ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण

धान की तरह ही है तेंदूपत्ता का व्यापार: डीएफओ
नगरी।कुछ माह पश्चात ही तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू होने वाला है जिसकी तैयारी धरातल पर जारी है। 23 फरवरी ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण को धमतरी वनमंडल के द्वारा दुगली सभाहाल में शाखकर्तन, फूड ग्रेड महुआ फूल एवं अग्नि सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न हुआ। प्रबंध संचालक सातोविशा समाजदार ने इस अवसर पर सभा को संबोधित करते कहा कि तेंदूपत्ता व्यापार भी धान के व्यापार जैसा ही है। धान उत्पादन के लिए जिस तरह किसान क्यारी बनाता है, फसल तैयार करने के बाद शासन को विक्रय करता है और कुछ दिनों पश्चात बोनस पाता है ठीक उसी प्रकार शाखकर्तन कार्य को ग्रामीण अपनी कृषि जमीन समझे और तैयारी करे रोजी ना देखे, जितना अच्छा पूर्णिग कार्य होगा उतना ही गुणवत्ता वाला पत्ता प्राप्त होगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला यूनियन अध्यक्ष अकबर कश्यप ने रापा, फावड़ा से ही बूटा कटाई करने पर जोर दिया ग्रामीणों एवं फड़ मुंशियों से ईमानदारी व जवाबदारी से शाखकर्तन कार्य करने की अपील की। जिला यूनियन उपप्रबन्ध संचालक एफआर कोसरिया ने आगामी तेंदूपत्ता सीजन के व्यापार, लक्ष्य, अग्रिम क्रेता ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण के संबंध में जानकारी दी। एसडीओ हरीश पांडे ने शाखकर्तन की महत्ता समझाया।
मास्टर ट्रेनर सुखराम नेताम ने मॉडल और ड्राइंग के माध्यम से बूटा कटाई कब करे, कैसे करे विस्तार ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण से छत्तीसगढ़िया अंदाज में जानकारी दी। श्री नेताम ने बताया कि शाखकर्तन के लिए उपयुक्त औजार फावड़ा है क्यो की इसकी धार 30 सेंटीमीटर होती है जबकि कुल्हाड़ी की 8 से 10 इसलिए कुल्हाड़ी के बजाए फावड़ा से कार्य करने में मेहनत कम लगती है। महुआ फूल, ईमली संग्रहण का विशेष मॉडल भी इन्होंने तैयार किया था। मंच संचालन प्रबंधक सुरेश साहू एवं आभार प्रदर्शन लेखापाल के.नागवंशी ने की।
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) रेलवे भर्ती 2022: 876 अप्रेंटिस पदों के लिए अधिसूचना जारी, करें आवेदन @ pb.icf.gov.in
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) रेलवे भर्ती 2022: इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF), चेन्नई, रेल मंत्रालय ने 876 अप्रेंटिस पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किया है. इन पदों के लिए योग्य उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट - pb.icf.gov.in के माध्यम से 26 जुलाई 2022 तक आवेदन ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण कर सकते हैं। संबंधित ट्रेडों में आईटीआई प्रमाण पत्र के साथ 10 वीं पास करने वाले उम्मीदवारों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है।
आईसीएफ रेलवे भर्ती 2022 के लिए विवरण:
अधिसूचना संख्या- APP/01/2022
आईसीएफ रेलवे भर्ती 2022 के लिए महत्वपूर्ण तिथियां:
आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि: 26 जुलाई 2022
आईसीएफ रेलवे भर्ती 2022 के लिए रिक्ति विवरण:
अपरेंटिस- 876
आईसीएफ रेलवे भर्ती 2022 के लिए पात्रता मानदंड:
शैक्षिक योग्यता:
पूर्व आईटीआई फिटर, इलेक्ट्रीशियन और मशीनिस्ट: उम्मीदवार को दसवीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए (न्यूनतम 50% अंक के साथ) 10 + 2 प्रणाली के तहत विज्ञान और गणित के साथ और राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद सर्टिफिकेट या एक वर्ष और उससे अधिक के व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए राज्य परिषद द्वारा जारी अधिसूचित व्यापार में राष्ट्रीय व्यापार प्रमाण पत्र भी हों या समकक्ष योग्यता.
