क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई?

बिटक्वाइन को इस देश ने बनाई नेशनल करेंसी, IMF ने दी थी चेतावनी
दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इसमें बिटक्वाइन को काफी पॉप्युलैरिटी मिली है। इस बीच, मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर ने बिटक्वाइन को नेशनल करेंसी का दर्जा दे दिया है। अल सल्वाडोर.
दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इसमें बिटक्वाइन को काफी पॉप्युलैरिटी मिली है। इस बीच, मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर ने बिटक्वाइन को नेशनल करेंसी का दर्जा दे दिया है। अल सल्वाडोर, दुनिया का पहला देश है जिसने ये कदम उठाया है। इसकी जानकारी अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नयीब बुकेले ने ट्वीट कर दी है।
उन्होंने बताया कि देश ने हाल ही में 400 बिटकॉइन खरीदे हैं क्योंकि हम क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने की तैयारी कर रहे हैं। इसी के साथ अल साल्वाडोर में अमेरिकी डॉलर के साथ-साथ बिटकॉइन करेंसी को भी मान्यता मिल गई है। अल साल्वाडोर, ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश है। बता दें कि अल साल्वाडोर की अर्थव्यवस्था लंबे समय से चुनौतियों से जूझ रहा है।
आईएमएफ ने दी थी चेतावनी: अल साल्वाडोर ने ये फैसला ऐसे समय में लिया है जब हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चेतावनी दी है। आईएमएफ के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी को बड़े पैमाने पर वैध करेंसी के तौर पर स्वीकार किया गया तो इकोनॉमी की व्यापक स्थिरता पर बुरा असर पड़ सकता है।
आईएमएफ का मानना है कि बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों को क्रिप्टोएसेट की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव से समस्याएं होंगी। बता दें कि भारत में वर्चुअल करेंसी को अभी मान्यता नहीं मिली है। हालांकि, रिजर्व बैंक वर्चुअल करेंसी की चिंताओं को लेकर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी हुई है।
क्रिप्टोकरेंसी : पीएम मोदी के हस्तक्षेप की नौबत क्यों आयी?
क्रिप्टोकरेंसी को देश में भले ही पूरी तरह से बैन ना किया जाए, लेकिन इससे होने वाले खतरों पर केंद्र सरकार की पूरी नजर है. जैसे कि मनी लांड्रिंग या फिर आतंकवादी घटनाओं की फंडिंग से लेकर ड्रग्स माफिया के अवैध कमाई को छुपाने के लिए भी इसका प्रयोग विश्व स्तर पर किया जा रहा है.
संयम श्रीवास्तव | Edited By: सुष्मित सिन्हा
Updated on: Nov 14, 2021 | 4:09 PM
आज की युवा पीढ़ी तेजी से अमीर बनना चाहती है. बिना यह जाने समझे कि तेजी से अमीर बनने का रास्ता कितना खतरनाक है. आजकल लोगों को तेजी से अमीर बनाने का काम कर रहे हैं क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) वाले. आए दिन आप इंटरनेट पर और टीवी चैनलों पर ऐसे तमाम गैर पारदर्शी विज्ञापन देखते हैं, जिनमें झूठे वादे करके युवाओं को गुमराह किया जाता है. लेकिन अब शायद भारत में ऐसा नहीं हो पाएगा. क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इन्हीं मुद्दों से संबंधित एक बैठक की अध्यक्षता की है और इस बैठक से जो खबर निकल कर आई है, वह सुकून देने वाली है. क्योंकि इस बैठक में यह फैसला लिया गया है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर किए जा रहे झूठे वादों और गैर पारदर्शी विज्ञापनों के जरिए जिस तरह से युवा पीढ़ी को गुमराह किया जा रहा है, उस पर एक्शन लिया जाएगा.
