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उलटा निवेश

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जब समान निवेश उद्देश्यों के साथ लोगों का समूह या कई संभावित निवेशक हाथ मिलाते हैं और निवेश करने के उद्देश्य से धन इकट्ठा करते हैं; इस तरह से एकत्रित किए गए धन के कुल जोड़ को पारस्परिक निधि कहा जा सकता है।

इस प्रकार, वह इकाई जो समान विचारधारा वाले संभावित निवेशकों से धन इकट्ठा करती है उसे न्यास कहते हैं और इसका प्रबंधन पेशेवरों की टीम द्वारा किया जाता है और कहाँ, कैसे और क्या निवेश करना है, इसका निर्णय निधि प्रबंधक द्वारा लिया जाता है। इस प्रकार से निधि प्रबंधक और उसकी टीम पूंजी की प्रकृति के आधार पर विशिष्ट कंपनियों या उत्पादों/वित्तीय साधनों में निवेश करने का निर्णय लेते हैं जैसे इक्विटी, बांड्स, मुद्रा बाजार के साधनों और/या दूसरी प्रतिभूतियों में निवेश करने का अधिकार पत्र।

प्रत्येक निवेशक के पास इकाइयाँ होती है जो निधि के स्वामित्व के एक हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है।

निवेशक पारस्परिक निधि में कैसे निवेश करता है ?

पारस्परिक निधि की इकाइयाँ खरीदने/आवेदन करने के लिए निवेशक को संबंधित प्रपत्र भरने के साथ सारे के.वाय.सी. दस्तावेज संलग्न करने की जरूरत होती है। पारस्परिक निधि की इकाइयों को अकेले या संयुक्त रूप से (अधिकतम तीन आवेदक) किसी एक या उत्तरजीवी या संयुक्त आधार (निवेश का तरीका) पर खरीदा जा सकता है। इकाइयों को हिन्दू अविभाजित परिवार के कर्ता के तौर पर भी रखा/उनमें निवेश किया जा सकता है। नामांकन सुविधा भी उपलब्ध है।

पारस्परिक निधि को भौतिक रूप से या डिपॉज़िटरी के माध्यम से रखा जा सकता है। कृपया ध्यान दें कि मृत्यु होने की दशा में निवेशक को संबंधित पारस्परिक निधि को और डिपॉज़िटरी को व्यक्तिगत रूप से धारक की मृत्यु के बारे में सूचित करना चाहिए।

पारस्परिक निधि के मामले में नामांकन

नामांकित व्यक्ति केवल एक न्यासी होता है, जो परिसमापन होने पर पारस्परिक निधि की आय को पारस्परिक निधि धारक के कानूनी उत्तराधिकारियों को सौंपता है।

किसी भी तरह के स्वामित्व ढांचा (एकल, संयुक्त, कर्ता हि.अ.प. आदि) होने पर भी एक आवेदक इकाइयाँ के लिए आवेदन करते (खरीदते) वक्त नामांकन दर्ज कर सकता है। अगर नामांकित व्यक्ति अवयस्क है तो नामांकन में एक संरक्षक की ज़रूरत होती है जिसके नाम को पारस्परिक निधि में पंजीकृत कर सकता है। एक फोलियो में एकाधिक नामांकन भी संभव है। एक निवेशक प्रत्येक नामांकन के लिए इकाइयों के विशिष्ट प्रतिशत के साथ प्रति फोलियो अधिकतम तीन नामांकन का उल्लेख कर सकता है। नामांकन को किसी भी समय पंजीकृत (नया) या बदला जा सकता है और/या रद्द भी किया जा सकता है जिसके लिए पारस्परिक निधि के समक्ष मानक प्रपत्र प्रस्तुत करना पड़ता है।

क्या अकेले व्यक्ति द्वारा धारित मौजूदा पारस्परिक निधि निवेश में एक संयुक्त धारक को जोड़ा जा सकता है ?

