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ट्रेडिंग और निवेश

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ट्रेडिंग में नहीं, निवेश में बाज़ार को मात

क्या शेयर बाज़ार को मात दी जा सकती है? इस सवाल का जवाब हां और ना दोनों है। हम यकीनन ट्रेडिंग में बाज़ार को मात नहीं दे सकते क्योंकि उसमें एक की हार ही दूसरे की जीत होती है। ज़ीरोसम गेम, एक का नुकसान, दूसरे का फायदा। लेकिन लम्बे समय के निवेश में, जहां समय बड़ा कारक बन जाता है, जहां वर्तमान के गर्भ से भविष्य का जन्म होता है, वहां सूझबूझ से बाजार को मात दी जा सकती है। बाज़ार ने जिस स्टॉक को अभी दरकिनार कर रखा है, उसके भविष्य को भांपकर आप कम भाव पर खरीद लो तो जब वह बहुत सारे लोगों की नज़र में आएगा और बाज़ार उसे वाजिब भाव देगा, तब उसे बेचकर मुनाफा कमा सकते हो। इस तरह आप रिसर्च व ज्ञान के दम पर बाजार से कई साल आगे रह सकते हो। अब तथास्तु में आज की कंपनी…

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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। ट्रेडिंग और निवेश इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं। इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
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शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब

Share Market Guide: शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा, किस कंपनी का शेयर खरीदे?

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब

महंगाई (Inflation) बढ़ रही है और रुपये (Rupee) का मूल्य घट रहा है. यानी सिर्फ पैसा बचाने से काम नहीं चलेगा, पैसा बढ़ाना भी पड़ेगा. ऐसे में शेयर बाजार (Share Market) में निवेश अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन शेयर मार्केट (Stock Market) में पहली बार निवेश करने वालों के लिए क्या जानना जरूरी है? शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है?

कब कर सकते हैं? किस शेयर में पैसा लगाएं? ये सारी बातें यहां हम आपको बता रहे हैं.

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब

1. शेयर क्या है?

किसी कंपनी को चलाने के लिए पूंजी यानी कैपिटल की जरूरत पड़ती है. अब कंपनी को चलाने के लिए मालिक बाजार से पैसा उठाना चाहता है तो वह कैपिटल को हिस्सों में बांट देता है यही हिस्से कहलाते हैं शेयर. जैसे किसी कंपनी की कैपिटल 100 रुपये है. अब कंपनी इसे 100 हिस्सों में बांट दें तो वे 100 हिस्से शेयर्स कहलाएंगे और एक शेयर एक रुपये का होगा. अब इसी कैपिटल को दो या 5 हिस्सों में भी बांटा जा सकता है. यानी कंपनी की एक यूनिट एक शेयर के बराबर होती है.

अब आप किसी कंपनी का हिस्सा बनना चाहते हैं तो उसके शेयर खरीद सकते हैं. इन्हीं शेयर्स की जब आप खरीदी बिक्री करने जिस बाजार में जाएंगे उसे कहते हैं शेयर बाजार.

2. शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा?

शेयर बाजार में पांव रखने से पहले आपको चाहिए डिमैट अकाउंट. जैसे बैंक में बचत, एफडी में निवेश के लिए बैंक अकाउंट चाहिए वैसे ही शेयर मार्केट में निवेश के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट के जरिए ही शेयर्स को खरीदा-बेचा जाता है, होल्ड किया जाता है. यह एक तरह से शेयर्स का डिजिटल अकाउंट है.

3. डीमैट अकाउंट क्या है

डीमैट अकाउंट मतलब- डीमटेरियलाइज्ड यानी किसी भी फिजिकल चीज का डिजिटलाइज होना. डिमैट अकाउंट आप चंद सैकेंड में खोल सकते हैं. आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसी केवाईसी डॉक्यूमेंट लगती हैं. इसके लिए ब्रोकर की जरूरत होती है. अब ब्रोकर कोई व्यक्ति भी हो सकता है और कंपनी भी. ब्रोकर की वेबसाइट या एप पर जाकर डिमैट अकाउंट आसानी से खोला जा सकता है. अगर आप नेटबैंकिंग करते हैं तो आपके बैंक की वेबसाइट या एप पर भी डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं. आमतौर पर इसकी लिए कोई फीस नहीं देनी होती लेकिन यह कंपनी पर निर्भर करता है कि वे डिमैट के लिए कितना वसूलना चाहते हैं.

