आगे अनुबंध

निर्माण कार्य पर एक अनुबंध एक निश्चित तिथि से आगे काम पूरा करने में देरी के लिए दंड को निर्दिष्ट करता है: पहले दिन के लिए 200 रु. दूसरे दिन 250 रु. तीसरे दिन के लिए 300 रु. आदि। प्रत्येक सफल दिन के लिए जुर्माना पिछले दिन की तुलना में 50 रु. अधिक। यदि ठेकेदार काम में 10 दिन की देरी करता है तो उसे कितना जुर्माना देना होगा?
As per the norms of the government, the UPSC has released the Public Disclosure of Marks for the non-recommended willing candidates on the official website of the commission. A PDF has been released which contains the marks and othe r details of the non-recommended willing candidates. Earlier, the UPSC Examinations 2021 Reserved List was released. 63 candidates have been recommended by the commission to fill in the remaining posts. With reference to the 2022 exam cycle, The Union Public Service Commission (UPSC) examination was conducted on the 16th, 17th, 18th, 24th, and 25th of September 2022. This is one of the most coveted jobs in India. The candidates are required to go through a 3 stage selection process - Prelims, Main and Interview. The marks of the main examination and interview will be taken into consideration while preparing the final merit list. The candidates must go through the UPSC Civil Service mains strategy to have an edge over others.
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ईसीबी ने 2022-23 सीज़न के लिए केंद्रीय अनुबंधों की घोषणा की; लिविंगस्टोन आगे बढ़ा, जेसन रॉय ने पदावनत किया
लंदन [यूके], 11 अक्टूबर (एएनआई): इंग्लैंड के सफेद गेंद के दिग्गज जेसन रॉय के मौजूदा सत्र में फॉर्म के साथ संघर्ष के परिणामस्वरूप उन्हें एक वृद्धिशील सौदे में डाउनग्रेड किया गया है, जबकि देश के टी 20 स्टार लियाम लिविंगस्टोन ने अपना पहला पूर्ण अनुबंध अर्जित किया है। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने मंगलवार को 2022-23 सत्र के लिए नए केंद्रीय अनुबंध प्रस्तावों की घोषणा की।
बोर्ड के एक बयान में कहा गया है, "इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने 1 अक्टूबर 2022 से इंग्लैंड के पुरुष अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए केंद्रीय अनुबंध प्रस्तावों की घोषणा की है।"
रॉय ने इस साल टी20ई में फॉर्म के लिए संघर्ष किया है, अब तक 11 मैचों में उन्होंने 18.72 की औसत से केवल 206 रन बनाए हैं। उनके बल्ले से केवल एक अर्धशतक निकला है, जिसमें 52 का सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत स्कोर है। उनके फॉर्म के कारण उन्हें इस साल के लिए ICC T20 विश्व कप टीम से बाहर कर दिया गया।
हालांकि उनका इस साल वनडे में बेहतर रिकॉर्ड है। उन्होंने नौ मैचों की आठ पारियों में 42.28 की औसत से 296 रन बनाए हैं। 101* के सर्वश्रेष्ठ स्कोर के साथ उनके बल्ले से एक शतक और एक अर्धशतक निकला है।
प्रणाली, जो लाल गेंद और सफेद गेंद दोनों खिलाड़ियों को कवर करती है, अगले 12 महीनों में इंग्लैंड की टीमों में प्रारूपों में शामिल होने वाले खिलाड़ियों की संभावना को ध्यान में रखती है, जबकि पिछले वर्ष में प्रदर्शन को भी पहचानती है।
