विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए सप्ताह का सबसे अच्छा दिन

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विदेशी मुद्रा कई व्यापारियों के साथ इतना लोकप्रिय क्यों है?
लाखों सक्रिय व्यापारियों के साथ, विदेशी मुद्रा बाजार (विदेशी मुद्रा) दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है। और प्रौद्योगिकी के विकास ने उनमें से कई को साइबर स्पेस में लेनदेन का उपयोग करते देखा है। इस स्थिति के परिणामस्वरूप अधिक से अधिक सोशल मीडिया पोस्ट और ऑनलाइन विज्ञापन लोगों को विदेशी मुद्रा प्लेटफार्मों पर व्यापार करने के लिए आमंत्रित करते हैं।
फिर भी, उनमें से कई अभी भी परिभाषा नहीं जानते हैं फॉरेक्स क्या है, यह कैसे काम करता है, और क्यों विदेशी मुद्रा एक लोकप्रिय निवेश अवसर है। लेख लोकप्रिय मुद्राओं सहित विदेशी मुद्रा बाजार का एक सिंहावलोकन प्रदान करेगा और क्यों विदेशी मुद्रा व्यापारियों के साथ लोकप्रिय है।
विदेशी मुद्रा परिभाषा और यह कैसे काम करता है
विदेशी मुद्रा विभिन्न देशों के मुद्रा जोड़े हैं। विदेशी मुद्रा बाजार वह जगह है जहां व्यापारी दुनिया भर की मुद्राओं को खरीदते और बेचते हैं।
विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए, आपको यह जानना होगा कि कौन सी मुद्रा बेची जा रही है और विनिमय दर। विनिमय दर एक मुद्रा की कीमत दूसरे के सापेक्ष है।
जब आप विदेशी मुद्रा व्यापार करते हैं, तो आप एक मुद्रा खरीद रहे हैं और दूसरी बेच रहे हैं। उदाहरण के लिए, जब आप EUR/USD जैसी मुद्रा जोड़ी देखते हैं, तो यह दर्शाता है कि 1 EUR को खरीदने में कितने USD लगते हैं।
इतने सारे व्यापारी विदेशी मुद्रा क्यों पसंद करते हैं?
विदेशी मुद्रा व्यापार के कई लाभ हैं, जिसमें सुविधाजनक बाजार व्यापार घंटे, उच्च तरलता और मार्जिन पर व्यापार करने की क्षमता शामिल है।
विभिन्न मुद्रा जोड़े खरीदने या कम करने की संभावना
आप दूसरी (आधार मुद्रा) खरीदने के लिए हमेशा एक मुद्रा (उद्धरण मुद्रा) बेच सकते हैं। एक विदेशी मुद्रा जोड़ी की कीमत बोली मुद्रा के संदर्भ में आधार मुद्रा की एक इकाई का मूल्य है। आपका लाभ या हानि इस बात पर निर्भर करेगा कि आप कितनी अच्छी तरह सही भविष्यवाणी करते हैं।
विदेशी मुद्रा बाजार व्यापार 24/5
विदेशी मुद्रा (एफएक्स) बाजार दिन में 24 घंटे, सप्ताह में 5 दिन खुला रहता है - शाम 5 बजे ईएसटी रविवार से शाम 4 बजे ईएसटी शुक्रवार तक।
चूंकि विदेशी मुद्रा एक वैश्विक बाजार है, आप हमेशा सत्र के विभिन्न सक्रिय विदेशी मुद्रा व्यापार घंटों का लाभ उठा सकते हैं।
