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बिटकॉइन के बारे में तथ्य

बिटकॉइन के बारे में तथ्य

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Bitcoin से जुड़ी जानकारी हिंदी में-Bitcoin क्या है? What is Bitcoin?

आज हम लोग बिटकॉइन के कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में जानने वाले हैं और बिटकॉइन क्या है और इससे जुड़ी सारी चीजों के बारे में मैं आपको बताने वाला हूं तो इस ब्लॉग पोस्ट को लास्ट तक पढ़ो आपको पूरी तरीके से समझ में आ जाएगा कि बिटकॉइन क्या है

Table of Contents

Bitcoin क्या है? What is Bitcoin?

बिटकॉइन डिजिटल करेंसी है और यह पूरी दुनिया में कहीं भी चलाया जा सकता है इसका नाम बिटकॉइन के बारे में तथ्य बिटकॉइन के बारे में तथ्य तो करंसी है लेकिन इसका कोई वास्तव में सिक्का या फिर नोट नहीं है इसीलिए हम इसे डिजिटल करेंसी के भी नाम से जानते हैं एक समय बिटकॉइन को भारत में भी बैन कर दिया गया था लेकिन बाद में इसे लीगल कर दिया गया

बिटकॉइन का इतिहास-The History of Bitcoin

वैसे तो बिटकॉइन की शुरुआत 3 जनवरी 2009 में सातोशी नाकामोतो ने किया था और जिस समय बिटकॉइन को दुनिया के सामने लाया गया था उस समय बिटकॉइन का प्राइस $0 था

बिटकॉइन का भविष्य The Future Of Bitcoin

अगर अब बिटकॉइन में इन्वेस्ट करना चाहते हो तो आपके दिमाग में यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर बिटकॉइन का भविष्य कैसा दिखेगा बात करें हाल के सालों में तो बिटकॉइन ने अपनी मार्केटिंग को बहुत ज्यादा बढ़ाया है और पूरी दुनिया में बिटकॉइन के इन्वेस्टर बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं लेकिन फिर भी या आपके दिमाग में सवाल आता होगा कि चलो मैंने बिटकॉइन पर इन्वेस्ट कर दिया बिटकॉइन के बारे में तथ्य तो क्या यह पूरी तरीके से सेफ है तो बिटकॉइन के जो फाउंडर है वह दावा करते हैं कि बिटकॉइन पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा सेफ करंसी है इसको कोई तरीके से Hack या फिर लूटने की कोशिश नहीं की जा सकती है

5 चीजें जो आपने बिटकॉइन के बारे में कभी नहीं सुनी होंगी

कोई भी व्यापारी जो क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार पर नजर रखता है, निश्चित रूप से बिटकॉइन को पहचान लेगा। इसे पहली बार 3 जनवरी 2009 को सतोशी नाकामोटो नामक एक अज्ञात निर्माता द्वारा पेश किया गया था। कई अरब डॉलर की कीमत होने के बावजूद यह आभासी मुद्रा लंबे समय से रहस्य में डूबा हुआ है। यही कारण है कि XPro Markets और ऐसे प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले व्यापारियों को लाभप्रद रूप से बिटकॉइन बिटकॉइन के बारे में तथ्य का व्यापार करने में दिलचस्पी है। यहां 5 आश्चर्यजनक तथ्य हैं जो आपने बिटकॉइन के बारे में कभी नहीं सुने होंगे।

a gold plated bitcoin kept on a screen showing market movements

बिटकॉइन निर्माता की गुमनामी

एक बिटकॉइन व्यापारी के रूप में, आपने क्रिप्टो वॉलेट के बारे में सुना होगा। डिजिटल वॉलेट का उपयोग संपत्ति को स्टोर करने के लिए किया जाता है। लेकिन बहुत से लोग नहीं जानते कि सबसे महंगा बिटकॉइन वॉलेट गायब हो गया है। जेम्स हॉवेल्स के पास 2013 में 7,500 बिटकॉइन वाली एक हार्ड ड्राइव थी। लेकिन उन्होंने गलती से इसे बाहर फेंक दिया और उस तक पहुंच खो दी।

a computer screen showing BTC/USD chart in real-time

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बिटकॉइन निर्माता की मूर्ति

भले ही लोग इतने सालों में नाकामोतो की पहचान नहीं कर पाए, लेकिन बिटकॉइन के निर्माता की एक मूर्ति है। यह मूर्ति हंगरी के बुडापेस्ट में स्थित ग्राफिसोफ पार्क में पाई जा सकती है। यह कांस्य-एल्यूमीनियम मिश्रित से बना है और छाती पर बिटकॉइन लोगो के साथ हुडी पहने हुए व्यक्ति जैसा दिखता है। जब आगंतुक मूर्ति के करीब आते हैं, तो वे उसमें अपना प्रतिबिंब देख सकते हैं।

