निवेश क्या है

What is Investment in Hindi? निवेश क्या है जानिए आसान भाषा में
What is Investment in Hindi? निवेश क्या है? (Investment) निवेश एक वस्तु, संपत्ति, प्रोडक्ट या अन्य प्रॉपर्टी है जिसे भविष्य में आय उत्पन्न करने के लिए खरीदना या इस्तेमाल किया जाता है। एक निवेश किसी भी प्रकार की खरीद का हो सकता है जैसे कि शेयर मार्केट में खरीदा हुआ स्टॉक, प्रॉपर्टी, बिजनेस में इन्वेस्टमेंट आदि, निवेशित प्रॉपर्टी का सामान्यतः उपभोग नहीं किया जाता है बल्कि भविष्य की प्रॉपर्टी बनाने के लिए रखा जाता है।
निवेश के क्षेत्र? investment area?
निवेश को मुख्यतः तीन क्षेत्रों में बांटा गया है
- पहला है स्वामित्व निवेश (Ownership Investments) :- इसमें रियल स्टेट, स्टॉक, या फिर किसी कंपनी या व्यवसाय में निवेश आदि।
- उधार वाला निवेश (Lending Investments) :- इसमें कॉरपोरेट बॉन्ड, सरकारी बॉन्ड, सेविंग अकाउंट आदि होते हैं।
- नकद समकक्ष निवेश (Cash Equivalents) :- इसके अंदर मुद्रा बाजार के साधन आदि शामिल होते हैं।
निवेश के प्रकार क्या हैं? | What are the types of investments in Hindi
डियर पाठक इन्वेस्टमेंट को कई श्रेणियों में बांटा जा सकता है और निवेश कई प्रकार निवेश क्या है के होते हैं जैसे- स्टॉक्स और इक्विटी, डेट म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट, बॉन्ड्स, प्रोविडेंट फंड, डिपॉजिट के सर्टिफिकेट ( CDs ) रियल एस्टेट, रिटायरमेंट प्लान, क्रिप्टोकरेंसी, कमोडिटी आदि अब हम आपको निवेश के कुछ विकल्प बताने वाले हैं जहां पर निवेशक को काफी बड़ी मात्रा में लाभ हो सकता है लेकिन ध्यान रहे आप अपने फाइनेंसियल सलाहकार से जरूर सलाह ले ले।
इन्वेस्टमेंट के कुछ प्रचलित प्रकार इस प्रकार हैं –
स्टॉक्स (Stocks) –
स्टॉक, को सबसे प्रमुख इन्वेस्टमेंट का जरिया माना जाता है यहां पर आप कंपनी के 1% के मालिक होने के लिए पब्लिकली व्यापार करने वाले कंपनी स्टॉक में निवेश करते हैं इसलिए शेयरहोल्डर सीधे कंपनी के वित्तीय परिणाम का हिस्सा बनने के लिए स्टॉक खरीदते हैं
लेकिन शेयर मार्केट में शेयरों का परफॉर्मेंस सीधे तौर पर इसके फाइनेंसियल परफॉर्मेंस से प्रभावित होता है इसलिए इन्वेस्टर अपनी पूंजी को उस कंपनी में लगाते हैं जो कंपनी फ्यूचर में ग्रो करती हुई नजर आती है यानी कि जिस शेयर में बढ़ोतरी होती है।
और कई लोग स्टॉक मार्केट में लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट करके करोड़पति बने हैं। लेकिन इसमें इन्वेस्ट करना रिस्की माना जाता है लेकिन अगर आप को शेयर मार्केट का ध्यान है तो आप आसानी से इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं।
बांड (Bonds) –
अगर आप सुरक्षित इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि
सरल शब्दों में , बांड उन ऋणों के समान होते हैं जिनके लिए निवेशक एक ऋणदाता होता है । बांड बेचने वाली कंपनी या संस्था को जारीकर्ता के रूप में जाना जाता है । बांड को IOU के रूप में माना जा सकता है जो जारीकर्ता द्वारा ऋणदाता को दिया जाता है , जो इस मामले में निवेशक है ।