नहीं, यह संभव नहीं है। फंड्स के द्वारा स्वामित्व में बदलाव की अनुमति नहीं दी जाती; अकेले धारक के मामले में जोड़ना और जीवित संयुक्त धारक को हटाना।

हालांकि, संयुक्त धारक की मृत्यु होने पर मृतक का नाम हटा दिया जाता है और फिर वह स्वामित्व, एकल स्वामित्व में परिवर्तित हो जाता है। यद्यपि, इसके लिए जरूरी प्रपत्रों उलटा निवेश को भरना पड़ता है।

क्या निवेश संचालन के तरीके को ‘संयुक्त’ से ‘कोई एक या उत्तरजीवी’ में परिवर्तित करना संभव है ?

हाँ, चूंकि यह धारकों के बीच की प्रशासनात्मक कार्रवाई है तो सारे धारकों की सहमति से इसे संशोधित/बदला जा सकता है। संयुक्त धारकों के स्वामित्व वाली इकाइयों के मामले में, ‘संयुक्त’ से ‘कोई एक’ या ‘उत्तरजीवी’ या इसके उलटे क्रम में परिवर्तित करने का प्रशासनिक पहलू संभव है। हालांकि इसके लिए आवश्यक प्रपत्र को भरना ज़रूरी है।

इकाई धारक की मृत्यु होने की दशा में, संपत्ति प्रबंधन कंपनी के समाधान के लिए दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत करने पर नामांकित व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारी, किसी भी समय मृतक इकाई धारक को देय निवेश का मोचन कर सकते हैं।

हालांकि, इक्विटी बद्ध बचत योजना (इ.ब.ब.यो.)के मामले में इकाई धारक की मृत्यु होने की दशा में नामांकित व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारी, जैसी भी स्थिति हो (संपत्ति प्रबंधन कंपनी के समाधान के लिए दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत करने पर), मृतक इकाई धारक को इकाई आवंटित होने के दिनांक से एक वर्ष के समापन तक या इसके पश्चात किसी भी समय पर निवेश का मोचन कर सकेंगे (यद्यपि तीन साल निश्चित अवरुद्धता अवधि है)। निश्चित अवरुद्धता अवधि के संबंध में उलटा निवेश इ.ब.ब.यो. के दिशानिर्देशों में संशोधन की स्थिति में न्यासी के पास, समय-समय पर निश्चित अवरुद्धता अवधि को प्रत्याशित प्रभाव से बदलने का अधिकार है।

संपत्ति प्रबंधन कंपनियों की इकाइयों के हस्तांतरण के लिए समान प्रक्रिया है। हालांकि, अलग-अलग संपत्ति प्रबंधन कंपनियों में आवश्यक प्रारूपों या दस्तावेजों में थोड़ी भिन्नता हो सकती है लेकिन व्यापक रूप से प्रक्रिया एक जैसी ही है।

हस्तांतरण की मूल प्रक्रिया

नामांकित व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारी को संपत्ति प्रबंधन उलटा निवेश कंपनी (सं.प्र.कं)के समाधान के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने पड़ते हैं और इसके साथ ही दस्ती सुपुर्दगी या डाक के द्वारा इकाइयों के हस्तांतरण का निवेदन करता पत्र, संपत्ति प्रबंधन कंपनी के ग्राहक सेवा केंद्र को भेजना पड़ता है। अगर मृतक ने कई पारस्परिक निधि योजनाओं में निवेश किया हुआ था तो प्रत्येक पारस्परिक निधि को अलग-अलग संपर्क करना होगा।

जब अकेले धारक की मृत्यु होती है और नामांकन पंजीकृत किया हुआ हो

शोकग्रस्त परिवार या उत्तराधिकारी या नामांकित व्यक्ति को पारस्परिक निधि के समक्ष निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने की जरूरत होती हैः

ऽ नामांकित व्यक्ति द्वारा सं.प्र.कं./पारस्परिक निधि को लिखा गया पत्र जिसमें इकाइयों का हस्तांतरण उसके पक्ष में करने का निवेदन हो।

ऽ मृत्यु प्रमाणपत्र की नोटरकृत प्रति के साथ आवेदन (निर्दिष्ट प्रारूप में) जमा करना

