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ब्रोकरेज कंपनी को खोलने के तीन तरीके

ब्रोकरेज कंपनी को खोलने के तीन तरीके
शेयर बाजार क्या है

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शेयर बाजार क्या है और शेयर बाजार कैसे काम करता है, शेयर कैसे खरीदें पूरी जानकारी Hindi Tech News पर आपको मिलेगा। तो चलिए शुरू करते है।
जब भी हम किसी बाज़ार की कल्पना करते है तो हमारे दिमाग में किसी ऐसी जगह की इमेज बनती है
जहाँ बहुत-सी दुकानें होंगी या कोई मॉल जहां जाकर आप खरीदारी कर सकते हैं मगर शेयर बाजार ऐसा
बाजार नहीं है. शेयर बाजार में खरीदने और बेचने का काम पूरी तरह से कंप्यूटर द्वारा ऑटोमेटिक तरीके से होता है. कोई भी शेयर खरीदने या बेचने वाला अपने ब्रोकर के द्वारा एक्सचेंज पर अपना आर्डर देता है

और पलक झपकते ही पेंडिंग आर्डरों के अनुसार ऑटोमेटिकली सौदे का मिलान हो जाता है.शेयर बाजार में काम के घंटों में ब्रोकर अपने ग्राहकों के लिए उनके द्वारा दिए गए आर्डर टर्मिनल में
डाल देते हैं. इसके बदले में ब्रोकर को ब्रोकरेज या दलाली मिलती है.


हम कह सकते हैं कि मुख्यतः शेयर बाजार की तीन कड़ियाँ हैं स्टॉक एक्सचेंज, ब्रोकर और निवेशक.
ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज के सदस्य होते है और केवल वे ही उस स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग कर सकते हैं. ग्राहक सीधे जाकर शेयर खरीद या बेच नहीं सकते उन्हें केवल ब्रोकर के जरिए ही जाना पड़ता है.

देश में मुख्यतः BSE यानी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज और NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज हैं जिन पर
शेयरों का कारोबार होता है. अधिकतर कंपनियां जिनके शेयर मार्केट में ट्रेड होते हैं इन दोनों स्टॉक
एक्सचेंज पर लिस्टेड है मगर यह भी हो सकता है की कोई कंपनी इन दोनों में से किसी एक ही एक्सचेंज पर लिस्टेड हों.

देश के मुख्यता सभी बड़े बैंक या उनकी सबसिडी कंपनियां और अन्य बड़ी वित्तीय कंपनियां इन एक्सचेंजों में ब्रोकर के तौर पर काम करती हैं.

ग्राहक इन ब्रोकर कम्पनियों के पास जाकर अपने डीमैट अकाउंट की जानकारी देकर अपना खाता
ब्रोकर के पास खुलवा सकता है. इस प्रकार ग्राहक का डीमैट एकाउंट ब्रोकर के अकाउंट से जुड़ जाता है
और खरीदी अथवा बेची गई शेयर्स ग्राहक के डीमैट अकाउंट से ट्रांसफर हो जाती हैं. इसी प्रकार ग्राहक
अपना बैंक खाता भी ब्रोकर के खाते के साथ जोड़ सकता है जिससे खरीदे अथवा बेचे गए शेयरों की


धनराशि ग्राहक के खाते में ट्रांसफर की जाती है. ग्राहक द्वारा खरीदे गए शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप में उसके
डीमैट एकाउंट में पड़े रहते हैं जब भी कोई कंपनी डिविडेंड की घोषणा करती है तो डीमैट अकाउंट से जुड़े
बैंक खाते में डिविडेंड की राशि पहुंच जाती है. इसी प्रकार यदि कंपनी बोनस शेयरों की घोषणा करती है तो बोनस शेयर भी शेयरहोल्डर के डीमैट अकाउंट में पहुंच जाते हैं. ग्राहक जब शेयर बेचता है तो उसी डीमैट अकाउंट से वह शेयर ट्रान्सफर हो जाता है.

