Trading सुर्खियों पर

इनसाइडर ट्रेडिंग: यह क्या है, क्या नहीं है और क्या करने लायक है?
“इनसाइडर ट्रेडिंग” शब्द हाल ही में सुर्खियों में रहा है। चर्चा है कि बड़े नामी राजनेताओं और बिजनेस टायकून से इसकी जांच कराई जा रही है। लगभग ऐसा लगता है कि सभी बड़े लोग इन दिनों ऐसा कर रहे हैं। तो, इनसाइडर ट्रेडिंग वास्तव में क्या है और यह अवैध क्यों है?
इनसाइडर ट्रेडिंग क्या है?
“इनसाइडर ट्रेडर” की परिभाषा जो लागू कानूनों के मूल में निहित है, “सुरक्षा के सम्बन्ध में सामग्री, गैर-सार्वजनिक जानकारी के आधार पर भरोसेमंद कर्तव्य या भरोसा और विश्वास के अन्य संबंधों के उल्लंघन से कोई सेक्युरिटी (प्रत्याभूति) खरीदना या बेचना।” आइए इस सभी कानूनी को आसानी से समझने योग्य खंड में बांटते हैं।
सबसे पहले, आइए विश्वास के रिश्ते में निहित व्यक्ति के साथ शुरू करते हैं – इनसाइडर। एक व्यक्ति को “इनसाइडर” तब कहा जाता है यदि किसी व्यवसाय के साथ उनकी संबद्धता उन्हें ऐसी जानकारी प्रति पहुँच बनाती है जिसे अभी तक जनता के सामने प्रकट नहीं किया गया है।
अंदरूनी (इनसाइडर) जानकारी को “सामग्री” माना जाता है यदि यह एक प्रकार की सूचना (इंटेल) है जो कंपनी के स्टॉक मूल्य को प्रभावित कर सकती है और सबसे अधिक संभावना है। उदाहरणों में एक लंबित विलय, एक बड़ा निवेश, एक आश्चर्यजनक आय रिपोर्ट, एक सरकारी अनुबंध के बारे में एक घोषणा आदि शामिल हैं।
अंदरूनी (इनसाइडर) सूत्र अपनी कंपनियों और शेयरधारकों के लिए एक भरोसेमंद जिम्मेदारी लेते हैं। प्रत्ययी का अर्थ है निष्ठा का कर्तव्य या देखभाल का कर्तव्य। इसलिए, अंदरूनी (इनसाइडर) सूत्र अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए भौतिक जानकारी का उपयोग करते हुए उन्हें उन लोगों के साथ सीधे हितों के टकराव में डाल देता है जिनके लिए उनका कर्तव्य है।
क्या सभी इनसाइडर ट्रेडिंग अवैध हैं?
आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि सभी इनसाइडर ट्रेडिंग कानून द्वारा दंडनीय नहीं हैं। यहां इनसाइडर ट्रेडिंग के कुछ उदाहरण दिए गए हैं जिन पर किसी भी प्रकार का कानूनी प्रभाव नहीं पड़ता है:
- एक कर्मचारी अपने स्टॉक विकल्प (इक्विटी मुआवजे का एक प्रकार) को प्राप्त करता है और उस कंपनी के 100 शेयर खरीदता है जिसके लिए वह काम करता है। वे अंदरूनी (इनसाइडर) जानकारी के लिए गुप्त हो सकते हैं, फिर भी उनके कानूनी अधिकारों के भीतर हैं।
- एक CEO अपनी कंपनी में 500 शेयर खरीदता है। ट्रेडिंग को तब तक वैध माना जाता है जब तक इसके बारे में जानकारी सार्वजनिक की जाती है और संबंधित नियामक निकाय को इसकी सूचना दी जाती है।
- एक बोर्ड का सदस्य अधिक स्टॉक खरीदकर निगम में अपना हिस्सा बढ़ाता है। यदि नियामक निकाय को सूचित किया जाए तो ट्रेड 100% कानूनी है।
अवैध इनसाइडर ट्रेडिंग
तो, ट्रेड कब अवैध क्षेत्र में प्रवेश करता है? यह तब होता है जब लेन-देन (जैसे शेयरों की खरीद या बिक्री) उस ज्ञान से प्रभावित होता है जिसके बारे में कंपनी के अंदर के लोगों का एक समूह को ही पता होता है। इस तरह की जानकारी इनसाइडर को बाजार में किसी और के सामने आने वाले स्टॉक मूल्य बदलाव से जुड़े नुकसान से या तो लाभ या हानि से बचने के लिए अनुचित लाभ देती है।
हर बार एक समय में आप इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले देखेंगे जहां कंपनी के बाहर के लोग लाभ के लिए अंदरूनी (इनसाइडर) लोगों से प्राप्त जानकारी का उपयोग करते हैं। उन मामलों में “टिपर” और “टिप्पी” दोनों कानूनी रूप से दोषी हैं। मार्था स्टीवर्ट से जुड़े इनसाइडर ट्रेडिंग का 2001 का प्रसिद्ध मामला ऐसा ही था।