कोई भी बिना कुछ लिए पैसा उधार नहीं देगा और इसलिए बांड जारीकर्ता ब्याज के रूप में धन का उपयोग करने के लिए अतिरिक्त भुगतान करता है । बांड पर ब्याज का भुगतान एक निश्चित दर और पूर्व निर्धारित समय पर किया जाता है । जब बांड की बात आती है तो ब्याज दर को अक्सर ‘ कूपन ‘ कहा जाता है । जो राशि उधार ली जा रही है उसे अंकित मूल्य कहा जाता है , और जिस दिन राशि चुकानी होती है उसे परिपक्वता तिथि के रूप में जाना जाता है । बांड निश्चित आय प्रतिभूतियां हैं क्योंकि निवेशक जानता है कि परिपक्वता तक उसे रखने पर उसे कितनी नकदी वापस मिलेगी । शेयरों की तुलना में बांड कम जोखिम वाले होते हैं , लेकिन वे रिटर्न भी कम देते हैं।
म्युचुअल फंड (Mutual Fund) –
म्यूचुअल फंड एक एैसा फंड है जो एैसेट मैनेजमेंट कंपनियों / कंपनीज (एएमसी) द्वारा मैनेज किया जाता है जिसमे ये कंपनियां कई इन्वेस्टर्स से पैसा जमा करती है और स्टॉक, बॉन्ड और शार्ट-टर्म डेट जैसी सिक्युरिटीज में पैसा इन्वेस्ट करती है। म्यूचुअल फंड की कंबाइंड होल्डिंग्स को पोर्टफोलियो के रूप में जाना जाता है।
प्रेरित निवेश (Induced Investment) –
प्रेरित निवेश वह निवेश है जो आय तथा लाभ की मात्रा पर निर्भर करता है। यह निवेश आय तथा लाभ में होने वाले परिवर्तनों से प्रेरणा प्राप्त करता है। आय तथा लाभ के बढ़ने की सम्भावना से यह बढ़ता है तथा इसमें होने वाली कमी से यह कम होता जाता है। प्रेरित निवेश लाभ या आय सापेक्ष होता है।
इस प्रकार के निवेश में वित्तीय साधनों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल होती है। मुख्य रूप से, निवेश जो राष्ट्रीय आय या ब्याज दर में परिवर्तन से सीधे प्रभावित होते हैं, प्रेरित निवेश के अंतर्गत आते हैं।
कच्चे माल की लागत, लेन-देन दरों में बदलाव और ग्राहकों की प्राथमिकताओं जैसे कारकों का इस तरह के निवेश पर प्रभाव पड़ता है। नतीजतन, एक उच्च लाभ मार्जिन वाला एक संगठन संभावित निवेशकों से अधिक मात्रा में निवेश को आकर्षित करने की अधिक संभावना रखता है।
निवेश के पहले विचार करने वाले कारक। Factors to consider before investing
देखिए निवेश करने से पहले कुछ कारक निवेश क्या है हैं जिनके ऊपर आपको विचार करना चाहिए
- निवेश शॉर्ट टर्म फाइनेंसियल गोल्स के साथ-साथ लॉन्ग टर्म फाइनेंसियल लक्ष्यों को पूरा करने के लिए किया जाता है।
- इन्वेस्टमेंट भविष्य की पूंजी बनाने के लिए किया जाता है।
- इन्वेस्टमेंट हमेशा निवेश पर मिलने वाले रिटर्न को ध्यान में रखकर किया जाता है।
- निवेश के अंदर स्टॉक्स और इक्विटी, डेट म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट, बॉन्ड्स, प्रोविडेंट फंड, डिपॉजिट के सर्टिफिकेट ( CDs ) रियल एस्टेट, रिटायरमेंट प्लान, क्रिप्टोकरेंसी, कमोडिटी आदि खरीदना शामिल है
- प्रोफेशनल इन्वेस्टमेंट, प्लांट और मशीनरी, लेबर रिसर्च और विकास गतिविधियों, अचल संपत्ति, आदि में किया जाता है। इसी तरह, एक बिल्डिंग का निर्माण, अर्थात्, एक फैक्ट्री या एक संयंत्र या एक भवन, भी एक इन्वेस्टमेंट होगा।
- पैसे खर्च करने और उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए एक व्यक्ति की पसंद भी उनके भविष्य के लिए ज्ञान और कौशल में निवेश है।
निष्कर्ष निवेश क्या है ? What is Investment in Hindi?
