कॉपी ट्रेडिंग के जरिए पैसा कमाना

पार्श्वनाथ डेवलपर्स: 10% रिटर्न यूं ही
जहां सारे कुएं में भांग पड़ी हो, वहां समझदारी की बात करना बेवकूफी है। हमारे शेयर बाजार का यही हाल है। ऑपरेटर, म्यूचुअल फंड और एफआईआई अंदर की खबरों पर काम करते हैं। बाजार इतना छिछला व छिछोरा है कि इनकी खरीद की खबर भी अंदर की खबर बन जाती है। खिलाड़ी लोग इन्हीं खबरों के आधार पर खेल करते हैं। कुछ हैं जो इन्हें कहीं न कहीं फुसफुसा देते हैं। ऐसे लोग गिने-चुने हैं। कुछ हैं जो जानते है कुछ और, और बताते कुछ और हैं। ऐसे लोगों की बहुतायत है। कुछ हैं जो चुपचाप अपना खेल किए चले जाते हैं। ऐसे लोग भी काफी हैं। बाजार को बढ़ना है, आम निवेशकों को भारत की विकासगाथा में भागीदार बनाना है तो इस स्थिति को तोड़ना पड़ेगा। लेकिन जब तक ऐसा नहीं होता, तब तक? तब तक धारा के साथ बहते हुए मछलियां पकड़नी पड़ेंगी। आप कहेंगे कि भालू तो धारा में उल्टा खड़ा होकर मछली पकड़ता है तो मैं कहूंगा कि उपमा पर नहीं, बात पर जाइए, मछली पकड़िए।
ऐसी ही एक ताजा मछली है पार्श्वनाथ डेवलपर्स। इसमें निवेश पर महीने-दस दिन में ही 10 फीसदी रिटर्न मिल सकता है। कारण मत पूछिए क्योंकि मैं बता नहीं सकता। किसी खेल की भनक लगी है तो बता रहा हूं। फिर भी शेयर बाजार में पक्का कुछ नहीं होता। बहता पानी, रमता जोगी। कहां टिकेगा, क्या पता। इसीलिए मेरी सलाह है कि हमेशा स्टॉप लॉस लगाकर चलें। लगे कि ज्यादा नुकसान हो सकता है तो बेचकर थोड़ा घाटा सह लिया।
यूं ही चलते-चलते बता हूं कि कैश सेगमेंट के निवेश में स्टॉप लॉस और स्टॉप प्रॉफिट नाम की दो धारणाए हैं। अगर कोई शेयर आपके खरीद मूल्य से 25 फीसदी नीचे चला जाए तो उससे फटाफट बेचकर निकल लेना चाहिए। इसे स्टॉप लॉस कहते हैं। अगर कोई शेयर खरीद मूल्य से 50 फीसदी तक बढ़ गया और अचानक गिरना शुरू करता है तो उसके वहां से 25 फीसदी गिरते ही बेचकर नमस्कार कर देना चाहिए। इसे स्टॉप प्रॉफिट कहते हैं।
बात पार्श्वनाथ डेवलपर्स की। इसका शेयर (बीएसई कॉपी ट्रेडिंग के जरिए पैसा कमाना – 532780, एनएसई – PARSVNATH) पिछले एक महीने में 30 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुका है। 12 अगस्त को इसका पांच रुपए अंकित मूल्य का शेयर 45.55 रुपए पर बंद हुआ था। कल, 12 सितंबर को इसका बंद भाव 59.50 रुपए रहा है। इस बीच ऊपर में यह 60.85 रुपए तक गया है। इस समय एसपी तुलसियान अपनी पीठ थपथपा रहे होंगे क्योंकि 2 सितंबर को जब यह शेयर 54.10 रुपए पर था, तब उन्होंने इसके 60 रुपए तक जाने की बात कही थी। कोई तुलसियान जी से यह तो पूछे कि गुरु! इस इलहाम का स्रोत क्या था? खैर, वे अपना ट्रेड सीक्रेट किसी को नहीं बताएंगे।
हमारी जानकारी के मुताबिक यह शेयर यहां से 65-66 रुपए तक जा सकता है। इसमें ज्यादा से ज्यादा एक महीने का वक्त लग सकता है। हो सकता है कि ऐसा जल्दी भी हो जाए। अगले कुछ दिनों में हो जाए। इसके पीछे कोई फंडामेंटल का तड़का नहीं है। सीधे-सीधे बाजार की मौजूदा विकृत शक्तियां का खेल है। फंडामेंटल के आधार पर देखें तो पिछले तीन सालों में पार्श्वनाथ डेवलपर्स की बिक्री 25.50 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) से घटी है, जबकि शुद्ध लाभ में इस गिरावट की दर 45.27 फीसदी है। कंपनी का रिटर्न ऑन इक्विटी 2.72 फीसदी है। इससे ज्यादा रिटर्न तो बैंक के बचत खाते पर मिल जाता!
