क्या है क्रिप्टो करैंसी

Cryptocurrency vs Digital Currency: RBI ने लांच की डिजिटल करेंसी, जानें क्रिप्टोकरेंसी से कैसे है अलग और क्या हैं इसके फायदे
Cryptocurrency vs Digital Currency: क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है। पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, और उसका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है।
बता दें कि देश में पहले ही बहुत से ऑनलाइन पेमेंट के ऑप्शन मौजूद है।ऐसे में अहम सवाल यह है कि जब इतने सारे ऑनलाइन पेमेंट के विकल्प मौजूद हैं और वो बेहतर काम भी कर रहे हैं तो फिर डिजिटल रुपया लाने की जरूरत ही क्यों पड़ी। क्यों खास है डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और यह Cryptocurrency से कितनी अलग है।
सीबीडीसी डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य
क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है। हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं। मैकिन्से ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से वृद्धि के साथ केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल टोकन
सीबीडीसी या भारतीय ई-रुपया आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है। ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में रुचि बढ़ा दी है, जिसके क्या है क्रिप्टो करैंसी चलते दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के उपयोग पर विचार कर रहे हैं।
सीबीडीसी के ये हैं बड़े फायदे
सीबीडीसी क्या है क्रिप्टो करैंसी का प्राथमिक उद्देश्य कंपनियों और उपभोक्ताओं को गोपनीयता, हस्तांतरणीयता, सुगमता और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। काउंसिल का कहना है, सीबीडीसी एक जटिल वित्तीय प्रणाली के लिए आवश्यक रखरखाव को भी कम करता है, सीमा पार लेनदेन लागत में कटौती करता है और उन लोगों को कम लागत वाले विकल्प देता है जो अब दूसरे धन हस्तांतरण विधियों का उपयोग करते हैं।
नए साल में तबाह हो जाएगा बिटकॉइन! इस बड़े बैंक ने दी चेतावनी
नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) के लिए नया साल और भी ज्यादा बुरा हो सकता है. दुनिया के बड़े बैंकों में से एक स्टैंडर्ड चार्टर्ड (Standard Chartered) ने अनुमान लगाया है कि नए साल में बिटकॉइन निवेशकों (Bitcoin Investors) के आंसू और ज्यादा बहा क्या है क्रिप्टो करैंसी सकता है और इसकी कीमत में 70 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है. बैंक ने कहा कि साल 2023 में बिटकॉइन की कीमत (Bitcoin Price) 5 हजार डॉलर के पास आ सकते हैं जो कि मौजूदा समय 17,500 डॉलर के करीब कारोबार कर रहा है.
कितने हो सकते हैं बिटकॉइन के दाम
बैंक के ग्लोबल हेड ऑफ रिसर्च एरिक रॉबर्टसन ने रविवार को एक नोट में लिखा है कि अगले क्या है क्रिप्टो करैंसी साल लगभग 70 फीसदी यानी कीमत 5 हजार डॉलर तक देखने को मिल सकती है. रॉबर्टसन ने यह भी कहा कि मांग गोल्ड के डिजिटल वर्जन में निवेशकों के शिफ्टी होने के कारण बिटकॉइन की कीमतों में भारी गिरावट आने की संभावना है. जबकि सोने के दाम में 30 फीसदी का इजाफा देखने को मिल सकता है. रॉबर्टसन ने कहा कि बिटकॉइन की कीमत में गिरावट की असल वजह इकोनॉमी में उथल—पुथल डिजिटल असेट्स में निवेशकों के विश्वास में कमी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि वह भविष्यवाणियां नहीं कर रहे है, बल्कि उन सिनेरियो पर विचार कर रहे हैं जो भौतिक रूप से मौजूदा बाजार सहमति से बाहर हैं.
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क्रिप्टो मार्केट में अब जबरदस्ती की सेल खत्म
सैम बैंकमैन-फ्राइड के एफटीएक्स एक्सचेंज और सिस्टर ट्रेडिंग हाउस अल्मेडा रिसर्च के पतन के बाद डिजिटल असेट्स के लिए आगे क्या है, इस सवाल का जवाब देना यकीनन कभी कठिन नहीं क्या है क्रिप्टो करैंसी रहा. इस धमाके की वजह से क्रिप्टो कंपनियों और बुफे टोकन की कीमतों में गिरावट का खतरा है. फंडस्ट्रैट में डिजिटल एसेट स्ट्रैटेजी के क्या है क्रिप्टो करैंसी प्रमुख सीन फैरेल ने शुक्रवार को एक नोट में लिखा कि क्रिप्टो मार्केट में अब जबरदस्ती की सेल खत्म हो चुकी है. फैरेल ने डिजिटल करेंसी ग्रुप, संकट में घिरी हुई क्रिप्टो ब्रोकरेज जेनेसिस की मूल कंपनी के आसपास चल रही अनिश्चितता की ओर इशारा किया. ब्रोकरेज को दिवालिया होने से बचाने के लिए जेनेसिस के लेनदार विकल्प तलाश रहे हैं.
