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क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं

क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं
शायद यह आपके बच्चे को क्रिप्टोकरेंसी से परिचित कराने का सबसे अच्छा समय है.

क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं

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भास्कर एक्सप्लेनर: क्रिप्टोकरेंसी पर न बैंक और न ही किसी देश का कंट्रोल; क्या भारत सरकार चाहकर भी इसे बैन नहीं कर सकती?

23 नवंबर को लोकसभा का बुलेटिन जारी हुआ और भारत के क्रिप्टो मार्केट में उथल-पुथल मच गई। बुलेटिन में कहा गया कि संसद सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर कानून लेकर आने वाली है। खबर फैलते ही भारत के करीब 10 करोड़ क्रिप्टो इन्वेस्टर्स पैनिक में आ गए और क्रिप्टो मार्केट गिरने लगा। अगले दिन सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में 17% तक की गिरावट आई।

भास्कर ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े पूरी कॉन्ट्रोवर्सी को समझने के लिए क्रिप्टो एक्सपर्ट जसकरन सिंह मनोचा से बात की है। जसकरन लंबे समय से क्रिप्टोकरेंसी पर काम कर रहे हैं।

समझते हैं, क्रिप्टोकरेंसी होती क्या है? नए बिल का क्रिप्टो इन्वेस्टर्स पर क्या असर होगा? बिल में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की बात हो रही है ये क्या होती है? क्या वाकई सरकार क्रिप्टो को बैन कर सकती है? कैसे तैयार होती है क्रिप्टोकरेंसी और इसका इतिहास क्या है.

सबसे पहले समझते हैं क्रिप्टो करेंसी क्या है?

यह ठीक रुपए, डॉलर या किसी भी दूसरी करंसी की तरह ही है बस फर्क इतना है कि ये डिजिटल है। यानी इसे आप नोट या सिक्के की तरह जेब में नहीं रख सकते, क्योंकि यह पूरी करंसी क्रिप्टोग्राफी के सिद्धांत पर क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं आधारित ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से बनी है, इसलिए इसे क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं।

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है?

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी वो करेंसी होती है, जिसके लेनदेन की जानकारी सार्वजनिक नहीं होती। यानी उस करेंसी को लेकर क्या चल रहा है और उसका बैकग्राउंड आप चेक नहीं कर पाते।

पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी वो होती है, जिसके लेनदेन की जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रहती है। इस वजह से इनका क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं बैकग्राउंड चेक किया जा सकता है और ये ज्यादा भरोसेमंद होती है।

हालांकि सरकार जो बिल लाने वाली है उसमें प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को किस तरह से परिभाषित किया जाएगा वो भी समझना होगा। सरकार चाहें तो सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी को प्राइवेट का दर्जा दे सकती है।

बिल में क्रिप्टो को लेकर संभावित क्या-क्या हो सकता है, वो भी जान लीजिए

  • रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) एक नई डिजिटल करेंसी जारी कर सकता है। ये सरकारी या पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी होगी।
  • सरकार प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी को अलग-अलग कर प्राइवेट को पूरी तरह बैन कर दें और पब्लिक के लिए कुछ नियम कायदे लेकर आएं। वैसे भी मार्केट में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी ज्यादा नहीं है, इस वजह से मार्केट पर ज्यादा असर नहीं आएगा।
  • सरकार बहुत सामान्य तरह के रेगुलेशन लाकर क्रिप्टो को रेगुलेट कर सकती है और इस पर टैक्स लगा सकती है। लॉन्ग टर्म, शॉर्ट टर्म या कितने क्रिप्टो आप खरीद/बेच रहे हो उस हिसाब से टैक्स लगाया जा सकता है।
  • सरकार अपना खुद का वॉलेट लेकर आ सकती है। इस वॉलेट को RBI जारी करेगा और इसके जरिए आप क्रिप्टोकरेंसी को खरीद/बेच पाएंगे। इससे क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े सारे लेनदेन का रिकॉर्ड मेंटेन रहेगा। इससे क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टर्स का सरकार पर भरोसा भी बढ़ जाएगा।

क्या सरकार क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह बैन नहीं कर सकती?