आज के इस लेख What is Investment in Hindi? निवेश क्या है के माध्यम से आपको यह समझने में आसानी होगी कि निवेश क्या है और यह इन्वेस्टरो के लिए अधिक धन प्राप्त करने की आशा कैसे लेकर आता है। डियर पाठक इन इन्वेस्टमेंट विकल्पों को देश के आम लोगों के बीच सबसे अच्छा निवेश ऑप्शन माना जाता है।
लेकिन आपको बता दें कि किसी भी जगह इन्वेस्ट करने से पहले अपने फाइनेंसियल सलाहकार से सलाह लेना हमेशा उचित रहता है क्योंकि आपको बता दें कि उचित मार्गदर्शन से एक इन्वेस्टर निवेश सही जगह पर कर सकता है। और अगर आप एक सफल ट्रेडर बनना चाहते हैं तो आपको सारी चीजें खुद सीखनी होगी इसी के साथ आज के इस लेख What is Investment in Hindi? निवेश क्या है को यहीं समाप्त करते हैं अगर फिर भी आपका कोई सवाल रहता है तो आप कमेंट बॉक्स में बेझिझक पूछ सकते हैं।
What is Investment in Hindi? निवेश क्या है? आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
निवेश क्या है? Investment in Hindi| निवेश के उद्देश्य, कारण|
😊✍निवेश का अर्थ है की अपने पैसो या अन्य संसाधनों को ऐसी चीज़ पर लगाए जिसके रिटर्न में आपको निवेश से अधिक पैसे प्राप्त हो या कोई सकरात्मक लाभ प्राप्त हो. जब आप किसी भी चीज़ या सम्पति को खरीदते है तो उसे खरीदने के पीछे का उदेश आपका यही होता है की आपको कुछ पैसे प्राप्त हो जिससे आपकी कमाई में वृद्धि में हो सकते।
निवेश भी एक तरह का पौधा है जिसके बीज को उगाने के लिए आप सबसे पहले एक सही मिटटी में लगाते है. फिर उसे उतना ही पानी, धुप और पोषक तत्व देते है जितने की उसे जरुरत होती है. एक दिन आपको उसके अंदर से छोटा तना दिखाई देते है अउ उसके कुछ पत्तिया भी निकली हुई होती है.
एक दिन आता है की यह तना बड़ा हो जाता है और उसमे पहल और फूल खिलने लगते है. वह पेड़ जो एक समय बीज था फिर तना बना और उसके बाद पेड़ बनकर आपको और आपसे जुड़े लोगो को छाया प्रदान करता है यही कहानी एक निवेश की भी होती है.
इसमें भी आपको समझना पड़ता है की आपको निवेश करने के लिए पैसे कब,कैसे, कहा लगाना चाहिए। सिर्फ निवेश का बीज बो देने से ही आप एक सफल निवेशक नहीं बन सकते है आपको निवेश बाजार को समझने की कला भी सीखनी होती है.
निवेश से जुड़े बहुत से सवाल है जो लोगो के मन में आकर उन्हें परसान करते है इस लेख में आपको आपको निवेश से जुड़े सवालों का जवाब देने की कोई करूँगा इसलिए मेरी आपसे पार्थना है आप इस लेख को अंत तक पढ़िए।
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निवेश क्या है?
निवेश का अर्थ है की आप ऐसे सम्पन्ति या प्रॉपर्टी को खरीदते है जिनपर आपको उम्मीद(भरोसा) होता है की भविष्य में इन प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ने वाली है और आपको इन प्रॉपटी को खरीदने पर लाभ होने वाला है. यह लाभ आपको प्रॉपर्टी के दाम बढ़ने पर हो सकता है या फिर एक नियमित आय के रूप में भी हो सकता है.
