स्टॉक एक्सचेंज दर

स्टॉक एक्सचेंज दर
सेबी की अनुमति मिलने के बाद भी एमसीएक्स स्टॉक एक्सचेंज पर ब्याज दर वायदा की शुरुआत नहीं हो पाएगी क्योंकि प्रमोटरों ने अब तक अपने नियंत्रण वाली हिस्सेदारी को कम नहीं किया है।
एमसीएक्स अधिकारी इस मुद्दे पर अपनी कोई टिप्पणी नहीं देना चाहते हैं। हालांकि एक्सचेंज को उम्मीद है कि 15 सितंबर तक हिस्सेदारी को कम कर दिया जाएगा जिसके लिए 31 अगस्त को रोड शो खत्म हुआ।
पहले भी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को तयशुदा समय के बावजूद विस्तार दिया गया था ताकि सेबी की हिस्सेदारी कम करने के दिशानिर्देशों का बेहतर पालन किया जा सके। एक्सचेंज ने इक्विटी में कारोबार करने की योजना बना रही है लेकिन यह भी हिस्सेदारी को कम करने के बाद ही संभव है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया और फाइनैंशियल टेक्नोलॉजीज, एमसीएक्स एसएक्स के प्रोमोटर हैं। फिलहाल एक्सचेंज मुद्रा वायदा के लिए एक मंच मुहैया करा रहा है और इस सेगमेंट को लॉन्च हुए एक साल भी पूरा नहीं हुआ है लेकिन एमसीएक्स एसएक्स ने अपनी बाजार हिस्सेदारी लगभग 50 फीसदी तक कर दिया है।
हालांकि एमसीएक्स एसएक्स की हिस्सेदारी बेचने के लिए एमसीएक्स की बातचीत कई घरेलू ओर विदेशी खिलाड़ियों के साथ भी स्टॉक एक्सचेंज दर हो रही है। पिछले ट्रांजेक्शन जिसमें 34 रुपये के प्रीमियम पर एमसीएक्स एसएक्स के शेयरों की बिक्री शामिल है उसकी वैल्यू करीब 5,000 करोड़ रुपये के करीब है। दिल्ली की गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी ने 5 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की है।
इसके अलावा प्रमोटरों ने 18 फीसदी हिस्सेदारी बैंकों को बेच दी है जिसमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया शामिल है। यह उम्मीद की जाती है कि 7 फीसदी हिस्सेदारी बैंकों को बेचा जाए और कुल मिलाकर 50 फीसदी हिस्सेदारी कम कर दी जाए।
एमसीएक्स-एसएक्स ने इस साल जून में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया में अपनी 6.48 फीसदी हिस्सेदारी 87.5 करोड़ रुपये में बेच दी है। बैंकों ने 10 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से प्राइमरी ऑफर के जरिये शेयरों का चयन किया था।
स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार किए गए डॉलर चार महीनों में सबसे कम हो गए और पहले से ही डॉलर “बचत” से सस्ते हैं
आईएमएफ के साथ समझौते की घोषणा के बाद से, “लिक्विडेटेड स्पॉट” और एमईपी या स्टॉक एक्सचेंज डॉलर 18% तक गिर गया
Billetes de cien dólares estadounidenses. Foto de archivo. Colorado Nov 3, 2009. REUTERS/Rick Wilking/File Photo
पिछले छह हफ्तों में, सख्त आधिकारिक विनिमय नियंत्रण के लिए वैकल्पिक डॉलर, स्टॉक या बॉन्ड के माध्यम से कारोबार किया गया, नवंबर के मध्य के मूल्यों पर वापस रोल करने के लिए, 18% तक पहुंचने के लिए तेज गिरावट के रास्ते पर चला गया।
स्टॉक डॉलर का पतन तब और भी अधिक होता है जब कोई इस बात को ध्यान में रखता है कि, नवंबर में विधायी चुनावों के बाद, सेंट्रल बैंक ने इस बाजार में हस्तक्षेप करना बंद कर दिया - इसने भंडार से डॉलर के साथ बांड खरीदकर ऐसा किया - निहित विनिमय दर पर कदम रखने के लिए।
आज, “लिक्विडेटेड स्पॉट” $188 पर संचालित होता है, 12 नवंबर, 2021 को $184.08 के बाद इसकी सबसे कम कीमत, मध्यावधि चुनावों से पहले अंतिम दौर, जब सत्तारूढ़ पार्टी की हार पहले से ही छूट दी गई थी।