किसी भी सरकार का कंट्रोल उसके देश तक ही सीमित होता है, लेकिन इंटरनेट की दुनिया की कोई सीमा नहीं है। इंटरनेट पर कोई किस सर्वर पर क्या कर रहा है ये किसी को पता नहीं होता। साथ ही क्रिप्टो इन्क्रिप्टेड क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं फॉर्म में होती है और इसकी इंटरनेशनल मार्केट में बहुत ज्यादा वैल्यू है। इसलिए सरकार कभी भी पूरी तरह इसे बैन नहीं कर सकती। अगर सरकार बैन करती भी है तो भी क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं लोग अलग-अलग तरीकों से इसकी ट्रेडिंग कर सकते हैं। क्रिप्टो की एक खासियत ये भी है कि इस पर न किसी सरकार न बैंक और न ही किसी एक व्यक्ति का कंट्रोल होता है।

साथ ही ज्यादातर ऐसे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज हैं, जो भारत में रजिस्टर्ड ही नहीं है। अगर भारत सरकार कोई कानून बनाती भी है, तो हो सकता है उन पर इससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़े।

कैसे तैयार होती है क्रिप्टोकरेंसी?

क्रिप्टोकरेंसी को माइनिंग के जरिए तैयार किया जाता है। यह वर्चुअल माइनिंग होती है, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी पाने के लिए एक बेहद जटिल डिजिटल पहेली को हल करना पड़ता है। इस पहेली को हल करने के लिए अपने खुद के एल्गोरिद्म (प्रोग्रामिंग कोड) और साथ ही बहुत ज्यादा कंप्यूटिंग पावर की जरूरत पड़ती है। इसलिए सैद्धांतिक तौर पर कह सकते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी बना सकता है, लेकिन व्यावहारिक रूप से देखें तो इसे बनाना बहुत ही मुश्किल काम है।

क्रिप्टोकरेंसी को रिस्की क्यों माना जाता है?

जब आप रुपए, डॉलर, येन या पाउंड की बात करते हैं तो उस पर उसे जारी करने वाले देश के केंद्रीय बैंक का नियंत्रण होता है। यह करेंसी कितनी और कब छपेगी, वह यह देश की आर्थिक परिस्थिति को देखकर तय करते हैं। पर क्रिप्टोकरेंसी पर किसी का कंट्रोल नहीं है, यह पूरी तरह से डीसेंट्रलाइज्ड व्यवस्था है। कोई भी सरकार या कंपनी इस पर नियंत्रण नहीं कर सकती। इसी वजह से ये रिस्की भी है।

कैसे काम करती है क्रिप्टोकरेंसी? क्या है सरकार व RBI का रुख? जानें हर सवाल का जवाब

अभय कुमार सिंह

Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है। इसे नोट या सिक्के की तरह हाथ में नहीं लिया जा सकता। ये डिजिटल एसेट्स होते हैं।

Cryptocurrency News

  • क्रिप्टोकरेंसी को कोई सेंट्रल अथॉरिटी रेगुलेट नहीं करती।
  • क्रिप्टोकरेंसी की संख्या हजारों में हैं, जिनकी अलग-अलग कीमत है जो बढ़ती-घटती रहती है।
  • भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून नहीं है, न ही रेगुलेशन का कोई सिस्टम है।

नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में अबतक आपने बहुत पढ़ा-सुना देखा होगा। आज हम आपके सारे डाउट क्लियर कर देंगे।। जैसे- क्रिप्टोकरेंसी भारत में अवैध तो नहीं है, सरकार का इस मामले में स्टैंड क्या है, चिंताएं क्या-क्या हैं? क्या क्रिप्टोकरेंसी में इंवेस्टमेंट रिस्क वाला फैसला है? ऐसे ही 10 सवालों के जवाब यहां मिलेंगे।

