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विदेशी मुद्रा और यात्रा बीमा

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विदेश यात्रा की तैयारी है तो जरूर लें क्रेडिट कार्ड, जानें इसके फायदे

सरकार ने विदेश यात्रा पर लगे प्रतिबंध हटा दिए हैं. अब घूमने-फिरने वाले विदेशों में सैर-सपाटा कर सकते हैं. मगर जो लोग विदेश जाने की तैयारी कर रहे हैं, वह जाने से पहले फारेन करेंसी हासिल करने की प्लानिंग भी जरूर करें. आप यह जरूर जानें कि नकद, विदेशी मुद्रा कार्ड और ट्रैवेलर्स चेक के साथ-साथ क्रेडिट कार्ड से क्या फायदा मिल सकता है.

हैदराबाद: विदेश यात्रा के दौरान कैश, एक विदेशी मुद्रा कार्ड और ट्रैवलर चेक से मदद मिलती है मगर क्रेडिट कार्ड भी कुछ लाभ प्रदान करते हैं. बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने विदेश यात्रा के दौरान क्रेडिट कार्ड से मिलने वाले कई फायदों की जानकारी दी. उनका कहना है कि क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना भी आसान है. जरूरत पड़ने पर आप इससे नकदी भी निकाल सकते हैं. इसके अलावा इससे की जाने वाली खरीदारी से रिवार्डस, कैशबैक और डिस्काउंट के ऑफर भी मिलते हैं. इसलिए जब कभी विदेश यात्रा की प्लानिंग करें तो नकद और ट्रैवलर्स चेक के अलावा क्रेडिट कार्ड भी ले जाने की प्लानिंग करें.

चुनें फायदे वाला कार्ड (Appropriate card) : बाजार में कई तरह के क्रेडिट कार्ड उपलब्ध हैं और उन पर तमाम तरह के ऑफर्स होते हैं. मगर विदेश यात्रा से पहले ऐसे कार्ड को चुनें, जिसमें कई फायदे हो और वह आपकी जरूरत को पूरा करता हो. ट्रांजेक्शन फीस, लेट पेमेंट फीस, रिवॉर्ड, डिस्काउंट समेत सभी विवरणों की जानकारी लें और उसे दो बार क्रॉस चेक करें. साथ ही यह भी देखें कि जिस देश में आप जा रहे हैं, वहां यह क्रेडिट कार्ड काम करेगा या नहीं.

जानकारी साझा करें (Share information) : विदेश यात्रा के लिए निकलने से पहले, क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनी के साथ अपने डेस्टिनेशन का विवरण साझा करें. सुनिश्चित करें कि इंटरनेट बैंकिंग या ऐप के माध्यम से ट्रांजेक्शन किया जा सकता है या नहीं. कार्ड को स्वयं ब्लॉक करने का विकल्प भी चुनें, अन्यथा कार्ड अमान्य हो जाता है. कई बार बैंक लेन-देन पर धोखाधड़ी का संदेह में अपनी ओर से कार्ड को ब्लॉक कर देते हैं. अगर ऐसा हुआ तो आप घर से दूर मुसीबत में फंस सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो आप कार्ड को अनब्लॉक करने के लिए तुरंत ग्राहक सेवा केंद्र पर कॉल करना नहीं भूलें.

इंश्योरेंस कवर (Insurance cover) : कई क्रेडिट कार्ड पर यात्रा बीमा की सुविधा मिलती है. इसका फायदा सामान खोने, पासपोर्ट, यात्रा में देरी, दुर्घटना और उड़ानें रद्द होने की स्थिति में मिलता है. तब इंश्योरेंस के कारण इस असुविधा के लिए मुआवजा मिल सकता है. हर कार्डों के लिए बीमा ऑफ़र अलग-अलग होते हैं, इसलिए यात्रा करने से पहले क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाले बीमा लाभों के बारे में जानकारी जरूर लें. कुछ कार्ड कंपनियां घरेलू यात्रा के लिए बीमा प्रदान नहीं करती हैं. साथ ही, एटीएम से पैसे निकालते समय लगने वाले शुल्क और साथ ही फॉरेन ट्रांजेक्शन फीस की जांच जरूर करें.

