर आप अपने बच्चों को किसी विदेशी स्कूल में भेजने के बारे में सोच रहे हैं, तो आप अमेरिकी शेयरों में निवेश करने या विदेशी विदेशी मुद्रा भंडार में क्यों आ रही गिरावट बैंक खाते में पैसा रखने के बारे में सोच सकते हैं. विदेशों में भेजे गए पैसो पर विदेशी मुद्रा भंडार में क्यों आ रही गिरावट RBI द्वारा Liberalized Remittance Scheme अपनाई जाती है. इस नीति के तहत नाबालिगों सहित सभी निवासियों को किसी भी वैध चालू या पूंजी खाता लेनदेन या दोनों के संयोजन के लिए हर फाइनेंशियल ईयर में 2,50,000 अमेरिकी डॉलर तक टैक्स फ्री ट्रांजेक्शन की परमिशन दी गई है.
भारत का विदेशी कर्ज 8.2 प्रतिशत बढ़कर हुआ 620.7 अरब डालर, घटकर 561 अरब डालर पर आया विदेशी मुद्रा भंडार
India external debt rises देश की मौजूदा आर्थिक सेहत को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को आंकड़े जारी किए गए। इन आंकड़ों के अनुसार देश का विदेशी कर्ज बढ़ा है जबकि विदेशी मुद्रा भंडार में भी कमी आई है।
नई दिल्ली, एजेंसी। भारत का विदेशी कर्ज मार्च, 2022 विदेशी मुद्रा भंडार में क्यों आ रही गिरावट के अंत में एक साल पहले की तुलना में 8.2 प्रतिशत बढ़कर 620.7 अरब डालर हो गया। वित्त मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश के इस बाहरी कर्ज का 53.2 प्रतिशत हिस्सा डालर के तौर पर है जबकि भारतीय रुपये के रूप में देय कर्ज 31.2 प्रतिशत है। यही नहीं देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का दौर जारी है। इसमें लगातार कमी आ रही है।
क्या कहते हैं आंकड़े
वित्त मंत्रालय ने कहा, 'भारत का बाहरी कर्ज सतत और बेहतर तरीके से प्रबंधित है। मार्च, 2022 के अंत में इसका आकार 620.7 अरब डालर था जो एक साल पहले की तुलना में 8.2 प्रतिशत अधिक है। जीडीपी के अनुपात में विदेशी कर्ज 19.9 प्रतिशत था। विदेशी मुद्रा भंडार और बाहरी कर्ज का अनुपात 97.8 प्रतिशत था।'
हालांकि बाहरी कर्ज के अनुपात के तौर पर विदेशी मुद्रा भंडार का 97.8 प्रतिशत पर होना एक साल पहले के 100.6 प्रतिशत की तुलना में गिरावट को दर्शाता है। वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट कहती है कि देश का दीर्घावधि कर्ज 499.1 अरब डालर है जो कुल बाहरी कर्ज का 80.4 प्रतिशत है जबकि 121.7 अरब डालर के साथ अल्पावधि ऋण की हिस्सेदारी 19.6 प्रतिशत है।
प्रवासी भारतीयों की जमा राशि घटी
एक साल पहले की तुलना में सावरेन कर्ज 17.1 प्रतिशत बढ़कर 130.7 अरब डालर हो गया जबकि गैर-सावरेन ऋण 6.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 490.0 अरब डालर रहा। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवासी भारतीयों की जमा राशि दो प्रतिशत घटकर 139.0 अरब डालर रह गई जबकि वाणिज्यिक उधारी 5.7 प्रतिशत बढ़कर 209.71 अरब डालर और अल्पावधि का व्यापार ऋण 20.5 प्रतिशत बढ़कर 117.4 अरब डालर रहा।
561 अरब डालर पर आया विदेशी मुद्रा भंडार
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का दौर लगातार जारी है और इसमें बीते तीन सप्ताह से कमी आ रही है। आरबीआइ के अनुसार, 26 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.007 प्रतिशत की गिरकर 561.046 अरब डालर रह गया है। इससे पहले 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में यह 6.68 अरब डालर घटकर 564.053 अरब डालर रह गया था।
10 महीने के आयात के लिए बचा है भंडार
डॉलर (Dollar) के मुकाबले रुपये में गिरावट आने के बाद से भारत के विदेशी मुद्रा कोष (Foreign Currency Reserves) में भी कमी आ रही है. स्टेट ऑफ इकोनॉमी रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास 6 मई तक विदेशी मुद्रा भंडार में 596 अरब डॉलर बचे हैं. इस भंडार से अगले 10 महीने तक केवल आयात किया जा सकता है.
मालूम हो कि जियोपॉलिटिकल फैक्टर के कारण पिछले 9 सप्ताह से विदेशी मुद्रा भंडार में क्यों आ रही गिरावट विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट ही देखी जा रही है. 24 फरवरी को जब रुस ने यूक्रेन पर हमला किया तब से विदेशी मुद्रा भंडार में 36 अरब डॉलर की कमी आयी है. मालूम हो कि पिछले साल सितंबर 2021 में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार अपने उच्चतम स्तर 642.51 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था. जिसके बाद से इसमें लगातार गिरावट आ रही है. रिजर्व बैंक के अनुसार, 6 मई को खत्म हुए सप्ताह में यह 1.774 अरब डॉलर घटकर 595.954 अरब डॉलर रह गया. यह लगातार आठवां हफ्ता था, जब देश के फॉरेक्स रिजर्व में गिरावट आयी है.