विश्व विदेशी मुद्रा

रुपया विश्व विदेशी मुद्रा 12 पैसे की तेजी के साथ 81.67 प्रति डॉलर पर
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.72 पर खुला। कारोबार के दौरान यह 81.64 के दिन के उच्चस्तर और 81.83 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में विश्व विदेशी मुद्रा अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 12 पैसे की तेजी के साथ 81.67 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
रुपया सोमवार को पांच पैसे की गिरावट के साथ 81.79 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘भारतीय विश्व विदेशी मुद्रा रुपये ने पिछले पांच दिन में पहली बढ़त दर्ज की, क्योंकि कुछ अमेरिकी नीति निर्माताओं द्वारा अधिक आक्रामक कड़े कदमों के बारे में सतर्क रुख अपनाने से डॉलर इंडेक्स में तीन दिन से जारी तेजी रुक गयी।’’
घरेलू शेयर बाजार में सुधार और एशियाई मुद्राओं के मजबूत होने से भी रुपया लाभ में रहा।
उन्होंने कहा कि निकट अवधि में सबका ध्यान बुधवार को फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के ब्योरे पर केंद्रित होगा।
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 107.46 रह गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.80 प्रतिशत बढ़कर 88.15 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
वहीं, बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 274.12 अंक की तेजी के साथ 61,418.96 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को 697.83 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा राजेश राजेश रमण
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Economic Survey 2018: विदेशी मुद्रा भंडार दिसंबर तक 14.1 फीसदी बढ़ा
संसद में सोमवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 में कहा गया कि साल 2017 के दिसंबर अंत तक विदेशी मुद्रा भंडार में 14.1 फीसदी की वृद्धि हुई है।
सर्वेक्षण में कहा गया, "साल 2017 के दिसंबर तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 409.4 अरब डॉलर रहा।
संसद में सोमवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 में कहा गया कि साल 2017 के दिसंबर अंत तक विदेशी मुद्रा भंडार में 14.1 फीसदी की वृद्धि हुई है। संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा प्रस्तुत सर्वेक्षण से पता चलता है कि विदेशी मुद्रा भंडार समीक्षाधीन अवधि में बढ़कर 409.4 अरब डॉलर रही।
सर्वेक्षण में कहा गया, “साल 2017 के दिसंबर तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 409.4 अरब डॉलर रहा। साल-दर-साल आधार पर 2016 के दिसंबर (358.9 अरब डॉलर) की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार में 14.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।” सर्वेक्षण में आगे कहा गया, “विदेशी मुद्रा भंडार आगे 12 जनवरी 2018 तक बढ़कर 413.8 अरब डॉलर हो गया।”
सर्वेक्षण के मुताबिक, “2017 के मार्च में 11.3 महीनों के लिए देश में विदेशी मुद्रा भंडार उपलब्ध विश्व विदेशी मुद्रा था। 2017 के सितंबर में 11.1 महीनों के आयात के लिए विदेशी मुद्रा भंडार उपलब्ध है।” सर्वेक्षण में बताया गया, “जहां विश्व की अधिकांश बड़ी अर्थव्यवस्थाएं चालू खाता घाटे का सामाना कर रही हैं, वहीं भारत विश्व के सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाला देश बन गया है। विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भारत पूरी दुनिया में छठे स्थान पर है।”
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अगले साल तेजी से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्सवस्था
वर्ष 2017-18 के लिए जारी आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में वृद्धि दर 6.75 फीसदी और उसके बाद वित्त वर्ष 2018-19 में यह सात से 7.5 फीसदी रह सकती है। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, “पिछले वर्ष किए गए प्रमुख सुधारों की वजह से मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी 6.75 फीसदी और वित्त वर्ष 2018-19 में सात से 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है, जिससे भारत एक बार फिर दुनिया में सबसे तेजी से वृद्धि करती अर्थव्यवस्था बना जाएगी।”
जेटली ने कहा कि 2017-18 में किए गए सुधारों से वर्ष 2018-19 में वृद्धि दर में और मजबूती आएगी। सर्वेक्षण के अनुसार, वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़नी शुरू की और गत वर्ष पहली जुलाई, 2017 को लागू की गई जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) और नए भारतीय दिवालिया कानून की वजह से इस वित्त वर्ष की वृद्धि दर 6.75 फीसदी रह सकती है।
सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि सार्वजनिक बैंकों की मजबूती के लिए बड़े पैमाने पर पुर्नपूजीकरण पैकेज, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को और उदार बनाने तथा वैश्विक मजबूती के कारण निर्यात में सुधार ने वृद्धि दर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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विदेशी मुद्रा भंडार में 1 ट्रिलियन डॉलर की रिकॉर्ड गिरावट
भारत से लेकर चेक गणराज्य तक के केंद्रीय बैंक अपनी मुद्रा का समर्थन करने के लिए हस्तक्षेप कर रहे हैं. ब्लूमबर्ग वर्ष 2003 से इसका डाटा एकत्र कर रहा है और उसके मुताबिक यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस साल 96 अरब डॉलर घटकर 538 अरब डॉलर हो गया है.
