अनुभवी टिप्स

म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार

म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार
Minor के नाम पर पेेरेंट्स म्‍यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। 18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद अडल्‍ट में चेंज कराया जा सकता है। (Photo By Financial Express)

म्यूचुअल फंड के प्रकार - Types of Mutual Funds

म्यूचुअल फंड के प्रकार - Types of Mutual Funds

बैंक जमा, धातु, वास्तविक संपत्ति, और शेयर बाजार उपकरणों जैसे पैसे निवेश के लिए कई उपकरण हैं। जोखिम और वापसी का स्तर निवेश के प्रकार पर आधारित है। निवेशकों को जोखिम और वापसी के बीच व्यापार करना चाहिए। यदि वे बैंक जमा में निवेश करते हैं, तो जोखिम बहुत कम होता है और साथ ही साथ निवेश के किसी भी अन्य साधन की तुलना में रिटर्न भी बहुत कम होता है। धातुओं और अचल संपत्ति संपत्तियों को आसानी से बेचा नहीं जाता है।

निवेशकों की अपेक्षा कम जोखिम के साथ उच्च रिटर्न या कम अवधि के भीतर इष्टतम रिटर्न के साथ कम जोखिम है। यह केवल स्टॉक मार्केट निवेश में ही संभव है। लेकिन आम निवेशक के लिए यह संभव नहीं है

क्योंकि वह स्टॉक मार्केट ऑपरेशंस को समझने के लिए तकनीकी रूप से सक्षम नहीं है। एक आम आदमी बचावकर्ता, म्यूचुअल फंड के माध्यम से शेयर बाजार में अपने पैसे को सुरक्षित रूप से निवेश कर सकता है।

म्यूचुअल फंड गतिशील वित्तीय संस्थान हैं जो बचत को एकत्रित करके और पूंजी बाजार में निवेश करके अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। छोटे निवेशकों से जुड़ी बचत स्टॉक या बॉन्ड के विविध पोर्टफोलियो खरीदने के लिए एक फंड मैनेजर के माध्यम से निवेश की जाती है। एक निवेशक विविधीकरण के लाभ के साथ कम लागत पर म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकता है। विविधीकरण का अर्थ है

"कई अलग-अलग प्रकार के निवेशों में पैसा फैलाना"। जब एक निवेश में उच्च जोखिम म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार शामिल होता है, तो दूसरा कम हो सकता है। निवेश होल्डिंग्स का विविधीकरण खतरे को कम कर देता है।

'उनकी संरचना और उद्देश्य के आधार पर, म्यूचुअल फंड को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। आम तौर पर, म्यूचुअल फंड के दो प्रमुख प्रकार होते हैं: -

1. ओपन एंड म्यूचुअल फंड्स

2. क्लोज्ड एन्ड म्यूचुअल फंड

ओपन एंड म्यूचुअल फंड

एक ओपन-एंड फंड या योजना वह है जो निरंतर आधार पर सदस्यता और पुनर्खरीद के लिए उपलब्ध है। इन योजनाओं में निश्चित परिपक्वता अवधि नहीं है। निवेशक नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) से संबंधित कीमतों पर आसानी से इकाइयों को खरीद और बेच सकते हैं, जिन्हें दैनिक अधिसूचित किया जाता है। ओपन-एंड योजनाओं की मुख्य विशेषता उनकी तरलता है।

क्लोज्ड एन्ड म्यूचुअल फंड

एक क्लोज-एंडेड फंड या योजना में निर्धारित परिपक्वता अवधि निर्धारित होती है उदाहरण 5-7 साला साल यह योजना केवल योजना के लॉन्च होने के समय निर्दिष्ट अवधि के दौरान सदस्यता के लिए खुली है।

