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निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह

निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह
झुनझुनवाला की टाइटन में 5.1 फीसदी हिस्सेदारी है.

Jhunjhunwala Portfolio: झुनझुनवाला का यह शेयर इस साल 15% गिरा, निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट की सलाह?

Jhunjhunwala Portfolio: दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में शामिल टाटा ग्रुप के एक स्टॉक इस साल करीब 15 फीसदी कमजोर हुआ है.

Jhunjhunwala Portfolio: झुनझुनवाला का यह शेयर इस साल 15% गिरा, निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट की सलाह?

झुनझुनवाला की टाइटन में 5.1 फीसदी हिस्सेदारी है.

Jhunjhunwala Portfolio: दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) के पोर्टफोलियो में शामिल टाटा ग्रुप के स्टॉक टाइटन में इस साल 2022 में करीब 15 फीसदी की गिरावट आई है. ऐसे में निवेशकों को घबराहट हो रही है कि इसमें निवेश को लेकर क्या स्ट्रेटजी अपनाई जाए. हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह शेयर अभी 10 फीसदी ऊपर जा सकता है यानी कि मौजूदा भाव पर मुनाफा कमाने की गुंजाइश भी हो सकती है. टाइटन के शेयर आज बीएसई पर करीब 2143.65 रुपये के भाव पर हैं जबकि एक दिन पहले यह 2128.50 रुपये के भाव पर बंद हुआ था.

10 फीसदी मुनाफा कमाने का मौका

स्वास्तिक इंवेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा के मुताबिक करेक्शन के बाद टाइटन 2050 रुपये के आस-पास बेस बनाने की कोशिश कर रहा है. हालांकि 2300-2350 रुपये का लेवल क्रिटिकल रेजिस्टेंस एरिया के रूप में काम कर रहा है. ऐसे में अगर यह 2350 रुपये के लेवल को पार करता है तो इसमें आगे भी तेजी का रुझान दिख सकता है. हालांकि 2350 रुपये का भाव भी मौजूदा लेवल से 9 फीसदी से अधिक है. लेकिन यह शेयर अगर 2050 रुपये से नीचे फिसला, तो 1900 रुपये के लेवल पर इसे सपोर्ट मिलेगा. मीणा के मुताबिक अगर आपने यह शेयर खरीदा है तो इसे लांग टर्म के लिए होल्ड करें. मौजूदा लेवल पर निवेशक अपने पोर्टफोलियो में इसके शेयरों की संख्या बढ़ा भी सकते हैं.

LIC IPO: आम निवेशकों को इस मेगा इश्यू में निवेश करना चाहिए या नहीं, क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स, पढ़ें पूरी डिटेल

भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ (LIC IPO) बुधवार को खुल गया.

भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ (LIC IPO) बुधवार को खुल गया.

सरकारी जीवन बीमा कंपनी के मेगा पब्लिक इश्यू को निवेशकों का शानदार रिस्पॉन्स मिल रहा है. यह इश्यू आम निवेशकों के लिए निव . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : May 04, 2022, 14:26 IST

नई दिल्ली. बहुप्रतीक्षित एलआईसी का आईपीओ आखिरकार बुधवार 4 मई को बाजार में आ गया. सरकारी जीवन बीमा कंपनी के मेगा पब्लिक इश्यू को निवेशकों का शानदार रिस्पॉन्स मिल रहा है. आईपीओ के खुलने के शुरुआती घंटों में ही कर्मचारियों, पॉलिसीधारकों और खुदरा निवेशकों का काफी हिस्सा सब्सक्राइब हो गया.