वैश्विक विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड तेजी से गिर रहा है. भारत से लेकर चेक गणराज्य तक के केंद्रीय बैंक अपनी मुद्रा का समर्थन करने के लिए हस्तक्षेप कर रहे हैं. ब्लूमबर्ग में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, वह वर्ष 2003 से इसका डाटा एकत्र कर रहा है और यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है. इस साल वैश्विक विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर या 7.8 फीसदी की गिरावट के साथ 12 ट्रिलियन डॉलर हो गया है. गिरावट का सबसे बड़ा कारण डॉलर का येन और यूरो जैसी मुद्राओं के मुकाबले दो दशक के उच्च स्तर पर पहुंच जाना है. डॉलर की तेजी ने सभी देशों के केंद्रीय बैंक को दबाव में ला दिया है.
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उदाहरण के तौर पर भारत का ही विदेशी मुद्रा भंडार इस साल 96 अरब डॉलर घटकर 538 अरब डॉलर हो गया है. भारत के केंद्रीय बैंक ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष के दौरान संपत्ति के मूल्यांकन में 67 प्रतिशत की गिरावट आई है. इस साल डॉलर के मुकाबले रुपये में लगभग 9 प्रतिशत की गिरावट आई है और पिछले महीने यह रिकॉर्ड स्तर पर था. भारतीय केंद्रीय बैंक को रुपये की गिरावट रोकने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा.
इसी तरह 1998 के बाद पहली बार जापान ने 20 बिलियन डॉलर खर्च कर येन को संभाला. इससे उसके रिजर्व का लगभग 19 प्रतिशत तक कम हुआ. चेक गणराज्य का भी फरवरी से अब तक 19 प्रतिशत रिजर्व कम हुआ है. आमतौर पर सभी देशों के केंद्रीय बैंक विदेशी पूंजी आने पर डॉलर खरीदते हैं और खराब समय आने पर इसे कम कर अपनी मुद्रा को ताकत देते हैं, मगर इस बार मामला गंभीर दिख रहा है.
डच बैंक एजी के मुख्य अंतरराष्ट्रीय रणनीतिकार एलन रस्किन ने बताया कि एशिया के कुछ देशों के पास अभी भी विदेशी मुद्रा भंडार काफी है. वह अपनी मुद्रा की गिरावट रोकने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार को और कम कर सकते हैं. भारत के पास अभी भी वर्ष 2017 की तुलना में 49 प्रतिशत ज्यादा विदेशी मुद्रा भंडार है और यह नौ महीने के आयात के भुगतान के लिए पर्याप्त है. शुक्रवार को इंडोनेशिया, मलेशिया, चीन और थाइलैंड अपने नवीनतम विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े जारी करेंगे. हालांकि, अन्य देशों के विदेशी मुद्रा भंडार जल्द समाप्त हो रहे हैं. ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल 42 फीसदी की गिरावट के बाद पाकिस्तान का 14 अरब डॉलर का भंडार तीन महीने के आयात को भी कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं है.
विदेशी मुद्रा भंडार में 1 ट्रिलियन डॉलर की रिकॉर्ड गिरावट
भारत से लेकर चेक गणराज्य तक के केंद्रीय बैंक अपनी मुद्रा का समर्थन करने के लिए हस्तक्षेप कर रहे हैं. ब्लूमबर्ग वर्ष 2003 से इसका डाटा एकत्र कर रहा है और उसके मुताबिक यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस साल 96 अरब डॉलर घटकर 538 अरब डॉलर हो गया है.
वैश्विक विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड तेजी से गिर रहा है. भारत से लेकर चेक गणराज्य तक के केंद्रीय बैंक अपनी मुद्रा का समर्थन करने के लिए हस्तक्षेप कर रहे हैं. ब्लूमबर्ग में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, वह वर्ष 2003 से इसका डाटा एकत्र कर रहा है और यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है. इस साल वैश्विक विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर या 7.8 फीसदी की गिरावट के साथ 12 ट्रिलियन डॉलर हो गया है. गिरावट का सबसे बड़ा कारण डॉलर का येन और यूरो जैसी मुद्राओं के मुकाबले दो दशक के उच्च स्तर पर पहुंच जाना है. डॉलर की तेजी ने सभी देशों के केंद्रीय बैंक को दबाव में ला दिया है.
