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क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है?

क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है?

क्रिप्टोकरेंसी

Crypto मार्केट में आज आया सुधार, अधिकतर पॉपुलर ऑल्टकॉइन्स की कीमत में इजाफा

ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैपिटलाइजेशन में भी पिछले 24 घंटों में लगभग 5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है.

अरबपति Jeffrey Gundlach ने मार्केट मंदी में क्रिप्टो निवेश से किया किनारा

Jeffrey Gundlach का कहना है कि वो मार्केट के बियरिश ट्रेंड में क्रिप्टो पर्चेज नहीं करेंगे क्योंकि अभी फेडरेल रिजर्व की ओर से कुछ ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं जो कि मार्केट पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं.

Shiba Inu की कीमत में गिरावट, ETH व्हेल्स ने खरीदे 1.6 लाख करोड़ SHIB

भारतीय एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर पर शिबा इनु की कीमत ₹ 0.000977 पर ट्रेड कर रही है जो कि पिछले 24 घंटों में 3.75% की गिरावट है.

Grayscale के फाउंडर को है Bitcoin के 1 लाख डॉलर पर पहुंचने का इंतजार

पिछले कुछ वर्षों में Nicholas ने बिटकॉइन को लेकर प्रतिकूल रवैया रखा है. उन्होंने मार्च में कहा था कि अगर बिटकॉइन एक लाख डॉलर पर भी पहुंचता है तो भी यह एक नाकामी होगी

Crypto एक्सचेंज ने 68 डॉलर रिफंड के बजाए कस्टमर को दिए 72 क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? लाख डॉलर

इस मामले में कस्टमर ने एक्सचेंज को गलत रिफंड की सूचना देने के बजाय एक ज्वाइंट एकाउंट में रकम ट्रांसफर कर दी थी और अपनी बहन के लिए एक लग्जरी अपार्टमेंट खरीदने पर लगभग नौ लाख डॉलर खर्च किए थे

मार्केट एक्सपर्ट Jim Cramer ने दी क्रिप्टोकरेंसीज से बड़ा नुकसान होने की चेतावनी

पिछले महीने उन्होंने क्रिप्टो को सट्टेबाजी का आखिरी गढ़ बताया था. उनका कहना था कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस सेगमेंट की कुर्बानी दे सकता है

ईरान में ट्रेडर्स इम्पोर्ट के लिए कर सकेंगे क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल

ईरान के कारोबारी व्हीकल्स और अन्य गुड्स के इम्पोर्ट के लिए डॉलर या यूरो में भुगतान के बजाय क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल कर सकेंगे। अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण ग्लोबल बैंकिंग सिस्टम से ईरान बाहर है

Bitcoin 20 हजार डॉलर के पार, Ether ने भी पकड़ी रफ्तार, जानें क्रिप्‍टो मार्केट का ताजा हाल

ग्‍लोबल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन की कीमत 20,406 डॉलर (लगभग 16.3 लाख रुपये) है.

बिटकॉइन समेत क्रिप्टो मार्केट में आज दिखा लाल रंग

शिबा इनु खबर लिखे जाने के समय पर $0.000013 (लगभग 0.001066 रुपये) पर ट्रेड कर रहा था

बिटकॉइन फैन माइक एल्फ्रेड 1 करोड़ Cardano टोकन चाहते हैं बांटना!