कंपनी की 217.59 करोड़ रुपए की इक्विटी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 68.21 फीसदी है जिसका 86.47 फीसदी (कंपनी की कुल इक्विटी का 58.98 फीसदी) उन्होंने गिरवी रखा हुआ है। जून 2011 की तिमाही में स्टैंड-एलोन आधार उसकी बिक्री 8.16 फीसदी घटकर 155.62 करोड़ रुपए पर आ गई। लेकिन अन्य आय, डेप्रिसिएशन व कंस्ट्रक्शन की कम लागत जैसे करतबों से उसका शुद्ध लाभ 93.13 फीसदी बढ़कर 20.51 करोड़ रुपए हो गया। वहीं कंसोलिडेटेड नतीजों के आधार पर कंपनी की बिक्री 23.35 फीसदी घटकर 193.77 करोड़ और शुद्ध लाभ 19.02 फीसदी घटकर 25.77 करोड़ रुपए पर आ गया है।
स्टैंड एलोन आधार पर कंपनी का ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 1.96 रुपए है और इसका शेयर फिलहाल 30.36 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। इतना ऊंचा पी/ई तो उसका पिछले साल 29 सितंबर 2010 को भी नहीं था जब उसने 74.73 रुपए पर 52 हफ्तों का शिखर बनाया था। जाहिर है, फंडामेंटल को देखते हुए हर लिहाज से पार्श्वनाथ डेवलपर्स का शेयर बहुत ही महंगा और घटिया स्तर का है। लेकिन कंपनी को 2000 करोड़ रुपए अपने मौजूदा शेयरधारकों के बजाय क्यूआईपी (क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशन प्लेसमेंट) के जरिए बड़े निवेशकों से 2000 करोड़ रुपए जुटाने हैं और 24 सितंबर की एजीएम में वह इस पर शेयरधारकों की मोहर लगवाना चाहती है तो माहौल बनाए हुए है। हम भी चाहें तो इस माहौल का थोड़ा फायदा उठा सकते हैं। बाकी, शेयर बाजार के निवेश में जोखिम है, यह ध्रुवसत्य हमें एक पल के लिए भी नहीं भूलना चाहिए।
आपको फर्जी शेयर टिप्स देकर इस परिवार ने करोड़ों का मुनाफा कैसे पीट लिया?
पिछले दिनों शेयर मार्केट में भारी उतार-चढ़ाव के दौरान जब आप सोशल मीडिया से मिले शेयर टिप्स पर अपने पैसे गंवा रहे थे, उस दौरान एक ही परिवार के 6 लोगों ने उसी पैसे से करीब 2.84 करोड़ रुपये का मुनाफा पीट लिया. शेयर मार्केट रेग्युलेटर सेबी (Securities and Exchange Board of India-Sebi) ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म टेलीग्राम के चैनल 'Bullrun2017' और कई अन्य एंटिटीज के खिलाफ डेढ़ महीने पहले छेड़ी गई मुहिम के बाद अब फैसला सुनाया है. उसने चैनल से जुड़े 6 लोगों को शेयर मार्केट से बाहर करते हुए किसी भी तरह की खरीद-बिक्री करने-कराने पर रोक लगा दी है.