निवेश के प्रकार
- Stocks
- Bonds
- Real estate
- Mutual funds and EFTs
निवेश की श्रेणियां
निवेश क्या है जानने की आपको यह जरूर जानना चाहिए की निवेश की श्रेणियाँ क्या है और कितनी है. निवेश की श्रेणियों को मुख्यतः तीन भागो में बाटा गया है:
स्वामित्व निवेश(Ownership Investments)
इस श्रेणी में निवेशक के द्वारा खरीदी गयी और स्वामित्व वाली कंपनी होती है जैसे की स्टॉक,बूलियन,रियल एस्टेट और आदि. यदि आप किसी व्यवसाय को फंड(निधि) देते है तो यह एक प्रकार का स्वामित्व निवेश होता है.
उधार निवेश(Lending Investments)
कॉरपोरेट बांड ,सरकारी बांड और बचत खाते में निवेश करना भी एक उधार निवेश ही कहलाता है. जब आप इन बांड्स को खरीदते है या बचत खाते में पैसे को जमा करते है तो एक प्रकार से इन्हे उधार प्रदान करते है.
नकद समकक्ष(Cash Equivalents)
नकद समकक्ष एक निवेश है जिसमे आप आसानी से कैश या पैसे में बदल सकते है. मुद्रा बाजार के साधन नकद समकक्ष के श्रेणी में आते है.
निवेश करने के कारण
निवेश के कुछ कारण इस प्रकार हैं:
1.पैसो को बढ़ाने के लिए
पैसो को बढ़ाने के लिए सभी लोगो के जीवन में छोटे और बड़े लक्ष्य होते है जिनको आप पूरा करने के लिए अपने पैसो को जोड़ कर रखना चाहते है. अपने पैसो को जोड़ने के लिए निवेश एक निवेश क्या है बहुत ही अच्छा तरीका है बस आपके अंदर जोखिम लेने की क्षमता होनीं चाहिए।
2.अपनी कमाई को बढ़ाने के लिए
अपनी कमाई को बढ़ाने के लिए अभी लोग निवेश करना शुरू करते है. उदहारण के लिए जैसे आप फिक्स्ड डिपोसिट में पैसे को निवेश करते है जिसका आपको हर महीने ब्याज मिलता है और आपकी बचत आय में वृद्धि भी होती है. इसलिए नियमित आय प्राप्त करने के लिए आप म्यूच्यूअल फण्ड के सिस्टेमेटिक विथड्रावल प्लान में निवेश कर सकते है.
3.टेक्स कम देना पड़ता है
जब आप किसी प्रॉपर्टी में निवेश करते है तो आपको कम टेक्स देना पड़ता है. आयकर अधिनियम 1961 के धाराओं के तहत आपको यह सुविधा प्राप्त होती है.उदाहरण के लिए जाने, equity-linked savings scheme, public provident fund (PPF), national savings certificate, और आदि.
निवेश के उद्देश्य
निवेश के कुछ मुख्य उद्देश्य हैं:
1.अपने वित्ति लक्ष्यो को पूरा करने के लिए
हम सभी के मन में छोटे या बड़े लक्ष्य जरूर होते है जिन्हे हम पूरा करना चाहते है. भारतीय वित्ति निवेश बाजार हमें कई विकल्प प्रदान करते है जिससे की माध्यम वर्गी लोग भी निवेश करके अपने लक्षो को प्राप्त कर सके.
2.पैसो को महगाई से बचाने के लिए
अपने मेहनत के पैसो को मुद्रास्फीति से बचाने के लिए भी आपको निवेश करना चाहिए। याद रखे की मुद्रास्फीति समय के साथ आपके पैसो के मूल्य को कम कर देती है इससे बचने के लिए आपको म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने को सोचना चाहिए।😊✍🙏🙏
इंटरनेशनल फंड में निवेश करना कितना सही? जानिए क्या है इसका नफा-नुकसान
अमेरिकी इंडेक्स को ट्रैक करने वाले इंटरनेशनल फंड्स पर डॉलर के मुकाबले रुपये में होने वाली गिरावट का असर नहीं होता.