ऽ नामांकित व्यक्ति का पहचान प्रमाणपत्र (पासपोर्ट, राशन कार्ड, ड्रायविंग लायसेंस आदि)

ऽ निर्दिष्ट प्रारूप के अनुसार नए पहले इकाई धारक के बैंक खाते का विवरण और एक रद्द चेक

'तारक मेहता का उलटा चश्मा' के फैंस के लिए खुशखबरी, 'दयाबेन' जल्द करेंगी वापसी

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें को 'दयाबेन' का किरदान निभाने वाली दिशा वकानी जल्द ही शो में वापसी करेंगी.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 07 Sep 2018 03:41 PM (IST)

सब टीवी का मशहूर शो 'तारक मेहता का उलटा चश्मा' पिछले 10 सालों से लगातार दर्शकों का फेवरेट उलटा निवेश बना हुआ है. इन दिनों तो 'तारक मेहता का उलटा चश्मा' ने टीआरपी रेटिंग्स में भी धमाल मचा रखा है और सीधे तीसरे पायदान पर कब्जा जमा लिया है. सीरियल के टीआरपी में ऊपर जाने की वजह इन दिनों शो में चल रही कहानी है.

अब इस शो के फैंस के लिए एक और अच्छी खबर आ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें को 'दयाबेन' का किरदान निभाने वाली दिशा वकानी जल्द ही शो में वापसी करेंगी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 'दयाबेन' ने प्रेंग्नेंट होने के चलते पिछले साल नवंबर में शो से मैटरनिटी लीव ली थी. उस समय उम्मीद जताई जा रही थी कि 'दयाबेन' 6 महीने के बाद वापस आ जाएंगी.

लेकिन 'दयाबेन' ने शो में वापसी करने की बजाए अपनी बेटी के साथ वक्त बिताना चुना. इसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे थे कि शायद अब 'दयाबेन' शो को अलविदा ही कह देंगी. हालांकि शो के प्रोड्यूसर आसित मोदी ने कहा था कि वह दया की वापसी का इंतजार करेंगे.

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अपने ताजा बयान में आसित मोदी ने दयाबेन की वापसी की जानकारी दी है. आसित मोदी का कहना है कि दयाबेन हमारे शो का अहम हिस्सा हैं और वह जल्द ही वापस आने वाली हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि अगले दो महीने में दयाबेन शो में वापस आ सकती हैं.

Published at : 07 Sep 2018 03:41 PM (IST) Tags: taarak mehta ka ooltah chashmah हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Entertainment News in Hindi

ऐसे भी उलटा पड़ा दांव

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस पर जो प्रतिबंध लगाए, उसका उलटा असर उन्हें झेलना पड़ रहा है। महंगाई और ईंधन के अभाव ने पूरी पश्चिमी दुनिया के बाशिंदों को परेशान कर रखा है। इसके दीर्घकालिक आर्थिक नुकसान का अंदाजा अब लगाया जा रहा है। उधर राजनीतिक उथल-पुथल की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं। इसी बीच यह बात भी पश्चिमी रणनीतिकारों की चिंता बताएगी कि दुनिया भर के सेंट्रल बैंक अपनी रिजर्व करेंसी में चीन की मुद्रा युवान का हिस्सा बढ़ा रहे हैँ। उलटा निवेश इससे अंतरराष्ट्रीय कारोबार में अमेरिकी मुद्रा डॉलर के वर्चस्व के लिए खतरा पैदा हो रहा है। यह बात यूबीएस एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने अपनी ताजा वार्षिक रिपोर्ट में कही है। यह कंपनी हर साल मुद्रा भंडार प्रबंधन सर्वे रिपोर्ट जारी करती है। उसकी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 85 प्रतिशत सेंट्रल बैंकों ने बताया कि उन्होंने युवान में या तो निवेश किया है, या ऐसा करने पर वे गंभीरता से सोच रहे हैं।