4. किस कंपनी का शेयर खरीदें?

जवाब है किसी अच्छी कंपनी है, क्योंकि अच्छी कंपनी के शेयर्स अच्छा रिटर्न देते हैं. अच्छी कंपनी मतलब जिसका प्रॉफिट, प्रोडक्ट, भविष्य अच्छा हो. शेयर मार्केट की भाषा में इसे कंपनी के फंडामेंटल्स यानी बुनियादी बातें कहते हैं, कंपनी के फंडामेंटल्स अच्छे हैं तो कंपनी का भविष्य अच्छा माना जाता है. इसके लिए आपको कंपनी की सालाना बैलेंस शीट पर नजर रखनी होती है. यानी कंपनी कितना कमा रही है, कितना कर्ज है, कितना मुनाफा हो रहा है? कंपनी के शेयर्स ने पहले कैसा प्रदर्शन किया है. ये सब देखना होता है. कई बार खबरें भी कंपनी के शेयर्स को प्रभावित करती हैं. जैसे कि जब दुनिया के सबसे अमीर आदमी ईलॉन मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऐलान किया तो निवेशकों में ट्विटर के शेयर्स को खरीदने की होड़ लग गई. लेकिन निवेशक केवल कंपनी के फंडामेंटल्स पर ध्यान दें तो भी काम बन सकता है. सबसे पहले ऐसे शेयर में निवेश करें जो सुरक्षित हैं. यानी उन बड़ी कंपनियों के शेयर्स खरीदें जो दशकों पुरानी हैं, प्रॉफिट में रहती है और आगे भी रहेंगी. इससे आप नुकसान में नहीं रहेंगे. जब इसमें निवेश कर लें तो शेयर्स को स्टडी करना सीखें, कंपनी की बैलेंस शीट पढ़ना सीखें.

5. प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट क्या है?

जब आप कोई शेयर सीधे कंपनी से खरीदते हैं जैसे की आईपीओ के जरिए.. यह प्राइमरी मार्केट है. यानी कंपनियां जो शेयर्स बाजार में इश्यू करती है. लेकिन जब सीधे कंपनी से खरीदे हुए शेयर्स को आप अन्य खरीदारों में बेचने जाते हैं तो वो सेकेंड्री मार्केट है. यानी इश्यू किए हुए शेयर्स की जब खरीद बिक्री होती है.

6. ट्रेडिंग या निवेश?

एक्सपर्ट कहते हैं कि 5 साल, 10 साल या उससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करने वाले फायदे में रहते हैं. यानी लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट. अब शेयर बाजार को गहनता से समझने वाले और रिस्क उठा सकने वाले ही शॉर्ट टर्म या हर रोज शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. कितना और कितने समय के लिए निवेश? अब सबसे पहले आप ये तय करें कि निवेश कितना करना है और कितने समय के लिए. फिर तय करें कि आप निवेश करना क्यों चाहते हैं यानी कि आपका उद्देश्य क्या है. जैसे, शिक्षा, शादी या घर खरीदने जैसे गोल्स. इसी अनुसार आप आगे बढ़ते हैं और तभी आप फैसला ले पाएंगे कि आपको किस शेयर में निवेश करना है. शेयर मार्केट में शुरुआत धीमी रखें.

7. शेयर बाजार नहीं समझते हैं तो कैसे निवेश करें?

अगर आपके पास इन सब के लिए समय नहीं है या समझ नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से ही सलाह लें, एक्सपर्ट को बताएं कि आप कितना खर्च करना चाहते हैं और कितने समय ट्रेडिंग और निवेश के लिए. आपका निवेश का उद्दश्य क्या है और आप निवेश से कितने रिटर्न की अपेक्षा रखते हैं. एक उपाय म्यूचुअल फंड भी हैं. जिसमें कुछ एक्सपर्ट आपके जैसे कई निवशकों के पैसे को कहां लगाना है ये तय करते हैं.