इससे पहले 2 मई को एंकर निवेशकों ने इस इश्यू पर भरपूर प्यार लुटाया था. एंकर निवेशकों से 5,627 करोड़ रुपये एलआईसी ने जुटा लिए हैं. एंकर निवेशकों में 71 फीसदी हिस्सेदारी घरेलू म्यूचुअल फंडों ने खरीदी है. इस आईपीओ के जरिये अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 21,000 करोड़ रुपये जुटाने की सरकार की योजना है. यह इश्यू आम निवेशकों के लिए निवेश लायक सही है या नहीं, इस बारे में विशेषज्ञों और ब्रोकरेज फर्मों की क्या राय है, यह जानना भी जरूरी है.

आईसीआईसीआई डायरेक्ट

ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने एलआईसी के आईपीओ को कोई रेटिंग नहीं दी है. उसका कहना है कि भारतीय जीवन बीमा इंडस्ट्री में एलआईसी मार्केट लीडर है. विशाल डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और डायवर्सिफाइड प्रॉडक्ट की वजह से इसकी स्थिति काफी मजबूत है. 30 सितंबर 2021 के मुताबिक इसका एम्बेडेड वैल्यू 5.396 लाख करोड़ रुपये है. इश्यू के प्राइस निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह बैंड के ऊपरी स्तर के हिसाब से इसका एम्बेडेड वैल्यू 1.1 गुना है.

निर्मल बंग

निर्मल बंग ने एलआईसी के आईपीओ में निवेश की सलाह निवेशकों को दी है. इस ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि एलआईसी अपनी बाजार स्थिति और नए उत्पादों की लॉन्चिंग के जरिये लाभान्वित होने की ओर अग्रसर है. एलआईसी का मूल्यांकन निजी क्षेत्र के प्रतिस्पर्द्धियों की तुलना में काफी कम है. यह इश्यू काफी डिस्काउंट पर उपलब्ध है.

वेंचुरा सिक्योरिटीज

वेंचुरा सिक्योरिटीज ने प्राइस बैंड के ऊपरी स्तर पर इस इश्यू के लिए बोली लगाने की निवेशकों को सलाह दी है. इस इश्यू का प्राइस बैंड 902-949 रुपये तय किया गया है. एक लॉट 15 शेयरों का है यानी निवेशकों के लिए ऊपरी स्तर पर न्यूनतम 14,235 रुपये निवेश करना जरूरी है.

जीईपीएल और प्रोफिशिएंट इक्विटीज

जीईपीएल ने एलआईसी के इश्यू को ‘सब्सक्राइब’ रेटिंग दी है. उसका कहना है कि यह आईपीओ काफी आकर्षक है. कंपनी के शानदार नेटवर्क और दो अंकों की अपेक्षित वृद्धि को देखते हुए यह रेटिंग दी गई है. ब्रोकरेज फर्म का मानना ​​है कि एलआईसी का वैल्यूएशन वाजिब है. प्रोफिशिएंट इक्विटीज के फाउंडर और डायरेक्टर मनोज निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह डालमिया का कहना है कि एलआईसी की बड़ी बाजार हिस्सेदारी और एजेंट के बेहतरीन डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क की वजह से यह आईपीओ निवेशकों के लिए आकर्षक है. उनका मानना है कि इस इश्यू में लंबी अवधि के लिए निवेश करना ज्यादा फायदेमंद रह सकता है. छोटी अवधि के निवेशक लिस्टिंग तक के लिए इसकी बुकिंग कर सकते हैं.

जीसीएल सिक्योरिटीज के वाइस चेयरमैन रवि सिंघल का भी कहना है कि छोटी अवधि की बजाय लंबी अवधि के लिए इसमें निवेश करना ज्यादा फायदेमंद है.

(Disclaimer: यहां दी गई सलाह ब्रोकरेज हाउसेज की हैं. यदि आप आईपीओ में पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्‍टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके किसी भी तरह के लाभ या हानि के लिए News18 जिम्मेदार नहीं होगा.)

