सिगनल को उपलब्ध कराने वाले

यह आधुनिक सिग्नल प्रणाली, जिसे ‘कम्युनिकेशंस बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिग्नेलिंग सिस्टम’ कहा जाता है, के साथ चालू होने वाली पहली मेट्रो परियोजना है।
सिगनल अंग्रेजी में
The signal turned from red to green.
This data is available in the Cross Device reports starting from the date on which you activate Google signals.
यह एक अंकीय संकेत (डिजिटल सिग्नल) से भिन्न होता है, जिसमें एक सतत राशि का निरूपण एक असतत फलन द्वारा किया जाता है जो परिमित संख्या के मूल्यों मे से सिर्फ एक को ही ले सकता है।
It differs from a digital signal, in which the continuous quantity is a representation of a sequence of discrete values which can only take on one of a finite number of values.
जब एक "क्लॉक" सिग्नल स्टेट को परिवर्तित करता है तब "तुल्यकालिक" अनुक्रमिक प्रणाली एक ही बार में स्टेट को बदल देता है।
सिग्नल, Google को यह अनुमान लगाने में मदद करते हैं कि क्या कोई कारोबार का मालिक या प्रबंधक है या वे किसी बिना दावे वाले कारोबार से जुड़े हैं.
सुरक्षा प्रबंध: कोहरे में सुरक्षा के लिए ट्रेनों में लग रहे डिवाइस
जाड़े के मौसम में कोहरे की बढ़ती आशंका को लेकर डीडीयू-गया रेलखंड क्षेत्र से होकर गुजरने वाली ट्रेनों को संरक्षित परिचालन सुनिश्चित कराने के लिए रेलवे ने यात्री ट्रेनों के लिए ‘फॉग सेफ डिवाइस‘ सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है। ताकि कोहरे के दौरान ट्रेनों का लेट परिचालन को नियंत्रित किया जा सके। साथ ही यात्रियों को परेशानी से बचाया जा सके। इस उद्देश्य से यात्री ट्रेन के इंजनों में फॉग सेफ डिवाइस लगाया जा रहा है। रेलवे अधिकारी द्वारा बताया गया कि ट्रेनों के इंजनों में फॉग सेफ डिवाइस सिस्टम लगाने का कार्य चल रहा है।
ट्रेनों के सुचारू परिचालन के लिए पूर्व मध्य रेलवे जोन के शत-प्रतिशत मेल व एक्सप्रेस एवं पैसेंजर ट्रेनों में फॉग सेफ डिवाइस लगाने का प्रावधान किया गया है। यह फॉग सेफ डिवाइस तकनीकी जीपीएस आधारित एक उपकरण है, जो लोको पायलट को आगे आने वाली सिगनल की चेतावनी देता है, जिससे लोको पायलट ट्रेनों की स्पीड को नियंत्रित करते हैं। इसके अतिरिक्त फॉग मैन भी तैनात किये जा रहे हैं। जो कोहरे के दौरान रेल लाइन पर सिगनल की स्थिति की निगरानी करेंगे। रेल फ्रैक्चर से बचाव एवं समय पर इसकी पहचान के लिए उच्चाधिकारियों की निगरानी में रेलकर्मियों द्वारा निरंतर पेट्रोलिंग की जा रही है। इससे एक ओर जहां संरक्षा में वृद्धि होगी, वहीं कोहरे के बावजूद समय-पालन बनाए रखने में मदद मिलेगी। रेल लाइन पर पेट्रोलिंग करने वाले कर्मचारियों को जीपीएस भी उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि उनकी खुद की भी सुरक्षा हो सके। सिगनलों की दृश्यता को बढ़ाने के लिए सिगनल साइटिंग बोर्ड, फॉग सिगनल पोस्ट, ज्यादा व्यस्त समपार के लिफ्टिंग बैरियर आदि को एक विशेष रंग काला एवं पीला रंग से