स्केलिंग ट्रेडिंग रणनीति

एक दिन का व्यापार

एक दिन का व्यापार
यह शहर ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का महत्वपूर्ण केंद्र रहा, जिसका केंद्र आनंद भवन था. यह प्रयागराज (तब इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था) में महात्मा गांधी ने भारत को आजादी दिलाने के लिए अहिंसक प्रतिरोध के अपने कार्यक्रम का प्रस्ताव रखा था. प्रयागराज ने स्वतंत्रता के बाद के भारत के प्रधानमंत्रियों की सबसे बड़ी संख्या प्रदान की है जिनमें पं जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, वी.पी. सिंह. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र थे.

पाकिस्तान से फिर व्यापार शुरू कराना चाहती है पंजाब की AAP सरकार, मंत्री ने केंद्रीय सम्मेलन में उठाया मुद्दा

पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने पाकिस्तान से व्यापार का मुद्दा उठाया. (ANI)

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 12, 2022, 08:02 IST

हाइलाइट्स

जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को निरस्त करने के 2 दिन बाद पाकिस्तान ने भारत से व्यापार रोका था.
भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार अब तीन साल से अधिक समय से ठप है.
भारत ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को दिए गए मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस ले लिया.

चंडीगढ़. पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने पाकिस्तान के साथ व्यापार संबंधों को फिर से शुरू करने की मांग की है. पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने इस साल 14-15 जुलाई को बेंगलुरु में राज्यों के कृषि और बागवानी मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान यह मांग उठाई थी. भारत सरकार के जम्मू और कश्मीर में धारा 370 को निरस्त करने के 2 दिन बाद पाकिस्तान ने 7 अगस्त, 2019 को भारत से व्यापार पर रोक लगा दिया था.

इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में हुए इस सम्मेलन में हुई चर्चा की जानकारी सभी सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के कृषि उत्पादन आयुक्तों (एपीसी), प्रमुख सचिवों और कृषि निदेशकों को भेजी गई. जिसके मुताबिक विभिन्न मुद्दों के बीच धालीवाल ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय व्यापार को फिर से शुरू करने की मांग उठाई. पंजाब के अलावा किसी और राज्य ने यह मांग नहीं उठाई.

चाणक्य नीति: नौकरी और व्यापार में चाहिए तरक्की तो जरूर अपनाएं ये 3 गुण, हर जगह होगी वाहवाही

Published: November 17, 2022 4:14 PM IST

Acharya Chanakya Niti For Women, Acharya Chanakya, Chanakya Niti, Chanakya Strategies, Latest Marathi news,

Chanakya Niti About Success: कई बार व्यक्ति नौकरी व व्यापार में आने वाले उतार-चढ़ाव की वजह से घबरा जाता है और निराश होने लगता है. लेकिन इस स्थिति में मनुष्य को मानसिक तौर पर काफी मजबूत रहना चाहिए क्योंकि जिंदगी के हर मोड़ पर कहीं न कहीं नाकामयाबी का सामना सभी को करना पड़ता है. अगर आप मुश्किल दौर में धैर्य और समझदारी से काम लेंगे तो परेशानी भी आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी. आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में कुछ ऐसी ही नीतियों का उल्लेख किया है जिन्हें अपनाकर मनुष्य व्यापार और नौकरी में सफलता हासिल कर सकते हैं. इसके लिए आपके भीतर 3 गुण अवश्य होने चाहिए.

असफलता से न हों निराश

आचार्य चाणक्य का कहना है कि व्यक्ति को कभी भी असफलता से निराश नहीं होना चाहिए. बल्कि आत्मविश्वास रखेंगे तो एक दिन कामयाबी जरूर मिलेगी. कहा जाता है कि सफलता आसानी से हासिल नहीं होती इसके लिए एक पथरीला और मुश्किल रास्ता तय करना पड़ता है. ऐसे में इंसान गिरता भी है और जो गिरने पर खुद को संभाल लें उसे कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता. असफल होने पर शांत दिमाग से विचार करें कि आखिर कहां गलती हुई और फिर नए सिरे से शुरुआत करें.

न छोड़ें कोई अवसर

कई बार नौकरी व व्यापार के क्षेत्र में ऐसा समय आता है जब आपको अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है. ध्यान रखें कि ऐसे मौके को कभी हाथ से न जाने दें. क्योंकि एक दिन का व्यापार सफलता के लिए कई बार एक ही मौका मिलता है. इसलिए पूरी मेहनत और लगन के साथ खुद को साबित करने की कोशिश करें. जब अवसर मिले उसका पूरा लाभ उठाएं.

खोजें सवालों के जवाब

चाणक्य नीति के मुताबिक व्यक्ति को कभी अपने कार्यस्थल पर बॉस से सीनियर से सवाल पूछने में संकोच नहीं करना चाहिए. क्योंकि आज के समय में प्रतियोगिता इतनी बहुत ज्यादा बढ़ गई है और ऐसे में अपने कार्य से जुड़ा ज्ञान होना बेहद जरूरी है. यदि काम से जुड़ा कोई सवाल आपके मन में आता है तो तुरंत बॉस से पूछे ताकि बाद में कोई परेशानी न हो.

Do you know: जानें किस शहर को एक दिन के लिए भारत की राजधानी घोषित किया गया था और क्यों?

