बाजार और बाजार

पटना में पेट्रोल 107.24 रुपये प्रति लीटर और डीजल 94.04 रुपये प्रति लीटर है।
वृहद आंकड़ों, वैश्विक रुझानों से तय होगी शेयर बाजार की दिशा : विश्लेषक
नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) शेयर बाजार की दिशा इस सप्ताह वृहद आर्थिक आंकड़ों और वैश्विक रुख से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। उनका कहना है कि सप्ताह के दौरान वाहन बिक्री के मासिक आंकड़े भी आने हैं, जो बाजार को दिशा देने में भूमिका निभाएंगे।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की लिवाली और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जैसे बाजार और बाजार अनुकूल कारकों से पिछले सप्ताह दलाल पथ पर तेजड़िये हावी रहे।
पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 630.16 अंक या एक प्रतिशत चढ़ा था। शुक्रवार को सेंसेक्स 62,बाजार और बाजार 293.64 अंक पर बंद हुआ, जो इसका सर्वकालिक उच्चस्तर है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 18,512.75 अंक के अपने नए रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दूसरी तिमाही के आंकड़े आने हैं। इसके अलावा वाहन बिक्री के आंकड़े भी आएंगे। वैश्विक मोर्चे पर बाजार अमेरिका के आंकड़ों और डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड प्रतिफल के उतार-चढ़ाव पर नजर रखेगा। इसके अलावा चीन से आने वाली खबरें भी बाजार के उतार-चढ़ाव की वजह बन सकती हैं।’’
Market Outlook This Week: मैक्रो डेटा, ग्लोबल ट्रेंड्स से तय होगी शेयर बाजार की चाल, क्या है एक्सपर्ट्स की राय
शेयर बाजार की दिशा इस सप्ताह मैक्रो इकोनॉमिक डेटा और ग्लोबल ट्रेंड्स से तय होगी.
Market Outlook This Week: शेयर बाजार और बाजार बाजार की दिशा इस सप्ताह मैक्रो इकोनॉमिक डेटा और ग्लोबल ट्रेंड्स से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. उनका कहना है कि सप्ताह के दौरान ऑटो सेल्स के मासिक आंकड़े भी आने हैं, जो बाजार को दिशा देने में भूमिका निभाएंगे. फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर (FII) की लिवाली और बाजार और बाजार कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जैसे अनुकूल कारकों से पिछले सप्ताह दलाल पथ पर तेजड़िये हावी रहे. पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 630.16 अंक या बाजार और बाजार एक प्रतिशत चढ़ा था. शुक्रवार को सेंसेक्स 62,293.64 अंक पर बंद हुआ, जो इसका ऑल टाइम हाई है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 18,512.75 अंक के अपने नए रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट की रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की दूसरी तिमाही के आंकड़े आने हैं. इसके अलावा वाहन बिक्री के आंकड़े भी आएंगे. वैश्विक मोर्चे पर बाजार अमेरिका के आंकड़ों और डॉलर बाजार और बाजार इंडेक्स और बॉन्ड प्रतिफल के उतार-चढ़ाव पर नजर रखेगा. इसके अलावा चीन से आने वाली खबरें भी बाजार के उतार-चढ़ाव की वजह बन सकती हैं.’’ रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष-तकनीकी शोध अजित मिश्रा ने कहा कि इस सप्ताह बाजार भागीदारों की निगाह संकेतकों के लिए जीडीपी और विनिर्माण पीएमआई के आंकड़ों पर रहेगी. साथ ही एक दिसंबर को वाहन बाजार और बाजार बिक्री के मासिक आंकड़े भी आएंगे.
Mcap of Top 10 Firms: टॉप 10 में से 9 कंपनियों का मार्केट कैप 79,798 करोड़ बढ़ा, TCS-Infosys को सबसे ज्यादा मुनाफा
एफपीआई ने नवंबर में भारतीय शेयर बाजार में 31,630 करोड़ रुपये डाले
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) एक बार फिर भारतीय शेयर बाजारों में लौटने लगे हैं। नवंबर में अबतक उन्होंने शेयर बाजारों बाजार और बाजार बाजार और बाजार में शुद्ध रूप से 31,630 करोड़ रुपये डाले हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि अगस्त और सितंबर में शुद्ध बिकवाल रहने के बाद अब आगे चलकर एफपीआई द्वारा बड़ी बिकवाली की संभावना नहीं है।
ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि का चक्र समाप्त होने की संभावना, मुद्रास्फीति में नरमी, अमेरिका के उम्मीद से बेहतर वृहद आर्थिक आंकड़ों तथा भारतीय अर्थव्यवस्था की जुझारू क्षमता की वजह से एफपीआई भारतीय शेयरों में पैसा लगा रहे हैं।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से 25 नवंबर के दौरान एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 31,630 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे पहले अक्टूबर में उन्होंने आठ करोड़ रुपये तथा सितंबर में 7,624 बाजार और बाजार करोड़ रुपये की निकासी की थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरी क्रूड ऑइल की कीमत फिर भी स्थिर हैं पेट्रोल-डीजल की कीमत
Crude Oil Price in International Market : बीते सालों में देश में कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के कारण देशों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। हालांकि, उस समय कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन पिछले साल तेल की कीमतों में काफी बढ़त दर्ज हुई थी। जो दुनियाभर में लगभग दो साल बाद अपने उच्च स्तर पर जा पहुंची थी। वहीं, रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच भी कच्चे तेल (क्रूड ऑइल) की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई थी। इसके बाद बीच में कुछ समय तक कीमतें स्थिर रहने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक बार फिर इसमें गिरावट दर्ज हुई है।
अगले सप्ताह भी इसका असर बाजार पर देखा जा सकेगा
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों तरह मझौली और छोटी कंपनियों के प्रति भी निवेशकों की निवेश धारण मजबूत रही। इसकी बाजार और बाजार बदौलत मिडकैप 460.71 अंक उछलकर सप्ताहांत पर 25595.63 अंक और स्मॉलकैप 451.58 अंक मजबूत होकर 29201.69 अंक पर पहुंच गया। विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी केंद्रीय बैंक बाजार और बाजार फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के जारी मिनट्स में कहा गया है कि अमेरिका में अगले महीने से ब्याज दर में बढ़ोतरी किये जाने की गति धीमी रह सकती है। अगले सप्ताह भी इसका असर बाजार पर देखा जा सकेगा। साथ ही अगले सप्ताह बाजार पर विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुख का भी असर रहेगा।
एफआईआई ने नवंबर में अबतक कुल 167,798.24 करोड़ रुपये की लिवाली जबकि कुल 156,439.76 करोड़ रुपये की बिकवाली की है, जिससे उनका शुद्ध निवेश 11,358.48 करोड़ रुपये रहा। वहीं, इस अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की निवेश धारणा कमजोर रही है। उन्होंने बाजार में कुल 108,531.06 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि 110,119.49 करोड़ रुपये निकाल लिए, जिससे वह 1,588.43 करोड़ रुपये के बिकवाल रहे। इसके साथ ही घरेलू मोर्चे पर अगले सप्ताह आठ बुनियादी उद्योग के अक्टूबर में प्रदर्शन का आंकड़ा और नवंबर में वाहन बिक्री के जारी होने वाले आंकड़ों की बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भमिका रहेगी।