कैंडलस्टिक चार्ट के उपयोग करने के फायदे

जबकि कुछ पैटर्न बाजार के अनिर्णय या पैटर्न में स्थिरता की पहचान करने में मदद करते हैं, कुछ अन्य बिक्री और खरीद दबाव के बीच संतुलन में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।
What is Chart in Stock Market?
तकनीकी व्यापारी मूल्य चार्ट (Chart Pattern) का विश्लेषण करते हैं ताकि मूल्य आंदोलन की भविष्यवाणी करने का प्रयास किया जा सके। तकनीकी विश्लेषण के लिए दो प्राथमिक चर माना जाता है समय सीमा और विशेष तकनीकी संकेतक जो एक व्यापारी उपयोग करना चुनता है।
चार्ट (Chart Pattern) पर दिखाए गए तकनीकी विश्लेषण समय सीमा एक मिनट से लेकर मासिक, या यहां तक कि वार्षिक, समय अवधि तक होती है। तकनीकी विश्लेषक जिन लोकप्रिय समय-सीमाओं की अक्सर जांच करते हैं उनमें निचे दिए हुवे प्रकार शामिल हैं:
5 मिनट का चार्ट (5 Min Chart)
15 मिनट का चार्ट (15 Min Chart)
प्रति घंटा चार्ट (1 hour Chart)
4 घंटे का चार्ट (4 hour Chart)
दैनिक चार्ट (1 Day Chart)
एक ट्रेडर द्वारा अध्ययन के लिए चुनी गई समय सीमा आमतौर पर उस व्यक्तिगत ट्रेडर की व्यक्तिगत ट्रेडिंग शैली द्वारा निर्धारित की जाती है। इंट्रा-डे ट्रेडर्स जो एक ट्रेडिंग दिन के भीतर ट्रेडिंग पोजीशन खोलते और बंद करते हैं, वे 5 मिनट या 15 मिनट के चार्ट जैसे कम समय सीमा चार्ट पर मूल्य आंदोलन का विश्लेषण करने के पक्ष में हैं। लंबी अवधि के व्यापारी जो रात भर और लंबी अवधि के लिए बाजार की स्थिति रखते हैं, वे प्रति घंटा, 4 घंटे, दैनिक या यहां तक कि साप्ताहिक चार्ट का उपयोग करके बाजारों का विश्लेषण करने के लिए अधिक इच्छुक हैं।
कंडेलिस्टिक चार्ट (Candlestick Chart Pattern)
कैंडलस्टिक चार्टिंग पर कीमतों में उतार-चढ़ाव दिखाने का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका है। एक कैंडलस्टिक किसी भी समय सीमा के लिए एक ही समय अवधि के दौरान मूल्य कार्रवाई से बनता है।
एक घंटे के चार्ट (Chart Pattern) पर प्रत्येक कैंडलस्टिक एक घंटे के लिए मूल्य कार्रवाई दिखाता है, जबकि 4-घंटे चार्ट पर प्रत्येक कैंडलस्टिक प्रत्येक 4-घंटे की समय अवधि के दौरान मूल्य कार्रवाई दिखाता है।
कैंडलस्टिक्स निम्नानुसार “खींचा” / गठित किया जाता है: एक कैंडलस्टिक चार्ट के उपयोग करने के फायदे कैंडलस्टिक का उच्चतम बिंदु उस समय अवधि के दौरान उच्चतम मूल्य की सुरक्षा को दर्शाता है, और कैंडलस्टिक का निम्नतम बिंदु उस समय के दौरान सबसे कम कीमत को इंगित करता है। एक कैंडलस्टिक का “बॉडी” (संबंधित लाल या नीला “ब्लॉक”, या प्रत्येक कैंडलस्टिक का मोटा हिस्सा, जैसा कि ऊपर दिए गए चार्ट में दिखाया गया है) समय अवधि के लिए खुलने और बंद होने की कीमतों को इंगित करता है।
रेन्को ट्रेडिंग का इतिहास | रेंको ट्रेडिंग की सुरवात कैसे हुई ?
