शासक रणनीति

दिल दिया है जान भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए… इंडियन नेवी डे की शुभकामनाएं कुछ नशा तिरंगे की आन का है कुछ नशा मात्रभूमि की शान का है, हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा नशा ये हिंदुस्तान के मान का है। हैप्पी इंडियन नेवी डे Freedom in mind & words, Pride in our hearts, Memories in our souls, Lets salute, the nation on navy day Happy Indian Navy Day
Indian Navy Day 2022: क्यों मनाते हैं भारतीय नौसेना दिवस, जानिए इसके पीछे छिपा इतिहास
Indian Navy Day 2022: आज के इस आर्टिकल में हम आपको Indian Navy Day 2022 के बारे में बताने वाले हैं. हमारे देश में भारतीय सेना का एक विशेष महत्व होता है फिर चाहे वह थल सेना हो वायु सेना हो या नौसेना. देश की भारत की सेना अपने आप में एक अद्भुत है. अधिकांश लोगों को Indian Navy Day के बारे में पता नहीं होता है. ना ही लोग Indian Navy Day History के बारे में जानते हैं. तो आज हम आपको यहां पर Indian Navy Day History के बारे में बताएंगे साथ ही जानेंगे की भारतीय नौसेना दिवस क्यों मनाया जाता है? वहीं इस वर्ष Navy Day 2022 Date क्या है. साथी हम आपको यहां पर Indian Navy Day 2022 Theme के बारे में बताने वाले हैं. साथी अगर आपका कोई साथिया रिश्तेदार नौसेना में हैं तो आप उन्हें नौसेना दिवस पर शुभकामनाएं भी दे सकते हैं. तो हम आपको यहां पर Happy Navy Day Status भी देने वाले हैं.
Indian Navy Day 2022
Indian Navy Day 2022: भारतीय नौसेना दिवस 2022 (Indian Navy Day 2022) 4 दिसंबर को मनाया मनाया जा रहा है. जिन लोगों को पता नहीं है कि नौसेना दिवस क्यों मनाया जाता है तो उन्हें बताना चाहेंगे कि Indian Navy Day को भारतीय नौसेना के पराक्रम का प्रतीक माना जाता है. भारतीय नौसेना के जांबाज शहीदों को सलाम है जिन्होंने वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के दौरान पाकिस्तानी नौसेना को करारी शिकस्त दी थी. आपको जानकर गर्व होगा कि हमारे देश की भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन ट्राइडेंट के अंतर्गत पाकिस्तानी नौसेना के कराची स्थित मुख्यालय और कराची के पोर्ट को बर्बाद करके रख दिया था. तो आइए हम आपको भारतीय नौसेना की दुनिया भर में शक्ति और प्रतिष्ठा की झलक बताते हैं. इसके साथ ही पहले हम जानते हैं कि Indian Navy Day History क्या है और इस वर्ष Indian Navy Day 2022 Theme क्या है.
Indian Navy Day History
Indian Navy Day 2022: सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक भारतीय नौसेना की स्थापना 1612 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा की गई थी लेकिन, दिलचस्प बात यह है कि भारतीय नौसेना की की शुरुआत इससे भी पहले मराठा साम्राज्य के महान शासक श्री छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा कर दी गई थी. वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय पाकिस्तान द्वारा 3 दिसंबर को भारतीय हवाई अड्डे पर हमला किया गया था. वहीं पाकिस्तान के इस आक्रामक हमले का ईट का जवाब पत्थर से देने के लिए भारतीय नौसेना ने रात में पाकिस्तान पर हमला करने की रणनीति बनाई. क्योंकि पाकिस्तान के पास बमबारी करने के लिए विमान नहीं था और हमले के दौरान पाकिस्तान की सेना के सैकड़ों सैनिक मौत के घाट पर चुके थे. उस समय कमोडोर कासरगोड पट्टानशेट्टी गोपाल राव जी द्वारा पूरे भारतीय नौसेना अभियान का नेतृत्व किया गया था. भारतीय नौसेना की सफलता का जश्न मनाने के लिए ही हम हर साल 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस 2022 (Indian Navy Day 2022) मनाते हैं.
