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पीपीएफ खाता ऑनलाइन कैसे खोलें?

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PPF खाता क्या है? जानिए PPF खाता से 11 लाभ क्या है?

PPF खाता क्या है?

Table of Contents

पीपीएफ (PPF) खाते कैसे खोलें? पीपीएफ (PPF) खाते से क्या लाभ है? पीपीएफ (PPF) स्कीम क्या है? पीपीएफ (PPF) पर कितना ब्याज मिलता है? ऐसे बहुत सारे प्रश्न पिछले दिनों पूछा गया। आपके मन में भी इनमें से कोई प्रश्न है तो इसका उत्तर मैं दे रहा हूं।

कुछ समय पहले मैंने एक लेख लिखा था जिसका नाम है सुकन्या समृद्धि योजना इसे शॉर्टकट में SSY या SSA बोला जात है। अभी वर्तमान में जितने भी छोटी बचत योजना है उन सभी में से सबसे ज्यादा ब्याज सुकन्या समृद्धि योजना में ही दिया जाता है।

इसलिए यदि आपके घर में कोई बच्ची है जिसकी आयु 10 वर्ष से कम है तो आप सुकन्या समृद्धि खाता जरूर खुुुुलवाएं।

कुछ लोगों ने पूछा कि हमारे घर कोई लड़की नहीं है या लड़की है कि तो उसकी उम्र 10 साल से ज्यादा है। हमारे लिए कौन सा बचत योजना सबसे अच्छा रहेगा। कुछ लोग Mutual Funds, शेयर मार्केट (Stock Market), एसआईपी (SIP) में निवेश करने से डरते हैं।

वह सोचते हैं इसमें पैसा डूब जाएगा। बहुत से व्यक्ति को रिस्क कैपेसिटी नहीं होती है। वास्तव में बात सही है जिसमें रिस्क कैपेसिटी नहीं हो उसे स्टॉक मार्केट (Stock Market) या मुचल फंड (Mutual Fund) में निवेश नहीं करना चाहिए।

उनके लिए जिनके बेटी नहीं होने के कारण सुकन्या समृद्धि खाता नहीं खुलवा सकते हैं। स्टॉक मार्केट में निवेश नहीं कर सकते हैं। सबसे अच्छा है पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF। 50 साल से भी ज्यादा समय से यह एक लोकप्रिय सेविंग स्कीम है।

यह सरकार द्वारा गारंटीड स्कीम है। इसमें सरकार ब्याज समेत वापस करने की गारंटी लेती है। इसमें किसी प्रकार का कोई भी खतरा नहीं है। इसलिए इसमें आप जरूर निवेश करें।

लेकिन मैं हमेशा कहता हूं निवेश करने से पहले हर पहलू की जांच कर ले। क्योंकि आपकी कमाई बहुत मेहनत की कमाई है। किसी के कहने से कहीं भी निवेश ना करें। तो जानते हैं पीपीएफ अकाउंट के बारे में ए टू जेड सभी बातें।

पीपीएफ खाता कहां खुलवा सकते हैं?

पीपीएफ खाता का पूरे भारत में कहीं भी किसी भी डाकघर अथवा बैंक में खुलवा सकते हैं। सरकारी बैंक में एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक के साथ-सथ सभी सरकारी बैंक एवं आईसीआईसी बैंक, एचडीएफसी बैंक जैसे प्राइवेट बैंक में भी आप पीपीएफ खाता खुलवा सकते हैं।

कई छोटे डाकघर ब्रांच या छोटे बैंक ब्रांच में यह सुविधा उपलब्ध नहीं होती है। इसलिए आप अपने शहर के मुख्य डाकघर और बड़े बैंक ब्रांच में संपर्क कर सकते हैं।

पीपीएफ खाता कैसे खुलवा सकते हैं?