ये संख्या पिछले साल 81 प्रतिशत थी। सेंट्रल बैंक अपने भंडार में अगले दस साल में युवान के हिस्से को औसतन 5.8 प्रतिशत तक ले जाने पर विचार कर रहे हैं। यह मौजूदा स्तर की तुलना में बड़ी बढ़ोतरी होगी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पिछले हफ्ते ही बताया था कि फिलहाल सेंट्रल बैंकों के भंडार में औसतन 2.9 प्रतिशत हिस्सा युवान का है। असल में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पश्चिमी देशों ने जिस तरह रूस की विदेशी मुद्रा को जब्त कर लिया, उससे डॉलर के प्रति विभिन्न देशों का भरोसा घटा है। तो अब वे अलग मुद्राओं में निवेश करने की योजना बना रहे हैँ। ये आंकड़ा भी गौरतलब है। यूबीएस के सर्वे में शामिल 30 प्रमुख देशों के विदेशी मुद्रा भंडार में बीते जून में डॉलर का हिस्सा 63 प्रतिशत था। 2021 के जून में ये हिस्सा 69 प्रतिशत था। स्पष्टतः यूक्रेन युद्ध ने सारी सूरत बदल दी है। हाल के वर्षों में चीन में दर्ज हुई मजबूत आर्थिक वृद्धि के कारण आर्थिक क्षेत्र में चीन अमेरिका का विकल्प बन कर उभर रहा है। इसी कारण अब बहु-ध्रुवीय विश्व की चर्चा शुरू हो गई है।

इस स्कीम में सिर्फ 29 रुपये निवेश कर के पायें 4 लाख का फायदा, जाने कैसे मिलेगा लाभ

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LIC Aadhaar Shila Plan: भारतीय जीवन बीमा निगम ( LIC) अपने ग्राहकों के लिए समय समय पर बेहतरीन स्कीम्स पेश करता रहता है। इसी क्रम में एलआईसी ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए जबरदस्त स्कीम पेश किया है। इस स्कीम का नाम LIC आधार शिला प्लान ( LIC Aadhaar Shila) है। LIC की इस स्कीम के तहत 8 से 55 साल की महिलाएं इसमें निवेश कर सकती है। आइए जानते हैं इस प्लान के बारे में विस्तार से।

जानिए इस स्कीम की शर्तें

LIC का आधार शिला प्लान अपने ग्राहकों को सिक्योरिटी और सेविंग्स दोनों देता है। लेकिन इसका फायदा केवल वे महिलाएं ही उठा सकती हैं वो भी जिनका आधार कार्ड बना हुआ है। मैच्योरिटी पर पॉलिसीधारक को पैसा मिल जाता है। LIC का यह प्लान पॉलिसीधारक और उसकी मृत्यु के बाद परिवार को फाइंनेशियल मदद भी देता है।

प्रीमियम और मैच्योरिटी

LIC आधार शिला प्लान के तहत मिनिमम 75000 रुपये और मैक्सिमम 3 लाख रुपये निवेश किया जा सकता है। इस पॉलिसी की मैच्योरिटी का समय न्यूनतम 10 साल और अधिकतम 20 साल है। आपको बता दें कि LIC के प्लान में 8 से 55 साल की महिला निवेश कर सकती है और मैक्सिकम मैच्योरिटी की उम्र 70 साल है। वहीं इस प्लान का प्रीमियम पेमेंट मासिक , तिमाही , छमाही या सालाना आधार पर किया जाता है।

उदाहरण से समझें इसका गणित

इस स्कीम को आप उदहारण से समझ सकते हैं। मान लीजिए अगर आपकी उम्र 30 साल है और इसमें 20 साल तक रोजाना 29 रुपये जमा करते हैं तो पहले साल में आपके कुल 10,959 रुपये जमा होंगे। अब इसमें 4 । 5 फीसदी टैक्स भी होगा। नेक्स्ट इयर आपको 10,723 रुपये देना होगा। इस तरह से ये प्रीमियम आप हर महीने , तिमाही , छमाही या सालाना आधार पर जमा कर सकते हैं। आपको 20 साल में 2,14,696 रुपये जमा करने होंगे और मैच्योरिटी के समय आपको कुल 3,97,000 रुपये मिलेंगे।

