विदेशी मुद्रा दरों ऑनलाइन

विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार

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विदेश घूमने के लिए ये है 5 बेस्ट क्रेडिट कार्ड, काम चार्जेस के साथ मिलेंगी बेहतर सुविधाएं

विदेश घूमने के लिए ये है 5 बेस्ट क्रेडिट कार्ड– यदि आप दीवाली के बाद विदेश यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भुगतान करना सबसे सुविधाजनक है। विदेश में क्रेडिट कार्ड से भुगतान करते समय, कार्ड कंपनियां विदेशी मुद्रा मार्कअप शुल्क लेती विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार हैं।

आपकी लेन-देन राशि का 3.5% तक शुल्क के रूप में लिया जा सकता है। इसके बावजूद, कुछ क्रेडिट कार्ड ऐसे हैं जो विदेशी मुद्रा पर कम मार्कअप चार्ज करते हैं।

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येस फर्स्ट एक्सक्लूसिव क्रेडिट कार्ड

यस फर्स्ट एक्सक्लूसिव क्रेडिट कार्ड से किए गए विदेशी लेनदेन 1.75 प्रतिशत के विदेशी मुद्रा मार्कअप के अधीन हैं। प्रायोरिटी पास सदस्यता के तहत, प्राथमिक और ऐड-ऑन कार्डधारक प्रति तिमाही छह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लाउंज और तीन घरेलू लाउंज तक पहुंच प्राप्त करते हैं। कार्ड धारकों से प्रति वर्ष 999 रुपये लिए जाते हैं।

इंडसइंड बैंक लीजेंड क्रेडिट कार्ड

अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए इंडसइंड बैंक लेजेंड क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते समय, 1.8% का विदेशी मुद्रा मार्कअप शुल्क लगता है। इंडसइंड बैंक लेजेंड क्रेडिट कार्ड धारकों को देश भर में ओबेरॉय होटल्स में मानार्थ ठहरने की सुविधा मिलती है।

कई ब्रांड्स के लिए डिस्काउंट वाउचर भी उपलब्ध हैं। इस कार्ड के जरिए एक साल के अंदर 6 लाख रुपये या इससे ज्यादा खर्च करने पर 4,000 बोनस रिवॉर्ड प्वाइंट मिलते हैं। इस कार्ड की एक बार की ज्वाइनिंग फीस 9,999 रुपये है। हालांकि, कार्ड विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार का वार्षिक शुल्क शून्य है।

एसबीआई एलीट क्रेडिट कार्ड

एसबीआई एलीट क्रेडिट कार्ड के साथ, अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन 1.99 प्रतिशत के विदेशी मुद्रा मार्कअप शुल्क के अधीन हैं। यह कार्ड आपको अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक वर्ष में 6 मानार्थ लाउंज यात्राओं का अधिकार देता है।

कार्डधारकों के लिए क्लब विस्तारा और ट्राइडेंट प्रिविलेज सदस्यता निःशुल्क है। इस कार्ड का उपयोग करने के लिए प्रति वर्ष 4,999 रुपये का खर्च आता है।

आईडीएफसी फर्स्ट सेलेक्ट क्रेडिट कार्ड

जब आप आईडीएफसी फर्स्ट सिलेक्ट क्रेडिट कार्ड के साथ एक अंतरराष्ट्रीय लेनदेन करते हैं, तो आपसे 1.99 प्रतिशत का फॉरेक्स मार्कअप शुल्क लिया जाएगा। इस कार्ड से घरेलू एयरपोर्ट लाउंज और रेलवे लाउंज में एक साल तक प्रवेश संभव है। इस कार्ड से जुड़ा कोई वार्षिक शुल्क नहीं है।

एचडीएफसी डायनर्स क्लब ब्लैक क्रेडिट कार्ड

एचडीएफसी डाइनर्स क्लब ब्लैक क्रेडिट कार्ड से विदेश में किए गए लेन-देन पर 2% फॉरेक्स मार्कअप लगता है। इस कार्ड के उपयोगकर्ताओं के लिए भारत और दुनिया भर में एयरपोर्ट लाउंज का उपयोग असीमित है। इस कार्ड की सालाना फीस 10 हजार रुपए है।

Cryptocurrency: चीन का बड़ा एलान, क्रिप्टो करेंसी में सभी लेन-देन को किया अवैध, बिटकॉइन की गिरी कीमत

Cryptocurrency: चीन के केन्द्रीय बैंक ने शुक्रवार को जारी नोटिस में कहा गया है कि बिटकॉइन, एथेरेम और अन्य डिजिटल मुद्राओं ने वित्तीय प्रणाली को बाधित किया है.विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार

By: Agencies | Updated at : 24 Sep 2021 11:18 PM (IST)

Cryptocurrency: चीन के केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को बड़ा कदम उठाते हुए बिटकॉइन और इस प्रकार की अन्य आभासी मुद्राओं में किये जाने वाले सभी प्रकार के लेन-देन को अवैध घोषित कर दिया. साथ ही अनधिकृत तरीके से डिजिटल मुद्रा के उपयोग पर पाबंदी लगाने को लेकर अभियान शुरू किया है. शुक्रवार को जारी नोटिस में कहा गया है कि बिटकॉइन, एथेरेम और अन्य डिजिटल मुद्राओं ने वित्तीय प्रणाली को बाधित किया है. इसका उपयोग काले धन को वैध बनाने और अन्य अपराधों में किया जा रहा है.

चीन का केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अपनी वेबसाइट पर जारी नोटिस में कहा, ‘‘मुद्राओं की तरह उपयोग होने वाले डिजिटल करेंसी डेरिवेटिव सौदे अवैध वित्तीय गतिविधियां हैं और यह प्रतिबंधित है.’’

इस घोषणा के कुछ ही घंटों बाद बिटकॉइन की कीमत 9 प्रतिशत से ज्यादा घटकर 41,085 डॉलर पर आ गयी. एथेरेम की कीमत 10 प्रतिशत कम होकर 2,800 डॉलर पर आ गयी. इस प्रकार की अन्य मुद्राओं का भी यही हाल हुआ है.

चीनी बैंकों ने क्रिप्टो करेंसी पर 2013 में पाबंदी लगा दी थी लेकिन सरकार ने इस साल अनुस्मरण पत्र जारी किया. यह बताता है कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर आधिकारिक स्तर पर चिंता है. सरकार इस प्रकार की मुद्राओं के जरिये लेन-देन से वित्तीय प्रणाली को होने वाले नुकसान को लेकर चिंतित है.

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क्रिप्टोकरेंसी के प्रवर्तकों का कहना है कि इससे एक गोपनीयता रहती है और लचीलापन रहता है, लेकिन चीनी नियामकों को चिंता है कि वे वित्तीय प्रणाली पर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण को कमजोर कर सकते हैं. यह भी कहा जाता है कि इससे आपराधिक गतिविधि को छिपाने में मदद हो सकती है. पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना नकद-रहित लेन-देन को लेकर देश की मुद्रा युआन का डिजिटल संस्करण विकसित कर रहा है. इस पर सरकार का पूर्ण रूप से नियंत्रण होगा.

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Published at : 24 Sep 2021 11:14 PM (IST) Tags: China Cryptocurrency Bitcoin Illegal currency हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

कांग्रेस विधायकों के सर्वे रिपोर्ट वाले बयान पर फिर बोले मंत्री अग्रवाल- बयान को तोड़- मरोड़ कर किया जा रहा पेश

जयसिंह अग्रवाल ने यह भी कहा है कि पुनिया उनके सर्वमान्य नेता है। उनके मार्गदर्शन में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है। मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं। उनकी प्रतिष्ठा के विरुद्ध कोई बात करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।

Published: November 08, 2022 07:21:53 pm

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया की सर्वे को नही मानने के बयान का खण्डन करते हुए राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के कहा है कि इस तरह की कोई रिपोर्ट तैयार हुई है, इसकी जानकारी मुझे नही है। ऐसे में रिपोर्ट को मानने या नही मानने का कोई सवाल ही नहीं उठता। मैने यही कहा था पर इसे तोड़– मरोड़ कर प्रस्तुत किया जा रहा विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार है। मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने यह भी कहा है कि पुनिया उनके सर्वमान्य नेता है। उनके मार्गदर्शन में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है। मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं। उनकी प्रतिष्ठा के विरुद्ध कोई बात करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। यहां बताना होगा कि राजस्व मंत्री के बयान को लेकर कई तरह की राजनैतिक अटकलें लगाई जा रही थी। माना जा रहा है कि उनके इस बयान के बाद इस मामले में विराम लग जाएगा।

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जयसिंह ने कहा
मैने कहा था पुनिया ने कोई सर्वे नहीं कराया तो इसे मानने या नही मानने का सवाल ही नहीं उठता, मेरे बयान को तोड़–मरोड़ कर किया जा रहा प्रस्तुत, छबि धूमिल करने की कोशिश

