निवेश के जोखिम को कम करने के तरीके

अधिक जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: अस्थिरता वाले इन्वेस्टमेंट में स्टॉक और इक्विटी म्यूचुअल फंड जैसे विकल्प शामिल हैं.
Healthy Portfolio: अच्छे म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो के लिए इक्विटी में इस तरह करें निवेश, सुरक्षित रहेगा आपका निवेश के जोखिम को कम करने के तरीके निवेश
By: ABP Live | Updated at : 31 May 2022 12:34 PM (IST)
Healthy Portfolio Investment Tips: एक सुरक्षित और अच्छे भविष्य के लिए निवेश के जोखिम को कम करने के तरीके निवेश करना बहुत ही ज़रूरी है. लेकिन पैसे कहाँ और कैसे निवेश करें यह भी मुनाफा बढ़ाने के लिए बहुत आवश्यक होता है. निवेश करने के बहुत सारे विकल्प होते हैं, लेकिन एक डाइवर्सीफाइड पोर्टफोलियो का होना आवश्यक है जिससे जोखिम को कम से कम हो जाये. पोर्टफोलियो में बदलाव मार्किट के स्थिति को देख के करते रहना चाहिए, क्योंकि मार्किट कभी भी एक जैसा नहीं रहता.
यहां कभी कभी छोटे शेयर (Small Cap) चलते हैं तो कभी मझोली कंपनियों के शेयरों (Midcap) में तेजी दिखाई देती है। और कई बार तो बड़ी कंपनियां (Large Caps) अच्छा मुनाफा देती निवेश के जोखिम को कम करने के तरीके रहती है. आपको उन सेग्मेंट्स पर नजर रख कर निवेश बांटना चाहिए.
अपनी परिसंपत्ति आवंटन पर निर्णय लेना
परिसंपत्ति आवंटन के बारे में फैसला लेते समय मुख्य रूप से दो बातों पर विचार करना चाहिए। सबसे पहले, आपको अपने निवेश के जोखिम को कम करने के तरीके निवेश की समय सीमा तय करनी होगी। आपकी समय सीमा जितनी लंबी होगी, उतना ही अधिक आवंटन इक्विटी फंड्स में होगा।
फिर आपको अधिकतम अस्थायी गिरावट का पता लगाना होगा, जिसे आप अपने इक्विटी पोर्टफोलियो में संभाल सकते हैं। याद रखें, लगभग हर साल 10-20% की गिरावट होती है और प्रत्येक 7-10 साल में 30-60% की बड़ी गिरावट होती है। यदि आप उच्च तौर पर अस्थायी गिरावट को संभाल सकते हैं, तो आपका इक्विटी आवंटन अधिक हो सकता है। यदि नहीं, तो इक्विटी आवंटन कम होना चाहिए और उसके अनुसार आपके पोर्टफोलियो रिटर्न की उम्मीद भी कम होनी चाहिए। इस ट्रेड-ऑफ निवेश के जोखिम को कम करने के तरीके के आधार पर, आप इक्विटी और डेट के बीच अपने आदर्श परिसंपत्ति आवंटन (असेट एलोकेशन) को हासिल कर सकते हैं।
इक्विटी म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो का निर्माण
आप एक्टिव या पैसिव स्ट्रैटेजी के जरिए इक्विटी फंड्स में निवेश कर सकते हैं। जब एक्टिव फंड्स में निवेश करने की बात आती है, तो ज्यादातर निवेशक उन फंड्स में आंख मूंद कर निवेश करने की सामान्य गलती करते हैं, जिसने पिछले एक साल में सर्वाधिक रिटर्न दिया है। हालांकि, लंबे समय में इसकी वजह से भारी रिटर्न नहीं मिल पाता है।
निवेश रिटर्न को मोटे तौर पर कुछ कारकों/शैलियों द्वारा समझाया जा सकता है। इनमें से पांच शैलियों ने ऐतिहासिक रूप से भारतीय संदर्भ में मजबूत बेहतर प्रदर्शन किया है, जिसमें गुणवत्ता, जीएआरपी (उचित मूल्य पर विकास), मूल्य, मध्य / छोटा और वैश्विक शामिल है। हालांकि इसमें एक खामी है। विभिन्न निवेश शैलियां या तरीके अलग-अलग समय पर अच्छा प्रदर्शन करती हैं।
हाल के दिनों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले फंड्स को ही चुनकर, आप एक या दो तरीकों पर केंद्रित पोर्टफोलियो के साथ अपना काम पूरा होने की उम्मीद रखते निवेश के जोखिम को कम करने के तरीके हैं। हालांकि जब ये तरीके काम नहीं करते हैं तो आपका पूरा पोर्टफोलियो सालों तक लंबी अवधि में खराब प्रदर्शन से गुजर सकता है। इसलिए शैलियों या तरीकों में विविधता लाना बेहतर तरीका होगा।
अपने डेट म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो का निर्माण
अपने डेट पोर्टफोलियो का निर्माण करते समय, आपको दो जोखिमों - ब्याज दर जोखिम और क्रेडिट जोखिम पर ध्यान देना होगा। ब्याज दर जोखिम ब्याज दर में बदलाव के कारण आपके डेट पोर्टफोलियो में गिरावट का जोखिम है। लंबी अवधि वाले डेट फंड कम अवधि वाले लोगों की तुलना में ब्याज दर में बदलाव के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इसलिए, डेट फंड्स में निवेश करने के लिए आपको उस ब्याज दर के माहौल की थोड़ी समझ होनी चाहिए, जिसमें आप मौजूद हैं।