सवाल 1: क्रिप्टोकरेंसी होती क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। मतलब ये कि नोट या सिक्के की तरह इसे हाथ में ले नहीं सकते, कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता है, ये डिजिटल एसेट्स होते हैं। और क्रिप्टोग्राफी से इन्हें सेक्योर किया जाता है। हर एक क्रिप्टोकरेंसी, यूनिक प्रोग्राम कोड से बनाई जाती है जिससे कि एक ही क्रिप्टोकरेंसी की कॉपी बना लेना या धोखाधड़ी कर पाना तकरीबन नामुमकिन है।

सवाल 2: काम कैसे करती है क्रिप्टोकरेंसी?

  • क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी सेंट्रल अथॉरिटी मतलब कि सरकार या समझ लीजिए रिजर्व बैंक रेगुलेट नहीं करता है। ये पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड है और इंटरनेट पर ही इसका क्रिएशन, इंवेस्टमेंट,ट्रांजेक्शन होता है।
  • भारत के लिहाज से बात करें तो सरकार या रिजर्व बैंक को नहीं पता कि ये कैसे बनाए जा रहे हैं, इसकी वैल्यू कैसे घट बढ़ रही है और इसका एक्सचेंज कैसे हो रहा है।
  • एक पूरा इंटरनेट नेटवर्क है, जहां पर हर एक ट्रांजेक्शन की जानकारी सेव होती रहती है औैर इसे कोई सिंगल पर्सन या कोई संस्था मॉनिटर नहीं कर रही होती। एक ही साथ इस पर कई जगह काम होता रहता है।

सवाल 3: कितने तरह की होती है क्रिप्टोकरेंसी?
अब आपने बिटक्वॉइन, डॉजक्वाइन, लाइटक्वाइन, पोलकाडॉट, चेनलिंक, मूनक्वाइन ये सब नाम भी आपने सुने होंगे, तो ये सब क्रिप्टोकरेंसी ही हैं, इनकी संख्या हजारों में हैं जिनकी अलग-अलग वैल्युज है जो बढ़ती घटती रहती है।जैसे 16 नवंबर को एक बिटक्वाइन की कीमत करीब 48 लाख रुपये है और ये महज कुछ ही घंटों में हजारों बढ़ घट सकती है। इसका तेजी से बढ़ना घटना भी एक वजह है जिसके बारे में एक्सपर्ट कहते हैं कि जमा पूंजी को इसमें निवेश कर देना कभी-कभार तगड़ा घाटे का सौदा हो सकता है।

सवाल 4: कैसे खरीद सकते हैं?
आपको जानकार हैरानी होगी कि देश में करीब 10 करोड़ क्रिप्टो करेंसी ओनर हैं, हालांकि, ये इंडिपेंडेंट प्लेटफॉर्म की तरफ से जारी आंकड़े हैं। लेकिन फिर भी इतनी संख्या में ये जो क्रिप्टो ऑनर हैं, वहां कहां खरीदते बेचते हैं क्रिप्टोकरेंसी?ठीक वैसे ही जैसा स्टॉक मार्केट होता है वैसे ही एक्सचेंज या ब्रोकर क्रिप्टोकरेंसी के लिए है । भारत में जो टॉप क्रिप्टो एक्सचेंज हैं वो हैं CoinDCX, Coinswitch, WazirX, Kuber- ये सब मोबाइ्ल एप की मदद से रजिस्ट्रेशन लेते हैं और अपने प्लेटफॉर्म से ट्रांजेक्शन करने देते हैं। शुरुआत में ये आपको क्रिप्टो मार्केट समझने में भी हेल्प करते हैं।

ये तो हो गई क्रिप्टोकरेंसी को समझने की बात अब भारत में क्या नियम-कानून हैं और सरकार-एजेंसियों की चिंता क्या है?