लंदन, न्यूयॉर्क, सिडनी और टोक्यो में बैंकों के खुलने के समय से मेल खाने वाले प्रत्येक दिन चार मुख्य व्यापारिक सत्र होते हैं। इनमें से प्रत्येक सत्र में और विशेष रूप से सत्र ओवरलैप होने पर बड़ी मात्रा में लेन-देन होता है।
विदेशी मुद्रा में उच्च तरलता है
विदेशी मुद्रा बाजार दुनिया में सबसे अधिक तरल बाजार है, जिसका अर्थ है कि बड़ी संख्या में खरीदार और विक्रेता हैं जो किसी भी समय व्यापार करना चाहते हैं। प्रत्येक दिन, व्यक्तियों, कंपनियों और बैंकों द्वारा $5,1 ट्रिलियन से अधिक की मुद्राओं को परिवर्तित किया जाता है - और इसका अधिकांश भाग लाभ के लिए होता है।
उच्च तरलता के साथ, विदेशी मुद्रा लेनदेन जल्दी और आसानी से पूरा किया जा सकता है। नतीजतन, लेन-देन की लागत, या स्प्रेड, आमतौर पर बहुत कम होते हैं। यह व्यापारियों को केवल कुछ पिप्स के मूल्य आंदोलनों पर सट्टा लगाने का अवसर देता है।
इसके अलावा, उच्च तरलता भी व्यापारियों के लिए ट्रेडों में जल्दी और आसानी से प्रवेश करना और बाहर निकलना संभव बनाती है।
विदेशी मुद्रा बाजार अत्यधिक अस्थिर है, जिससे कई व्यापारिक अवसर पैदा होते हैं
मुद्रा लेनदेन की उच्च दैनिक मात्रा अरबों डॉलर प्रति मिनट में चलती है, जो कुछ मुद्राओं के मूल्य आंदोलनों को बेहद अस्थिर बनाती है। आप ऊपर और नीचे दोनों दिशाओं में कीमतों में उतार-चढ़ाव का अनुमान लगाकर बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं।
उत्तोलन का उपयोग लाभ बढ़ाने के लिए किया जा सकता है
विदेशी मुद्रा में उत्तोलन आपको स्थिति के पूर्ण मूल्य का केवल एक छोटा प्रतिशत भुगतान करके मुद्रा बाजार में एक स्थिति खोलने की अनुमति देता है।
मार्जिन ट्रेडिंग अपेक्षाकृत छोटे निवेश से बड़ा मुनाफा कमाने का अवसर प्रदान करती है। हालाँकि, यह किसी भी नुकसान को बढ़ा सकता है। इसलिए, ट्रेडिंग से पहले लीवरेज्ड फॉरेक्स पोजीशन के कुल मूल्य पर विचार करना आवश्यक है।
विदेशी मुद्रा के विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए सप्ताह का सबसे अच्छा दिन साथ हेजिंग ट्रेडिंग
हेजिंग ट्रेडिंग कई रणनीतिक पदों को खोलकर, विदेशी मुद्रा बाजार में अवांछित चाल के जोखिम को कम करने की एक तकनीक है। हेजिंग ट्रेडिंग नुकसान को कम करने या नुकसान को एक ज्ञात राशि तक सीमित करने का एक अच्छा तरीका हो सकता है।
विदेशी मुद्रा बाजार क्यों महत्वपूर्ण है?
विदेशी मुद्रा बाजार के बिना विश्व अर्थव्यवस्था ठप हो जाएगी, क्योंकि मुद्राओं की विनिमय दरों को निर्धारित करने के लिए पर्याप्त तंत्र नहीं होगा। इसके अलावा, इसके परिणामस्वरूप कुछ देशों ने बड़े पैमाने पर विनिमय दरों में हेरफेर किया है, जिससे विनिमय दर में बड़े असंतुलन पैदा हुए हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था.