शेयरों में कारोबार करने के लिए एक निवेशक के पास डीमैट अकाउंट, ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अकाउंट और
उससे जुडा एक बैंक खाता होना जरूरी है. कई बैंक इसके लिए थ्री इन वन खाता खोलने की सुविधा भी देते हैं.

अधिकतर ब्रोकर हाउस आपको ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग की सुविधा भी प्रदान करते हैं इसके अलावा आप फोन करके भी अपने ऑर्डर दे सकते है.

यदि आप भी शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो शेयर बाजार क्या है और शेयर बाजार कैसे काम करता है यह आपके लिए समझना बहुत आवश्यक है.

शेयर बाजार क्या है

शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है शेयर मार्केट की जानकारी, शेयर कैसे खरीदें हिंदी में विस्तार से शेयर मार्किट गाईड आसान भाषा में। जब भी हम किसी बाज़ार की कल्पना करते है तो हमारे दिमाग में किसी ऐसी जगह की इमेज बनती है जहाँ बहुत-सी दुकानें होंगी या कोई मॉल जहां जाकर आप खरीदारी कर सकते हैं मगर शेयर बाजार ऐसा बाजार नहीं है. शेयर बाजार में खरीदने और बेचने का काम पूरी तरह से कंप्यूटर द्वारा ऑटोमेटिक तरीके से होता है. कोई भी शेयर खरीदने या बेचने वाला अपने ब्रोकर के द्वारा एक्सचेंज पर अपना आर्डर देता है और पलक झपकते ही पेंडिंग आर्डरों के अनुसार ऑटोमेटिकली सौदे का मिलान हो जाता है.

शेयर बाजार क्या है

शेयर बाजार क्या है

शेयर बाजार क्या है

शेयर बाजार में काम के घंटों में ब्रोकर अपने ग्राहकों के लिए उनके द्वारा दिए गए आर्डर टर्मिनल में डाल देते हैं. इसके बदले में ब्रोकर को ब्रोकरेज या दलाली मिलती है। शेयर बाजार के बारे में अधिक जानकारी ओर अन्य पहलुओं को जानने के लिये Share Market information in Hindi विस्तार से पढ़ें।

कैसे होता है शेयर बाजार में काम

हम कह सकते हैं कि मुख्यतः शेयर बाजार की तीन कड़ियाँ हैं स्टॉक एक्सचेंज, ब्रोकर और निवेशक. ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज के सदस्य होते है और केवल वे ही उस स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग कर सकते हैं. ग्राहक सीधे जाकर शेयर खरीद या बेच नहीं सकते उन्हें केवल ब्रोकर के जरिए ही जाना पड़ता है. ऐसा नहीं है कि शेयर बाजार में निवेश करने के लिये कोई मोटी राशि कि जरुरत है, यहां पढिये शेयर बाजार में कम से कम कितने पैसे लगा सकते हैं।

शेयर बाजार क्या है – भारत के प्रमुख स्टॉक एक्स्चेंज

देश में मुख्यतः BSE यानी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज और NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज हैं जिन पर शेयरों का कारोबार होता है. BSE और NSE दुनिया के बड़े स्टॉक एक्सचेंज हैं. अधिकतर कंपनियां जिनके शेयर मार्केट में ट्रेड होते हैं इन दोनों स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड है मगर यह भी हो सकता है कि कोई कंपनी इन दोनों में से किसी एक ही एक्सचेंज पर लिस्टेड हों.

डीमैट अकाउंट है ज़रूरी

देश के मुख्यता सभी बड़े बैंक या उनकी सबसिडी कंपनियां और अन्य बड़ी वित्तीय कंपनियां इन एक्सचेंजों में ब्रोकर के तौर पर काम करती हैं. ग्राहक इन ब्रोकर कम्पनियों के पास जाकर अपने डीमैट अकाउंट की जानकारी देकर अपना खाता ब्रोकर के पास खुलवा सकता है. इस प्रकार ग्राहक का डीमैट एकाउंट ब्रोकर के अकाउंट से जुड़ जाता है और खरीदी अथवा बेची गई शेयर्स ग्राहक के डीमैट अकाउंट से ट्रांसफर हो जाती हैं. इसी प्रकार ग्राहक अपना बैंक खाता भी ब्रोकर के खाते के साथ जोड़ सकता है जिससे खरीदे अथवा बेचे गए शेयरों की धनराशि ग्राहक के खाते में ट्रांसफर की जाती है.

