क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं

Bloomberg रिपोर्ट के मुताबिक, इंडोनेशिया के नेशनल उलेमा काउंसिल की ओर से क्रिप्टोकरेंसी को हराम बताते हुए प्रतिबंधित घोषित कर दिया गया है। MUI ने कहा क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी के चरित्र में अनिश्चितता, नुकसान और जुए बाजी जैसे तत्व शामिल किए गए हैं, इस वजह से यह मुस्लिमों के लिए हराम है। वहीं धार्मिक आदेश जारी करने वाली इस संस्था के प्रमुख असरोरुन नियाम शोलेह ने क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं कहा कि यदि क्रिप्टोकरेंसी एक कमोडिटी या डिजिटल संपत्ति के तौर पर काम करें और इसमें शरिया कानूनों का पालन किया जाए। इसके साथ ही यदि इसमें साफ फायदा समझ आता है तो इसकी ट्रेडिंग भी की जा सकती है। हालांकि MUI के इस फैसले के बाद से यह साफ नहीं किया गया है कि इंडोनेशिया में क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह बैन की जाएगी या नहीं।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं लगेगा बैन! कानून के दायरे में लाने की तैयारी, अगले बजट में हो सकती है बड़ी घोषणा
Highlights भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की बजाय इसके बाजार को कानूनी दायरे में लाने के बारे में विचार कर रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगले साल बजट में इस संबंध में अहम घोषणा की जा सकती है। हाल के महीनों में भारत में क्रिप्टोकरेंसी का बाजार तेजी से बढ़ा है।
नई दिल्ली: भारत सरकार अगले साल फरवरी में आने वाले बजट में क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने संबंधी बड़ी घोषणाएं कर सकती है। भारत में हाल के वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी में निवश का बाजार बढ़ा है और ऐसे में इसके लिए कानूनी ढांचा ला सकती है।
सभी क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी
सभी क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में 'द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021' लाएगी. क्रिप्टोकरेंसी तकनीक के इस्तेमाल में राहत देने के लिए ही सरकार इस बिल में भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से सरकारी डिजिटल करेंसी चलाने के लिए फ्रेमवर्क का प्रावधान रखेगी.
इस बिल को लेकर लोकसभा बुलेटिन में सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है. गौरतलब है कि वित्त मामलों की संसदीय समिति में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा हुई थी जिसमें पाबंदी की बजाए नियमन का सुझाव दिया गया था.
डिजिटल करेंसी में उतार-चढ़ाव
क्रिप्टोकरेंसी के विपरीत रिजर्व बैंक द्वारा जारी इस डिजिटल करेंसी में उतार-चढ़ाव नहीं होगा. यह डिजिटल करेंसी देश की अर्थव्यवस्था में सर्कुलेट हो रही करेंसी का ही हिस्सा होगी. यही नहीं, इसकी कैश के साथ अदला-बदली भी की जा सकेगी. गौरतलब है कि सिस्टम में करेंसी के प्रसार पर रिजर्व बैंक का नियंत्रण रहता है. जब अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती है तो ज्यादा करेंसी की जरूरत होती है.
क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता रिजर्व बैंक के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि देश में करेंसी के प्रसार पर उसका ही नियंत्रण रहता है. यह तो ऐसी करेंसी है जिस पर रिजर्व बैंक तो क्या किसी सरकार का भी नियंत्रण नहीं है. इसलिए सरकार इस पर अंकुश लगाते हुए डिजिटल करेंसी का विकल्प देने की तैयारी कर रही है.
इस बिल का उद्देश्य
इस बिल का उद्देश्य भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करना है. आरबीआई ने साल 2018 में क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन का समर्थन करने को लेकर बैंकों और विनियमित वित्तीय संगठनों को बैन कर दिया गया था.
इस बिल के तहत ये प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी. सुप्रीम कोर्ट ने लगभग दो साल बाद इसको लेकर कानून बनाने की बात कही थी. इस बिल के जरिए सरकार सेंट्रल बैंक रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए एक आसान फ्रेमवर्क तैयार करना चाहती है.
क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं क्या है?
गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी किसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है. यह पूरी तरह से ऑनलाइन होती है. इसको इसको कोई सरकार या कोई विनियामक अथॉरिटी जारी नहीं करती है. गौरतलब है कि देश में बड़े पैमाने पर लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं. इन करेंसीज में काफी उतार-चढ़ाव होता है.
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Cryptocurrency: इस देश में क्रिप्टो के इस्तेमाल पर लगा प्रतिबंध! कहा- ‘मुस्लिमों के लिए क्रिप्टोकरेंसी हराम’
नई दिल्ली। इस सदी के शुरुआती दशक से अभी तक क्रिप्टोकरेंसी ने कई तरह के बदलाव किए हैं। हालांकि अभी यह कॉन्सेप्ट ज्यादा क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं नया नहीं है। लेकिन इसे लेकर अभी तक किसी तरह का कोई नियम-कानून भी नहीं बनाया गया है। सीधे जनमानस में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी की काफी तेज पकड़ बन गई है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि क्रिप्टो ने बाजार में काफी तेजी से अपने पैर पसार लिए हैं। कई देशों में इसकी मौजूदगी है, और काफी बढ़-चढ़कर लोग इसमें निवेश भी कर रहे हैं। अकेले भारत में ही क्रिप्टो इकोसिस्टम से करोड़ों निवेशक जुड़ गए हैं। हालांकि, इसकी वैधता और नियमन को लेकर हर देश में बहस का जा रही है।
भारत में क्रिप्टो को नहीं मिलेगी करेंसी की मान्यता! संपत्ति के तौर पर मिल सकती है मंजूरी
नई दिल्ली: भारत में क्रिप्टो करेंसी को कानूनी मान्यता देने की चर्चाओं के बीच इसे लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक ये लगभग तय है कि सरकार क्रिप्टोक्यूरेंसी पर दरवाजे बंद करने के मूड में नहीं है पर इस पर एक अलग दृष्टिकोण और बीच का रास्ता अपनाया जा सकता है।
क्रिप्टो को शेयर, गोल्ड या बॉन्ड की तरह रख सकेंगे
इनोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक संभव है कि क्रिप्टो को बतौर करेंसी मंजूरी नहीं दी जाए लेकिन इसे शेयर, गोल्ड या बॉन्ड की तरह एक संपत्ति के तौर पर मान्यता दी जाए। करेंसी के तौर पर इसे मंजूरी नहीं देने पर इससे लेन-देन या भुगतान आदि के लिए मुद्रा के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
Cryptocurrency bill 2021: Crypto Bill को लेकर चर्चा, अगर लगा बैन तो आम जनता पर क्या होगा असर?
Cryptocurrency bill 2021: इन दिनों क्रिप्टो करेंसी की खूब चर्चा क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं हो रही है. लोगों में इसको लेकर खासा क्रेज भी है लेकिन इसी बीच खबर यह है कि संसद के शीतकालीन सत्र में भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है जिसमें निजी क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) को प्रतिबंधित करने और आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को विनियमित करने के लिये ढांचा तैयार करने की बात कही गई है. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किये जाने वाले विधेयकों की क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं सूची में क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है. सबसे पहले जान लेते हैं कि आखिर क्रिप्टो करेंसी है क्या और इसे बैन क्यों करने की बात की जा रही है.