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भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी

भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी
डिजिटल रुपये को डिजिटल पेमेंट सिस्टम की अहम कड़ी UPI से भी जोड़ा जाएगा ताकि लोग पेटीएम, फोन पे जैसे दूसरे अहम वॉलेट से लेन-देन कर सकें. फिजिकल करेंसी की तरह ही डिजिटल रुपये को भी 10, 20, 50, 100, 500 वाली वैल्यू (डिनॉमिनेशन) में ही रखा जाएगा. हालांकि एक व्यक्ति कितना डिजिटल रुपया रख सकेगा, इसकी सीमा तय की जा सकती है. डिजिटल करेंसी से पेमेंट पर गोपनीयता बनाए रखने की कोशिश की जाएगी. मुमकिन है कि चुनिंदा सरकारी एजेंसियों को भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी छोड़कर बाकी किसी को डिजिटल रुपये से हुए सौदों की पूरी सटीक जानकारी नहीं दी जाए.

क्रिप्टो एक्सचेंज की तबाही से भारत में भी भय का माहौल, देश में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं

नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स के प्रमुख सैम बैंकमैन-फ्राइड दो दिन पहले तक टेक की दुनिया के सुपरस्टार थे। उन्हें क्रिप्टो का रक्षक, डेमोक्रेटिक राजनीति में नवीनतम शक्ति और संभावित रूप से दुनिया के पहले खरबपति जैसे विशेषणों से नवाजा जाता था, लेकिन आज वह क्रिप्टो जगत के सबसे बड़े खलनायक हैं। 30 वर्षीय बैंकमैन-फ्राइड द्वारा चलाया जा रहा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज शुक्रवार को दिवालिया हो गया और निवेशकों और ग्राहकों ने खुद को ठगा महसूस किया। अगर आप भी क्रिप्टो में निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो अच्छी तरह से जान लें कि आप एक ऐसी अंधी गली में प्रवेश कर रहे हैं, जिसमें कब क्या हो जाए किसी को नहीं मालूम।

भारतीयों के लिए क्या हैं मायने
गुरुग्राम के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर ब्रजेश शर्मा ने पांच साल पहले क्रिप्टोकरेंसी में दो लाख रुपये का निवेश किया था। पिछले साल तक वह निवेश से काफी उत्साहित थे, लेकिन अब डर सताने लगा है। ऐसा ही कुछ बंगलूरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर रितेश कुमार का सोचना है। उनका कहना है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को न तो मान्यता है और न ही क्रिप्टो एक्सचेंज चलाने वाली कंपनियां अपने बारे में कुछ खुलकर बताती हैं। ऐसे में अगर पैसा डूबा तो हम कोई दरवाजा भी नहीं खटखटा सकते हैं।

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हालात और बुरे होने की आशंका

    भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी
  • जानकारों के अनुसार, पहले से मंदे बाजार को अब इस नई अनिश्चितता से निपटना होगा।
  • एफटीएक्स के ढहने के बाद मार्केट में नकदी का संकट पैदा हो सकता है, जिसका खामियाजा दूसरी क्रिप्टोकरेंसी को भुगतना पड़ेगा।
  • भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स के उपाध्यक्ष राजगोपाल मेनन को भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी डर है कि सबसे बुरा अभी खत्म नहीं हुआ है और कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि पहले से मंदे बाजार भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी को इस नई अनिश्चितता से निपटना होगा।

सरकार और आरबीआई की सर्तकता से बचे निवेशक
दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भारी गिरावट से निवेशकों के अरबों डॉलर डूब गए। हालांकि, सरकार और आरबीआई के सतर्क रुख से भारतीय निवेशकों पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने से बार-बार इनकार करता रहा है। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर चेतावनी भी दी है। इसके अलावा, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी का भारी-भरकम टैक्स और लेनदेन पर एक फीसदी का अतिरिक्त टीडीएस भी लगाया है। आंकड़ों के मुताबिक, वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी बाजार का पूंजीकरण भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी 2021 में 3 लाख करोड़ डॉलर (234.7 लाख करोड़ रुपये) था। एक साल में ही इसका कुल बाजार मूल्य 2 लाख करोड़ डॉलर (165 लाख करोड़ रुपये) घटकर अब एक लाख करोड़ डॉलर (81.23 लाख करोड़ रुपये) रह गया है।

cryptocurrency को मंजूरी देने से धन आपूर्ति पर रिजर्व बैंक का नियंत्रण खत्म हो सकता है: पूर्व गवर्नर