एक से अधिक कार्ड (More than one card) : विदेश यात्रा करते समय अधिक क्रेडिट कार्ड ले जाना बेहतर ऑप्शन है. किसी तकनीकी कारण से यदि एक कार्ड से लेनदेन डिक्लाइन हो जाता है, तो दूसरा कार्ड काम में आ जाता है. सुनिश्चित करें कि कार्ड वीज़ा, मास्टरकार्ड और अमेरिकन एक्सप्रेस जैसे विभिन्न नेटवर्क से संबंधित हो. ध्यान रखें सभी कार्ड को एक साथ नहीं रखें बल्कि उन्हें अलग -अलग बैग में रखें. यदि यात्रा के दौरान एक कार्ड गुम हो जाता है, तो आप दूसरे पर भरोसा कर सकते हैं. ध्यान रखें कि आप अपने हर कार्ड का विवरण कहीं लिखकर रख लें. यदि कोई कार्ड खो गया है, तो उस विवरण के आधार पर तुरंत संबंधित बैंक को सूचना दें और इसे ब्लॉक करा दें.

विदेशी मुद्रा और यात्रा बीमा

वे संव्यवहार, जिनके संबंध में धारा 139क की उपधारा (5) के खंड () के प्रयोजनों के लिए सभी दस्तावेजों में स्थायी लेखा संख्यांक को कोट किया जाएगा।

114ख. प्रत्येक व्यक्ति नीचे दी गर्इ सारणी में विनिर्दिष्ट संव्यवहारों से संबंधित सभी दस्तावेजों में अपने स्थायी लेखा संख्यांक को कोट करेगा, अर्थात्:–

निम्नलिखित के पास जमा,–

(i) कोर्इ बैंककारी कंपनी या सहकारी बैंक, जिसको बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (1949 का 10) लागू होता है (जिसके अंतर्गत) उस अधिनियम की धारा 51 में निर्दिष्ट कोर्इ बैंक या बैंककारी संस्था सम्मिलित है);

(i) किसी एक दिन के दौरान पचास हजार रुपए से अधिक; या

(ii) 9 नवम्बर, 2016 से 30 दिसंबर, 2016 की कालावधि के दौरान कुल मिलाकर दो लाख पचास हजार रुपए; या]

निम्नलिखित के पास सावधिक जमा,–

(i) कोर्इ बैंककारी कंपनी या सहकारी बैंक, जिसे बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (1949 का 10) लागू होता है (जिसके अंतर्गत उस अधिनियम की धारा 51 में निर्दिष्ट कोर्इ बैंक या बैंककारी संस्था है);

(iii) कंपनी अधिनियम, 2013 (2013 का 18) की धारा 406 में निर्दिष्ट कोर्इ निधि 98 ; या

(iv) कोर्इ गैर बैंककारी वित्तीय कंपनी, जिसके पास भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45झक के अधीन जनता से जमा रखने या स्वीकार करने के रजिस्ट्रीकरण का प्रमाणपत्र है।

परंतु जहां कोर्इ व्यक्ति इस नियम में निर्दिष्ट संव्यवहार में प्रविष्ट होता है, जो अवयस्क है और जिसके पास आयकर से प्रभार्य कोर्इ आय नहीं है, वह उक्त संव्यवहार से संबंधित दस्तावेज में यथास्थिति, अपने विदेशी मुद्रा और यात्रा बीमा पिता या माता या अभिभावक के स्थायी लेखा संख्यांक को कोट करेगा:

परंतु यह और कि कोर्इ व्यक्ति, जिसके पास स्थायी लेखा संख्यांक नहीं है और जो इस नियम में विनिर्दिष्ट किसी संव्यवहार में प्रविष्ट होता है, वह प्ररूप 60 में ऐसे संव्यवहार की विशिष्टियों को देते हुए 99 [या तो कागज-पत्र प्ररूप में अथवा प्रक्रियाओं के अनुसार इलैक्ट्रानिक सत्यापन संकेतकी के अधीन इलैक्ट्रिकली, आंकड़ा सरंचनाएं और प्रधान महानिदेशक के आय-कर (प्रणाली) या महानिदेशक के (प्रणाली)] एक घोषणा करेगा:

परंतु यह भी कि इस नियम के उपबंध व्यक्तियों के निम्नलिखित वर्ग या वर्गों को लागू नहीं होंगे, अर्थात–

(i) केंद्रीय सरकार, राज्य सरकारें और कंसुलर कार्यालय;

(ii) सारणी के क्रम सं. 1 या 2 या 4 या 7 या 8 या 10 या 12 या 14 या 15 या 16 या 17 में निर्दिष्ट संव्यवहारों के संबंध में अधिनियम की धारा 2 के खंड (30) में निर्दिष्ट अनिवासी :

