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स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने

स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने
स्विंग ट्रेडिंग क्या है – What Is Swing Trading In Hindi

swing trading strategy in hindi (Hindi Edition) Kindle Edition

यदि आप शेयर मार्किट में कुछ महीने या फिर स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने कुछ साल से जुड़े है तो , निश्चित ही स्विंग ट्रेडिंग का नाम जरूर जानते होंगे यदि आप नए नए शेयर मार्किट में आये है तो मैं आपसे वायदा करता हूँ की एक बार इस बुक को पढ़ने के बाद आप शेयर मार्किट के साथ - साथ स्विंग ट्रडिंग के बारे में भी आसानी से समझ जायेंगे।

यदि स्विंग ट्रेडिंग के बारे में थोड़ा विस्तार से जाने तो यह एक छोटी अवधि का ट्रेडिंग होता है जिसमे इन्वेस्टर कुछ घंटे या फिर एक हफ्ते अंदर किसी चुने हुए शेयर को खरीदकर होल्ड करते है और फिर मुनाफा होने के बाद बेच देते हैं।

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Swing Trading Kya Hai? Swing trading से पैसे कमाने की आसान स्ट्रैटेजी।

स्विंग ट्रेडिंग क्या है इस post कि सहायता स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने से हम ऐसी Trading Strategy (Swing Trading Kya Hai) को जानने वाले हैं, जिससे एक आम आदमी ,एक Common man दिन के 15 से 20 मिनट काम करके स्टॉक मार्केट से 5 से 10 दिनों में एक अच्छा खासा इनकम प्राप्त कर सकता है।

तो चलिए जानते हैं कि Swing Trading Kya Hai?

Table of Contents

स्विंग ट्रेडिंग क्या है? Swing Trading Kya Hai? What Is Swing Trading?

स्टॉक मार्केट के खुलते ही जब किसी कंपनी के शेयर को खरीद कर कुछ हफ्तों या कुछ दिनों के लिए अपने डिमैट या ट्रेडिंग अकाउंट पर रखते हैं तथा प्रॉफिट प्राप्त होने पर उसे बेच देते हैं स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है।

स्टॉक मार्केट में 5 से 10 दिन की ट्रेडिंग को स्विंग ट्रेडिंग कहते है।

SWING TRADING KYA HAI

स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें ?

स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की आवश्यकता होती है।

ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के बाद आपको मार्केट को एनालाइज करना होगा तथा अच्छा स्टॉक चुनना होगा।

बाजार को अच्छी तरह समझने के बाद अपने कैपेसिटी के हिसाब से जोखिम लेना होता है क्योंकि कई बार स्टॉक मार्केट में सही रणनीति(Swing Trading Kya Hai) और सही स्ट्रैटेजी के बाद भी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

ट्रेडिंग करने के लिए आपका रिस्क मैनेजमेंट होना बहुत ही जरूरी है।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने?

बाजार की दिशा,

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading Kya Hai) करने के लिए कुछ ट्रेलर मार्केट के Trend को फॉलो करते हैं ।

जो कि एक अच्छी बात है तथा ट्रेंड को फॉलो करने के साथ-साथ हमें कंपनी के परफॉर्मेंस उनकी खबरों को भी अपने नजर में रखना चाहिए ताकि कुछ गलत न्यूज़ आने से अपना प्रॉफिट बुक कर सकें और अपना पोजीशन काट सकें।

तरलता या Liquidity

liquidity एक ट्रेडर के लिए एक अच्छा पैमाना हो सकता है क्योंकि जिस शेयर में अधिक खरीदी बिक्री होती है वहां positions के फसने या नुकसान का chance बहुत ही कम होता है तथा हम अपने Share को आसानी से खरीद व बेच कर मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं ।

अन्य स्टॉक के साथ तुलना,

स्टॉक की तुलना हम जिस शेयर को खरीद रहे हैं उसके सेक्टर के अन्य स्टाक के साथ शेयर की तुलना करते हैं जिससे हमें सेक्टर के बेस्ट स्टॉक प्रात हो जाता है।

स्टॉक का ट्रेडिंग पैटर्न

कोई भी ट्रेडर किसी कंपनी के शेयर को चुनने से पहले उसके प्रीवियस ट्रेडिंग पैटर्न को देखता है
वह उसके उतार चढ़ाव को देखता है कि वह भविष्य में यह stock कैसा position बना सकता है ताकि वह एक अच्छा स्टॉक का सिलेक्शन कर सके है।और अच्छा मुनाफा बना सके।