स्टीवर्ट, एक प्रसिद्ध अमेरिकी व्यवसायी और टीवी-व्यक्तित्व, ने बायोटेक कंपनी, ImClone के अपने सभी शेयर बेच दिए। ठीक दो दिन बाद, ImClone ने घोषणा की कि FDA ने कंपनी के प्राथमिक दवा उत्पाद, Erbitux को मंजूरी नहीं दी थी। इसके तुरंत बाद उनका स्टॉक 16% गिर गया था।
घोषणा से पहले अपने शेयर बेचकर और बाद में गिरावट ने स्टीवर्ट को $45,673 के नुकसान से बचाया। जांच में साबित हुआ कि मार्था उस समय ImClone के CEO सैम वक्सल से एक गुप्त सूचना पर काम कर रही थी। दोनों पर इनसाइडर ट्रेडिंग का मुकदमा चलाया गया और उन्हें दोषी ठहराया गया। वक्सल को 87 महीने की जेल और 3 मिलियन डॉलर का जुर्माना हुआ। सुश्री स्टीवर्ड को 5 महीने की जेल, 195,000 डॉलर के जुर्माने और अपनी कंपनी के CEO के रूप में पद छोड़ने की आवश्यकता की सजा सुनाई गई थी।
हालिया इनसाइडर ट्रेडिंग मामले
लेकिन यह मत सोचें कि गंभीर दंड जैसे कि हमने अभी-अभी चर्चा की है, लोगों को इस तरह की साजिशों का प्रयास करने से रोकता है। ऐसा नहीं होता है। वास्तव में, आइए इनसाइडर ट्रेडिंग के नवीनतम उदाहरणों पर एक नज़र डालते हैं।
अमेरिकी न्याय विभाग ने सीनेटरों की गतिविधियों की जांच अभी-अभी बंद की है, जो संवेदनशील सूचनाओं की जानकारी रखते हुए बड़े पैमाने पर ट्रेडिंग में लगे हुए थे। कोरोनावायरस महामारी के कारण बाजारों में मंदी आने से कुछ समय पहले तीनों ने बड़ी बिक्री की थी।
कैलिफोर्निया के डेमोक्रेटिक सीनेटर डियान फेनस्टीन ने सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी के एक मौजूदा सदस्य के रूप में लाखों डॉलर के स्टॉक बेचे। सहकर्मी सीनेटर, रिपब्लिकन प्रतिनिधि केली लोफ्लर, जिनके पति न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज के अध्यक्ष हैं, ने भी इसी तरह का संदिग्ध ट्रेडिंग किया। जनवरी में उभरते कोरोनावायरस पर स्वास्थ्य अधिकारियों से एक निजी ब्रीफिंग प्राप्त करने के तुरंत पश्चात लोफ्लर ने बड़ी संख्या में शेयरों को बेच दिया।
यह ध्यान देने योग्य है कि सीनेटरों को विशेष रूप से 2012 स्टॉक अधिनियम के तहत स्टॉक ट्रेडों के बारे में निर्णय लेने के लिए गैर-सार्वजनिक जानकारी का उपयोग करने से प्रतिबंधित किया गया है। न्याय विभाग ने दोनों मामलों की जांच की, लेकिन अंतत: इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोपों से इनकार किया क्योंकि दोनों सीनेटरों ने दावा किया कि अन्य पक्षों (परिवार के सदस्यों और सलाहकारों) ने उनकी ओर से ट्रेड किया था।
इस बीच ब्राजील में, मार्कोस मोलिना – एक प्रमुख स्थानीय मीटपैकर Marfrig के CEO – देश के प्रतिभूति नियामक – CVM द्वारा इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोपों का सामना कर रहे हैं। CVM ने पाया कि मोलिना ने नेशनल बीफ में 51% हिस्सेदारी लेने के लिए Leucadia नेशनल कॉर्प के साथ एक सौदे की सार्वजनिक घोषणा से पहले Marfrig के शेयर खरीदे थे। लेन-देन की घोषणा के बाद Marfrig के शेयरों में लगभग 20% की वृद्धि हुई थी।
इनसाइडर ट्रेडिंग और Olymp Trade
कहने की जरूरत नहीं है, Olymp Trade अवैध इनसाइडर ट्रेडिंग की निंदा नहीं करता है और न ही हम इसे अपने प्लेटफार्म पर अनुमति देते हैं। हालांकि, हम पूरी तरह से अनुसंधान और बाजार विश्लेषण का समर्थन और सुविधा प्रदान करते हैं जो एक ट्रेडर को सहायता कर सकता है।