यह खाता आप दो प्रकार से खुलवा सकते हैं एक ऑफलाइन और दूसरा ऑनलाइन

आपको संबंधित डाकघर अथवा बैंक ब्रांच में जाकर कुछ आवश्यक दस्तावेज जैसे आपका फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड का फोटो कॉपी दस्तावेज जमा करके आसानी से ऑफलाइन खाता खुलवा सकते हैं

ऑनलाइन खाता खुलवाने के लिए आप संबंधित डाकघर एवं बैंक के वेबसाइट पर जाकर अपना नाम एड्रेस सब कुछ डालने के बाद आवश्यक दस्तावेज का फोटो अपलोड करके यह खाता 2 मिनट में खुलवा सकते हैं।

पीपीएफ खाते से 11 लाभ

मनुष्य बिना लाभ से कोई भी काम नहीं करता। इसलिए आपको यह जानकारी होना आवश्यक है कि पीपीएफ खाता खुलवाने से हमें क्या लाभ मिलेगा। पीपीएफ खाता खुलवाने से निम्नलिखित लाभ है।

1. सुकन्या समृद्धि खाता के बाद सबसे ज्यादा ब्याज इसी खाते में दिया जाता हैै। वर्तमान में पीपीएफ खाता पर ब्याज दर 7.1% दिया जा पीपीएफ खाता ऑनलाइन कैसे खोलें? रहा है।

2. सरकार द्वारा गारंटी स्कीम है। इसलिए आंख बंदकर निवेश कर सकते हैं और चैन की नींद सो सकते हैं।

3. प्रतिवर्ष कम से कम 500 और अधिकतम 1.5 लाख रुपया किस में जमा कर सकते हैं।

4. आयकर की धारा 80c के तहत इसमें जमा की गई राशि पर टैक्स में छूट मिलता है। अच्छा ब्याज के साथ आपको टैक्स बचत भी हो जाती है। यानी दोहरा फायदा मिल जाता है।

5. अवधि पूरा होने पर मिलने वाला मूलधन और ब्याज पूरी तरह आयकर से मुक्त होती हैं। आपको किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना पड़ता है।

6. आपके जमा पर लोन की भी सुविधा मिल जाती हैं। यदि आप चाहें तो जितनी ब्याज दर आपको मिल रही हैं उससे मात्र 1% ज्यादा ब्याज दर पर लोन ले सकते हैं।

आज के समय में पर्सनल लोन का ब्याज दर 13 से 15% तक है। इसमें यदि आपको (7.1+1) = 8.1% पर लोन मिल रहा है तो यह आपके लिए बहुत लाभदायक साबित हो सकता है।

7. पीपीएफ खाता की पूरे होने की अवधि 15 वर्ष होती हैं। यदि आप चाहें तो 15 वर्ष बाद 5 वर्ष के लिए इसे और बढ़ा सकते हैं।

8. 6 वर्ष पूरे होने के बाद यदि आपको कोई जरूरी काम पर गया तो आप इसमें से पैसा निकाल भी सकते हैं।

9. यदि किसी कारण बस आप किसी वित्तीय वर्ष इसमें पैसे जमा नहीं कर पाए तो आपका खाता बंद हो जाता है। इस स्थिति में मात्र ₹ 50 फाइन जमा करके पुनः खाता खुलवा सकते हैं।

यदि किसी कारण बस पिछले 3 साल तक आप इसमें पैसे जमा नहीं कर पाए तो 50 रुपए की दर से ₹ 150 फाइन जमा करके पुनः खाता खुलवा सकते हैं।

10. एक व्यक्ति एक ही पीपीएफ खाता खुलवा सकता है। कभी भी दो पीपीएफ खाता खुलवाने का प्रयास ना करें। यह एक कानूनी अपराध है।

11. यदि कोई व्यक्ति जघन्य अपराध में दोषी पाया जाता है तो सरकार उसके सभी बैंक खाता को सील कर देती हैं। लेकिन पीपीएफ ही ऐसा खाता है जो किसी भी स्थिति में सरकार द्वारा सील नहीं किया जा सकता है।

स्टेशन गुरुजी

मेरे वेबसाइट का नाम स्टेशन गुरुजी है। मैं यहां पर पढ़ाई लिखाई, मोटिवेशनल कहानी, वित्तीय जानकारी इत्यादि विषय पर जानकारी शेयर करता रहता हूं। यह आपके लिए काफी लाभदायक हो सकता है।

आप गूगल में जाकर स्टेशन गुरुजी और उसके आगे अपना सवाल लिखें आपको उसका जवाब मिल जाएगा। आप मुझे ईमेल भी कर सकते हैं। मेरा ईमेल पता है [email protected]