बिटकॉइन का मूल्य

XProMarkets क्रिप्टो व्यापारियों को आश्चर्य होता है कि बिटकॉइन इतना महंगा क्यों है? इसका उत्तर बहुत सरल है और यह हमें अपचयन की कम ज्ञात अवधारणा की ओर ले जाता है। सामान्य मुद्रा के विपरीत, बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की कुल आपूर्ति सीमित होती है। इसका मतलब है कि एक समय के बाद, बिटकॉइन खनन की प्रक्रिया बंद हो जाएगी। व्यापारियों के लिए बिटकॉइन की सबसे अच्छी बात यह है कि कोई भी इसे खरीदे बिना व्यापार कर सकता है।

ब्लॉकचेन तकनीक

बिटकॉइन के पीछे की तकनीक को पहले विशेषज्ञों द्वारा पेश किया गया था। सातोशी नाकामोतो ने ब्लॉकचेन तकनीक के अस्तित्व में आने के बाद पहली बार श्वेत पत्र जारी किया। बिटकॉइन के ऐतिहासिक श्वेतपत्र में “पीयर-टू-पीयर इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम” शब्द को और सरल बनाया गया था। यह दुनिया को अक्टूबर 2008 में ज्ञात हुआ। इस दस्तावेज़ को आज भी सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। बिटकॉइन के निर्माता चाहते थे कि क्रिप्टो और बिटकॉइन में रुचि रखने वाले सभी लोग इसे पढ़ें और समझें।

बिटकॉइन का प्रतिद्वंद्वी

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी को एथेरियम कहा जाता है। इस परियोजना के सह-संस्थापक विटालिक बूटेरिन नामक एक युवा प्रोग्रामर हैं। उनका जन्म रूस में हुआ था और उनका पालन-पोषण कनाडा में हुआ। बहुत कम उम्र में, बूटेरिन बिटकॉइन के दृश्य में शामिल हो गया था। 2013 में बिटकॉइन वीकली नामक पत्रिका के लिए एक लेखक के रूप में काम करते हुए उनका बिटकॉइन के साथ घनिष्ठ संबंध बन गया था। बूटेरिन इथेरेयम नामक एक पूरी तरह से अलग क्रिप्टो के लिए श्वेतपत्र लिखने के लिए प्रसिद्ध है।

इतिहास की दस सबसे बड़ी गलतियां-भाग I

जे.के. रोलिंग द्वारा लिखी गयी मशहूर किताब हैरी पॉटर को पहले 12 बार अस्वीकार किया गया था. बाद में Blumsberg कंपनी की आठ वर्षीय अध्यक्ष एलिस ने इस किताब को प्रकाशित करने के लिए स्वीकार कर लिया. तब इस किताब को 60 भाषाओँ में प्रकाशित किया गया था जिससे जे.के. रोलिंग ने 60 अरब रुपए की कमाई की थी.

2 बिटकॉइन पोर्टफोलियो (Bitcoin Portfolio) को फेंकना

बिटकॉइन को ऑनलाइन भुगतान के लिए इस्तेमाल किया जाता है. जेम्स होवेल्स ने 2009 में 7,500 बिटकॉइन खरीदे थे. उस समय उन बिटकॉइन की कीमत कुछ भी नहीं थी. यह सोचकर जेम्स होवेल्स ने बिटकॉइन अपनी कंप्यूटर की हार्ड ड्राइव के साथ फेंक दिए. बाद में 2013 में एक बिटकॉइन की कीमत 61,000 रुपए तक पहुंच गयी. जिससे जेम्स के 7,500 बिटकॉइन की कीमत 45,00,00,000 रुपए बन गयी थी. बाद में जेम्स होवेल्स को अपनी गलती का एहसास हुआ. अगर वह बिटकॉइन कचरे में ना फेंकते तो आज वह अरबपति होते। आज वह बिटकॉइन 5 फीट ऊँचे कचरे के ढेर के नीचे दफ़न हैं।