उदाहरण के लिए, आप Olymp Trade द्वारा प्रदान की जाने वाली बाजार इनसाइट्स का लाभ उठा सकते हैं। प्लेटफ़ॉर्म पर होने पर, नेविगेशन बार पर जाएँ और इनसाइट्स को खोजें। एक क्लिक या टैप आपको एक ऐसे खंड में ले जाएगा, जहां आपके ट्रेडिंग विकल्पों को प्रभावित करने की क्षमता है।
वहां से आप परिसंपत्ति खंड में जा सकते हैं और उन सभी परिसम्पत्तियों पर अल्पकालिक मूल्य पूर्वानुमान और ट्रेंड विश्लेषण पा सकते हैं जिनका आप Olymp Trade के साथ ट्रेड कर सकते हैं। आसान है, है न?
और यदि यह पर्याप्त नहीं है (कभी भी नहीं?), तो आप हमेशा सुझावों के लिए ब्लॉग देख सकते हैं। हमारा दैनिक और साप्ताहिक विश्लेषण (Daily and Weekly Analytics) आपको अच्छी तरह से सूचित और भविष्य के लिए तैयार रखेगा। और आधारभूत विश्लेषण (Fundamental Analysis) की उपेक्षा न करें, क्योंकि यही वह जगह है जहां सभी दीर्घकालिक अंतर्दृष्टि (इनसाइट्स) उपलब्ध हैं।
क्या शेयर बाजार में ट्रेडिंग बंद करने से बच जाएंगे रोज डूब रहे पैसे?
कोरोना का सीधा असर दुनिया भर के शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है. 18 मार्च को जब भारत का शेयर बाजार करीब 30,000 के नीचे आ गया तो ट्रीटर पर ट्रेंड करने लगा #bandkarobazar.
By: अविनाश राय, एबीपी न्यूज़ | Updated at : 18 Mar 2020 09:19 PM (IST)
पूरी दुनिया इस वक्त खौफजदा है. और इसकी वजह है एक वायरस कोविड 19. दुनिया भर में करीब 2 लाख लोग इस वायरस की चपेट में हैं. 8,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इसका सीधा असर दिख रहा है दुनिया के बाजार पर, जो लगातार गिरता जा रहा है. क्या अमेरिका, क्या चीन और क्या जापान, हर जगह मार्केट धराशायी होता जा रहा है. हम भी इससे अछूते नहीं हैं. 18 मार्च को अपने देश के शेयर बाजार का सेंसेक्स 30,000 से नीचे चला गया. और फिर ट्वीटर पर ट्रेंड करने लगा बंद करो बाजार. तो क्या सरकार बाजार को बंद कर सकती है और क्या बाजार के बंद होने से लगातार डूब रहे पैसे बच पाएंगे? करीब 40 लाख करोड़ रुपये का हुआ नुकसान भारत का शेयर बाजार हर रोज लगातार नीचे ही गिरता जा रहा है. पिछले एक महीने में बाजार में करीब 26 फीसदी की गिरावट हुई है, जिसकी वजह से निवेशकों को 40 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का नुकसान हुआ है. और ये नुकसान लगातार बढ़ता ही जा Trading सुर्खियों पर रहा है. हर रोज हजारों करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है. हर रोज अखबारों, टीवी चैनलों और वेबसाइट्स की सुर्खियां बन रही हैं कि शेयर बाजार गिरने से कभी चार लाख करोड़ रुपये डूब गए तो कभी पांच लाख करोड़ और कभी 9 लाख करोड़. ये अलग-अलग दिनों के आंकड़े हैं. और अलग-अलग दिनों पर शेयर बाजार में ये पैसे डूबे हैं. इसी को देखते हुए जब 18 मार्च को शेयर बाजार 1300 पॉइंट से ज्यादा गिरा तो फिर लोगों ने #bandkarobazaar ट्वीट करना शुरू कर दिया और ये इंडिया का टॉप ट्रेंड बन गया. लेकिन क्या बाजार को बंद करना इतना आसान है, इसे समझने की कोशिश करते हैं. सर्किट ब्रेकर लगाकर संभाला गया था कामकाज