रेन्को को हिंदी में इट भी कहते हैं।
जापान में २५० साल पहले जब कोई व्यापारी सामान बेचने जाता था, तब उसे ईंटो के वजन जितना सामान रखना पड़ता था।
इससे उन्हें यह समझ आता था की कितना सामान उन्हें चाहिए और कितना सामान रखना हैं।
यही संकल्पना आगे बढ़ते बढ़ते एक चार्ट के रूप में विकसित होती हैं जिसे हम रेन्को चार्ट कहते हैं।
रेंको चार्ट का १९ वी सदिसे शेयर बाजार में इस्तेमाल होना सुरु हुआ । इसकी सुरवात जापान में हुई थी।
जैसे कैंडलस्टिक चार्ट के उपयोग करने के फायदे की कैंडलस्टिक को Steve Nison ने अपने किताबो के जरिये प्रसिद्द किया था।
वैसे ही Renko Chart को भी Steve Nison ने अपने किताबो के जरिये प्रसिद्द किया।
Renko Chart कैसे काम करता हैं ?
ज्यादातर trader Candlestick Chart का इस्तेमाल करते हैं।
लेकिन रेंको चार्ट को काफी लोंगो ने कम आँखा हैं।
यह price action देखने का काफी आसान तरीका हैं और बोहोत कैंडलस्टिक चार्ट के उपयोग करने के फायदे सारे लोंगो को नहीं पता की यह कैसे काम करता हैं।
आप को यह पता चल जायेगा की Renko Chart कैसे तैयार होता हैं और कैसे काम करता हैं।
तो आखिर रेंको चार्ट (Renko Chart) कैसे काम करता हैं ?
जैसे की आपने पढ़ा हैं की रेंको कैंडलस्टिक चार्ट के उपयोग करने के फायदे चार्ट Time, Volume पे काम नहीं करता, यह चार्ट सिर्फ Price याने के भाव के आधार पर चलता हैं।
इस वजह से यह चार्ट काफी साफ़ और समझ ने में आसान होता हैं।
कैंडलस्टिक चार्ट में हमें कैंडल्स यानि मोमबत्ती के संरचना दिखाई देती हैं।
कैंडलस्टिक और रेन्को चार्ट में अंतर।
कैंडलस्टिक और रेन्को में सबसे बड़ा फरक यह हैं की रेंको में Time, Volume नहीं दिखाई देते सिर्फ price के आधार पर Renko Chart काम करता हैं।
कैंडलस्टिक और रेन्को में अंतर समझना काफी आसान हैं।
जैसे की चार्ट पे आप देख सकते हैं की Time, Volume, Price की वजह से Candles की संरचना बनी हैं।
रेनको चार्ट में सिर्फ Price की वजहसे renko Bricks बनती हैं।
रेंको चार्ट नाही Open, close, नाही High Low और नाही समय देखता हैं।
वह सिर्फ Price याने के भाव के आधार पर चलता हैं।
पैटर्न को परिभाषित करना
कुछ बेहतरीन कैंडलस्टिक पैटर्न के साथ, आप ट्रेडिंग इंडेक्स या स्टॉक की चार प्राथमिक कीमतों की पहचान कर सकते हैं, जैसे:
- खुला हुआ: यह पहली कीमत का प्रतिनिधित्व करता है जिस पर बाजार खुलने पर व्यापार का निष्पादन होता है।
- उच्च: दिन के दौरान, यह उच्चतम मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है जिस पर एक व्यापार निष्पादित किया जा सकता है।
- कम: दिन के दौरान, यह उस न्यूनतम कीमत का प्रतिनिधित्व करता है जिस पर किसी व्यापार को निष्पादित किया जा सकता है।
- बंद करे: यह उस अंतिम कीमत को दर्शाता है जिस पर बाजार बंद है।
आम तौर पर, बाजार के मंदी और तेजी के व्यवहार का प्रतिनिधित्व करने के लिए विभिन्न रंगों का उपयोग किया जाता है। ये रंग मूल रूप से एक चार्ट से चार्ट में भिन्न होते हैं।
बेयरिश कैंडलस्टिक पैटर्न
एक मंदी के पैटर्न की संरचना में तीन अलग-अलग पहलू होते हैं, जैसे:
- शरीर: केंद्रीय निकाय क्लोजिंग और ओपनिंग प्राइस को दर्शाने के लिए है। एक मंदी की मोमबत्ती में, शुरुआती कीमत हमेशा बंद कीमत से अधिक होती है।
- सिर: ऊपरी छाया के रूप में भी जाना जाता है, मोमबत्ती का सिर उद्घाटन और उच्च कीमत को जोड़ने के लिए होता है।