3 शुरुआत में गूगल को कम आंकने की गलती

गूगल सर्च इंजन के संस्थापक लैरी पेज और सेर्गेई ब्रिन ने पहले गूगल को सिर्फ बिटकॉइन के बारे में तथ्य 60 लाख रुपए में बेचने की पेशकश की थी. जब दोनों गूगल को बेचने के लिए एक्साइट कंपनी के सीईओ जॉर्ज बिल के पास पहुंचे. तब लैरी ब्रिन और उसके साथी संस्थापक ने गूगल सर्च इंजन जॉर्ज को सिर्फ 48,00,000 रुपए में ही देने की पेशकश कर दी थी. लेकिन जॉर्ज बिल ने गूगल सर्च इंजन को खरीदने से मना कर दिया था। आज गूगल सर्च इंजन की कीमत 23,36,326 करोड़ रुपए है.

4 हिटलर को गोली नहीं मारने की गलती

1914 में, प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हेनरी टांडे, जो सबसे बढ़िया पायलट था, को युद्ध के दौरान हिटलर को मारने का मौका मिला था. हिटलर उस समय निहत्था ठीक उसके सामने खाई में गिरा हुआ था. लेकिन वह किसी कारण से बिटकॉइन के बारे में तथ्य हिटलर को गोली नहीं मार पाया. हालांकि इस घटना को अफवाह भी कहा जाता है.

5 61,000 शेयरों को सिर्फ 1 येन(50 पैसे) में बेचना

2005 में, मिजुहो सिक्योरिटी, एक जापानी ट्रेडिंग कंपनी के व्यापारी ने 61,000 शेयरों की कीमत गलती से सिर्फ 1 येन(50 पैसे) ही रख दी थी. असल में उसने एक शेयर की कीमत 3 लाख रुपए रखनी थी, जो गलती से 1 येन हो गयी थी. जब तक उसे अपनी गलती का एहसास हुआ, स्टॉक एक्सेचेंज में ये ऑर्डर पास हो गया था और कंपनी को 225 मिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा.

6 चंगेज खान को क्रोधित करना

13वीं सदी में मंगोल साम्राज्य के शासक चंगेज खान ने अपने पड़ोसी ख्वारेज्मिद साम्राज्य (आधुनिक ईरान/इराक) से राजनयिक और व्यापार लिंक खोलने की मांग की थी. लेकिन ख्वारेज्मिद के शासक ने चंगेज खान के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और चंगेज खान के 2 राजनयिक जो प्रस्ताव लेकर आये थे उनका गला काट कर मार डाला. इस बात से चंगेज खान इतना क्रोधित हुआ कि उसने अपने सम्राज्य के 2,00,000 योद्धाओं को भेज कर ख्वारेज्मिद सम्राज्य को तबाह कर दिया.

7 फेसबुक द्वारा ब्रायन ऐक्टन और जेन कौम को नौकरी से निकालना

फेसबुक ने 2009 में ब्रायन एक्टन और जेन कौम को इंटरव्यू में नहीं चुनने की गलती की थी. फिर बाद में इन दोनों ने व्हटसएप (whatsapp) का निर्माण किया था, जिसे हाल ही में फेसबुक ने 980 करोड़ रुपए में खरीदा था.

8 चौड़ी रेल-गाड़ियों के आदेश की गलती

फ्रेंच रेल एस.एन.सी.ऍफ़. ने बिटकॉइन के बारे में तथ्य $15 अरब(774 करोड़ रुपए) की नई रेल गाड़ियाँ खरीदी थी. लेकिन इन रेल गाड़ियों की चौड़ाई ज्यादा थी. इस समस्या को सुलझाने के लिए उनको 350 करोड़ रुपए की कीमत देनी पड़ी. यह तो वही बात हुई कि आपने गाड़ी तो बड़ी खरीद ली, लेकिन गेराज आपका छोटा निकला.

9 साइनिंग ब्रायन पूल और ट्रेमेलोस

1962 में, रिकॉर्ड लेबल डेका नाम की कंपनी ने 2 बैंड ग्रुप का सिलेक्शन किया और फिर दोनों चुने हुए बैंड ग्रुप में उन्होंने लन्दन में प्रतियोगिता करवायी. इसमें एक बैंड ग्रुप को चुन लिए गया और जिसको नहीं चुना गया था. वह बाद में जाकर मशहूर बीटल्स बैंड ग्रुप बना.