गुजरात के ये सभी लोग एक ही परिवार के हैं. सेबी ने 26 पेज के फैसले में इस ठगी के जो तौर-तरीके जाहिर किए हैं, वो आम निवेशकों की आंखें खोलने वाले हैं. इसमें बताया गया है कि कैसे ये लोग पहले किसी शेयर में पैसा लगाते थे. उसके बाद अपने चैनल के जरिए लोगों को वो स्टॉक खरीदने की सलाह देते थे. फिर जैसे ही उसके दाम बढ़ते, ये पहले से खरीदकर रखे अपने शेयर ऊंचे भाव पर बेचकर निकल जाते थे. इसके अलावा सेबी ने छोटे निवेशकों को एक ही दिन में झटपट मुनाफा दिलाने का दावा करने वाले इंटरमीडियरीज या ट्रेडिंग फर्मों से भी सावधान रहने की हिदायत दी है.
क्या है Bullrun2017?
सेबी की जांच रिपोर्ट के मुताबिक ये सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म टेलीग्राम पर बनाया गया एक चैनल था. इसे हिमांशु पटेल, उसके भाई राज पटेल और पिता महेंद्र पटेल ऑपरेट करते थे. इसका इस्तेमाल शेयर टिप्स देने के लिए किया जाता था. एक समय इस चैनल के हजारों फॉलोवर्स हो गए थे और इसके टिप्स पर निवेश भी करते थे. हिमांशु पटेल ने टिप्स और कमाई के इस धोखाधड़ी वाले धंधे में पिता और भाई के अलावा अपनी मां, बहन और बेटे को भी शामिल कर रखा था.
इन सभी के नामों से अलग-अलग ट्रेडिंग अकाउंट और मोबाइल नंबर पाए गए हैं. कई कॉपी ट्रेडिंग के जरिए पैसा कमाकॉपी ट्रेडिंग के जरिए पैसा कमाना ना निवेशकों की शिकायत के बाद सेबी ने बीती 30 नवंबर को गुजरात के कई शहरों में छापेमारी की थी. इस दौरान बहुत से ऐसे संदिग्ध लोग भी पकड़े गए जो यूट्यूब चैनल और व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिए लोगों को किसी स्टॉक विशेष में निवेश की सलाह देते थे.
कुछ समय पहले शेयर टिप्स का धंधा एसएमएस पर भी फल-फूल रहा था. लेकिन सेबी ने ट्राई के साथ कॉपी ट्रेडिंग के जरिए पैसा कमाना मिलकर ऐसे एसएमएस पर रोक लगानी शुरू की तो इन लोगों ने नए प्लैटफॉर्म का सहारा लेना शुरू कर दिया.
सेबी के फैसले की एक कॉपी (फोटो-सेबी)
कैसे छले गए लोग?
इस चैनल पर किसी कॉपी ट्रेडिंग के जरिए पैसा कमाना शेयर विशेष को खरीदने के टिप्स दिए जाने के तुरंत बाद परिवार के सभी छह सदस्यों के अलग-अलग ट्रेडिंग अकाउंट से उन शेयरों में बड़ी रकम लगा दी जाती. थोड़ी देर बाद उनके दाम अचानक बढ़ने लगते. इसे देख चैनल से जुड़े लोग और अन्य निवेशक भी थोड़ा बहुत निवेश करने लगते. जैसे ही शेयर के दाम और ऊंचे जाते, हजारों अन्य लोगों को लगता कि वे कमाई का बड़ा मौका चूकने वाले हैं. फिर वो भी पैसे लगाने लगते. इस तरह कुछ दिनों के भीतर ही शेयर में अच्छी खासी तेजी दर्ज हो जाती.