1 [परंतु यह भी कि ऐसा कोर्इ व्यक्ति जिसका किसी बैंककारी कंपनी या किसी सहकारी बैंक में रखा गया खाता (सारणी के क्रम संख्यांक 12 में निर्दिष्ट सावधी जमा और मूल बचत बैंक जमा खाता से भिन्न) है, जिसको बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (1949 का 10) (जिसके अंतर्गत उस अधिनियम की धारा 51 में निर्दिष्ट कोर्इ बैंक या बैंककारी संस्था भी है) लागू होता है और जिसने ऐसा खाता खोलने के समय या बाद में, यथास्थिति, अपना स्थायी लेखा संख्यांक का उल्लेख नहीं किया है या प्ररूप सं. 60 प्रस्तुत नहीं किया है, वह 2 [30 जून], 2017 को या उससे पहले नियम 114ग के उपनियम (1) के खंड (ग) में विनिर्दिष्ट व्यक्ति को, यथास्थिति, अपना स्थायी लेखा संख्यांक या प्ररूप सं. 60 प्रस्तुत करेगा।]

स्पष्टीकरण–इस नियम के प्रयोजनों के लिए,–

(1) "यात्रा के संबंध में संदाय" के अंतर्गत किराए या यात्रा अभिकर्ता या टूर आपरेटर या विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 2 3 के खंड () में यथापरिभाषित किसी प्राधिकृत व्यक्ति को संदाय सम्मिलित है;

(2) "यात्रा अभिकर्ता या टूर आपरेटर" के अंतर्गत कोर्इ व्यक्ति सम्मिलित है, जो वायु, भूतल या समुद्री यात्रा के लिए इंतजाम करता है या आवास, टूर, मनोरंजन, पासपोर्ट, वीजा, विदेशी मुद्रा, यात्रा से संबंधित बीमा या यात्रा से संबंधित अन्य सेवाओं के लिए पृथकत: या किसी पैकेज में सेवाएं उपलब्ध कराता है;

(3) "सावधिक जमा" से कोर्इ अभिप्रेत है, जिसका विदेशी मुद्रा और यात्रा बीमा नियत अवधि के अवसान पर पुनर्संदाय किया जाना है।

97. "मोटर यान" या "यान" की परिभाषा के लिए परिशिष्ट देखिए।

98. "निधि", "बीमाकर्ता" और "प्रतिभूतियां" की परिभाषा के लिए परिशिष्ट देखिए।

99. आय-कर (चौदहवां संशोधन) नियम, 2017 द्वारा 9.6.2017 से अंत:स्थापित।

1. आय-कर (पहला संशोधन) नियम, 2017 द्वारा 6.1.2017 से अंत:स्थापित।

2. आय-कर (सातवां संशोधन) नियम, 2017 द्वारा 1.3.2017 से "28 फरवरी" के स्थान पर प्रतिस्थापित।

LIC में 20 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति को सरकार ने FEMA नियमों में किया संशोधन

LIC Latest News: LIC में 20 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति को सरकार ने FEMA नियमों में संशोधन किया है. इससे बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी जीवन बीमा निगम (LIC) में 20 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का खुल गया है.

Updated: April 18, 2022 8:53 AM IST

LIC IPO News: Latest Update on LIC IPO Date Here | Read Details

LIC Latest News: सरकार ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) नियमों में संशोधन किया है. इससे बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी जीवन बीमा निगम (LIC) में 20 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का खुल गया है.

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सरकार आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के जरिये एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी कम करने की योजना बना रही है. एलआईसी ने फरवरी में आईपीओ के विदेशी मुद्रा और यात्रा बीमा लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) के पास दस्तावेज (DRHP) जमा कराए थे.

पिछले महीने सेबी ने दस्तावेजों के मसौदे को मंजूरी दे दी और अब बीमा कंपनी बदलावों के साथ अनुरोध प्रस्ताव (RFP) दाखिल करने की प्रक्रिया में है.

केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) ने एलआईसी (LIC) के ‘बड़े’ सार्वजनिक निर्गम से पहले कंपनी में विदेशी निवेश लाने के लिए 14 मार्च को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नियमों में संशोधन किया था.

एफडीआई नीति में बदलाव के साथ डीपीआईआईटी के प्रावधानों को लागू करने के लिए फेमा अधिसूचना जरूरी थी.

