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आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है?

आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है?

LIC IPO में निवेश करना आपके लिए कितना सही, जानें एक्सपर्ट की राय

आज का समय पैसा से पैसा बनाने का है. ऐसे में हर कोई अपना पैसा अलग-अलग जगहों पर निवेश कर रहा है. शेयर बाजार भी उनमें से एक है, जो लोगों के लिए पैसा निवेश करने का पसंदीदा जगह बनता जा रहा है. लेकिन शेयर बाजार में पैसा बनाना जोखिमों से भरा है, बिना सही रणनीति के नुकसान उठाना पड़ सकता है. GNT के स्पेशल शो धन दौलत में आज बात नए आने वाले LIC IPO की. अगर आप भी LIC IPO के जरिए शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो देखें जीएनटी का खास शो धन दौलत

Today is the time to make money from money. In such a situation, everyone is investing their money in different places. Stock market is also one of them which is becoming a favorite place for people to invest money. But making money in the stock market is full of risks. Losses can happen without the right strategy. Today in GNT's special show Dhan Daulat, we will talk about the new upcoming LIC IPO. If you also want to invest in the stock market through LIC IPO, then watch GNT's special show Dhan Daulat

Share Market Update: आपने भी क‍िया है IPO में इनवेस्‍ट? आ गई खुश करने वाली खबर; पढ़कर खुशी से उछल पड़ेंगे

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Stock Market: इनीश‍ियल पब्‍ल‍िक ऑफर‍िंग यानी आईपीओ (IPO) शेयर बाजार में न‍िवेश करने का अच्‍छा तरीका है. यहां पर आप कम पैसे न‍िवेश करके भी अच्‍छा र‍िटर्न हास‍िल कर सकते हैं. इस साल आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के जरिये शेयर की बिक्री में आई गिरावट के बावजूद इन निर्गमों ने एवरेज 50 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जबकि इस दौरान बीएसई सेंसेक्स सिर्फ 1.6 प्रतिशत ही बढ़ा है.

IPO से जुटाई गई राशि में खासी गिरावट आई
शेयर बाजार के प्रदर्शन से जुड़े एक विश्लेषण में कहा गया कि आईपीओ (IPO) से जुटाई गई राशि में इस साल खासी गिरावट आई है. इसके मुताबिक, 2022 में अबतक आए 51 आईपीओ से 38,155 करोड़ रुपये की राशि जुटाने में सफलता मिली है. पिछले साल की समान अवधि में 55 निर्गमों से 64,768 करोड़ रुपये जुटाए गए थे. इस साल सिर्फ आठ निर्गम ही बड़े आकार के रहे हैं. इनमें भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के आईपीओ से सर्वाधिक 20,500 करोड़ रुपये जुटाए गए थे.

सितंबर 2021 तक आईपीओ ने 74 प्रतिशत रिटर्न दिया
पिछले साल की बात करें तो 33 कंपनियों के निर्गम ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि जुटाई थी. बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री दीपन्विता मजूमदार ने यह विश्लेषण रिपोर्ट आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है? तैयार की है. इसके मुताबिक, सितंबर 2021 तक आईपीओ ने 74 प्रतिशत रिटर्न दिया था जबकि उस समय तक सेंसेक्स 20 प्रतिशत चढ़ा था. लेकिन 1,000 करोड़ रुपये से अधिक आकार वाले उन आईपीओ में से 16 कंपनियों के शेयर फिलहाल कम भाव पर बिक रहे हैं.

2022 में बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला
साल 2021 में कंपनियों ने शेयर बाजार से 1,21,680 करोड़ रुपये जुटाए थे. लेकिन इस दौरान अप्रैल से अक्टूबर के बीच सेंसेक्स भी 40,000 अंक से उछलकर 60,000 अंक के करीब पहुंचा था. इसकी तुलना में वर्ष 2022 में शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है और यह 50,000 से लेकर 60,000 अंक के दायरे में ही कारोबार कर रहा है. इस साल अबतक न‍िगेट‍िव रिटर्न देने वाली कंपनियों की संख्या 40 प्रतिशत रही है जबकि 45 प्रतिशत कंपनियों ने 20 प्रतिशत से अधिक रिटर्न दिया है.

