दोहरी विनिमय दर

Last updated on Sep 21, 2022
दोहरी विनिमय दर
युरोपमधील विदेशी चलनांच्या तुलनेत युरोचे विनिमय दर वरील टेबलमध्ये दर्शविले आहेत. मागील विनिमय दरांच्या आधारावर आपण एका युरोने विकत घेऊ शकत असलेल्या विदेशी चलनांची संख्या विनिमय दर स्थंभामध्ये दाखवली आहे.
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स्थिर दोहरी विनिमय दर विनिमय दर का सार क्या है?
इसे सुनेंरोकें9.2.2 स्थिर विनिमय दर एक स्थिर विनिमय दर प्रणाली, ऐसी एक मुद्रा प्रणाली है जिसमें सरकारें अपनी मुद्रा के मूल्य को बनाए रखने की कोशिश करती हैं जो एक विशिष्ट मुद्रा या वस्तु के लिए होती है ।
कैसे संतुलन लचीला विनिमय दर प्रणाली के तहत निर्धारित किया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंलचीले विनिमय दर की परिभाषा इस प्रणाली में, मुद्रा की कीमत अन्य मुद्राओं के मुकाबले बाजार निर्धारित होती है, अर्थात किसी विशेष मुद्रा की मांग जितनी अधिक होती है, उतनी ही इसकी विनिमय दर और मांग कम होती है, अन्य मुद्राओं की तुलना में मुद्रा का मूल्य कम होता है।
स्थिर एवं लोचदार विनिमय दर में क्या अंतर है समझाइए?
इसे सुनेंरोकें1) स्थिर विनिमय दर ऐसी विनिमय दर है जिसे देश के मौद्रिक अधिकारी निर्धारित करते हैं जबकि लोचशील विनिमय दर विदेशी विनिमय की मांग तथा पूर्ति द्वारा निर्धारित होती है।
विनिमय दरों के उतार चढ़ाव के क्या कारण है?
इसे सुनेंरोकेंयदि किसी राष्ट्र के पास स्थिर मुद्रा नहीं है, तो मुद्रा के मूल्यह्रास द्वारा जारी विनिमय घाटे के कारण निवेशक अनिच्छुक होंगे। मुद्रास्फीति – उन देशों में, जो पर्याप्त आयातक हैं, एक अवमूल्यन मुद्रा के परिणामस्वरूप मुद्रास्फीति हो सकती है। घरेलू मुद्रा के मूल्य में गिरावट से आयातित उत्पादों की कीमत अधिक हो सकती है।
लोचदार विनिमय दर से क्या तात्पर्य है?
इसे सुनेंरोकेंव्यापारी हुंडी के अतिरिक्त एक और दूसरी तरह की हुंडियों का उपयोग किया जाता है जिन्हें ‘रोजगारी हुंडी’ कहते हैं। इसके अतिरिक्त यात्री हुंडी, सरकारी हुंडी और बैंकों द्वारा जारी की गई हुंडियों का उपयोग भी विदेशी व्यापारिक लेन देन चुकाने में होता है। उपर्युक्त लेन देन जिस दर पर चुकाया जाता है उसे विनिमय दर दोहरी विनिमय दर कहते हैं।
विनिमय दर क्या है या अनुकूल या प्रतिकूल कैसे होता है?
इसे सुनेंरोकेंप्रतिकूल यदि देश का आयात उसके निर्यात से अधिक है, तो यह है कि आयात का मूल्य निर्यात के मूल्य से अधिक है, यह व्यापार के प्रतिकूल संतुलन पर निर्भर करता है। प्रतिकूल यदि आयात और दोहरी विनिमय दर निर्यात से अधिक यह व्यापार घाटे की मात्रा है।
नम्य विनिमय दर क्या है?
इसे सुनेंरोकेंAnswer. नम्य प्रणाली में केंद्रीय बैंक नियमों के सरल समुच्चय को अपनाते है | नम्य विनिमय दर के अंतर्गत विदेशी मुद्रा के रूप में देश की करेंसी की कीमत में कमी। यह विनिमय दरों में दोहरी विनिमय दर वृद्धि के अनुरूप होती है।
विदेशी विनिमय दर से आप क्या समझते हैं इसका निर्धारण कैसे होता है?
इसे सुनेंरोकेंदूसरे शब्दों में, विदेशी विनिमय दर यह बताती है कि किसी देश की मुद्रा की एक इकाई के बदले में दूसरे देश की मुद्रा की कितनी इकाइयाँ मिल सकती हैं। क्राउथर के अनुसार-“विनिमय दर एक देश की इकाई मुद्रा के बदले में दूसरे देश की मुद्रा मिलने वाली इकाइयों की माप है।”
विदेशी विनिमय दर से आप क्या समझते हैं इसका निर्धारण किस प्रकार होता है?