पदों की शैक्षिक योग्यता के विवरण के लिए अधिसूचना लिंक देखें।
आईसीएफ रेलवे भर्ती 2022 के लिए आयु सीमा: -15 से 24 वर्ष
उम्मीदवार की आयु की गणना 26.07.2022 के आधार पर की जाएगी। ऊपरी आयु सीमा में सरकारी मानदंडों के अनुसार छूट दी गई है।
आईसीएफ रेलवे भर्ती 2022 के लिए आवेदन कैसे करें:
इच्छुक और योग्य उम्मीदवार 26 जुलाई 2022 तक या उससे पहले आधिकारिक वेबसाइट- pb.icf.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
जज्बे को सलाम! आंखों में ओलंपिक पदक जीतने का सपना लिए रोज 735 सीढ़ियां चढ़ती और उतरती हैं सावित्री
Positive News: सावित्री का घर जोन्हा जलप्रपात की दूसरी तरफ है, जबकि तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र अलग दिशा में है. ऐसे में . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : September 21, 2021, 06:43 IST
निरंजन कुमार सिंह
रांची. झारखंड की राजधानी रांची से तकरीबन 40 किलोमीटर दूर स्थित अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध जोन्हा जलप्रपात में कभी भगवान बुद्ध ने स्नान किया था. खुद में अनुपम सौंदर्य और अपार ऊर्जा समेटे इस झरने की श्वेत धवल जलधारा 150 फीट की ऊंचाई से निरंतर प्रवाहित होती रहती है. जलप्रपात की ऊर्जा और शक्ति को 19 साल की तीरंदाज सावित्री कई वर्षों से करीब से महसूस कर रही है. उनका संघर्ष, जुनून और बुलंद इरादे जोन्हा जलप्रपात से किसी भी मायने में कम नहीं है. यहां की सीढ़ियों पर भी सामान्य सी दिखने वाली सावित्री के जज्बे की गहरी और अमिट छाप दिखती है. सावित्री रोजाना तीरंदाजी का अभ्यास करने घर से प्रशिक्षण केंद्र जाने के क्रम में झरने के निचले हिस्से से ऊपर सड़क तक आती हैं. इस क्रम में वह प्रतिदिन तकरीबन 735 सीढ़ियां चढ़ती और उतरती हैं. इस क्रम में वह अपनी साइकिल को सिर और कंधे पर लेकर चलती हैं. शाम को घर वापसी के वक्त भी सीढ़ियां उतरने में यही प्रक्रिया दोहराती हैं.
जोन्हा के पास ही स्थित कोनारडीह गांव की रहनेवाली सावित्री हर दिन झरने से होकर गुजरती हैं. झरने के इस पार सावित्री का गांव है और वहां से तकरीबन 10 किलोमीटर दूर उस पार जोन्हा तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र स्थित है. साइकिल चलाकर झरने की सीढ़ियों को पार नहीं किया जा सकता, इसलिए साइकिल को उठाकर इस सफर को तय करना सावित्री की मजबूरी है. सीढ़ियां चढ़ने के बाद आगे की यात्रा ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण तय करने के लिए वह साइकिल चलाकर जाती हैं.