सवाल 5: भारत में वैध या अवैध है क्रिप्टोकरेंसी?
मौजूदा वक्त में भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून नहीं है, न ही रेगुलेशन का कोई सिस्टम है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि क्रिप्टोकरेंसी को रखना अवैध है।

सवाल 6: भारत सरकार का क्या रुख है?
ऐसा माना जा रहा है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो करेंसी पर विधेयक ला सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 नवंबर को क्रिप्टो करेंसी पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इससे संकेत मिलता है कि सरकार इस मुद्दे से निपटने के लिए टफ रेगुलेटरी स्टेप ले सकती है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगस्त में कहा था कि उन्हें क्रिप्टो करेंसी विधेयक पर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार है

सवाल 7: रिजर्व बैंक का क्या रुख है?
यहां एक बात और जान लीजिए कि साल 2018 में रिजर्व बैंक ने क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर पूरी तरह रोक लगाने वाला सर्कुलर जारी कर दिया था। मार्च 2020 में सुप्रम कोर्ट ने इस सर्कुलर को निरस्त कर दिया, और क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड की मंजूरी दे दी।हाल ही में एक कार्यक्रम में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास क्रिप्टोकरेंसी को लेकर फिर चेतावनी दी थी। उनका कहना था कि इससे रिजर्व बैंक के सामने एक चुनौती आई है। माइक्रोइकनॉमिक बैंलेस और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी दोनों के लिए क्रिप्टोकरेंसी ने चिंता पैदा की है।इस कार्यक्रम में दास ने ये भी कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की संख्या को बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है।

सवाल 8: भारत में चिंताएं क्या-क्या हैं?
अभी तक मैंने जो जानकारी दी है उससे समझ गए होंगे कि देश में पिछले कुछ सालों से क्रिप्टोकरेंसी पर लगातार बहस चलती आई है। आशंका है कि इसका इस्तेमाल निवेशकों को भ्रामक दावों के साथ आकर्षित करने और आतंक के वित्तपोषण के लिए किए जाने की आशंका है।और जब से ये क्रिप्टोकरेंसी टीओआर, फ्ऱीनेट, जीरोनेट और परफेक्टडार्क जैसे डार्क नेट पर लेन-देन के लिए इस्तेमाल किए जाने लगी है तब से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ गई है।

सवाल 9: साइबर क्राइम में क्यों इस्तेमाल होने लगी है क्रिप्टोकरेंसी?
मनी लॉन्ड्रिंग करने वाले, साइबर अपराधी और आतंकवादी क्रिप्टोकरेंसी को आसान मानते हैं क्योंकि इसका पता लगाना मुश्किल होता है, क्योंकि क्रेडिट-डेबिट कार्ड या बैंक जैसा कोई मध्यस्थ नहीं होता है ऐसा में पता लगाना नामुमकिन सा हो जाता है कि आखिर पैसा गया तो गया कहां।आपको एक उदाहरण देते हैं पिछले साल पीएम मोदी के पर्सनल वेबसाइट के टि्वटर अकाउंट को हैक कर लिया गया था। हैकर ने बदले में बिटक्वॉइन की ही मांग की थी, तो ये चिंताएं हैं सरकार और एजेंसियों के सामने जिसका सवाल ढूंढा जा रहा है।

सवाल 10: क्या किसी देश में क्रिप्टोकरेंसी लीगल करेंसी भी है?
जवाब है हां, जून 2021 में अल सल्वाडोर पहला ऐसा देश बन गया जहां बिटक्वॉइन को ऑफिशियली लीगल करेंसी बनाया गया है। इसके अलावा किसी दूसरे देश में बिटक्वॉइन या कोई दूसरी क्रिप्टोकरेंसी, लीगल करेंसी के तौर पर इस्तेमाल नहीं की जाती। हालांकि, अपने देश के अलावा यूएस, कनाडा में इसकी ट्रेडिंग हो रही है, रूस, चीन जैसे देश इसके खिलाफ हैं।

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Children’s Day 2021: अपने बच्चे को क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया से परिचित कैसे कराएं? जानिए क्या है इसे लेकर एक्सपर्ट्स की राय

बच्चों के लिए निवेश करना माता-पिता की जिम्मेदारी है, वहीं उन्हें यह समझाना भी जरूरी है कि जीवन में पैसे की क्या अहमियत होती है और एक व्यक्ति को पैसे जनरेट करने और इसे बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए.