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आने वाले हफ्ते में कैसा रहेगा शेयर बाजार का हाल, जानें एक्सपर्ट्स क्या दे रहे हैं सलाह

इस हफ्ते घरेलू शेयर बाजारों की दिशा तिमाही नतीजों और वैश्विक रुझानों से तय होगी. इसके अलावा विदेशी पूंजी का प्रवाह भी बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगा.

आने वाले हफ्ते में कैसा रहेगा शेयर बाजार का हाल, जानें एक्सपर्ट्स क्या दे रहे हैं सलाह

TV9 Bharatvarsh | Edited By: राघव वाधवा

Updated on: Oct 16, 2022 | 8:31 PM

इस हफ्ते घरेलू शेयर बाजारों की दिशा तिमाही नतीजों और वैश्विक रुझानों से तय होगी. इसके अलावा विदेशी पूंजी का प्रवाह भी बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगा. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. उन्होंने कहा है कि रुपये में उतार-चढ़ाव और अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड में रुझान भी कारोबार को प्रभावित करेंगे.

दूसरी तिमाही के नतीजों का होगा असर

स्वस्तिका इन्वेस्टमेंट लिमिटेड में शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि बाजार की नजर दूसरी तिमाही के नतीजों और वैश्विक रुझानों पर होगी. उन्होंने आगे कहा कि इस हफ्ते कई वित्तीय कंपनियों और सीमेंट कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे जारी होने वाले हैं. वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बहुत है, जिसका असर हमारे बाजार पर भी पड़ सकता है.

मीणा ने कहा कि वैश्विक स्तर पर अमेरिका और चीन के व्यापक आंकड़े महत्वपूर्ण होंगे. इसके अलावा डॉलर सूचकांक, कच्चा तेल और अमेरिकी बॉन्ड के परिणामों पर भी नजर रखनी होगी. रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा कि एसीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, आईटीसी और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी बड़ी कंपनियां और कई अन्य कंपनियां नतीजे घोषित करने वाली हैं.

बैंक के नतीजे भी डालेंगे प्रभाव

HDFC बैंक ने शनिवार को सितंबर तिमाही के नतीजे घोषित किए. इनके मुताबिक फंसे कर्ज के लिए प्रावधान घटाने से उसका कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 22.30 फीसदी बढ़कर 11,125.21 करोड़ रुपये हो गया है. सैमको सिक्योरिटीज के बाजार आउटलुक प्रमुख अपूर्व सेठ ने कहा कि इस हफ्ते सारा ध्यान कंपनियों के तिमाही नतीजों पर रहेगा और भावी आय वृद्धि के बारे में जानना दिलचस्प रहने वाला है. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने अक्टूबर के पहले दो हफ्तों में भारतीय शेयर बाजारों से करीब 7,500 करोड़ रुपये निकाले हैं.

अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व और दुनिया भर के दूसरे केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति सख्ती की चिंताएं धारणा को प्रभावित कर रही हैं. डिपॉजिटरी के आंकड़े बताते हैं कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 2022 में अब तक 1.निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह 76 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं. भारतीय बाजार के सेंटिमेंट में विदेशी निवेशकों का बड़ा योगदान होता है. बीते सप्ताह निफ्टी में 0.74 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 17185 के स्तर पर बंद हुआ. बैंक निफ्टी 0.33 फीसदी की गिरावट के साथ 39305 के स्तर पर बंद हुआ.

Mutual Funds and Asset Allocation: म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय एसेट एलोकेशन कैसे करना चाहिए?

Mutual Funds and Asset Allocation: म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय एसेट एलोकेशन कैसे करना चाहिए?

  • Date : 03/12/2022
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म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय एसेट एलोकेशन पर क्या है एक्सपर्ट्स की राय?