दूसरी बात यह कि प्रधानमंत्री की यह बैठक रिजर्व बैंक वित्त मंत्रालय और गृह मंत्रालय की संयुक्त परामर्श प्रक्रिया के बाद हुई है. जिसमें इन मंत्रालयों ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनिया भर के एक्सपर्ट से इस बारे में चर्चा की थी. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में की गई इस बैठक में फैसला लिया गया है कि इस अस्थाई क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के लिए इस्तेमाल नहीं होने दिया जा सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर विधेयक लाने जा रही है केंद्र सरकार
भारत में क्रिप्टोकरेंसी का बाजार तेजी से फल-फूल रहा है. युवा जल्दी से अमीर बनने के लिए बिना क्रिप्टोकरेंसी की बुनियादी समझ के भी इसमें फटाफट पैसा लगा रहे हैं. वह भी तब जबकि रिजर्व बैंक पिछले दरवाजे से क्रिप्टोकरेंसी की खरीद फरोख्त बंद करने की कोशिश कर चुका है. खबर है कि भारत सरकार जल्द ही इस क्रिप्टो ट्रेड्स को रेगुलेट करने के क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? लिए एक विधेयक ला सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शनिवार को जिस बैठक की अध्यक्षता की गई इसमें इस वर्चुअल करंसी मार्केट से जुड़ी तमाम चिंताओं को सामने रखा गया. और भविष्य में भारत इस पर क्या रुख अपनाएगा इस पर भी विचार किया गया. केंद्र सरकार ने इस साल की शुरुआत में ही क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड्स को रेगुलेट करने के लिए एक विधेयक पेश करने की योजना बनाई थी. लेकिन फिलहाल यह पेश नहीं हो पाया. हालांकि अब जो संकेत मिल रहे हैं, उसे देखकर उम्मीद की जा रही है कि आने वाले शीत सत्र में क्रिप्टोकरेंसी के लिए विधेयक पेश किया जा सकता है.
पूरी तरह बैन नहीं होगी क्रिप्टोकरेंसी
चीन ने अपने देश में क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से बैन कर दिया है. लेकिन भारत फिलहाल इसे पूरी तरह से बैन करने के बारे में नहीं सोच रहा है. सरकार क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े खतरों को जरूर समझ रही है. लेकिन इससे निपटने के लिए वह इसे बैन नहीं करने वाली है. बल्कि सरकार इसको लेकर प्रोएक्टिव स्टेप उठाने की सोच रही है. यानि कि एक बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीटिंग के बाद जो जानकारी बाहर निकल कर आई, उससे पता चलता है कि क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? मीटिंग के दौरान इस बात पर भी जोर दिया गया कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर और उसके भविष्य को देखते हुए कुछ प्रगतिशील कदम उठाए जाना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले खतरों के लिए उठाए जाएंगे कुछ कदम
भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को इंडिया में भले ही पूरी तरह से बैन ना करे, लेकिन इससे होने वाले खतरों पर उसकी पूरी नजर है. जैसे कि मनी लांड्रिंग या फिर आतंकवादी घटनाओं की फंडिंग से लेकर ड्रग माफिया के अवैध कमाई को छुपाने के लिए भी इसका प्रयोग विश्व स्तर पर किया जा रहा है. इसीलिए केंद्र सरकार और अलग अलग मंत्रालय समेत रिजर्व बैंक भी इन खतरों से निपटने के लिए दुनिया के जाने माने विशेषज्ञों से सलाह ले रही है. नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली बैठक से जो खबर निकल कर आई उसके अनुसार अनुमान है कि आने वाले समय में भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे को टैक्स के दायरे में ले आने की कोशिश करे. अगर ऐसा हुआ तो मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग जैसे खतरों को कम करने में मदद मिलेगी.
अमेरिका और रूस के बाद सबसे ज्यादा क्रिप्टो मालिकों की संख्या भारत में
ब्रोकर डिस्कवरी ऑफ कंपैरिजन प्लेटफार्म ‘ब्रोकर चूज़र’ की हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया कि भारत लगभग 10 करोड़ से ज्यादा क्रिप्टो मालिकों की संख्या के साथ दुनिया में अमेरिका और रूस के बाद तीसरे स्थान पर है. इसके साथ ही भारत में कुल क्रिप्टो सर्चेज़ की संख्या लगभग 36 लाख क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? के आसपास है. जबकि क्रिप्टो अवेयरनेस स्कोर में भारत को 10 में से 4.39 अंक हासिल हैं. इस मामले में यूक्रेन 7.97 अंकों के साथ सबसे ऊपर है. इसके बाद रूस, अमेरिका, क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? केन्या, दक्षिण अफ्रीका और यूके का स्थान है.