इसी वक्त परिवार के सभी खातों से खरीदे गए शेयर बेच दिए जाते. पटेल परिवार बड़ी कमाई कर लेता और शेयर की कीमत धड़ाम हो जाती. एक दो दिन में वो स्टॉक गर्त में पहुंच जाता. इस तरह ये परिवार आए दिन लाखों रुपये कमाने लगा, जबकि इनके टिप्स पर निवेश करने वालों को जबर्दस्त चपत लगती. एक बार धोखा खाए लोग चैनल से मुंह फेर भी लेते, तो नए निवेशक आ फंसते.
कई बार पटेल परिवार कुछ शेयरों में इस कदर प्राइस हाइक कराता कि लोगों को ऐसी किसी साजिश की भनक तक न लगती. मसलन, जब चैनल पर नुकसान झेलने वाले निवेशकों की शिकायतें आतीं, उसी दौरान चैनल पर किसी शेयर के लिए 'बाय' टिप्स दे दी जाती. पटेल भी उसमें पैसे लगाता. आम निवेशक भी लगाते. फिर चैनल पर मुनाफा काटकर निकल जाने यानी बेच देने की सलाह दी जाती. फिर पटेल परिवार अपने हिस्से का भारी स्टॉक बेचता. शेयर के दाम गिर जाते. इससे परिवार को कोई खास नुकसान नहीं होता, लेकिन जो लोग उसके टिप्स पर बेचकर निकल गए होते, उनका भरोसा चैनल में बढ़ जाता.
ऐसे लोग चैनल के फेवर में कमेंट भी करते. उसकी विश्वसनीयता बढ़ाते. फिर किसी दिन सैकड़ों लोगों को बड़ी चपत लगा परिवार मोटी कमाई कर लेता. इसी तरह की उठा-पटक में पटेल परिवार कॉपी ट्रेडिंग के जरिए पैसा कमाना ने 10 महीने के भीतर ही 2.84 करोड़ रुपये कमा लिए. अब सेबी ने इन लोगों के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज कर पूरी रकम उन्हीं से वसूलने का आदेश दिया है.
पटेल परिवार की धोखाधड़ी का लेखाजोखा ( फोटो :सेबी)
नहीं था सेबी का रजिस्ट्रेशन
पब्लिक में किसी भी तरह की स्टॉक या इनवेस्टमेंट एडवाइस देने के लिए सेबी के तहत रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. सेबी ने अपने फैसले में कहा है कि पटेल या उसके परिवार के किसी सदस्य के पास सेबी का एनालिस्ट या एडवाइजरी रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं था. ना ही स्टॉक मार्केट इंटरमीडियरीज का कोई तजुर्बा या लाइसेंस था. ऐसे में मास लेवल पर उनका एडवाइस देना तो गलत था ही, लोगों को गुमराह करने और धोखाधड़ी से आर्थिक नुकसान पहुंचाने का आरोप भी बनता है.
सेबी ने मान्यता प्राप्त एडवाइजर्स की लिस्ट अपनी साइट पर लगा रखी है. उसका कहना है कि अगर कोई बड़े पैमाने पर या मीडिया के जरिए शेयर एडवाइस दे रहा है तो सबसे पहले उसका नाम और रजिस्ट्रेशन नंबर सेबी की साइट पर चेक कर लीजिए. लेकिन दूसरी तरफ जानकार ये भी बताते हैं कि बड़े पैमाने पर सेबी रजिस्टर्ड एडवाइजर्स भी सोशल मीडिया में अपने नंबरों की नुमाइश कर चैनल चला रहे हैं. इनमें से कइयों के रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस एक्सपायर हो चुके हैं. मार्केट जानकार ये भी बताते हैं कि किसी की बात सिर्फ इसलिए भी नहीं मान लेनी चाहिए कि वो सेबी का रजिस्टर्ड एडवाइजर है. किसी भी स्टॉक या इंस्ट्रूमेंट में निवेश से पहले कुछ बुनियादी वित्तीय बातों का ख्याल रखना जरूरी है.
वीडियो- कमाई की झूठी गारंटी देने वाले एल्गो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर नकेल कसने की तैयारी में SEBI
डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों की खरीद और बिक्री कैसे की जाती है?
शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट (खातों) की जरूरत होती है. ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट.