इसलिए, भविष्य में, विदेशी मुद्रा बाजार की संभावनाएं बहुत बड़ी हैं। यह बाजार कभी भी रोमांचक नहीं रहेगा, निवेशकों के लिए बहुत सारे लाभदायक व्यापारिक अवसर पैदा करेगा।
अस्वीकरण
Blogtienao द्वारा ऊपर व्यक्त की गई राय निवेश सलाह नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल संपत्ति में कोई भी उच्च जोखिम वाला निवेश करने से पहले, निवेशकों को व्यापक शोध करना चाहिए। कृपया ध्यान दें कि कोई भी हस्तांतरण और लेनदेन पूरी तरह से आपके अपने जोखिम पर है और आपके द्वारा अनुभव की जाने वाली किसी भी हानि के लिए हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। हम वित्तीय सलाहकार नहीं हैं। कृपया ध्यान दें कि यह केवल एक मार्केटिंग लेख है। आशा है कि पाठक Blogtienao का समर्थन करना जारी रखेंगे। साभार!
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी, व्यापार घाटा 43 महीने के उच्चतम स्तर पर, स्वर्ण भंडार भी घटा
विदेशी मुद्रा भंडार छह जुलाई को समाप्त सप्ताह में 24.82 करोड़ डॉलर घटकर 405.81 अरब डॉलर रह गया. जून 2018 में व्यापार घाटा नवंबर 2014 के बाद सबसे अधिक रहा है. The post भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी, व्यापार घाटा 43 महीने के उच्चतम स्तर पर, स्वर्ण भंडार भी घटा appeared first on The Wire - Hindi.
विदेशी मुद्रा भंडार छह जुलाई को समाप्त सप्ताह में 24.82 करोड़ डॉलर घटकर 405.81 अरब डॉलर रह गया. जून 2018 में व्यापार घाटा नवंबर 2014 के बाद सबसे अधिक रहा है.
मुंबई: देश का विदेशी मुद्रा भंडार छह जुलाई को समाप्त सप्ताह में 24.82 करोड़ डॉलर घटकर 405.81 अरब डॉलर रह गया. यह गिरावट विदेशी मुद्रा आस्तियों में बढ़ोतरी के बावजूद आई है. भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों में इस बात की जानकारी दी गई है.
इससे पहले के सप्ताहांत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.76 अरब डॉलर घटकर 406.06 अरब डॉलर रह गया था.
इससे पूर्व विदेशी मुद्रा भंडार 13 अप्रैल 2018 को 426.028 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया था. आठ सितंबर 2017 को मुद्रा भंडार पहली बार 400 अरब डॉलर के स्तर को लांघ गया था लेकिन उसके बाद से उसमें उतार-चढ़ाव बना रहा.
रिजर्व बैंक के आंकड़े दर्शाते हैं कि समीक्षाधीन सप्ताह में कुल मुद्राभंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा, विदेशी मुद्रा आस्तियां 7.39 करोड़ डॉलर की मामूली वृद्धि के साथ 380.792 अरब डॉलर की हो गईंं.
डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाले मुद्राभंडार में रखे गये विदेशी मुद्रा आस्तियां, यूरो, पॉंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की मूल्य वृद्धि अथवा उनके अवमूल्यन के प्रभावों को भी अभिव्यक्त करता है.
समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार 32.99 करोड़ डॉलर घटकर 21.039 अरब डॉलर रह गया.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विशेष निकासी अधिकार 29 लाख डॉलर बढ़कर 1.489 अरब डॉलर हो गया.
केंद्रीय बैंक ने कहा कि आईएमएफ में देश का मुद्राभंडार भी 49 लाख डॉलर बढ़कर 2.489 अरब डॉलर का हो गया.
व्यापार घाटा 43 माह के उच्चस्तर पर
वहीं, देश का निर्यात कारोबार जून में 17.57 प्रतिशत बढ़कर 27.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया. पेट्रोलियम और रसायन जैसे क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन की वजह से निर्यात में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है. हालांकि, कच्चे तेल का आयात महंगा होने से व्यापार घाटा 43 महीने के उच्च स्तर 16.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
वाणिज्य मंत्रालय के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन महीने में आयात भी 21.31 प्रतिशत बढ़कर 44.3 अरब डॉलर रहा.
जून, 2018 में व्यापार घाटा नवंबर, 2014 के बाद सबसे अधिक रहा है. उस समय व्यापार घाटा 16.86 अरब डॉलर रहा था. जून, 2017 में व्यापार घाटा 12.96 अरब डॉलर था.
