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व्यापारियों को जीएसटी से लाभ

व्यापारियों को जीएसटी से लाभ
कम्पोजिशन स्कीम की सीमा बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दी है. नई कम्पोजिशन स्कीम 1 अप्रैल 2019 से लागू हो जाएगी. (Image: Reuters)

मसूरी में वाणिज्य कर विभाग ने लगाया GST कैंप, व्यापारियों को किया जागरूक

मसूरी के राधा कृष्ण मंदिर के सभागार में वाणिज्य कर विभाग ने जीएसटी कैंप लगाकर व्यापारियों को जीएसटी पंजीयन के बारे में जानकारी दी. वाणिज्य कर विभाग के सहायक कर आयुक्त कृष्णकांत पांडेय ने बताया कि जीएसटी पंजीयन से पंजीकृत व्यापारियों को ₹10 लाख का व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना का लाभ मिलेगा और पांच करोड़ रुपये तक के वार्षिक कारोबार सीमा तक के व्यापारियों के लिए तिमाही रिटर्न सुविधा उपलब्ध है.

मसूरी: वाणिज्य कर विभाग ने मसूरी के राधा कृष्ण मंदिर के सभागार में जीएसटी कैंप लगाकर लोगों को जीएसटी में पंजीकरण कराने के लिये जागरूक किया. वाणिज्य कर विभाग के सहायक कर आयुक्त कृष्णकांत पांडेय ने व्यापारियों को जीएसटी पंजीयन के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जीएसटी पंजीयन से पंजीकृत व्यापारियों को ₹10 लाख का व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना का लाभ मिलेगा और पांच करोड़ रुपये तक के वार्षिक कारोबार सीमा तक के व्यापारियों के लिए तिमाही रिटर्न सुविधा उपलब्ध है. साथ ही दूसरे प्रदेश से माल लाने में कोई दिक्कत नहीं होगी.

कृष्णकांत पांडेय ने बताया कि केंद्र सरकार व्यापारियों के हित को ध्यान में रखते हुए पेंशन योजना का लाभ दिलाने के लिए भी प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि यह शिविर व्यापारियों को जीएसटी के प्रति जागरूक करने व पंजीकरण करने के लिए लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस शिविर का उद्देश्य अधिक से अधिक व्यापारियों का जीएसटी में पंजीकरण कराना है, ताकि उसका लाभ उन्हें आने वाले समय में मिल सके.

सर्विस टैक्स के वरिष्ठ अधिवक्ता मोहन पेटवाल ने कहा कि जो जीएसटी के दायरे में आयेगा, वह पंजीकरण जरूर करवायेगा. उन्होंने कहा कि मसूरी जोन में करीब तीन हजार व्यापारी पंजीकृत हैं, लेकिन मसूरी में तीन सौ व्यापारी ही पंजीकृत हैं. जीएसटी में व्यापारी पंजीकरण करवा रहे हैं, उसका लाभ व्यापारियों को मिल रहा है और देश बेहतरी की ओर बढ़ रहा है.
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कारोबारी ध्यान दें: जिन कारोबारियों के पैन, ईमेल आईडी, फोन नंबर और अन्य जानकारी अपलोड नहीं हैं, वे समय रहते ध्यान दें. पूरे ब्यौरे की जानकारी अपलोड होने के बाद में ही कारोबारी जीएसटी पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे.

GST पर आयोजित हुआ मेगा-सेमिनार, ये हैं जीएसटी पंजीकरण के लाभ

स्वाभाविक है कि जितने अधिक व्यापारी जीएसटी पंजीकरण लेंगे, कर-संग्रह भी बढ़ेगा और कर- संग्रह में वृद्धि जनता के कल्याण में और अवसंरचनात्मक विकास में प्रयोग होगा। इसलिए विकास की गंगा बहाने के लिए आवश्यक है कि पंजीकृत व्यापारियों की संख्या बढ़े। इसी उद्देश्य से जीएसटी पंजीकरण कैम्प, सेमीनार व गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है।