रंगकर उसे चमकीला बनाया गया है। सिगनल आने के पहले रेल पटरी पर सफेद चूने से निशान बनाया गया है ताकि लोको पायलट कुहासे वाले मौसम में सिगनल के बारे में अधिक सतर्क हो जायें। घने कुहरे में स्टॉप सिगनल की पहचान हेतु स्टॉप सिगनल से पहले एक विशेष पहचान चिन्ह ‘‘सिगमा शेप्स‘‘ का प्रावधान किया जा रहा है ताकि चालक को स्टॉप सिगनल की जानकारी आसानी से प्राप्त हो सके। लोको पायलटों को सिगनल को उपलब्ध कराने वाले चार्ट उपलब्ध कराया जा रहा है।
मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों में लगे फॉग सेफ्टी डिवाइस: पूर्व मध्य रेल जोन के डीडीयू-गया सहित जोन के सभी रेल खंडों पर ट्रेनें तकनीकी क्षमता से लैस
जाड़े के मौसम में कोहरे की बढ़ती आशंका को लेकर डीडीयू-गया रेलखंड क्षेत्र से होकर गुजरने वाली ट्रेनों एवं रेल जोन के सभी रेलखंडों को संरक्षित परिचालन सुनिश्चित कराने के लिए रेलवे ने मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों में ‘फॉग सेफ डिवाइस‘ सुविधा उपलब्ध करा दी है। ताकि कोहरे के दौरान ट्रेनों का लेट परिचालन को नियंत्रित किया जा सके। साथ ही यात्रियों को परेशानी से बचाया जा सके। इस उद्देश्य से इंजनों में फॉग सेफ डिवाइस लगाया गया है। पूर्व-मध्य रेल हाजीपुर जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि ट्रेनों के इंजनों में फॉग सेफ डिवाइस लगाने का कार्य लगभग पूरा हो गया है। ट्रेनों के सुचारू परिचालन के लिए पूर्व मध्य रेल के शत-प्रतिशत मेल व एक्सप्रेस एवं पैसेंजर ट्रेनों के लोको पायलटों के लिए फॉग सेफ डिवाइस लगाने का प्रावधान किया गया था। यह फॉग सेफ डिवाइस तकनीकी जीपीएस आधारित एक उपकरण है जो लोको पायलट को आगे आने वाली सिगनल की चेतावनी देता है, जिससे लोको पायलट ट्रेनों की स्पीड को नियंत्रित करते हैं। इसके अतिरिक्त फॉग मैन भी तैनात किये जा रहे हैं। जो कोहरे के दौरान रेल लाइन पर सिगनल की स्थिति की निगरानी करेंगे। रेल फ्रैक्चर से बचाव एवं समय पर इसकी पहचान के लिए उच्चाधिकारियों की निगरानी में रेलकर्मियों द्वारा निरंतर पेट्रोलिंग की जा रही है। इससे एक ओर जहां संरक्षा में वृद्धि होगी, वहीं कोहरे के बावजूद समय-पालन बनाए रखने में मदद मिलेगी। रेल लाइन पर पेट्रोलिंग करने वाले कर्मचारियों को जीपीएस भी उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि उनकी खुद की भी सुरक्षा हो सके। सिग्नलों की दृश्यता को बढ़ाने के लिए सिगनल साइटिंग बोर्ड, फॉग सिगनल पोस्ट, ज्यादा व्यस्त समपार के लिफ्टिंग बैरियर आदि को एक विशेष रंग काला एवं पीला रंग से रंगकर उसे चमकीला बनाया गया है। सिगनल आने के पहले रेल पटरी पर सफेद चूने से निशान बनाया गया है ताकि लोको पायलट कुहासे वाले मौसम में सिगनल के बारे में अधिक सतर्क हो जायें। घने कुहरे में स्टॉप सिगनल की पहचान हेतु स्टॉप सिगनल से पहले एक विशेष पहचान चिन्ह ‘‘सिगमा शेप्स‘‘ का प्रावधान किया जा रहा है ताकि चालक को स्टॉप सिगनल की जानकारी आसानी से प्राप्त हो सके। लोको पायलटों को प्रत्येक