कैसे करें एसेट एलोकेशन

Mutual Funds and Asset Allocation: आजकल बहुत से निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश करना पसंद करते हैं। म्यूचुअल फंड में निवेश करने से यह लाभ होता है कि निवेशक को पहले से तैयार डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो मिल जाता है। इसमें किए गए निवेश को प्रोफेशनल फंड मैनेजर्स प्रबंधित करते हैं। इसलिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय निवेशकों को वित्तीय जोखिम कम करने के लिए डायवर्सिफिकेशन की चिंता नहीं करनी पड़ती है और अच्छा लाभ होने की संभावना भी रहती निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह है। फिर भी, म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय यह ज़रूरी है कि निवेशक को यह पता हो कि उसे कितना निवेश करना है और वह कितना जोखिम उठा सकता है। निवेशकों के लिए अपनी जोखिम उठाने की क्षमता को पहचानना जरूरी है।

एक्सपर्ट्स की क्या है सलाह?

क्वांटम एएमसी की चीफ बिजनेस ऑफिसर रीना नथानी ने इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा, “म्यूचुअल फंड स्कीम की सभी कैटेगरी और सब-कैटेगरी रिस्क-रिटर्न स्पेक्ट्रम पर एक अलग स्थान रखती है। निवेशकों के लिए स्कीम के निवेश और इसके रिस्क-रिटर्न को अच्छी तरह से समझना ज़रूरी है। ऐसी योजनाओं को चुनें जो आपके रिस्क प्रोफ़ाइल, निवेश लक्ष्य, समय सीमा से मेल खाते हों और संबंधित फाइनेंशियल गोल या वित्तीय लक्ष्य हासिल करने के लिए सबसे उपयुक्त हों।” नथानी ने आगे कहा, “यह देखते हुए कि महंगाई बढ़ रही है, कुशल मुद्रास्फीति-समायोजित निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह रिटर्न (जिसे रियल रिटर्न भी कहा जाता है) अर्जित करना जरूरी है। इस तरह, आजमाए गए 12-20-80 के एसेट एलोकेशन मॉडल का व्यापक रूप से पालन करना सही होगा, जो आपकी सभी निवेश आवश्यकताओं के लिए एक सरल समाधान है। इसलिए, म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश करने पर भी बाजार के जोखिम को और कम करने के लिए एसेट एलोकेशन किया जा सकता है।

एसेट एलोकेशन स्ट्रेटेजी को समझें

नथानी ने बताया, “निवेश की कुल राशि से एक अलग बचत खाते और/या एक लिक्विड फंड (जो आपकी आपातकालीन जरूरतों का ख्याल रखेगा) में 12 महीने के नियमित खर्चों (ऋणों पर ईएमआई सहित) को रखें। पूरे पोर्टफोलियो के लगभग 20 प्रतिशत का निवेश सोना (गोल्ड फंड्स या गोल्ड ईटीएफ के माध्यम) में रखें, जिससे आप अपने पोर्टफोलियो को बेहतर तरीके से डायवर्सिफाई कर सकें। शेष 80 प्रतिशत पोर्टफोलियो को, इक्विटी म्यूचुअल फंड की अलग-अलग सब-कैटेगरी में निवेश करें, जो संभावित रूप से महंगाई का मुकाबला करने और अनुमानित वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपकी मदद करेगा। यह एसेट एलोकेशन स्ट्रेटेजी संभावित रूप से आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता, ग्रोथ और सुरक्षा प्रदान कर सकती है।”

तो एक्सपर्ट की सलाह मानते हुए अपनी बचत का एक बचत खाते में इतनी रकम रखें जो एक साल तक आपकी नियमित ज़रूरतों को पूरा कर सके। इसके अलावा कुल निवेश का 20 प्रतिशत सोने में निवेश करें। सोना हमेशा से निवेश के लिए लोगों की पसंद रहा है और बाकी का 80 प्रतिशत म्यूचुअल फंड में निवेश करें जिसे प्रोफेशनल फंड मैनेजर्स प्रबंधित करते हैं।