निवेशक प्रारंभिक सार्वजनिक मुद्दे के समय इस योजना में निवेश कर सकते हैं और इसके बाद वे स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से योजना की इकाइयों को खरीद या बेच सकते हैं, जहां इकाइयां सूचीबद्ध है। निवेशकों को निकास मार्ग प्रदान करने के लिए, कुछ क्लोज-एंडेड फंड एनएवी से संबंधित कीमतों पर आवधिक पुनर्खरीद के माध्यम से इकाइयों को म्यूचुअल फंड में वापस बेचने का विकल्प देते हैं। स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) विनियम यह निर्धारित करते हैं कि कम से कम दो निकास मार्ग निवेशकों को प्रदान किए जाते हैं या तो पुनर्खरीद सुविधा या स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्टिंग के माध्यम से। ये म्यूचुअल फंड योजना आम तौर पर साप्ताहिक आधार पर एनएवी का खुलासा करती है। वे सामान्य शेयरों की तरह अधिक व्यापार कर रहे हैं।

इस श्रेणी में निवेश करने के कारण हैं:

कीमत बाजार की मांगों द्वारा निर्धारित की जाती है और इस प्रकार, ऑफ़र मूल्य से कम पर क्लोज्ड एन्ड फंड व्यापार अधिक बार होता है। ओपन एंड फंड निवेशकों के लिए विस्तृत विकल्प प्रदान करते हैं।

1. स्टॉक फंड और संतुलित फंड जो पूर्ण परिसंपत्ति आवंटन लाभ और

2. बॉन्ड फंड देते हैं।

प्रस्ताव को बंद करने के बाद, निवेशकों द्वारा सीधे फंडों से इकाइयों की खरीद और रिडेम्प्शन की अनुमति नहीं है।

हालांकि, निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए, सेबी निवेशकों को अपनी स्थिति को समाप्त म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार करने के लिए दो मार्गों के साथ प्रदान करता है:

1. क्लोज एंड फंड स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होते हैं जहां निवेशक इकाइयों को एक-दूसरे से खरीद / बेच सकते हैं। व्यापार आमतौर पर एक छूट दर पर एनएवी के आधार पर किया जाता है। एक बंद अंत फंड का एनएवी साप्ताहिक आधार पर गणना की जाती है (हर गुरुवार को अपडेट किया जाता है)।

2. क्लोज-एंड फंड यूनिट धारकों को "इकाइयों की खरीद वापसी" भी प्रदान कर सकते हैं। इस मामले में, फंड का कॉर्पस और इसकी उत्कृष्ट इकाइयां बदल दी जाती हैं।

आपके बच्‍चे भी कर सकते हैं म्‍यू‍चुअल फंड में निवेश, जानिए किन डॉक्‍युमेंट्स की होती है जरुरत

18 साल से कम उम्र के बच्चे या नाबालिग अपने माता-पिता या पेरेंट्स की मदद से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इसका सीधा सा मतलब है कि निवेश बच्चे के नाम पर किया जाएगा, लेकिन इसका प्रतिनिधित्व माता-पिता या अभिभावक द्वारा होगा।

आपके बच्‍चे भी कर सकते हैं म्‍यू‍चुअल फंड में निवेश, जानिए किन डॉक्‍युमेंट्स की होती है जरुरत

Minor के नाम पर पेेरेंट्स म्‍यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। 18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद अडल्‍ट में चेंज कराया जा सकता है। (Photo By Financial Express)

बच्चों में बचत, आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने और सोच-समझकर खर्च करने की आदत शुरू से ही डालना काफी जरूरी है। रुपयों को लेकर बच्‍चों से बात करना उतना ही जरूरी है, जितना हेल्‍दी फूड के बारे में बताना। अगर बच्‍चों में रुपयों के प्रबंधन की समझ शुरू से पैदा कर दी जाए तो भविष्‍य में उन्‍हें किसी तरह की आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। ऐसे में बच्‍चों में निवेश की समझ भी बचपन से डालने की काफी जरुरत है। अगर बच्‍चों इस बारे में स्‍वाभाविक रूप से बात की जाए तो बेहतर है। ताकि उनमें धीरे-धीरे दिलचस्‍ती बढ़ सके। बच्‍चों में निवेश को लेकर जागरुकता के साथ साथ दि‍लचस्‍पी बढ़ाने का सबसे बेहतर उपाय है म्‍यूचुअल फंड। आइए आपको भी बताते हैं कि आख‍िर बच्‍चे भी म्‍यूचुअल फंड में किस तरह से निवेश कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले बच्चे
आउटलुक मनी से बात करते हुए मास्‍टर कैपि‍टल सर्विसेज की सीनियर वाइस प्रेसीडेंट पलका चोपड़ा बताती हैं कि 18 साल से कम उम्र के बच्चे या नाबालिग अपने माता-पिता या पेरेंट्स की मदद से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इसका सीधा सा मतलब है कि निवेश बच्चे के नाम पर किया जाएगा, लेकिन इसका प्रतिनिधित्व माता-पिता या अभिभावक द्वारा होगा। जिन्हें ट्रांजेक्‍शन पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होगी। हालांकि, यह बच्चे के स्वामित्व अधिकारों को हनन नहीं करेगा।