कम बदलाव वाले स्टॉक

, ज्यादातर ट्रेडर अधिक उतार-चढ़ाव वाले या जंपी स्टाक को पसंद नहीं करते है।

क्योंकि उसमें पोजीशन बनाना थोड़ा रिस्की हो जाता है इसीलिए हमें अपने स्विंग ट्रेडिंग के लिए कम जंपी स्टॉक का सलेक्सन करना चाहिए
ताकि हम उसके चार्ट पेटर्न को समझ सके और अच्छा प्रॉफिट बना सकें।

स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी

अगर आप एक अच्छा ट्रेडर (Swing trading kya hai)बनना चाहते हैं तो आप अपनी ट्रेडिंग जर्नी में एक स्ट्रैटेजी को अच्छी तरह से फॉलो करें ।

ताकि आप अपने निवेशित राशि पर अच्छा अच्छा खासा रिटर्न प्राप्त कर सकें ।
एक सही स्विंग ट्रेडिंग रणनीति से एक ट्रेडर 5 से 10 परसेंट रिटर्न एक स्टॉक से कुछ ही दिनों में प्राप्त कर सकता है।

देखने में यह बहुत छोटा मुनाफा हो सकता है लेकिन कुछ दिनों कुछ हफ्तों में इतना मुनाफा सही है।

इसी तरह बढ़ता हुआ लाभ लेने के लिये ट्रेडिंग के अन्य रूपों में 7-8 % की तुलना में स्टॉपलॉस 2-3% होना चाहिए इसका मतलब यह है कि risk riward resio 1:2 या 1:3 होना चाहिए।

स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी निम्नलिखित है:-

चार्ट पेटर्न स्ट्रैटेजी

सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस
हेड एंड सोल्डर पैटर्न
डबल टॉप व ट्रिपल टॉप पैटर्न
डबल बॉटम व ट्रिपल बॉटम पैटर्न
इनवर्टेड हेड एंड सोल्डर
कप एंड हैंडल
असेंडिंग ट्रेंगल व डिसेंडिंग ट्रेंगल

स्विंग ट्रेडिंग इंडिकेटर

RSI
MACD
MOVING AVERAGE
BOLINGER BAND
SUPER TRED

स्विंग ट्रेडिंग के फायदे व नुकसान

Swing Trading के फायदे

कम समय में प्रॉफिट मिल जाता है।

कम प्रॉफिट का टारगेट होने के कारण टारगेट हिट होने की संभावना बढ़ जाती है।

स्टॉक में एंट्री करने के लिए स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने स्टॉक के गिरने का इंतजार करना नहीं पड़ता।

स्टॉक के फंडामेंटल स्ट्रांग होने के कारण नुकसान होने की संभावना कम रहती है

यह एक कम तनाव वाली strategy है।

अगर आप शेयर बाजार में नए हैं तो इसको आप ट्राई कर सकते हैं।

Swing Trading के नुकसान

छोटे अवधि में ही स्टॉक से प्रॉफिट प्राप्त कर बाहर निकल जाने के कारण बड़ा प्रॉफिट नहीं मिल पाता है।

स्टॉक से जुड़ी रोजाना अच्छी व पूरी खबर आने के कारण स्टॉक में उतार-चढ़ाव व, गैप अप और गेप डाउन का खतरा रहता है।

ट्रेडिंग करने वालों को धैर्य के साथ स्टॉक को पकड़ कर रखे रहने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

आज हमने क्या सीखा ?
आज हमने सीखा कि Swing Trading Kya Hota Hai. और हम इसे कहां से और कैसे कर सकते हैं। स्विंग ट्रेडिंग करने के क्या फायदे और क्या नुकसान होते हैं।

मैं आशा करता हूं की आपको यह पोस्ट Swing Trading Kya Hota Hai पढ़कर Swing Trading से जुड़े सारे सवालों के जवाब मिल गए होंगे और मैंने पूरी कोशिश की है कि आपके मन में Swing trading से लेकर जो सवाल है वो सब इस पोस्ट के माध्यम से आप तक पहुँचा सकूँ।