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उदाहरण के तौर पर भारत का ही विदेशी मुद्रा भंडार इस साल 96 अरब डॉलर घटकर 538 अरब डॉलर हो गया है. भारत के केंद्रीय बैंक ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष के दौरान संपत्ति के मूल्यांकन में 67 प्रतिशत की गिरावट आई है. इस साल डॉलर के मुकाबले रुपये में लगभग 9 प्रतिशत की गिरावट आई है और पिछले महीने यह रिकॉर्ड स्तर पर था. भारतीय केंद्रीय बैंक को रुपये की गिरावट रोकने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा.
इसी तरह 1998 के बाद पहली बार जापान ने 20 बिलियन डॉलर खर्च कर येन को संभाला. इससे उसके रिजर्व का लगभग 19 प्रतिशत तक कम हुआ. चेक गणराज्य का भी फरवरी से अब तक 19 प्रतिशत रिजर्व कम हुआ है. आमतौर पर सभी देशों के केंद्रीय बैंक विदेशी पूंजी आने पर डॉलर खरीदते हैं और खराब समय आने पर इसे कम कर अपनी मुद्रा को ताकत देते हैं, मगर इस बार मामला गंभीर दिख रहा है.
डच बैंक एजी के मुख्य अंतरराष्ट्रीय रणनीतिकार एलन रस्किन ने बताया कि एशिया के कुछ देशों के पास अभी भी विदेशी मुद्रा भंडार काफी है. वह अपनी मुद्रा की गिरावट रोकने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार को और कम कर सकते हैं. भारत के पास अभी भी वर्ष 2017 की तुलना में 49 प्रतिशत ज्यादा विदेशी मुद्रा भंडार है और यह नौ महीने के आयात के भुगतान के लिए पर्याप्त है. शुक्रवार को इंडोनेशिया, मलेशिया, चीन और थाइलैंड अपने नवीनतम विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े जारी करेंगे. हालांकि, अन्य देशों के विदेशी मुद्रा भंडार जल्द समाप्त हो रहे हैं. ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से पता चलता विश्व विदेशी मुद्रा है कि इस साल 42 फीसदी की गिरावट के बाद पाकिस्तान का 14 अरब डॉलर का भंडार तीन महीने के आयात को भी कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं है.
फीफा विश्व कप 20 नवम्बर से कतर में होगा शुरू, दुनिया भर में 5 अरब लोग देखेंगे फुटबॉल मैच
फीफा अध्यक्ष ने कहा कि फुटबॉल महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है जिसकी ग्लोबल जीडीपी सैकड़ों अरब अमेरिकी डॉलर है,यह लाखों नौकरियां पैदा करता है और आर्थिक वृद्धि को बढ़ाता है
कतर में 20 नवम्बर से शुरू होने जा रहे फीफा विश्व कप फुटबॉल टूर्नामेंट को दुनिया में पांच अरब लोग देखेंगे।
फीफा के अध्यक्ष जियानी इनफेंटिनो ने विश्व कप से पहले एक साक्षात्कार में यह बात कही। बाली में चले रहे जी 20 सम्मेलन में हिस्सा ले रहे इनफेंटिनो ने वैश्विक नेताओं से आपसी तनाव और संघर्षों को दरकिनार करते हुए विश्व कप फुटबॉल का आनंद लेने का आह्वान किया। विश्व कप कतर में 20 नवम्बर से 18 दिसम्बर तक होना है।
इनफेंटिनो ने शिन्हुआ से कहा, "विश्व कप खुशी और एकता का मौका होना चाहिए। इसे उम्मीद का सन्देश देना चाहिए।"
फीफा अध्यक्ष ने कहा कि फुटबॉल महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है जिसकी ग्लोबल जीडीपी सैकड़ों अरब अमेरिकी डॉलर है,यह लाखों नौकरियां पैदा करता है और आर्थिक वृद्धि को बढ़ाता है
इनफेंटिनो को उम्मीद है कि कतर में विश्व कप को दुनिया में पांच अरब लोग देखेंगे जो दुनिया की आधी आबादी से ज्यादा है।
वर्ष 2031 में फीफा महिला विश्व कप की मेजबानी की दावेदारी को लेकर चीन की योजना के बारे में इनफेंटिनो ने कहा, "यह योजना और चीन की फुटबॉल क्लबों और युवा फुटबॉल में सलिंप्तता से क्षेत्रीय असंतुलन का समाधान करने में मदद मिलेगी और यह खेल के विश्व विदेशी मुद्रा सम्प्पूर्ण विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, "चीन फुटबॉल के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। महत्वपूर्ण इवेंट्स की बोली लगाना एक ऐसा तत्व है जिससे चीन में फुटबॉल, महिला या पुरुष, तरक्की करेगा।"
उन्होंने कहा, "फुटबॉल लोगों की भावनाओं को छूता है। यह खेल को लेकर लोगों के जूनून के बारे में है। जब भी आप किसी लड़की या लडके को फुटबॉल देते हैं तो वह मुस्कराने लगता है।"
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