इसे ऐसे समझिए कि पिछले 12 महीनों में कुल ग्लोबल सर्चेज़, क्रिप्टो मालिकों की संख्या, ग्लोबल क्रिप्टो अडॉप्शन इंडेक्स और अन्य कई फैक्टर्स के आधार पर भारत सातवां सबसे ज्यादा क्रिप्टो अवेयर देश है. भारत ने इस मामले में ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी और जापान जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया है. हालांकि भारत को भी और जागरूक बनना होगा. क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी जितना आसान दिखता है असल में इतना आसान है नहीं.
बड़ी दिलचस्प है लोगों को अर्श से फर्श तक पहुंचाने वाली Bitcoin की कहानी, जानें क्या है क्रिप्टोकरेंसी का गणित
बिटकॉइन, क्रिप्टोकरेंसी, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, अगर ये सारे शब्द आपके दिमाग के ब्रह्माण्ड में भी गोते लगा रहे हैं और आप इसके बारे में जानना चाहते हैं तो यहां आपको सारी जानकारी मिल जाएगी.
गौरव अग्रवाल | Edited By: अभिषेक
Updated on: May 23, 2021 | 11:50 AM
टेस्ला के मालिक एलन मस्क कभी एक ट्वीट के बिटकॉइन के रेट अर्श पर पहुंचा देते हैं तो कभी दूसरे ट्वीट से फर्श पर ला पटकते हैं. यही कारण है कि हाल ही में उनके खिलाफ क्रिप्टोकरेंसी भी लॉन्च कर दी गई है. क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर में बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी ऐसी क्या चीज है जिसकी कीमत लॉन्च होते समय मात्र एक डॉलर (उस समय लगभग 50 रुपये) की थी और अब यह 50 लाख की वैल्यू रखता है. क्या आपके दिमाग में भी यह सवाल आते हैं कि आखिर में यह कौन सी टेक्नोलॉजी है जिससे कुछ दिनों में ही लाखों का फायदा होता है और चंद घंटों में सब डूब भी जाता है.
अगर क्रिप्टोकरेंसी के इस किस्से को सुन सुनकर आपका भी दिमाग मेरे जैसे चकरा रहा हो. बिटकॉइन, क्रिप्टोकरेंसी, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, अगर ये सारे शब्द आपके दिमाग के ब्रह्माण्ड में भी गोते लगा रहे हैं और तब भी आपको कुछ समझ नहीं आ रहा कि इसका ओर-छोर कहां है? तो चलिए एक छोटी सी कोशिश करते हैं इस उड़ती चिड़िया के पर गिनने की..
ऐसे हुआ बिटकॉइन का जन्म
शुरू से शुरू करते हैं और चलते हैं 2009 में जब दुनिया के सामने पहली बार बिटकॉइन नाम की पहेली आई. किसी को इस बारे में कुछ भी पता नहीं था कि आखिर ये है क्या. इससे पहले कि मैं आपको बिटकॉइन समझाऊं, आपको पहले क्रिप्टोकरेंसी को समझना होगा. क्रिप्टो ग्रीक भाषा का एक शब्द है जिसका मतलब होता है सीक्रेट यानी गुप्त और करेंसी का मतलब तो आप जानते ही हैं, ‘मुद्रा’. यानी वो गुप्त मुद्रा जिसके बारे में किसी को पता ना हो. तो बिटक्वाइन वहीं गुप्त मुद्रा यानी क्रिप्टोकरेंसी या वर्चुअल करेंसी है जो केवल एक तकनीक का कमाल है लेकिन भौतिक तौर पर उपलब्ध नहीं है. इसको और अच्छे क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? ढंग से कहें तो ये बिल्कुल उस भगवान की तरह है जिसको हम सब मानते हैं कि वो है, उसकी खूब पूजा आरती करते हैं लेकिन असल में आज तक भगवान को किसी ने नहीं देखा. मैंने तो नहीं देखा, आपने देखा क्या?