बैंक और पोस्ट ऑफिस में PFF खता कैसे खोलें, जाने पीपीएफ अकाउंट खोलने के लाभ

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एक भरोसेबंद इन्वेस्टमेंट है ऐसा कहा जाता है जो भी इन्वेस्टर PPF में निवेश करता है वो कभी निराश नहीं होता। ख़ास बात तो ये है कि PPF में इन्वेस्ट करने से टैक्स में छूट, मेच्योरिटी पर टैक्स फ्री रिटर्न और सर्कार का सहयोग भी मिलता है। आप चाहें तो बैंक और पोस्ट ऑफिस से भी अपना पीपीएफ अकाउंट खुलवा कर निवेश करना शुरू कर सकते हैं। आज हम आपको बताएंगे की PPF अकाउंट कैसे खोलते हैं और इससे क्या लाभ हैं।

PPF खाता खुलवाने के लिए आपको इंडियन पोस्ट ऑफिस की कोई भी शाखा में जाना पड़ेगा वैसे आप घर बैठे भी पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं इसके लिए आपको SBI,PNB,आईसीआईसीआई या फिर HDFC बैंक के ज़रिये ऑनलइन पीपीएफ खाता खुलवा सकते हैं। इसके लिए आपको सिर्फ नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करना पड़ेगा।

पोस्ट ऑफिस में ऐसे खुलता है PPF अकाउंट

इसके लिए आपको अपने शहर के पोस्ट ऑफिस में जाना पड़ेगा। जहाँ आपको फॉर्म 1 की मदद से खाता खोल सकते हैं। अच्छी बात ये है की PPF खाता खोलने के लिए नाबालिग भी आवेदन कर सकते हैं। पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवाने के लिए आपको 500 रुपए जमा करने पड़ते हैं। 15 साल तक अकाउंट में न्यूनतम 500 रुपए सालाना की दर से और अधिकतम डेढ़ लाख रुपए जमा कर सकते हैं।

बैंक में कैसे खुलता है PPF खाता

अगर आप घर बैठे बैंक में PPF खाता खुलवाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करना पड़ेगा। मान लीजिए आपका खाता HDFC में है तो इसके लिए आपको पुब्लिक प्रोविडेंट फण्ड के बैनर पर क्लिक करना होगा। आपको बैंक में खाता खोलने के लिए अपने पैनकार्ड की जानकारी अड्रेस और नॉमिनी की जानकारी भरनी होगी। ये प्रक्रिया करने के बाद आप जितनी चाहें उतनी राशि अकाउंट के जमा कर सकते हैं।

ये बात ध्यान में रखें

ऑनलाइन PPF खाता खोलने के दौरन कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए। इसके लिए व्यक्ति का बैंक में सेविंग्स अकाउंट होना जरूरी है आपके सेविंग्स अकाउंट के साथ आधार नंबर लिंक होना चाहिए और व्यक्ति का मोबाइल भी आधार से लिंक होना चाहिए।

PPF अकाउंट से लाभ

कोई भी व्यक्ति कम से कम 500 रुपए से अपना PPF खाता खुलवा सकता है। और एक साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपए ही जमा कर सकता है। इसकी मेच्योरिटी पीरियड 15 साल की होती है। इस खाते की रकम आप सालभर में किश्तों में या फिर एक मुश्त जमा कर सकते हैं। आप चाहें तो हर बार अलग-अलग राशि भी जमा कर सकते हैं। PPF खाते की राशि का इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन में 80C के डिक्शन क्लेम की जा सकती है। इसपर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से कर मुक्त रहता है। और ना ही वेल्थ टैक्स लगता है। शख्स PPF के सहारे लोन भी ले सकता है।

एनपीएस बनाम पीपीएफ: जानिए कहां करें निवेश!

एनपीएस बनामपीपीएफ? अस्पष्ट!कहां निवेश करें अपने दीर्घकालिक निवेश लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए? जब पोस्ट की बात आती है तो इन दोनों निवेश योजनाओं के अपने फायदे होते हैं-सेवानिवृत्ति योजना. विभिन्न समानताओं के साथ, एनपीएस योजना और पीपीएफ खातों में कुछ अंतर भी हैं। आइए इनमें से प्रत्येक निवेश योजना के अंतर का विश्लेषण करने से पहले इसे समझते हैं। एक नज़र देख लो!

एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन योजना)

एनपीएस या राष्ट्रीय पेंशन योजना सेवानिवृत्ति के लिए निवेश साधन में से एक है। राष्ट्रीय पेंशन योजना सभी के लिए खुली है, हालांकि, यह सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है।निवेश एनपीएस में सेवानिवृत्ति योजना के लिए एक अच्छा विकल्प है क्योंकि निवेशकों को कोई प्रत्यक्ष कर नहीं लगता हैकटौती निकासी के समय। के अनुसारआयकर 1961 का अधिनियम, एनपीएस रिटर्न निवेशकों के हाथ में कर-मुक्त है। इसके अलावा, राष्ट्रीय पेंशन योजना भारत सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए, यह अपेक्षाकृत कम जोखिम भरा है।

पीपीएफ (सार्वजनिक भविष्य निधि)

पीपीएफ या पब्लिक प्रोविडेंट फंड इनमें से एक हैटैक्स सेविंग स्कीम केंद्र सरकार का जिसे 1968 के पीपीएफ अधिनियम के तहत तैयार किया गया था। आमतौर पर, सार्वजनिक भविष्य निधि सभी के लिए उपयुक्त है क्योंकि पीपीएफ खाते की ब्याज दरें तय की जाती हैं, इसलिए वे अच्छे और स्थिर रिटर्न की पेशकश करते हैं। यह दीर्घकालिक निवेश विकल्प भारत सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए यह एक सुरक्षित है और कर लाभ भी प्रदान करता है। इसके अलावा, पीपीएफ की रखरखाव लागत कम होती है और यह ऋण विकल्प भी प्रदान करता है।

NPS-Vs-PPF

एनपीएस बनाम पीपीएफ

आमतौर पर, एनपीएस और पीपीएफ योजनाओं के बीच अंतर को निर्धारित करने के लिए कुछ तुलनात्मक विशेषताएं हैं। हमने इनमें से कुछ मापदंडों को नीचे सूचीबद्ध किया है ताकि आपको उनके बीच के अंतर को समझने में मदद मिल सके।

विवरण एनपीएस पीपीएफ
पात्रता भारतीय नागरिकों और अनिवासी भारतीयों को खाता खोलने की अनुमति है केवल भारतीय नागरिकों को ही खाता खोलने की अनुमति है
न्यूनतम आयु 18-60 साल कस्टोडियन के माता-पिता में से किसी एक के साथ नाबालिग के नाम से भी खोला जा सकता है
प्रतिफल दर 10-12% और यह पर निर्भर करता हैमंडी परिस्थिति 7.60% वित्तीय वर्ष 2017-18
एक साल के लिए योगदान न्यूनतम INR 6,000, कोई अधिकतम सीमा नहीं न्यूनतम INR 500, अधिकतम INR 1 लाख
योगदान पर कर एनपीएस में किया गया योगदान हैघटाया कुल सेआय शुल्क माफ़

इन दीर्घकालिक निवेशों के उद्देश्य

एनपीएस एक ऐसा निवेश है जो लंबी अवधि की सेवानिवृत्ति योजना के लिए उपयुक्त है। चूंकि सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष है, इसलिए यदिइन्वेस्टर राष्ट्रीय पेंशन योजना में 30 वर्ष की आयु में निवेश करता है, निवेश अवधि 30 वर्ष होगी। जबकि पीपीएफ सिर्फ एक लंबी अवधि का हैनिवेश योजना 15 साल के कार्यकाल के साथ।

एनपीएस और पीपीएफ की आयु सीमा

एनपीएस में निवेश करने की उम्र सीमा 18-60 साल है। वहीं, पीपीएफ में निवेश करने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है। निवेशक जब चाहे निवेश कर सकता है।

इन निवेशों के लिए फंड मैनेजर

एनपीएस में निवेश का प्रबंधन पेंशन फंड मैनेजरों में से एक द्वारा किया जाता है, जिन्हें इस उद्देश्य के लिए भारत सरकार द्वारा चुना जाता है। वर्तमान में, आठ फंड मैनेजर हैं, जिनमें से आपको अपना पैसा निवेश करने के लिए एक का चयन करना होगा। लेकिन, पीपीएफ निवेश का प्रबंधन केंद्र सरकार करती है।