कुल 30 खिलाड़ियों को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट ऑफर मिले हैं - 18 इंग्लैंड वार्षिक सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट्स, छह इंग्लैंड इंक्रीमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स और छह इंग्लैंड पेस बॉलिंग डेवलपमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स।
सरे के विकेटकीपर बेन फोक्स और लंकाशायर के बल्लेबाज लियाम लिविंगस्टोन इंग्लैंड के वार्षिक केंद्रीय अनुबंध प्रस्तावों के दो नए प्राप्तकर्ता हैं, जबकि हैरी ब्रुक, मैथ्यू पॉट्स और रीस टॉपली को इंग्लैंड वेतन वृद्धि अनुबंध, उनका पहला केंद्रीय अनुबंध दिया गया है।
उच्च-क्षमता वाले सीम गेंदबाजों के विकास का समर्थन करने के लिए, ब्रायडन कार्स, मैथ्यू फिशर और जेमी ओवरटन को पहली बार केंद्रीय अनुबंध के इस रूप में साकिब महमूद, क्रेग ओवरटन और ओली स्टोन में शामिल होने के लिए पेस बॉलिंग डेवलपमेंट कॉन्ट्रैक्ट की पेशकश की गई है।
इंग्लैंड मेन्स क्रिकेट के प्रबंध निदेशक, रॉब की ने कहा: "मुझे लगता है कि हमने उन खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया है जिन्होंने पिछले 12 महीनों में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है और जिन्हें हम अगली अवधि में इंग्लैंड की योजनाओं का हिस्सा बनने की उम्मीद करते हैं।
"अंतर्राष्ट्रीय खेल का विकास जारी है, और हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमें पूरे खेल में खिलाड़ी के प्रदर्शन का नेतृत्व करना है। इसका उद्देश्य तीनों प्रारूपों में विश्व स्तरीय खिलाड़ियों को विकसित करना है क्योंकि हम सर्वश्रेष्ठ टीम बनने का प्रयास करते हैं। दुनिया।"
"मैं आने वाले वर्ष के लिए अनुबंधों की पेशकश करने वाले सभी खिलाड़ियों को बधाई देना चाहता हूं। वे सभी अगले 12 महीनों में इंग्लैंड के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।" उसने निष्कर्ष निकाला।
इंग्लैंड वार्षिक केंद्रीय अनुबंध: मोइन अली (वार्विकशायर), जेम्स एंडरसन (लंकाशायर), जोफ्रा आर्चर (ससेक्स), जोनाथन बेयरस्टो (यॉर्कशायर), स्टुअर्ट ब्रॉड (नॉटिंघमशायर), जोस बटलर (लंकाशायर), जैक क्रॉली (केंट), सैम कुरेन ( आगे अनुबंध सरे), बेन फॉक्स (सरे), जैक लीच (समरसेट), लियाम लिविंगस्टोन (लंकाशायर), ओली पोप (सरे), आदिल राशिद (यॉर्कशायर), ओली रॉबिन्सन (ससेक्स), जो रूट (यॉर्कशायर), बेन स्टोक्स (डरहम) , क्रिस वोक्स (वार्विकशायर), मार्क वुड (डरहम)।
इंग्लैंड वेतन वृद्धि अनुबंध: हैरी ब्रुक (यॉर्कशायर), डेविड मालन (यॉर्कशायर), मैथ्यू पॉट्स (डरहम), जेसन रॉय (सरे), रीस टॉपली (सरे), डेविड विली (नॉर्थम्पटनशायर 1 नवंबर 22 से)
इंग्लैंड पेस बॉलिंग डेवलपमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स: ब्रायडन कार्स (डरहम), मैथ्यू फिशर (यॉर्कशायर), साकिब महमूद (लंकाशायर), क्रेग ओवरटन (समरसेट), जेमी ओवरटन (सरे)
मई महीने के आखिरी सप्ताह में रिपब्लिक ग्रुप ने चैनल के कर्मचारियों को नए अनुबंध पर हस्ताक्षर करने को कहा. इसके बाद कई कर्मचारियों ने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया और नौकरी छोड़ दी.