गोल्ड को मिल सकता है फायदा
स्टैंडर्ड चार्टर्ड के रॉबर्टसन ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी मार्केट में गिरावट का फायदा गोल्ड की कीमत को मिल सकता है. उन्होंने कहा कि अगले सालद सोने की कीमत 2,250 डॉलर प्रति औंस देखने को मिल सकती है, जोकि मौजूदा समय में 1850 डॉलर प्रति ओंस से कम है. बीते कुछ दिनों में सोने की कीमत में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है.
क्रिप्टो सेक्टर छंटनी जारी
क्रिप्टो सेक्टर में छंटनी जारी है. डिजिटल-एसेट एक्सचेंज बायबिट अपने कर्मचारियों की संख्या में 30 फीसदी की कटौती करने की योजना बना रहा है. वहीं दूसरी ओर ब्लूमबर्ग के एमएलआईवी पल्स सर्वे के लगभग क्या है क्रिप्टो करैंसी 94 फीसदी लोगों का मानना है कि एफटीएक्स के दिवालिया होने के बाद और अधिक धमाके देखने को मिल सकते हैं. मौजूदा समय में बिटकॉइन स्टेबल दिखाई दे रहा है. कॉइन मार्केट कैप डॉट के अनुसार 1.76 फीसदी की तेजी के साथ 17,317.79 डॉलर पर कारोबार कर रहा है.
कैसे काम करती है क्रिप्टोकरेंसी? क्या है सरकार व RBI का रुख? जानें हर सवाल का जवाब
Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है। इसे नोट या सिक्के की तरह हाथ में नहीं लिया जा सकता। ये डिजिटल एसेट्स होते हैं।
- क्रिप्टोकरेंसी को कोई सेंट्रल अथॉरिटी रेगुलेट नहीं करती।
- क्रिप्टोकरेंसी की संख्या हजारों में हैं, जिनकी अलग-अलग कीमत है जो बढ़ती-घटती रहती है।
- भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून नहीं क्या है क्रिप्टो करैंसी है, न ही रेगुलेशन का कोई सिस्टम है।
नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में अबतक आपने बहुत पढ़ा-सुना देखा होगा। आज हम आपके सारे डाउट क्लियर कर देंगे।। जैसे- क्रिप्टोकरेंसी भारत में अवैध तो नहीं है, सरकार का इस मामले में स्टैंड क्या है, चिंताएं क्या-क्या हैं? क्या क्रिप्टोकरेंसी में इंवेस्टमेंट रिस्क वाला फैसला है? ऐसे ही 10 सवालों के जवाब यहां मिलेंगे।
सवाल 1: क्रिप्टोकरेंसी होती क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। मतलब ये कि नोट या सिक्के की तरह इसे हाथ में ले नहीं सकते, कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता है, ये डिजिटल एसेट्स होते हैं। और क्रिप्टोग्राफी से इन्हें सेक्योर किया जाता है। हर एक क्रिप्टोकरेंसी, यूनिक प्रोग्राम कोड से बनाई जाती है जिससे कि एक ही क्रिप्टोकरेंसी की कॉपी बना लेना या धोखाधड़ी कर पाना तकरीबन नामुमकिन है।
सवाल 2: काम कैसे करती है क्रिप्टोकरेंसी?
- क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी सेंट्रल अथॉरिटी मतलब कि सरकार या समझ लीजिए रिजर्व बैंक रेगुलेट नहीं करता है। ये पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड है और इंटरनेट पर ही इसका क्रिएशन, इंवेस्टमेंट,ट्रांजेक्शन होता है।
- भारत के लिहाज से बात करें तो सरकार या रिजर्व बैंक को नहीं पता कि ये कैसे बनाए जा रहे हैं, इसकी वैल्यू कैसे घट बढ़ रही है और इसका एक्सचेंज कैसे हो रहा है।
- एक पूरा इंटरनेट नेटवर्क है, जहां पर हर एक ट्रांजेक्शन की जानकारी सेव होती रहती है औैर इसे कोई सिंगल पर्सन या कोई संस्था मॉनिटर नहीं कर रही होती। एक ही साथ इस पर कई जगह काम होता रहता है।
सवाल 3: कितने तरह की होती है क्रिप्टोकरेंसी?