Mutual Fund Investors के लिए खुशखबरी

Mutual Funds and Asset Allocation: आजकल बहुत से निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश करना पसंद करते हैं। म्यूचुअल फंड में निवेश करने से यह लाभ होता है कि निवेशक को पहले से तैयार डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो मिल जाता है। इसमें किए गए निवेश को प्रोफेशनल फंड मैनेजर्स प्रबंधित करते हैं। इसलिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय निवेशकों को वित्तीय जोखिम कम करने के लिए डायवर्सिफिकेशन की चिंता नहीं करनी पड़ती है और अच्छा लाभ होने की संभावना भी रहती है। फिर भी, म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय यह ज़रूरी है कि निवेशक को यह पता हो कि उसे कितना निवेश करना है और वह कितना जोखिम उठा सकता है। निवेशकों के लिए अपनी जोखिम उठाने की क्षमता को पहचानना जरूरी है।

एक्सपर्ट्स की क्या है सलाह?

क्वांटम एएमसी की चीफ बिजनेस ऑफिसर रीना नथानी ने इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा, “म्यूचुअल फंड स्कीम की सभी कैटेगरी और सब-कैटेगरी रिस्क-रिटर्न स्पेक्ट्रम पर एक अलग स्थान रखती है। निवेशकों के लिए स्कीम के निवेश और इसके रिस्क-रिटर्न को अच्छी तरह से समझना ज़रूरी है। ऐसी योजनाओं को चुनें जो आपके रिस्क प्रोफ़ाइल, निवेश लक्ष्य, समय सीमा से मेल खाते हों और संबंधित फाइनेंशियल गोल या वित्तीय लक्ष्य हासिल करने के लिए सबसे उपयुक्त हों।” नथानी ने आगे कहा, “यह देखते हुए कि महंगाई बढ़ रही है, कुशल मुद्रास्फीति-समायोजित रिटर्न (जिसे रियल रिटर्न भी कहा जाता है) अर्जित करना जरूरी है। इस तरह, आजमाए गए 12-20-80 के एसेट एलोकेशन मॉडल का व्यापक रूप से पालन करना सही होगा, जो आपकी सभी निवेश आवश्यकताओं के लिए एक सरल समाधान है। इसलिए, म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश करने पर भी बाजार के जोखिम को और कम करने के लिए एसेट एलोकेशन किया जा सकता है।

एसेट एलोकेशन स्ट्रेटेजी को समझें

नथानी ने बताया, “निवेश की कुल राशि से एक अलग बचत खाते और/या एक लिक्विड फंड (जो आपकी आपातकालीन जरूरतों का ख्याल रखेगा) में 12 महीने के नियमित खर्चों (ऋणों पर ईएमआई सहित) को रखें। पूरे पोर्टफोलियो के लगभग 20 प्रतिशत का निवेश सोना (गोल्ड फंड्स या गोल्ड ईटीएफ के माध्यम) में रखें, जिससे आप अपने पोर्टफोलियो को बेहतर तरीके से डायवर्सिफाई कर सकें। शेष 80 प्रतिशत पोर्टफोलियो को, इक्विटी म्यूचुअल फंड की अलग-अलग सब-कैटेगरी में निवेश करें, जो संभावित रूप से महंगाई का मुकाबला करने और अनुमानित वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपकी मदद करेगा। यह एसेट एलोकेशन स्ट्रेटेजी संभावित रूप से आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता, ग्रोथ और सुरक्षा प्रदान कर सकती है।”

तो एक्सपर्ट की सलाह मानते हुए अपनी बचत का एक बचत खाते में इतनी रकम रखें जो एक साल तक आपकी नियमित ज़रूरतों को पूरा कर सके। इसके अलावा कुल निवेश का 20 प्रतिशत सोने में निवेश करें। सोना हमेशा से निवेश के लिए लोगों की पसंद रहा है और बाकी का 80 प्रतिशत म्यूचुअल फंड में निवेश करें जिसे प्रोफेशनल फंड मैनेजर्स प्रबंधित करते हैं।

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