अंग्रेज़ी की एक कहावत है लाइफ कम्स फुल सर्किल यानि एक पूरा चक्कर लगाकर वहीं पहुंचना जहां से शुरुआत हुई थी. अर्णब गोस्वामी और उनका मीडिया समूह रिपब्लिक टीवी जीवन का एक चक्कर पूरा करके वहां पहुंच गया है जहां से शुरुआत हुई थी. बस भूमिकाएं बदल गई हैं. 2019 में रिपब्लिक भारत की लॉन्चिंग के मौके पर अर्णब गोस्वामी सुचरिता कुकरेती नामक एंकर को अपने यहां लाना चाहते थे. लेकिन सुचरिता के तत्कालीन नियोक्ता इंडिया टीवी ने उन्हें रिपब्लिक नेटवर्क ज्वाइन करने से रोक दिया. उन्होंने अपने कॉन्ट्रैक्ट का हवाला दिया जिसके मुताबिक सुचरिता कोई दूसरा संस्थान ज्वाइन नहीं कर सकती थी. इंडिया टीवी इसको लेकर कोर्ट पहुंच गया. तब सुचरिता के पक्ष में रिपब्लिक नेटवर्क खड़ा हुआ. कोर्ट ने सुचरिता के पक्ष में फैसला दिया और इंडिया टीवी को मुंह की खानी पड़ी थी.
2019 में जो काम इंडिया टीवी कर रहा था, अब लगभग वही काम रिपब्लिक नेटवर्क कर रहा है. मई महीने के आखिरी सप्ताह में रिपब्लिक ग्रुप ने अपने सभी कर्मचारियों को एक नए कॉन्ट्रैक्ट (अनुबंध) पर हस्ताक्षर करने को कहा है. नया अनुबंध पाकर कर्मचारी हैरान हैं, क्योंकि नौकरी ज्वाइन करते समय भी उन्होंने एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था. फिर अचानक से नया अनुबंध क्यों? न्यूज़लॉन्ड्री के पास मौजूद अनुबंध के मुताबिक कर्मचारियों की स्थिति लगभग बंधुआ मजदूरों जैसी हो जाएगी. कर्मचारियों पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया जा रहा है.
नए अनुबंध पर हस्ताक्षर नहीं करने और रिपब्लिक की नौकरी छोड़ने वाले एक कर्मचारी गोपनीयता की शर्त पर हमें बताते हैं, ‘‘मैनेजमेंट को नए अनुबंध पर हस्ताक्षर कराने की इतनी बेचैनी थी कि कोरोना के कारण घर से काम कर रहे कर्मचारियों के यहां कुरियर से नए अनुबंध की कॉपी भेजी गई, और हाथ के हाथ हस्ताक्षर कर उसे वापस करने को कहा गया. अनुबंध में अजीब-अजीब शर्ते हैं. इस कारण कई लोग हस्ताक्षर करने से हिचक रहे थे. जो लोग दस्तखत नहीं किए उनकी मई महीने की सैलरी रोक दी गई. मैंने नए अनुबंध पर साइन करने के बजाय इस्तीफा देना वाजिब समझा.’’
अब तक करीब दस से ज़्यादा कर्मचारी नए अनुबंध को गलत मानकर नौकरी छोड़ चुके हैं. इसमें चार एंकर, कुछ रिपोर्टर और कुछ पीसीआर के तकनीशियन हैं. रिपब्लिक के नए अनुबंध के कारण प्राइम टाइम (शाम छह बजे से रात 11 बजे आगे अनुबंध तक) के कार्यक्रम बनाने वाले चार लोगों ने नौकरी छोड़ दी. छोड़ने वाले ज़्यादातर लोग चैनल की लॉन्चिंग टीम के सदस्य हैं. इनमें ऐसे भी लोग हैं जिन्हें अर्णब गोस्वामी का नजदीकी माना जाता था.
