बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है?

मदद के लिए कई डिजिटल प्लैटफॉर्म उपलब्ध
भारत में कैसे खरीदें बिटकॉइन?
बिटकॉइन दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है। इसमें 2009 में इसकी शुरुआत से अब तक कई गुना बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस साल के शुरुआत से अब तक इसमें 120 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली है। हालांकि इस असेट क्लास को बीच में झटके लगे हैं। फिर भी डिजिटल करेंसी ने पूरी दुनिया में जबरदस्त लोकप्रियता हासिल कर ली। अब तो दुनिया के तमाम सेंट्रल बैंक भी इस बात पर विचार कर रहे हैं कि किस तरीके से डिजिटल करेंसी को मुख्य धारा की मुद्रा के तौर पर मान्यता दी जाए। संस्थागत रूप से मिल रही स्वीकृति बिटकॉइन में जबरदस्त तेजी की अहम वजहों में से एक रही है।
पूरी दुनिया में इन्फ्लेशन (महंगाई) की बढ़ती चिंताओं के बीच बिटकॉइन को सेफ हैवेन असेट (सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प) माना जा रहा है। न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर बिटकॉइन ETF(एक्सचेंज ट्रेड फंड) के हाल में हुए आगाज ने भी बिटकॉइन की कीमतों में जोरदार उछाल बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है? में सहयोग किया है। इसके साथ ही अक्टूबर का महीना पूरे स्टॉक मार्केट लिए भी रिकॉर्ड ब्रेकिंग रहा है। इसके अलावा 35 करोड़ यूजर वाले पे पल (PayPal) ने भी क्रिप्टो में होने वाली पेमेंट को मंजूरी दे दी है। इन सब कारणों के चलते 9 नवंबर 2021 को बिटकॉइन की कीमतें 68,641.57 डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गईं।
Cryptocurrency: निजी क्रिप्टोकरेंसी क्या है? क्यों सरकार ने की इसको लेकर टेढ़ी निगाहें, जानें सबकुछ
खबर है कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी ( cryptocurrencies) को लेकर संसद में एक विधेयक पेश करने वाली है। कुछ को छोड़कर भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी (private cryptocurrencies) को प्रतिबंधित किया जा सकता है। इस खबर के साथ ही सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी पिछले कुछ घंटों में नीचे की ओर आने लगी। केंद्र सरकार अपना नया क्रिप्टोकरेंसी लाने की भी योजना बना रही है।
केंद्र अब भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है? के निर्माण के लिए एक अनुकूल ढांचा बनाने की योजना बना रहा है। 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' आगामी शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किए जाने की योजना है।
निजी क्रिप्टोकरेंसी टोकन
हाल ही में, क्रिप्टोकरेंसी की मांग तेजी से बढ़ी है। जबकि 2021 में बड़ी संख्या में नए क्रिप्टो निवेशक बाजार में आए, एथेरियम, बिटकॉइन और शीबा इनु जैसे कई सिक्कों ने उनके नाम का फायदा उठाया। ब्लॉकचेन तकनीक बिटकॉइन जैसे सिक्कों का उपयोग सुरक्षित और गुमनाम होने के लिए करती है। इनमें से कुछ सिक्के लेनदेन के मामले में अधिक निजी होते हैं। कुछ प्रमुख निजी करेंसी उपयोगकर्ताओं की पहचान और गतिविधियों को छुपाकर रखते हैं।
Monero (XMR): मोनेरो एक लोकप्रिय टोकन है जो मुख्य रूप से उपयोगकर्ताओं को गुमनाम करने में मदद करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। कई अन्य टोकन की तुलना में एक्सएमआर में लेनदेन का पता लगाना मुश्किल है क्योंकि वे रिंग सिग्नेचर का उपयोग करते हैं। ये विधियां किसी भी प्रकार के लेनदेन के लिए उपयोगकर्ता की पहचान छुपाकर सुरक्षित बबल प्रदान करती हैं। CoinMarketCap के अनुसार 24 नवंबर को सुबह 9:30 बजे तक XMR 240.68 अमेरिकी डॉलर पर कारोबार कर रहा था।
भारत में कैसे खरीदें बिटकॉइन?