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ट्रेडिंग और निवेश

एक महत्वपूर्ण स्टॉक ट्रेडिंग टिप ये है कि भी आवेग में आकर ट्रेड नहीं करना चाहिए. कई ट्रेडर्स FOMO (Fear of missing out) या FOLO (Fear of losing out) के जाल में पड़ जाते हैं.

Written by Web Desk Team | Published :September 9, 2022 , 6:43 am IST

इंट्रोडक्शन
यदि आप एक नौसिखिये हैं जो शेयर बाजार में निवेश या ट्रेड शुरू करना चाहते हैं, तो ध्यान रखें कि स्टॉक खरीदना और बेचना मुश्किल नहीं है. सही स्टॉक का चयन करना जो शेयर बाजार में लगातार बेहतर प्रदर्शन कर सकता है, वह चुनौतीपूर्ण है. इसलिए, यदि आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं, तो शेयर बाजार पर अच्छी पकड़ होना जरूरी है. इसे सुविधाजनक बनाने के लिए आप ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं, जो उन निवेशकों/ट्रेडर्स के बीच लोकप्रिय हो गया है जो अपने दम पर ट्रेड करना चाहते हैं.

ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग टिप्स
आपकी सफल वित्तीय यात्रा में सहायता के लिए यहां कुछ स्टॉक ट्रेडिंग टिप्स दी गई हैं-

समझें कि आप निवेश/ट्रेड क्यों करना चाहते हैं और गोल सेट करे: बेशक, पैसा कमाना अंतिम लक्ष्य है, लेकिन इसे निवेश लक्ष्य के साथ जोड़ना सफलता सुनिश्चित करता है. लक्ष्य के बिना व्यक्ति भटका हुआ महसूस करता है. इसलिए महत्वपूर्ण स्टॉक ट्रेडिंग टिप्स में से एक लक्ष्य निर्धारण भी है. किसी फाइनेंशियल ऑब्जेक्टिव को शॉर्ट, मीडियम या लॉन्ग टर्म के रूप में वर्णित किया जा सकता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको इसे प्राप्त करने में कितना समय लगना है. शॉर्ट टर्म गोल वे होते हैं जिन्हें आप एक साल में पूरा करना चाहते हैं, मीडियम टर्म गोल पांच सालों में और लॉन्ग टर्म गोल पांच सालों से अधिक में प्राप्त करना चाहते हैं.
जब आप अपने लक्ष्यों को लिख रहे हों, तो सुनिश्चित करें कि आपने उन्हें एक समय सीमा दी है. ऐसा इसलिए है क्योंकि गोल प्रोजेक्टेड कॉस्ट की गणना के लिए आपको भविष्य में इन तारीखों की आवश्यकता होगी. ये आपको मोटिवेटेट रहने और आपको ट्रैक पर रखने में मदद कर सकता है. वित्तीय सफलता के लिए वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करना महत्वपूर्ण है.

अपनी जोखिम लेने की क्षमता (Risk Appetite) का निर्धारण करें और स्टॉप–लॉस (ट्रेडिंग और निवेश एक निवेशक द्वारा अपने नुकसान को सीमित करने के लिए उपयोग की जाने वाली विधि) का उपयोग करें: ट्रेडिंग करते समय यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी जोखिम उठाने की क्षमता का आकलन करें. एक बार ऐसा करने के बाद सुनिश्चित करें कि आप स्टॉप-लॉस के साथ ट्रेड करते हैं. कई ट्रेडर और निवेशक अनश्योर होते हैं कि स्टॉक, वायदा और अन्य उपकरणों में अपनी ओपन होल्डिंग को कैसे सुरक्षित ट्रेडिंग और निवेश रखा जाए. अच्छी बात ये है कि, बुल और बियर दोनों बाजारों में, डाउनसाइड को कम करने के लिए स्टॉप-लॉस मेथड का उपयोग किया जा सकता है. स्टॉप-लॉस ऑर्डर एक पर्चेज या सेल ऑर्डर है जो स्टॉक के एक स्पेसिफाइड प्राइस पर हिट होने के बाद एग्जीक्यूट हो जाता है. इसका उपयोग ट्रेडिंग पोजीशन पर संभावित नुकसान को प्रतिबंधित करने के लिए किया जाता है. इसलिए, स्टॉप-लॉस सेट करना सबसे महत्वपूर्ण ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग टिप्स में से एक है.