- Connect@ Money9.com
- Updated On - July 28, 2022 / 10:41 AM IST
शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट (खातों) की जरूरत होती है. ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट. हर अकाउंट का अपना एक अलग काम होता है, लेकिन ट्रांजैक्शन (लेन-देन) को पूरा करने के लिए तीनों एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए ये तीन अकाउंट होने चाहिए.
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है. जैसे एक सेविंग अकाउंट (बचत खाता) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है, वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है. डीमैट अकाउंट या डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट इलेक्ट्रॉनिक रूप में शेयरों और सिक्योरिटीज को रखने की सुविधा देता है. ये अकाउंट फिजिकल शेयरों को डीमैट रूप में स्टोर (संग्रहित) करते हैं. फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया (प्रोसेस) को डिमैटेरियलाइजेशन कहा जाता है. जब भी ट्रेडिंग की जाती है तो इन शेयरों को डीमैट अकाउंट में क्रेडिट या डेबिट किया जाता है.
डीमैट अकाउंट के प्रकार (टाइप)
डीमैट अकाउंट खोलते समय निवेशकों को अपने प्रोफाइल के मुताबिक डीमैट अकाउंट का चुनाव काफी सावधानी से करना चाहिए. कोई भी भारतीय मिनटों में ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोल सकता है. निवेशक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के साथ डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं. 5पैसा https://bit.ly/3RreGqO एक ऐसा ही कॉपी ट्रेडिंग के जरिए पैसा कमाना प्लेटफॉर्म है जहां आप आसानी से अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं और ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. डीमैट अकाउंट चार तरह के होते हैं.
1)- रेगुलर डीमैट अकाउंट
एक रेगुलर डीमैट अकाउंट भारतीय निवासी निवेशकों के लिए होता है जो केवल शेयर खरीदना और बेचना चाहते हैं और सिक्योरिटीज को जमा (डिपॉजिट) करना चाहते हैं. जब आप शेयर बेचते हैं तो शेयर अकाउंट से डेबिट हो जाते हैं. इसी तरह जब आप शेयर खरीदते हैं तो वो आपके अकाउंट में क्रेडिट हो जाते हैं. यदि आप फ्यूचर एंड ऑप्शन में ट्रेडिंग कर रहे हैं तो डीमैट अकाउंट की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस तरह की डील के लिए स्टोरेज की कोई जरूरत नहीं होती है.
2)- बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट
यह एक नए तरह का डीमैट अकाउंट है, जिसे बाजार नियामक (मार्केट रेगुलेटर) सेबी ने पेश किया है. छोटे निवेशकों को ध्यान में रखते हुए यह अकाउंट शुरू किया गया है. 50,000 रुपये से कम के स्टॉक और बॉन्ड रखने के लिए कोई मेंटेनेंस चार्ज (रखरखाव शुल्क) नहीं देना होगा. 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये तक की सिक्योरिटी रखने पर सिर्फ 100 रुपये का चार्ज लगता है.
3)- प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Repatriable Demat Account)
प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता NRI (अनिवासी भारतीयों) के लिए है. इसके जरिए वे भारतीय बाजार में निवेश कर सकते हैं और विदेशों में भी पैसा भेज सकते हैं. हालांकि फंड ट्रांसफर करने के लिए डीमैट खाते को NRI (Non-Resident External) खाते से जोड़ा जाना चाहिए.
4)- गैर प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Non-repatriable Demat Account)
अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिए एक गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता भी है. हालांकि इस खाते के जरिए विदेश में पैसा ट्रांसफर नहीं किया कॉपी ट्रेडिंग के जरिए पैसा कमाना जा सकता है.