ट्विटर यूजर्स ने माइक की पोस्ट पर चुटकी भी ली और सवाल खड़े किए कि इतनी बड़ी होल्डिंग को कोई कैसे भूल सकता है

Gemini एक्सचेंज में व्हेल ने ट्रांसफर किए 4 हजार BTC

भेजे गए बिटकॉइन्स की कीमत 8.6 करोड़ डॉलर बताई गई है

अफगानिस्तान में Crypto पर सख्ती, पुलिस ने बंद करवाए एक्सचेंज

अफगानिस्तान में पश्चिमी देशों से सहायता प्राप्त करने में क्रिप्टोकरेंसीज से काफी मदद मिली थी। विदेश में मौजूद कुछ संगठनों ने सहायता उपलब्ध कराने के लिए क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल किया था

ETH व्हेल ने खरीदे 5300 करोड़ शिबा इनु, कीमत में 5% उछाल

Etherscan के आंकड़ों के अनुसार, व्हेल ने 5300 करोड़ क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? शिबा इनु टोकनों की खरीद की है

बिलिनेयर Mark Cuban ने बताया Ethereum के लिए सपोर्ट का कारण

Cuban ने इसके प्राइस को लेकर को पूर्वानुमान नहीं दिया है. वह मानते हैं कि इस ब्लॉकचेन की उपयोगिता अधिक होने के कारण यह सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin से बेहतर है

हैकर्स ने चुराए 10 करोड़ डॉलर से अधिक के ​NFT

इस सेगमेंट में कारोबार बढ़ने के साथ ही स्कैम के मामलों में भी तेजी आई है. ऐसे कुछ मामलों में NFT खरीदने वालों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. अमेरिका में इस सेगमेंट से जुड़े धोखाधड़ी के कुछ बड़े मामलों का खुलासा हुआ है

ईरान में गैर कानूनी क्रिप्टो माइनिंग के कारण जब्त हुए हजारों माइनिंग इक्विपमेंट

चीन में Bitcoin की माइनिंग पर पिछले वर्ष बैन लगाया गया था. कैम्ब्रिज बिटकॉइन इलेक्ट्रिसिटी कंजम्प्शन इंडेक्स (CBECI) से पता चला है कि चीन में बिटकॉइन माइनिंग एक्टिविटीज में दोबारा तेजी आई है

Ethereum ब्लॉकचेन में बग पकड़ने वालों के लिए रिवॉर्ड में बढ़ोतरी

Ethereum माइनर्स को ब्लॉकचेन पर ट्रांजैक्शंस का ऑर्डर देने के लिए बड़े सर्वर फार्म्स का इस्तेमाल करना पड़ता है जिससे इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत होती है और कार्बन एमिशन बढ़ता है

Crypto मार्केट में आया सुधार, Bitcoin, Ether समेत लगभग सभी टोकनों में बढ़त

Bitcoin Cash और Tron उन टोकनों में शामिल थे जिनमें आज हल्का नुकसान देखने को मिला है

Dogecoin अब अमेरिका में ग्रोसरी स्टोर्स पर भी खरीद के लिए उपलब्ध

खरीदारों को इस सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए अपना Coinme अकाउंट बनाना होगा. जिसके बाद वो Coinstar मशीन पर कैश के बदले एक क्रिप्टो वाउचर पा सकेंगे

Ethereum व्हेल्स ने सेल किए 3 लाख करोड़ शिबा इनु, 1.29% तक सिमटी होल्डिंग

इससे पहले शिबा इनु होल्ड किए जाने टॉप 10 क्रिप्टो एसेट्स की लिस्ट में पहले स्थान पर था, लेकिन अब यह पांचवें स्थान पर आ गया है

क्रिप्टो से कमाई पर 30% टैक्स के फैसले का निवेशकों ने किया स्वागत, कहा- इसे कानून बनाकर रेगुलेट करने की जरूरत

सीपीसी एनालिटिक्स के पार्टनर साहिल देव ने कहा कि, क्रिप्टो करेंसी पर टैक्स लगाने का फैसला सही दिशा में उठाया गया कदम है. लेकिन इस क्षेत्र को कानून बनाकर रेगुलेट करने की जरूरत है. इससे धीरे-धीरे एक अच्छा स्वरूप सामने आएगा.