रिपब्लिक भारत से पहले दिन से जुड़े एक सीनियर कर्मचारी ने नए अनुबंध के कारण नौकरी छोड़ने का फैसला किया. वो हमें बताते हैं, ‘‘हमारे पास दो ऑप्शन थे या तो अनुबंध पर हस्ताक्षर कर बंधुआ मज़दूर बन जाएं या नौकरी छोड़ दें. मैंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया. नौकरी छोड़ते वक़्त मेरे पास कोई काम नहीं था, लेकिन नए अनुबंध में जो शर्तें लिखी गई हैं उस पर हस्ताक्षर करना मुश्किल था.’’
‘नया अनुबंध यानी बंधुआ मज़दूर’
रिपब्लिक भारत के एक वरिष्ठ कर्मचारी बताते हैं, ‘‘नया अनुबंध मुंबई में तैयार हो रहा है. इसकी जानकारी मुझे इंटर्नल सोर्स से पहले ही मिल चुकी थी और मैंने फैसला किया था कि नौकरी छूट जाए लेकिन हस्ताक्षर नहीं करूंगा.’’
ऐसा क्या था अनुबंध में जिसे लेकर कर्मचारी नौकरी छोड़ने तक का विकल्प अपनाने लगे? वो कर्मचारी हमें बताते हैं, ‘‘उसमें कई हैरान करने वाली शर्तें हैं. नौकरी ज्वाइन करते हुए जो अनुबंध हुआ था वो करीब आठ पेज का था, लेकिन नया अनुबंध 30 पेज का है. मुझे तीन शर्तों पर ऐतराज था. पहला, नए अनुबंध के मुताबिक मेरा छह महीने का नोटिस पीरियड होगा. जबकि पहले 45 दिनों का हुआ करता था. आउटपुट हेड और चैनल हेड के लिए दो महीने का था. दूसरी शर्त यह थी कि मैं जब रिपब्लिक छोड़ दूंगा, तो जिस दिन मेरा नोटिस पीरियड खत्म होगा उसके अगले दिन से एक साल तक किसी भी ऐसे चैनल, डिजिटल या ऐसे संस्थान में काम नहीं करूंगा जिसकी रिपब्लिक से सीधी स्पर्धा हो. तीसरी शर्त सबसे हैरान करने वाली थी. अगर किसी खबर के कारण आप पर एफआईआर दर्ज होती है तो क़ानूनी खर्च आपको खुद आगे अनुबंध उठाना होगा. यानी एजेंडा आप सेट करें और मामला दर्ज हो तो खर्च हम उठाएं. यह तो जायज नहीं है.’’
न्यूज़लॉन्ड्री के पास नए और पुराने अनुबंध के कुछ पन्ने मौजूद हैं. नए अनुबंध में साफ लिखा है- ‘‘कर्मचारी रिपब्लिक छोड़ने के अगले 12 महीने तक किसी भी ऐसे संस्थान से नहीं जुड़ सकते जो रिपब्लिक का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिद्वंदी हो.’’
इस शर्त को और स्पष्ट करते हुए रिपब्लिक मैनेजमेंट ने अनुबंध में आगे लिखा है, ‘‘कंपनी छोड़ने के 12 महीने बाद तक भारत या भारत के बाहर रिपब्लिक के प्रतिद्वंदी, चाहें वो डिजिटल में हों या ब्रॉडकास्ट, आप उसमें सलाहकार, फुल टाइम या पार्ट टाइम, निदेशक, ट्रस्टी, प्रबंधक या अन्य किसी तरह से नहीं जुड़ सकते हैं.’’