27 जनवरी के उच्च स्तर से, ग्लोबल 30 (जीडी 30 सी) के माध्यम से “परिसमापन के साथ स्पॉट” 18.6% या 43 पेसो गिर गया, जबकि बोनर 30 (एएल 30 डी) के साथ एमईपी डॉलर 16.5% या 37 पेसो गिरकर 189 पेसो हो गया। दोनों ही मामलों में, वे चार महीने पहले 12 नवंबर से उनकी सबसे कम कीमतें हैं।
ऐसा ही कुछ मुफ्त डॉलर के साथ हुआ, जो अब 200 पेसो पर पेश किया गया, जो 21 दिसंबर से कम है। जनवरी में 222.50 डॉलर के रिकॉर्ड के बाद से, गिरावट 9.7 प्रतिशत थी। और 2022 के दौरान, “नीला” सात पेसो या 3.4 प्रतिशत गिर गया।
एस्टडियो बेर के अर्थशास्त्री गुस्तावो बेर ने समझाया, “हाल ही में तेज गिरावट के बाद वित्तीय डॉलर एक राहत के साथ धमकी दे रहे हैं, इन सामरिक दांवों के जोखिमों को पहचानते हुए, कैरी-ट्रेड डॉलर रिटर्न का अधिकतम लाभ उठाने की मांग करने वाले लिप्त व्यापारियों द्वारा ईंधन दिया गया है।”
स्टॉक एक्सचेंज डॉलर के लिए इस गिरावट की प्रवृत्ति ने विदेशी मुद्रा बाजार को एक निराला स्थिति में ले जाया: बैंकों में डॉलर “बचत” खरीदना एक अप्रतिबंधित ग्राहक खाते के साथ संपत्ति के माध्यम से करने की तुलना में अधिक महंगा है। यह उलटफेर पिछले साल के 9 सितंबर से छह महीने पहले नहीं हुआ है।
स्टॉक डॉलर के पतन स्टॉक एक्सचेंज दर को इतना चिह्नित किया गया था कि अब बैंकों में जनता के लिए डॉलर, जो बिक्री के लिए $189.17 का औसत है, एमईपी की तुलना में अधिक महंगा है, जिसे बचतकर्ता $200 के मासिक कोटा के बिना एक्सेस कर सकते हैं।
सरकार और मुद्रा कोष के बीच एक समझौते के समापन के पक्ष में प्रभाव, जो बाहरी ऋण परिपक्वता की प्रोफ़ाइल को परेशान करता है और इसलिए, डॉलर की आवश्यकता मौलिक थी। आश्चर्य की बात नहीं, पिछले 28 जनवरी से वैकल्पिक डॉलर अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से तेजी से गिर गए, जब राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज ने एजेंसी के साथ समझौते की घोषणा की।
दूसरी ओर, कई निवेशक पेसो पर स्विच करने और सेंट्रल बैंक द्वारा संचालित दर वृद्धि का लाभ उठाने के लिए विदेशी मुद्रा के साथ भाग लेने का निर्णय लेते हैं और ट्रेजरी बॉन्ड द्वारा प्रदान की जाने वाली उच्च अल्पकालिक पैदावार, जिसे वित्तीय शब्दजाल में “कैरी ट्रेड” कहा जाता है।
जीएमए कैपिटल की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि “2022 रिटर्न रेस 2021 की अगली कड़ी की तरह दिखती है, लेकिन दो बढ़े हुए रुझानों के साथ: 1) मुद्रास्फीति को हराना अभी भी बहुत जटिल है, और 2) यह बहुत बड़े डॉलर के परिणामों को नहीं रोकता है पेसो में निवेश से। ग्लोबलेस और बोनारेस को छोड़कर, बाकी परिसंपत्तियों की अनुमति है, स्थानीय मुद्रा में यात्रा के साथ-साथ विनिमय दर (कैरी ट्रेड) की सराहना, हार्ड मुद्रा में 17% तक का लाभ प्राप्त करने के लिए।”
Share Market Today: RBI बढ़ा सकता है ब्याज दर, आज कैसा रहेगा शेयर बाजार
Stocks To Watch: कैनरा बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, अडानी एंटरप्राइसेस, इंफोसिस, ओएनजीसी
भारतीय शेयर बाजार लगातार गिरावट का दौर देख रहा है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 50 (Nifty50) 40 अंक यानी 0.24 फीसदी की गिरावट के साथ 16,818 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं बीएसई का सेंसेक्स (BSE Sensex) 188 अंक यानी 0.33 फीसदी की गिरावट के साथ 56,409 अंक पर बंद हुआ. निफ्टी बैंक (Nifty Bank) में 12 अंकों की गिरावट के साथ 37,647 पर बंद हुआ.