इस प्रक्रिया का पालन तब तक करना होता है जब तक कि बच्चा 18 साल का नहीं हो जाता और उसके बाद उसके खाते के स्‍टेटस एक वयस्क में बदलना पड़ता है। हालांकि, स्‍टेटस अपने आप नहीं बदलता है। उसके लिए आधिकारिक फंड हाउस को संचार माध्‍यम से इस बारे में जानकारी देनी होती है। साथ ही, जब तक खाता अवयस्क की श्रेणी में नहीं आता है, तब तक लाभांश की प्राप्ति या रिडेंप्‍शप से उत्पन्न होने वाले किसी भी टैक्‍स का भुगतान माता-पिता या अभिभावक को करना होगा। नाबालिगों के नाम पर सभी लाभांश या आय को टैक्‍सेशप पर्पस के लिए माता-पिता या नामित अभिभावकों की आय के साथ जोड़ा जाएगा। जबकि बच्चा फंड का मालिक है, उसके पास कोई कानूनी जिम्मेदारी नहीं है।

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किन म्युचुअल फंड स्‍कीम्‍स में कर सकते हैं निवेश
पलका चोपड़ा के अनुसार म्यूच्यूअल फंड में निवेश के लिए जिस प्रकार सही योजना की तलाश की की जाती है, उसी प्रकार बच्चों की ओर से निवेश की प्रक्रिया भी होती है। दिलचस्प बात यह है कि नाबालिग वयस्कों के लिए उपलब्ध किसी भी म्यूचुअल फंड योजना में निवेश कर सकता है। साथ ही, कुछ योजनाएं विशेष रूप से बच्चों के लिए डिज़ाइन की गई हैं जिन्हें आमतौर पर “हाइब्रिड” या ‘चाइल्ड केयर प्लान’ या ‘चिल्ड्रन गिफ्ट फंड’ के रूप में कैटेगराइज किया जाता है।

इन योजनाओं को आमतौर पर इक्विटी शेयरों में 60 म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार प्रतिशत -70 प्रतिशत के महत्वपूर्ण जोखिम के साथ निश्चित आय प्रतिभूतियों और इक्विटी के मिश्रण के रूप में संरचित किया जाता है। आमतौर पर, जब कोई अपने बच्चे की ओर से निवेश कर रहा होता है, तो उसे तत्काल धन की आवश्यकता नहीं होती है। जबकि कोई डेट सिक्‍योरिटीज और इक्विटी का एक हाइब्रिड पोर्टफोलियो चुन सकता है, एक अच्छी गुणवत्ता वाली शुद्ध इक्विटी योजना चुनना बेहतर है।

किन डॉक्‍युमेंट्स की होती है आवश्‍यकता
नाबालिग का म्यूचुअल फंड फोलियो खोलने के लिए दो महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। सबसे पहले, एक दस्तावेज जो बच्चे और अभिभावक के बीच संबंध स्थापित करता है, अनिवार्य है। यदि अभिभावक माता-पिता हैं, तो जन्म प्रमाण पत्र या माता-पिता के नाम का उल्लेख करने वाला कोई ऐसा दस्तावेज पर्याप्त म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार है। किसी और के मामले में कोर्ट के आदेश की कॉपी जरूरी है।