सबसे ज्‍यादा नुकसान उठाने वाली कंपनियों में वन97 कम्युनिकेशंस (paytm) निर्गम मूल्य से 67 प्रतिशत नुकसान के साथ सबसे आगे है. एलआईसी का भी शेयर भाव निर्गम मूल्य से 31 प्रतिशत गिर चुका है जबकि जोमैटो का शेयर 20.7 प्रतिशत गिरा है. दूसरी तरफ अडाणी विल्मर का शेयर निर्गम मूल्य से 205.6 प्रतिशत तक चढ़ गया है. वहीं सोना प्रीसिजन (81.6 प्रतिशत), पतंजलि फूड्स (106 प्रतिशत) और पावरग्रिड (38 प्रतिशत) बढ़त लेने में सफल रही हैं. (भाषा)

LIC IPO: देश के सबसे मेगा आईपीओ के लिए कैसे लगा सकते हैं अधिकतम बोली?

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी-Life Insurance Corporation of India ) 4 मई को भारत के अब तक के सबसे बड़े आईपीओ (LIC IPO) के साथ बाजार में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है.

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी-Life Insurance Corporation of India ) 4 मई को भारत के अब तक के सबसे बड़े आईपीओ (LIC IPO) के साथ बाजार में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है. सरकार एलआईसी में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी. आईपीओ के लिए प्राइस बैंड (LIC IPO Price Band) 902-949 रुपये तय किया गया है. एलआईसी ने आईपीओ में पॉलिसीधारकों का कोटा तय करने का फैसला लिया है. ऑफर का 10 प्रतिशत तक पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित होगा, तो खुदरा निवेशकों का हिस्सा 35 प्रतिशत होगा और एलआईसी कर्मचारियों का कोटा 0.71 प्रतिशत तक होगा. आइए हम आपको वो सब जरूरी बातें बताते हैं, जो आपको इनवेस्ट करने से पहले जान लेना जरूरी है.

खबर में खास
  • मैं कितना निवेश कर सकता हूं, क्या इसकी कोई सीमा है?
  • कोटे में आईपीओ लेने पर क्या छूट दी जाती है?
  • कोटे वालों को कट आफ मूल्य पर बोनी लगाने के अधिकार
  • अधिक शेयरों के लिए गैर-संस्थागत हिस्से में बोली लगा सकता हूं?
  • मिनिमम इन्वेस्ट लॉट साइज क्या है?
  • पात्र पॉलिसीधारक के रूप में विचार करने के लिए कोई कट-ऑफ तिथि है?
  • पॉलिसीधारकों के लिए अन्य शर्तें क्या हैं?
  • खुदरा हिस्से के तहत बोली लगाने के लिए कौन पात्र है?
  • IPO आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है? में आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है? निवेश करने के लिए मैं किन माध्यमों का उपयोग कर सकता हूं?
मैं कितना निवेश कर सकता हूं, क्या इसकी कोई सीमा है?

यदि आप पॉलिसीधारक, कर्मचारी या खुदरा के लिए तय आरक्षित कोटा में निवेश कर रहे हैं तो आप स्वयं के डीमैट खाते के माध्यम से अधिकतम 2 लाख रुपये (छूट का शुद्ध) निवेश कर सकते हैं. हालांकि, अगर आप तीनों कोटा में बोली लगाते हैं तो आप कुल 6 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं. और अगर आप कर्मचारियों और पॉलिसीधारकों के कोटे में शेयरों के लिए बोली लगा रहे हैं, तो आपको कुल 4 लाख रुपये की सीमा मिलती है.

कोटे में आईपीओ लेने पर क्या छूट दी जाती है?

यदि आपकी बोली पॉलिसीधारकों के कोटे में स्वीकार की जाती है, तो आपके अंतिम खरीद मूल्य को ऑफ़र मूल्य पर 60 रुपये प्रति शेयर की सीमा तक छूट दी जाएगी. कर्मचारियों और खुदरा निवेशक कोटा में 45 रुपये प्रति शेयर पर छूट थोड़ी कम है.

कोटे वालों को कट आफ मूल्य पर बोनी लगाने के अधिकार

पॉलिसीधारक, कर्मचारियों या खुदरा कोटा के माध्यम से बोली लगाने वाले निवेशक कट-ऑफ मूल्य पर अपनी बोली लगाने के हकदार हैं. कट-ऑफ मूल्य कंपनी के अंतिम शेयर मूल्य के अलावा और कुछ नहीं है, जो विभिन्न श्रेणियों के निवेशकों द्वारा मूल्य बैंड (902-949 रुपये प्रति शेयर) के भीतर अलग-अलग बिंदुओं पर अपनी बोली लगाने के रूप में महसूस किया जाता है. इस कट-ऑफ प्राइस (ऑफ़र प्राइस) पर, पॉलिसीधारक कोटे में आवंटित शेयर 60 आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है? रुपये प्रति शेयर की छूट पर होंगे. कर्मचारियों को आवंटित शेयर और खुदरा निवेशक कोटा पर 45 रुपये प्रति शेयर की छूट मिलेगी. किसी भी अप्रयुक्त राशि को निवेशकों के बैंक खातों में वापस कर दिया जाएगा.

