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इनवेस्‍टमेंट क्‍या होती है?

इनवेस्‍टमेंट क्‍या होती है?
इक्विटी म्यूचुअल फंड में कम से कम 5 वर्षों के लिए निवेश करें, क्योंकि कम अवधि में ये उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरते हैं। आज ही किसी म्यूचुअल फंड प्रोफेशनल की सहायता लें, डीमैट (Demat) अकाउंट खुलवाएं और ऑनलाइन अपना पोर्टफोलियो बनाकर SIP के जरिए निवेश शुरू करें और अपने भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करें।

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SIP क्या है, फायदे और कैसे करें निवेश

अपने पैसों को निवेश करने की जब बात है तो ज़्यादातर लोग उसे इनवेस्‍टमेंट क्‍या होती है? Saving Scheme लगाते हैं जैसे की FD, RD, kisan vikas patra आदि। लेकिन अपने पैसों को अगर कई गुना बढ़ाना है तो आपको कुछ हटकर किसी ऐसी जगह निवेश करना होता है जहां आपके पैसों पर अच्छा खासा रिटर्न मिले, ऐसा ही इनवेस्टमेंट प्लान है SIP

पहले लोग अपने पैसों को Saving में लगाते थे लेकिन अब समय ऐसा हैं की लोग अपने भविष्य के लिए पैसों को Investment में लगाते हैं। पैसा Saving में लगाना और Invest करना दोनों अलग-अलग चीजें हैं। अच्छे Return पाने के लिए अब लोग Investment की ओर रुख किए हैं।

SIP भी एक ऐसा ही Investment Plan हैं जो आज निवेशकों को पहली पसंद बना हुआ है।

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान – Systematic Investment Plan (एसआईपी – SIP ) एक ऐसा निवेश है जिसमें आप नियमित अंतराल (साप्ताहिक, मासिक, त्रैमासिक, आदि) पर पूर्व-निर्धारित राशि को निवेश करके भविष्य के लिए अधिक से अधिक धन का निर्माण कर सकते है। ये बिलकुल RD की तरह है जिसमें आप महीने, तीन महीने या सप्ताह में तय की गयी रकम को निवेश कर सकते हैं, लेकिन फायदा SIP में ज्यादा होता है।

SIP में निवेश क्यूँ करना चाहिए?

Systematic Investment Plan (SIP) में अपना पैसा इन्वेस्ट करने के बहुत फायदे हैं, आप 500 प्रति माह से अपनी SIP शुरू कर सकते हैं।

कंपाउंडिंग पावर (Power Of Compounding)

जब आप एसआईपी के माध्यम से नियमित रूप से निवेश करते हैं और लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं, तो कंपाउंडिंग प्रभाव से लाभ बढ़ जाता है। आपका पैसा समय के साथ बढ़ता है क्योंकि आप जो पैसा लगाते हैं वह रिटर्न कमाता है और रिटर्न भी रिटर्न कमाते हैं। व्याज के ऊपर भी व्याज मिलने के करना लंबे समय के बाद आपका पैसा कई गुना बढ़कर आपको मिलता है।

उदाहरण के लिए, मान लीजिये आप 30 साल के किए हर महिना Rs. 1000 SIP में निवेश करते हैं तो हर साल अगर 6% भी आपको रिटर्न मिलता है तो वो पैसा 30 साल बाद 10 लाख हो जाएगा और 15% हर साल रिटर्न मिलता है तो वो पैसा 30 साल में 70 लाख हो जाएगा।

SIP के फायदे

Disciplined Saving: SIP में जब आप अपना पैसा निवेश करते हैं तो आपके अंदर स्वतः ही बचत करने का अनुशासन पैदा होता है। जब आप लंबे समय के लिए SIP में लगातार निवेश करते हैं तो आप एक तरह से अपने आपको वचन बद्ध करते हैं की मैं लगातार Saving करूँ। आपका SIP में किया गया हर Installment आपको अपने भविष्य के लिए तय किए गए Goal की ओर अग्रसर करता है।

लचीलापन (Flexibility): SIP में आप लंबे समय के लिए invest कर सकते हैं अच्छे return पाने के लिए, लेकिन यह अनिवार्य नहीं होता। आप किसी भी समय अपनी SIP को बंद कर सकते हैं। यही नहीं आप अपनी Installment amount को कम या ज्यादा भी कर सकते हैं। एक तरह से SIP Flexible होती है।

दीर्घकालीन लाभ (Long Term Benefits): SIP में आप जितना लंबे समय के लिए निवेश करते करते हैं, फाइदा आपको उतना ज्यादा होता। इसमें आपको व्याज पर भी व्याज मिलता है। इसलिए आपको कई गुना लाभ होता है।

कैसे शुरू करें SIP – How To Start SIP?

SIP आप Online या Offline अपने बैंक के जरिये शुरू कर सकते हैं। यदि किसी बैंक में आपका अकाउंट हैं तो आप उसी बैंक में जाकर या online अपना SIP शुरू कर सकते हैं। इसके लिए आपका Pan card जरूरी है उसके बिना आप SIP शुरू नहीं कर सकते।

Offline: आप बैंक में जाकर SIP शुरू करवा सकते हैं। आप अपना SIP plan पसंद कीजिये, Installment amount तय करें और कितनी अवधि के लिए SIP शुरू करना है वो decide करें। KYC पूरा होने के बाद आपका SIP शुरू हो जाएगा और इन्स्टाल्ल्मेंत amount जो भी आपने SIP के लिए तय की है वो आपके बैंक अकाउंट से अपने आप Debit होती रहेगी।

Online: SIP को आप Online भी खोल सकते हैं Mobile और Net banking के जरिये। आप अपनी Bank की ऑनलाइन बैंकिंग में लॉगिन कर SIP शुरू कर सकते हैं। अब तो कई वैलट कंपनी Paytm, PhonePe आदि भी SIP खोलने की सुविधा देतीं हैं तो आप वहाँ भी बड़ी आसानी से SIP में निवेश कर सकते हैं।

Investment Banking Kya Hai ?