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शेयर बाजार में हफ्ते में पांच दिन काम होता है और दो दिन की छुट्टी होती है. शनिवार और रविवार. इसके अलावा बाजार बंद नहीं होता. हां अगर शेयर मार्केट में कुछ ज्यादा ही उथल-पुथल होती है तो पैसे को डूबने से रोकने के लिए कुछ तरीके अपनाए जाते हैं. इसे कहते हैं सर्किट ब्रेकर. जब ये लगता है कि कोई भी ब्रोकर शेयर बाजार को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है और उसकी वजह से अचानक से शेयरों की बिकवाली या खरीदारी तय सीमा से ज्यादा होने लगती है, तो इसे रोकने के लिए सर्किट ब्रेकर का इस्तेमाल किया जाता है. अभी हाल ही में जब 13 मार्च को बाजार अचानक से ओपनिंग के बाद 2534 अंक गिर गया तो सर्किट ब्रेकर लगाकर बाजार को 45 मिनट के लिए बंद कर दिया गया. ये सर्किट ब्रेकर भी दो तरह का होता है. अपर सर्किट और लोवर सर्किट. जब बाजार में पैसे ज्यादा हो जाते हैं तो अपर सर्किट लगाकर ट्रेडिंग कुछ देर के लिए रोक दी जाती है, वहीं जब बाजार में पैसे तय सीमा से कम हो जाते हैं तो लोअर सर्किट लगाकर ट्रेडिंग बंद की जाती है. 13 मार्च को लोअर सर्किट लगाकर ट्रेडिंग बंद की गई थी.
सर्किट ब्रेकर के लिए सेबी ने बनाई गाइडलाइंस सेबी की गाइडलाइन्स के मुताबिक अपर या लोअर सर्किट के लिए तीन ट्रिगर लिमिट्स हैं. 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी. जब दोपहर 1 बजे से पहले शेयर बाजार 10 फीसदी तक गिरे या चढ़े तो ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए रोक दी जाती है. अगर 1 बजे से 2.30 बजे तक बाजार में 10 फीसदी का उतार-चढ़ाव होता है तो ट्रेडिंग को 15 मिनट के लिए रोक दिया जाता है. वहीं अगर बाजार में दोपहर 1 बजे से पहले 15 फीसदी का उतार-चढ़ाव हो तो ट्रेडिंग 1 घंटे 45 मिनट के लिए रोकी जाती है. अगर एक बजे से दो बजे तक के बीच 15 फीसदी का उतार-चढ़ाव हो तो मार्केट में 45 मिनट के लिए ट्रेडिंग रोक दी जाती है. अगर 2 बजे के बाद मार्केट में 15 फीसदी का उतार-चढ़ाव हो तो मार्केट को बंद कर दिया जाता है. अगर ट्रेडिंग के दौरान किसी भी वक्त शेयर बाजार में 20 फीसदी का उतार-चढ़ाव Trading सुर्खियों पर आता है तो बचे हुए पूरे दिन के लिए ट्रेडिंग बंद कर दी जाती है. सोशल मीडिया पर उठ रही बाजार बंद की मांग लेकिन कोई भी निवेशक ये नहीं चाहता कि सर्किट ब्रेकर लगाकर ट्रेडिंग बंद की जाए. और जब निवेशक सर्किट ब्रेकर नहीं चाहते तो वो पूरे बाजार की ट्रेडिंग ही रोकने के लिए कैसे राजी होंगे. हालांकि बाजार के कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि पिछले कुछ दिनों में पूरा मार्केट कैप 26 फीसदी तक कम हो गया है. ऐसे में और नुकसान न हो, इसके लिए ट्रेडिंग को रोकना ही सबसे बेहतर तरीका है. सेबी एक आदेश के जरिए अगले कुछ दिनों के लिए ट्रेडिंग बंद कर दे, तो मार्केट संभल सकता है. वहीं कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर ट्रेडिंग कुछ दिनों के लिए बंद कर दी जाएगी तो बाजार जब भी खुलेगा क्रैश हो जाएगा. कुछ लोग इस बात के लिए भी तैयार हैं कि हर रोज पैसे डुबोने से तो बेहतर है कि एक ही दिन नुकसान उठाना पड़े. क्योंकि निवेशक शेयर का प्राइस कम होने पर शेयर खरीद ले रहे हैं. अगले दिन पता चलता है कि वो शेयर और भी ज्यादा गिर गया. ऐसे में उसे खासा नुकसान हो जा रहा है. वहीं सोशल मीडिया पर कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो ये कह रहे हैं कि बाजार बंद करने की बात वो लोग कर रहे हैं, जिन्होंने कभी भी शेयर बाजार से पैसे नहीं बनाए हैं. शेयर बाजार को बंद करवाने की वकालत करने वाले लोगों का ये भी कहना है कि अगर लोग कोरोना के कहर से बचेंगे, तो पैसे भी बना लेंगे. इसलिए सेबी को या तो बाजार बंद कर देना चाहिए या फिर ट्रेडिंग के घंटे कम कर देने चाहिए. हालांकि सोशल मीडिया के इस रिएक्शन पर सेबी का अभी तक कोई बयान नहीं आया है. बाकी शेयर बाजार बंद करने की वकालत करने वालों से एक सवाल है कि आप शेयर मार्केट में रोज का तो लेन-देन बंद कर सकते हैं, लेकिन वायदा कारोबार का क्या होगा. हालांकि हमारे सामने फिलिपिंस का उदाहरण भी है, जिसने अपने शेयर बाजार को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया है. अमेरिकी सरकार अभी शेयर बाजार बंद करने पर राजी नहीं है और हमारे यहां तो इसपर सरकार की तरफ से कोई बात भी नहीं हो रही है.