यदि आपके मन में कुछ सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में अपने सवाल पूछ सकते है मैं आपके सवालों के जवाब देने की पूरी कोशिश करूंगा और इस पोस्ट को जितना हो सके उतना शेयर करें ताकि सभी लोगों को स्टॉक मार्केट,व ट्रेडिंग और उससे जुड़ी सभी जानकारियां सभी तक पहुंचते रहें और सभी आप अपना प्यार ऐसे ही बनाए रखें।

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इंट्रा-डे की जगह बी.टी.एस.टी. या स्विंग ट्रेड ही करें

इंट्रा-डे की जगह बी.टी.एस.टी. या स्विंग ट्रेड ही करें

यदि आप इंट्रा-डे की जगह मार्जिन पर ट्रेड न करके 'कैश एंड कैरी' में शेयर लेते हैं और अगले दिन बेच देते हैं तो इसे 'बाय टुडे सेल टुमारो' कहते हैं। इसी का संक्षिप्त नाम 'बी.टी.एस.टी. ' है। जब शेयरों को 2 से 30 दिन तक होल्ड करके बेचा जाता है तो इसे 'स्विंग ट्रेड' कहते हैं।

इंट्रा-डे की जगह 'बी.टी.एस.टी.' था। स्विंग ट्रेड की पोजीशन लेना आपके जीतने की संभावना को बढ़ा देता है, क्योंकि इसमें एक तो ऑपरेटर आपकी लिवरेज पोजीशन को ट्रिगर नहीं करवा सकता; दूसरा, आपके पास समय भी ज्यादा होता है, जिसमें शेयर परफॉर्म कर सकता है।

इंट्रा-डे में एवरेज आउट करना घाटे का सौदा हो सकता है; परंतु स्विंग ट्रेड में आप यदि अनुशासन के साथ बताए गए नियमों से एवरेज करते हैं और प्रत्येक एवरेज के साथ-साथ अपना प्रॉफिट टारगेट भी कम करते रहते हैं तो आप इसमें आसानी से बगैर नुकसान किए बाहर निकल सकते हैं।

स्विंग ट्रेड में चूँकि शेयरों की डिलिवरी ली जाती है, इसलिए इसको ट्रेडिंग की जगह निवेश माना जाता है। टैक्स नियमों में भी यह ट्रेडिंग का सट्टा आय के दायरे में न आकर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स के दायरे में आता है, जिसे आप.इन्कम टैक्स हार्वेस्टिंग से बचा सकते हैं। इन्कम टैक्स हारवेस्टिंग के बारे में आप आगामी टिप्स में पढ़ेंगे।

यदि आप इंट्रा-डे में ट्रेड करते हैं तो भी आप VWAP से ब्रेकआउट पर ट्रेड कर सकते हैं। इसके लिए उस दिन के VWAP और शेयर के प्राइस पर निगाह रखिए। यदि शेयर का मार्केट प्राइस उस दिन की VWAP से ऊपर है तो उसके नीचे आने की प्रतीक्षा करें।

जैसे ही यह परिस्थिति बदले, अर्थात् शेयर VWAP से ऊपर ट्रेड करते करते नीचे आ जाए तो आप शॉर्ट पोजीशन बनाएँ। आप देखेंगे कि ज्यादातर मामलों में उस दिन की VWAP से ऊपर ट्रेड कर रहा शेयर नीचे आ जाने के बाद और गिरकर लगभग 0.5 से 1 प्रतिशत तक और गिर ही जाता है। हालाँकि ज्यादा उतार-चढ़ाव वाले दिनों में वापस भी ऊपर जल्दी आ जाता है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करके 0.5 प्रतिशत रिटर्न मिले तो ले लें।

इसी प्रकार, यदि शेयरं का मार्केट प्राइस उस दिन की VWAP नीचे है तो उसके ऊपर जाने की प्रतीक्षा करें। यदि यह VWAP से नीचे ट्रेड करते-करते अचानक ऊपर आ जाए तो आप उसी समय पर लॉन्ग पोजीशन बनाएँ।

आप देखेंगे कि ज्यादातर मामलों में उस दिन की VWAP से नीचे ट्रेड कर रहा शेयर ऊपर आ जाने के बाद और बढ़कर लगभग 0.5 से 1 प्रतिशत तक और बढ़ ही जाता है। हालाँकि ज्यादा उतार-चढ़ाववाले दिनों में वापस भी नीचे जल्दी आ जाता है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करके 0.5 प्रतिशत रिटर्न मिले तो ले लें।