दूसरे, नाबालिग का जन्म प्रमाण पत्र या उनकी उम्र का प्रमाण आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, नाबालिग के माता-पिता या अभिभावक को नियमों के अनुसार केवाईसी-अनुपालन करना होगा। एक बार नाबालिग के वयस्क हो जाने पर उसके नाम पर पूरी केवाईसी प्रक्रिया चलानी होगी। ऐसे मामलों में जहां किसी को अभिभावक को बदलने की आवश्यकता होती है, नए अभिभावक की नियुक्ति के अदालत के आदेश के अलावा वर्तमान अभिभावक से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता होगी।

म्यूचुअल फंड क्या है? इसमें निवेश कैसे करे: Mutual Fund in Hindi

Mutual Fund kya hai in Hindi : आप सब ने म्यूच्यूअल फंड्स का विज्ञापन टीवी में जरुर देखा होगा जो म्यूचुअल फंड सही है टैगलाइन के साथ आता हैं। उसे देखकर आपके मन में कुछ सवाल उठते होंगे की म्युचुअल फंड क्या हैं (what is the mutual fund in hindi ) ? इसमें निवेश कैसे करे? ये कैसे काम करता हैं, इसके फायदे, नुकसान और कैसे हम इससे घर बैठे पैसे कम सकते हैं। तो आज हम आपके इन सब सवालो के जवाब देंगे।

बहुत से लोगो को ये गलतफैमी होती है की Mutual Funds में इन्वेस्ट करने के लिए काफी पैसो की जरुरत होती है पर ऐसा बिलकुल गलत हैं आप 500 रुपय भी निवेश करके पैसे कमा सकते हैं। एक और जो भ्रम जो लोगो को है म्यूचुअल फंड के बारे में वो है की ये शेयर मार्किट और म्यूच्यूअल फंड्स दोनों एक ही होते हैं ये भी सही नहीं हैं।

Mutual Fund kya hai in Hindi

Table of Contents

म्यूचुअल फंड क्या है: What is Mutual Fund in Hindi

म्यूच्यूअल फंड्स जैसा नाम से ही प्रतीत होता हैं ये एक ऐसा फण्ड होता हैं जिसमे कई जनो के पैसे लगे होते हैं। आसान भाषा में समझाया जाए तो कई लोगो के पैसे से बना हुआ फंड को ही Mutual fund कहते है। जैसे आप पैसे निवेश करेंगे ऐसे ही और लोगो ने भी पैसे लगाए होते हैं ताकि वो मुनाफा कमा सके। इस पैसे को बाज़ार में अलग अलग विभागों में लगाया जाता हैं ताकि Profit अधिक से अधिक कमाया जा सके।

जिन लोगो को बाज़ार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं हैं उनके लिए भी म्यूच्यूअल फंड् में पैसे लगाना आसान और कम जोखिम भरा होता हैं। Mutual Fund में निवेश खाली शेयर बाज़ार तक सिमित नहीं हैं बल्कि सोना, चांदी बांड्स, स्टॉक या फिर अन्य सरकारी सिक्यूरिटी में भी Money Invest किया जाता हैं। विभिन्न विभागों में पैसे लगाने का फायदा ये होता है की इसमें रिस्क काफी कम हो जाता है और Return अच्छा मिल जाता है।

म्यूच्यूअल फण्ड में Invest करना safe हैं? Mutual Fund in India

कोई भी अपनी खून पसीने से कमाए पैसो को रिस्क में डालना नहीं चाहता। भारत में जहाँ लोगो की सोच ज्यादा से ज्यादा पैसे बचाने और सुरक्षित निवेश करनी की होती है। ऐसे में आपके मन भी ये सवाल आता होगा की क्या Mutual Fund में पैसा लगाना क्या सुरक्षित (safe) है? दोस्तों म्यूच्यूअल फंड्स कई प्रकार के होते है। ज्यादा Return देने वाले फंड्स में रिस्क भी थोडा अधिक होता है वही कुछ ऐसे भी फंड्स है जिनमे Return उतने अधिक नहीं होते पर वो सुरक्षित अधिक होते है। इन सभी प्रकार के फंड्स के बारे में आगे आप विस्तार से जनोंगे।

भारत में म्यूच्यूअल फंड्स SEBI (The Securities and Exchange Board of India) के देख रेख में काम करते हैं। SEBI एक सरकारी संस्था है जो 1988 में बनी थी और उसके बनाए गए नियमो के आधार पर ही म्यूच्यूअल फंड्स काम करते हैं चूँकि इसकी देख रेख और कानून सरकारी संस्था SEBI के अंतर्गत आते हैं इसलिए कोई भी म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम या कंपनी अपनी मनमानी नहीं कर सकती हैं। इसलिए mutual fund में निवेश को कई और निवेश की तुलना में safe investment कहा जाता हैं।

Mutual Funds में पैसे Invest कैसे करे?