Indian Navy Day 2022 Theme
इस वर्ष 2022 में भारतीय नौसेना दिवस का थीम (Indian Navy Day 2022 Theme) “स्वर्णिम विजय वर्ष” (Swarnim Vijay Varsh) है.
आज सलाम है उन वीरों को,
जिनके कारण ये दिन आता है,
वो मां खुशनसीब होती है,
जिनके बच्चो का बलिदान,
देश के काम आता है…
‘हैप्पी इंडियन नेवी डे 2022’
कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिंदुस्तान के मान का है.
‘हैप्पी इंडियन नेवी डे 2022’
जिनमें अकेले चलने के हौसले होते हैं,
एक दिन उन्हीं के पीछे काफिले होते हैं.
सेना है तो हम हैं
शासक रणनीति‘हैप्पी इंडियन नेवी डे 2022’
सौंदर्य, स्वास्थ्य और जीवन शैली विकल्प
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आज हम काव्यशास्त्र के बारे में कुछ चर्चा करने जा रहे हैं। हां, आपने इसे सही सुना। मैंने असामान्य शब्द बनाया क्योंकि मैं चाहता था कि विषय शासक रणनीति छंद लिखने की सामान्य नीरसता से अलग दिखाई दे। एक मुहावरा या एक कविता हमारी आत्मा को झकझोर देती है राजघरानों और राजाओं के दरबार में असाधारण कवि थे जो राज्य और उनके शासकों की प्रशंसा में सुंदर गीत बनाते थे। सरल शब्दों में कहा जाए तो कविता कुछ और नहीं बल्कि अनकही और सुंदर की संगीतमय अभिव्यक्ति है। आजकल इसका संबंध जीवन के कटु और कुरूप तथ्यों से भी है। हालाँकि, मैं आप लोगों को उस रहस्यमयी दुनिया में ले जा रहा हूँ जहाँ लयबद्ध शब्दों और भावपूर्ण संगीत ने कविताओं की भविष्यवाणी का निर्माण किया।
भारत का इतिहास कैसे लिखें?
असम के महान सेनापति लाचित बरफुकन की 400 वीं जयंति पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारतीय इतिहास को फिर से लिखा जाना चाहिए। यही बात कुछ दिनों पहले गृहमंत्री अमित शाह ने भी कही थी। उनके इस कथन का शासक रणनीति अर्थ यह लगाया जा रहा है कि अभी तक भारत का जो प्राचीन, मध्यकालीन और अर्वाचीन इतिहास शासक रणनीति लिखा गया है, उसे रद्द करके संघी और जनसंघी रंग में रंगकर सारे इतिहास को नए ढंग से पेश करने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। भारत के इतिहास को भी दो शासक रणनीति खानों में बांटने की कोशिश की जा रही है। एक वामपंथी और दूसरा दक्षिणपंथी। यह ठीक है कि प्रत्येक इतिहासकार इतिहास की घटनाओं को अपने चश्मे से ही देखता है। इस कारण उसके अपने रूझान, पूर्वाग्रह और विश्लेषण-प्रक्रिया का असर उसके निष्कर्षों पर अवश्य पड़ता है। इसीलिए हम देखते हैं कि एक इतिहासकार अकबर को महान बादशाह बताता है तो दूसरा उसकी ज्यादतियों को रेखांकित करता है, एक लेखक इंदिरा गांधी को भारत के प्रधानमंत्रियों में सर्वश्रेष्ठ बताता है तो दूसरा उन्हें सबसे अधिक निरंकुश शासक सिद्ध करता है। इस तरह के दोनों पक्षों में कुछ न कुछ सच्चाई और कुछ न कुछ अतिरंजना जरुर होती है। यह पाठक पर निर्भर करता है शासक रणनीति कि वह उन विवरणों से क्या निष्कर्ष निकालता है। भारत में इतिहास-लेखन पर सोवियत संघ, माओवादी चीन और कास्त्रो के क्यूबा की तरह कभी कोई प्रतिबंध नहीं रहा।