क्या मैं अधिक शेयरों के लिए गैर-संस्थागत हिस्से में बोली लगा सकता हूं?

हां, आप गैर-संस्थागत कोटा (एनआईआई) में 2 लाख रुपये से अधिक के शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं लेकिन फिर आप खुदरा कोटा में बोली नहीं लगा सकते. इसी तरह, यदि आप खुदरा कोटा में बोली लगाते हैं, तो आपकी गैर-संस्थागत बोली स्वीकार नहीं की जाएगी. यदि आप दोनों कोटा में बोली लगाते हैं, तो दोनों बोलियां अस्वीकार कर दी जाएंगी.

यह भी याद रखें, गैर-संस्थागत हिस्से के लिए कोई छूट नहीं है. एनआईआई कोटा आमतौर पर हाई-नेट वर्थ इनवेस्टर्स (एचएनआई) के लिए होता है. शुद्ध पेशकश में से 15 प्रतिशत गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित होगा.

मिनिमम इन्वेस्ट लॉट साइज क्या है?

आपको कम से कम 15 शेयरों के लिए और उसके बाद 15 के गुणकों में बोली लगानी होगी.

क्या पात्र पॉलिसीधारक के रूप में विचार करने के लिए कोई कट-ऑफ तिथि है?

फरवरी में दायर डीआरएचपी के मुताबिक, जिन लोगों ने 13 फरवरी (जिस तारीख को डीआरएचपी फाइल किया था) को या उससे पहले अपनी पॉलिसी खरीदी है, वे पॉलिसीधारक कोटे से आवेदन आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है? कर सकते हैं. यदि आप नियमित पेंशन प्राप्त करने वाले तत्काल पेंशन पॉलिसीधारक हैं तो आपको भी आवेदन करने की अनुमति दी जाएगी. यदि आपका मृत पति या पत्नी की मृत्यु के बाद का लाभ बीमा से उठा रहे हैं तो आप इस आरक्षण के लिए पात्र नहीं होंगे. समूह नीतियों के तहत आने वाले लोग इस कोटे के तहत आवेदन करने के पात्र नहीं होंगे.

पॉलिसीधारकों के लिए अन्य शर्तें क्या हैं?

यदि आपने एलआईसी के रिकॉर्ड में अपना पैन विवरण अपडेट नहीं किया है, तो आपको ‘पात्र’ पॉलिसीधारक नहीं माना जाएगा. पॉलिसी को अपने पैन से जोड़ने की अंतिम तिथि 28 फरवरी थी. आईपीओ में भाग लेने के लिए आपका अपना डीमैट खाता होना अनिवार्य है और एक पॉलिसीधारक के रूप में जो एलआईसी के आईपीओ के लिए आवेदन करना चाहता है, आपको आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है? अपने डीमैट खाते में पहला खाताधारक होना चाहिए. यदि यह संयुक्त खाता है, तो आपको पहले या प्राथमिक धारक होना चाहिए.

खुदरा हिस्से के तहत बोली लगाने के लिए कौन पात्र है?

यदि आप एक निवासी भारतीय व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (कर्ता के नाम पर) या एक पात्र एनआरआई हैं तो आप इस मार्ग को अपना सकते हैं. अधिकतम बोली 2 लाख रुपये तक हो सकती है, खुदरा निवेशकों की छूट (45 रुपये प्रति शेयर) को छोड़कर.

IPO में निवेश करने के लिए मैं किन माध्यमों का उपयोग कर सकता हूं?

सभी बोलीदाताओं को अनिवार्य रूप से एएसबीए प्रक्रिया के माध्यम से भाग लेना होगा. एएसबीए बैंक खाते में बोली राशि को ब्लॉक करने के लिए आपको एक एससीएसबी (स्व-प्रमाणित सिंडिकेट बैंक) को अधिकृत करते हुए एक बोली-सह-आवेदन करना होगा. ASBA सुनिश्चित करता है कि शेयर आवंटन के लिए उसकी बोली को अंतिम रूप देने के बाद ही निवेशकों के आवेदन का पैसा बैंक खाते से डेबिट किया जाए.