क्या आप जानते हैं कि नई दिल्ली हमेशा से भारत की राजधानी नहीं रही है? प्राचीन और मध्ययुगीन काल में भारत कई राज्यों में विभाजित था, प्रत्येक की अपनी राजधानी हुआ करती थी. इनमें से कई व्यापार केंद्रों और सांस्कृतिक केंद्रों में विकसित हुए. लेकिन ऐसा कौन सा शहर था जिसे ब्रिटिश शासन काल के दौरान एक दिन के लिए भारत की राजधानी घोषित किया गया और क्यों? आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं.

Prayagraj (Allahabad)

क्या आप ऐसे शहर के बारे में जानते हैं जिसे एक दिन के लिए भारत की राजधानी घोषित किया गया था वो भी ब्रिटिश शासन काल के दौरान और ऐसा क्यों किया गया था. हमेशा से दिल्ली भारत की राजधानी नहीं रही है. प्राचीन और मध्ययुगीन काल में भारत कई राज्यों में विभाजित था, प्रत्येक की अपनी राजधानी हुआ करती थी. इनमें से कई व्यापार केंद्रों और सांस्कृतिक केंद्रों में विकसित हुए.

जानें किस शहर को एक दिन के लिए भारत की राजधानी घोषित किया गया था और क्यों?

1858 में, इलाहाबाद को एक दिन की अवधि के लिए भारत की राजधानी बनाया गया था क्योंकि ईस्ट इंडिया कंपनी ने शहर में ब्रिटिश राजशाही को राष्ट्र का प्रशासन सौंप दिया था. उस समय इलाहाबाद उत्तर-पश्चिमी प्रांतों की राजधानी भी था. यहाँ पर उस समय अंग्रेजों ने उच्च न्यायालय से लेकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय की स्थापना की थी और अकबर के किले में सेना रहती थी.

अंग्रेजों ने 1911 में राजधानी को कलकत्ता (अब कोलकाता) से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया, जबकि शिमला 1864-1939 के दौरान ग्रीष्मकालीन राजधानी थी. दिल्ली को औपचारिक रूप से 13 फरवरी, 1931 को राष्ट्रीय राजधानी के रूप में घोषित किया गया था.

आइये इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के इतिहास के बारे में एक नज़र डालते हैं.

प्रयागराज का अतीत काफी गौरवशाली रहा है. वर्तमान के साथ यह भारत के ऐतिहासिक और पौराणिक शहरों में से एक है. यह उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े शहरों में से भी एक है और तीन नदियों- गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर स्थित है. इस मिलन के स्थल को त्रिवेणी के रूप में भी जाना जाता है और यह हिंदुओं के लिए विशेष रूप से पवित्र माना जाता है. इस शहर में आर्यों की पहले की बस्तियाँ बसी हुई थीं, जिसे तब प्रयाग के नाम से जाना जाता था.

इसकी पवित्रता पुराणों, रामायण और महाभारत में इसके संदर्भों से प्रकट होती है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक दिन का व्यापार भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की शुरुआत में 'प्रकृति यग' करने के लिए पृथ्वी पर एक भूमि (यानी प्रयाग) को चुना और उन्होंने इसे तीर्थ राज या सभी तीर्थ केन्द्रों के राजा के रूप में भी संदर्भित किया था.

Things Every Successful Entrepreneur Do: एक सफल व्यापारी वही है, जो इन कामों को हर रोज़ करता है

Things Every Successful Entrepreneur Do: एक सफल व्यापारी वही है, जो इन कामों को हर रोज़ करता है

बिज़नेसमैन, व्यापारी, कारोबारी, और आंत्रप्रेन्योर, बोलने और सुनने में भले ही यह शब्द एक दूसरे से अलग हो, लेकिन सभी का मतलब एक ही है. लेकिन एक व्यापारी की जिंदगी बाकि के लोगों से काफी अलग होती है. हर व्यापारी की दिनचर्या और उसके काम उसे दूसरे लोगों से बेहद अलग बनाते हैं और उसकी दिनचर्या ही यह बताती है कि वह व्यक्ति कितना सफल व्यापारी है.

क्या आप भी एक सफल व्यापारी बनना चाहते हैं ? तो एक दिन का व्यापार आपको किसी भी सफल व्यापारी की दिनचर्या और उसके गुणों को जरूर जानना चाहिए. चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताते हैं कि कैसे कोई भी सफल व्यापारी अपने दिन की शुरुआत करता है?

खुदरा और थोक व्यापारी भी MSME के दायरे में किए गए शामिल, पीएम मोदी ने बताया एतिहासिक कदम

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम यानि एमएसएमई सेक्टर को लगातार प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिससे छोटे और लघु उद्यमियों को लाभ मिल सके। वहीं अब सरकार ने खुदरा और थोक व्यापार को भी एमएसएमई के तहत लाने की घोषणा की है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पहल का स्वागत किया है।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि हमारी सरकार ने खुदरा एवं थोक व्यापार को एमएसएमई में शामिल करने का ऐतिहासिक कदम उठाया है। इससे हमारे करोड़ों व्यापारियों को आसानी से ऋण मिलने में मदद मिलेगी। उन्हें कई अन्य लाभ मिलेंगे और उनके कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा। हम हमारे व्यापारियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

गौरतलब हो कि एक दिन पहले ही एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई के रूप में शामिल करते हुए एमएसएमई के लिए संशोधित दिशानिर्देशों की घोषणा की। एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम एमएसएमई को मजबूत बनाने और उन्हें आर्थिक प्रगति का इंजन बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।

रेटिंग: 4.12
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 842
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *