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ऑप्शन्स ट्रडिंग्स को समझने का सबसे आसान तरीका

ऑप्शन्स ट्रडिंग्स को समझने का सबसे आसान तरीका

मार्केट में कहां बन रहे हैं लॉन्ग, कहां शॉर्ट और आशीष बहेती के ट्रेडिंग आइडियाज

वायदा बाजार में आज INDIAMART, SYNGNE, CHAMBAL और HAL में लॉन्ग बनते हुए दिखाई दिये

हफ्ते के पहले कारोबारी दिन बाजार में कंसोलिडेशन का मूड दिख रहा है। निफ्टी 17700 के नीचे बना हुआ है। 18000 की कॉल और 17500 की पुट पर सबसे ज्यादा पोजिशन है। वहीं आज बैंक निफ्टी आउट परफॉर्म कर रहा है। ऐसे में हम ऑप्शन के आंकड़ों के जरिए समझने की कोशिश करेंगे कि राइटर्स इस छोटे हफ्ते के लिए कौन सी रेंज देख रहे हैं। सीएनबीसी-आवाज़ के फ्यूचर एक्सप्रेस में आज के एक्सपर्ट NAV INVESTMENT के आशीष बहेती हैं। आशीष ने अपनी दमदार कॉल्स के साथ एक सस्ता ऑप्शन भी दिया।

फ्यूचर मार्केट में आज इन शेयर्स में LONGS बनते हुए दिखाई दिये

ट्रेडिंग के लिए Demat अकाउंट चाहिए तो अब तक का सबसे किफायती और आसान तरीका अपनाइए

भारत ने NSE पर व्यापार के लिए वर्ष 1996 में Demat अकाउंट प्रणाली की प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी। इसमें आप रुपए या पैसे नहीं बल्कि शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म के रूप में सुरक्षित रख सकते हैं।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। अगर आप भी शेयर मार्केट (Share Market ) में ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं लेकिन Demat खाता खोलने, उसे समझने और उसके संचालन करने की बेसिक से ब्रॉड जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो इसके लिए अब आपको बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि अब यह सभी काम पर आप अपने मोबाइल पर घर बैठे बिना किसी की मदद के कर सकते हैं। इसके लिए बस आपको अपने फोन के गूगल प्ले स्टोर पर जाना होगा और वहां से 5paisa App डाउनलोड कर लेना है।

what are Defensive Stocks? Should you keep it in portfolio?

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क्या Demat खाता भी बैंक खाते की तरह ही होता है?

भारत ने NSE पर व्यापार के लिए वर्ष 1996 में Demat अकाउंट प्रणाली की प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी। डीमैट खाता एक तरह से बैंक अकाउंट की तरह ही होता है। लेकिन इसमें आप रुपए या पैसे नहीं बल्कि शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म के रूप में सुरक्षित रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का वास्तविक अर्थ डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है, जिसकी मदद से शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस खाते के माध्यम से शेयरों व संबंधित डॉक्यूमेंट्स के रखरखाव की परेशानियां दूर हो जाती हैं।

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5paisa में कैसे लॉगिन करें अपना Demat Account

यदि आपके पास 5paisa App है तो अच्छा है लेकिन अगर आपके पास यह एप नहीं ऑप्शन्स ट्रडिंग्स को समझने का सबसे आसान तरीका है तो तुरंत अपने फोन पर यह एप डाउनलोड कर लीजिए। क्योंकि ऑनलाइन ट्रेड के लिए यह पहला पड़ाव है। इस खाते की मदद से कोई भी निवेशक फिजिकल शेयर को डिमैडिमैटेरियलाइज कर सकता है।

इस एप पर डीमैट खाता खोलने वाले इच्छुक निवेशक के पास केवल उसका ऑप्शन्स ट्रडिंग्स को समझने का सबसे आसान तरीका व्यक्तिगत पैन कार्ड, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र,पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए। इसके अलावा पते का प्रमाण जैसे राशन कार्ड, बिजली ऑप्शन्स ट्रडिंग्स को समझने का सबसे आसान तरीका का बिल, टेलीफोन बिल, संपत्ति कर की रसीद, पासपोर्ट, बैंक पासबुक, मतदाता पहचान पत्र, या आधार कार्ड भी मान्य होगा।