स्टेशनों का ‘फर्स्ट स्टॉप सिगनल लोकेशन‘ किलोमीटर चार्ट उपलब्ध कराया जा रहा है जिसके प्रयोग से चालक यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि अगले कितनी दूरी पर ट्रेन को रोकना है और इसके अनुसार वे ट्रेन की गति नियंत्रित करेंगे। शीतकाल में सुगम ट्रेन परिचालन हेतु बरती जाने वाली इन कदमों की जानकारी देने हेतु ट्रेन परिचालन से सीधे रूप से जुड़े रेलकर्मियों को संरक्षा सलाहकारों द्वारा लगातार काउंसलिंग भी की जा रही है।
Reliance AGM: 5जी में झमाझम मिलेगा सिगनल, जानिए अंबानी कितने लाख करोड़ का करेंगे निवेश
5जी के लिए रिलायंस करेगी दो लाख करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट
मुकेश अंबानी ने बताया
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने सोमवार को बताया कि समूह की दूरसंचार इकाई रिलायंस जियो 5जी नेटवर्क के विकास पर दो लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। उन्होंने बताया कि इस साल दिवाली तक देश के प्रमुख शहरों में 5जी सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी। अंबानी ने आरआईएल की 45वीं सालाना आमसभा (RIL AGM) की बैठक में यह घोषणा की। इसके साथ ही उन्होने कहा कि जियो अगले साल के अंत तक पूरे देश में 5जी सेवाएं देने लगेगी।
मेट्रो शहरों की तर्ज पर होगी अलीगढ़ की यातायात व्यवस्था
अलीगढ़ ब्यूरो
Updated Fri, 28 Aug 2020 11:52 PM IST
सिगनल को उपलब्ध कराने वाले
चंद दिनों में अलीगढ़ मेट्रो शहरों की भांति स्मार्ट ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम से लैस हो जाएगा। मंडलायुक्त जीएस प्रियदर्शी ने नगरीय परिवहन व्यवस्था में सुधार के लिए नगर निगम व पुलिस यातायात विभाग की संयुक्त व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को अलीगढ़ में लागू कराए जाने के निर्देश दिए हैं।
नगर आयुक्त सत्य प्रकाश पटेल ने बताया कि अलीगढ़ स्मार्ट सिटी परियोजना की सर्वोच्च प्राथमिकता शहरवासियों को स्मार्ट ट्रैफि क मैनेजमेंट उपलब्ध कराने का था। इसी क्रम में अलीगढ़ के 20 चौराहे स्मार्ट ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकगनाइज़, स्पीड डिटेक्शन सिस्टम, ई चालान, इमरजेंसी कॉल बाक्स सिस्टम, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, मैसेज सिगनल को उपलब्ध कराने वाले सिस्टम, रेड लाइट डिटेक्शन सिस्टम से लैस हो गए हैं। साथ-साथ 40 लोकेशन व 20 चौराहे सीसीटीवी सर्विलांस सिस्टम तथा 360 डिग्री मूवमेंट के हाईटेक कैमरों से लैस हो गए हैं।
नगर आयुक्त ने कहा नगरीय परिवहन व्यवस्था में सड़क पर पैदल चलने वाले बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के लिए महानगर के प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक लाइट सिगनल व मुख्य मार्गों पर जेब्रा क्रासिंग का कार्य युद्धस्तर पर कराया जा रहा है। जेब्रा क्रासिंग कलेक्टेट केला नगर, मैरिस रोड, किशनपुर, रामघाट रोड, ओएलएफ , क्वारसी चौराहा, एटा चुंगी व हाथरस अड्डा पर बनवाई गई है।