क्रिप्टो से कमाई पर 30% टैक्स के फैसले का निवेशकों ने किया स्वागत, कहा- इसे कानून बनाकर रेगुलेट करने की जरूरत

आकाश गुलंकर | Edited By: अंकित त्यागी

Updated on: Feb 03, 2022 | 5:41 PM

क्रिप्टो करेंसी और वर्चुअल डिजिटल संपत्ति पर केंद्र सरकार के नये टैक्स प्रावधानों को लेकर क्रिप्टो निवेशक और विशेषज्ञ आशंकित है. उन्हें लगता है कि टैक्स लगने से काफी हद तक क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) को सरकार मान्यता दे रही है. लेकिन टैक्स की दर काफी ज्यादा है. हालांकि कई लोग इसे देश में वर्चुअल मुद्रा (virtual currency) के रेग्यूलेशन और स्वीकृति की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखते हैं. सरकार की घोषणा के बाद क्रिप्टो एक्सचेंजों पर कोई नकारात्मक प्रभाव भी देखने को नहीं मिला. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को अपने बजट भाषण 2022 में घोषणा की, कि डिजिटल वर्चुअल एसेट्स या क्रिप्टो से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत का एक फ्लैट टैक्स लगेगा. वहीं, घाटा होने पर भी टैक्स देना होगा. यूनोकॉइन के संस्थापक और सीईओ सात्विक विश्वनाथ ने टैक्स लगाए जाने पर स्पष्टीकरण दिया और टीवी9 को बताया कि क्रिप्टो में ट्रेडिंग पर हमेशा से टैक्स लगता था. यह कोई अचानक नहीं हुआ है. हां, पहले ये स्पष्ट नहीं था कि यह टैक्स किस श्रेणी के तहत भरना है.

सात्विक के मुताबिक कुछ लोग इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन मान रहे थे, तो कुछ इसे दूसरे सोर्स से इनकम की श्रेणी समझ रहे थे और कुछ इसे बिजनेस इनकम मान कर टैक्स भर रहे थे. अब हमारे पास वर्गीकरण को लेकर चीजें स्पष्ट हैं,. सात्विक ने कहा, इसमें अब कहीं अस्पष्टता नहीं है. आपको डिजिटल करेंसी श्रेणी के तहत सीधे 30 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना होगा. इसके अलावा आपको 1 प्रतिशत टीडीएस भी देना होगा.

क्रिप्टो करेंसी से आय पर टैक्स लगाना बड़ा मुद्दा नहीं

वहीं यशोधन वालिम्बे एक सोशल मीडिया मैनेजर हैं और कई साल से क्रिप्टो करेंसी से जुड़े हैं. वो भारतीय और विदेशी ग्राहकों को अपनी सेवा देते हैं. उन्हें लगता है कि भविष्य डिसेंट्रलाइजेशन का है. उनकी राय में क्रिप्टो करेंसी से आय पर टैक्स लगाना बड़ा मुद्दा नहीं होगा. वालिम्बे ने आगे कहा, टैक्स की उचित राशि का भुगतान करने में कोई समस्या नहीं है. हालांकि 30 प्रतिशत का टैक्स दर, जो लगभग एक तिहाई है, निश्चित रूप से वीपीएन, टीओआर और दूसरे नेटवर्क के माध्यम से अज्ञात स्रोत से लेनदेन को बढ़ावा देगा. इन स्रोत को ट्रैक करने का कोई तरीका नहीं है.

क्रिप्टो पर टैक्स एक महत्वपूर्ण और सही फैसला

सुमित पंडित एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट और तकनीक क्षेत्र के जानकार हैं. उन्होंने टैक्स लगाए जाने के फैसले का आंशिक रूप से स्वागत किया. उन्होंने क्रिप्टो में एक अतिरिक्त निवेश विकल्प के रूप में निवेश करना शुरू किया था जो कि पहले कर मुक्त था. लेकिन, 1 फरवरी की घोषणा के बाद उन्होंने कहा, अब से निवेश की राशि के साथ जोखिम का भी ध्यान रखना होगा. उन्होंने यह भी कहा, क्रिप्टो पर टैक्स एक महत्वपूर्ण और सही फैसला है. लेकिन एक छोटे निवेशक की हैसियत 30 फीसदी टैक्स देने की नहीं है. इसे जीएसटी की तरह करीब 10 से 15 प्रतिशत ही होना चाहिए था.