November 17, 2021

आज वाणिज्य कर विभाग के द्वारा चलाए जा रहे जीएसटी पंजीकरण अभियान के तहत खण्ड- 12 के डिप्टी कमिश्नर धर्मेन्द्र चौधरी के निर्देशन में सेक्टर-61 , नोएडा स्थित शॉप्रिक्स मॉल में एक मेगा-सेमीनार का आयोजन किया गया । जिसमें सैकड़ों व्यापारियों ने सहभागिता की। उक्त मेगा- सेमीनार में मुख्य-वक्ता श्याम सुन्दर पाठक, असिस्टेंट कमिश्नर , खण्ड- 12 ने जीएसटी पंजीकरण के विषय में विस्तार से बताया और उपस्थित व्यापारियों की शंकाओं का समाधान किया। श्याम सुन्दर पाठक ने बताया कि माननीय मुख्यमन्त्री जी का स्वप्न है कि प्रदेश में 25 लाख पंजीकृत व्यापारी हों ताकि डीलर बेस बढ़ने से कर – संग्रह की भी वृद्धि हो सके। स्वाभाविक है कि जितने अधिक व्यापारी जीएसटी पंजीकरण लेंगे, कर-संग्रह भी बढ़ेगा और कर- संग्रह में वृद्धि जनता के कल्याण में और अवसंरचनात्मक विकास में प्रयोग होगा। इसलिए विकास की गंगा बहाने के लिए आवश्यक है कि पंजीकृत व्यापारियों की संख्या बढ़े। इसी उद्देश्य से जीएसटी पंजीकरण कैम्प, सेमीनार व गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है।

कोई भी व्यापारी जिसका वार्षिक टर्नओवर 40 लाख से अधिक है ( सेवा क्षेत्र के व्यापारी के लिए यह सीमा 20 लाख रु. है ) या वह अन्तर्राज्यीय व्यापार करता है तो उसके लिए जीएसटी पंजीकरण लेना अनिवार्य है , इसके अतिरिक्त जो व्यापारी ऑनलाईन प्लेटफॉर्म पर (अमेजन आदि ) पर व्यापार करना चाहता है तो भी उसको जीएसटी पंजीकरण लेना अनिवार्य है। वैसे जीएसटी पंजीकरण कोई भी व्यापारी स्वैच्छिक भी ले सकता है। जो कि पूर्णतः निशुल्क है। वाणिज्य कर विभाग अपने व्यापारियों को जीएसटी पंजीकरण के सम्बन्ध में आने वाली किसी भी असुविधा के लिए हमेशा तत्पर रहा है और इसी कड़ी में विभाग द्वारा 4 हेल्प डेस्क भी बनाई गईं हैं।

धर्मेन्द्र चौधरी डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि जीएसटी पंजीकरण के और भी कई लाभ हैं । जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करते ही व्यापारी स्वतः ही 10 लाख रु. के दुर्घटना बीमा का पात्र हो जाता है। इसके अतिरिक्त रु. 1.5 करोड़ के वार्षिक टर्नओवर के व्यापारियों के लिए सरकार द्वारा समाधान योजना लाई गई है। ममता, वाणिज्य कर अधिकारी ने बताया कि रु. 5 करोड़ के वार्षिक टर्नओवर के व्यापारियों के लिए त्रैमासिक आधार पर रिटर्न दाखिल करने की सुविधा प्रदान की गई है। इसके अलावा नोएडा व ग्रेटर नोएडा में चार सुविधा केन्द्र भी बनाए गए हैं। कार्यक्रम में सैकडों व्यापारियों ने सहभाग किया और अपने प्रश्नों का उचित समाधान पाते हुए विभाग के इस कदम की बहुत- बहुत प्रशंसा की ।

छोटे बिजनेस के लिए कैसे होता है GST रजिस्ट्रेशन, किन-किन कागजातों की होगी जरूरत

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का टर्नओवर अगर 40 लाख से ज्यादा है तो रजिस्ट्रेशन जरूरी है. सर्विस सेक्टर के लिए टर्नओवर 20 लाख रुपये निर्धारित है. इसी लिमिट में ई-कॉमर्स को भी रखा गया है. उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए 10 लाख रुपये टर्नओवर की सीमा रखी गई है.