Children’s Day 2021: अपने बच्चे को क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया से परिचित कैसे कराएं? जानिए क्या है इसे लेकर एक्सपर्ट्स की राय

शायद यह आपके बच्चे को क्रिप्टोकरेंसी से परिचित कराने का सबसे अच्छा समय है.

Children’s Day 2021: क्या आपको अपने बच्चे को क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया के बारे में बताना चाहिए? यह आपको थोड़ा अटपटा लग सकता है. IFIM लॉ स्कूल के प्रोफेसर पद्मनाभ रामानुजम कहते हैं कि सामान्य तौर पर होना यह चाहिए कि आपका बच्चा आपको क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया के बारे में बताए. लेकिन अगर ऐसा नहीं है, तो शायद यह आपके बच्चे को क्रिप्टोकरेंसी से परिचित कराने का सबसे अच्छा समय है. लेकिन सवाल यह है कि क्यों, और कैसे? माता-पिता, अपने बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने के लिए स्टॉक, फिक्स्ड डिपॉजिट, म्यूचुअल फंड, प्रॉपर्टी, स्मॉल सेविंग स्कीम्स जैसे पीपीएफ, एसएसवाई आदि जैसे विकल्पों में पैसा लगाते हैं. बच्चों के लिए निवेश करना माता-पिता की जिम्मेदारी है, वहीं उन्हें यह समझाना भी जरूरी है कि जीवन में पैसे की क्या अहमियत होती है और एक व्यक्ति को पैसे जनरेट करने और इसे बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए.

एक्सपर्ट्स की राय

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WazirX के CEO और फाउंडर निश्चल शेट्टी का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के ज़रिए भी ट्रेडिशनल इन्वेस्टमेंट विकल्पों के उद्देश्यों की पूर्ति की जा सकती है. इसका मतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी को भी अन्य इन्वेस्टमेंट विकल्पों की तरह निवेश के एक विकल्प के तौर पर देखा जा सकता है. हालांकि इसमें बेहतर रिटर्न के लिए निवेशकों को इससे जुड़े जोखिमों को समझना होगा और समझदारी के साथ निवेश करना होगा. इसके लिए क्रिप्टो इकोसिस्टम को समझना भी जरूरी है.