Mutual Fund में पैसे इन्वेस्ट करने के 2 तरीके हैं पहला आप सीधा बिना किसी को बिच में लिए निवेश कर सकते हैं और दूसरा तरीके में आप professional fund managers के द्वारा निवेश कर सकते हैं। ये fund managers इस काम में एक्सपर्ट होते हैं और उन्हें म्यूच्यूअल फंड्स और बाज़ार के बारे में अच्छी जानकारी होती हैं। सरल भाषा में बोला जाए तो वो आपके पैसे ऐसे जगह लगाते है जहाँ से आपको ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके।

  • सीधा म्यूच्यूअल फण्ड में पैसे इन्वेस्ट करने पर आप म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम के Direct Plan में निवेश कर पाएंगे। पैसे निवेश आप Mutual Fund की official website पर जाकर या फिर इसकी अधिकृत ब्रांच में जाकर कर सकते हैं। Direct Investment से फायदा ये है की इसमें आपको किसी तरह का कोई commission नहीं देना पड़ता। इस तरीके का नुकसान भी कई है। एक तो आपको सब formalities खुद करनी होती हैं और रिसर्च करने के साथ सब देख रेख आपको खुद करनी होगी। जिसमे आपका काफी समय तो लगेगा ही और अगर आपको सही से मार्किट और स्कीम की पूरी जानकारी नहीं है तो नुकसान होने का भी काफी रिस्क रहता हैं।
  • अगर आपको fund managers के द्वारा इन्वेस्ट करते है तो सब document formalities और अन्य देख रेख का काम वो देखेगे। जब आप किसी सलाहकार यानी फण्ड मेनेजर को बीच में लेकर निवेश करते है तो आप इनकी स्कीम के regular plan में पैसे इन्वेस्ट करेंगे।
  • जाने : Mutual Fund में Invest करने के फायदे नुकसान
  • शेयर मार्किट से पैसे कैसे कमाए

म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार: Type of Mutual Funds in Hindi

SEBI यानि The Securities and Exchange Board of India ने म्यूच्यूअल फण्ड को 4 श्रेणी में विभाजित किया हैं जो इस प्रकार हैं :

1. इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम

इन योजनाओ में पैसा निवेश सीधा शेयरों में जाता हैं। इन स्कीम में हम कम समय में काफी ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं पर उसके साथ में short term में इसमें रिस्क भी काफी रहता हैं। मुनाफा या नुकसान इस बात पर निर्भर करता हैं की शेयर मार्किट के कितना उतर चढाव आता हैं। निवेशको को इन स्कीम में लम्बे समय तक निवेश करना चहिये। कम से कम 5-10 साल तक investment करने से अच्छे return की संभावना ज्यादा रहती हैं।

2. डेप्ट म्यूचुअल फंड योजना

इस योजना में पैसा लगाना कम जोखिम भरा होता हैं। अगर आप short-term investment करना चाहते हैं तो ये स्कीम आपके लिए सही हो सकती हैं। चूँकि इन योजनाओ में पैसा सरकारी बांड्स और दुसरे सुरक्षित जगह लगाया जाता हैं। अगर आप 5 साल से कम समय के लिए इनवेस्ट करना चाहते है तो आपके लिए ये स्कीम सही हैं। हालाँकि इसमें मुनाफा उतना ज्यादा नहीं होता।

3. सोलूशन ओरिएंटेड स्कीम

सोलूशन ओरिएंटेड योजनाओ में child’s education (बच्चो की पढ़ाई) और retirement जैसी कुछ विशेष आती हैं। इन स्कीम की एक फिक्स 5 साल की अवधि होती हैं।