Published at : 18 Mar 2020 09:06 PM (IST) हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Explainer News in Hindi
देह व्यापार रैकेट से सुर्खियों में आए होटल पर शिकंजा, मालिक बोला- मैं टारगेट, बाकी को छूट
ग्वालियर (ब्यूरो)। देह व्यापार रैकेट चलाने को लेकर सुर्खियों में आए रेसकोर्स रोड स्थित होटल नीरज को बंद कराने के लिए एसपी नवनीत भसीन ने कलेक्टर अनुराग चौधरी को पत्र लिखा है। 11 जून को देह व्यापार रैकेट और एफआईआर का हवाला देते हुए एसपी ने इस होटल के आसपास वीवीआईपी लोगों और अफसरों के बंगले होना भी एक कारण बताया है।
उधर होटल मालिक सावंत सिंह ने इसे टारगेट कार्रवाई बताते हुए कहा कि शहरभर के होटलों में क्या चल रहा है, क्या पुलिस को पता नहीं है, वह सब जानती है। मेरा होटल जानबूझकर बंद कराया गया है। खास बात यह कि आए दिन होटलों और गेस्ट हाउसों में देह व्यापार रैकेट पकड़े जाने के मामले में पुलिस ने इतनी संजीदगी पहली बार दिखाई है।
ज्ञात रहे कि रेसकोर्स रोड स्थित होटल नीरज के मालिक सावंत सिंह हैं, जिनका नीरज ट्रेवल्स भी है। इसी ट्रैवल्स के पास शहर की स्मार्ट सिटी की बसों का काम है। पिछले कुछ समय में दो-तीन बार होटल नीरज में युवक युवतियों को आपत्तिजनक हाल में पकड़ जा चुका है। 11 जून 2019 को पड़ाव थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच ने होटल पर रेड की थी और युवक-युवतियों को आपत्तिजनक हाल में पकड़ा था।
मौके पर देह व्यापार से जुड़े तथ्य और सामग्री भी बरामद की गई थी। इस मामले में होटल मैनेजर से लेकर स्टाफ पर अनैतिक कारोबार के तहत मुकदमा कायम किया गया और गिरफ्तारियां की गईं।
कैबिनों जैसे होटलों में चल रहा देह व्यापार
होटल संचालक का कहना है शहरभर में गली-गली और कैबिनों जैसे होटलों में क्या चल रहा है, यह किसी भी थाना पुलिस से छिपा नहीं है। इससे पहले भी दीनदयाल नगर स्थित सम्राट गेस्ट हाउस, गांधी नगर के कुछ गेस्ट हाउस, लॉज में पुलिस की छापेमार कार्रवाई हो चुकी है।
कुछ बड़े होटलों में भी पुलिस रेड कर चुकी है, जहां युवक-युवतियां मिलते हैं और कार्रवाई भी होती है। कभी ऐसा नहीं हुआ कि पुलिस ने जिला प्रशासन को उस स्थान पर कार्रवाई या बंद कराने के लिए पत्र लिखा हो। शहरभर के ऐसे होटलों पर कार्रवाई के लिए बड़ी मुहिम की जरूरत है, एक होटल पर कार्रवाई की,यह तो ठीक है।
प्रस्ताव भेजा है
होटल नीरज पर दो बार एफआईआर हो चुकी है, यहां देह व्यापार पकड़ा गया है। अनैतिक कारोबार में यह होटल लिप्त है, जिस पर कार्रवाई को लेकर कलेक्टर को पत्र लिखा है - नवनीत भसीन, एसपी, ग्वालियर
टारगेट किया गया
मुझ पर कार्रवाई टारगेट करके की गई Trading सुर्खियों पर है। बार-बार पुलिस आती है, पुलिस तो कुछ भी कर सकती है। फूलबाग स्थित होटलों से लड़के-लड़कियों को निकलते देखा जा सकता है, सिर्फ मेरा ही होटल क्यों दिखा- सावंत सिंह, होटल मालिक
क्या शेयर बाजार में ट्रेडिंग बंद करने से बच जाएंगे रोज डूब रहे पैसे?