छोटे बिजनेस के लिए कैसे होता है GST रजिस्ट्रेशन, किन-किन कागजातों की होगी जरूरत

TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh

Updated on: Jun 29, 2022 | 6:30 AM

बिजनेस व्यापारियों को जीएसटी से लाभ के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन (GST Registration) का एक खास नियम है. इस नियम के तहत बिजनेस करने वाले व्यक्ति को जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेना होता है. बिना रजिस्ट्रेशन कराए अगर बिजनेस करते हैं तो फंसने की संभावना होती है. जीएसटी अधिकारी आपको पकड़ सकते हैं व्यापारियों को जीएसटी से लाभ और सवाल-जवाब कर सकते हैं. इसका अर्थ ये नहीं हुआ कि गली-कूचे में छोटी दुकान चलाने वाले या बिजनेस करने वाले को भी जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. जिन लोगों का सालाना टर्नओवर 40 लाख रुपये से अधिक होता है, उनके लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराकर GSTIN लेना जरूरी होता है. कुछ राज्यों में टर्नओवर की यह सीमा 20 लाख रुपये से अधिक है. इसलिए, अगर आप इस टर्नओवर के दायरे में आते हैं, तो आपको जीएसटी का रजिस्ट्रेशन कराना होगा.

जीएसटी का रजिस्ट्रेशन आप खुद भी कर सकते हैं और यह काम पूरी तरह से ऑनलाइन होता है. इसके लिए आपको https://www.gst.gov.in/ वेबसाइट पर जाना होगा. इस वेबसाइट के होमपेज पर https://www.gst.gov.in/help/enrollmentwithgst पर क्लिक करें तो आपको रजिस्ट्रेशन की पूरी जानकारी मिलेगी. यहां से आप अपने बिजनेस के लिए आसानी से रजिस्ट्रेशन कर पाएंगे. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का टर्नओवर अगर 40 लाख से ज्यादा है तो रजिस्ट्रेशन जरूरी है. सर्विस सेक्टर के लिए टर्नओवर 20 लाख रुपये निर्धारित है. इसी लिमिट में ई-कॉमर्स को भी रखा गया है. उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए 10 लाख रुपये टर्नओवर की सीमा रखी गई है.

रजिस्ट्रेशन के लिए कागजातों की जरूरत

  • मालिक (मालिकों) की पासपोर्ट आकार की तस्वीरें
  • कंपनी का पैन कार्ड
  • पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पासपोर्ट, या ड्राइविंग लाइसेंस)
  • एलएलपी, ओपीसी और प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के लिए एसोसिएशन का प्रमाण पत्र
  • बैंक विवरण (बैंक विवरण, पासबुक, या रद्द किए गए चेक)
  • यदि यह एक पार्टनरशिप फर्म है तो पार्टनरशिप डीड

छोटे बिजनेस का रजिस्ट्रेशन कैसे करें

अगर आप कोई छोटा बिजनेस चलाते हैं और ऊपर बताए गए टर्नओवर में आते हैं तो आपको जीएसटी का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा. इसके लिए ऊपर बताए गए सभी कागजात अपने पास रखें और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर दें. इसके लिए आप जीएसटी के पोर्टल https://www.gst.gov.in/ पर जाएं और वहां बताए गए स्टेप को फॉलो करें. यहां सबसे पहले आपको खुद का रजिस्ट्रेशन करना होगा. उसके बाद अपनी पर्सनल जानकारी जैसे कि बिजनेस डिटेल, एचएसएन कोड या एसएसी के साथ माल और सेवा की जानकारी, बैंक की डिटेल दर्ज करनी होगी.

अगर आपकी दी गई जानकारी सही है औऱ उसमें कोई खामी नहीं है तो कुछ ही देर में आपको जीएसटी नंबर मिल जाएगा. यही नंबर आपके जीएसटी रजिस्ट्रेशन का नंबर होगा. आप दुकानदारों के बोर्ड पर या बिल पर अकसर GSTIN लिखा देखते हैं. यही नंबर जीएसटी नंबर कहलाता है.

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क्यों जरूरी है जीएसटी रजिस्ट्रेशन

जीएसटी ने पहले के तमाम टैक्स की जगह ली है. पहले अलग-अलग प्रकार के टैक्स लगते थे जिन्हें जीएसटी में समेट दिया गया है. अगर आपका सालान टर्नओवर 40 लाख, कुछ स्थिति में 20 लाख से अधिक है तो आप जीएसटी की नजर में टैक्सपेयर हैं. इसके लिए आपको अपने बिजनेस में टैक्स चुकाना पड़ता है. इस टैक्स को चुकाने के लिए ही रजिस्ट्रेशन कराना होता है. अगर बिना रजिस्ट्रेशन आप बिजनेस करते हैं तो यह अपराध की श्रेणी में आएगा. अगर आप पकड़े गए तो भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है.

GST: छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत; दोगुनी हुई जीएसटी छूट की लिमिट, जानिए पूरी डिटेल

कम्पोजिशन स्कीम की सीमा बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दी है. नई कम्पोजिशन स्कीम 1 अप्रैल 2019 से लागू हो जाएगी.