  • शेट्टी ने FE ऑनलाइन को बताया, “पेरेंट्स लंबी अवधि के निवेश विकल्पों जैसे स्टॉक, एफडी आदि में निवेश करते हैं क्योंकि इसमें बच्चों के लिए बेहतर रिटर्न जनरेट करने की क्षमता है, इसी तरह क्रिप्टो में भी अच्छा-खासा रिटर्न जनरेट क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं किया जा सकता है. बच्चों के पास अपना अकाउंट नहीं होता है, इसलिए माता-पिता या पेरेंट्स अपने बच्चों की ओर से क्रिप्टो की दुनिया में निवेश कर सकते हैं. जिस तरह से क्रिप्टोकरेंसी का बाजार फैल रहा है, उसे देखते हुए माता-पिता को बच्चों को क्रिप्टो और ब्लॉकचेन के बारे में सिखाना अहम होता जा रहा है. यह आगे आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन लाने के लिए जरूरी है.
  • शेट्टी ने आगे कहा कि आज क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना मुश्किल नहीं है, लेकिन वित्त का प्रबंधन सावधानी से किया जाना चाहिए क्योंकि क्रिप्टो एक उच्च जोखिम वाला निवेश है. इसके अलावा, यह सही शिक्षा और जागरूकता के साथ कम उम्र में क्रिप्टो की दुनिया को समझने के लिए असल में एक स्मार्ट कदम है क्योंकि यह बच्चों को इंडस्ट्री से जुड़ी आगामी चुनौतियों को लेकर तैयार करता है.
  • ब्लॉकचैन के जानकार शरत चंद्रा कहते हैं कि बच्चों को क्रिप्टो के बारे में बताने का सबसे अच्छा तरीका उन्हें “Piggy Bank” के बजाय एक क्रिप्टो वॉलेट देना है. इसके ज़रिए उनके लिए “डिजिटल मनी” के रूप में क्रिप्टो टोकन को समझना आसान हो जाएगा. इसके बाद पेरेंट्स अपने बच्चों को अलग-अलग तरह के डिजिटल टोकन को सरल शब्दों में उदाहरण के साथ समझा सकते हैं.
  • चंद्रा ने FE ऑनलाइन को बताया, “एक बार जब बच्चे इन टोकन को अच्छी तरह से समझ लेंगे, तो वे अपने आप ही क्रिप्टोकरंसी कलेक्ट करना शुरू कर सकते हैं. टोकन एकत्र करना बच्चों को कंपाउंडिंग के बारे में बताने की दिशा में एक कदम हो सकता है और यह बच्चों में अच्छे फाइनेंशियल बिहेवियर को भी विकसित करेगा.
  • प्रोफेसर रामानुजम का सुझाव है कि पेरेंट्स को अपने बच्चे को क्रिप्टोकरेंसी का इंट्रोडक्शन इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में अल्टरनेट करेंसी के तौर पर देना चाहिए. इसके अलावा, आपको अपने बच्चे को यह भी बताना चाहिए कि क्रिप्टो में निवेश / व्यापार की शुरुआत स्मार्टफोन के ज़रिए ही किया जा सकता है. ऐसे कई मोबाइल ऐप हैं जिसके ज़रिए बिना किसी परेशानी के इलेक्ट्रॉनिक रूप से क्रिप्टो की दुनिया से जुड़ा जा सकता है.
  • हो सकता है कि आपके बच्चे के मन में यह सवाल आए कि पेमेंट के लिए अल्टरनेट सिस्टम की जरूरत क्यों है जबकि पहले ही मेनस्ट्रीम करेंसी डिजिटल फॉर्म में मौजूद है और इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. प्रोफेसर रामानुजम कहते हैं कि बच्चों को क्रिप्टोकरेंसी के इतिहास के बारे में बताना भी जरूरी है. उन्हें यह बताना न भूलें कि पहला क्रिप्टोकरेंसी यानी बिटकॉइन 2008 की मंदी का परिणाम था. अब एक बिटकॉइन की कीमत करीब आधे करोड़ रुपये के बराबर है. इससे पता चलता है कि लोगों में इसे लेकर विश्वास बढ़ा है.
  • क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल अभी तक दैनिक लेनदेन के लिए नहीं किया जा रहा है और यह ज्यादातर ट्रेडिंग और निवेश तक ही सीमित है. यह विदेशों में फंड ट्रांसफर के मामले में ज्यादा बेहतर साबित हुआ है क्योंकि इसमें कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता है और साथ ही इस प्रक्रिया में कई दिन नहीं बल्कि कुछ मिनट ही लगते हैं.
  • बच्चों को इससे जुड़े उतार-चढ़ाव और अन्य जोखिमों के बारे में बताना भी जरूरी है. क्रिप्टो से संबंधित नियम-कानूनों में अभी भी स्पष्टता नहीं है. इसलिए बच्चे को क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिमों के बारे में बताना बेहद जरूरी है. प्रोफेसर रामानुजम ने कहा, “बच्चों को यह बताना भी जरूरी है कि किसी को भी केवल उतना ही निवेश करना चाहिए जितना कि उसमें हारने की क्षमता हो. अपनी क्षमता के अनुसार ही निवेश किया जाना चाहिए.”

(Article: Rajeev Kumar)

(इस लेख में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सुझाव/सिफारिशें संबंधित कमेंटेटर द्वारा दी गई हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन उनकी सलाह के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है. कृपया क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन/निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें.)

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