पीपीएफ खाता और एनपीएस योजना की लॉक-इन अवधि

राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत, निवेश को निवेशक की सेवानिवृत्ति की आयु यानी 60 वर्ष तक लॉक कर दिया जाता है। जबकि लोक भविष्य निधि के लिए लॉक-इन अवधि 15 वर्ष है।

एनपीएस और पीपीएफ खाता ब्याज दर

राष्ट्रीय पेंशन योजना की कोई निश्चित वापसी दर नहीं है। यह आपके आवंटन के आधार पर भिन्न होता हैइक्विटीज, ऋण प्रतिभूतियां और सरकारी प्रतिभूतियां। साथ ही, वार्षिक रूप से कोई भुगतान नहीं होता है, लेकिन समय के साथ आपके निवेश मूल्य की सराहना की जाती है। दूसरी ओर, पीपीएफ पर ब्याज का भुगतान हर साल के अंत में किया जाता है। ब्याज दर निश्चित है और प्रत्येक वित्तीय वर्ष की शुरुआत में निर्धारित की जाती है। वित्तीय वर्ष 2016 के लिए लोक भविष्य निधि की ब्याज दर 7.60% है।

पीपीएफ और एनपीएस के कर लाभ

एनपीएस में निवेश करके, कोई व्यक्ति अपने से 2 लाख रुपये तक की कर कटौती का लाभ उठा सकता हैकरदायी आय. पीपीएफ के लिए, कर कटौती की अधिकतम सीमा INR 1,50,000 है। तो, 30% के टैक्स ब्रैकेट के तहत आने वाले लोग राष्ट्रीय पेंशन योजना में निवेश करके 60,000 रुपये तक और सार्वजनिक भविष्य निधि में 45,000 रुपये तक की बचत कर सकते हैं।

इन टैक्स सेविंग स्कीमों पर कराधान

एनपीएस के साथ, कोई व्यक्ति केवल पर कर लाभ प्राप्त कर सकता हैराजधानी निवेश की सराहना करते हैं न कि उस मूलधन पर जो परिपक्वता और निकासी पर प्राप्त होता है। लेकिन पीपीएफ में न तो मूल राशि और न ही अर्जित ब्याज पर कर लगता है।

योजनाओं की परिपक्वता के बाद की विशेषताएं

आपके एनपीएस निवेश की परिपक्वता के बाद, 60%नहीं हैं (नेट एसेट वैल्यू) आपको भुगतान किया जाता है और शेष 40% अनिवार्य रूप से एक में पुनर्निवेश किया जाता हैवार्षिकी विभिन्न जीवन द्वारा की पेशकश की योजनाबीमा कंपनी. निवेश की गई मूल राशि का वार्षिकी द्वारा भुगतान नहीं किया जाता है, लेकिन आपको वार्षिकी से पेंशन के रूप में कुछ मासिक राशि प्राप्त होती है। इसके विपरीत, पीपीएफ में, मूलधन और अर्जित ब्याज दोनों का भुगतान किया जाता है।

पीपीएफ और एनपीएस की समयपूर्व निकासी

राष्ट्रीय पेंशन योजना में, यदि आप परिपक्वता अवधि से पहले योजना से बाहर निकलते हैं, तो आपको अपने निवेश के शुद्ध मूल्य का केवल 20% भुगतान किया जाता है। शेष 80% को एक वार्षिकी योजना में फिर से निवेश किया जाता है और आप इसके लिए पेंशन अर्जित करते हैं। इसके अलावा, आपको पीपीएफ खाते से समय से पहले बाहर निकलने की भी अनुमति है। लेकिन, आपको निकासी के वर्ष के बाद चौथे वर्ष के अंत में अपने निवेश का 50% निकालने की अनुमति है और अपने पीपीएफ खाते के 7 साल पूरे होने के बाद हर साल वापस लेने की भी अनुमति है।

निष्कर्ष

इसलिए, यदि आप राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) या सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) में निवेश करने की दुविधा में हैं, तो ऊपर उल्लिखित “एनपीएस बनाम पीपीएफ” अनुभाग को ध्यान से पढ़ें। सोच समझकर निवेश करें, सोच समझकर निवेश करें!

