खरीदें और रखें

Keep these Things in Mind before Buying a New House in 2021
महामारी ने हम सभी को हमारी रेगुलर आदतों को बदलने के लिए मजबूर किया है। इसमें ग्लोबल लेवल पर कॉरपोरेट से लेकर होम ऑफिस में काम करने की आदतों में बदलाव शामिल हैं। अब वर्क फ्रॉम होम एक न्यू नॉर्मल बन गया है।
महामारी से पहले के समय की तुलना में अब लोग घर खरीदने में अधिक दिलचस्पी ले रहे हैं, क्योंकि अब सभी को काम करने, स्टडी करने या अपने पैशन को डेवलप करने के लिए अपने खुद के प्लेस की जरूरत है। पिछले 15 साल में सबसे कम ब्याज दरें, डेवलपर्स द्वारा दिए जा रहे छूट और ऑफ़र और सबसे महत्वपूर्ण बात स्टैम्प ड्यूटी पर सरकार का ऑफर हाल के दिनों में बहुत से लोगों को घर की खरीदारी के लिए तैयार कर रहा है।
1 BHK में रहने वाले लोग इन दिनों 2BHK और 3BHK में शिफ्ट होने के बारे में सोच रहे हैं। जबकि आप नया घर लेने के बारे में सोच रहे हैं, तो ऐसे बहुत से फैक्टर हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखने की जरूरत है। खुद का घर खरीदते समय प्लेस, आर्केटैक्चर, इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन ओपन स्पेस, फैसिलिटी आदि कई चीजों के बारे में सोचना जरूरी होता है।
Tanuja & Associates की फाउंडर और इंटीरियर डिजाइनर तनूजा राणे बता रही हैं यहां कुछ बातें जिन्हें आपको नया घर खरीदते वक्त अपने ध्यान में जरूर रखना चाहिए-
कम्पैटिबल लेआउट
अहम फैक्टर जैसे कमरे का लेआउट और फैमिली साइज के अनुसार ये फिट बैठते हैं या नहीं, यह जानना जरूरी है। अगर आपकी फैमिली में टीनएज बच्चे हैं तो उन्हें अपना प्राइवेट स्पेस रखना पसंद होगा। ऐसे में, ऐसा लेआउट प्लान देखें जिसमें लिविंग एरिया का साइज परफेक्ट हो, साथ ही किचन और बेडरूम के साइज पर भी ध्यान देना महत्वपूर्ण है।
सही तरीके से लाइट और वेंटिलेशन होने के साथ फ्लोरिंग भी अच्छी होनी चाहिए। कुछ खरीदारों के लिए वास्तु के अनुरूप बना फर्श भी आवश्यक होता है। कमरों का साइज और अटैच्ड बाथरूम, विंडो, एसी यूनिट को फिक्स करने के लिए फिटिंग आदि नए घर को खरीदते वक्त जरूरी डिटेल होती हैं जिन पर ध्यान रखना चाहिए।
लिविंग रूम
लिविंग रूम को आपके घर का दिल माना जाता है, जहां परिवार कई अलग-अलग कामों के लिए इकट्ठा होते हैं जैसे कि टीवी देखना, गेट-टुगेदर, फैमिली डिसकशन आदि। इसलिए घर का लेआउट देखते वक्त यह ध्यान में रखें कि घर के अन्य हिस्सों की तुलना में लिविंग रूम बड़ा हो, और यह पूरे घर के सेंटर में होना चाहिए ताकि सभी अन्य जगहों से यहां पहुंचना सुविधाजनक हो।
रसोई के लेआउट को ध्यान में रखना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि आपकी रसोई में एक प्रैक्टिकल वर्किंग स्पेस हो। चाहे किचन बड़ा हो या छोटा, एक स्मार्ट लेआउट स्पेस को बढ़ाने में मदद करता है। एक आइडियल किचन लेआउट में समानांतर प्लेटफ़ॉर्म होने चाहिए, जो प्लेटफ़ॉर्म के नीचे के साथ-साथ ओवरहेड में भी पर्याप्त स्टोरेज देते हैं। अगर एल या यू आकार के प्लेटफ़ॉर्म होते हैं तो काफी स्पेस कम हो जाता है क्योंकि कॉर्नर की वजह से स्पेस कभी-कभी बर्बाद हो जाती हैं।
बेडरूम
बेडरूम में अच्छी रोशनी और वेंटिलेशन होनी चाहिए, और ऐसा करने के लिए, कमरे में अच्छी बड़ी खिड़कियां होने की जरूरत होती है। बड़ी खिड़कियों से अच्छी ताजी हवा आती है। यह भी ध्यान दें कि बेडरूम का आकार कम से कम 10′-0 “x 14′-0” होना चाहिए, ताकि बिस्तर के चारों ओर ड्रेसिंग और अलमारी के लिए जगह हो, साथ ही स्टडी टेबल के लिए एक अच्छा कॉर्नर मिल जाए। वर्क फ्राम होम के टाइम में एक स्टडी टेबल के लिए जगह होना बहुत जरूरी है।
बाथरूम
बाथरूम लेआउट देखते वक्त “थ्री इन ए रॉ” कॉन्सेप्ट (शावर एरिया, टॉयलेट सीट और बेसिन काउंटर) को ध्यान में रखें। इससे आपको बाथरूम में कम्फर्टेबल स्पेस मिल जाता है। एक बाथरूम के लिए आइडियल साइज 5’-0” X 8’0” (40 sqft) है। बाथरूम में डक्ट की दीवार पर एक खिड़की होनी चाहिए। बाथरूम में सूखा और गीला एरिया अलग होना चाहिए। सूखे और गीले एरिया के फर्श में थोड़ा ऊंचाई का अंतर करना और शावर ग्लास को सेपरेट करके सूखे और गीला एरिया को अलग किया जा सकता है इससे आपको बाथरूम को हमेशा सूखा रखने में मदद मिलेगी।
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Second Hand Car Buying Tips: सेकंड हैंड कार खरीदने से पहले इन 4 बातों का रखें विशेष ख्याल, नहीं तो हो सकती है बाद में परेशानी
Second Hand Car Buying Tips: जो लोग सेकंड हैंड कार खरीदने वाले हैं उनके लिए सभी चीज़ों को चेक करना बहुत जरूरी होता है. कार अपने हाथ में लेने से पहले उन्हें गाड़ी से जुड़े सभी पेपर, ओनरशिप ट्रांसफर, कार का इंश्योरेंस प्राप्त करना, सर्विसिंग करवाना जैसी चीज़ें ध्यान में रखनी चाहिए
Car buying
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 28 जुलाई 2022,
- (Updated 28 जुलाई 2022, 5:34 PM IST)
सेकेंड हैंड कार इंश्योरेंस प्राप्त करें
ओनरशिप करवाएं ट्रांसफर
आए बाजार दिन में कार के नए नए मॉडल्स लॉन्च होते हैं. ऐसे में लोग नई कार खरीदने से ज्यादा सेकंड हैंड कार का ऑप्शन चुनना पसंद करते हैं. लेकिन कार खरीदना उतना आसान नहीं है जितना लगता है, चाहे वह ब्रांड न्यू हो या फिर यूस्ड हो. इसमें सही मॉडल चुनना हो, एक अच्छा सौदा ढूंढना हो शामिल है और अगर गाड़ी सेकंड हैण्ड है तो इसमें आप जिस कार को खरीद रहे हैं तो वाहन की स्थिति और कागजी कार्रवाई जैसी कुछ अन्य बातों पर भी विचार करना जरूरी है.
यहां हम आपको कुछ ऐसी चीज़ों के बारे में बता रहे हैं जो सेकंड हैंड कार खरीदने से पहले आपको ध्यान में रखनी चाहिए-
1. गाड़ी से जुड़े सभी पेपर
एक बार जब आपको सही कार मिल जाए, तो यह जांचना महत्वपूर्ण है कि वाहन के सभी कागजात जगह पर हैं या नहीं. इसमें रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, प्रदूषण प्रमाण पत्र, इसके अलावा बकाया राशि प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज खरीदें और रखें यानि अगर पिछले व्यक्ति ने इसे इंश्योरेंस पर खरीदा है तो. इंश्योरेंस डिटेल होने से आपको यह पता चल सकेगा कि कार से कोई दुर्घटना हुई है या कुछ भी इससे जुड़ा है.
2. ओनरशिप ट्रांसफर
आपको जल्द से जल्द गाड़ी की ओनरशिप अपने नाम पर करवा लेनी चाहिए. अगर वाहन का पिछला मालिक था, तो सुनिश्चित करें कि वर्तमान मालिक के पास कार बेचने के लिए नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) है या नहीं क्योंकि रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को ट्रांसफर करने की आवश्यकता होगी. आपको अपने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय या आरटीओ में ट्रांसफर के लिए एक एप्लीकेशन जमा करनी होगी. बीमा के लिए भी आपको अपने नाम के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की जरूरत होगी. कार बेचने वाले व्यक्ति को आरसी ट्रांसफर के लिए वैध बीमा की आवश्यकता होगी.