ये है पूरा मामला
सोमवार को बिलासपुर प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने शहर में पत्रकारों ने उनसे पीएल पुनिया द्वारा तैयार की गई विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट के बारे में सवाल किया तो उन्होंने तपाक से कहा कि पुनिया जी की रिपोर्ट में क्या है मुझ़े इसकी जानकारी नहीं है। मैं उन रिपोर्टों से सहमत भी नहीं हूं। इस प्रकार की कोई परफॉर्मेंस की बात आ रही है तो उस रिपोर्ट को मैं मान्य नहीं करता। ये परफॉर्मेंस रिपोर्ट में क्या बताया गया है। दूसरों की रिपोर्ट मेरे पास नहीं है, लेकिन हमारे बारे में कोई बात करेगा तो हमको उस रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं है और न हम उस रिपोर्ट को मानते हैं।

श्रद्धा वालकर हत्याकांड ने देहरादून के अनुपमा गुलाटी हत्याकांड की याद दिलाई

देहरादून, 15 नवंबर (भाषा) दिल्ली के महरौली में सामने आए वीभत्स श्रद्धा वालकर हत्याकांड ने 12 साल पहले देहरादून के ‘डीप फ्रीजर हत्याकांड’ की याद ताजा कर दी, जिसमें विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने दंरिदगी की हदें पार करते हुए अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी की हत्या करने के बाद उसके शव के 72 टुकड़े कर दिए थे।

विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों हत्यारे एक क्रूर मानसिकता से ग्रस्त थे और उन्होंने हत्या क्षणिक आवेश में आकर नहीं, बल्कि सोच-समझकर की। विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार उनका यह भी कहना है कि परिवार और मित्रों की सक्रिय भूमिका ऐसी घटनाओं को रोक सकती है।

वर्ष 2010 में हुए अनुपमा हत्याकांड और हाल ही में सामने आए श्रद्धा हत्याकांड में केवल आरी विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार से शव के टुकड़े किए जाने की ही समानता नहीं है, बल्कि दोनों मामलों में हत्यारे विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार विदेशी मुद्रा आदेश प्रकार शवों की बदबू को छिपाने के लिए फ्रिज या डीप फ्रीजर खरीदकर ले आए।

श्रद्धा के शव के टुकड़ों को ठिकाने लगाने के लिए उसका कथित हत्यारा आफताब पूनावाला जिस तरह से 18 दिन तक रात के अंधेरे में महरौली के जंगलों में जाता रहा, उसी प्रकार अनुपमा का पति राजेश गुलाटी भी कई दिन तक उसके शव के टुकड़े एक-एक कर राजपुर रोड पर मसूरी डायवर्जन के करीब पड़ने वाले नाले में फेंकता रहा।

दोनों ही घटनाओं में कातिल इतने शातिर निकले कि शव के टुकड़ों के कई दिनों तक घरों में मौजूद होने के बावजूद पड़ोसियों तक को वारदात के बारे में महीनों तक पता ही नहीं चला।

हत्या के बाद गुलाटी अनुपमा के ईमेल से संदेश भेजकर उसके परिवार और मित्रों को गुमराह करता रहा। वहीं, पूनावाला भी श्रद्धा के सोशल मीडिया स्टेटस को कई सप्ताह तक अपडेट करता रहा।

अनुपमा की हत्या 17 अक्टूबर 2010 को हुई थी, लेकिन इसका खुलासा 12 दिसंबर 2010 को उस समय हुआ, जब कई कोशिशें के बावजूद अपनी बहन से संपर्क करने में नाकाम रहा उसका भाई पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचा।

हालांकि, महरौली हत्याकांड में श्रद्धा की सहेली ने उसके भाई को उसका फोन काफी दिनों से बंद आने की सूचना दी, जिसके बाद उसके पिता ने पुलिस में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

अनुपमा हत्याकांड की जांच की निगरानी करने वाले देहरादून के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गणेश सिंह मर्तोलिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि इस तरह की हत्याएं और शवों के टुकड़े करने वाला व्यक्ति सामान्य मानसिकता वाला नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा, “मैंने अपने पूरे करियर में ऐसा मामला नहीं देखा था, जिसमें शव के साथ इतनी दंरिदगी की गई हो।”

हालांकि, मर्तोलिया ने कहा कि इस तरह की हत्याएं अचानक नहीं होतीं और दंपति के बीच झगड़ों और घरेलू हिंसा के रूप में वारदात के सिग्नल पहले से ही मिलने शुरू हो जाते हैं।

प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि खतरा भांपने में परिवार और मित्रों की भूमिका अहम है, जो समय रहते पुलिस को सूचित कर ऐसी घटनाओं को रोक सकते हैं।

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