कोरोना का सीधा असर दुनिया भर के शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है. 18 मार्च को जब भारत का शेयर बाजार करीब 30,000 के नीचे आ गया तो ट्रीटर पर ट्रेंड करने लगा #bandkarobazar.
By: अविनाश राय, एबीपी न्यूज़ | Updated at : 18 Mar 2020 09:19 PM (IST)
पूरी दुनिया इस वक्त खौफजदा है. और इसकी वजह है एक वायरस कोविड 19. दुनिया भर में करीब 2 लाख लोग इस वायरस की चपेट में हैं. 8,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इसका सीधा असर दिख रहा है दुनिया के बाजार पर, जो लगातार गिरता जा रहा है. क्या अमेरिका, क्या चीन और क्या जापान, हर जगह मार्केट धराशायी होता जा रहा है. हम भी इससे अछूते नहीं हैं. 18 मार्च को अपने Trading सुर्खियों पर देश के शेयर बाजार का सेंसेक्स 30,000 से नीचे चला गया. और फिर ट्वीटर पर ट्रेंड करने लगा बंद करो बाजार. तो क्या सरकार बाजार को बंद कर सकती है और क्या बाजार के बंद होने से लगातार डूब रहे पैसे बच पाएंगे? करीब 40 लाख करोड़ रुपये का हुआ नुकसान भारत का शेयर बाजार हर रोज लगातार नीचे ही गिरता जा रहा है. पिछले एक महीने में बाजार में करीब 26 फीसदी की गिरावट हुई है, जिसकी वजह से निवेशकों को 40 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का नुकसान हुआ है. और ये नुकसान लगातार बढ़ता ही जा रहा है. हर रोज हजारों करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है. हर रोज अखबारों, टीवी चैनलों और वेबसाइट्स की सुर्खियां बन रही हैं कि शेयर बाजार गिरने से कभी चार लाख करोड़ रुपये डूब गए तो कभी पांच लाख करोड़ और कभी 9 लाख करोड़. ये अलग-अलग दिनों के आंकड़े हैं. और अलग-अलग दिनों पर शेयर बाजार में ये पैसे डूबे हैं. इसी को देखते हुए जब 18 मार्च को शेयर बाजार 1300 पॉइंट से ज्यादा गिरा तो फिर लोगों ने #bandkarobazaar ट्वीट करना शुरू कर दिया और ये इंडिया का टॉप ट्रेंड बन गया. लेकिन क्या बाजार को बंद करना इतना आसान है, इसे समझने की कोशिश करते हैं. सर्किट ब्रेकर लगाकर संभाला गया था कामकाज
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शेयर बाजार में हफ्ते में पांच दिन काम होता है और दो दिन की छुट्टी होती है. शनिवार और रविवार. इसके अलावा बाजार बंद नहीं होता. हां अगर शेयर मार्केट में कुछ ज्यादा ही उथल-पुथल होती है तो पैसे को डूबने से रोकने के लिए कुछ तरीके अपनाए जाते हैं. इसे कहते हैं सर्किट ब्रेकर. जब ये लगता है कि कोई भी ब्रोकर शेयर बाजार को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है और उसकी वजह से अचानक से शेयरों की बिकवाली या खरीदारी तय सीमा से ज्यादा होने लगती है, तो इसे रोकने के लिए सर्किट ब्रेकर का इस्तेमाल किया जाता है. अभी हाल ही में जब 13 मार्च को बाजार अचानक से ओपनिंग के बाद 2534 अंक गिर गया तो सर्किट ब्रेकर लगाकर बाजार को 45 मिनट के लिए बंद कर दिया गया. ये Trading सुर्खियों पर सर्किट ब्रेकर भी दो तरह का होता है. अपर सर्किट और लोवर सर्किट. जब बाजार में पैसे ज्यादा हो जाते हैं तो अपर सर्किट लगाकर ट्रेडिंग कुछ देर के लिए रोक दी जाती है, वहीं जब बाजार में पैसे तय सीमा से कम हो जाते हैं तो लोअर सर्किट लगाकर ट्रेडिंग बंद की जाती है. 13 मार्च को लोअर सर्किट लगाकर ट्रेडिंग बंद की गई थी.