वरिष्ठ कर्मचारी आगे कहते हैं, ‘‘अगर हम इस अनुबंध पर हस्ताक्षर कर देते तो आगे कहीं काम करने लायक नहीं बचते. छह महीने का नोटिस पीरियड के लिए कौन सी कंपनी इंतजार करेगी? अगर मान लें कि आप बेहद टैलेंटेड हैं तब भी यह शर्त कोई कैसे पूरा करेगा कि 12 महीने तक आप कहीं और काम नहीं कर सकते. हम पत्रकार हैं. किसी टीवी, डिजिटल या अख़बार में ही काम करेंगे. नई शर्त के मुताबिक कर्मचारी तो छोड़िए आप सलाहकार भी नहीं बन सकते. इसलिए उन्होंने मेरी मई महीने की सैलरी दी, तो मैंने बिना नोटिस पूरा किए ही नौकरी छोड़ दिया.’’
न्यूज़लॉन्ड्री ने रिपब्लिक के कई वर्तमान कर्मचारियों से बात की. इनमें से कई नए अनुबंध पर हस्ताक्षर कर चुके हैं. नौकरी छोड़ने वाले एक और कर्मचारी ने हमें बताया, ‘‘नए अनुबंध में हमारी आवाज़ ही छीनने की कोशिश हुई है. ऐसी-ऐसी शर्त रखी गई है कि हम एक तरह से उनके गुलाम बन जाते.’’
वह बताते हैं, ‘‘सबसे पहली बात किसी खबर को लेकर कोई भी केस दर्ज होगा तो खर्च हमें देना पड़ेगा. पहले ऐसा नहीं था. कोई रिपोर्टर अपने मन से कितनी खबरें करता है? खासकर टेलीविजन में. जो आउटपुट से कहा जाता है वहीं उन्हें करना होता है. कई बार तो रिपोर्टर्स को सवाल भी बताये जाते हैं. एंगल भी बताया जाता है. किस पक्ष में खबर चलानी है ये मैनेजमेंट तय करता है. यानी किसी खबर को चलाने में हम कर्मचारियों की रोबोट जैसी भूमिका है तो शिकायत आने पर हम क्यों पैसे खर्च करेंगे?’’
वह आगे कहते हैं, ‘‘अनुबंध में एक और बात हैरान करने वाली है. काम का समय. काम के घंटे को लेकर अनुबंध में लिखा गया है कि कंपनी द्वारा कर्मचारी को सौंपे गए कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के लिए पर्याप्त समय, ध्यान और ऊर्जा देना होगा. साथ ही कर्मचारी इस बात पर सहमत हैं और स्वीकार करते हैं कि जरुरत पड़ने पर तय समय और दिन के बाद भी वे काम करने के लिए उपलब्ध रहेंगे. ऐसे में उन्हें किसी भी तरह का अतिरिक्त पारिश्रमिक नहीं दिया जाएगा. सबसे आखिरी में लिखा हैं कि काम के घंटे मैनेजर द्वारा तय किए जाएंगे यानी कि शोषण की खुली इजाजत दी जा रही है.’’
न्यूज़लॉन्ड्री डाक
न्यूज़लॉन्ड्री हिन्दी के साप्ताहिक संपादकीय, चुनिंदा बेहतरीन रिपोर्ट्स, टिप्पणियां और मीडिया की स्वस्थ आलोचनाएं.
IMPREGILO S.P.A.. वी. ARGENTINE प्रतिनिधि (आईसीएसआईडी मामले सं. एआरबी/07/17) - का अवार्ड 21 जून 2011
में 1996, क्लेमेंट को ब्यूनस आयर्स प्रांत के पानी और सीवर सेवाओं के निजीकरण के लिए रियायत के लिए एक अनुबंध से सम्मानित किया गया था।. अनुबंध निष्पादित करने के लिए, दावेदार ने AGBA को शामिल किया (एक अर्जेंटीना कंपनी).
प्रलेख अनुसार, AGBA ने एकत्रित करने का विशेष अधिकार प्राप्त किया, इलाज, ट्रांसपोर्ट, पानी और सीवेज का वितरण और व्यवसायीकरण और, बदले में, US $ का भुगतान करना था 1,260,000 प्रांत के लिए. अनुबंध ने सभी के लिए भुगतान के साथ आगे AGBA प्रदान किया "परिचालन खर्च, रखरखाव के खर्च आगे अनुबंध और सेवा परिशोधन" (लेख 12.1.1 अनुबंध की).
