इन्वेस्टिंग

इन फंड्स का मानना है कि कंपाउंडिंग की शक्ति दीर्घकाल में पूंजी का निर्माण करेगी और यह व्यक्ति की पूंजी का अनावश्यक जोखिम कम करके किया जा सकता है। उनका मानना है कि यदि आप पूंजी का नुकसान नहीं करते हैं, तो आप अपनी आधी लड़ाई यूं ही जीत जाते हैं।अंत में यही कहूंगा कि यदि निवेशक के पास कम से कम पांच साल तक पूंजी को निवेश में रखने का धैर्य है और वह कम तरलता तथा जोखिम के साथ दीर्घकालिक पूंजी निर्माण चाहता है, तो उसे निवेश के लिए वैल्यू फंड्स ही चुनना चाहिए।
मैपलट्री लॉजिस्टिक्स ट्रस्ट ने खरीदी लॉजिस्टिक्स फर्म
सिंगापुर मेंं सूचीबद्ध मैपलट्री लॉजिस्टिक्स ट्रस्ट (एमएलटी) ने मॉर्गन स्टैनली रियल एस्टेट इन्वेस्टिंग की इकाई से लॉजिस्टिक्स फर्म केएसएच इन्फ्रा की खरीद 455 करोड़ रुपये मेंं की है। केएसएच इन्फ्रा के पास पुणे में वेयरहाउसिंग परिसंपत्तियों का स्वामित्व है।
इस लेनदेन से मैपलट्री लॉजिस्टिक्स ट्रस्ट ने भारत के लॉजिस्टिक्स बाजार में प्रवेश कर लिया है। पुणे में दो वेयरहाउसिंग व इंडस्ट्रियल लॉजिस्टिक्स पाक्र्स का कुल क्षेत्रफल करीब 10 लाख वर्गफुट है और उसे ब्लूचिप मल्टीनैशनल को पट्टे पर दिया गया है।
मॉर्गन स्टैनली रियल एस्टेट इनवेस्टिंग ने साल 2019 में केएसएच इन्फ्रा की बहुलांश हिस्सेदारी करीब 350 करोड़ रुपये में खरीदी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल सिंगापुर की रियल एस्टेट ऐसेट मैनेजर मैपलट्री इन्वेस्टमेंट्स ने चाकण में 12 लाख वर्गफुट वेयरहाउस का एक हिस्सा 5 करोड़ डॉलर में खरीदा।
मोमेंटम इन्वेस्टिंग इन्वेस्टिंग क्या होता है? इसके क्या फायदे हैं !
यूटिलिटी न्यूज डेस्क !! यदि आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं या इसके बारे में जानते हैं, तो आप निश्चित रूप से मोमेंटम निवेश शब्द से परिचित होंगे। निवेश का पारंपरिक तरीका यह है कि जब स्टॉक कम हो तो खरीद लें और जब यह बढ़ जाए तो बेच दें। मोमेंटम इन्वेस्टमेंट निवेश का एक तरीका है जिसमें शेयरों को तब खरीदा जाता है जब वे बुलिश होते हैं। जब तेजी का ग्राफ ऊपर जाता है तो बेचने की सलाह दी जाती है। कई निवेशकों के लिए मोमेंटम निवेश एक बहुत ही सटीक और प्रभावी तकनीक की तरह लगता है। मोमेंटम इन्वेस्टमेंट में ऐसे शेयरों का चयन किया जाता है जिन्होंने पिछले 3-12 महीनों में शानदार रिटर्न दिया हो। निवेशकों को उन शेयरों से बाहर निकलने की सलाह दी जाती है जिन्होंने इस अवधि के दौरान कमजोर रिटर्न दिया है।
मोमेंटम इन्वेस्टमेंट के तहत, किसी को बाजार की अस्थिरता के बीच में रहना होगा। निवेशकों को यह जानने की जरूरत है कि किन शेयरों में तेजी आने लगी है ताकि उन्हें सही समय पर खरीदा जा सके। एक बार जब स्टॉक अपने चरम पर पहुंच जाता है, तो उसे बेच दिया जाता है। निवेशक कम समय में इसमें निवेश करते हैं और रिटर्न के साथ बाजार से बाहर निकलते हैं।
Media Articles
समय भास्कर मुंबई । वैल्यू इन्वेस्टिंग का मतलब अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग हो सकता है। वैल्यू की माप देखने वाले की आंख में होती है। हो सकता है कि किसी एक व्यक्ति के लिए जो वैल्यू है, जरूरी नहीं कि दूसरे व्यक्ति के लिए भी वही समान वैल्यू हो।
