आपके पदों के तरल होने का खतरा कब है?

क्यों होता है ऐसा?
इसके कई कारण हो सकते हैं। आपके पदों के तरल होने का खतरा कब है? दिल से संबंधित बीमारियों, किडनी की समस्या, असंतुलित हार्मोन और स्टेरॉयड आपके पदों के तरल होने का खतरा कब है? दवाओं के सेवन की वजह से ऐसा हो सकता है। दरअसल इन सभी स्थितियों में हमारी किडनी सोडियम को संचित कर लेती है। हालांकि कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के एक सप्ताह पहले भी कुछ ऐसे ही लक्षण नजर आते हैं। इस दौरान ओइस्ट्रोजेन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है, जिसकी वजह से किडनी ज्यादा पानी रोकना शुरू कर देती है। हमारा भोजन और जीवनचर्या भी ओडिमा की वजह बन सकते हैं।
कुछ लोग अचानक क्यों हो जाते हैं बेहोश
बेहोशी जो ब्रेन में ऑक्सीजन की कमी की वजह से होता है आपके पदों के तरल होने का खतरा कब है? हालांकि बेहोशी के कारण पूरी तरह नहीं है, लेकिन कुछ ऐसे कारक हैं जो इसके लिए जिम्मेदार माने जाते हैं. हमें इनको जानना बेहद जरूरी है ताकी भविष्य में होने वाली परेशानियों से बचा जा सके.
लो ब्लडप्रेशर
बेहोशी का मेन कारण लो ब्लडप्रेशर (Low Blood Pressure) बताया जाता है. ये खास तौर से उन लोगों को ज्यादा होता है जो 65 से ज्यादा एज ग्रुप के होते हैं.
जब आपके शरीर में डिहाइड्रेशन (Dehydration) हो जाता है, आपके खून में तरल पदार्थ की मात्रा कम हो जाती है और ब्लड प्रेशर में कमी होने के कारण बेहोशी का खतरा बढ़ जाता है.
डायबिटीज
अगर आप एक डायबिटीज (Diabetes) के मरीज हैं तो आपके बेहोश होने के चांसेज ज्यादा हैं क्योंकि डायबेटिक होने पर आपको यूरिन ज्यादा आएगा जिससे आपको डिहाइड्रेशन होने का खतरा ज्यादा बना रहता है.
दिल की बीमारी भी बेहोश होने की एक अहम वजह मानी जाती है, क्योंकि ऐसा होने पर आपके दिमाग को होने वाली खून की सप्लाई पर असर पड़ता है. बेहोशी के इस प्रकार के लिए मेडिकल टर्मेनोलॉजी में कार्डियक सिंनकॉप कहा जाता है.
क्यों आ जाती है शरीर में सूजन
शरीर में सूजन का सामना कभी न कभी हर किसी को करना पड़ जाता है। स्थिति अधिक गंभीर होने पर इससे असहजता होती है, दर्द होता है और कई बार शर्मिंदगी भी। बहुत अधिक नमक के सेवन के अलावा शरीर में पोटैशियम की कमी सूजन की वजह हो सकते हैं।
एक ही रुटीन होने के बावजूद रातों-रात ऐसा क्या हो जाता है कि हमारे शरीर में सूजन आ जाती है। रोजाना जिस जीन्स को आप बड़ी बेफिक्री से पहन कर चल पड़ते हैं, उसका बटन तक बंद नहीं हो पाता। चिकित्सकीय भाषा में इस स्थिति को ओडिमा (आसान शब्दों में सूजन) कहते हैं। शरीर में पानी की अधिकता होना या यूं कह लें कि जब पर्याप्त मात्रा में पानी शरीर से बाहर नहीं निकल पाता, तभी ऐसी स्थिति बनती है। आज कम से कम 20 से 30 फीसदी लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं।
Pneumonia Symptoms & Gharelu Upay: हल्के में ना लें निमोनिया, बन सकता है मौत का कारण, जानें लक्षण और इससे बचने के घरेलू उपाय
Published: November 12, 2021 3:41 PM IST
Pneumonia Symptoms & Gharelu Upay: पिछले कुछ द्नों से बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण निमोनिया (Pneumonia ) का खतरा काफा ज्यादा बढ़ गया है. निमोनिया फेफड़ों से जुड़ा का एक आम इंफेक्शन है, जो बैक्टिरिया या वायरस के कारण हो सकता है. निमोनिया (Pneumonia ke gharelu upay) यूं तो काफी आम बीमारी है लेकिन अगर इसपर ध्यान नहीं दिया जाए तो इससे व्यक्ति की मौत भी हो सकती है.
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निमोनिया (Pneumonia ke gharelu Nuskhe), वायरस या बैक्टीरिया के कारण होने वाला श्वसन संक्रमण है, जिसके कारण एक या दोनों फेफड़ों के एयरसैक्स में सूजन आ जाती है. हवा की थैली तरल पदार्थ से भर जाती है, जिससे कफ या मवाद के साथ खांसी आने, बुखार, ठंड लगने आपके पदों के तरल होने का खतरा कब है? और सांस लेने में कठिनाई की समस्या हो सकती है. ऐसे में आइए जानते हैं निमोनिया के कारण, लक्षण और घरेलू उपायों आपके पदों के तरल होने का खतरा कब है? के बारे में-
सांस लेने में दिक्कत
मांसपेशियों में दर्द
निमोनिया से बचने के घरेलू उपाय (pneumonia Home Remedies)
शहद- एक कप पानी में एक चम्मच शहद मिला कर निमोनिया के मरीज को पिलाएं. शहद में एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल तत्व होते हैं. इसके साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट काफी मात्रा में पाया जाता है. यह निमोनिया में होने वाली खांसी को ठीक करता है.
मेथी- निमोनिया होने पर मेथी को उबाल कर पानी को छान लें और उसमें थोड़ा शहद मिला कर मरीज को पिलाएं. दिन में दो से तीन बार यह उपाय करने से बुखार में राहत मिलती है.
अदरक या हल्दी की चाय पिएं- निमोनिया में खांसी काफी होती है, जिससे सीने में दर्द हो जाता है. ऐसा माना जाता है कि निमोनिया में अगर अदरक या फिर हल्दी की चाय पी जाए, तो लगातार आ रही खांसी में काफी आराम मिलता है.
मेथी का बीज- मेथी का बीज भी निमोनिया रोग होने पर इसके लक्षणों को कम करने में कारगर होता है. एक गिलास पानी में थोड़ा सा मेथी बीज डालकर उबालें. पानी आधा हो जाए, तो इसे छान लें. स्वाद के लिए आप इसमें आधा चम्मच शहद मिला सकते हैं. जब मेथी का पानी गुनगुन हो जाए, तो इसे पिएं. इस हेल्दी ड्रिंक को आप दिन में एक से दो बार पिएं. मेथी के बीज में थेरेप्यूटिक गुण होते हैं, जो न्यूमोनिया के लक्षणों को कम करते हैं. फेफड़ों में होने वाली सूजन की समस्या को भी दूर करते हैं.
'Radiation'
साल 2011 में आई सुनामी (Tsunami) में फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट (Fukushima Nuclear Plant) खतरनाक तरीके से प्रभावित हुआ था. यहां से रेडिएशन लीक (Radiation Leak) होने लगा था और लाखों की संख्या में लोगों को विस्थापित होना पड़ा था.
कनाडा के ओंटारियो में वाटरलू यूनिवर्सिटी के एक साइंटिस्ट किंग-बिन लू ने इस ऑल सीजन ओजोन होल का खुलासा किया है।
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