आज रिजर्व बैंक भी ब्याज दरों को लेकर फैसला लेने वाला है, माना जा रहा है कि इसमें 0.50 फीसदी का इजाफा किया जाएगा, जिसका असर भी शेयर मार्केट पर दिख सकता है.
विदेशी मार्केट का हाल
एस एंड पी 500- 78 अंक यानी 2% गिरा.
Nasdaq 314 अंक यानी 2.8% लुढ़का.
जर्मनी का स्टॉक एक्सचेंज 207 अंक यानी 1.71 फीसदी गिरा.
फ्रांस का शेयर बाजार 88 अंक यानी 1.53 फीसदी फिसला.
लंदन का स्टॉक एक्सचेंज 98 अंक यानी 1.27 फीसदी गिरा.
एशियाई शेयर बाजार की बात करें तो सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज पर आज सुबह 8 बजे 0.44 फीसदी की या 74 अंको की गिरावट देखी गई, जापान के निक्केई में 1.54 फीसदी की गिरावट हुई है. ताइवान का शेयर बाजार 1.37 फीसदी गिरा और साउथ कोरिया का कॉस्पी (Kospi) पर 0.12 फीसदी गिरा.
एनएसई की वेबसाइट के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 3599 करोड़ रुपये के शेयर्स बेच दिए हैं वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 3161 करोड़ रुपये के शेयर्स खरीदें हैं.
आज इन शेयर्स पर रखें नजर
आज इन कंपनी के शेयर्स पर ट्रेडिंग के दौरान नजर रख सकते हैं जो खबरों में बने हैं-
गुजरात फ्लूरोकेमिकल्स, कैनेरा बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), गोदरेज (Godrej) कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, अडानी एंटरप्राइसेस, इंफोसिस, ओएनजीसी, अपोलो हॉस्पिटल्स, टाटा केमिक्ल्स, टाटा मोटर्स, सिपला, कोच्चि शिपयार्ड जैसे शेयर्स पर नजर रखें.
डिस्क्लेमर: यहां दिए गए किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट टिप्स या सलाह एक्सपर्ट्स और एनालिस्टस के खुद के हैं. और इसका क्विंट हिंदी से कोई लेना-देना नहीं है. कृपया कर किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट डिसिजन लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य ले.
Gold Price: लगातार स्टॉक एक्सचेंज दर गिर रहा सोना क्या और गिरेगा, खरीदें, बेचें या होल्ड करें?
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Stock Market: सोमवार को सेंसेक्स ने लगाया 1456 अंकों का गोता, निवेशकों के डूबे 6 लाख करोड़ रुपये
Sensex Crash Update: सप्ताह के पहले ही दिन शेयर बाजार में बिकवाली का जोर रहा और सोमवार को स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट दिखी। ग्लोबल फैक्टर्स के चलते सोमवार को स्टॉक एक्सचेंज दर बिकवाली के तूफान से भारतीय शेयर बाजार बुरी तरह हिल गये। सेंसेक्स ने 1,700 अंकों से ज्यादा की गिरावट के साथ 52,569.57 का आंकड़ा छू लिया। वहीं निफ्टी इंडेक्स में भी करीब 400 अंक की गिरावट देखी गई है। सोमवार 13 जून को बॉम्बे स्टॉक एक्चेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स1,456.74 अंक या 2.68 फीसदी गिरकर 52,847 पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का 50 शेयरों वाला सूचकांक निफ्टी 427.40 अंक या 2.64 फीसदी गिरकर 15,774 के स्टॉक एक्सचेंज दर स्तर पर बंद हुआ है। सोमवार को कारोबारी सत्र के दौरान निवेशकों को 6.5 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
Sensex crashes 1456 points on global selloff; investors poorer by Rs 6 lakh crore
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— ANI Digital (@ani_digital) June 13, 2022
सभी टॉप शेयरों में गिरावट
सेंसेक्स के टॉप-30 शेयरों में से सभी शेयर लाल निशान पर बंद हुए। केवल नेस्ले इंडिया के शेयर में करीब आधा फीसदी की तेजी देखी गई। इसके अलावा सभी में बड़ी बिकवाली हुई है। आज का टॉप लूजर स्टॉक बजाज फिनसर्व रहा, जिसके शेयरों में करीब 7 फीसदी की बड़ी गिरावट देखने को मिली। इसके अलावा बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, टेक महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, टीसीएस, एनटीपीसी, एसबीआई, इंफोसिस, एलटी, अल्ट्राकेमिकल, कोटक बैंक, विप्रो, टाटा स्टील, एमएंडएम, डॉ रेड्डीज, एचसीएल टेक, एचडीएफसी, टाइटन, सन फार्मा, आईटीसी और रिलायंस समेत कई शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।
क्यों आया गिरावट का दौर?