इसकी कहानी 2008 के अमेरिकी वित्तीय संकट से शुरू हुई थी, जिसने पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया था. इस संकट की वजह से कुछ समय के लिए लोगों का बैंकों समेत वित्तीय संस्थानों से भरोसा उठ गया था. इसी वजह से दुनिया की पहली आजाद करंसी बिटकॉइन वजूद में आई. कहते हैं कि 2009 में जापान के एक वैज्ञानिक सातोषी नाकामोतो ने बिटकॉइन का अविष्कार किया था लेकिन इस बात का कोई पुख्ता प्रमाण आज तक नहीं मिला. कुछ लोगों के हिसाब से ये कोई एक शख्स नहीं बल्कि एक ग्रुप का नाम है जिसने इस नाम का कवर लिया हुआ है. अरे जैसे हॉलीवुड फिल्मों में होता है. नाम किसी का, काम किसी का. कुछ लोगों ने तो खुद के सातोषी होने का दावा किया लेकिन ये आज तक साबित नहीं हो पाया कि सातोषी नाकामोतो कोई है भी या नहीं..
कोई बैंक नहीं करता है इसको कंट्रोल
अब बारी है उस कमाल की तकनीक के बारे में जानने की जिसपर बिटकॉइन या दूसरी क्रिप्टो करेंसीज़ को बनाया गया है. इसका नाम है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी. ब्लॉक और चेन, इसके नाम में ही सारा खेल है. ऐसे समझ लीजिए कि ये एक ऐसा डेटाबेस है जिसमें लाखों ब्लॉक्स यानी कंप्यूटर्स चेन यानी इंटरनेट नेटवर्क से जुड़े हुए हैं और उन सब में हर ट्रांजैक्शन का डेटा सेव है. यानी कोई एक शख्स, अथॉरिटी या सरकार उस को कंट्रोल नहीं कर सकती. कोई हैक नहीं कर सकता या कुछ बदलाव नहीं कर सकता. इसीलिए बिटकॉइन को इतना सेफ माना जाता है क्योंकि इसपर किसी का नियंत्रण नहीं. दूसरे शब्दों में कहें तो बिटकॉइन का आजाद होना ही इसकी सबसे बड़ी खूबी है. रुपये, डॉलर या यूरो की तरह इसे कोई सेंट्रल बैंक (जैसे भारत में आरबीआई और अमेरिका में फेडरल रिजर्व बैंक) नियंत्रित नहीं करता इसलिए इसका ट्रेल पता नहीं लगाया जा सकता. जैसे बैंक आपके किसी भी ट्रांजैक्शन का पता चुटकियों में लगा सकता है इसीलिए दुनिया भर में गैरकानूनी लेनदेन का ये एक अहम जरिया बन गया है. आज बिटकॉइन में फिरौती मांगा जाना कोई नई बात नहीं रही.
बिटकॉइन में लेन-देन कोड के जरिये होता है. अगर आपको बिटकॉइन खरीदने हैं तो आपको उसकी कीज़ (कोड्स) मिलेंगी जिसे दुनिया भर में फैले नेटवर्क में वेरीफाई किया जाएगा. जब आपको बिटकॉइन को बेचना होगा तो उस कोड को बेचना होगा जो इस बार नया होगा. वैसे आजकल कई सारे एक्सचेंज के ऐप भी मार्केट में हैं जो कमीशन पर ये काम करते हैं.
भारत में भी चल रही है इसको लेकर तैयारी
दुनिया में अभी फिलहाल करीब 200 क्रिप्टोकरेंसी चल रही हैं जिसमें बिटकॉइन, लाइटकॉइन, इथेरियम, ज़ेडकैश, स्टेलर ल्यूमैन प्रमुख हैं.. दुनिया के कई देशों में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता मिली हुई है, लेकिन भारत में फिलहाल सरकार ने इसको मान्यता नहीं दे रखी है.. हालांकि सरकार के अंदर इसको लेकर मंथन जारी है. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर इस विषय के एक्सपर्ट्स के साथ एक बैठक कर चुके है और जल्द ही इस अध्ययन करने के लिए एक एक्सपर्ट कमिटी बनाई जा सकती है.