इंटरनेशनल फंड में निवेश से आपको न सिर्फ वैश्विक बाजार में एक्सपोजर का मौका मिलेगा, बल्कि दुसरे देशों की प्रगति से भी निवेश क्या है आप लाभ कमा सकते हैं.
Why you should invest in international funds: अगर आप एक निवेशक के तौर पर अपने पोर्टफोलियो को बढ़ाना चाहते हैं तो इंटरनेशनल फंड आप के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है. इससे आपको न सिर्फ इंटनेशनल मार्किट में एक्सपोजर का मौका मिलेगा, बल्कि इससे आपको अच्छा रिटर्न भी मिलेगा. इंटरनेशनल फंड ऐसे म्यूचुअल फंड हैं, जिनके जरिए एक देश में रहने वाले निवेशक दूसरे देशों की कंपनियों में पैसे लगा सकते हैं. यानी भारत में रहने वाला एक निवेशक इंटरनेशनल फंड के जरिए अमेरिका या ब्रिटेन की किसी कंपनी के शेयर्स में निवेश कर सकता है. डॉलर के मुकाबले में रुपये में होने वाली गिरावट का इंटरनेशनल फंड पर असर नहीं होता है.
इंटरनेशनल फंड में निवेश करने निवेश क्या है वालों की संख्या बढ़ी
पिछले कुछ सालों में कम निवेश जोखिम और अच्छे रिटर्न की वजह से इंटरनेशनल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों की संख्या में खासा इजाफा देखने को मिला है. टॉन्ग टर्म अवधि में निवेश करना हमेशा अच्छा विकल्प माना जाता है. क्योंकि लंबी अवधि के लिए किये गए निवेश में शॉर्ट टर्म निवेश के मुकाबल कम जोखिम होता है.
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Mutual Funds SIP: एसआईपी में पहली बार करने जा रहे हैं निवेश? बेहतर रिटर्न के लिए इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान
बैंक बाजार.कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी के मुताबिक, “निवेशकों को निवेश से पहले थोड़ा बड़ा सोचना चाहिए. बेहतर रिटर्न के लिए डोमेस्टिक मार्केट के अलावा इंटरनेशनल फंड्स में निवेश के विकल्प पर भी विचार किया जा सकता है. हालांकि अधिकतर भारतीय निवेश के लिए डोमेस्टिक मार्केट में इंवेस्टमेंट करना ही ज्यादा पसंद करते हैं.”
इंटरनेशनल फंड में निवेश से पहले निवेशकों को ये समझना होगा कि सभी देशों के बाजार एक जैसा प्रदर्शन नहीं करते. हर देश के बाजार पर उसकी आर्थिक स्थिति, सरकारी नीतियों, राजनीतिक घटनाक्रम का अलग-अलग ढंग से असर पड़ सकता है. ऐसे में कई बार कुछ देशों के बाजार निवेश क्या है अन्य देशों के मुकाबले में निवेशकों को ज्यादा आकर्षित करते हैं. इंटरनेशनल फंड के जरिए निवेशक दूसरे देश की कंपनियों के शेयर्स खरीद कर लाभ कमा सकते हैं. लेकिन इंटरनेशनल फंड्स में निवेश से पहले उनके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेना भी जरूरी है.
(Article : Sanjeev Sinha)
(डिस्क्लेमर : यहां बताई गई बातें सिर्फ जानकारी के लिए हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन किसी भी फंड में निवेश की सलाह नहीं देता. म्यूचुअल फंड कोई भी हो, उनमें निवेश बाजार जोखिम के अधीन होता है. निवेश के बारे में कोई भी फैसला करने से पहले अपने निवेश सलाहकार से परामर्श जरूर कर लें.)
निवेश करने के 7 फायदे क्या हैं?
बचत की रकम को बढ़ाने के लिए निवेश करना जरूरी है. निवेश के सही विकल्पों में पैसा लगाने से आप लंबी अवधि में काफी संपत्ति जुटा सकते हैं.
अगर आपने 25 साल की उम्र से निवेश की शुरुआत कर दी तो सिर्फ एक लाख रुपये सालाना का निवेश आपको 60 साल की उम्र में पांच करोड़ रुपये का मालिक बना देगा.
निवेश का सही विकल्प चुनने से आपको बुढ़ापे के दौरान आय का स्रोत विकसित करने में मदद मिलती है.
2. संपत्ति बनाना
हर व्यक्ति अमीर बनना चाहता है. भविष्य की जरूरतों के लिए लोग छोटी-मोटी बचत तो कर लेते हैं, लेकिन बचत और निवेश का सही तरीका पता नहीं होने की वजह से वे अमीर नहीं बन पाते. अगर आप निवेश में अनुशासन बनाये रखें तो आप भी करोड़पति बन सकते हैं.
इक्विटी म्युचुअल फंड में नियमित निवेश कर लंबी अवधि में अपने वित्तीय लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. म्युचुअल फंड से मिलने वाला रिटर्न हालांकि शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है, लेकिन लंबी अवधि में एसआईपी (SIP)के जरिए किया गया निवेश अच्छा रिटर्न देने में कामयाब रहा है.
अगर आपने 25 साल की उम्र से निवेश की शुरुआत कर दी तो सिर्फ एक लाख रुपये सालाना का निवेश आपको 60 साल की उम्र में पांच करोड़ रुपये का मालिक बना देगा. इसके लिए 12% सालाना रिटर्न का अनुमान लगाया गया है. अगर निवेश में 10 साल की देर हो जाये तो इतनी ही संपत्ति जुटाने के लिए आपको सालाना निवेश 3.5 लाख रुपये करना पड़ेगा.
3. वित्तीय लक्ष्य पूरा करना
आपको अपने वित्तीय लक्ष्य को ध्यान में रख कर निवेश करना चाहिए. यह अनुमान लगाना सबसे अहम है कि वित्तीय लक्ष्य के लिए आपको कितनी रकम चाहिए. आज से 10 साल बाद 1 करोड़ उतनी बड़ी रकम नहीं होगी, जितनी आज है. आपको महंगाई, क्रय क्षमता और जरूरतों को ध्यान में रखकर ही अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए.
इसलिए लक्ष्य के चयन से पहले कुछ गुणा-भाग कर लेना अक्लमंदी है. आपके आने वाले कल के लिए आज बेहद अहम है. मान लीजिए कि आज आपका बेटा उच्च शिक्षा के लिए जा रहा है. इसका खर्च 5 लाख रुपये है.
मान लीजिए कि आपके बच्चे को 15 साल बाद उच्च शिक्षा की आवश्यकता होगी. आपको यह जानना है कि 15 साल बाद आपको आज के 5 लाख रुपये के मुताबिक कितनी रकम की जरूरत होगी. उस समय तक महंगाई कितनी होगी. यह वित्तीय लक्ष्य का महज एक उदाहरण है.
यदि हम महंगाई दर को 9 फीसदी मानें, तो 15 साल बाद उस कोर्स की कीमत 5 लाख के बजाय 18.21 लाख रुपये तक पहुंच जाएगी. अपने वित्तीय लक्ष्य की रकम प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि आप महंगाई के असली आंकड़ें लें.
4. रिटायरमेंट प्लानिंग
रिटायरमेंट के लिए बचत और उसका बेहतरीन रिटर्न वाले विकल्प में निवेश जरूरी है. रिटायरमेंट प्लान के लिए सिर्फ ईपीएफ योगदान पर निर्भरता सही नहीं है. रिटायरमेंट के बाद आपको हर महीने कितने पैसे की जरूरत पड़ेगी, सबसे पहले इसका आंकलन करना होगा.
आप सामान के मौजूदा मूल्यों के आधार पर मासिक खर्च को निकालें. फिर 6 फीसदी की दर से सालाना महंगाई मानते हुए इसे बढ़ा दें. इससे आपको उस मासिक खर्च के बारे में पता चल जाएगा जिसकी जरूरत आपको रिटायरमेंट के बाद होगी.