डीमैट अकाउंट के फायदे
डीमैट अकाउंट बिना किसी परेशानी के शेयरों को तेजी से ट्रांसफर करने की सुविधा देता है. शेयर या सिक्योरिटीज सर्टिफिकेट एक डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखे जाते हैं. ऐसे में इनके चोरी, जालसाजी और नुकसान की संभावना बहुत कम होती है. ट्रेडिंग एक्टिविटी को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है. डीमैट खातों को कभी भी और कहीं भी एक्सेस किया जा सकता है. बोनस स्टॉक, राइट्स इश्यू, स्प्लिट शेयर अपने आप अकाउंट में जमा हो जाते हैं.
डीमैट अकाउंट कैसे खोलें
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए डीमैट खाता खोलना अनिवार्य है. आप किसी वित्तीय संस्थान या ब्रोकर के माध्यम से डीमैट खाता (अकाउंट) खोल सकते हैं. सबसे पहले आपको इसके लिए एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) चुनना होगा. यह एक वित्तीय संस्थान, ऑथराइज बैंक या ब्रोकर कोई भी हो सकता है. आप उनके साथ एक डीमैट खाता खोल सकते हैं. डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को ब्रोकरेज चार्ज, सालाना चार्ज और लीवरेज के आधार पर चुना जाना चाहिए. DP सिलेक्ट करने के बाद आपको खाता खोलने का फॉर्म, KYC फॉर्म भरना होगा और फिर जमा करना होगा. इसके साथ आपको कुछ डॉक्युमेंट भी देने होंगे.
इनमें पैन कार्ड, रेजिडेंस प्रूफ, आईडी प्रूफ और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं. वेरिफिकेशन प्रोसेस (सत्यापन प्रक्रिया) के लिए ओरिजनल कॉपी (मूल प्रति) अपने पास रखें. इसके अलावा आपको बैंक डिटेल देने के लिए एक कैंसिल चेक (रद्द चेक) जमा करना होगा. इसके बाद आपको एग्रीमेंट साइन करना होगा जिसमें रूल और रेगुलेशन के साथ-साथ आपके अधिकारों के बारे में सभी जानकारी होगी. आपको रूल और रेगुलेशन (नियमों और विनियमों) को ध्यान से पढ़ना चाहिए. आजकल कई प्लेटफॉर्म ऑनलाइन डीमैट खाता खोलने की सुविधा देते हैं. अपने डीमैट की सरल प्रक्रिया को पूरा करने के बाद आप अपना डीमैट खाता खोल सकते हैं.
जैक मा की कंपनी एंट ग्रुप ने किया कमाल, आईपीओ के इतिहास में करते दिखे ये बड़ा काम
जैक मा एक बार फिर से अपनी कंपनी को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। जानिए इस बार कैसे एंट ग्रुप ने सभी का ध्यान अपनी ओर दिलवाया है।
Deepakshi Delhi, 29 October 2020 ( Updated 29, October, 2020 03:25 PM IST ) 2981 8 -->
जैक मा (क्रेडिट- ट्विटर)
जैक मा ने अपनी कंपनी एंट ग्रुप के लिए इतिहास में दुनिया के सबसे बड़े आईपीओ में 34 बिलियन डॉलर से अधिक जुटाने में सफलता हासिल करने को लेकर आज जबरदस्त तरीके से सुर्खियां बंटोरी है। ये वहीं, कंपनी है जिसे सिर्फ 6 साल पहले ही लॉन्च किया गया था। इसी से संबंधित 300 बिलियन डॉलर से अधिक की वेल्यू पर अगले हफ्ते शंघाई और हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग शुरू हो जाएगी।
ट्रेडिशनल बैंकों को एक मंहगे मध्य व्यक्ति के रूप में स्थापित किया जाता है। जहां बैंक हमसे अपना पैसा वसूलने के लिए चार्ज लेते हैं, महंगाई में हमारी बचत कम होने की तुलना में हमें कम ब्याज देते हैं और फिर उसी पैसे को बहुत अधिक ब्याज पर हमें उधार देते हैं। जबकि उस पैसे का उपयोग भी करते हैं निवेश करने और लाभ कमाने के लिए।