ट्रेडिंग/निवेश में टेम्परामेंट जरूरी, इसे ध्यान में रखें: भावनाएं ट्रेडिंग प्रोसेस का एक सामान्य अंग हैं. यहां तक कि अगर आप अपने ट्रेंड्स को सावधानीपूर्वक तैयार करते हैं, तो भी बाजार हमेशा उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता है. वास्तव में, आपके लक्ष्यों के अनुसार कार्य करने की तुलना में बाजार आपकी अपेक्षाओं से कम होने की ज्यादा संभावना है. शेयर ट्रेडिंग और निवेश ट्रेडिंग और निवेश बाजार के बेतहाशा उतार-चढ़ाव के कारण आप अपने पोर्टफोलियो में एडजस्टमेंट करने के लिए ललचा सकते हैं. हालांकि, यदि आप इस सत्य को स्वीकार करते हैं और इसके समाधान के लिए आवश्यक उपाय करते हैं, तो आप इमोशन्स के प्रभाव को कम करने में सक्षम होंगे. इमोशनल ट्रेडिंग में कई तरह के नुकसान होते हैं और इसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण वित्तीय नुकसान हो सकता है. इसलिए, अपनी इमोशन्स को कंट्रोल में रखने के लिए किसी ट्रेड में प्रवेश करने से पहले एक रणनीति विकसित करना महत्वपूर्ण है. याद रखें, एक सफल व्यापारी बनने के लिए हमेशा तार्किक रूप से सोचना होगा. अपने जोखिमों की गणना करें ट्रेडिंग और निवेश और अपनी भावनाओं को अपने निर्णय के रास्ते में न आने दें.

स्टॉक मार्केट नॉलेज प्राप्त करें: मार्केट में ट्रेड और निवेश के लिए बहुत सारे अभ्यास और बाजार की समझ की आवश्यकता होती है. हालांकि, यह समझें कि शेयर बाजार में निवेश/ट्रेड करना कोई रॉकेट साइंस नहीं है, लेकिन इसके लिए समय और धैर्य की आवश्यकता होती है. डीमैट खाते, शेयरों की खरीद और बिक्री कैसे करें, म्यूचुअल फंड, स्टॉप लॉस, बाजार पूंजीकरण आदि जैसे कई आवश्यक विषयों के बारे में पढ़कर शुरुआत करें एक बार जब आप इन फंडामेंटल कॉन्सेप्ट को समझ लेते हैं, तो बैलेंस शीट, एनुअल रिपोर्ट आदि को पढ़ना सीखना शुरू कर दें. धीरे-धीरे आपको विषय की बेहतर समझ होगी. इससे आपको एक ठोस शुरुआत मिलनी चाहिए.

अत्यधिक ट्रेडिंग से बचें: एक महत्वपूर्ण स्टॉक ट्रेडिंग टिप ये है कि भी आवेग में आकर ट्रेड नहीं करना चाहिए. कई ट्रेडर्स FOMO (Fear of missing out) या FOLO (Fear of losing out) के जाल में पड़ जाते हैं. इसलिए यह आवश्यक है कि आप ट्रेड से पहले एक योजना बना लें. यदि आप ठोस आइडियाज के साथ ट्रेड करते हैं और आवेग में ट्रेड करने से बचते हैं तो आप अपने मुनाफे की संभावनाओं में काफी सुधार करेंगे.

डायवर्सिफाई: डायवर्सिफिकेशन विभिन्न प्रकार के एसेट क्लास में निवेश/ट्रेड की प्रैक्टिस है. डायवर्सिफिकेशन का लक्ष्य आपको एक ही प्रकार के जोखिम के संपर्क में आने से बचाना है. निवेशक और ट्रेडर लाभ को अधिकतम करने के लिए इस विधि का उपयोग करते हैं. डायवर्सिफिकेशन का मुख्य लक्ष्य रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न को बूस्ट देना है, जो उस जोखिम की मात्रा को संदर्भित करता है जिसे आपको लाभ कमाने के लिए लेना चाहिए. एक डायवर्सिफिकेशन प्लान का रहस्य यह सुनिश्चित करना है कि आपके एसेट एक दूसरे से कनेक्टेड नहीं है. यह न केवल एसेट क्लास के बीच, बल्कि एसेट क्लास के भीतर भी डायवर्सिफिकेशन लाने पर जोर देता है.