सार्वजनिक भविष्य निधि

सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) खाता भारत सरकार द्वारा समर्थित लोकप्रिय दीर्घकालिक निवेश विकल्प है जो आकर्षक ब्याज दर और कर से पूरी तरह छूट प्राप्‍त प्रतिफलों के साथ सुरक्षा प्रदान करता है। निवेशक एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम रु. 500 और अधिकतम रु. 1,50,000 निवेश कर सकते हैं और ऋण, आहरण और खाते का विस्तार जैसी सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं।

सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) खाता खोलने के लिए पात्रता

सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) खाता निवासी भारतीय व्यक्तियों एवं अल्पवयस्कों की ओर से व्यक्तियों द्वारा खोला जा सकता है।

आईसीआईसीआई बैंक में सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) खाता खोलना पीपीएफ खाता ऑनलाइन कैसे खोलें? सरल, परेशानी मुक्त और त्वरित है।

मौजूदा ग्राहकों के लिए ऑनलाइन सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) खाता अब तुरन्त खोला जा सकता है।

यदि आप एक मौजूदा ग्राहक हैं। अभी आवेदन कीजिए।

यदि आप एक संयुक्त खाता रखते हैं या अल्पवयस्क के लिए सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) खाता खोलना चाहते हैं, तो आपको अपेक्षित प्रपत्र भरने और अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) दस्तावेजों के साथ निकटतम आईसीआईसीआई बैंक शाखा में इसे जमा करने की आवश्‍यकता है।

भारतीय स्टेट बैंक में पीपीएफ खाता के लाभ / पीपीएफ अकाउंट कितने साल का होता है

भारतीय स्टेट बैंक में पीपीएफ खाता के लाभ / पीपीएफ अकाउंट कितने साल का होता है – भारतीय स्टेट बैंक देश का सबसे बड़ा और सार्वजनिक बैंक माना जाता हैं. इसलिए भारतीय स्टेट बैंक से देश के काफी सारे ग्राहक जुड़े हुए हैं. भारतीय स्टेट बैंक अपनी स्कीम के माध्यम से ग्राहकों को काफी सारे लाभ भी प्रदान करता हैं. इस बैंक के द्वारा अपने ग्राहकों को ऑनलाइन पीपीएफ खाता खोलने की सुविधा दी जाती हैं.

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भारतीय स्टेट बैंक की यह बेहतरीन योजना मानी जाती हैं. पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) इस बैंक की स्मोल सेविंग योजना हैं. अगर आप स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की पीपीएफ योजना के बारे में संपूर्ण जानकारी चाहते हैं. तो हमारा यह आर्टिकल पूरा पढ़े.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारतीय स्टेट बैंक में पीपीएफ खाता के लाभ बताने वाले हैं. तथा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी जानकारियां प्रदान करेगे.

तो आइये हम आपको इस बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करते हैं.

भारतीय स्टेट बैंक में पीपीएफ खाता के लाभ

भारतीय स्टेट बैंक पीपीएफ खाता के कुछ लाभ निम्नलिखित है:

  • पीपीएफ खाता में वार्षिक 5 लाख रूपये तक जमा करवा सकते हैं.
  • इस जमा पैसा पर सरकार के द्वारा इनकम टेक्स के सेक्शन 80 सी के तहत ग्राहक को छुट मिलती हैं.
  • पीपीएफ खाता के द्वारा जो भी ब्याज मिलता है. उस पर कोई भी टैक्स नहीं लगता हैं.
  • मैच्योरिटी के बाद मिलने वाली रकम पर भी कोई टैक्स नहीं लगता हैं.

पीपीएफ अकाउंट के बारे में जानकारी

पीपीएफ का मतलब पब्लिक प्रोविडेंट फंड होता हैं. पीपीएफ खाता कोई भी भारतीय नागरिक खुलवा सकता हैं. अगर कोई नाबालिग है. तो वह भी पीपीएफ खाता खुलवा सकते हैं. पीपीएफ खाता हम जॉइंट में नहीं खुलवा सकते है. लेकिन हम नॉमिनी रख सकते हैं.

हम पीपीएफ खाता पोस्ट ऑफिस से या बैंक से खुलवा सकते हैं. अगर किसी का एक पीपीएफ खाता है. तो दूसरा नहीं खुलवा सकते हैं. पीपीएफ खाता खुलवाने के बाद हमारे द्वारा जमा की गई राशि पर हर तीन महीने में बैंक के द्वारा ब्याज मिलता हैं.