4 . हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम

इस म्यूच्यूअल फण्ड केटेगरी में इक्विटी (equity) और डेप्ट (debt) दोनों स्कीम में मिला जुलकर निवेश किया जाता हैं। इसमें फायदा ये है की इसमें मुनाफा और जोखिम बैलेंस हो जाता हैं।

बेस्ट म्यूच्यूअल फंड्स इन इंडिया : Top Mutual Funds in Hindi

अगर आपने म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्ट करने का सोच लिया है तो आपके मन में सबसे पहले सवाल आता होगा की सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाला म्यूच्यूअल फण्ड कौन सा है। किस Mutual Funds में Invest करने पर अच्छे Return मिलने की संभावना सबसे अधिक है। इसा समय इंडिया में सबसे अधिक मुनाफा देने वाली टॉप 10 कंपनी म्यूच्यूअल फंड्स की लिस्ट आप नीचे देख सकते है।

  1. SBI Mutual Fund
  2. ICICI Prudential Mutual Fund
  3. Parag Parikh Long Term Equity Fund
  4. Reliance Mutual Fund
  5. Quant Active Fund
  6. DSP Midcap Fund
  7. Mirae Asset Tax Saver Fund
  8. Tata Digital India Fund
  9. Aditya Birla Sun Life
  10. Quant Mid Cap Fund

हम उम्मीद करते हैं Mutual Fund क्या हैं और ये कैसे काम करता हैं? और दुसरे म्यूच्यूअल फण्ड से संबधित सवालो के जवाब आपको मिल गए होंगे। अन्य कोई सवाल आप कमेंट में लिखकर पूछ सकते हैं।

आपके बच्‍चे भी कर सकते हैं म्‍यू‍चुअल फंड में निवेश, जानिए किन डॉक्‍युमेंट्स की होती है जरुरत

18 साल से कम उम्र के बच्चे या नाबालिग अपने माता-पिता या पेरेंट्स की मदद से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इसका सीधा सा मतलब है कि निवेश बच्चे के नाम पर किया जाएगा, लेकिन इसका प्रतिनिधित्व माता-पिता या अभिभावक द्वारा होगा।

आपके बच्‍चे भी कर सकते हैं म्‍यू‍चुअल फंड में निवेश, जानिए किन डॉक्‍युमेंट्स की होती है जरुरत

Minor के नाम पर पेेरेंट्स म्‍यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। 18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद अडल्‍ट में चेंज कराया जा सकता है। (Photo By Financial Express)

बच्चों में बचत, आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने और सोच-समझकर खर्च करने की आदत शुरू से ही डालना काफी जरूरी है। रुपयों को लेकर बच्‍चों से बात करना उतना ही जरूरी है, जितना हेल्‍दी फूड के बारे में बताना। अगर बच्‍चों में रुपयों के प्रबंधन की समझ शुरू से पैदा कर दी जाए तो भविष्‍य में उन्‍हें किसी तरह की आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। ऐसे में बच्‍चों में निवेश की समझ भी बचपन से डालने की काफी जरुरत है। अगर बच्‍चों इस बारे में स्‍वाभाविक रूप से बात की जाए तो बेहतर है। ताकि उनमें धीरे-धीरे दिलचस्‍ती बढ़ सके। बच्‍चों में निवेश को लेकर जागरुकता के साथ साथ दि‍लचस्‍पी बढ़ाने का सबसे बेहतर उपाय है म्‍यूचुअल फंड। आइए आपको भी बताते हैं कि आख‍िर बच्‍चे भी म्‍यूचुअल फंड में किस तरह से निवेश कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले बच्चे
आउटलुक मनी से बात करते हुए मास्‍टर कैपि‍टल सर्विसेज की सीनियर वाइस प्रेसीडेंट पलका चोपड़ा बताती हैं कि 18 साल से कम उम्र के बच्चे या नाबालिग अपने माता-पिता या पेरेंट्स की मदद से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इसका सीधा सा मतलब है कि निवेश बच्चे के नाम पर किया जाएगा, लेकिन इसका प्रतिनिधित्व माता-पिता या अभिभावक द्वारा होगा। जिन्हें ट्रांजेक्‍शन पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होगी। हालांकि, यह बच्चे के स्वामित्व अधिकारों को हनन नहीं करेगा।