अब अगर आप भी इसमें निवेश करने का मन बना रहे हैं तो पहले इसके बारे में और कुछ जानिये और फिर तय कीजिए कि आपको क्या करना है. दुनिया में सिर्फ 21 मिलियन बिटकॉइन ही माइन किए जा सकते हैं और फरवरी 2021 तक करीब साढ़े 18 मिलियन बिटकॉइन माइन किए जा चुके हैं और माना जा रहा है 2140 तक आखिरी बिटकॉइन माइन कर लिया जाएगा.
क्या थी बिटकॉइन की शुरुआती कीमत
अब बात इसकी कीमत और निवेश की सुरक्षा की करते हैं. इसमें निवेश की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं. पिछले कुछ दिनों में हम सबने अपनी आंखों के सामने होते देखा है. जहां कुछ दिनों पहले एक बिटकॉइन की कीमत भारतीय करेंसी में 50 लाख के करीब पहुंच गई थी और एलन मस्क के ट्वीट और फिर चीन के झटके के बाद फिलहाल 28 से 30 लाख रुपये के बीच है. वहीं मात्र 10 साल पहले 2011 में एक बिटकॉइन की कीमत 1 डॉलर थी यानी इस वक्त के हिसाब से करीब 50 रुपये के आस-पास थी.
क्रिप्टोकरेंसी कैसे बनाएं
आपके पास कई अलग-अलग तरीकों से क्रिप्टोकरेंसी बनाने का ऑप्शन होता है। इनमें से हर ऑप्शन क्रिप्टोकरेंसी बनाने के लिहाज़ से अलग होता है। अपेक्षाकृत सरल मेथड के लिए आपको अपना ब्लॉकचेन बनाना होगा जो आपकी क्रिप्टोकरेंसी का नेटिव हो। आप पहले से मौजूद ब्लॉकचेन के कोड में बदलाव भी कर सकते हैं। यदि इन दोनों मेथड में से कोई भी आपके लिए कारगर है, तो आपके पास अधिक जटिल तरीकों में शामिल होने का ऑप्शन होता है जिसके ज़रिये आप कोई क्रिप्टोकरेंसी बना सकते हैं। इन तरीकों से आप पहले से मौजूद ब्लॉकचेन पर एक नई क्रिप्टोकरेंसी बना सकते हैं जो या फिर ब्लॉकचेन डेवलपर को रख सकते हैं और वह आपके लिए क्रिप्टोकरेंसी बना सकता है।
इन ऑप्शन में से अधिकांश के लिए टेक्निकल कंप्यूटर नॉलेज होना ज़रूरी है। इसके अलावा, आपके पास फिनांशियल नॉलेज भी होना चाहिए और मानव संसाधन से निपटने में माहिर होना चाहिए। आपके द्वारा चुनी गई क्रिप्टोकरेंसी जितनी अधिक टेक्निकल होगी, उतना ही उसे आप अपने अनुकूल बना सकते हैं। कुछ क्रिप्टोकरेंसी डेवलपर्स की राय है कि अपने अनुकूल बनाने की कोशिश करनी चाहिए। क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? चार तरीकों से संबंधित पेचीदगियों को समझने के लिए पढ़ना जारी रखें, यदि आप जानना चाहते हैं कि आप अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी कैसे बना सकते हैं।
मेथड 1. किसी नेटिव क्रिप्टोकरेंसी के सपोर्ट के लिए ब्लॉकचेन बनाना
अपने लिए इसका कोड लिखकर और इसके लिए किसी नेटिव क्रिप्टोकरेंसी सपोर्ट हासिल कर अपना ब्लॉकचेन बनाना संभव है। हालांकि क्रिप्टोकरेंसी निर्माण को आगे बढ़ाने के लिए, व्यापक टेक्निकल प्रशिक्षण की ज़रुरत होगी ताकि आपके पास पर्याप्त कोडिंग कौशल हो। इन कौशलों का लाभ उठाकर और अपने फायदे के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की समझ के साथ आप डिजाइन के साथ खेल सकते हैं। यह मेथड आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन है यदि आप ऐसी क्रिप्टोकरेंसी बनाना चाहते हैं जिसमें इसका कोई बिल्कुल नया पहलू हो या क्षमता के हिसाब से इनोवेटिव हो।