सर्किट ब्रेकर के लिए सेबी ने बनाई गाइडलाइंस सेबी की गाइडलाइन्स के मुताबिक अपर या लोअर सर्किट के लिए तीन ट्रिगर लिमिट्स हैं. 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी. जब दोपहर 1 बजे से पहले शेयर बाजार 10 फीसदी तक गिरे या चढ़े तो ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए रोक दी जाती है. अगर 1 बजे से 2.30 बजे तक बाजार में 10 फीसदी का उतार-चढ़ाव होता है तो ट्रेडिंग को 15 मिनट के लिए रोक दिया जाता है. वहीं अगर बाजार में दोपहर 1 बजे से पहले 15 फीसदी का उतार-चढ़ाव हो तो ट्रेडिंग 1 घंटे 45 मिनट के लिए रोकी जाती है. अगर एक बजे से दो बजे तक के बीच 15 फीसदी का उतार-चढ़ाव हो तो मार्केट में 45 मिनट के लिए ट्रेडिंग रोक दी जाती है. अगर 2 बजे के बाद मार्केट में 15 फीसदी का उतार-चढ़ाव हो तो मार्केट को बंद कर दिया जाता है. अगर ट्रेडिंग के दौरान किसी भी वक्त शेयर बाजार में 20 फीसदी का उतार-चढ़ाव आता है तो बचे हुए पूरे दिन के लिए ट्रेडिंग बंद कर दी जाती है. सोशल मीडिया पर उठ रही बाजार बंद की मांग लेकिन कोई भी निवेशक ये नहीं चाहता कि सर्किट ब्रेकर लगाकर ट्रेडिंग बंद की जाए. और जब निवेशक सर्किट ब्रेकर नहीं चाहते तो वो पूरे बाजार की ट्रेडिंग ही रोकने के लिए कैसे राजी होंगे. हालांकि बाजार के कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि पिछले कुछ दिनों में पूरा मार्केट कैप 26 फीसदी तक कम हो गया है. ऐसे में और नुकसान न हो, इसके लिए ट्रेडिंग को रोकना ही सबसे बेहतर तरीका है. सेबी एक आदेश के जरिए अगले कुछ दिनों के लिए ट्रेडिंग बंद कर दे, तो मार्केट संभल सकता है. वहीं कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर ट्रेडिंग कुछ दिनों के लिए बंद कर दी जाएगी तो बाजार जब भी खुलेगा क्रैश हो जाएगा. कुछ लोग इस बात के लिए भी तैयार हैं कि हर रोज पैसे डुबोने से तो बेहतर है कि एक ही दिन नुकसान उठाना पड़े. क्योंकि निवेशक शेयर का प्राइस कम होने पर शेयर खरीद ले रहे हैं. अगले दिन पता चलता है कि वो शेयर और भी ज्यादा गिर गया. ऐसे में उसे खासा नुकसान हो जा रहा है. वहीं सोशल मीडिया पर कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो ये कह रहे हैं कि बाजार बंद करने की बात वो लोग कर रहे हैं, जिन्होंने कभी भी शेयर बाजार से पैसे नहीं बनाए हैं. शेयर बाजार को बंद करवाने की वकालत करने वाले लोगों का ये भी कहना है कि अगर लोग कोरोना के कहर से बचेंगे, तो पैसे भी बना लेंगे. इसलिए सेबी को या तो बाजार बंद कर देना चाहिए या फिर ट्रेडिंग के घंटे कम कर देने चाहिए. हालांकि सोशल मीडिया के इस रिएक्शन पर सेबी का अभी तक कोई बयान नहीं आया है. बाकी शेयर बाजार बंद करने की वकालत करने वालों से एक सवाल है कि आप शेयर मार्केट में रोज का तो लेन-देन बंद कर सकते हैं, लेकिन वायदा कारोबार का क्या होगा. हालांकि हमारे सामने फिलिपिंस का उदाहरण भी है, जिसने अपने शेयर बाजार को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया है. अमेरिकी सरकार अभी शेयर बाजार बंद करने पर राजी नहीं है और हमारे यहां तो इसपर सरकार की तरफ से कोई बात भी नहीं हो रही है.