माना जा रहा है कि अमेरिका में महंगाई दर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से बाजार में लगातार गिरावट का बोलबाला है। अमेरिकी में महंगाई दर 40 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इसके साथ ही आने वाले दिनों में यूएस फेड रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है, इस संभावना को देखते हुए विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं। निवेशक भारत ही नहीं, कई उभरते देशों स्टॉक एक्सचेंज दर से बदहवासी में अपने पैसे निकाल रहे हैं, जिसने बाजार के सेंटीमेंट को पूरी तरह बिगाड़ दिया है। निकट भविष्य में भी बाजार में कमजोरी का ट्रेंड है और विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिकी बाजारों में स्थिरता आने के बाद ही भारतीय बाजार में स्थिरता आएगी।
Stock Market : फेडरल रिजर्व के ब्याज दर बढ़ाने के फैसले के बाद सेंसेक्स 337 अंक टूटा, 17,629 पर निपटा निफ्टी
Stock Market : फेडरल रिजर्व के ब्याज दर बढ़ाने के फैसले के बाद सेंसेक्स 337 अंक टूटकर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 17629 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स के शेयरों में पावरग्रिड, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी लि., एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट प्रमुख रूप से नुकसान में रहे.
Updated: September 22, 2022 4:34 PM IST
Stock Market : घरेलू शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 337 अंक से अधिक टूटकर बंद हुआ. अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में वृद्धि तथा वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच बाजार नीचे आया.
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तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 337.06 अंक यानी 0.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59,119.72 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 624 अंक तक नीचे चला गया था.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 88.55 अंक यानी 0.50 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,629.80 अंक पर बंद हुआ.
सेंसेक्स के शेयरों में पावरग्रिड, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी लि., एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट प्रमुख रूप से नुकसान में रहे.
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में टाइटन, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एशियन पेंट्स, मारुति और आईटीसी शामिल हैं.
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे.
यूरोपीय शेयर बाजारों में शुरुआती कारोबार स्टॉक एक्सचेंज दर में गिरावट का रुख था. अमेरिकी बाजार में बुधवार को गिरावट रही.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व उम्मीद के विपरीत अधिक आक्रामक हुआ है और उसने नीतिगत दर साल के अंत तक बढ़ाकर 4.4 प्रतिशत करने का संकेत दिया है. यह संकेत है कि मौद्रिक नीति को लेकर अगली दो बैठकों में ब्याज दर में 1.25 प्रतिशत की वृद्धि स्टॉक एक्सचेंज दर हो सकती है. इसके साथ अमेरिकी-डॉलर सूचकांक 111 से ऊपर चला गया. डॉलर के मुकाबले रुपया 80 से ऊपर पहुंच गया है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय शेयर बाजार सीमित गिरावट के साथ अपनी मजबूती को बनाये रखने में कामयाब रहा. लेकिन अगर रुपये में गिरावट जारी रही, बाजार विदेशी निवेशकों के लिये अल्पकाल में कम आकर्षक होगा. उसका असर बाजार पर पड़ेगा.’’
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.55 प्रतिशत बढ़कर 90.32 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.
बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने दो दिन की लिवाली के बाद बुधवार को शुद्ध रूप से 461.04 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.
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