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जगह रोक आदेश

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MCD Elections 2022: दिल्ली में 4 दिसंबर से ड्राई डे की शुरुआत, लोग नहीं पी पाएंगे शराब

दिल्ली नगर नगम चुनाव के मद्देनजर आबकारी विभाग ने तीन दिनों ड्राई डे करने का आदेश दिया. ड्राई डे के चलते राजधानी दिल्ली में शराब की ब्रिकी पर 7 दिसंबर तक जगह रोक आदेश रोक रहेगी.

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MCD Elections 2022: राजधानी दिल्ली में शुक्रवार से तीन दिनों की ड्राई डे रहेगा, जिसके चलते राजधानी में शुक्रवार से रविवार तक शराब की ब्रिकी पर रोक रहेगी. एमसीडी चुनाव के मद्देनजर आबकारी विभाग ने शराब ब्रिकी पर तीन दिनों का प्रतिबंध लगाया है. दिल्ली नगर निगम के 250 वार्डों में 4 दिसंबर को मतदान होना है, वहीं 7 दिसंबर को मतगणना होगी, ऐसे में आबकारी विभाग ने 4 से जगह रोक आदेश 7 दिसंबर तक शराब की दुकानें बंद रखने का आदेश दिया है.

इस समय बंद रहेंगी शराब दुकानें: दिल्ली आबकारी विभाग के कमिश्नर कृष्ण जगह रोक आदेश मोहन ने इसके संबंध में बताया कि एक्ससाइज रूल्स 2010 Rule 52 के अनुसार, दिल्ली में 2 से 4 दिसंबर तक ड्राई डे रहेगा. ड्राई डे उन दिनों को कहा जाता है, जब सरकार दुकानों क्लब, बार में शराब की ब्रिकी पर रोक लगाती है. आबकारी विभाग की ओर से जारी सूचना के अनुसार दिल्ली में शुक्रवार शाम 5:30 बजे से 4 दिसंबर शाम 5:30 बजे तक ड्राई डे रहेगा. वोटिंग के बाद भी आबकारी विभाग ने दिल्ली में शराब ब्रिकी पर रोक लगाई है, जिसके तहत आबकारी विभाग ने 4 दिसबंर से 7 सितंबर तक ड्राई डे रखने का नोटिफिकेशन जारी किया है.

राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में जुटे: एमसीडी चुनाव को लेकर राजनीतिक दल जमकर प्रचार में जुटे हैं. चुनाव को लेकर बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप और प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस चुनाव में बीजेपी के वरिष्ठ नेता चुनावी मैदान में उतरकर पार्टी का जमकर प्रचार कर रहे हैं. इस चुनाव में बीजेपी शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी भाजपा के लिए विजय संकल्प रोड शो के तहत प्रचार कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान दिल्ली के लोगों से वादा किया कि मास्टर प्लान 2041 के तहत भूखंड पर अधिक निर्माण करने के लिए अनुमति दी जाएगी. एक प्लॉट पर इतनी कवर्ड जगह बनाई जा सकेगी कि फ्लोर एरिया रेशियो लगभग दोगुना होगा. इस दौरान उन्होंने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए दावा किया कि दिल्ली की 299 झुग्गी बस्तियों में पुनर्वास की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है, लेकिन दुर्भाग्य से दिल्ली सरकार की ओर से आज तक कोई काम नहीं किया गया है.

दिल्ली नगर निगम चुनाव (Municipal Corporation of Delhi) के लिए 4 दिसंबर को मतदान होगा. इस चुनाव में 250 वार्डों पर 1336 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. बता दें कि एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक 56 फीसदी उम्मीदवार ऐसे हैं जो सिर्फ 12वीं पास हैं. यहीं नहीं 60 प्रत्याशी ऐसे हैं जो कभी स्कूल नहीं गए यानी निरक्षर, 12 उम्मीदवारों ने डिप्लोमा किया है, 6 प्रत्याशियों ने पीएचडी की है. ऐसे में सिर्फ 36 फीसदी प्रत्याशियों ने उच्च शिक्षा हासिल की है, यानि 487 उम्मीदार जिन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की है. वहीं 20 ऐसे हैं जो पढ़े हैं लेकिन कभी स्कूल नहीं गए.

English Summary: MCD Elections 2022: Three days dry days in जगह रोक आदेश Delhi Alcohal ban Friday to Sunday MCD Elections 2022 Published on: 01 December 2022, 05:39 IST

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Mumbai curfew : मुंबई में लगा धारा 144 समेत इन चीज़ों पर लगा प्रतिबंद ,जानिए पुलिस की नयी गइडलाइन

Mumbai Section 144: Mumbai Police has said that there is danger to human life and property due to breach of public order and peace. Due to such reports, the police have imposed curfew in the city as a precautionary measure.