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून की तिमाही में निर्यात 14.21 प्रतिशत बढ़कर 82.47 अरब डॉलर रहा है. पहली तिमाही में आयात 13.49 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 127.41 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इस दौरान व्यापार घाटा 44.94 अरब डॉलर रहा.
जून में पेट्रोलियम उत्पादों, रसायन, फार्मास्युटिकल्स, रत्न एवं आभूषण तथा इंजीनियरिंग क्षेत्रों की वजह से निर्यात में उल्लेखनीय इजाफा हुआ.
हालांकि, इस दौरान कपड़ा, चमड़ा, समुद्री उत्पाद, पॉल्ट्री, काजू, चावल और कॉफी के निर्यात में गिरावट आई.
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष गणेश गुप्ता ने बढ़ते व्यापार घाटे पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे चालू खाते का घाटा (कैड) प्रभावित होगा, जिससे राजकोषीय मोर्चे पर सरकार की परेशानी बढ़ेगी.
जून माह के दौरान कच्चे तेल का आयात 56.61 प्रतिशत बढ़कर 12.73 अरब डॉलर रहा.
वहीं, सोने का आयात तीन प्रतिशत घटकर 2.38 अरब डॉलर रह गया.
इसके बीच, भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार मई में सेवाओं का निर्यात 7.91 प्रतिशत घटकर 16.17 अरब डॉलर रह गया. माह के दौरान सेवाओं में व्यापार संतुलन 5.97 अरब डॉलर रहने का अनुमान है. मई में सेवाओं का आयात 10.21 अरब डॉलर रहा.
विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए सप्ताह का सबसे अच्छा दिन
वाशिंगटन/नई दिल्ली (वीएनएस)। भारतीय रुपये की गिरती कीमत को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए सप्ताह का सबसे अच्छा दिन चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसउल उन्होंने रुपये की गिरती कीमत की वजह को डॉलर का मजबूत होना बताया है। इस साल ग्रीनबैंक के मुकाबले रुपये की कीमत में आठ फीसदी की गिरावट हुई है।
वित्त मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में हिस्सावह लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मूल तत्व मजबूत हैं और दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में महंगाई कम है।
उनसे जब रुपये के कमजोर होने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा, सबसे पहले मैं इसे रुपये की गिरावट के रूप में नहीं देखती हूं, मैं इसे डॉलर की लगातार मजबूती के रूप में देखती हूं, डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है। उन्होंने आगे कहा, दुनियाभर की अन्य सभी मुद्राएं डॉलर के मुकाबले प्रदर्शन कर रही हैं।
सीतारमण ने कहा, मैं तकनीकी बात नहीं कर रही हूं, लेकिन तथ्य यह है कि भारत का रुपया शायद इस इस डॉलर की मजबूती को झेल चुका है, वहां एक्सचेंज रेट (विनिमय दर) डॉलर की मजबूती के पक्ष में है और मुझे लगता है भारतीय रुपये ने कई अन्य उभरती बाजार मुद्राओं की तुलना में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 82.35 पर बंद हुआ। शनिवार को 82.68 के एक और रिकॉर्ड निचले स्तर को छू गया, जिसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप की संभावना है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि केंद्रीय बैंक ने रुपये के रक्षा के लिए पिछले साल करीब सौ अरब डॉलर खर्च किए विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए सप्ताह का सबसे अच्छा दिन होंगे।
7 अक्तूबर तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 532.87 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो एक साल पहले 642.45 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। भारतीय रिजर्व बैंक और सीतारमण पहले विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के लिए अमेरिकी डॉलर की मजबूती से पैदा होने वाले मूल्यांकन परिवर्तनों को ठहरा चुके हैं।
क्या दुनियाभर के लोग भारत में लगा रहे हैं पैसा, रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है विदेशी पूंजी भंडार
आरबीआई की ओर से जारी साप्ताहिक आंकड़ाें के मुताबिक, 12 जून को समाप्त हफ्ते के दौरान देश के विदेशी पूंजी भंडार में 5 अरब डॉलर से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है.