अपने नेटिव क्रिप्टोकरेंसी के लिए पूरी तरह से नया क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? ब्लॉकचेन बनाने के लिए, आपको इन स्टेप से गुज़रना होगा।
स्टेप 1. एक कन्सेंसस मैकेनिज्म चुनकर शुरू करें जो अनिवार्य रूप से ब्लॉकचेन का ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल है। प्रूफ ऑफ स्टेक (या पीओएस) और प्रूफ ऑफ वर्क (पीओडब्ल्यू) कुछ सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले कन्सेंसस मैकेनिज्म हैं।
स्टेप 2. अपने ब्लॉकचेन और उसके आर्किटेक्चर के लिए लेआउट डिज़ाइन करें। इसमें आपको यह तय करना होगा कि आपका ब्लॉकचेन सार्वजनिक होगा या नहीं, अनुमति की ज़रुरत है या नहीं आदि।
स्टेप 3. इसके बाद, आपको अपने ब्लॉकचेन के कोड की जांच करने और किसी भी तरह की खामी के आकलन के लिए एक कुशल ब्लॉकचेन ऑडिटर रखना होगा।
स्टेप 4. अंत में, आपको एक कानूनी फर्म की सेवा लेने पर विचार करना चाहिए ताकि आपको किसी भी नई क्रिप्टोकरेंसी को बनाने से पहले कानूनी सलाह मिल सके। और वकीलों मौजूदा कानूनों और रेगुलेशन के अनुपालन की पुष्टि कर सकें।
मेथड 2. मौजूदा ब्लॉकचेन के कोड को बदलें
एक नया ब्लॉकचेन विकसित करने और अपनी नेटिव करेंसी का उपयोग करने के लिए आपके पास हमेशा किसी अन्य ब्लॉकचेन से संबंधित स्रोत कोड का उपयोग करने का ऑप्शन होता है। यह इस तथ्य पर ध्यान देने योग्य है कि आपको अभी भी इसके टेक्निकल पहलुओं में पारंगत होना होगा क्योंकि आपको उस डिज़ाइन को बनाने के लिए स्रोत कोड में बदलाव करना होगा जिस पर आपने अपनी जगहें सेट की हैं।
पहले से मौजूद ब्लॉकचेन के उक्त स्रोत कोड को डाउनलोड और मॉडिफाई कर लेते हैं, तो आपको खामियों की जाँच के लिए ब्लॉकचेन ऑडिटर की सेवाओं को लिस्ट करना होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कहीं आपने किसी कानून का उल्लंघन तो नहीं किया है, आपको पेशेवर कानूनी सलाह भी लेनी होगी। इन सारी प्रक्रियाओं से गुज़रने के बाद आप नई क्रिप्टोकरेंसी बना सकेंगे।
मेथड 3. नई क्रिप्टोकरेंसी बनाने के लिए मौजूदा ब्लॉकचेन का उपयोग करना
क्रिप्टोकरेंसी निर्माता के पास अपना ब्लॉकचेन बनाए बिना या मौजूदा ब्लॉकचेन को मॉडिफाई किए बिना नई क्रिप्टोकरेंसी बनाने का ऑप्शन हमेशा होता है। उदाहरण के लिए इथेरियम ब्लॉकचेन को देखते ही साफ़ हो जाता है कि इसे कई तरह के डेवलपर्स द्वारा बनाई गई क्रिप्टोकरेंसी को होस्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। बनाई गई नई करेंसी टोकन की श्रेणी में आती है क्योंकि यह डिजिटल पैसा है जो उस ब्लॉकचेन की नेटिव नहीं है जिस पर वह काम करती है।
टोकन बनाने के लिए कुछ हद तक टेक्निकल विशेषज्ञता की ज़रुरत होती है, ज्यादातर मामलों में ठीक-ठाक सा कंप्यूटर नॉलेज बिना किसी मुश्किल के टोकन बनाने के लिए काफी होता है। टोकन क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? कैसे बनता है, यह समझने के लिए नीचे दिए स्टेप पर गौर करें।