तथापि, की शुरुआत में शुरू 2001, दावेदार को ग्राहकों से भुगतान प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. अर्जेंटीना में आर्थिक आगे अनुबंध संकट के साथ यह समस्या बढ़ती गई, जिसके परिणामस्वरूप अर्जेंटीना सरकार ने दावेदार के निवेश को प्रभावित करने वाले आपातकालीन उपायों को लागू किया.
उन उपायों में सार्वजनिक सेवा शुल्क और ठंड सेवाओं के लिए एक नया नियामक ढांचा शामिल था. के बीच 2001 सेवा 2005, AGBA ने अपने आर्थिक संतुलन को बहाल करने के लिए अनुबंध को फिर से शुरू करने का प्रयास किया. एजीबीए के प्रयासों के बावजूद, वार्ता विफल रही और, जुलाई को 10, 2006, AGBA पर उसके कई दायित्वों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया गया था. एक दिन बाद, प्रांत के राज्यपाल ने अनुबंध को समाप्त कर दिया और एजीबीए की रियायत एबीएसए को हस्तांतरित कर दी गई, एक राज्य के स्वामित्व वाली इकाई.
इन घटनाओं के बाद, जुलाई में आईसीएसआईडी के समक्ष मध्यस्थता के लिए दावा दायर किया गया 25, 2007.
जून को जारी किए गए अपने पुरस्कार में 21, 2001, पंचाट न्यायाधिकरण ने अपने अधिकार क्षेत्र को बरकरार रखा, हालाँकि इसने क्लेमेंट के दावे को खारिज कर दिया, उत्तर दिया कि उत्तरदाता ने अनुच्छेद का उल्लंघन किया था 2.2 निष्पक्ष और न्यायसंगत उपचार मानक के संबंध में इटली और अर्जेंटीना के बीच बीआईटी.
सम्मान के साथ, आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल ने फैसला सुनाया कि उत्तरदाता के आपातकालीन उपायों में दावेदार की संपत्ति के नुकसान का अधिकार नहीं है. हालांकि प्रांत ने अनुबंध को रद्द कर दिया, यह अनुमेय आधार पर किया गया था.
दूसरी ओर, ट्रिब्यूनल ने फैसला दिया कि प्रतिसाद के आपातकालीन उपायों और कानून ने आर्थिक संतुलन को गंभीर रूप से बदल दिया है और, अनुबंध के अनुसार, उत्तरदाता उक्त शेष को बहाल करने के दायित्व के अधीन था, जो यह करने में विफल रहा. एक परिणाम के रूप में, ट्रिब्यूनल ने कहा कि प्रतिवादी ने दावेदार की आर्थिक और वित्तीय स्थिति को बढ़ा दिया था और इस तरह बीआईटी का उल्लंघन किया जो कि दावेदार को उचित और न्यायसंगत उपचार प्रदान करने में विफल रहा।.
आगे की, न्यायाधिकरण ने प्रतिक्रिया की आवश्यकता की प्रतिक्रिया को अस्वीकार कर दिया, यह पाते हुए कि लेख में स्थितियाँ आगे अनुबंध निर्धारित की गई हैं 25 अंतर्राष्ट्रीय कानून अधिनियमों के लिए राज्यों की जिम्मेदारी पर अंतर्राष्ट्रीय कानून आयोग के लेख संतुष्ट नहीं थे.