अब यह देखें कि इसके लिए अभी से आपको कितने पैसों की बचत करने की जरूरत पड़ेगी. इंटरनेट पर इस तरह के कई कैलकुलेटर उपलब्ध हैं जो आपकी इसमें मदद कर सकते हैं.
अंत में उन निवेश उत्पादों के बारे में पता करें जिनमें आपको निवेश करना है. आप अपने रिटायरमेंट की खातिर धन जुटाने के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड का विकल्प चुन सकते हैं.
5.आर्थिक आजादी
अगर आप पैसे से जुड़ी जरूरतों के लिए अपने बच्चे या रिश्तेदारों पर निर्भर रहना नहीं चाहते तो आपको बेहतर रिटर्न देने वाले विकल्पों में निवेश करना चाहिए. अगर आप वरिष्ठ नागरिक बनने के बाद भी अपने जरूरी खर्च अपनी जेब से कर सकें तो यह आपके लिए आर्थिक आजादी है.
आपको इसके लिए इस तरह का निवेश करना होगा जिससे कि आपकी जरूरत के लायक रकम आपके पास नियमित रूप से आती रहे और आपकी पूंजी सुरक्षित रहे. आर्थिक आजादी के लिए आपको जॉब की शुरुआत करते ही निवेश शुरू कर देना चाहिए और लंबी अवधि की प्लानिंग करनी चाहिए.
6. महंगाई से मुकाबला
अगर आप निवेश के सही विकल्प चुनते हैं तो महंगाई की औसत दर के बाद भी कुछ सालों बाद आपके हाथ में आपकी जरूरत के लायक पैसे आते रहेंगे और आपकी पूंजी बची रहेगी.
मसलन निवेश के बेहतर विकल्प में आपको लंबी अवधि में सालाना 14-15% तक रिटर्न मिल सकता है. अगर किसी वजह से एक-दो साल में महंगाई की दर 8-10 फीसदी रहती है, तब भी आपके निवेश पर रिटर्न इससे अधिक मिलता रहेगा. वास्तव में आप इस तरह के विकल्प के माध्यम से महंगाई के असर को नजरंदाज कर अपने खर्च जारी रख सकते हैं.
7. कंपाउंडिंग का फायदा
अगर आप लंबी अवधि के लिए किसी Mutual Fund के ग्रोथ प्लान में निवेश करते हैं तो इसमें कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. मान लीजिये कि आपने 10,000 रुपये का निवेश किया और आपको पहले साल इस पर 8% रिटर्न मिला. इस हिसाब से आपके निवेश पर पहले साल का ब्याज 800 रुपये हुआ.
अब दूसरे साल में आपके निवेश की रकम 10,800 रुपये हो गयी. अगर इस पर भी आपको 8 फीसदी ही रिटर्न मिले तो आपके रिटर्न की रकम 864 रुपये हो गयी. अब तीसरे साल में आपके निवेश की रकम 11,664 रुपये हो गयी.
अब इस निवेश पर अगर आपको 10 फीसदी रिटर्न मिला तो आपका सालाना रिटर्न 1166 रुपये हुआ. इस हिसाब से चौथे साल में आपके निवेश की रकम 12,830 रुपये हो गयी. अब इस पर आपको सालाना ब्याज/रिटर्न मिलेगा.
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Mutual Fund क्या है? कैसे करें निवेश की शुरुआत? कितनी होगी कमाई?
म्यूचुअल फंड का यह सबसे बड़ा फायदा है कि आप ₹500 या ₹1,000 से भी SIP की शुरुआत कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड से आप न सिर्फ शेयर बाजार में बल्कि गोल्ड पर भी निवेश कर सकते हैं.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 04 अगस्त 2022,
- (अपडेटेड 04 अगस्त 2022, 6:53 PM IST)
हम सभी ने म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के बारे में कभी न कभी तो सुना ही होगा. लेकिन निवेश का फैसला सभी नहीं ले पाते हैं. ये भी सच है कि अधिकतर लोगों को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है. ऐसे लोग निवेश करना तो चाहते हैं, लेकिन डरते हैं कि कहीं पैसा डूब ना जाए? आज हम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आए हैं.