इसे सुनेंरोकेंविदेशी विनिमय की मांग उधार पक्ष द्वारा जबकि उसकी पूर्ति भुगतान शेष के जमा पक्ष द्वारा की जाती है और जहां विदेशी विनिमय की मांग उसके पूर्ति के बराबर होती है वहीं विनिमय दर निर्धारित होती है। यह विधि विनिमय दर निर्धारण की आधुनिक विधि कहलाती है।
बेचने व खरीदने की प्रचलित दर को क्या कहते है?
इसे सुनेंरोकेंएक देश की मुद्रा की किसी अन्य देश की मुद्रा के रूप में कीमत को दोहरी विनिमय दर विदेशी विनिमय दर अथवा सरल रूप में विनिमय दर कहते हैं।
भारत में कौन सी विनिमय दर अपनाई जाती है?
इसे सुनेंरोकेंइस प्रणाली के अंतर्गत एक दोहरी विनिमय दर तय की गई थी, जिसके तहत विदेशी मुद्रा की विनिमय दर का 40 प्रतिशत आधिकारिक व शेष 60 फीसदी बाजार द्वारा निर्धारित दर से परिवर्तित किया गया।
विदेशी विनिमय दर को कौन सी दर कहते हैं?
इसे सुनेंरोकेंसेयर्स के अनुसार- “चलन मुद्राओं की एक-दूसरे में बतायी गयी कीमतों को विदेशी विनिमय दर कहा जाता है।” प्रो. क्राउथर के शब्दों में- “विनिमय दर यह माप करती है कि विदेशी विनिमय बाज़ार में चलन मुद्रा की एक इकाई के बदले में किसी दूसरे देश की चलन मुद्रा की कितनी इकाइयाँ प्राप्त होती है।”
विनिमय नियंत्रण का क्या उद्देश्य होता है?
इसे सुनेंरोकेंपूँजी के बर्हिगमन को रोकने के लिए- यदि पूँजी को, अचानक ही एक देश से दूसरे देशों में, विशाल मात्राओं में, जाने की छूट दी जाय, तो इससे उस देश के स्वर्ण व विदेशी- विनिमय-कोष एक बहुत ही अल्पकाल में खत्म हो जायेंगे। अत: ऐसे आवागमनों को विनिमय- नियन्त्रण द्वारा रोकना आवश्यक है।
मुद्रा की माँग के कौन से मत हैं?
इसे सुनेंरोकेंइसमें मार्शल, पीगू रोबर्टसन तथा केन्ज आदि को शामिल किया जाता है। कैम्ब्रिज सिद्धान्त मुद्रा की मांग को अधिक महत्व प्रदान करता है। इस सिद्धान्त के अनुसार मुद्रा के मूल्य पर मुद्रा की मांग का अधिक प्रभाव पड़ता है दोहरी विनिमय दर क्योंकि मुद्रा की पूर्ति तो स्थिर रहती है। इस सिद्धान्त को हम मुद्रा की मांग सिद्धान्त भी कह सकते है।
उदारीकृत दोहरी विनिमय दर विनिमय दर प्रबंधन प्रणाली (एलईआरएमएस) _____ में स्थापित की गई थी।
Key Points
- भारत सरकार ने मार्च 1992 में उदारीकृत विनिमय दर प्रबंधन प्रणाली (एलईआरएमएस) की शुरुआत की।
- नई प्रणाली की घोषणा मनमोहन सिंह ने 1992 के बजट में और मार्च की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा की थी।
- बाजार-निर्धारित विनिमय दर प्रणाली में संक्रमण को सक्षम करने के लिए यह प्रारंभिक कदम था।
- इसने निर्यातकों के लिए अपनी आय या कमाई का 60 दोहरी विनिमय दर प्रतिशत बाजार दर पर वसूल करने का रास्ता खोल दिया, जबकि बाकी को आधिकारिक दर पर आत्मसमर्पण कर दिया।
- दूसरे शब्दों में, भारत एक निश्चित से दोहरी विनिमय दर प्रणाली में चला गया।
- आधिकारिक दर पर समर्पण की गई विदेशी मुद्रा को पेट्रोलियम, उर्वरक और जीवन रक्षक दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं या उत्पादों के आयात के लिए उपलब्ध कराया गया था।