इसके बजाय, आसान विकल्प यह होगा कि आप छोटी अवधि के फंड में बने रहें। क्रेडिट जोखिम वह जोखिम है, जिसमें मौजूदा बॉन्ड जारी करने वाला उसे वापस खरीदने की क्षमता में नहीं होगा। डेट फंड के क्रेडिट प्रोफाइल की जांच करें और उन फंडों में निवेश करें जिनकी क्रेडिट गुणवत्ता उच्च है, यानी मुख्य रूप से एएए रेटिंग वाले डेट पेपर में निवेश करें। कहने का मतलब है कि कम अवधि और उच्च क्रेडिट गुणवत्ता वाले डेट फंड को चुनें।
गोल्ड के लिए आवंटन
कई निवेशकों का पहले से ही अपने निजी आभूषणों के जरिए सोने या गोल्ड में निवेश है। म्युचुअल फंड के माध्यम से सोने में किया गया अतिरिक्त निवेश ओवरवेट हो सकता है। जिन निवेशकों का फिजिकल गोल्ड में ज्यादा निवेश नहीं है, वे अपने पोर्टफोलियो का 15% तक गोल्ड फंड में निवेश कर सकते हैं।
अपना असेट एलोकेशन (परिसंपत्तियों में आवंटन) तय करते समय अपनी समय सीमा और जोखिम सहने की क्षमता पर विचार करें। आदर्श रूप से, इक्विटी और डेट फंड को आपके पोर्टफोलियो का केंद्र होना चाहिए। इक्विटी फंड निवेश के लिए, आप 5 निवेश के जोखिम को कम करने के तरीके फिंगर फ्रेमवर्क जैसी विविध सक्रिय रणनीति अपना सकते हैं या आप एक पैसिव रणनीति का विकल्प चुन सकते हैं। डेट फंड निवेश के लिए, उन फंड्स के साथ रहना बेहतर होता है जिनकी अवधि कम होती है और क्रेडिट गुणवत्ता काफी बेहतर होती है।
पूंजीगत प्रवाह के जोखिमों को कम करने के लिए भारत ने सुरक्षा उपाय कर रखे हैं: आईएमएफ
Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 31, 2022 11:47 IST
Image Source : TWITTER India has put in place safeguards to mitigate capital inflow risks: IMF
Highlights
- कोविड-19 संकट के बावजूद भारत को बीते कुछ वर्षों में रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है: IMF
- पूंजीगत प्रवाह के जोखिमों को कम करने निवेश के जोखिम को कम करने के तरीके के लिए भारत ने सुरक्षा उपाय कर रखे हैं: IMF
- पूंजी प्रवाह के लिहाज से भारतीय अर्थव्यवस्था में कई सुरक्षा व्यवस्थाएं हैं- IMF
वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि कोविड-19 संकट के बावजूद भारत को बीते निवेश के जोखिम को कम करने के तरीके कुछ वर्षों में रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है और पूंजीगत प्रवाह के जोखिम को कम करने के लिए भारत में कुछ सुरक्षा उपाय हैं। आईएमएफ की पहली उप-प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने संवाददाताओं से कहा, 'पूंजीगत प्रवाह के अनेक लाभ होते हैं। वे आवश्यक निवेशों के लिए वित्तपोषण उपलब्ध करवाते हैं और कुछ प्रकार के जोखिमों के खिलाफ सुरक्षा देने निवेश के जोखिम को कम करने के तरीके में मदद करते हैं। भारत में पूंजी प्रवाह होने से देशों को कई लाभ होते हैं और उन पूंजी प्रवाहों को प्राप्त करने से भी लाभ होता है।'
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Investment tips : ज्यादा रिटर्न चाहते हैं? निवेश के कुछ स्मार्ट तरीकों पर करें गौर
कोविड-19 संकट के कारण अनेक निवेशकों को मजबूरी में अपने जोखिम सहन करने की शक्ति को कम करना पड़ा है और वे अब जोखिम से बचने लगे हैं। जब इतनी अधिक अनिश्चितता का समय जारी हो, तो ऐसे में कम जोखिम उठाने में कोई बुराई नहीं है, विशेष रूप से यदि ऐसा करना आपके वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार है और उतार-चढ़ाव भरी मार्केट में ऐसा करने से आपको हानि से बचने में मदद मिलती है। लेकिन, जब आप जोखिम से बचने की निवेश रणनीति को अपनाते हैं, तो अकसर आपको अपनी रिटर्न उम्मीदों को भी कम करना पड़ता है। लेकिन यदि आप सावधानी से सही प्रकार के निम्न-जोखिम निवेश को चुनते हैं तो इससे जोखिम को नियंत्रित रखने के साथ-साथ आपके पोर्टफोलियो रिटर्न में भी सुधार होने की सम्भावना रहती है। इसलिए, आइये जोखिम से बचने के लिए कुछ निवेश विकल्पों की जांच करते हैं।