- पूंछ: निचली छाया के रूप में भी जाना जाता है, एक मोमबत्ती की पूंछ समापन और कम कीमत को जोड़ने के लिए होती है।
बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न
इसकी संरचना में तीन पहलू भी शामिल हैं:
- शरीर: हालांकि यह क्लोजिंग और ओपनिंग प्राइस का प्रतिनिधित्व करता है; हालांकि, मंदी के पैटर्न के विपरीत, तेजी में, शरीर की शुरुआती कीमत हमेशा बंद कीमत से कम होती है।
- सिर: यह समापन और उच्च कीमत को जोड़ने के लिए जिम्मेदार है।
- पूंछ: यह उद्घाटन और कम कीमत को जोड़ने के लिए जिम्मेदार है।
कैंडलस्टिक और रेन्को चार्ट में अंतर।
कैंडलस्टिक और रेन्को में सबसे बड़ा फरक यह हैं की रेंको में Time, Volume नहीं दिखाई देते सिर्फ price के आधार पर Renko Chart काम करता हैं।
कैंडलस्टिक और रेन्को में अंतर समझना काफी आसान हैं।
जैसे की चार्ट पे आप देख सकते हैं की Time, Volume, Price की वजह से Candles की संरचना बनी हैं।
रेनको चार्ट में सिर्फ Price की वजहसे renko Bricks बनती हैं।
रेंको चार्ट नाही Open, close, नाही High Low और नाही समय देखता हैं।
वह सिर्फ Price याने के भाव के आधार पर चलता हैं।
Renko Chart Candlestick Chart से क्यो बेहतर हैं ?
Renko Chart के फायदे
Support और Resistance
Renko chart काफी प्रभावी हैं उन traders के लिए जो की Support और Resistance level पर काम करते हैं।
क्योंकि Candlestick Chart के मुकाबले Renko chart में Support और Resistance level अच्छी तरह से दिखाई देते हैं।
Clean Chart
Time और Volume न होने के कारन रेंको चार्ट में बड़ी आसानी से मार्किट में होने वाले बदलाव या Market Trends साफ़ दिखाई दते हैं।
Market Noise
Market Noise याने के चार्ट पे न समझ आने वाले Breakouts (False Breakouts), प्राइस में अचानक होने वाले उतार चढ़ाव (High Volatility) और Candlestick के Wicks इन सभी चीजे आप को रेंको चार्ट में नहीं दिखाई देती।
रेंको चार्ट का उपयोग किन्हें करना चाहिए ?
अगर आप Scalping या कम अवधि की ट्रेडिंग (Short Term Trading) करते हैं, तो आप रेंको चार्ट का उपयोग कर सकते हैं।
रेंको चार्ट टेक्निकल एनालिसिस में एक काफी आसान तरीका हैं, शेयर बाजार में विश्लेषण करने के लिए।
अगर किसी को ज्यादा जटिल तरीके से काम नहीं काटना हैं, तो रेंको ट्रेडिंग एक अच्छा पर्याय हे आप के लिए।
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अन्य पढ़े :-
Q.1.Renko Chart क्या हैं ?
Ans: रेंको चार्ट शेयर बाजार में टेक्निकल एनालिसिस में काम करने का तरीका हैं, जो सिर्फ price याने के भाव के आधार पर काम करता हैं।
Q.२.रेंको ट्रेडिंग की सुरवात कैसे हुई ?
Ans: जापान में २५० साल पहलेरेंको ट्रेडिंग की शुरवात हुए और १९ वी सदी में Steve Nison ने अपने किताबो के जरिये Renko Trading को प्रसिद्द किया।
कैंडल चार्ट क्या होता है कैंडल चार्ट को कैसे समझें
दोस्तों आज हम बात करेंगे शेयर बाजार में कैंडलेस्टिक चार्ट क्या होता है। Candlestick chart शेयर बाजार में स्टॉक्स में हो रही खरीद बिक्री को लाल और हरे कैंडल में दर्शाते हैं। यहां पर हर एक हरे कैंडल का मतलब खरीददारी और लाल कैंडल का मतलब बिकवाली होता है। शेयर बाजार में किसी भी कंपनी का तकनीकी विश्लेषण करने के लिए कैंडल चार्ट बहुत महत्वपूर्ण है। और यह कीमतों के परिवर्तन का विश्लेषण करने के लिए बहुत मायने रखता है।
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कैंडलेस्टिक चार्ट |