आप ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते हैं?

लाखों शौकिया हर साल ऑनलाइन ट्रेडिंग में अपनी किस्मत आजमाते हैं, लेकिन अधिकांश अपनी पूरी क्षमता का एहसास करने में विफल रहते हैं और थोड़ा गरीब और बहुत समझदार हो जाते हैं। एक ट्रेडिंग और निवेश बात जो सभी असफल व्यक्तियों में समान होती है, वह यह है कि उनके पास अपने पक्ष में पैमाना बनाने के लिए आवश्यक मूलभूत जानकारी का अभाव होता है। लेकिन अगर कोई बाजार के रुझानों का अध्ययन करने के लिए पर्याप्त समय व्यतीत करता है, तो वे अपनी सफलता की बाधाओं को सुधारने के रास्ते पर अच्छी तरह से हो सकते हैं। अधिकांश निवेशक मूल्य परिवर्तन को प्रभावित करने ट्रेडिंग और निवेश वाले कारकों को समझे बिना संपत्ति खरीदते हैं। बाजारों को प्रभावी ढंग से व्यापार करना सीखना कार्रवाई का एक बेहतर तरीका है।

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शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज

How to open a Demat Account : डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया बहुत आसान होती है. इसके लिए सबसे पहले आपको एर फॉर्म ऑनलाइन भरना होता है. जिसके बाद ई वेरिफिकेशन होता है. ये प्रोसेस पूरी होते ही आपका डीमैट खाता खुल जाता है.

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Demat Account : शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी है डीमैट अकाउंट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Share Market Trading) कर पैसा बहुत से लोग बनाना चाहते हैं लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए जिस डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है, उसके बारे में कम ही जानकारी होती है. डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है, इस खाते को खोलने के लिए जरूरी कागजात कौन से होते हैं और कितनी फीस डीमैट खाते को खोलने के लिए खर्च करनी पड़ती है. ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब हम आपको इस खबर की मदद से दे रहे हैं क्योंकि शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है, इसके बिना ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है.

तो आइए जानते हैं डीमैट खाते से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.

क्या होता है डीमैट खाता

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जिस तरह से बैंक अकाउंट होता है. इसी तरह से डीमैट अकाउंट भी बैंक खाते की तरह काम करता है. शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI के साफ निर्देश हैं कि बिना डीमैट खाते के शेयरों को किसी भी अन्य तरीके से खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है.

डीमैट खाते की सबसे अच्छी बात होती है ये जीरो अकाउंट बैलेंस के साथ भी खोला जा सकता है. इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. शेयर बाजार में निवेश के लिए निवेशक के पास बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट खाता होने चाहिए क्योंकि डीमैट खाते में आप शेयरों को डिजिटल रूप से अपने पास रख सकते है. तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट से मदद से शेयर, म्युचुअल फंड और गोल्ड में निवेश किया जा सकता है.

कैसे खोलें डीमैट खाता

- शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डीमैट खाता होता है. आप इसे HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, Axis डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं.

- ब्रोकरेज फर्म का फैसला लेने के बाद आप उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करें.

- KYC के लिए फोटो आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. जब ये प्रोसेस पूरी हो जाएगा तो उसके बाद इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा. संभव है जिस फर्म से आप डीमैट अकाउंट खुलवा रहे हों, वो अपने सर्विस प्रोवाइडर के दफ्तर आपको बुलवाएं.

- इस प्रोसेस को पूरा होने के बाद आप ब्रोकरेज फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन करते है. ऐसा करने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.

- फिर आपको डीमैट नंबर और एक क्लाइंट आईडी दी जाएगी.

कौन खोलेगा डीमैट खाता

इंडिया में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.

जरूरी शर्तें

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.

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