अब आपने बिटक्वॉइन, डॉजक्वाइन, लाइटक्वाइन, पोलकाडॉट, चेनलिंक, मूनक्वाइन ये सब नाम भी आपने सुने होंगे, तो ये सब क्रिप्टोकरेंसी ही हैं, इनकी संख्या हजारों में हैं जिनकी अलग-अलग वैल्युज है जो बढ़ती घटती रहती है।जैसे 16 नवंबर को एक बिटक्वाइन की कीमत करीब 48 लाख रुपये है और ये महज कुछ ही घंटों में हजारों बढ़ घट सकती है। इसका तेजी से बढ़ना घटना भी एक वजह है जिसके बारे में एक्सपर्ट कहते हैं कि जमा पूंजी को इसमें निवेश कर देना कभी-कभार तगड़ा घाटे का सौदा हो सकता है।
सवाल 4: कैसे खरीद सकते हैं?
आपको जानकार हैरानी होगी कि देश में करीब 10 करोड़ क्रिप्टो करेंसी ओनर हैं, हालांकि, ये इंडिपेंडेंट प्लेटफॉर्म की तरफ से जारी आंकड़े हैं। लेकिन फिर भी इतनी संख्या में ये जो क्रिप्टो ऑनर हैं, वहां कहां खरीदते बेचते हैं क्रिप्टोकरेंसी?ठीक वैसे ही जैसा स्टॉक मार्केट होता है वैसे ही एक्सचेंज या ब्रोकर क्रिप्टोकरेंसी के लिए है । भारत में जो टॉप क्रिप्टो एक्सचेंज हैं वो हैं CoinDCX, Coinswitch, WazirX, Kuber- ये सब मोबाइ्ल एप की मदद से रजिस्ट्रेशन लेते हैं और अपने प्लेटफॉर्म से ट्रांजेक्शन करने देते हैं। शुरुआत में ये आपको क्रिप्टो मार्केट समझने में भी हेल्प करते हैं।
ये तो हो गई क्रिप्टोकरेंसी को समझने की बात अब भारत में क्या नियम-कानून हैं और सरकार-एजेंसियों की चिंता क्या है?
सवाल 5: भारत में वैध या अवैध है क्रिप्टोकरेंसी?
मौजूदा वक्त में भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून नहीं है, न ही रेगुलेशन का कोई सिस्टम है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि क्रिप्टोकरेंसी को रखना अवैध है।
सवाल 6: भारत सरकार का क्या रुख है?
ऐसा माना जा रहा है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो करेंसी पर विधेयक ला सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 नवंबर को क्रिप्टो करेंसी पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इससे संकेत मिलता है कि सरकार इस मुद्दे से निपटने के लिए टफ रेगुलेटरी स्टेप ले सकती है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगस्त में कहा था कि उन्हें क्रिप्टो करेंसी विधेयक पर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार है
सवाल 7: रिजर्व बैंक का क्या रुख है?
यहां एक बात और जान लीजिए कि साल 2018 में रिजर्व बैंक ने क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर पूरी तरह रोक लगाने वाला सर्कुलर जारी कर दिया था। मार्च 2020 में सुप्रम कोर्ट ने इस सर्कुलर को निरस्त कर दिया, और क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड की मंजूरी दे दी।हाल ही में एक कार्यक्रम में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास क्रिप्टोकरेंसी को लेकर फिर चेतावनी दी थी। उनका कहना था कि इससे रिजर्व बैंक के सामने एक चुनौती आई है। माइक्रोइकनॉमिक बैंलेस और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी दोनों के लिए क्रिप्टोकरेंसी ने चिंता पैदा की है।इस कार्यक्रम में दास ने ये भी कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की संख्या को बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है।
सवाल 8: भारत में चिंताएं क्या-क्या हैं?
अभी तक मैंने जो जानकारी दी है उससे समझ गए होंगे कि देश में पिछले कुछ सालों से क्रिप्टोकरेंसी पर लगातार बहस चलती आई है। आशंका है कि इसका इस्तेमाल निवेशकों को भ्रामक दावों के साथ आकर्षित करने और आतंक के वित्तपोषण के लिए किए जाने की आशंका है।और जब से ये क्रिप्टोकरेंसी टीओआर, फ्ऱीनेट, जीरोनेट और परफेक्टडार्क जैसे डार्क नेट पर लेन-देन के लिए इस्तेमाल किए जाने लगी है तब से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ गई है।
सवाल 9: साइबर क्राइम में क्यों इस्तेमाल होने लगी है क्रिप्टोकरेंसी?