GST: छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत; दोगुनी हुई जीएसटी छूट की लिमिट, जानिए पूरी डिटेल

कम्पोजिशन स्कीम की सीमा बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दी है. नई कम्पोजिशन स्कीम 1 अप्रैल 2019 से लागू हो जाएगी. (Image: Reuters)

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल की गुरुवार को हुई बैठक में छोटे कारोबारियों के लिए हित में बड़ा फैसला हुआ. कांउसिल ने जीएसटी से छूट का दायरा बढ़ाकर 40 लाख रुपये सालाना कर दिया है. अभी यह लिमिट 20 रुपये थी. इसका मतलब यह कि अब 40 लाख टर्नओवर वाले जीएसटी के दायरे में आएंगे. छोटे राज्यों के लिए यह 10 लाख से बढ़कर 20 लाख रुपये हो गई है. इस कारण कई छोटे कारोबारी जीएसटी के दायरे से बाहर हो जाएंगे. इन छोटे कारोबारियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन का झंझट नहीं रहेगा. वहीं, कम्पोजिशन स्कीम की सीमा बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दी है. नई कम्पोजिशन स्कीम 1 अप्रैल 2019 से लागू हो जाएगी.

जीएसटी काउंसिल की 32वीं मीटिंग में हुई फैसले की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कम्पोजिशन स्कीम में बदलाव 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी, अब 1.5 करोड़ तक सालाना टर्नओवर वाले कारोबारी कम्पोजिशन स्कीम का फायदा उठा सकते हैं.

जेटली ने बताया कि कम्पोजिशन स्कीम का लाभ लेने वाले कारोबारियों के लिए रिटर्न फाइल करना भी आसान बनाया गया है. अब कम्पोजिशन स्कीम के तहत साल में एक बार रिटर्न फाइल करना होगा. इसका मतलब यह है कि 1 अप्रैल 2019 से इन कारोबारियों को साल में एक ही रिटर्न फाइल करना होगा. हालांकि इन छोटे कारोबारियों को तिमाही आधार पर टैक्स भरना होगा. पहले कम्पोजिशन स्कीम का लाभ लेने वाले कारोबारियों को तिमाही रिटर्न भी फाइल करना पड़ता था.

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जेटली ने बताया कि सर्विसेज के लिए कम्पोजिशन स्कीम की लिमिट 50 लाख रुपये कर दी गई है. इन पर 6 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा. जीएसटी काउंसिल ने केरल को 2 साल के लिए 1 फीसदी आपदा सेस लगाने की मंजूरी भी दे दी है. बता दें, जीएसटी कम्पोजिशन स्कीम के तहत कारोबारियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन से छूट मिलती है.

रेवेन्यू बढ़ेगा तो रेट कट पर होगा विचार

जीएसटी काउंसिल की 32वीं मीटिंग में कई चीजों पर जीएसटी रेट कम होने की संभावना थी, जिन पर फिलहाल फैसला नहीं हुआ. इस बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी से रेवेन्यू बढ़ने की स्थिति में ही आने वाले दिनों में जीएसटी रेट कटौती का फैसला होगा.

GST थ्रेशहोल्ड लिमिट 40 लाख

छोटे और मझोले कारोबारियों को एक और राहत मिली है. जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी थ्रेशहोल्ड लिमिट बड़े शहरों के लिए 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख कर दी है. हालांकि, छोटे शहरों के लिए यह लिमिट 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये सालाना है. थ्रेशहोल्ड लिमिट का मतलब यह है कि अब शहरों में 40 लाख तक सालाना टर्नओवर वाले कारोबारी जीएसटी से छूट मिलेगी. बता दें, एमएसएमई की समस्याओं का अध्ययन करने के लिए गठित मंत्री समूह की रिपोर्ट जीएसटी व्यापारियों को जीएसटी से लाभ काउंसिल में पेश की गई थी.

अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैट, लॉटरी पर मंत्री समूह

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैट और मकान पर जीएसटी की दर घटाने का फैसला टाल दिया गया है. इसके लिए कमेटी बनाई गई है. जीएसटी काउंसिल में रीयल एस्टेट और लॉटरी पर जीएसटी को लेकर मतभेद सामने आने के बाद इसपर विचार करने के लिए लिये मंत्रियों का समूह बनाया गया है.

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