आपके शहर से (रांची)
Success Story: CA की नौकरी छोड़ 10 हजार से शुरू किया चॉकलेट का स्टार्टअप, ऐसे मिली कामयाबी
Ramgarh में पैतृक गांव Nemra पहुंचे CM Hemant Soren, शहीद सोबरन सोरेन को दी श्रद्धांजलि | Jharkhand
Ranchi Rims की लिफ्ट बनी जानलेवा, दावे मे कितनी है सच्चाई News18 ने किया Realty चेक | Jharkhand News
Jharkhand 20-20 | झारखंड की 20 बड़ी ख़बरें फटाफट अंदाज़ में | 27 November 2022
Jharkhand 20-20 | Jharkhand 20 बड़ी ख़बरें फटफटा अंदाज़ में Jharkhand News | 27 November 2022
Jharkhand 20-20 | Jharkhand 20 बड़ी ख़बरें फटफटा अंदाज़ में Jharkhand News | 27 November 2022
Dhanbad : शहीद मजदूरों के स्तम्भों की चार दिवारी को कर दिया ध्वस्त | Johar Jharkhand | Hindi News
Jamshedpur में ध्वस्त की जायेगी TATA Steal की Chimney | Johar Jharkhand | Latest Hindi News
Pooja Singhal को हॉटवार जेल मे किया गया शिफ्ट, जानिए क्यों उठाना पड़ा ये कदम | MANREGA Scam
Ranchi RIMS में कैसी है लिफ्ट की हालत?, News18 ने की पूरी पड़ताल | Jharkhand Helath System
हजारीबाग में फिल्माया गया है 'खाकी' का यह फेमस सीन, वेब सीरीज में 300 स्थानीय कलाकार आ रहे नजर
क्षमता, आत्मविश्वास, मेहनत और लगन से भरपूर झारखंड की प्रतिभाएं कभी भी संसाधनों की मोहताज नहीं रहीं हैं. खेल के क्षेत्र में तो संकल्प के बूते यहां की प्रतिभाओं ने लगातार अपने-दम-खम का लोहा मनवाया है. ऐसी ही प्रतिभाओं में सावित्री भी शुमार हैं. वह 5 बहनों में सबसे छोटी हैं. सावित्री बताती हैं कि कई बार वह खाली पेट ही अभ्यास करने के लिए घर से चल देती हैं. सेंटर पहुंचने में दो घंटे लगते हैं. इसलिए घर से काफी पहले निकलना पड़ता है. सावित्री चैंपियन बनने के साथ नौकरी भी करना चाहती हैं, ताकि परिवार के भरण-पोषण करने में माता-पिता का सहयोग कर सकें.
तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र पहुंचने में उन्हें रोज डेढ़ से 2 घंटे का वक्त लगता है. गरीब परिवार से आनेवाली सावित्री 11वीं कक्षा की छात्रा हैं और भविष्य में बड़ी तीरंदाज बनकर ओलिंपिक में अपने देश के लिए पदक लाने की इच्छा रखती हैं. उनकी आंखों में सफलता की बुलंदियां छूने का सपना दिखता है.
जोन्हा जलप्रपात की सीढ़ियों पर पड़ते सावित्री के तेज कदम खेल के प्रति उनके जुनून और संकल्प को दर्शाता है. विकास की चमक-दमक और साधन-सुविधाओं से दूर, लेकिन अपार क्षमता से भरपूर झारखंड की बेटियों को कमोबेश ऐसे ही संघर्ष से गुजरना पड़ता है. यहां पगडंडियों पर दौड़कर और बांस की हाकी स्टिक व धनुष से अभ्यास कर बेटियां बड़ी से बड़ी प्रतिस्पर्धाओं में मैदान मार लेती हैं. विषम परिस्थितियों में रह रही सावित्री जैसी चैंपियन बेटियों को मौका, सहयोग ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण और प्रोत्साहन मिले, तो उनमें पदकों का अंबार लगाने की अद्भुत क्षमता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
ओलंपिक व्यापार में प्रशिक्षण
नवापाराकला के लोगों को मिलेगी पुल की सुविधा,बढ़ेगा व्यापार
रायपुर/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भेंट मुलाकात कार्यक्रम के पांचवे दिन सूरजपुर जिले के प्रेमनगर विकासखंड के ग्राम पंचायत नवापाराकला पहुंचे. मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आम जनों से भेंट मुलाकात करते हुए क्षेत्र के विकास के लिए बड़ी घोषणाएं की.
मुख्यमंत्री ने राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए उमेश्वरपुर में उप तहसील स्थापित करने की घोषणा की. प्रेमनगर के उमेश्वरपुर में लो वोल्टेज समस्या को दूर करने के लिए मुख्यमंत्रीश्री बघेल ने बिजली सब स्टेशन स्थापित करने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने प्रेमनगर उ.मा. स्कूल के नवीन भवन के निर्माण की स्वीकृति की भी घोषणा की.
नवापाराकला से चिरमिरी क्षेत्र के जुड़ जाने से यहां व्यापार की बड़ी संभावनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री ने गेजी मार्ग में गेज नदी पर नए पुल के निर्माण की भी घोषणा की है. इसी तरह से चौरीपहाड़ में देवपूजा की सुविधा का विस्तार तथा पेयजल समस्या से ग्रसित गांवों में सौरऊर्जा पेयजल सुविधा स्थापित करने की भी मुख्यमंत्री ने घोषणा की है.