10 कंपनी के नाम के गलत स्पेलिंग

ब्रिटिश सरकार ने एक कंपनी के नाम के गलत स्पेलिंग लिखने वाले पर लगभग 9 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा दिया था. जिसने कंपनी के नाम में स्पेलिंग की गलती की थी, उसने सिर्फ कंपनी के नाम में सिर्फ “एस” शब्द गलती से लिख बिटकॉइन के बारे में तथ्य दिया था.

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आवरण कथाः क्रिप्टोकरेंसी की बुनियादी जानकारी

खासे उतार-चढ़ाव, लगातार दायरा बढ़ाती जा रही डिजिटल दुनिया के बारे में वे तथ्य जो आप जानना चाहते हैं मगर पूछने से घबराते हैं.

डिजिटल टोकन

सुहानी सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2021,
  • (अपडेटेड 24 नवंबर 2021, 9:17 PM IST)

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
यह डिजिटल टोकन है, जिससे आप सामान और सेवाएं खरीद सकते हैं या फिर मुनाफे के लिए लेन-देन कर सकते हैं. इसके लिए सुरक्षित ऑनलाइन लेन-देन के वास्ते सख्त क्रिप्टोग्राफी से जुड़े साझा ऑनलाइन लेजर (खाता-बही) का इस्तेमाल किया जाता है

क्या इससे सामान खरीदा जा सकता है?
क्रिप्टो अभी बस दो देशों अल साल्वाडोर और क्यूबा में कानूनी लेन-देन का जरिया है. भारत सहित बाकी दुनिया क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री की ही इजाजत देती है

क्या है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी?
क्रिप्टो का आधार है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी. इसमें पीयर टु पीयर नेटवर्क के बीच, ऊपर से नीचे तक सारे लेन-देन का विकेंद्रित और बंटा हुआ लेजर है

आखिर कितना सुरक्षित है ब्लॉकचेन?
ब्लॉकचेन में हर 'ब्लॉक’ खास लेन-देन और पहले के लेन-देन का डेटा होता है. अगर कोई भी ब्लॉकचेन तोड़ने की या लेन-देन में हेराफेरी की कोशिश करता है, तो अगले सभी लेन-देन बेमानी हो जाएंगे. क्रिप्टो लॉबी अपने इस दावे के पक्ष में मिसाल देती है कि क्रिप्टो स्पेस में घुसपैठ डिजिटल बैंकिंग के मुकाबले काफी मुश्किल है

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का और किस मद में इस्तेमाल हो सकता है?
ब्लॉकचेन के एप्लिकेशंस में मेडिकल डेटा को सुरक्षित तरीके से साझा करना, संगीत की रॉयल्टी की निगरानी, सीमाओं के आर-पार भुगतान, आइओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) ऑपरेटिंग सिस्टम की रियलटाइम उपलब्धता, मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी निगरानी व्यवस्था, आपूर्ति शृंखला और सामान ढुलाई की निगरानी वगैरह शामिल है

क्रिप्टो के बारे में दुनिया का नजरिया क्या?
अल साल्वाडोर और क्यूबा ही ऐसे देश हैं, जहां बिटकॉइन को लेन-देन का कानूनी जरिया बनाने के लिए कानून पास किए गए हैं. अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन बिटकॉइन लेन-देन की मंजूरी देते हैं लेकिन रूस और चीन नहीं देते. दरअसल, चीन ने इस साल के शुरू में सभी क्रिप्टो लेन-देन पर एकतरफा प्रतिबंध लगा दिया

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को नियंत्रित करने के लिए क्या हो रहा है?
●भारतीय रिजर्व बैंक ने 2018 में क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ ने मार्च 2020 में खारिज कर दिया

● प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 नवंबर को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी के विज्ञापनों में ''भ्रामक’’, ''बड़बोले दावों’’ और ''गैर-पारदर्शिता’’ पर नाराजगी जाहिर की गई और बताया गया कि क्यों ''बेलगाम क्रिप्टो मार्केट को मनीलॉन्ड्रिंग और आतंक के लिए वित्तीय मदद का जरिया नहीं बनने दिया जा सकता.’’

●रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास कहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी देश की ''व्यापक अर्थव्यवस्था और वित्तीय स्थिरता’’ के लिए खतरा हैं

●सरकार संसद के आगामी सत्र में इसे लेकर कोई विधेयक पेश कर सकती है. क्रिप्टो को शायद लेन-देन के कानूनी जरिए की इजाजत न मिले, लेकिन उसे धन-संपत्ति जैसा मान लिया जाए और शायद सेबी से नियंत्रित किया जाए

क्रिप्टो में कैसे करें कारोबार?
क्रिप्टो करीब 40 क्रिप्टो एक्सचेंज में खरीदा-बेचा जा सकता है. इनमें कॉइनबेस, बिनांस, कॉइनडीसीएक्स, वजीरएक्स और कॉइनस्विच कुबेर प्रमुख हैं. जानकार शुरू में ऐसी रकम का निवेश करने को कहते हैं, जो डूब जाए तो गम नहीं. अनाड़ियों को जानकारों से सलाह लेने को भी कहा जाता है.

क्रिप्टो निवेश के पांच कदम
1. क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज की पहचान करें
2. डिजिटल वॉलेट में पैसे डालने के लिए डेबिट कार्ड या वायर ट्रांसफर को जरिया बनाएं
3. एक्सचेज में सूचीबद्ध क्रिप्टो का चयन करें

4. ट्रेडिंग रणनीति में से चुनें: स्काल्पिंग (बिक्री के पहले थोड़े समय के लिए कॉइन को अपने पास रखें), डे ट्रेडिंग (एक दिन तक संपत्ति को हाथ में रखना), स्विंग ट्रेडिंग (कुछ दिनों या हफ्तों तक अपनी स्थिति बरकरार रखना), पोजिशन ट्रेडिंग (लंबे समय के मूल्य बदलाव का इंतजार) वगैरह. मुनाफा क्रिप्टो अकाउंट से जुड़े बैंक खाते में जाता है. उसी खाते से क्रिप्टो खरीद का पैसा आता है

5. अपनी क्रिप्टो को हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर वॉलेट में सुरक्षित रखें

किसने शुरू की क्रिप्टो करेंसी?
2008 में सातोषी नाकामोटो के छद्म नाम से बिटकॉइन के बारे में तथ्य कोई एक शख्स या कुछ लोगों के समूह ने श्वेत-पत्र निकाला और उसे विकेंद्रित भुगतान व्यवस्था का नाम दिया. उन लोगों ने उसे ग्लोबल वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन कहा और बिटकॉइन डॉट ओरआरजी नाम से डोमेन पंजीकृत कराया. मकसद सीमाओं के आरपार दो व्यक्तियों के बीच लेन-देन को बिना किसी ''भरोसेमंद मध्यस्थ’’ को बीच में लाए संभव बनाना था

कैसे विकसित हुई यह टेक्नोलॉजी?
विकेंद्रित समुदाय ने ब्लॉकचेन नामक प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया. पहले पहल इसका प्रस्ताव 1991 के एक रिसर्च पेपर में आया. नाकामोटो और दूसरों ने उसमें 2009 में क्राउडसोर्सिंग के जरिए और सुधार किया, जिसे उन्होंने एक अच्छा सामाजिक काम बताया
आखिर इसकी उत्पत्ति कैसे हुई?

हाल के दौर में दिवलिया होने की सबसे बड़ी घटना 2008 में सामने आई. अमेरिका में लीमन ब्रदर्स की वजह से उपजे संकट ने वित्तीय व्यवस्था की किसी और ढंग से कल्पना करने को प्रेरित किया. इस तरह एक विकेंद्रित मुद्रा व्यवस्था सामने आई, जहां लोग एक-दूसरे से लेनदेन इंटरनेट के जरिए कर पाएं और उन्हें केंद्रीय बैंक और केद्रीय नियम-कायदों जैसे केंद्रीय संस्थाओं पर निर्भर न रहना पड़े, जहां मुट्ठी भर अधिकारी फैसले करते हैं
लीमन ब्रदर्स