क्या हैं म्यूचुअल फंड?
म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है, जो AMC यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनीज ऑपरेट करती है. इन कंपनियों में कई लोग अपने पैसे निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड द्वारा इन पैसों को को बॉन्ड, शेयर मार्केट समेत कई जगहों पर निवेश किया जाता है.
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आसान शब्दों में कहें तो म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसे से बना एक फंड (Fund) होता है. यहां पर एक फंड मैनेंजर होता है, जो फंड को सुरक्षित तरीके से थोड़ा-थोड़ा करके अलग-अलग जगह पर निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड से आप न सिर्फ शेयर बाजार में बल्कि गोल्ड पर भी निवेश कर सकते हैं.
क्या है एैसेट मैनेजमेंट कंपनी(AMC)?
ऐसी कंपनियां विभिन्न निवेशकों के द्वारा जमा किए गए फंडों को विभिन्न जगहों जैसे इक्विटी, बॉन्ड, गोल्ड, आदि में निवेश करती हैं और इस निवेश से मिलने वाले रिटर्न को निवेशकों में फंड यूनिट्स के अनुसार बांट देती हैं. एक अच्छा फंड मैनेजर फंड को सही तरीके से निवेश कर उसपर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकता है, जिससे निवेशक को अच्छे रिटर्न प्राप्त होंगे.
किस तरह से म्यूचुअल फंड काम करता है, ध्यान से समझते हैं?
म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा फायदा है कि आपको निवेश करने के लिए मोटी रकम की जरुरत नहीं है. आप केवल 500 रुपये से भी इसकी शुरुआत कर सकते हैं. मान लीजिए की आप कोई किसी कंपनी के स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन उसके एक शेयर की कीमत 25000 रुपये है. लेकिन म्यूचुअल फंड के जरिये आप ऐसी कंपनियों में केवल 500 रुपये में भी निवेश कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड तमाम निवेशकों से 500-500 रुपये जमाकर उस कंपनी में बड़ी रकम निवेश करती है.
म्यूचुअल फंड में निवेश के फायदे-
1. म्यूचुअल फंड में निवेश पर आपको यह सोचने की जरुरत नहीं होती है कि जिस कंपनी में आप निवेश कर रहे हैं, उसकी ग्रोथ क्या है, ये काम फंड मैनेजर करता है.
2. म्यूचुअल फंड का एक बड़ा फायदा होता है कि यह आपके पैसे को अलग-अलग सेक्टर और एसेट में निवेश करता है. मान कि किसी सेक्टर जैसे बैंकिंग या ऑटो सेक्टर में किसी कारणवश मंदी आ जाती है तो इससे संपूर्ण पोर्टफोलियो पर अधिक फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि इस सेक्टर में थोड़ा-सा निवेश होगा, जिससे सम्पूर्ण पोर्टफोलियो पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा.
3. म्यूचुअल फंड में आप 500 या 1000 रुपये से भी SIP की शुरुआत कर सकते हैं. आप यह भी तय कर सकते हैं कि कितने अंतराल पर इसमें निवेश करेंगे. यह साप्ताहिक, मासिक, तिमाही या सालाना आधार पर हो सकता है. इस प्रकार कुछ समय के बाद आप एक बड़ी रकम जुटा सकते हैं.
म्यूचुअल फंड कैसे खरीदें?
- इसके लिए आप मोबाइल एप्प, एजेंट के माध्यम या फिर ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी की वेबसाइट पर जाकर आसानी से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं.
-आज कई ऐसे प्लेटफार्म लॉन्च हो चुके हैं, जिनके माध्यम से आप एक जगह से कई म्यूचुअल फंड की स्कीम खरीद सकते हैं. इतना ही नहीं, आप अपनी म्यूचुअल फण्ड स्कीम की ग्रोथ, रिटर्न की तुलना एवं ट्रैकिंग भी आसानी से कर सकते हैं. ऑनलाइन निवेश ने म्यूचुअल फंड को ओर आसान बना दिया है. (नोट: म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)