IND vs NZ: भारत के खिलाफ सीरीज से पहले टीम से बाहर हुए न्यूजीलैंड के स्टार मार्टिन गुप्टिल और बोल्ट
न्यूजीलैंड के स्टार खिलाड़ी मार्टिन गुप्टिल और ट्रेंट बोल्ट भारत के खिलाफ घरेलू सीरीज से बाहर हो गये हैं. युवा फिन एलेन को टीम में मौका दिया गया है. भारत को न्यूजीलैंड दौरे पर तीन टी20 इंटरनेशनल और तीन वनडे इंटरनेशनल मुकाबले खेलने हैं. सीरीज 18 नवंबर से शुरू हो रहा है.
अनुभवी मार्टिन गुप्टिल और ट्रेंट बोल्ट को भारत के खिलाफ 18 नवंबर से शुरू हो रही सीमित ओवरों की सीरीज के लिये न्यूजीलैंड टीम से बाहर कर दिया गया है. सलामी बल्लेबाज गुप्टिल को नये खिलाड़ी फिन एलेन को मौका देने के लिये बाहर किया गया है जबकि बोर्ड के केंद्रीय अनुबंध से बाहर रहने का फैसला करने वाले बोल्ट की जगह छह मैचों की श्रृंखला में किसी और को मौका दिया जायेगा. एलेन को टी20 और वनडे दोनों टीमों में जगह दी गयी है. वह अब तक 23 टी20 और आठ वनडे खेलकर पांच अर्धशतक और एक शतक जमा चुके हैं.
ट्रेंट बोल्ट का अनुबंध हुआ समाप्त
बोल्ट की गैर मौजूदगी में तेज आक्रमण का जिम्मा टिम साउदी, मैट हेनरी, लॉकी फर्ग्युसन , ब्लेयर टिकनेर और एडम मिल्ने संभालेंगे. मिल्ने ने आखिरी वनडे 2017 में खेला था. मुख्य कोच गैरी स्टीड ने कहा कि बोल्ट और मार्टिन गुप्टिल को बाहर करना आसान नहीं था लेकिन टीम को आगे की ओर देखना है. उन्होंने कहा कि ट्रेंट ने जब अगस्त में न्यूजीलैंड क्रिकेट का अनुबंध छोड़ने का फैसला किया था तभी हमने संकेत दे दिये थे कि प्राथमिकता अनुबंधित खिलाड़ियों को दी जायेगी. हमें आगे की ओर देखना है और दूसरों को भी मौका दिया जाना जरूरी है.
इंग्लैंड, न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट से पहले पाकिस्तान को बड़ा झटका, शाहीन अफरीदी हो सकते हैं बाहर
अगले साल होने वाले वर्ल्ड की तैयारी होगी यह सीरीज
न्यूजीलैंड और भारत दोनों टीमों के लिए यह श्रृंखला अगले साल होने वाले विश्व कप की तैयारी का मौका है. स्टीड ने कहा कि विश्व कप में अब एक साल से भी कम समय बचा है लिहाजा फिन को अनुभव दिये जाने की जरूरत है, खासकर भारत जैसी मजबूत टीम के खिलाफ. केन विलियमसन दोनों प्रारूपों में कप्तान होंगे. टॉम लाथम वनडे टीम में विकेटकीपर होंगे जबकि डेवोन कोंवे आगे अनुबंध टी20 टीम में विकेटकीपिंग का जिम्मा संभालेंगे. जिम्मी नीशाम अपने विवाह के कारण तीसरा वनडे नहीं खेलेंगे जिनकी जगह हेनरी निशोल्स को उतारा जायेगा.
हार्दिक पांड्या टी20 और शिखर धवन वनडे टीम की करेंगे कप्तानी
स्टीड ने कहा कि भारतीय टीम के यहां आने पर काफी उत्साह रहता है. अपने घरेलू दर्शकों के सामने भारत से खेलने को लेकर हमारी टीम उत्साहित है. हमें भारत को हराने के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा. सीनियर खिलाड़ियों की गैर मौजूदगी में हार्दिक पंड्या टी20 टीम के और शिखर धवन वनडे टीम के कप्तान होंगे.