वहीं खाता खोलने के कैंडिडेट्स को आय का प्रमाण जैसे आयकर रिटर्न (ITR) की फोटोकॉपी, हाल की सैलरी स्लिप, वर्तमान बैंक का बैंक खाता विवरण, या स्वयं का कैंसिल चेक।

ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है? Option trading kya hai

नमस्कार स्वागत है, आपका “स्टॉक पत्रिका” परिवार में, आज के इस लेख में हम सीखने वाले हैं कि ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है? (Option trading kya hai) डियर पाठक, जब कोई नया-नया ट्रेडर स्टॉक मार्केट में आता है तो वह कंपनियों के शेयर खरीदता है, जैसे- रिलायंस, टाटा मोटर्स, इंफोसिस, अडा़नी पावर, और कई कंपनियां है जिनके नए लोग शेयर खरीदते हैं।

लेकिन जब वह फाइनेंशली कंफर्टेबल हो जाते हैं, और साथ ही मार्केट को बहुत ही बारीकी से समझ जाते हैं, तब वह इस ऑप्शन ट्रेडिंग को करते हैं, अब आगे हम आपको बताने वाले हैं, कि आखिर ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होती है? और नए लोगों को ऑप्शन ट्रेडिंग क्यों नहीं करनी चाहिए? ऑप्शन ट्रेडिंग किस प्रकार से होती है? इन सारे सवालों के जवाब आपको मिलने वाले है-

ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है? What is Option Trading?

डियर पाठक, अगर आपको हम ऑप्शन ट्रेडिंग सरल भाषा में बताए तो ऑप्शन ट्रेडिंग इंडेक्स के अंदर ट्रेड होती है जैसे कि निफ़्टी इसके अंदर आपको मार्केट के सेंटीमेंट को गहराई से रिसर्च करके यह पता लगाना होता है की मार्केट आने वाले सप्ताह यह महीने के अंदर कहां तक जाने वाला है कहने का मतलब कितना बढ़ने वाला है या कितना घटने वाला है।

ऑप्शन ट्रेडिंग के ऑप्शन की एक ऐज होती है, जिसमें वह शून्य हो जाता है और जब यह जीरो होता है तो उसको हम एक्सपायरी कहते हैं।

एक्सपायरी डेट किस कहते हैं? एक्सपायरी डेट पर ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट बिल्कुल शून्य हो जाता है कहने का मतलब समाप्त ऑप्शन्स ट्रडिंग्स को समझने का सबसे आसान तरीका हो जाता है उसे हम एक्सपायरी डेट कहते हैं।

एक्सपायरी डेट दो प्रकार की होती है

  1. वीकली एक्सपायरी (Weekly Expiry)
  2. मंथली एक्सपायरी (Monthly Expiry)

ऑप्शन ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं? types of options trading?

ऑप्शन ट्रेडिंग में आप किसी भी सिक्योरिटी, इंडेक्स या स्टॉक में ट्रेड कर सकते है। यहाँ पर आप स्टॉक को लेकर बुलिश है या बेयरिश उसके आधार पर आप ऑप्शन में ट्रेड कर सिक्योरिटी को स्ट्राइक प्राइस पर खरीदने या बेचने का अधिकार रखते है।

अब यहाँ पर यह आपके ऊपर निर्भर करता है की ऑप्शन को किस मानसिकता या ट्रेंड के आधार पर ट्रेड कर रहे है उसके अनुसार दो प्रकाश के ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट होते है जिसके आधार पर ऑप्शन में ट्रेडिंग कर सकते हैं।

कॉल ऑप्शन (CE)

अगर कॉल ऑप्शन को हम आपको सरल शब्दों में समझाने का प्रयास करें तो, अगर आपका मार्केट व्यु या आपको लगता है किसी स्टॉक या इंडेक्स की प्राइस ऊपर जाने को है तब आप उसका कॉल ऑप्शन खरीदते हैं, जिसमें की आप कम कैपिटल के साथ अच्छा प्रॉफिट कमा सकते है।

पुट ऑप्शन (PE)

अगर पुट ऑप्शन को हम आपको सरल शब्दों में समझाने का ऑप्शन्स ट्रडिंग्स को समझने का सबसे आसान तरीका प्रयास करें तो, अगर आपको लगता है किसी स्टॉक या इंडेक्स की प्राइस नीचे जाने वाली है तब आप उसका पुट ऑप्शन खरीदते हैं, जिसमें की आप कम कैपिटल के साथ अच्छा प्रॉफिट कमा सकते है।