यह मैथड 60 से 80 प्रतिशत मामलों में ही सही जाता है, इसलिए यह भी शत-प्रतिशत परफेक्ट नहीं है; पर ट्रेडिंग एक कला है और उस कला का यह आवश्यक भाग है।

इस विधि में स्टॉप लॉस वगैरह आप पिछली टिप्स में बताए अनुसार रख सकते हैं, अर्थात् इसमें स्ट्रॉप लॉस व प्रॉफिट में 1:2 का अनुपात होना चाहिए।

मेरे अनुभव में स्टॉप लॉस रखने पर नुकसान होने की संभावना ज्यादा रहती है, क्योंकि प्राइस बहुत तेजी से ऊपर-नीचें होने से छोटे स्टॉप लॉस उड़ जाते हैं तो आपको क्या करना चाहिए? बगैर स्टॉप लॉस के ट्रेड लेने से आपको बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।

मैंने इसका तोड़ निकाला है। आपको स्टॉप लॉस का स्मॉल ट्रेड मैथड इस्तेमाल करना चाहिए या आपको समग्न आधारित स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करना चाहिए, जिनका वर्णन आगामी टिप्स में किया गया है।

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स्विंग ट्रेडिंग क्या है ? – Swing Trading In Hindi | [2022] Swing Trading की शुरुआत कैसे करें

स्विंग ट्रेडिंग क्या है ? Swing Trading की शुरुआत कैसे करें – Swing Trading In Hindi , Swing Trading क्या है ? ,स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है ? स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे ?स्विंग ट्रेडिंग के जोख़िम और फ़ायदे – कुछ लोग आज Share खरीद कर आज ही बेच देते है और कुछ आज खरीदकर 1 महीने बाद बेचेंगे। Stock Market में बहुत तरह की Trading Style होती है आज मैं आपको Swing Trading के बारे में बताऊंगा की स्विंग ट्रेडिंग क्या है – (Swing Trading क्या है – What Is Swing Trading In Hindi)

स्विंग ट्रेडिंग शेयर मार्किट की सबसे लोकप्रिय ट्रेडिंग स्टाइल में से एक है यह दूसरी Trading Techniques से ज्यादा आसान और Effective (प्रभावी) है आइये जानते है की स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है What Is Swing Trading In Stock Market.

इस Post को पूरा पढ़े आपको इन सभी प्रश्नों का उत्तर मिल जायेगा। Swing Trading क्या है ? , स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है ? स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे ? स्विंग ट्रेडिंग के जोख़िम और फ़ायदे , Swing Trading Tips In Hindi

स्विंग ट्रेडिंग क्या है - What Is Swing Trading In Hindi

स्विंग ट्रेडिंग क्या है – What Is Swing Trading In Hindi

स्विंग ट्रेडिंग क्या है – What Is Swing Trading In Hindi

स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है: Swing Trading Kya Hai जब किसी शेयर को खरीदकर कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक रखकर बेच दिया जाता है तो इसे स्विंग ट्रेडिंग कहते है Swing Trading में Shares की Delivery ली जाती है इसलिए इसे Delivery Based Trading भी कहते है।

स्विंग ट्रेडिंग में पोजीशन को Overnight Carry किया जाता है जिसका अर्थ है की Swing Trading में पोजीशन को कम से कम एक रात के लिए रखा जाता है आज खरीद कर कल बेच दे या 1 हफ्ते बाद बेच दे या 1 महीने बाद बेच दे तीनों ही कंडीशन में इस ट्रेड को Swing Trade कहेंगे।

Swing Trading को Monthly Trading भी कहते है क्योंकि एक महीने के अंदर Share को खरीद कर बेचना होता है Swing Trading से महीने का 5% से 10% तक Return कमाया जा सकता है।स्विंग ट्रेडिंग में Technical Analysis और Fundamental Analysis दोनों का उपयोग किया जाता है

स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है ? How To Start Swing Trading

How To Start Swing Trading In Stock Market:Swing Trading करने के लिए किसी भी ब्रोकर के पास ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खुलवाना होता है ट्रेडिंग अकाउंट शेयर को खरीदने के लिए और डीमैट अकाउंट ख़रीदे हुए शेयर्स को रखने के लिए जरूरी होता है।