3. सेकेंड हैंड कार इंश्योरेंस प्राप्त करें
एक बार आरसी ट्रांसफर हो जाने के बाद, यह महत्वपूर्ण है कि आप बीमा को अपने नाम पर भी ट्रांसफर करवा लें. यदि आरसी आपके नाम पर है लेकिन पॉलिसी अभी भी पिछले मालिक के नाम पर है, तो पॉलिसी रद्द हो जाती है. तो, पहली चीज जो आपको करना चाहिए वह है कि आप इंश्योरेंस प्रोवाइडर से संपर्क करें और बीमा को अपने नाम पर ट्रांसफर करवाएं.
हालांकि, आप पूरी तरह से नया इंश्योरेंस भी खरीद सकते हैं जो मौजूदा बीमा को ट्रांसफर करने की तुलना में बहुत सरल और तेज प्रक्रिया होगी. साथ ही, यह आपको ऐसी पॉलिसी चुनने की सुविधा प्रदान करेगा जो आपके लिए सबसे उपयुक्त हो.
4. कार की सफाई और सर्विस करवाएं
इससे पहले कि आप अपनी नई इस्तेमाल की गई कार चलाना शुरू करें, आपको उसकी सफाई और सभी सर्विस को ठीक करवाना चाहिए. हो सकता है कि पिछला मालिक कार बेचने से पहले उसकी सर्विसिंग करने से चूक गया हो. इसलिए, एक बार सभी कागजी कार्रवाई पूरी हो जाने के बाद अपने मैकेनिक या सर्विस सेंटर में कार ले जाएं और अन्य छोटी चीजों के साथ तेल और फिल्टर जैसी बुनियादी चीजें बदलवाएं.
Pre-Owned Car Loan: खरीदें और रखें पुरानी कार खरीदने के लिए चाहिए लोन? तो इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान
पुरानी कार खरीदने से पहले आपको कुछ बातों का खरीदें और रखें ध्यान रखना चाहिए. जैसे- कार की स्थिति और रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट्स की जांच करना बेहद जरूरी है.
हर कोई अपने सपनों की कार में सवारी करना चाहता है.
Pre-Owned Car Loan: हर कोई अपने सपनों की कार में सवारी करना चाहता है. हालांकि, अगर आप एक नई कार नहीं खरीद सकते, खासकर अपने करियर की शुरुआत में, तो प्री-ओन्ड या यूज्ड कार का विकल्प चुनने में कोई बुराई नहीं खरीदें और रखें है. आप अपने सपने को इस तरह भी पूरा कर सकते हैं. कम अग्रिम लागत के कारण प्री-ओन्ड कार कई पहली बार खरीदारों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प है. हालांकि, पुरानी कार खरीदने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए. जैसे- कार की स्थिति और रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट्स की जांच करना बहुत जरूरी है. साथ ही, अगर आप यूज्ड कार लोन लेना चाहते हैं, अपने लिए बेस्ट लोन ऑफर चुनने के लिए सभी ऑफ़र की तुलना करना भी जरूरी है. यहां हम उन पांच जरूरी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आपको प्री-ओन्ड कार लोन लेते समय ध्यान में रखना चाहिए.
क्रेडिट स्कोर
किसी भी तरह की संपत्ति खरीदने के लिए जब आप लोन लेते हैं तो यहां क्रेडिट स्कोर बेहद अहम होता है. आपका लोन तभी अप्रुव होता है जब आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है. क्रेडिट स्कोर बेहतर होने पर आप कम ब्याज दर में लोन हासिल कर सकते हैं. आम तौर पर 750 से ऊपर वाले क्रेडिट स्कोर को बेहतर माना जाता है. पूनावाला फिनकॉर्प लिमिटेड के अध्यक्ष और चीफ ऑफ स्टाफ मनीष चौधरी कहते हैं, “इसलिए, एक पुरानी कार के खरीदार के रूप में किसी लोन के लिए अप्लाई करने से पहले क्रेडिट स्कोर की जांच जरूर करें. क्रेडिट रिपोर्ट में किसी भी विसंगति को तुरंत क्रेडिट ब्यूरो या लेंडर के साथ संबोधित किया जाना चाहिए, जिनके साथ खरीदार के नाम पर कोई पिछला या मौजूदा ऋण है.”
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एक्स्ट्रा जार्च
मंजूर लोन अमाउंट के अलावा किसी भी शुल्क के भुगतान से बचने के लिए एडिशनल चार्ज को समझना जरूरी है. प्रोसेसिंग फीस, स्टांप ड्यूटी और फोर क्लोजर चार्ज जैसे चार्ज के लिए बॉरोअर को एक्स्ट्रा फीस देना पड़ सकता है. किसी भी लेंडर को लोन के लिए आवेदन करने से पहले प्रोडक्ट फीचर पर थोड़ा रिसर्च करना जरूरी है.