सरकार इसे कानूनी बनाकर मान्यता दे रही: चार्टर्ड अकाउंटेंट

वहीं विशेषज्ञ अब भी इसकी बारीकियों का अध्ययन कर रहे हैं. कुछ निवेशक क्रिप्टो को सिर्फ एक नए एसेट की तरह देख रहे हैं. आईटी कर्मचारी और पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट अभिमन्यु पंडित का कहना है कि, इस नए तरह की संपत्ति में निवेश में दिलचस्पी थी. इसने निवेश पोर्टफोलियो को बढ़ाने का विकल्प दिया है. क्रिप्टो या डिजिटल संपत्ति पर कर लगाने के फैसले पर उन्होंने कहा कि, सरकार इसे कानूनी बना कर मान्यता दे रही है. उन्हें लगता है कि ये डिजिटल संपत्तियां अप्रत्याशित क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? फायदा देती हैं. कौन होगा जो अतिरिक्त पैसा नहीं चाहता हो. दरअसल ज्यादातर लोगों ने इस फैसला का स्वागत इसलिए किया क्योंकि उन्हें लगता है कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को वैध करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है.

कानून बनाकर रेगुलेट करने की जरूरत

उधर, सीपीसी एनालिटिक्स के पार्टनर साहिल देव को लगता है कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है. उन्होंने कहा, इस क्षेत्र को कानून बनाकर रेगुलेट करने क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? की जरूरत है. इससे धीरे-धीरे एक अच्छा स्वरूप सामने आएगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम से इस क्षेत्र को मुख्यधारा में लाने में मदद मिलेगी और अनिश्चितता का दौर खत्म होगा. जिस डर से कई निवेशक क्रिप्टो या डिजिटल करेंसी में निवेश करने से बचते हैं.

दरअसल सात्विक की भी कुछ ऐसी ही राय है. वो कहते हैं, अब भी रेगुलेटरी कैसे काम करेगा ये साफ नहीं है, लेकिन इसने क्रिप्टो करेंसी से आय को एक तरह से वैध कर दिया है. यह कुछ हद तक विकास को गति देगा. लेकिन वास्तविक विकास क्रिप्टो करेंसी को लेकर नियमों के लागू होने के बाद देखा जा सकेगा.

भारत में क्रिप्टो करेंसी

भारत में क्रिप्टो करेंसी का बाजार पहले ही अरबों डॉलर के आंकड़े को पार कर चुका है. वर्तमान में, लगभग 5-6 प्रमुख ऐप हैं जो क्रिप्टो में ट्रेडिंग सर्विस देते हैं. इनमें से दो महामारी के दौरान यूनिकॉर्न बन गईं. CoinDCX अगस्त 2021 में यूनिकॉर्न बना जबकि CoinSwitch Kuber ने अक्टूबर 2021 में इस स्तर को छुआ. 1 बिलियन डॉलर या उससे ज्यादा का मूल्यांकन होने पर कंपनियां “यूनिकॉर्न” बन जाती हैं. इन ऐप के यूजर बेस और ट्रेडिंग वॉल्यूम का अध्ययन करने पर देश में क्रिप्टो करेंसी की तस्वीर साफ हो जाएगी.

कुल मिलाकर इन ऐप के लगभग 3 करोड़ सक्रिय यूजर्स हैं जो हर महीने क्रिप्टो में ट्रेडिंग करते हैं. सात्विक ने टीवी9 को बताया कि उनके ऐप Unocoin के 17 लाख से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं और वहां हर साल लाखों डॉलर का लेनदेन होता है. ये सभी निवेशक अब नए टैक्स के दायरे में आएंगे.