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने कहा कि देश में क्रिप्टोकरेंसी को मंजूरी दिए जाने पर केंद्रीय बैंक धन आपूर्ति और मुद्रास्फीति प्रबंधन पर नियंत्रण खो सकता है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और न्यूयॉर्क यूनिर्विसटी (एनवाईयू) स्टर्न स्कूल आॅफ बिजनेस द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए राव ने यह भी […]

December 9, 2021

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने कहा कि देश में क्रिप्टोकरेंसी को मंजूरी दिए जाने पर केंद्रीय बैंक धन आपूर्ति और मुद्रास्फीति प्रबंधन पर नियंत्रण खो सकता है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और न्यूयॉर्क यूनिर्विसटी (एनवाईयू) स्टर्न स्कूल आॅफ बिजनेस द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए राव ने यह भी कहा कि भारत में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) जारी करने का मामला शायद मजबूत ना हो क्योंकि इसमें पूंजी नियंत्रण का पहलू शामिल है।

Cryptocurrency : क्रिप्टो में डूबे भारतियों के अरबों रूपए, देश पर पड़ेगा इसका असर ​​​​​​​

कुछ दिन पहले क्रिप्टो मार्किट क्रैश हो गयी थी जिसकी वजह से भारतियों के निवेश किये अरबों रूपए डूब गए जिसकी वजह से देश पर इसका असर देखने को मिल रहा हैं। क्रिप्टो की वजह से करोड़ों इन्वेस्टर रातो रात कंगाल हो गए हैं। आइये जानते हैं पूरी खबर।

क्रिप्टो

HR Breaking News, New Delhi : विश्व में क्रिप्टो करेंसी में आई बड़ी गिरावट से चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है. वहीं भारत में इसका खास असर नहीं हुआ है. इसका श्रेय सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के सतर्क रुख को जाता है. आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने से बार-बार इनकार किया है और उसने इसमें लेनदेन को लेकर आगाह भी किया है. वहीं सरकार ने क्रिप्टो लेनदेन की मांग को कम करने के लिए कर का रास्ता चुना है. क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 2021 में तीन हजार अरब डॉलर था, जिसका कुल बाजार मूल्य अब एक हजार अरब डॉलर से भी कम रह गया है.

Digital Rupee: RBI का ऐलान, आज से बड़े सौदों में डिजिटल रुपये का इस्तेमाल, पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च

Digital Rupee: RBI का ऐलान, आज से बड़े सौदों में डिजिटल रुपये का इस्तेमाल, पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च

डीएनए हिंदी: देश के अपने डिजिटल रुपये (Digital Rupee) का इंतजार खत्म होने जा रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के मुताबिक, 1 नवंबर यानी आज मंगलवार से बड़े सौदों में इस्तेमाल होने वाला डिजिटल रुपया लॉन्च हो रहा है. इसे फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया जा रहा है और देश के कुल 9 बैंक ही फिलहाल इसमें पेमेंट या सेटलमेंट कर पाएंगे. रिजर्व बैंक के मुताबिक, इस डिजिटल रुपये का इस्तेमाल सबसे पहले सरकारी सिक्योरिटीज़ यानि सरकारी बॉन्ड आदि की खरीद बिक्री पर होने वाली निपटारे की रकम के तौर पर होगा. हालांकि RBI ने साथ ही ये भी कहा है कि महीने भर के भीतर रिटेल ट्रांजेक्शन (छोटे लेनदेन) के लिए भी डिजिटल रुपये को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च कर दिया जाएगा.

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कुछ दिन पहले क्रिप्टो मार्किट क्रैश हो गयी थी जिसकी वजह से भारतियों के निवेश किये अरबों रूपए डूब गए जिसकी वजह से देश पर इसका असर देखने को मिल रहा हैं। क्रिप्टो की वजह से करोड़ों इन्वेस्टर रातो रात कंगाल हो गए हैं। आइये जानते हैं पूरी खबर।

क्रिप्टो

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