Mumbai Section 144: मुंबई पुलिस ने कहा है कि सार्वजनिक व्यवस्था और शांति भंग होने से मानव जीवन और संपत्ति को खतरा है। ऐसी खबरों के कारण पुलिस ने एहतियातन शहर में कर्फ्यू लगाया है।

मुंबई। मुंबई में 2 जनवरी तक जनता कर्फ़्यू लगा दिया गया है, जगह रोक आदेश शहर में शांति सुनिश्चित करने और सार्वजनिक व्यावस्थाओ में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचने के लिए यह फैसला लिया गया है। मुंबई पुलिस ने लोगों के लिए शहर में लगे कर्फ्यू (Curfew in Mumbai) को लेकर गाइडलाइंस भी जारी कर दी हैं। 2 जनवरी तक एक जगह पर लोग भीड़ इककट्ठा नही कर सकते नहीं कर सकते। इसके अलावा 5 से ज्यादा लोगों के एक साथ पाये जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


4 दिसंबर से 2 जनवरी तक यह आदेश पुलिस ने खारिज किया है ,साथ ही पुलिस ने ये भी बताया है कि मुंबई में कर्फ्यू के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर खास निगरानी रहेगी। किसी भी प्रकार के भीड़ भाड़ , प्रदर्शन ,राजनैतिक नारेबाज़ी,लाउड्स्पेयकर बजाने,और सरकारी या धार्मिक किसी भी स्थानो पर भीड़ एकत्र करने पर रोक है, एवं हथियारों पर भी रोक लारा दी गयी है,धारा 144 लगाने का कारण अन्य कई चीज़ो पर पाबंदियाँ लगा दी गयी है।


2 जनवरी तक रहेंगी ये सारी चीज़े प्रतिबंधित


किसी भी प्रकार के जुलूस जैसे धार्मिक,राजनैतिक ,विवाह संस्कार,पद यात्रा ,अंतिम संस्कार या कब्रिस्तान जाते वक़्त की भीड़ पर रोक ,क्लूबों,कोंपनियों ,किसी संघो की कानूनी बैठके एवं सरकारी समितियों पर रोक।


सरकारी और अर्ध सरकारी कार्य को करने वाले कार्यलों मे 5 से अधिक व्यक्तियों के इककट्ठा होने पर रोक।


थिएटर ,क्लबों या सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानो पर बड़े पेमाने मे भीड़ इककट्ठा होने पर रोक ,नाटकों,कृत्यों को देखने के उद्देश्य से भी भीड़ इककट्ठा करने पर रोक।


सरकारी कारयालों और अदालतों के आस पास, सरकारी या अर्ध सरकारी कार्य को करने वाले स्थानीय निकायों के आस पास भीड़ इककट्ठी करने पर रोक।


कानूनी और गैर कानूनी हथियारों का उपयोग भी निषेद है, ड्रौन कमेरे पर भी है रोक।


अन्य गतिविधियों के अलावा दुकानों और प्रतिस्थानों के लिए भी आदेश पारित किए गए है, और स्कूल कॉलेजो पर भी लगा दी गयी है रोक।

Curfew in Mumbai : कल से मुंबई में 2 जनवरी 2023 तक ‘कर्फ्यू’ ! प्रदर्शन, नारेबाजी समेत ये रहेगा प्रतिबंधित, पढ़ें क्या है आदेश.

Curfew in Mumbai : कल से मुंबई में 2 जनवरी 2023 तक ‘कर्फ्यू’ ! प्रदर्शन, नारेबाजी समेत ये रहेगा प्रतिबंधित, पढ़ें क्या है आदेश.

Curfew in Mumbai : मुंबई में 2 जनवरी तक धारा 144 लागू कर दी गई है। शहर में शांति सुनिश्चित करने और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी से बचने के लिए यह फैसला लिया गया है। मुंबई पुलिस ने लोगों के लिए शहर में धारा 144 (Curfew in Mumbai) को लेकर गाइडलाइंस भी जारी की हैं। 2 जनवरी तक एक जगह पर लोग भीड़ एकत्र नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा 5 से ज्यादा लोगों के एक साथ दिखने पर कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने बताया कि मुंबई में सेक्शन 144 के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर खास निगरानी रहेगी। किसी भी तरह के प्रदर्शन, नारेबाजी और मीटिंगों पर रोक है। इसके अलावा 4 दिसंबर से 2 जनवरी तक हथियारों पर भी बैन लगाया गया है।