क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन पर 1 प्रतिशत टीडीएस

ऐप ने हर महीने 2 अरब रुपये से ज्यादा की ट्रेडिंग की है. क्रिप्टो करेंसी का एक और प्रमुख निवेश ऐप वजीरएक्स ने दावा किया है कि उसने अपनी स्थापना के बाद से कुल व्यापार के मामले में 38 बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है. कंपनी की स्थापना निश्चल शेट्टी ने 2017 में की थी. इसके अलावा CoinDCX के सक्रिय यूजर साल 2021 में दोगुने हो गए. ऐप पर अब 75 लाख से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं जो इस प्लेटफॉर्म पर ट्रेड कर रहे हैं. सात्विक ने बताया कि अब से ये सभी निवेशक और इनके लेन-देन टैक्स के दायरे में होगे. इसके अलावा सरकार क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन पर 1 प्रतिशत टीडीएस भी लेगी.

Digital Currency: भारत की 7% आबादी के पास है डिजिटल करेंसी, यूएन ने क्रिप्टो को मौद्रिक संप्रभुता के लिए बताया खतरनाक

Cryptocurrency Latest News: रिपोर्ट में कहा है किभारत की 7.3 फीसदी आबादी ने डिजिटल करेंसी में निवेश किया हुआ है. और डिजिटल करेंसी रखने के मामले में दुनिया के क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? टॉप 20 देशों में सातवें स्थान पर है.

By: ABP Live | Updated at : 11 Aug 2022 02:45 PM (IST)

Digital Currency: भले ही भारत सरकार (Indian Government) ने अभी तक क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) को क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? कानूनी मान्यता नहीं दी हो. आरबीआई ( RBI) की डिजिटल करेंसी (Digital Currency) आने में देरी हो. बावजूद इसके देश की 7 फीसदी आबादी के पास डिजिटल करेंसी (Digital Currency) मौजूदा है. संयुक्त राष्ट्र ( United Nation) द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में कोरोना महामारी ( Covid-19 Pandemic) के दौरान क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल में भारी तेजी आई है. इसी के दौरान भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की तादाद बढ़ी है.

7.3% आबादी के पास डिजिटल करेंसी
यूएन ट्रेड एंड डेवलपमेंट संस्था UNCTAD ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2021 में भारत की 7.3 फीसदी आबादी ने क्रिप्टोकरेंसी जैसे डिजिटल करेंसी में निवेश किया हुआ है. और डिजिटल करेंसी रखने के मामले में दुनिया के टॉप 20 देशों में सातवें स्थान पर है. यूक्रेन में सबसे ज्यादा 12.7 फीसदी आबादी ने डिजिटल करेंसी में निवेश किया हुआ है. तो रूस में 11.9 फीसदी, वेनेजुएला में 10.3 फीसदी, सिंगापुर में 9.4 फीसदी, केन्या में 8.5 फीसदी और अमेरिका में 8.3 फीसदी लोगों के पास डिजिटल करेंसी है.

भारत जैसे देशों में बढ़ा इस्तेमाल
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान पूरी दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल बढ़ा है. खासतौर से विकाशील देशों में. रिपोर्ट के मुताबिक इन प्राइवेट डिजिटल करेंसी ने रेमिटेंस में मदद की है लेकिन ये एक अस्थिर फाइनैंशियल एसेट है जो अपने साथ सामाजिक रिस्क और कीमत अपने साथ लेकर आता है. हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी में जो गिरावट आई है उससे पता लग गया है कि डिजिटल करेंसी रखने के क्या खतरे हैं.