डीमैट अकाउंट से जुड़ता है ट्रेडिंग अकाउंट

ग्राहक द्वारा खरीदे गए शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप में उसके डीमैट एकाउंट में पड़े रहते हैं जब भी कोई कंपनी डिविडेंड की घोषणा करती है तो डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक खाते में डिविडेंड की राशि पहुंच जाती है. इसी प्रकार यदि कंपनी बोनस शेयरों की घोषणा करती है तो बोनस शेयर भी शेयरहोल्डर के डीमैट अकाउंट में पहुंच जाते हैं. ग्राहक जब शेयर बेचता है तो उसी डीमैट अकाउंट से वह शेयर ट्रान्सफर हो जाता है.

शेयरों में कारोबार करने के लिए एक निवेशक के पास डीमैट अकाउंट, ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अकाउंट और उससे जुडा एक बैंक खाता होना जरूरी है. कई बैंक इसके लिए थ्री इन वन खाता खोलने की सुविधा भी देते हैं. अधिकतर ब्रोकर हाउस आपको ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग की सुविधा भी प्रदान करते हैं इसके अलावा आप फोन करके भी अपने ऑर्डर दे सकते है.

यदि आप भी शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो शेयर बाजार क्या है और शेयर बाजार कैसे काम करता है यह आपके लिए समझना बहुत आवश्यक है.

Security Guard Agency : सिक्योरिटी एजेंसी खोलने के तरीका, सिक्योरिटी एजेंसी लाइसेन्स कैसे मिलता है?

जब भी आप किसी मॉल, ऑफिस या फिर किसी संस्थान मे गए होंगे तो आपने देखा होगा की वहाँ पर Security Guard होते हैं. ये Security Guard वहाँ पर सुरक्षा का काम करते हैं. वे वहाँ आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखते हैं और खतरे की स्थिति मे डटकर मुकाबला करते हैं. वैसे कभी आपके दिमाग मे आया की ये सिक्योरिटी गार्ड की एजेंसी (Security agency) कैसी खोली जाती है? (How do you start your own security company?) सिक्योरिटी गार्ड की एजेंसी खोलने मे कितना खर्च आता है? (How much does it cost to start a security company) इन सभी सवालों का जवाब आप इस पोस्ट मे पढ़ेंगे.

By रवि नामदेव On Mar 22, 2019 9,670 0

जब भी आप किसी मॉल, ऑफिस या फिर किसी संस्थान मे गए होंगे तो आपने देखा होगा की वहाँ पर Security Guard होते हैं. ये Security Guard वहाँ पर सुरक्षा का काम करते हैं. वे वहाँ आने-जाने वाले लोगों पर नजर ब्रोकरेज कंपनी को खोलने के तीन तरीके रखते हैं और खतरे की स्थिति मे डटकर मुकाबला करते हैं. वैसे कभी आपके दिमाग मे आया की ये सिक्योरिटी गार्ड की एजेंसी (Security agency) कैसी खोली जाती है? (How do you start your own security company?) सिक्योरिटी गार्ड की एजेंसी खोलने मे कितना खर्च आता है? (How much does it cost to start a security company) इन सभी सवालों का जवाब आप इस पोस्ट मे पढ़ेंगे.

आजकल सिक्योरिटी गार्ड की जरूरत बड़े और छोटे दोनों शहरों मे बढ़ गई है. आज हर कोई अपने घर, ऑफिस की रखवाली करवाना चाहता है ऐसे मे इस फील्ड मे काफी संभावनाएं हैं क्योंकि यह तेजी से बढ़ता क्षेत्र है. सिक्योरिटी गार्ड एजेंसी खोलने के लिए आपको ज्यादा खर्च भी नहीं करना पढ़ता है. ये कम खर्च मे ज्यादा कमाई करने वाला बिजनेस है.

सिक्योरिटी एजेंसी खोलने का तरीका क्या है? (How do I get a security agency license?)