मुंबई पुलिस के सर्कुलर में क्या :

सर्कुलर जारी करते हुए मुंबई पुलिस के मिशन विभाग के उपायुक्त विशाल ठाकुर ने आदेश दिया है कि सेक्शन 144 का पालन सख्ती से किया जाए। उन्होंने कहा कि 2 जनवरी तक शहर में किसी भी तरह के जमावड़े, जुलूस, प्रदर्शन पर रोक है। इसके अलावा लोग लाउडस्पीकर भी नहीं बजा सकेंगे। नियम तोड़ने पर पुलिस कानूनी कार्रवाई करेगी।

पुलिस का कहना है कि इसका उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-188 के तहत सज़ा दी जाएगी।

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आदेश के मुताबिक, ‘‘यह संभावना है कि आतंकवादी, संभावित हमलों के लिए ड्रोन, रिमोट से नियंत्रित होने वाले विमान (एअरक्राफ्ट), पैराग्लाइडर का उपयोग कर सकते हैं। इस तरह वे वीवीआईपी को निशाना बना सकते हैं और बड़े पैमाने पर मानव जीवन को खतरे में डाल सकते हैं, सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट कर सकते हैं और कानून व्यवस्था में गड़बड़ी कर सकते हैं।’’

मुंबई सेक्शन 144 के दौरान ये रहेगा प्रतिबंधित :

  • सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों के आसपास बड़े पैमाने पर सामाजिक सभाएं प्रतिबंधित
  • पटाखे जलाना, लाउडस्पीकर बजाना, वाद्य यंत्र और बैंड बजाने पर भी रोक
  • पब्लिक प्लेस पर नारेबाजी, प्रदर्शन पर रोक.
  • तेज आवाज से गाने बजाना भी प्रतिबंधित किया गया है.
  • शादी समारोह, अंत्येष्टि, कंपनियों, क्लबों, सहकारी समितियों और अन्य ऐसे संघों की बड़े पैमाने पर बैठकों पर रोक.
  • सभी प्रकार के जुलूस पर रोक.
  • सरकारी या अर्ध-सरकारी कार्य करने वाले सरकारी कार्यालयों, अदालतों और स्थानीय निकायों के आसपास 5 या अधिक लोगों का जमावड़ा बैन.
  • शैक्षिक गतिविधियों या सामान्य व्यवसाय के लिए स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों के बड़े सभाओं पर रोक.
  • आग्नेयास्त्रों, तलवारों और ऐसे अन्य हथियारों की अनुमति नहीं दी गई है.

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बिहार में फिर लटक गया नगर निकाय चुनाव, ‘डेडीकेटेड कमीशन’ के विरुद्द सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर.

बिहार में फिर लटक गया नगर निकाय चुनाव, ‘डेडीकेटेड कमीशन’ के विरुद्द सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर.

Bihar Nagar Nigam Election 2022 : बिहार में नगर निकाय चुनाव कराने को लेकर राज्य सरकार ने अति पिछड़ा आयोग के लिए डेडिकेटेड कमीशन बनाया था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद तुरंत कमेटी का गठन हुआ था. अब इस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा गठित अतिपिछड़ा वर्ग आयोग को डेडिकेटेड कमीशन के रूप में अधिसूचित नहीं किया जाना चाहिए । जिसके बाद बिहार में एक बार फिर नगर जगह रोक आदेश निकाय चुनाव लटक सकता है।

खबरों के अनुसार बिहार में नगर निकाय चुनाव में अतिपिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिये जाने के मामले में अपने आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को संशोधित कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने बिहार सरकार सहित अन्य से इस मामले में चार सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा गठित अतिपिछड़ा वर्ग आयोग को डेडिकेटेड कमीशन के जगह रोक आदेश रूप में अधिसूचित नहीं किया जाना चाहिए। इससे पहले 28 नवंबर के अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने अतिपिछड़ा वर्ग आयोग की जगह आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग आयोग लिखा था। यह याचिका सुनील कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की है। राज्य सरकार द्वारा गठित इबीसी आयोग ने अति पिछड़ों को लेकर जो रिपोर्ट तैयार की है, उसी को आधार मानते हुए नगर निकायों के चुनाव की ताजा घोषणा की गयी है।