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क्रिप्टोकरेंसी से मौद्रिक संप्रभुता को है खतरा
रिपोर्ट ने आरबीआई के उस पक्ष पर अपनी मुहर लगाते हुए कहा कि अगर क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट का माध्यम बनता है और गैरआधिकारिक रुप से घरेलू ऑफिशियल करेंसी की जगह लेता है तो इससे देश की मौद्रिक संप्रभुता को खतरा पैदा हो सकता है. आपको बता दें आरबीआई गर्वनर ने कई मौकों पर क्रिप्टोकरेंसी को देश के फाइनैंशियल सिस्टम और स्थिरता के लिए खतरा बताया है.

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Published at : 11 Aug 2022 02:45 PM (IST) Tags: Cryptocurrency Bitcoin UNCTAD digital currency Cryptocurrency Latest News हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Cryptocurrency : क्या भारत में गैर कानूनी है क्रिप्टोकरेंसी? भविष्य में क्या हैं संभावनाएं? एक क्लिक पर जानें सबकुछ

क्रिप्टोक्यूरेंसी बिल को इस साल संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किए जाने का अनुमान है. इसका उद्देश्य शामिल तकनीक के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी को परिभाषित और वर्गीकृत करना है. क्रिप्टोक्यूरेंसी पर एक अंतर-मंत्रालयी पैनल ने हाल ही में सुझाव दिया था कि क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल संपत्ति के रूप में माना जाना चाहिए न कि मुद्रा के रूप में.

Cryptocurrency : क्या भारत में गैर कानूनी है क्रिप्टोकरेंसी? भविष्य में क्या हैं संभावनाएं? एक क्लिक पर जानें सबकुछ

वर्तमान में, बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी भारत में कानूनी विनियमन के दायरे से बाहर हैं.

भारतीय निवेशक देश में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर आधिकारिक फैसले की प्रतीक्षा कर रहे हैं. भले ही अल सल्वाडोर ने डिजिटल करेंसी क्रांति को अपना लिया हो, लेकिन भारत क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? अभी भी इस मुद्दे पर विचार चल रहा है. पिछले हफ्ते, वित्त पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष जयंत सिंह ने एक ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा कि भारत सरकार भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को विनियमित करने के लिए "विशिष्ट दृष्टिकोण" अपनाएगी.

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यह बयान ऐसे समय में आया है, जब देश में क्रिप्टोकरेंसी अभी भी अनियंत्रित है. भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी निवेशकों और एक्सचेंजों का एक मजबूत आधार है लेकिन निवेशक अभी भी क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर अंधेरे में हैं.

क्या भारत में गैर कानूनी है क्रिप्टोकरेंसी?
वर्तमान में, बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी भारत में कानूनी दायरे से बाहर हैं. हम उन्हें अवैध नहीं कह सकते क्योंकि वे अभी तक देश में किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा उपयोग के लिए अधिकृत नहीं किया गया है. क्रिप्टोक्यूरेंसी फिलहाल किसी भी दिशा-निर्देश, विनियम या नियम के दायरे से बाहर है. इस वजह से बिटकॉइन (Bitcoin) और अल्टकॉइन (altcoin) लेनदेन जोखिम भरा है क्योंकि इन एक्सचेंजों से उत्पन्न होने वाले विवाद कानूनी रूप से बाध्य नहीं होंगे.

क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स?
भारत ने अभी तक क्रिप्टोकुरेंसी लेनदेन पर कोई नियम नहीं बनाए हैं, इसलिए इस पर टैक्स भी नहीं हैं, लेकिन सभी उपक्रमों से पारदर्शिता बरतने के लिए कहा गया है. अप्रैल में, इसी बाबत कंपनी अधिनियम में संशोधन पेश किए गए थे. इस पारदर्शिता के कारण, डिजिटल संपत्ति और उसके लाभ को पूंजीगत संपत्ति के रूप में गिना जा सकता है, जो पूंजीगत लाभ के तहत करों से बंधी है लेकिन कंपनियां अभी तक यह सुनिश्चित नहीं कर पा रही हैं कि इस संबंध में विभिन्न प्रकार के लाभ और आय पर कर गणना कैसे की जाए.