सिक्योरिटी एजेंसी शुरू करने के लिए सबसे पहले तो आपको एक कंपनी बनानी होगी. जिसे आप चाहे तो अकेले या फिर किसी पार्टनर के साथ मिलकर बना सकते हैं. आप चाहें तो पार्टनर के तौर पर अपनी पत्नी या फिर घर के किसी सदस्य को ले सकते हैं. सिक्योरिटी एजेंसी के रूप मे आप एक प्रोपराइटरशिप फर्म खोलें इसमे कागजी कार्यवाही कम होती है. इसे शुरू करने मे अपने CA की मदद जरूर लें.

सिक्योरिटी एजेंसी रजिस्ट्रेशन कैसे होता है? (Security agency registration PSARA)

सिक्योरिटी एजेंसी एक तरह की सर्विस कंपनी होती है जिस पर कंपनी मालिक को सर्विस टेक्स देना होता है. कंपनी शुरू करने के लिए आपको उसका रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. अगर आपकी कंपनी में 10 या उससे ज्यादा लोग हैं तो आपको ESIC Registration करवाना होगा और अगर 20 से ज्यादा लोग हैं तो उनका PF Registration करवाना होगा. इन सभी के अलावा आपको labour court में भी अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.

सिक्योरिटी एजेंसी लाइसेंस कैसे मिलता है? (How to get private security agency license)

कंपनी रजिस्टर करवाने के बाद आपको सिक्योरिटी एजेंसी का लाइसेंस लेना होता है जिसे राज्य सरकार का गृह विभाग देता है. यहाँ आपकी जांच परख होती है साथ ही पुलिस भी अपनी ओर से मंजूरी देती है जिसके बाद प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी रेग्युलेशन एक्ट 2005 के तहत लाइसेंस मिलता है.

सिक्योरिटी एजेंसी लाइसेन्स फीस (How much does it cost to start up a security agency?)

सिक्योरिटी एजेंसी का लाइसेन्स लेने के लिए आपको कुछ फीस सरकार को देना होती है. ये फीस अलग-अलग जगह के लिए अलग-अलग होती हैं-

– किसी एक जिले मे सिक्योरिटी एजेंसी के लिए लगभग 5000 रुपये.

– पाँच जिले मे सिक्योरिटी सेवा देने के लिए लगभग 10,000 रुपये.

– पूरे राज्य मे सिक्योरिटी सेवा देने के लिए लगभग 25,000 रुपये.

सिक्योरिटी एजेंसी गार्ड की भर्ती कैसे करती है? (Security agency guard recruitment)

सिक्योरिटी गार्ड की भर्ती करने के लिए आपको उन्हें ट्रेनिंग देना होती है. साथ ही सिक्योरिटी गार्ड की ड्रेस की ब्रोकरेज कंपनी को खोलने के तीन तरीके व्यवस्था भी करनी होती है. आप किस ड्रेस का उपयोग करेंगे उसका फोटो आपको पहले ही रजिस्ट्रेशन के समय देना होता है.

सिक्योरिटी गार्ड बनाने के लिए जरूरी योग्यताएँ (Eligibility for security guard)

सिक्योरिटी गार्ड बनाने के लिए कुछ जरूरी योग्यताएँ होती है जिनका पालन करना जरूरी होता है.

– पुरुष सिक्योरिटी गार्ड की हाइट कम से कम 160 सेमी होना चाहिए तथा महिला सिक्योरिटी गार्ड की हाइट 150 सेमी होना चाहिए.

– पुरुष सुरक्षाकर्मी का सीना फूलकर 80 सेमी होना चाहिए.

– सुरक्षा कर्मी 6 मिनट मे 1 किमी दौड़ सकता हो.

– किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से 1 महीने की ट्रेनिंग भी जरूरी हैं.

इन बातों को ध्यान में रखकर आप सिक्योरिटी एजेंसी खोल सकते हैं. ये एक आसानी से किया जाने वाला बिजनेस है और इसमे आपकी ज्यादा पूंजी भी नहीं लगती. हालांकि इसके रजिस्ट्रेशन मे आपको थोड़ी दौड़-भाग करना पड़ सकती है. आप अपने CA या इससे संबन्धित जानकार की मदद से आसानी से सिक्योरिटी एजेंसी को शुरू कर सकते हैं.