5 चीजें जो आपने बिटकॉइन के बारे में कभी नहीं सुनी होंगी

कोई भी व्यापारी जो क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार पर नजर रखता है, निश्चित रूप से बिटकॉइन को पहचान लेगा। इसे पहली बार 3 जनवरी 2009 को सतोशी बिटकॉइन के बारे में तथ्य नाकामोटो नामक एक अज्ञात निर्माता द्वारा पेश किया गया था। कई अरब डॉलर की कीमत होने के बावजूद यह आभासी मुद्रा लंबे समय से रहस्य में डूबा हुआ है। यही कारण है कि XPro Markets और ऐसे प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले व्यापारियों को लाभप्रद रूप से बिटकॉइन का व्यापार करने में दिलचस्पी है। यहां 5 आश्चर्यजनक तथ्य हैं जो आपने बिटकॉइन के बारे में कभी नहीं सुने होंगे।

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बिटकॉइन निर्माता की गुमनामी

एक बिटकॉइन व्यापारी के रूप में, आपने क्रिप्टो वॉलेट के बारे में सुना होगा। डिजिटल वॉलेट का उपयोग संपत्ति को स्टोर करने के लिए किया जाता है। लेकिन बहुत से लोग नहीं जानते कि सबसे महंगा बिटकॉइन वॉलेट गायब हो गया है। जेम्स हॉवेल्स के पास 2013 में 7,500 बिटकॉइन वाली एक हार्ड ड्राइव थी। लेकिन उन्होंने गलती से इसे बाहर फेंक दिया और उस तक पहुंच खो दी।

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बिटकॉइन निर्माता की मूर्ति

भले ही लोग इतने सालों बिटकॉइन के बारे में तथ्य में नाकामोतो की पहचान नहीं कर पाए, लेकिन बिटकॉइन के निर्माता की एक मूर्ति है। यह मूर्ति हंगरी के बुडापेस्ट में स्थित ग्राफिसोफ पार्क में पाई जा सकती है। यह कांस्य-एल्यूमीनियम मिश्रित से बना है और छाती पर बिटकॉइन लोगो के साथ हुडी पहने हुए व्यक्ति जैसा दिखता है। जब आगंतुक मूर्ति के करीब आते हैं, तो वे उसमें अपना प्रतिबिंब देख सकते हैं।

बिटकॉइन का मूल्य

XProMarkets क्रिप्टो व्यापारियों को आश्चर्य होता है कि बिटकॉइन इतना महंगा क्यों है? इसका उत्तर बहुत सरल है और यह हमें अपचयन की कम ज्ञात अवधारणा की ओर ले जाता है। सामान्य मुद्रा के विपरीत, बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की कुल आपूर्ति सीमित होती है। इसका मतलब है कि एक समय के बाद, बिटकॉइन खनन की प्रक्रिया बंद हो जाएगी। व्यापारियों के लिए बिटकॉइन की सबसे अच्छी बात यह है कि कोई भी इसे खरीदे बिना व्यापार कर सकता है।

ब्लॉकचेन तकनीक

बिटकॉइन के पीछे की तकनीक को पहले विशेषज्ञों द्वारा पेश किया गया था। सातोशी नाकामोतो ने ब्लॉकचेन तकनीक के अस्तित्व में आने के बाद पहली बार श्वेत पत्र जारी किया। बिटकॉइन के ऐतिहासिक श्वेतपत्र में “पीयर-टू-पीयर इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम” शब्द को और सरल बनाया गया था। यह दुनिया को अक्टूबर 2008 में ज्ञात हुआ। इस दस्तावेज़ को आज भी सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। बिटकॉइन के निर्माता चाहते थे कि क्रिप्टो और बिटकॉइन में रुचि रखने वाले सभी लोग इसे पढ़ें और समझें।

बिटकॉइन का प्रतिद्वंद्वी

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी को एथेरियम कहा जाता है। इस परियोजना के सह-संस्थापक विटालिक बूटेरिन नामक एक युवा प्रोग्रामर हैं। उनका जन्म रूस में हुआ था और उनका पालन-पोषण कनाडा में हुआ। बहुत कम उम्र में, बूटेरिन बिटकॉइन के दृश्य में शामिल हो गया था। 2013 में बिटकॉइन वीकली नामक पत्रिका के लिए एक लेखक के रूप में काम करते हुए उनका बिटकॉइन के साथ घनिष्ठ संबंध बन गया था। बूटेरिन इथेरेयम नामक एक पूरी तरह से अलग क्रिप्टो के लिए श्वेतपत्र लिखने के लिए प्रसिद्ध है।

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