कब आएगा क्रिप्टोकरेंसी बिल?
क्रिप्टोक्यूरेंसी बिल को इस साल संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किए जाने का अनुमान है. इसका उद्देश्य शामिल तकनीक के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी को परिभाषित और वर्गीकृत करना है. क्रिप्टोक्यूरेंसी पर एक अंतर-मंत्रालयी पैनल ने हाल ही में सुझाव दिया था कि क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल संपत्ति के रूप में माना जाना चाहिए न कि मुद्रा के रूप में. ऐसी भी अटकलें हैं कि सरकार द्वारा लागू क्रिप्टो सिक्के आदर्श बन सकते हैं.

अगर भारत में बैन हुआ क्रिप्टोकरेंसी तो क्या होगा?
भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी पर प्रतिबंध का मतलब होगा कि आप क्रिप्टोक्यूरेंसी खरीदने के लिए स्थानीय मुद्रा को परिवर्तित करने में सक्षम नहीं होंगे या HODL-एड क्रिप्टोकरेंसी को नकद में परिवर्तन नहीं करा पाएंगे. क्रिप्टो एक्सचेंज भी बंद हो जाएंगे. प्रतिबंध यह सुनिश्चित करेगा कि HODL-ed क्रिप्टोक्यूरेंसी प्रतिबंध हटाए जाने तक HODL पर बनी रहे.

सब पूछ रहे Crypto Tax से जुड़े ये 5 बड़े सवाल, अब खुद वित्त मंत्रालय ने दिए जवाब

Tax on Cryptocurrency in India: फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के बजट में डिजिटल एसेट्स से होने वाली इनकम पर 30% का टैक्स लगाने की बात कही गई है. फाइनेंस मिनिस्ट्री के सीनियर अधिकारियों ने इससे जुड़े कई सवालों के जवाब दिए हैं.

डिजिटल करेंसी से होने वाली इनकम पर सरकार ने लगाया है टैक्स.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 फरवरी 2022,
  • (अपडेटेड 05 फरवरी 2022, 5:59 PM IST)
  • टैक्स लगाने का मतलब क्रिप्टो को वैध करना नहीं
  • एग्री इनकम छोड़कर हर इनकम है टैक्सेबल

फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के बजट में भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारी-भरकम टैक्स (Tax on Cryptocurrency) का ऐलान किया गया. फाइनेंस बिल 2022-23 में अन्य प्रावधानों के साथ-साथ कहा गया है कि इनकम टैक्स एक्ट में एक नया सेक्शन (115BBH) जोड़ा जाएगा. यह सेक्शन वर्चुअल डिजिटल करेंसी से होने वाली इनकम पर 30 फीसदी की दर से इनकम टैक्स (Income Tax) की वसूली से संबंधित है. इसकी घोषणा को लेकर देशभर में क्रिप्टो के फ्यूचर और नए टैक्स को लेकर कई तरह के सवाल पैदा हो गए.

'बिजनेस टुडे' टेलीविजन के सिद्धार्थ जराबी और साक्षी बत्रा ने इस बारे में फाइनेंस मिनिस्ट्री के सीनियर ऑफिसर्स के साथ इन विषयों पर विस्तार से चर्चा की. पेश है बातचीत का संपादित अंश

सवालः सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाकर क्या उसे वैध कर रही है?
सीबीडीटी के चेयरमैन जे.बी. महापात्र का जवाबः आपके इस सवाल का जवाब है - ना. टैक्स क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? लगाने का मतलब क्रिप्टो ट्रेडिंग या उससे होने वाले किसी तरह के फायदे या नुकसान को कानूनी रूप से वैध बनाना नहीं है. एक विभाग के तौर पर हम किसी बिजनेस या किसी भी सेक्टर के बिजनेस, किसी प्रोफेशन या फिर ट्रांजैक्शन की वैधता पर सवाल नहीं उठा सकते हैं. हमें ट्रेड के बाद टैक्सेशन के पहलू को देखने का अधिकार प्राप्त है.