WTC Final: विराट कोहली ने बताई टीम इंडिया की रणनीति, 2011 विश्व कप और साउथैंप्टन के मौसम पर दिया ये जवाब
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सुमित सुन्द्रियाल
Updated on: Jun 17, 2021 | 7:59 PM
भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने साफ किया है कि आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (ICC World Test Championship Final) उनके लिए बाकी किसी और मैच की तरह ही है और टीम उसी तरह का क्रिकेट इस मैच में भी खेलेगी, जैसा उन्होंने पिछले कुछ सालों में खेला है और जिसके जरिए वह यहां तक पहुंचे हैं. शुक्रवार 18 जून से साउथैंप्टन (Southampton) में आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल शुरू हो रहा है, जहां टीम इंडिया की टक्कर न्यूजीलैंड से होगी. भारतीय कप्तान ने साथ ही कहा कि टीम ने इस मुकाबले के शासक रणनीति हिसाब से जो रणनीति तैयार की है, उस पर टिकी रहेगी और साउथैंप्टन के मौसम में आ रहे बदलाव के हिसाब से कोई बड़े बदलाव नहीं करने वाली.
मौसम पर नहीं, अपनी काबिलियत और रणनीति पर ध्यान
साउथैंप्टन में बीते कुछ दिनों से बढ़ी गर्मी के कारण अुनमान जताया जा रहा था कि फाइनल मैच के दौरान भी ऐसी ही परिस्थिति रहेगी और इस आधार पर शासक रणनीति टीमें अपनी रणनीति बनाएंगी. हालांकि, अब साउथैंप्टन में अगले पांचों दिन बारिश का अनुमान है. ऐसे में क्या टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन या रणनीति में कोई बदलाव होगा, इस सवाल के जवाब में भारतीय कप्तान ने साफ किया कि टीम का फोकस मौसम के बजाए अपनी रणनीति पर है. उन्होंने कहा,
“हम इस बात को लेकर परेशान नहीं हैं कि मौसम कैसा रहेगा? न हम उस हिसाब से अपनी टीम में कोई बड़े बदलाव करते हैं. हमारा फोकस सिर्फ इस बात पर है कि सभी पहलुओं को कवर करें. हम अपनी प्लेइंग इलेवन में कोई बदलाव इस आधार पर नहीं करने वाले.”
किसी भी अन्य टेस्ट की तरह
टेस्ट क्रिकेट के पहली चैंपियनशिप के पहले फाइनल को देखते हुए इसे लेकर क्रिकेट जगत में काफी उत्सुकता है, लेकिन भारतीय कप्तान ने साफ किया कि उनके लिए किसी भी अन्य मैच की तरह है. कोहली ने कहा, “मेरे लिए ये भी किसी अन्य टेस्ट मैच की तरह है. ये चीजें शासक रणनीति बाहर रहकर काफी अच्छी लगती हैं. एक मैच के कारण ऐसा सोचने में अच्छा लगता है ‘करो या मरो’ जैसा है, लेकिन हमारे लिए एक टीम के तौर पर ये एक मैच है. हम उत्कृष्टता की ओर अपने प्रयास को जारी रखते हैं और जानते हैं कि हमें क्या करना है.”
कोहली 2011 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य भी थे और उस वक्त टीम में नए थे. अब वह टेस्ट फॉर्मेट के पहले फाइनल में बतौर कप्तान उतर शासक रणनीति रहे हैं. क्या दोनों में कोई समानता या फर्क है? इस सवाल के जवाब में भारतीय कप्तान ने कहा, “2011 विश्व कप जीतना हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि थी, लेकिन क्रिकेट आगे बढ़ता है, जैसे जिंदगी आगे बढ़ती है. इस मौके को भी बिल्कुल बाकी मौकों की तरह लिया जाना चाहिए. हमारा माइंडसेट वैसा ही है. हमारे लिए ये गेंद और बल्ले की टक्कर है.”