पीपीएफ अकाउंट कैसे खोलें

अगर आप पीपीएफ खाता खुलवाना चाहते है. तो ऑनलाइन माध्यम से घर बैठे खुलवा सकते हैं. पीपीएफ खाता ऑनलाइन खुलवाने के लिए निम्नलिखित स्टेप का पालन करे:

  • स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया से पीपीएफ खाता खोलने के लिए सबसे पहले आपको SBI की https://www.onlinesbi.com/ वेबसाइट पर जाना होगा.
  • अब आपके सामने एक पेज खुलेगा. वहा आपको “रिकवेस्ट एंड इंकवायर्स टैब” पर क्लीक करना हैं. इसके बाद “न्यू पीपीएफ अकाउंट” वाले विकल्प का चयन करे.
  • इसके पश्चात “पीपीएफ खाते के लिए आवेदन करे” इस विकल्प का चयन करे.
  • इसके बाद आपसे पैन नंबर, नाम, आधार नंबर आदि मांगा जाएगा. जो सावधानी पूर्वक भर दे.
  • इसके बाद आपको शाखा का कोड डालना होगा. आप उस शाखा का कोड डाले जहां से आप खाता खुलवाना चाहते है.
  • अब नामांकित विवरण दर्ज करने पीपीएफ खाता ऑनलाइन कैसे खोलें? के बाद सबमिट वाले बटन पर क्लिक करे.
  • अब आपको एक OTP मिलेगा उसे दर्ज कीजिए. OTP दर्ज करने के बाद “पीपीएफ खाता ऑनलाइन आवेदन प्रिंट” वाले विकल्प का चयन करे.
  • यह प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के बाद KYC के लिए अपने दस्तावेज और पासपोर्ट साइज़ फोटो लेकर शाखा पर जाए. KYC हो जाने के बाद आपका पीपीएफ खाता खोल दिया जाएगा.

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पीपीएफ अकाउंट के नुकसान

  • पीपीएफ खाता में अच्छा ब्याजदर नहीं मिलता हैं.
  • कभी भी ब्याजदर घटने की संभावना बनी रहती हैं.
  • आपकी जमा राशि 15 साल तक लोक हो जाती है. इसके पहले आप पैसा नहीं उठा सकते हैं.
  • एक साल में5 लाख से अधिक राशि जमा नहीं करवा सकते हैं.
  • अगर आप 500 रूपये से कम राशि जमा करवाते है. तो पेनल्टी लगती हैं.
  • एक से अधिक खाता नही खुलवा सकते हैं.

पीपीएफ अकाउंट के नियम

  • एक से अधिक खाता नहीं खुलवा सकते है.
  • साल भर में सिर्फ5 लाख तक जमा करवा सकते हैं.
  • 500 रूपये से कम राशि जमा करवाने पर बैंक के द्वारा पेनल्टी लगाई जाती हैं.
  • हर तीन महीने में आपको आपकी जमा राशि का ब्याज मिलता हैं.
  • जमा राशि बैंक के द्वारा 15 साल तक लोक कर दी जाती हैं.

पीपीएफ अकाउंट कितने साल का होता है

पीपीएफ अकाउंट 15 साल का होता हैं.

कैसे ब्याज पीपीएफ पर गणना की जाती है

पीपीएफ खाते में ब्याज की गणना प्रत्येक महीने की 1 से 5 तारीख के बीच की जाती हैं. आपके खाते में 1 से 5 तारीख के बीच में जितनी राशि जमा है. उस पर ब्याज दिया जाता हैं. अगर आपने 1 से 5 तारीख के बीच में राशि जमा करवा दी. तो आपको उस राशि पर उसी महीने ब्याज मिल जाएगा. लेकिन मान लो आपने 5 तारीख के बाद 6 तारीख को राशि जमा करवाई. तो इसका ब्याज आपको अगले महीने मिलेगा.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारतीय स्टेट बैंक में पीपीएफ खाता के लाभ बताए हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी महत्व पूर्ण जानकारी प्रदान की हैं. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह भारतीय स्टेट बैंक में पीपीएफ खाता के लाभ / कैसे ब्याज पीपीएफ पर गणना की जाती है आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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