STOCK BROKER KYA HOTA HAI?

Zerodha

हम अपने स्टॉक मार्केट को स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से आर्डर देते है की हमें कौन सा शेयर कितनी मात्र में खरीदना और कौन सा शेयर कब बेचना है, और स्टॉक ब्रोकर हमारे सभी खरीदने और बेचने के आर्डर को स्टॉक मार्केट में कम्पलीट कराने का काम करता है, और इसके बदले वो हमसे जो फीस लेता है उसे ब्रोकरेज कहते है.

आजकल शेयर्स की खरीद और बिक्री पूरी तरह से इन्टरनेट की मदद से होता है, और जैसे ही हम अपने ब्रोकर के पास कोई स्टॉक खरीदने और बेचने का आर्डर देते है,ब्रोकर अगले सेकंड ही उस आर्डर को स्टॉक मार्केट तक पंहुचा देता है, और स्टॉक मार्केट हमारे आर्डर को किसी दुसरे काउंटर आर्डर से मैच करके हमारा आर्डर कम्पलीट कर देता है, ये सब कुछ बहुत फ़ास्ट तरीके से होते है,

STOCK खरीदने और बेचने का आर्डर STOCK BROKER को किस तरह से दिया जाता है?

स्टॉक ब्रोकर को स्टॉक खरीदने और बेचने का आर्डर देने के लिए स्टॉक ब्रोकर द्वारा दी जाने वाली सुविधा के अनुसार हम आर्डर दे सकते है, जैसे-

  1. स्टॉक ब्रोकर को फ़ोन करके
  2. स्टॉक ब्रोकर द्वारा दी जाने वाली TRADING ACCOUNT में इन्टरनेट की मदद से LOG IN करके,
  3. स्टॉक ब्रोकर द्वारा दी जाने वाली मोबाइल APPLICATION आधारित ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से,

यहाँ इस बात को ध्यान में रखना जरुरी है कि आज हम सभी इन्टरनेट का इस्तेमाल मोबइल से ही ज्यादा करते है, और मोबाइल हर वक्त हमारे पास होता है,

इसलिए हमें ब्रोकर के पास अपना अकाउंट ओपन करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ब्रोकर द्वारा दी जाने वाली मोबाइल ट्रेडिंग एप्लीकेशन सही तरह से काम करने वाला और उसका USER INTERFACE भी बिलकुल आसन हो,

जिस से हम आसानी से आर्डर PLACE कर सके,और अपने इन्वेस्टमेंट पे हमेशा नजर रख सके,

TYPE OF STOCK BROKER

स्टॉक ब्रोकर द्वारा दी जाने वाली सर्विस के आधार पर, भारत में MAINLY तीन तरह के स्टॉक ब्रोकर है,

  1. FULL SERVICE STOCK BROKER
  2. DISCOUNT BROKER

आइये अब इन तीनो के बारे मे थोड़ी डिटेल्स में बात करते है-

FULL SERVICE STOCK BROKER

फुल सर्विस ब्रोकर अपने क्लाइंट्स को काफी सारी सर्विस देते है, फुल सर्विस देने के कारण इनका ब्रोकरेज फीस भी काफी ज्यादा होता है,

फुल सर्विस ब्रोकर में सबसे ज्यादा POPULAR कुछ स्टॉक ब्रोकर है – ICICI DIRECT, SHERKHAN, और ANGEL BROKING,

फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर के द्वारा दी जाने वाली कुछ मुख्य सर्विस, जैसे –

  1. स्टॉक एडवाइजरी सर्विस- (कौन सा शेयर कब ख़रीदे और कब बेचे ),
  2. स्टॉक खरीदने के लिए मार्जिन मनी की सुविधा ,
  3. फ़ोन पे ट्रेड की सुविधा,
  4. IPO से शेयर खरीदने की सुविधा
  5. PORTFOLIO MANAGEMENT की सुविधा,