इसमें UPI मोड भी शामिल है, जहां आपके द्वारा UPI मैंडेट अनुरोध स्वीकार करने के बाद बोली राशि को ब्लॉक कर दिया जाएगा. ऐसे फॉर्म जिनमें आपके डिपॉजिटरी अकाउंट, डीपी आईडी, क्लाइंट आईडी, यूपीआई आईडी और पैन का विवरण नहीं होगा, उन्हें अस्वीकार कर दिया जाएगा. आपको या तो अपने बैंक खाते का विवरण देना होगा (या आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है? यदि आप इस तंत्र का उपयोग कर रहे हैं तो अपनी यूपीआई आईडी) और अपने फॉर्म में धन को अवरुद्ध करने के लिए प्राधिकरण प्रदान करना होगा.

आप किसी अन्य व्यक्ति की यूपीआई आईडी या बैंक खाता प्रदान नहीं कर सकते – ऐसी बोलियां अस्वीकार कर दी जाएंगी. भौतिक आवेदन मार्ग लेने वालों को आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है? अपना फॉर्म सावधानी से चुनना होगा. एलआईसी के आरएचपी के अनुसार, बोली-सह-आवेदन फॉर्म का रंग हरा (पॉलिसीधारकों के लिए), गुलाबी (कर्मचारियों के लिए) और सफेद (खुदरा निवेशकों के आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है? लिए) है.

क्या होता है आईपीओ? क्यों ये निवेश करने के लिए सबसे बेहतर विकल्प हैं?

IPO in hindi

शेयर बाजार में एक नाम हमेशा लोगों का ध्यान आ​कर्षित करता है वह है आईपीओ। आप भले निवेश करते या नहीं करते, लेकिन आईपीओ के बारे में आपने जरूर सुना होगा और आपके मन में ख्याल भी आया होगा कि आखिर ये आईपीओ होता क्या है? आईपीओ के क्या फायदे है? या फिर आईपीओ कैसे खरीदे? आदि। ऐसे में इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको इनके साथ ही आईपीओ के प्रकार, कम्पनी IPO क्यों लाती है? जैसे सवालों के जवाब देने का भी प्रयास करेंगे, तो चलिए शुरू करते हैं।

आईपीओ क्या होता है?

सामान्य शब्दों में समझें तो जब किसी प्राइवेट कम्पनी को पैसों की जरूरत होती है तो वह कम्पनी में निवेश बढ़ाने के लिए पैसे जुटाने का प्रबंध करती है। इसी के तहत कम्पनी खुद को शेयर मार्केट में लिस्ट करके कम्पनी में निवेश करवाती है। इसमें आमजन भी निवेश कर सकते हैं या फिर कहे कि पैसे लगा सकते है और IPO की वैल्यू बढ़ने पर लाभ कमा सकते हैं।

आईपीओ का पूरा नाम Initial Public Offering (IPO) होता है। जिससे भी साफ अर्थ समझा जा सकता है कि IPO के तहत कम्पनी द्वारा लोगों को प्रारंभिक तौर पर निवेश के लिए आमंत्रित किया जाता है। इसके कम्पनी आम लोगों, निवेशकों और अन्य को कंपनी के शेयर अलॉट करती है, जो एक सीमित मात्रा में होते हैं और लॉटरी के माध्यम से अलॉट होते हैं।

अगर हम वर्ष 2021 की बात करें तो अब तक 40 से ज्यादा कम्पनीज के IPO लॉंच हो चुके हैं। इसके तहत कम्पनी खुद को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) या बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्ट करवाती है। हालांकि इसके लिए कंपनी के पास न्यूनतम 10 करोड़ रुपए चुकता पूंजी होनी चाहिए।

आईपीओ आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है? कितने प्रकार का होता है?

types of ipo in hindi

आईपीओ को दो भागों में बांटा जाता है, जो कि उनकी कीमतों के निर्धारण के आधार पर होता है।

1. फिक्स प्राईस इश्यू या फिक्स प्राईस आईपीओ (FIX PRICE ISSUE OR FIX PRICE IPO)

2. बुक बिल्डिंग इश्यू या बुक बिल्डिंग आईपीओ (BOOK BUILDING IPO)

फिक्स प्राईस इश्यू या फिक्स प्राईस आईपीओ (FIX PRICE ISSUE OR FIX PRICE IPO)