संक्षेप में, वैल्यू इन्वेस्टिंग निवेश का वह स्टाईल है, जिसमें निवेशक एक स्टाॅक इन्वेस्टिंग इसके अंतर्निहित मूल्य से काफी अच्छी छूट पर खरीदता है। निवेशक ये स्टॉक खरीदते वक्त ‘सुरक्षा का मार्जिन’ चाहते हैं। यह स्टॉक के बाजार मूल्य और अंतर्निंहित मूल्य के बीच के अंतर के बराबर होता है।
बाजार दो चरम स्थितियों में बीच उतार-चढ़ाव करता इन्वेस्टिंग रहता है। उदाहरण के लिए लापरवाह विकास के चलते स्टॉक प्रतिकूल इन्वेस्टिंग हो सकते हैं। लेकिन बाजार में घबराहट के चलते नीचे गिरने की प्रकृति के कारण कीमतें अनापेक्षित स्तर तक नीचे जा सकती हैं। इस स्थिति में वैल्यू इन्वेस्टर के लिए अवसर के द्वार खुल जाते हैं, क्योंकि अब निहित मूल्य स्टॉक के मूल्य से बेहतर हो सकता है। इससे काफी कम कीमतों में खरीदी करने का अवसर मिलता है।
आज हम बात करेंगे STOCK MARKET TRADING और INVESTING क्या होता है,
STOCK MARKET में कोई भी PERFECT नहीं होता है, हर किसी से गलतिया हो जाया इन्वेस्टिंग करती है, और गलतियों का मतलब यहाँ LOSS होता है , और यहाँ आप गलतियों के बदले पैसे गवाते है, इसलिए आपको STOCK MARKET में फायदे के लिए गलतियों को सुधारना होगा , गलतियों से निरंतर सीखना होगा और सिखने के लिए भी आपको TIME देना होगा,
यानी आपको सिर्फ STOCK TRADING के लिए नहीं बल्कि STOCK MARKET LEARNING के लिए भी समय देना होगा,
STOCK MARKET TRADING
STOCK MARKET में हमारे लिए क्या सही है, यानी हम कैसे जाने की हमारे लिए TRADING सही है या नहीं , ये जानने के लिए आपको खुद से कुछ प्रश्न पूछने होंगे, और उन प्रश्नों के जवाब का विश्लेषण कर आप समझ सकते है की आपको क्या करना चाहिए-
प्रश्न -1 , T RADING के लिए आप कितना समय दे सकते है ?
अगर आप STOCK MARKET में TRADING करना चाहते है तो आप जितना समय दे सकते है,उस के अनुसार ही TRADING के विकल्पों से चुनाव करना होगा, जैसे की आपको INTRA DAY TRADING करना है या SCAPLING TRADING, इन दोनों तरह की TRADING के लिए आपको जिस दिन भी TRADE करना चाहते है, उस दिन आपको दिन भर का समय देना पड़ेगा,
अगर सीधा सीधा कहा जाये तो , INTRA DAY TRADING का मतलब सुबह 9:15 से 3.30 बजे के बिच 6 घंटे 15 मिनट के MARKET टाइम के अनुसार आपको समय निकालना होगा और फिर आप अपने INTRA DAY TRADING पे सही तरह से काम कर सकते है, MARKET शुरू होने से पहले और बंद होने के बाद भी आपको अपने अगले TRADE के बारे में RESEARCH करना होगा, इन्वेस्टिंग ताकि आप अच्छे TRADE यानि सौदे ले सके.
STOCK MARKET INVESTING
STOCK MARKET में INVESTMENT का अर्थ LONG TERM में WEALTH CREATE करना होता है, आप अपने फाइनेंसियल गोल्स के अनुसार LONG TERM INVESTMENT कर सकते है, LONG TERM से हमारा मतलब कम से कम 1 साल से ज्यादा के लिए INVESTMENT,
ऐसा माना जाता है की LONG TERM में MARKET में INVESTMENT से लाभ होता है, हालाँकि ऐसा जरुरी नहीं है, लेकिन अगर आप LONG TERM INVESTOR है तो MARKET में होने वाले छोटे मोटे उतार चढाव की चिंता से बच सकते है, और इस तरह आप LONG TERM INVESTMENT से RISK CONTROL कर सकते है,
आप को STOCK MARKET में INVESTING या TRADING दोनों में क्या करे ये समझने के लिए अपने फाइनेंसियल गोल्स और अपनी इन्वेस्टिंग KNOWLEDGE के साथ साथ रिस्क लेने की क्षमता को समझना होगा..
फिर आप आसानी से TRADING या INVESTING का निर्णय ले सकते है कि आपको STOCK MARKET TRADING या INVESTING आखिर क्या करना चाहिए