इस प्रक्रिया का पालन तब तक करना होता है जब तक कि बच्चा 18 साल का नहीं हो जाता और उसके बाद उसके खाते के स्‍टेटस एक वयस्क में बदलना पड़ता है। हालांकि, स्‍टेटस अपने आप नहीं बदलता है। उसके लिए आधिकारिक फंड हाउस को संचार माध्‍यम से इस बारे में जानकारी देनी होती है। साथ ही, जब तक खाता अवयस्क की श्रेणी में नहीं आता है, तब तक लाभांश की प्राप्ति या रिडेंप्‍शप से उत्पन्न होने वाले किसी भी टैक्‍स का भुगतान माता-पिता या अभिभावक को करना होगा। नाबालिगों के नाम पर सभी लाभांश या आय को टैक्‍सेशप पर्पस के लिए माता-पिता या नामित अभिभावकों की आय के साथ जोड़ा जाएगा। जबकि बच्चा फंड का मालिक है, उसके पास कोई कानूनी जिम्मेदारी नहीं है।

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किन म्युचुअल फंड स्‍कीम्‍स में कर सकते हैं निवेश
पलका चोपड़ा के अनुसार म्यूच्यूअल फंड में निवेश के लिए जिस प्रकार सही योजना की तलाश की की जाती है, उसी प्रकार बच्चों की ओर से निवेश की प्रक्रिया भी होती है। दिलचस्प बात यह है कि नाबालिग वयस्कों के लिए उपलब्ध किसी भी म्यूचुअल फंड योजना में निवेश कर सकता है। साथ ही, कुछ योजनाएं विशेष रूप से बच्चों के लिए डिज़ाइन की गई हैं जिन्हें आमतौर पर “हाइब्रिड” या ‘चाइल्ड केयर प्लान’ या ‘चिल्ड्रन गिफ्ट फंड’ के रूप में कैटेगराइज किया जाता है।

इन योजनाओं को आमतौर पर इक्विटी शेयरों में 60 प्रतिशत -70 प्रतिशत के महत्वपूर्ण जोखिम के साथ निश्चित आय प्रतिभूतियों और इक्विटी के मिश्रण के रूप में संरचित किया जाता है। आमतौर पर, जब कोई अपने बच्चे की ओर से निवेश कर रहा होता है, तो उसे तत्काल धन की आवश्यकता नहीं होती है। जबकि कोई डेट सिक्‍योरिटीज और इक्विटी का एक हाइब्रिड पोर्टफोलियो चुन सकता है, एक अच्छी गुणवत्ता वाली शुद्ध इक्विटी योजना चुनना बेहतर है।

किन डॉक्‍युमेंट्स की होती है आवश्‍यकता
नाबालिग का म्यूचुअल फंड फोलियो खोलने के लिए दो महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। सबसे पहले, एक दस्तावेज जो बच्चे और अभिभावक के बीच संबंध स्थापित करता है, अनिवार्य है। यदि अभिभावक माता-पिता हैं, तो जन्म प्रमाण पत्र या माता-पिता के नाम का उल्लेख करने वाला कोई ऐसा दस्तावेज पर्याप्त है। किसी और के मामले में कोर्ट के आदेश की कॉपी जरूरी है।

दूसरे, नाबालिग का जन्म प्रमाण पत्र या उनकी उम्र का प्रमाण आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, नाबालिग के माता-पिता या अभिभावक को नियमों के अनुसार केवाईसी-अनुपालन करना होगा। एक बार नाबालिग के वयस्क हो जाने पर उसके नाम पर पूरी केवाईसी प्रक्रिया चलानी होगी। ऐसे मामलों में जहां किसी को अभिभावक को बदलने की आवश्यकता होती है, नए अभिभावक की नियुक्ति के अदालत के आदेश के अलावा वर्तमान अभिभावक से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता होगी।

Mutual Fund: इस म्यूचुअल फंड ने 34 लाख रूपये को 13 करोड़ बनाए

Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड निवेश अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में कहीं अधिक पावरफुल है इसके तरह-तरह के निवेश प्रकार, लोगों को खूब आकर्षित करता है, देखा जाये तो हर व्यक्ति के लिए उसके जरुरत के आधार पर म्यूचुअल फंड स्कीम मौजूद है. गरीब से लेकर अमीर, कम रिस्क से लेकर अधिक रिस्क, सभी तरह के सुविधाएँ Mutual fund में मौजूद है.