कोरोना संकट (Corona Crisis) के बीच देश के लिए अच्छी खबर है कि 12 जून को खत्म हुए सप्ताह में भारत का विदेशी पूंजी भंडार (Forex Reserve) 5.942 अरब डॉलर बढ़कर 507.64 अरब डॉलर हो गया है. आरबीआई के डाटा के मुताबिक, इस दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भी अच्छा उछाल दर्ज किया गया है.
- News18Hindi
- Last Updated : June 19, 2020, 20:41 IST
मुंबई. कोरोना संकट से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण कारोबारी गतिविधियां थमने से दुनियाभर में आर्थिक संकट की स्थिति पैदा हो गई है. इस बीच पिछले कुछ सप्ताह से भारत के विदेशी पूंजी भंडार (Forex Reserve) में लगातार हो रही बढ़ोतरी देश की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के लिए अच्छा संकेत मानी जा रही है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 12 जून को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी पूंजी भंडार 5.942 अरब डॉलर बढ़कर 507.64 अरब डॉलर हो गया है. केंद्रीय बैंक के मुताबिक, विदेशी पूंजी भंडार में ये उछाल विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Currency Assets) में हुई बढ़त के कारण दर्ज किया गया है.
विदेशी मुद्रा भंडार में 5.1096 अरब डॉलर की वृद्धि
देश का विदेशी पूंजी भंडार 5 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान पहली बार 500 अरब डॉलर का बैरियर तोड़ने में सफल रहा था. उस सप्ताह देश के विदेशी पूंजी भंडार में 8.22 अरब डॉलर की भारी-भरकम बढ़त दर्ज की गई थी. इससे फॉरेक्स रिजर्व 501.703 अरब डॉलर पहुंच गया था. आरबीआई ने बताया कि 12 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5.106 अरब डॉलर की बढ़त के साथ 468.737 अरब डॉलर पर पहुंच गया. भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि विदेशी पूंजी भंडार में यह बढ़ोतरी ऐसे वक्त में हुई है, जब पूरा देश वैश्विक महामारी की वजह से बुरी तरह प्रभावित है.
देश के स्वर्ण भंडार में भी दर्ज किया गया है उछाल
विदेशी पूंजी भंडार में विदेशी मुद्रा भंडार, स्वर्ण भंडार (Gold Reserve), स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारतीय भंडार शामिल होते हैं. आरबीआई ने साप्ताहिक आंकड़े जारी करते हुए बताया कि देश का स्वर्ण भंडार 82.1 करोड़ की वृद्धि के साथ 33.173 अरब डॉलर पर आ गया है. स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) मूल्य 1.454 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. देश का आईएमएफ में भंडार 30 लाख डॉलर बढ़कर 4.280 अरब डॉलर हो गया है.
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में बढ़ोतरी के हैं संकेत
विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले कई हफ्तों सप्ताहों से लगातार हो रही वृद्धि देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत माना जा सकता है. दरअसल, विदेशी पूंजी भंडार में वृद्धि का सीधा मतलब है कि देश के विदेशी व्यापार घाटे में कमी हो रही है. देश का निर्यात बढ़ रहा है और आयात कम हो रहा है. देश में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश बढ़ रहा है. देश के पूंजी बाजार में भी विदेशी निवेश तेजी बढ़ रहा है. इन सभी कारणों के अर्थव्यवस्था में मौजूद होने पर ही विदेशी पूंजी भंडार में वृद्धि दर्ज की जाती है. इसका एक मतलब ये भी है कि दुनियाभर की कंपनियां भारत में निवेश के बारे में गंभीरता से विचार कर रही हैं. इससे दुनियाभर के लोग भारतीय बाजारों में पैसा लगा रहे हैं.
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