बिटकॉइन दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है। इसमें 2009 में इसकी शुरुआत से अब तक कई गुना बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस साल के शुरुआत से अब तक इसमें 120 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली है। हालांकि इस असेट क्लास को बीच में झटके लगे हैं। फिर भी डिजिटल करेंसी ने पूरी दुनिया में जबरदस्त लोकप्रियता हासिल कर ली। अब तो दुनिया के तमाम सेंट्रल बैंक भी इस बात पर विचार कर रहे हैं कि किस तरीके से डिजिटल करेंसी को मुख्य धारा की मुद्रा के तौर पर मान्यता दी जाए। संस्थागत रूप से मिल रही स्वीकृति बिटकॉइन में जबरदस्त तेजी की अहम वजहों में से एक रही है।
पूरी दुनिया में इन्फ्लेशन (महंगाई) की बढ़ती चिंताओं के बीच बिटकॉइन को सेफ हैवेन असेट (सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प) माना जा रहा है। न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर बिटकॉइन ETF(एक्सचेंज ट्रेड फंड) के हाल में हुए आगाज ने भी बिटकॉइन की कीमतों में जोरदार उछाल में सहयोग किया है। इसके साथ ही अक्टूबर का महीना पूरे स्टॉक मार्केट लिए भी रिकॉर्ड ब्रेकिंग रहा है। इसके अलावा 35 करोड़ यूजर वाले पे पल (PayPal) ने भी क्रिप्टो में होने वाली पेमेंट को मंजूरी दे दी है। इन सब कारणों के चलते 9 नवंबर 2021 को बिटकॉइन की कीमतें 68,641.57 डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गईं।
पिछले कुछ सालों में कैसा रहा है बिटकॉइन का सफर?
अर्थशास्त्री अभी तक इस बात पर स्टडी कर रहे हैं कि हार्ड लिमिट का बिटकॉइन पर क्या असर हुआ है, लेकिन लॉन्च होने के एक दशक बाद बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है? तक इसकी कीमतें अप्रत्याशित ढंग से बढ़ी हैं. 2009 में एक ब्लॉक की माइनिंग से 50 बिटकॉइन जेनरेट किए जा सकते थे, लेकिन उस वक्त इसकी कीमत कम थी. एक साल बाद यानी 2010 में एक शख्स ने दो पिज़्जा खरीदने के लिए 10,000 बिटकॉइन चुकाया था.
2012 में यानी कि लॉन्चिंग के चार साल बाद पहली बार ‘halving' की प्रक्रिया हुई, जिसक बाद हर ब्लॉक से 25 बिटकॉइन जेनरेट होने लगे. इससे इस कॉइन की वैल्यू बढ़ी. 2013 के अंत तक इसकी कीमत 200 डॉलर थी. दूसरी 'halving' 2016 में हुई, जब एक ब्लॉक की माइनिंग से 12.5 बिटकॉइन जेनरेट होने लगे. 2020 में अगली 'halving' के बाद एक ब्लॉक से 6.25 बिटकॉइन जेनरेट होने लगे.
पिछले साल के शुरुआती महीनों में बिटकॉइन की कीमत लगभग 10,000 डॉलर थी और यह अप्रैल में 65,000 डॉलर के पार चली गई, जिसके बाद इसने तेज गिरावट देखा. हालांकि अगस्त, 2021 में यह करेंसी फिर से 50,000 के ऊपर के लेवल को छूने में कामयाब रही. इसके बाद अक्टूबर में न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर बिटकॉइन फ्यूचर के तौर पर एक्सचेंज ट्रेडेड फंंड की शुरुआत होने से इसने बीते एक महीने में 65,000 से लेकर 67,000 डॉलर तक का सफर तय कर लिया है. बिटकॉइन की माइनिंग जितनी कठिन हुई है, इसकी कीमतें उतनी ही उछली हैं.
क्या है क्रिप्टोकरेंसी
देश में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का क्रेज बड़ी तेजी से बढ़ रहा है. आकर्षक मुनाफा पाने की चाहत में बड़ी संख्या में लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं. इसे देखते हुए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्रिप्टो ट्रेड’ विषय पर एक व्यापक बैठक की. आखिर क्या है क्रिप्टो करेंसी और लोग इसकी तरफ क्यों आकर्षित हो रहे हैं, आइये जानते हैं.
क्या है क्रिप्टोकरेंसी
मार्केट कैप के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को वर्चुअल वॉलेट में रखा जाता है,जिनकी यूनीक कीज होती है. बिटकॉइन और अन्य डिजिटल सिक्के नकदी के बराबर हैं, लेकिन ये इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होते हैं. ये एक तरीके की वर्चुअल मुद्रा होती है, जिसका फिजिकल एक्सिस्टेंस नहीं होता है. डिजिटल मुद्रा को ब्लॉकचेन नामक एक बही प्रणाली द्वारा विकेंद्रीकृत किया जाता है और यह किसी बैंक या केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित नहीं होता.