कॉल और पुट दोनों को एक साथ समझाने का प्रयास करे तो अगर आप मार्केट में किसी भी शेर इंडेक्स जैसे की निफ़्टी आज की तारीख में शेयर की कीमत 17000 रुपए हैं लेकिन आप इसे ऑप्शन ट्रेडिंग में ₹5 से लेकर ₹1000 तक खरीद सकते हैं इसलिए कम पैसों में ऑप्शन ट्रेडिंग में ज्यादा शेयर खरीदे जा सकते हैं।

NOTE – ऑप्शन ट्रेडिंग बहुत ही तेज होती है यहां पर आपको काफी फुर्ती रखनी होती है क्योंकि ऑप्शन पलक झपकते ही जीरो से ऑप्शन्स ट्रडिंग्स को समझने का सबसे आसान तरीका हीरो बना देता है और पलक झपकते ही हीरो से जीरो बना देता है

अगर आपको इसका हम एक लाइन में उत्तर दें तो यह बिगनर लोगों के लिए नहीं है स्टॉक पत्रिका का सुझाव है कि नए लोग ऑप्शन ट्रेडिंग नहीं करें हां जब आप सीख गए तब अवश्य ऑप्शन ट्रेडिंग से मोटा पैसा कमाए यह हमारी शुभकामनाएं हैं आपको

ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं? How to do Option Trading in hindi?

आप्शन ट्रेडिंग आप एक ऑनलाइन डीमैट अकाउंट (ब्रोकरेज खाते) के माध्यम से कर सकते हैं जो स्व – निर्देशित ट्रेडिंग करने की अनुमति ऑप्शन्स ट्रडिंग्स को समझने का सबसे आसान तरीका देता है।

ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपको एक डीमैट अकाउंट खोलना होगा। डीमेट अकाउंट खोलने के पश्चात आप स्टॉकब्रोकर द्वारा प्रोवाइड किए गए ट्रेडिंग एप का इस्तेमाल कर आसानी से ऑप्शन में ट्रेड कर सकते है।

ऑप्शन ट्रेडिंग करने से पहले आपको कुछ बातें जरूर जानी चाहिए जिससे कि आपको ऑप्शन ट्रेडिंग करने में आसानी हो।

  1. सिंबल – स्टॉक सिंबल का मतलब है कि एक ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट से जुड़ी किसी स्टॉक या इंडेक्स की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाता है। जैसे – Nifty 17500 CE, Bank Nifty 38000 CE
  2. स्ट्राइक प्राइस – स्ट्राइक प्राइस जिस पर आप ऑप्शन का प्रयोग करने में सक्षम होते हैं,
  3. प्रीमियम – ऑप्शन को खरीदने की लागत को प्रीमियम कहते है।
  4. एक्सपायरी डेट – एक्सपायरी डेट पर ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट बिल्कुल शून्य हो जाता है कहने का मतलब समाप्त हो जाता है उसे हम एक्सपायरी डेट कहते हैं

ऑप्शन ट्रेडिंग में ध्यान रखने वाले टिप्स

  1. सही स्ट्राइक प्राइस का चयन करें
  2. रिस्क को मैनेज करके चले
  3. समय मूल्य व्यवहार का ध्यान रखें
  4. ऑप्शन ग्रीक को समझने का प्रयास करें और इसे हंड्रेड परसेंट सीखें
  5. ऑप्शन ट्रेडिंग में अपने फाइनैंशल गोल बनाएं

ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे! Benefits of options trading

  1. यह ट्रेडिंग फ्लैक्सिबिलिटी के साथ – साथ लिक्विडिटी भी प्रदान करता है।
  2. अन्य प्रकार की ट्रेडिंग विकल्पों की तुलना में, आप यहां पर कम कैपिटल के साथ ट्रेड करने में सक्षम होते हैं।
  3. डिअर पाठक यह तो आपको पता ही है ऑप्शंस का उपयोग हेंजिग के लिए भी क्या जाता है हेंजिग से क्या होता है कि आप अपने पोर्टफोलिओं को मार्केट में आने वाले उतार – चढ़ाव की वजह से होने वाले नुकसान से बच सकते है।
  4. आपको बता दें कि ऑप्शंस में आप कोई भी मार्केट कंडीशन को अप्लाई कर सकते हैं जबकि अन्य ट्रेडिंग विकल्प में यह पॉसिबल नहीं है।

ऑप्शन ट्रेडिंग के नुकसान!