स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे – Swing Trading Kaise Kare

Support And Resistance: Swing Trading में Support And Resistance का बहुत बड़ा योगदान होता है कोशिश यही करनी चाहिए की सपोर्ट पर ब्रेकआउट के बाद ख़रीदे और रेजिस्टेंस पर ब्रेकडाउन पर बेचे।

News Based Stock: एक स्विंग ट्रेडर ऐसे स्टॉक्स को चुनता है जिसमें बाजार की किसी खबर का असर हो और उस खबर की वजह से वह स्टॉक किसी एक दिशा में ब्रेकआउट देने की तैयारी में हो या ब्रेकआउट दे चूका हो वह खबर बुरी या अच्छी किसी भी प्रकार की हो सकती है खबर अच्छी हुई तो ऊपर की तरफ Breakout होगा नहीं तो नीचे की तरफ Breakdown होगा।

Swing Trading Technique: स्विंग ट्रेडिंग के लिए हमेशा High Liquidity Share चुनना चाहिए इसके अलावा शेयर में Entry और Exit के लिए MACD, ADX और Fast Moving Average का उपयोग कर सकते है।

स्विंग ट्रेडिंग के जोख़िम और फ़ायदे – Swing Trading Risk And Benefits

Monthly Income(Monthly P&L): स्विंग ट्रेडिंग से Monthly Income कमायी जा सकती है प्रॉफिट हुआ या लोस्स ये महीने के अंत में ही पता चल जाता है

Margin: स्विंग ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर द्वारा मार्जिन नहीं मिलता है पूरा पैसा अपनी जेब से लगाना पड़ता है इसलिए जिनके पास कम पैसा है वो स्विंग ट्रेडिंग से ज्यादा कमा नहीं सकते है आम तौर पर स्विंग ट्रेडिंग के लिए कम से कम 2 से 5 लाख रुपये की आवश्यकता होती है।

Overnight Holding Risk: स्वींग ट्रेडिंग में Overnight Holding Risk होता है कई बार किसी न्यूज़ की वजह से मार्किट Gap Up स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने या Gap Down Open होता है जिसकी वजह से आकस्मिक लाभ या हानि हो सकती है ऐसी लाभ या हानि का पहले अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।

Wrong Trade: स्विंग ट्रेडिंग का सबसे बड़ा नुकसान यही है की अगर ऐसे शेयर में ट्रेड ले लिया जिसमें ज्यादा मूवमेंट न हो तो आपका एक महीना बर्बाद भी हो सकता है क्योंकि स्वींग ट्रेडिंग में Share को कुछ हफ्तों तक होल्ड करके रखा जाता है।

Swing Trading Tips In Hindi

  1. ट्रेंड को कन्फर्म करे और हमेशा मार्किट की दिशा में ही ट्रेड करें Strength पर Buy करें और Weakness पर Sell करें।
  2. स्विंग ट्रेडिंग के लिए एक अच्छा ट्रेडिंग प्लान बनाये जिसमे Entry, Exit, Stop Loss, Target ये सभी शामिल होने चाहिए।
  3. ऐसे किसी भी शेयर में स्विंग ट्रेड न ले जिसमे 10% से ज्यादा Move आ चूका हो क्योंकि वहां से वह शेयर अपनी दिशा बदल भी सकता है।
  4. जिस शेयर में Trade ले रहे है उसका VAR (Value At Risk) जरूर चेक करे क्योंकि VAR से यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है की अगर वह ट्रेड गलत हुआ तो कितना नुकसान हो सकता है।

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Conclusion:-

Swing Trading को ट्रेडिंग का King भी कहते है क्योंकि इसमें बाकि ट्रेडिंग स्टाइल की तुलना में Risk कम होता है और Profit की संभावना ज्यादा होती है कोई भी ट्रेडर जो Stock Market में नया होता है उसे स्विंग ट्रेडिंग से ही अपने ट्रेडिंग करियर की शुरुआत करने के सलाह दी जाती है।

आशा करता हु की ये आर्टिकल Swing Trading क्या है – Swing Trading In Hindi आपको उपयोगी लगा होगा अगर अभी भी आपका कोई सवाल या सुझाव है स्विंग ट्रेडिंग क्या है – What Is Swing Trading In Stock Market से जुड़ा हुआ तो कमेंट में बता सकते है।

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