आपको सोने में निवेश क्यों करना चाहिए? जानें ऐसे 5 कारण जो गोल्ड इन्वेस्टमेंट को बनाते है सबसे बेहतर

Gold Investment: माना जाता है कि सोने और इक्विटी का उलटा संबंध होता है। जिसका अर्थ है कि जब शेयर मूल्य में गिरते हैं तो सोने का मूल्य बढ़ता है। ऐसे ही 5 और कारण इस पोस्ट में जानिए गोल्ड इन्वेस्टमेंट को बनाते है सबसे बेहतर।

Gold Investment: हमारे देश भारत में सोने को सदियों से निवेश के लिये सबसे उपयुक्त साधन माना गया है। यह निवेशकों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना है माना जाता है, क्योंकि इसने हमेशा अपनी क्रय शक्ति को बनाए रखा है। लेकिन समय के साथ अब गोल्ड खरीदने का तरीका बदल गया है। डिजिटल गोल्ड ने सोने के निवेश को सहज और किफायती बनाकर लोगों के सोने को खरीदने और बेचने के तरीके में उलटा निवेश क्रांति ला दी है।

इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि आपको सोने में निवेश क्यों करना चाहिए।

1) सोना अत्यधिक तरल है

इतिहास में किसी भी अन्य मुद्रा की तुलना में लंबे समय तक सोने का उपयोग मुद्रा के रूप में किया गया है, हालांकि अब इसका उपयोग मुद्रा के रूप में नहीं किया जाता है, जब भी आवश्यकता होती है, इसे खरीदना या बेचना आसान होता है। यह एक ठोस संपत्ति है और दुनिया में किसी भी अन्य मुद्रा या संपत्ति की तुलना में इसका सबसे लॉन्ग टर्म वैल्यू है। आप बिना किसी झंझट के सोने पर लोन भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा डिजिटल गोल्ड ने खरीदने/बेचने की प्रक्रिया को आसान और निर्बाध बना दिया है। बस आपको कुछ ही क्लिक की जरूरत है।

2) यह 100% सुरक्षित है

जब आप डिजिटल सोना ऑनलाइन खरीदते हैं, तो आपको बीमित, प्रमाणित लॉकर में फिजिकल गोल्ड आवंटित किया जाता है, और आप किसी भी समय भौतिक इकाइयों की डिलीवरी प्राप्त कर सकते हैं। यह गुणवत्ता की चिंता किए बिना चोरी या भंडारण की परेशानी के जोखिम को समाप्त करता है।

3) मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव

गोल्ड का ट्रैक रिकॉर्ड 5000 साल से ज्यादा पुराना है और लॉन्ग टर्म में गोल्ड ने भी शानदार रिटर्न दिया है। मुद्रास्फीति के साथ, जबकि मुद्रा का मूल्य नीचे जाता है, सोने का किराया अच्छा होता है। पिछले पांच वर्षों में, सोने की कीमतें एक दशक में दोगुनी और चौगुनी हो गई हैं।

4) 1 रुपये से भी कर सकते है निवेश

इसका मतलब यह है कि आप उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए लंबी अवधि में सोने पर छोटी मात्रा में निवेश कर सकते हैं। यह आपको एक कम निवेश का विकल्प चुनने में मदद करता है, और आपको अपनी इच्छानुसार निवेश करने में सक्षम बनाता है।

5) अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाएं

जब बाजार में उतार-चढ़ाव होता है, तो सोना एक सुरक्षित दांव माना जाता है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि अपने पोर्टफोलियो में सोना जोड़ने से जोखिम कम होता है क्योंकि इसका किसी अन्य संपत्ति से शून्य से कम संबंध होता है। यह भी माना जाता है कि सोने और इक्विटी का उलटा संबंध होता है। जिसका अर्थ है कि जब शेयर मूल्य में गिरते हैं तो सोने का मूल्य बढ़ता है।

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