लेकिन एंट बैंक बिल्कुल भी ट्रेडिशनल बैंक की तरह काम नहीं करता है। यह 'पैसों के लिए एक अमेज़न' है जो इसे आसान बनाता है। ये ज्यादा मुश्किल नहीं है हमारे लिए समय के एक अंश में लागत पर अपने पैसे कमाने, विनिमय और निवेश करने के लिए। यहीं वजह है कि आज एंट दुनिया की हाईएस्ट वैल्यू फिनटेक कंपनी और दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल प्लेटफॉर्म है वो भी एक बिलियन से अधिक यूजर्स और 80 मिलियन मर्चेंट के साथ।
2004 में पेपल के चीनी संस्करण के रूप में अली पे के रूप में शुरुआत करते हुए जैक मा ने 2010 तक 200 से अधिक चीनी बैंकों के साथ अपने पेमेंट प्लेटफॉर्म को जोड़ा था। जबकि पेपल एक पेमेंट मंच के रूप में ही बना रहा है। जैक के पास कई और विचार थे वह यूजर्स को अपने पैसे से पैसा बनाने के कई तरीके उपलब्ध करा रहे थे वो भी निम्न तरीके:
- Yu’ebao: एंट का इंवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म यूजर्स को सीधे तौर पर मार्किट में अपने पैसे निवेश करने का मौका देता है और वो पहले से ही दुनिया का सबसे बड़ा मनी मार्किट फंड है।
- झिमा क्रेडिट: एंट का क्रिडेट कॉर सिस्टम यूजर्स को उनके भुगतान रिकॉर्ड के आधार पर तुरंत फाइनेंसिंग , उधार, एक घर या कार खरीदने का एक तरीका उपलब्ध करता है। उन 10 मिलियन से अधिक यूजर्स को क्रेडिट मिला है जिन्हें अन्य बैंकों ने उन्हें खराब क्रेडिट स्कोर दिया है।
- मयबैंक: ये एंट का ऑनलाइन बैंक है जोकि कुछ ही मिनटों में लोन अप्रूव करावा देता है। ये पहले से ही कंपनियों को 20 मिलियन का लोन दे चुका है जोकि आसानी से उन्हें नहीं मिलता है।
- एंट फॉर्च्यून: ये एंट का इंवेस्टमेंट सुपरमार्किट है वित्तीय संस्थानों को सभी एंट उपयोगकर्ताओं तक पहुंचने और उन्हें अपने निवेश उत्पादों के साथ चीजे सीखने और सेवा प्रदान करने के लिए ये एक जगह देता है।
- Xiang Hu Bao: एंट काम्यूचल प्रोटेक्शन प्लान उपयोगकर्ताओं को एक केंद्रीय निधि में सभी भुगतान करके अपने स्वयं के बीमा को सुरक्षित करने का एक तरीका देता है। जो निवेश करता है उससे किसी भी तरह का कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता है। पहले छह महीने में 50 मिलियन से अधिक ने इसके लिए हस्ताक्षर किए थे।
- एंटचेन: एंट का ब्लॉकचेन बेस्ड प्लेटफॉर्म जोकि यूजर्स को एक भरोसेमंद नेटवर्क देता है असेस्ट को ट्रांसफर करने के लिए और दूसरे आई को ये डिजिटल कॉपी राइट सर्टिफिकेशन के साथ ऐसा करने की इजाजत देता है।
इसके बाद 2014 में जैक ने अलीपे को एंट ग्रुप के साथ बदला और आज सभी को पता है कि वो किस जगह पर मौजूद है। एंट के तीन प्रसोस हैं- पहला तीन मिनट में लागू होना, दूसरा एक सेकेंड में क्रेडिट डिस्जिन मिलना और जीरो लोगों का इस फैसले में शामिल होना। इसी तरह से अमेज़न ने किसी भी रिटेलर का नेतृत्व नहीं किया है जो पूरी तरह से ग्राहक-केंद्रित व्यवसाय से बाहर जा रहा है। जैसा कि गिल गेट्स ने कहा है कि दुनिया को बैंकिंग की जरूरत है लेकिन उसके लिए बैंक का होना जरूरी नहीं।
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