अगर आप शेयर मार्केट में डायरेक्ट निवेश करने से डरते हैं तब म्यूचुअल फंड आपके लिए सबसे बढ़िया Option है यहाँ आप अपने कैपेसिटी के आधार पर फंड का चुनाव कर सकते हैं. Mutual Fund निवेश के जरिये एक छोटे से अमाउंट को लगातार हर माह निवेश करके भारी अमाउंट बनाया जा सकता है.

इस लेख में हम बात करेंगें Franklin India Prima Fund की जिसमे 34 लाख रूपये के निवेश को 13 करोड़ रूपये में बदलने की काबिलियत है. अगर आप लम्बे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं तब आपके लिए यह फंड लाभदायक हो सकता है.

इस म्यूचुअल फंड ने 34 लाख रूपये को 13 करोड़ बनाए

Franklin India Prima Fund

यह AMC (एसिट मैनेजमेंट कंपनी) मुख्य रूप से मिड कैप कंपनियों में निवेश करती है, बड़ी कंपनियों की तुलना में मिड कैप कम्पनियाँ बेहतर परफॉर्म करती है, क्योंकि जो कम्पनियाँ पहले से ही अपनी विस्तार कर चूँकि है इनके लिए कम मौके हैं, परन्तु मिड कैप कंपनियों के पास ग्रोथ के लिए अधिक संभावनाएं है.

हालांकि इसमें उच्च रिटर्न के साथ उच्च जोखिम भी शामिल है. बात करें Franklin India Prima Fund की तो इस फंड ने 20 वर्षों में प्रत्येक साल अपने निवेशकों को डिविडेंट दिया है. Franklin India Prima Fund की शुरुवात 1993 में हुई थी. और फंड ने अपने स्थापना के बाद से लगातार हर साल एवरेज 20 फीसदी का रिटर्न दिया है. ऐसे में अगर प्रत्येक माह 10,000 रूपये की मासिक SIP इस फंड में जमा किये होंगें तो कुल जमा राशि 34.80 लाख रूपये होगा और 20% रिटर्न के हिसाब से 13 करोड़ रूपये का फंड तैयार हो जायेगा.

फ्रैंकलिन इंडिया प्राइमा फंड 3 साल का रिटर्न

अगर इस फंड की 3 साल की रिटर्न रेसियो की बात की जाये तो फंड ने पिछले साल 13.36 फीसदी का रिटर्न जनरेट किया है अगर 10000 रूपये मासिक SIP के हिसाब से गड़ना की जाये तो एक साल में 1.2 लाख रूपये का फंड 1.28 रूपये हो गया होगा, वहीँ 3 साल के रिकार्ड पर नजर डालें तो 3.6 लाख रूपये का निवेश 4.92 हो गया होगा, तीन साल में इस फंड ने 21.39 फीसदी का सालाना रिटर्न दिया है. जोकि एक बेहतर प्रदर्शन है.

फ्रैंकलिन इंडिया प्राइमा फंड 10 सालों का रिटर्न आंकड़ा

पिछले दश साल के आकड़ों के आधार पर फंड ने सालाना 25% का रिटर्न दिया है अगर 10000 रूपये का म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार निवेश पत्येक माह किये गए हैं तो कुल 12 लाख रूपये का निवेश 10 सालों में 27.15 लाख रूपये बन गया है.

अस्वीकरण

मनी टाइम वेबपोर्टल किसी भी तरह के निवेश पर जोर नहीं देता, कृपया निवेश से पहले एक्सपर्ट की राय अवश्य लें, शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में वित्तीय जोखिम शामिल है

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