मनी लॉन्ड्रिंग करने वाले, साइबर अपराधी और आतंकवादी क्रिप्टोकरेंसी को आसान मानते हैं क्योंकि इसका पता लगाना मुश्किल होता है, क्योंकि क्रेडिट-डेबिट कार्ड या बैंक जैसा कोई मध्यस्थ नहीं होता है ऐसा में पता लगाना नामुमकिन सा हो जाता है कि आखिर पैसा गया तो गया कहां।आपको एक उदाहरण देते हैं पिछले साल पीएम मोदी के क्या है क्रिप्टो करैंसी पर्सनल वेबसाइट के टि्वटर अकाउंट को हैक कर लिया गया था। हैकर ने बदले में बिटक्वॉइन की ही मांग की थी, तो ये चिंताएं हैं सरकार और एजेंसियों के सामने जिसका सवाल ढूंढा जा रहा है।
सवाल 10: क्या किसी देश में क्रिप्टोकरेंसी लीगल करेंसी भी है?
जवाब है हां, जून 2021 में अल सल्वाडोर पहला ऐसा देश बन गया जहां बिटक्वॉइन को ऑफिशियली लीगल करेंसी बनाया गया है। इसके अलावा किसी दूसरे देश में बिटक्वॉइन या कोई दूसरी क्रिप्टोकरेंसी, लीगल करेंसी के तौर पर इस्तेमाल नहीं की जाती। हालांकि, अपने देश के अलावा यूएस, कनाडा में इसकी ट्रेडिंग हो रही है, रूस, चीन जैसे देश इसके खिलाफ हैं।
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क्रिप्टोकरेंसी: कहीं बैन तो कहीं बनी लीगल टेंडर…क्या चीन की राह पर है भारत!
बिजनेस डेस्कः क्रिप्टो करेंसी को लेकर क्या है क्रिप्टो करैंसी मोदी सरकार एक्शन के मूड में है। संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में इसे लेकर सरकार बिल लेकर आ रही है। जिसमें प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने से लेकर इसके लिए नियम भी बनाए जा सकते हैं। इस विधेयक का नाम ‘द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ है। देश में बड़ी संख्या में लोगों ने बिटकॉइन जैसी कई क्रिप्टो करंसी में बड़ी मात्रा में निवेश किया हुआ है। मोदी सरकार के ताजा फैसले का असर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले लाखों लोगों पर पड़ सकता है। हालांकि यह मांग भी है कि अंतर्निहित तकनीक और इसके उपयोगों को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवादों को अनुमति दी जाए।
आखिर क्या है क्रिप्टो
क्रिप्टोकरेंसी यानी डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है। इसे आप देख या छू नहीं सकते। लेकिन इसे ऑनलाइन वॉलेट में जमा कर सकते हैं, डिजिटल कॉइन के रूप में। इसे एक डिजिटल कैश प्रणाली कह सकते हैं, जो कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर बेस्ड है। क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी किसी एक देश की सीमा या नागरिकों तक सीमित नहीं है बल्कि यह अलग-अलग देशों और नागरिकों से ताल्लुक रखती है।
चीन पहले ही कर चुका है बैन
चीन का सेंट्रल बैंक क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी सभी ट्रांजेक्शन को अवैध करार दे चुका है। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग के खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कह चुका है। उसने ये भी कहा है कि वह घरेलू निवेशकों को सेवा देने वाले विदेशी एक्सचेंजों पर पाबंदी लगाएगा। चीन में ऐसी कई कंपनियां हैं, जिन्होंने पिछले कई सालों में क्रिप्टो पर बड़ा दांव लगाया है, विशेष रूप से टेक इंडस्ट्री की कंपनियां। अब अगर भारत की बात करें तो भारत में भी कई निवेशकों का पैसा क्रिप्टोकरेंसी में लगा है। ऐसे में अगर भारत में इन पर बैन लगा तो कई निवेशकों की सांस हलक में अटक जाएगी।
इन देशों में भी क्रिप्टो पर है प्रतिबंध
चीन के अलावा कुछ अन्य देश भी हैं, जिनमें क्रिप्टोकरेंसी या क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट्स पर प्रतिबंध है। इनमें नाइजीरिया, टर्की, बोलिविया, एक्वाडोर, अल्जीरिया कतर, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, वियतनाम के नाम प्रमुख हैं। मिस्त्र में शरिया कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी को हराम मान गया है, हालांकि यह प्रत्यक्ष तौर पर प्रतिबंधित नहीं है।
अल सल्वाडोर में लीगल टेंडर बन चुका है बिटकॉइन
एक ओर जहां कई देश क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी फैसला नहीं कर पा रहे हैं, वहीं मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर ने सितंबर माह में क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को कानूनी रूप से स्वीकार कर लिया था। अल सल्वाडोर में अब वित्तीय लेनदेन के लिए बिटकॉइन का भी इस्तेमाल हो सकेगा यानी बिटकॉइन वहां पर लीगल टेंडर बन चुका है। ऐसा करने वाला अल सल्वाडोर दुनिया का पहला देश है।