  1. ऑप्शन ट्रेडिंग बहुत ही रिस्की होता है यहां पर व्यक्तिगत स्टॉक, ईटीएफ या बांड खरीदने की तुलना में ऑप्शन ट्रेडिंग में बहुत ही ज्यादा जोखिम उठाना पड़ सकता है इसलिए ऑप्शन ट्रेडिंग का यह एक नेगेटिव पॉइंट्स है।
  2. डिअर पाठक स्टॉक प्राइस के मूवमेंट की भविष्यवाणी करना मुश्किल हो सकता है इसलिए यहां पर मार्केट के सेंटीमेंट को समझना थोड़ा सा अधिक कठिन है क्योंकि यदि आपका अनुमान गलत हो जाता है, तो ऑप्शन ट्रेडिंग आपको बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।
  3. ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए स्टॉक या इंडेक्स का विश्लेषण करना इक्विटी स्टॉक से अलग होता है इसलिए ज़रूरी है की आप ऑप्शन ट्रेडिंग को अच्छे से समझने के बाद ही इसमें ट्रेड करें।

ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें? How to learn options trading?

देखिए ऑप्शन ट्रेडिंग करना नए लोगों के लिए बहुत ही मुश्किल हैं पर वह कहते हैं ना नामुमकिन जैसी कोई चीज नहीं इसलिए पहले आप ट्रेडिंग को अच्छे से सीख जाइए फिर ऑप्शन के अंदर आइए ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए वैसे तो कई ट्रेनर दावे करते हैं कि हम आपको ऑप्शन ट्रेडिंग सिखा देंगे लेकिन उनको सिर्फ अपना कोर्स सेल करना है और आप अंदर के राज कभी नहीं जान पाएंगे इसलिए अगर आपको फ्री में ऑप्शन ट्रेडिंग सीखनी है तो स्टॉक पत्रिका जल्द ही आपके लिए एक यूट्यूब चैनल शुरू कर रहा है जिसमें आपको बिल्कुल मुफ्त में ऑप्शन ट्रेडिंग सिखाई जाएगी तो आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं

Conclusion

आपने आज सीखा की ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है? Option trading kya hai, ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करनी चाहिए और ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें ऑप्शन ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं और फिर भी अगर आपका कोई ऑप्शन ट्रेडिंग से लेकर सवाल है तो आप बेझिझक हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं हमारी टीम आपके सवालों के उत्तर देने के लिए सदैव तत्पर है स्टॉक पत्रिका पर अपना कीमती समय देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

मार्केट में कहां बन रहे हैं लॉन्ग, कहां शॉर्ट और आशीष बहेती के ट्रेडिंग आइडियाज

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भारत ने NSE पर व्यापार के लिए वर्ष 1996 में Demat अकाउंट प्रणाली की प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी। इसमें आप रुपए या पैसे नहीं बल्कि शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म के रूप में सुरक्षित रख सकते हैं।

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यदि आपके पास 5paisa App है तो अच्छा है लेकिन अगर आपके पास यह एप नहीं है तो तुरंत अपने फोन पर यह एप डाउनलोड कर लीजिए। क्योंकि ऑनलाइन ट्रेड के लिए यह पहला पड़ाव है। इस खाते की मदद से कोई भी निवेशक फिजिकल शेयर को डिमैडिमैटेरियलाइज कर सकता है।

इस एप पर डीमैट खाता खोलने वाले इच्छुक निवेशक के पास केवल उसका व्यक्तिगत पैन कार्ड, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र,पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए। इसके अलावा पते का प्रमाण जैसे राशन कार्ड, बिजली का बिल, टेलीफोन बिल, संपत्ति कर की रसीद, पासपोर्ट, बैंक पासबुक, मतदाता पहचान पत्र, या आधार कार्ड भी मान्य होगा।

वहीं खाता खोलने के कैंडिडेट्स को आय का प्रमाण जैसे आयकर रिटर्न (ITR) की फोटोकॉपी, हाल की सैलरी स्लिप, वर्तमान बैंक का बैंक खाता विवरण, या स्वयं का कैंसिल चेक।

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