Published at : 18 Mar 2020 09:06 PM (IST) हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Explainer News in Hindi
देह व्यापार रैकेट से सुर्खियों में आए होटल पर शिकंजा, मालिक बोला- मैं टारगेट, बाकी को छूट
ग्वालियर (ब्यूरो)। देह व्यापार रैकेट चलाने को लेकर सुर्खियों में आए रेसकोर्स रोड स्थित होटल नीरज को बंद कराने के लिए एसपी नवनीत भसीन ने कलेक्टर अनुराग चौधरी को पत्र लिखा है। 11 जून को देह व्यापार रैकेट और एफआईआर का हवाला देते हुए एसपी ने इस होटल के आसपास वीवीआईपी लोगों और अफसरों के बंगले होना भी एक कारण बताया है।
उधर होटल मालिक सावंत सिंह ने इसे टारगेट कार्रवाई बताते हुए कहा कि शहरभर के होटलों में क्या चल रहा है, क्या पुलिस को पता नहीं है, वह सब जानती है। मेरा होटल जानबूझकर बंद कराया गया है। खास बात यह कि आए दिन होटलों और गेस्ट हाउसों में देह व्यापार रैकेट पकड़े जाने के मामले में पुलिस ने इतनी संजीदगी पहली बार दिखाई है।
ज्ञात रहे कि रेसकोर्स रोड स्थित होटल नीरज के मालिक सावंत सिंह हैं, जिनका नीरज ट्रेवल्स भी है। इसी ट्रैवल्स के पास शहर की स्मार्ट सिटी की बसों का काम है। पिछले कुछ समय में दो-तीन बार होटल नीरज में युवक युवतियों को आपत्तिजनक हाल में पकड़ जा चुका है। 11 जून 2019 को पड़ाव थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच ने होटल पर रेड की थी और युवक-युवतियों को आपत्तिजनक हाल में पकड़ा था।
मौके पर देह व्यापार से जुड़े तथ्य और सामग्री भी बरामद की गई थी। इस मामले में होटल मैनेजर से लेकर स्टाफ पर अनैतिक कारोबार के तहत मुकदमा कायम किया गया और गिरफ्तारियां की गईं।
कैबिनों जैसे होटलों में चल रहा देह व्यापार
होटल संचालक का कहना है शहरभर में गली-गली और कैबिनों जैसे होटलों में क्या चल रहा है, यह किसी भी थाना पुलिस से छिपा नहीं है। इससे पहले भी दीनदयाल नगर स्थित सम्राट गेस्ट हाउस, गांधी नगर के कुछ गेस्ट हाउस, लॉज में पुलिस की छापेमार कार्रवाई हो चुकी है।
कुछ बड़े होटलों में भी पुलिस रेड कर चुकी है, जहां युवक-युवतियां मिलते हैं और कार्रवाई भी होती है। कभी ऐसा नहीं हुआ कि पुलिस ने जिला प्रशासन को उस स्थान पर कार्रवाई या बंद कराने के लिए पत्र लिखा हो। शहरभर के ऐसे होटलों पर कार्रवाई के लिए बड़ी मुहिम की जरूरत है, एक होटल पर कार्रवाई की,यह तो ठीक है।
प्रस्ताव भेजा है
होटल नीरज पर दो बार एफआईआर हो चुकी है, यहां देह व्यापार पकड़ा गया है। अनैतिक कारोबार में यह होटल लिप्त है, जिस पर कार्रवाई को लेकर कलेक्टर को पत्र लिखा है Trading सुर्खियों पर - नवनीत भसीन, एसपी, ग्वालियर
टारगेट किया गया
मुझ पर कार्रवाई टारगेट करके की गई है। बार-बार पुलिस आती है, पुलिस तो कुछ भी कर सकती है। फूलबाग स्थित होटलों से लड़के-लड़कियों को निकलते देखा जा सकता है, सिर्फ मेरा ही होटल क्यों दिखा- सावंत सिंह, होटल मालिक