DISCOUNT STOCK BROKER

DISCOUNT स्टॉक ब्रोकर अपने क्लाइंट्स को काफी कम ब्रोकरेज लेकर शेयर खरीदने और बेचने की सेवा देते है,

डिस्काउंट ब्रोकर का ज्यादा FOCUS अपने CUSTOMERS को TECHNOLOGY के इस्तेमाल से बेहतर से बेहतर ट्रेडिंग प्लेटफोर्म बिलकुल कम ब्रोकरेज के साथ देना होता है,

DISCOUNT स्टॉक ब्रोकर में सबसे ज्यादा POPULAR कुछ स्टॉक ब्रोकर है – ZERODHA, 5paisa, और RKSV,

DISCOUNT BROKER इसलिए कम फ़ीस लेते है, क्योकि वो किसी तरह का STOCK ADVISORY और RESEARCH सर्विस नहीं देते है, और उनके ऑफिस भी बहुत कम होते है, उनका सारा काम ऑनलाइन होता है,

यहाँ तक कि ACCOUNT ओपन करने का काम भी ONLINE ही होता है

स्टॉक ब्रोकर के पास कौन सा Account ओपन किया जाता है?

Stock Broker के पास नॉर्मली दो account खोला जाता है –

  1. Trading Account
  2. Demat Acconnt

जब आप किसी बैंक के पास अपना ट्रेडिंग और Demat अकाउंट खोलते है, तो Normally उस बैंक में आपका Saving Account चाहिए होता है, और कुछ बैंक अपने ग्राहकों को 3 In One अकाउंट की सुविधा भी देते है, जिसमे Saving अकाउंट के साथ Demat और Trading Account भी खोल दिया जाता है,

कुछ प्रमुख इंडियन TOP STOCK BROKE LIST
TYPE OF SERVICE Broker Name Number of Clients
FULL ICICI SECURITIES LTD 5,91,504
FULL HDFC SECURITIES LTD 4,68,844
FULL SHAREKHAN LTD 3,50,509
FULL KOTAK SECURITIES LTD 2,57,563
FULL AXIS SECURITIES LTD 2,36,534
FULL INDIA INFOLINE LTD 2,22,348
FULL ANGEL BROKING PVT LTD 2,08,545
FULL MOTILAL OSWAL SECURITIES LTD 1,92,095
FULL KARVY STOCK BROKING LTD 1,74,690
FULL GEOJIT BNP PARIBAS FINANCIAL

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10वी और 12वी के बाद कैसे करें Indian Army Join, जानिए तीन तरीके?

भारतीय सेना यानी इंडियन आर्मी दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली और बड़ी आर्मी है. कई ब्रोकरेज कंपनी को खोलने के तीन तरीके युवाओं का सपना होता है कि वो आर्मी में भर्ती (Join Indian Army) होकर अपने देश की सेवा करें. अगर आपका भी यही सपना है तो आपको तलाश होगी ऐसे रास्ते की जिससे होकर आप इंडियन आर्मी (Indian Army) तक पहुँच सके.

By रवि नामदेव Last updated Mar 31, 2022 5,253 0

भारतीय सेना यानी इंडियन आर्मी दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली और बड़ी आर्मी है. कई युवाओं का सपना होता है कि वो आर्मी में भर्ती (Join Indian Army) होकर अपने देश की सेवा करें. अगर आपका भी यही सपना है तो आपको तलाश होगी ऐसे रास्ते की जिससे होकर आप इंडियन आर्मी (Indian Army) तक पहुँच सके. अगर आप 10वी या 12 वी पास है तो यहाँ हम आपको तीन ऐसे तरीके बताएँगे जिनके जरिये आप इंडियन आर्मी में भर्ती हो सकते हैं और देश की सेवा कर सकते हैं.

10वी के बाद इंडियन आर्मी कैसे जॉइन करें? (How to join Indian Army after 10th?)