हाल में जारी गजट अधिसूचना में कहा गया है कि इन नियमों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन (गैर-ऋण साधन) (संशोधन) नियम, 2022 कहा जा सकता है.

अधिसूचना के जरिये मौजूदा नीति में एक परिच्छेद (पैराग्राफ) डाला गया है, जिसमें एलआईसी में स्वत: मंजूर मार्ग से 20 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति है.

मौजूदा एफडीआई नीति के तहत मंजूरी मार्ग से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है. ऐसे में एलआईसी और इसी तरह की अन्य कॉरपोरेट इकाइयों में 20 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति देने का फैसला किया गया.

इसमें कहा गया है कि एलआईसी में विदेशी निवेश जीवन बीमा निगम अधिनियम, 1956 (LIC Law) के प्रावधानों और बीमा कानून, 1938 के ऐसे प्रावधानों के जरिये आ सकता है जो एलआईसी पर लागू होंगे. इनमें समय-समय पर संशोधन होता है.

देश के अब तक के सबसे बड़े सार्वजनिक निर्गम के लिए मंच तैयार करते हुए सेबी ने सरकार द्वारा एलआईसी में करीब 63,000 करोड़ रुपये में पांच प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के लिए दस्तावेजों के मसौदे को मंजूरी दे दी है.

दस्तावेजों के मसौदे के अनुसार, एलआईसी (LIC) का अंतर्निहित मूल्य 30 सितंबर, 2021 तक करीब 5.4 लाख करोड़ रुपये था. अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकक मिलीमैन एडवाइजर्स ने एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य निकाला है.

हालांकि, दस्तावेजों में एलआईसी के बाजार मूल्यांकन का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन उद्योग के मानकों के अनुसार यह अंतर्निहित मूल्य विदेशी मुद्रा और यात्रा बीमा का तीन गुना या करीब 16 लाख करोड़ रुपये होगा.

एलआईसी का आईपीओ भारतीय शेयर बाजार के इतिहास का सबसे बड़ा निर्गम होगा. एक बार सूचीबद्ध होने के बाद एलआईसी के बाजार मूल्यांकन की तुलना रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज से हो सकेगी.

अभी तक पेटीएम ने 2021 में आईपीओ से 18,300 करोड़ रुपये जुटाए थे. यह अबतक का सबसे बड़ा आईपीओ है. इससे पहले 2010 में कोल इंडिया ने आईपीओ से 15,500 करोड़ रुपये और रिलायंस पावर में 2008 में 11,700 करोड़ रुपये जुटाए थे.

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रुपया रसातल में, अब विदेशी मुद्रा भंडार ने बढ़ाई टेंशन, 4.50 करोड़ डॉलर की बड़ी गिरावट

अमेरिकी मुद्रा की तुलना में रुपया शुक्रवार को चार पैसे की तेजी के साथ 82.75 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। रुपये में शुरू में गिरावट आई थी लेकिन घरेलू शेयर बाजार में तेजी के साथ यह बढ़त में बंद हुआ।

रुपया रसातल में, अब विदेशी मुद्रा भंडार ने बढ़ाई टेंशन, 4.50 करोड़ डॉलर की बड़ी गिरावट

भारतीय करेंसी रुपया में हर दिन नई गिरावट आ रही है। इस गिरावट के बीच अब देश का विदेशी मुद्रा भंडार 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 4.50 करोड़ डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया। इससे पहले, सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।

इसमें इस साल अगस्त के बाद से पहली बार किसी साप्ताह में वृद्धि हुई थी। बता दें कि एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।

लगातार आ रही गिरावट: देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कई हफ्तों से लगातार कम हो रही है। दरअसल, तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपये को संभालने के लिए आरबीआई ने इस विदेशी मुद्रा भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल किया है।

आंकड़ों के अनुसार, 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 2.828 अरब डॉलर घटकर 468.668 अरब डॉलर रह गयीं। एफसीए असल में समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है। डॉलर के संदर्भ में एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्य वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल होता है।

स्वर्ण भंडार के मूल्य में सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 1.35 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी। जबकि 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में यह 1.502 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 37.453 अरब डॉलर रह गया।

रुपया का हाल: बता दें कि अमेरिकी मुद्रा की तुलना में रुपया शुक्रवार को चार पैसे की तेजी के साथ 82.75 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। रुपये में शुरू में गिरावट आई थी लेकिन घरेलू शेयर बाजार में तेजी के साथ यह बढ़त में बंद हुआ।

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