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इधर, अति पिछड़ा आयोग ने अति पिछड़ों की राजनीतिक भागीदारी की स्थिति को लेकर तैयार रिपोर्ट में माना है कि निकायों के प्रत्येक बूथ पर औसतन 40 फीसदी आबादी है। इस लिहाज से उनके लिए 20 फीसदी आरक्षण वाजिब है। आयोग ने एएन सिन्हा संस्थान की मदद से करीब एक हजार 25 बूथों पर सैंपल सर्वे कराया था। इस क्रम में 51 हजार 200 परिवारों के सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक स्थिति का आकलन किया गया। आयोग ने अपनी रिपोर्ट हाल ही में सरकार को दी है। इसे हाइकोर्ट को अगली सुनवाई में सौंपने की तैयारी है।

बता दें कि अक्टूबर में होने वाले बिहार निकाय चुनाव में अति पिछड़ा के आरक्षण पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। जिसके बाद राज्य सरकार ने निकाय चुनाव को स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद बिहार सरकार ने हाई कोर्ट का रुख किया और अदालत के आदेश के बाद अक्टूबर में नीतीश सरकार ने पिछड़ा आयोग के लिए कमीशन का गठन किया था। उस समय बिहार सरकार की ओर से यह कहा गया था कि आयोग जब रिपोर्ट सौंपेगी तभी बिहार सरकार निकाय चुनाव कराएगी। अब सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से राजनीतिक पिछड़ेपन की पहचान के लिए बनाए गए ‘डेडीकेटेड कमीशन’ पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार पर पिछड़ा – अति पिछड़ा विरोधी होने का आरोप लगाया है।

नीतीश सरकार का डेडिकेटेड कमीशन निष्पक्ष नहीं- सुशील मोदी :

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नगर निकाय चुनाव में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार राजनैतिक पिछड़ेपन की पहचान के लिए ट्रिपल टेस्ट के लिए एक समर्पित स्वतंत्र आयोग बनाया जाना था। लेकिन परंतु नीतीश कुमार ने अति पिछड़ा आयोग को ही समर्पित आयोग अधिसूचित कर दिया। सुशील मोदी ने कहा कि इसमें अध्यक्ष सहित सभी सदस्य जदयू -RJD के वरिष्ठ नेता ही थे। सुशील मोदी ने यह भी कहा कि बनाया गया आयोग न तो पारदर्शी और न ही निष्पक्ष था।

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CM के अति पिछड़ा विरोधी रवैया के कारण निगम चुनाव टला- सुशील मोदी :

सुशील मोदी ने बताया कि बीजेपी लगातार यह मांग कर रही थी कि किसी सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में कमीशन गठित किया जाए ताकि वह निष्पक्ष पारदर्शी बिना भेदभाव के काम कर सकें। सुशील मोदी ने कहा कि बीजेपी के कहने के बावजूद JDU-RJD समर्थित आयोग द्वारा जल्दबाजी में रिपोर्ट दाखिल करने के चक्कर में पूरे निकाय क्षेत्र का सर्वे नहीं कर सकी। सुशील मोदी ने कहा कि पूरे निकाय क्षेत्र का सर्वे करने के बजाए नगर निगम में 7, नगर परिषद में 5 एवं नगर पंचायत में मात्र 3 वार्ड में ही सर्वे का जगह रोक आदेश निर्णय लिया गया। सुशील मोदी ने कहा कि अब नीतीश कुमार की जिद के कारण बिहार का निकाय चुनाव कानूनी दांवपेच में फंस गया है। इसके अलावा बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नगर विकास मंत्री हैं। लेकिन उन्हें अति पिछड़ों एवं विभाग से दूर-दूर तक कोई मतलब नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने इसलिए लगाई रोक :

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार सरकार के कमीशन को सभी OBC का सर्वे कर उसमें राजनैतिक पिछड़ापन के आधार पर रिपोर्ट देना था। लेकिन कमीशन द्वारा केवल EBC का ही वह भी आधा अधूरा सर्वे कराया जा रहा था। सुशील मोदी ने कहा कि इन्हीं सब कारणों से न्यायाधीश सूर्यकांत और जे.जे. माहेश्वरी की खंडपीठ ने EBC कमीशन को Dedicated Commission के रूप में अधिसूचित करने पर 28 नवंबर को रोक लगा दी। उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 243 (U) में निकाय की पहली बैठक से 5 वर्ष की अवधि तक ही निकाय का कार्यकाल होगा। इसके अलावा निकाय का चुनाव अवधि पूरे होने के पूर्व या भंग होने के 6 माह के भीतर कराए जाने का संवैधानिक प्रावधान है। लेकिन बिहार में बड़ी संख्या में निकायों का चुनाव एक-डेढ़ वर्ष से लंबित है।

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