10वी के बाद आप सीधे इंडियन आर्मी को जॉइन कर सकते हैं. इसके लिए इनके द्वारा समय-समय पर आर्मी भर्ती रैली आयोजित की जाती है. जिसमें दौड़ और अन्य फिजिकल टेस्ट की सहायता से उम्मीदवारों को लिया जाता है. 10वी के बाद आप Soldier General Duty (GD) तथा Tradesman के लिए अप्लाई कर सकते हैं. दोनों पोस्ट के लिए आपकी उम्र 17 से 21 साल के बीच होना चाहिए. Tradesman के लिए ITI के छात्र भी आवेदन कर सकते हैं.

इसमें ब्रोकरेज कंपनी को खोलने के तीन तरीके सिलेक्शन के लिए सबसे पहले आपको रनिंग और फिजिकल टेस्ट निकालना होता है.

इसके बाद आपको लिखित परीक्षा देनी होती है.

इसके बाद मेडिकल टेस्ट होता है.

फिर जो व्यक्ति फिट पाया जाता है उसे सैनिक के रूप में चुन लिया जाता है.

12वी के बाद इंडियन आर्मी कैसे जॉइन करें? (How to join Indian Army After 12th ?)

12वी के बाद इंडियन आर्मी में जाने के तीन रास्ते हैं.

NDA Entry

एनडीए का पूरा नाम National Defense Academy है. भारतीय सेना में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए साल में दो बार UPSC द्वारा NDA Exam को आयोजित किया जाता है. इसके लिए आपका 12वी पास होना जरूरी है. साथ ही आपकी उम्र 16.5 साल से 19.5 साल होनी चाहिए. इसके अलावा आप अविवाहित पुरुष होना चाहिए. इसमें सबसे पहले लिखित परीक्षा होती है और इसके बाद इंटरव्यू होता है. इसके बाद फाइनल सिलेक्शन होता है. NDA के जरिये कई युवा भारतीय सेना में भर्ती होते हैं. इनकी National Defense Academy में ट्रेनिंग होती है और इसके बाद इन्हें जॉइनिंग दी जाती है. इन्हें सैनिक से ऊपर की पोस्ट मिलती है.

एनडीए की पूरी जानकारी पढ़ने के लिए क्लिक करें.

TES Entry

TES का पूरा नाम Technical Entry Scheme (TES) है. इसकी मदद से आप इंडियन आर्मी में इंजीनियरिंग का कोर्स करके वहीं नौकरी कर सकते हैं. इसमें भाग लेकर आप 46 कोर्स में से किसी एक के लिए आवेदन कर सकते हैं.

– इसमें हिस्सा लेने के लिए आपकी उम्र 16.5 साल से 19.5 साल के बीच होनी चाहिए.
– आपने 12वी कक्षा फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ के साथ पास की हो.
– 12वी में आपके 60 प्रतिशत से ज्यादा मार्क्स हो.
– आपने IIT JEE Mains Qualify किया हो.
– इसमें भाग लेने के लिए आपका अविवाहित पुरुष होना जरूरी है.

Soldier Clerk/Tech/Nursing Assistant

सेना में क्लर्क की भर्ती हर साल निकलती है. लेकिन इन भर्तियों को रैली के साथ ही आयोजित किया जाता है. यानी जिस तरह आप 10वी के बाद जीडी और ट्रेड्समेन की भर्ती देते हैं उसी में क्लर्क की भर्ती निकलती है. लेकिन इसके लिए योग्यता थोड़ी अलग है. इसके लिए आपका 12वी पास होना जरूरी है. 12वी में आपके 50 प्रतिशत होना चाहिए. 12वी में गणित और इंग्लिश विषय होना चाहिए. Tech के लिए आपका 12वी में विषय फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ होना चाहिए वहीं नर्सिंग असिस्टेंट के लिए आपके 12वी में विषय फिजिक्स केमेस्ट्री और बायो होना चाहिए.

इस तरह आप 10वी और 12वी के बाद सीधे इंडियन आर्मी जॉइन कर सकते हैं. यहाँ हमने आपको इंडियन आर्मी जॉइन करने के तीन तरीके बताए जिनमें NDA, TES और Rally है. इन तीनों तरीकों से आप 10वी और 12वी के बाद इंडियन आर्मी जॉइन कर सकते हैं.

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