ब्याज का प्रकार
बाजार में किसी भी अन्य रिटेल लोन की तरह, प्री-ओन्ड कार लोन भी 2 प्रकार की ब्याज दरों के साथ आते हैं – ‘फिक्स्ड’ या ‘फ्लोटिंग’. अपनी जरूरत के हिसाब से बॉरोअर के लिए यह समझना जरूरी है कि इन दोनों में से कौन सा इंटरेस्ट रेट उसके लिए बेस्ट है. कार खरीदने के उत्साह में किसी भी तरह की जल्दबाजी से मुश्किल हो सकता है और आपको लोन चुकाने में दिक्कत आ सकती है.
व्हीकल इंश्योरेंस
कानून के मुताबिक, भारत में सभी व्हीकल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर के तहत बीमा होना जरूरी है. यह चेक करना भी जरूरी है कि पिछले व्हीकल ओनर पर बेचे जा रहे वाहन के कारण कोई वित्तीय देनदारी नहीं है. चौधरी कहते हैं, “पिछले मालिक से तीसरे पक्ष को हुए नुकसान के भुगतान के लिए बिना किसी दायित्व के एक निर्बाध खरीद सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है.”
लोन टू वैल्यू (एलटीवी)
जैसा कि शब्द से पता चलता है, एलटीवी लोन की वह राशि है जो वाहन के मूल्य के अनुपात के रूप में योग्य होगी. लोन टू वैल्यू या एलटीवी रेशियो निकालने के लिए एक खास फॉर्मूले का प्रयोग किया जाता है, (उधार खरीदें और रखें लिया गया अमाउंट / प्रॉपर्टी की वैल्यू) X 100 = LTV रेश्यो . इसमें कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थान यह तय करते हैं कि लोन अमाउंट के हिसाब से प्रॉपर्टी की वैल्यू क्या है. प्री-ओन्ड कार फाइनेंस मार्केट में, लेंडर आमतौर पर बॉरोअर को 100% लोन अमाउंट खरीदें और रखें की पेशकश नहीं करते हैं. पुरानी कारों के लिए, एलटीवी रेश्यो आमतौर पर कार के मूल्य के 80% और 90% के बीच होता है. यह आवेदक के क्रेडिट स्कोर पर भी निर्भर करता है और भिन्न भी हो सकता है. यदि खरीदार का क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो उसे उन लेंडर की तलाश करनी चाहिए जिनका एलटीवी कंपोनेंट अधिक है, इस तरह आपको आसानी से और जल्दी लोन मिल सकता है.
सब्ज़ियों के राजा आलू को खरीदने से पहले रखें इन 3 ज़रूरी बातों का ध्यान
एक बार की बात है, आलू को भिंडी खरीदें और रखें से प्यार हो जाता है, वो भिंडी के पास जाता है और अपने प्यार का इज़हार करता है. भिंडी उसके मोटे होने का मज़ाक बनाती है और उसे ना कर देती है. आलू को ये बात बहुत बुरी लगती है. वो भिंडी को बोल कर जाता है कि तुम ज़िंदगी भर अकेली बनोगी और मैं हर सब्ज़ी के साथ. फिर क्या था आज हम सब के घर आलू की जगह क्या है, मुझे बताने की ज़रूरत नहीं.
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लेकिन क्या आप जानते हैं, कौन सा आलू आपको खाना चाहिए और कौन से आलू को वज़न कराते वक़्त ही हटा देना चाहिए. नहीं, तो चलिए शेफ कुणाल कपूर का एक वीडियो आपको दिखाते हैं और जानने की कोशिश करते हैं कि कौन सा आलू है सही और किस आलू के दिल में है खोट, जो आपको बीमार, बहुत बीमर कर सकता है.
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1- जब भी आलू खरीदें, ध्यान रहे कि आलू सख्त हो. मुलायल आलू खराब होने की तरफ बढ़ चला है.
3- अगर आलू में हरे रंग का धब्बा है, तो उसे न खरीदें क्योंकि आलू में हरे रंग का धब्बा होना भी आलू के खराब होने का संकेत होता है
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एक ज़रूरी सलाह जो शेफ़ कुणाल कपूर ने दी है कि आलू को हमेशा बनाने से पहले ही धोएं, बाज़ार से लाने के बाद न धोएं. क्योंकि आलू पर जितनी ज़्यादा नमी रहेगी, वो उतनी जल्दी खराब होगा.