स्टेप 1. कोई ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म चुनें (उदाहरण के लिए बिनेंस स्मार्ट चेन या इथेरियम प्लेटफॉर्म लें) जिस पर आप अपना टोकन होस्ट करना चाहते हैं।
स्टेप 2 आप अपने टोकन को किस हद तक कस्टमाइज़ करना चाहते हैं, इसके आधार पर इसे बनाने के लिए आवश्यक उपाय अलग-अलग होंगे। आमतौर पर अत्यधिक कस्टमाइज़ टोकन के लिए एडवांस्ड टेक्निकल नॉलेज की ज़रुरत होती है। टोकन बनाने के तरीके को समझने के लिए वॉलेट बिल्डर जैसे टूल का उपयोग किया जा सकता है।
स्टेप 3. अपनी क्रिप्टोकरेंसी बना लेने पर नए टोकन बनाना शुरू कर सकते हैं। स्टेप 1 में लिस्ट किये गए विश्वसनीय प्लेटफॉर्म का उपयोग कर आपको टोकन का एक सेट जारी करने से पहले ऑडिटर या वकील की सेवा लेने की ज़रुरत नहीं है।
टोकन सिक्कों के रूप में कस्टमाइज़ नहीं होता है, इसलिए यह क्रिप्टोकरेंसी बनाने का अपेक्षाकृत तेज़ और कहीं अधिक किफायती तरीका है। बनाए गए टोकन को उन सुरक्षा उपायों से फायदा हो सकता है जो पहले स्थापित ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म के पास हैं। इसके अलावा, उक्त प्लेटफॉर्म टोकन निर्माताओं को इनोवेटिव फीचर प्रदान कर सकते हैं। अपने टोकन को अच्छी तरह से स्थापित ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म के साथ जोड़कर आप अपने टोकन की विश्वसनीयता और वैल्यू बढ़ा सकते हैं।
मेथड 4. अपनी क्रिप्टोकरेंसी बनाने के लिए एक ब्लॉकचेन डेवलपर सूचीबद्ध करें
नया टोकन या करेंसी बनाने के लिए आप किसी ब्लॉकचेन डेवलपमेंट कंपनी की मदद ले सकते हैं। ऐसे एंटरप्राइज को ब्लॉकचेन-एज़-ए-सर्विस (या बीएएस) कंपनी कहा जाता है जो क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन नेटवर्क डेवलप करने और इसे बनाए रखने का काम करते हैं। इनमें से कुछ कंपनियां कस्टमाइज्ड ब्लॉकचेन बनाती हैं, अन्य अपने ब्लॉकचेन इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग कर सकती हैं जो पहले से मौजूद हैं।
निष्कर्ष
अपनी क्रिप्टोकरेंसी बनाकर, आप इसे वैसे कस्टमाइज़ कर सकते हैं जैसा आपको ठीक लगता है और इस प्रक्रिया में, आप ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बारे में अधिक जानकारी हासिल कर पाते हैं। इसके अलावा, आपकी क्रिप्टोकरेंसी को वैल्यू मिल सकता है जो आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। मतलब, क्रिप्टोकरेंसी तभी बनानी चाहिए जबकि आपके पास पर्याप्त टेक्निकल नॉलेज हो या फिर आपके पास बीएएएस कंपनी की सर्विस लेने लिए पैसा हो। यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि क्रिप्टोकरेंसी बनाने में बहुत समय लग सकता है और यह महंगी पहल है क्योंकि आपको इसका हमेशा रखरखाव करना होगा है ताकि यह सफल हो।
डिस्क्लेमर: इस ब्लॉग का उद्देश्य है सिर्फ जानकारी देना न कि कोई सलाह/इन्वेस्टमेंट के बारे में सुझाव देना या किसी स्टॉक की खरीद-बिक्री की सिफारिश करना।