सवालः भारत के क्रिप्टोकरेंसी का इकोसिस्टम कितना बड़ा है?
महापात्रः हमें भारत में काम कर रहे कुछ एक्सचेंज के बारे में जानकारी है. ऐसा कहा जा रहा है कि इनकी संख्या 40 है. इनमें से 10 बड़े एक्सचेंज हैं. सबसे बड़े एक्सचेंज का टर्नओवर 34,000 करोड़ रुपये है. ऐसे में कहा जा सकता है कि मार्केट का आकार काफी बड़ा है. अपुष्ट रिपोर्ट्स के अनुसार करीब 10 करोड़ लोगों ने किसी-ना-किसी रूप में क्रिप्टो में इंवेस्ट किया है. यह रकम काफी कम से काफी अधिक है. हमें यह जानने में कोई दिलचस्पी नहीं है कि निवेश की रकम छोटी है या बड़ी है. हमें क्वालिटी और इंवेस्टमेंट के सोर्स को लेकर इंटरेस्ट है. हम ऐसा यह देखते हैं कि इनकम का सोर्स वैध है या अवैध. अगर अवैध सोर्स से हुई कमाई को निवेश किया गया है तो ना सिर्फ ट्रेड से होने वाले फायदे पर टैक्स लगता है बल्कि पूरे अवैध इंवेस्टमेंट पर भी टैक्स लग जाता है. इस तरह इनकम टैक्स से क्रिप्टो मार्केट में एक तरह का ऑर्डर या अनुशासन लाया जा सकता है.

सवालः वर्चुअल डिजिटल एसेट्स क्या हैं?
महापात्रः आईटी एक्ट के 247A में डिजिटल एसेट्स (Digital Assets) को परिभाषित किया गया है. सिंपल शब्दों में कहा जा सकता है कि क्रिप्टोग्राफिक तरीके से जेनरेट किया गया कोई भी कोड या कोई भी इंफॉर्मेशन या कोई भी फॉर्मूला जिसमें कोई निहित मूल्य है और जिसे इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रांसमिट या स्टोर किया जा सकता है, उसे डिजिटल एसेट्स कहा जा सकता है. इसमें NFT भी शामिल है.

सवालः क्या 30 फीसदी टैक्स की दर बहुत ज्यादा नहीं है?
महापात्रः मुझे नहीं लगता है कि टैक्स की यह दर बहुत ऊंची है. कंपनियों से भी 30 फीसदी का टैक्स लिया जा रहा है. फर्म और एलएलपी से भी इसी रेट से टैक्स लिया जाता है.

सवालः कानून के बिना क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स क्यों?
वित्त सचिव टी. वी. सोमनाथनः इनकम टैक्स एक्ट में कृषि से होने वाली इनकम को छोड़कर किसी भी अन्य इनकम को टैक्स के दायरे से बाहर नहीं रखा गया है. क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली इनकम इस कानून से पहले भी टैक्सेबल है, आज भी है और एक अप्रैल के बाद भी रहेगी. केवल टैक्स का रिजीम बदल रहा है. यह एक अप्रैल से क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? पहले भी टैक्सेबल है लेकिन 30 फीसदी की दर से नहीं है. अभी यह बिजनेस इनकम या कैपिटल गेन जैसे इनकम के क्लासिफिकेशन पर बेस्ड है. ऐसे में टैक्स को लेकर स्पष्टता लाने के लिए इसमें यह बदलाव किया गया है. लीगल और अनरेग्युलेटेड इनकम दोनों टैक्सेबल है. यहां तक कि अवैध आय भी टैक्सेबल है. अगर कोई आईएएस अधिकारी रिश्वत लेता है तो वह भी टैक्सेबल है. हालांकि, क्रिप्टो अवैध नहीं है.

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