इसके तहत कम्पनी द्वारा निर्धारित फिक्स प्राइस पर ही IPO को सब्सक्राइब किया जा सकता है या फिर आईपीओ लेने के लिए रिक्वेस्ट डाली जा सकती है। इसमें अगर प्राइस कम हो तो उसे फ्लोर प्राईस (FLOOR PRICE) कहा जाता है।

बुक बिल्डिंग इश्यू या बुक बिल्डिंग आईपीओ (BOOK BUILDING IPO)

इसके तहत कम्पनी द्वारा प्राईस बैंड (PRICE BAND) डिसाइड किया जाता है। आईपीओ की प्राईस बैंड डिसाइड हो जाने के बाद इसे जारी किया जाता है। इसके बाद कम्पनी द्वारा डिसाइड किए गए प्राईस बैंड में से इनवेस्टर अपनी बिड सब्सक्राइब करते हैं। इसके अगर प्राइस ज्यादा हो तो उसे कैप प्राईस (CAP PRICE) कहा जाता है।

आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है?

ipo investment in hindi

अब बात करते हैं आईपीओ में इनवेस्टमेंट की। दरअसल, कोई भी कंपनी, जो आईपीओ जारी करने वाली होती है, अपने IPO को इनवेस्टर्स के लिए 3-10 दिनों के लिए ओपन करती है। यानी कि यदि आपको किसी कम्पनी का IPO लेना है तो आपके पास 3 से 10 दिनों के बीच का समय होता है। यह अवधि कम ज्यादा भी हो सकती है। कुछ कम्पनीज तो दिन दिन का ही समय देती है।

अब सवाल यह है कि आईपीओ में इनवेस्ट कैसे करें? या फिर आईपीओ कैसे खरीदें? तो आप इन दिनों के भीतर कम्पनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर या किसी रजिस्टर्ड ब्रोकरेज के जरिए आईपीओ में इनवेस्ट कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपके पास एक डीमेट अकाउंट होना जरूरी होता है। यहां पर यह भी देखना होता है कि IPO फिक्स प्राईस इश्यू है या फिर बुक बिल्डिंग इश्यू। जिस तरह का IPO होता है, आपको उसी में इनवेस्ट करना होता है। यह प्रारंभिक मार्केट भी कहलाता है।

IPO कैसे अलॉट होता है?

यह प्रक्रिया आईपीओ ओपनिंग क्लोज होने के बाद की होती है, इसके तहत कम्पनी अपने इनवेस्टर्स को IPO अलॉट करती है। यह प्रक्रिया इस तरह काम करती है कि जब कोई आईपीओ बहुत अधिक ओवरसब्सक्राइब हो जाता है यानी कि ज्यादा आवेदन आ जाते हैं तो लकी ड्रॉ के जरिए अलॉटमेंट होता है। यह एक कंप्यूटरीकृत व्यवस्था होती है, इसमें पक्षपात की संभावना नहीं रहती है।

आप जितने ज्यादा आवेदन डालेंगे या बीड सब्सक्राइब करेंगे, आपके अलॉटमेंट के चांस उतने ही बढ़ जाएंगे। इसके बाद जब अलॉट हुए शेयर, स्टॉक एक्सचेंज (STOCK MARKET) में लिस्ट हो जाते हैं, तब यह सेकेंड्री मार्केट में खरीदे और बेचे जाते हैं।

IPO कैसे फायदेमंद है?

सामान्य शब्दों में कहे तो यह जल्दी मुनाफा प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका है। जिस प्रकार हम किसी कम्पनी में निवेश करते हैं तो उसे डबल होने या अच्छा मुनाफा मिलने जैसा होने में काफी लम्बा समय लग जाता है। लेकिन IPO में ऐसा नहीं है, इसके आपको स्लॉट मिलने के दो तीन बाद ही अच्छा खासा मुनाफा मिल सकता है। जैसे जैसे आपके शेयर की वैल्यू बढ़ती है आपको अधिक मुनाफा मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती है। हालांकि यह जोखिम भरा भी रहता है, जरूरी नहीं कि आपका शेयर फायदे में ही जाए, कई बार ऐसा भी संभव है कि जिस राशि में आपने शेयर खरीदा होता है, उससे आपको कई राशि भी मिल सकती है।

ऐसे में जरूरी है कि आप ​किसी भी कम्पनी का शेयर लेने से पूर्व उसके लाभ हानि की अच्छे से पड़ताल कर लें, फिर ही IPO का निर्णय लें।

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