इन्वेस्टमेंट बैंकर एक इनवेस्‍टमेंट क्‍या होती है? ऐसा व्यक्ति होता है जो किसी बड़ी कंपनी या संस्था या किसी व्यक्ति के लिए काम करता है। जो कि उन्हें यह बताता है कि उनका पैसा कहां इन्वेस्ट करें जिससे कि उन्होंने जो पैसा इन्वेस्ट किया है उन पर उन्हें मुनाफा हो सके।

किसी कंपनी में इन्वेस्टमेंट इनवेस्‍टमेंट क्‍या होती है? बैंकर काम करते हुए यह भी देखता है कि अगर उसकी कंपनी ने किसी और कंपनी में पैसा लगाना है या फिर उस कंपनी के Share यानी की हिस्सेदारी खरीदनी है तो वह कितना फायदेमंद होगा। तो कुल मिलाकर कहा जाए इन्वेस्टमेंट बैंकर वह व्यक्ति होता है जो कि पैसे को इन्वेस्ट करने के बारे में बताता है।

Investment Banker Kaise Bane / इन्वेस्टमेंट बैंकर कैसे बने

Investment Banking Career में अगर आप अपना भविष्य बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपनी 12वीं कक्षा कॉमर्स या किसी और स्ट्रीम से पास करनी होगी। इसी के साथ अगर आपके पास 12th में सब्जेक्ट Commerce + Maths थे तो यह आपके लिए और भी अच्छा होगा इससे आपको आगे आसानी होगी क्योंकि Investment Banking Courses में मैथ की जरूरत काफी होती है।

इसके बाद आपको B.com ( Hons ) in Finance या B.com ( Hons ) in Accounting करनी होगी यह दोनों इसलिए क्योंकि ज्यादातर बच्चे इन्हीं में स्पेशलाइजेशन करते हैं। अगर आपने 12वीं कक्षा Arts Stream से पास की है तब आप BA in Finance / Economics करने के बाद इन्वेस्टमेंट बैंकर बन सकते हैं। इसके अलावा BBA Finance भी किया जा सकता है इसको किसी भी स्ट्रीम के विद्यार्थी कर सकते हैं।

इन्वेस्टमेंट बैंकर की सैलरी कितनी होती है ?

Investment Banker Salary : इन्वेस्टमेंट बैंकर की सैलरी शुरुआत में 30 हजार से लेकर 2 लाख तक प्रति माह हो सकती है। जैसे-जैसे आप का एक्सपीरियंस बढ़ेगा वैसे ही आपकी सैलरी भी बढ़गी।

सबसे पहले आपको Junior Analyst की पोस्ट पर काम करना होगा इसके बाद आप Senior Analyst की पोस्ट पर जा सकते हैं। यहां पर 3 से 4 साल काम करने के बाद आप Wise President की पोस्ट पर जा सकते हैं। इसके बाद आप Management Director भी बन सकते हैं।

बैंकिंग कोर्स डिटेल्स | Investment Banking Courses

आप इन्वेस्टमेंट बैंकिंग की शुरुआत Associate या Analyst की पोस्ट से कर सकते हैं और इसके बाद आपको काम के आधार पर लगभग 2 या 3 साल में मैनेजर की पोस्ट पर प्रमोट कर दिया जाएगा। इसके बाद आप धीरे-धीरे वाइस प्रेसिडेंट ( Wise President ) और लास्ट में Management Director बन सकते हैं। अगर आप इन्वेस्टमेंट बैंकिंग में अच्छा काम करते हैं तो इसमें आपके पास काफी अच्छा भविष्य है ।

अगर आपको Associate बनकर अपना Investment Banking Career शुरू करना है तो आपके पास इन मेें से बैचलर इनवेस्‍टमेंट क्‍या होती है? डिग्री होनी चाहिए। Investment Banking Associate के लिए Degree :

1. BBA ( Finance )

2. Bcom Hons in Accounting and Finance

3. BMS ( Bachelor of Management Science )

4. BBE ( Bachelor of Business Economics )

Saving vs Investment: आपको किस रास्ते पर जाना चाहिए?

Saving vs Investment: अधिकांश लोग बचत (Saving) और निवेश (Investment) को एक समान समझते है। लेकिन दोनों के कांसेप्ट अलग- अलग है। इसलिए में हम दोनों के बीच के अंतर (Difference between saving and investing) को स्पष्ट करेंगे।

Saving vs Investment: अधिकांश व्यक्ति, विशेष रूप से नए निवेशक, सोचते हैं कि सेविंग और इन्वेस्टमेंट एकसमान हैं। हालांकि, वे आपकी वित्तीय योजना और बैलेंस शीट में बहुत अलग कार्यों और भूमिकाओं के साथ पूरी तरह से दो अलग-अलग कांसेप्ट हैं। इसलिए धन के निर्माण और वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने के अपने रास्ते पर निकलने से पहले, सुनिश्चित करें कि आप Saving और Investment को अच्छे से समझते हैं। तो आइए आगे बढ़ते है और जानते है कि सेविंग और इन्वेस्टमेंट क्या है? और दोनों में क्या अंतर है?

What is Sovereign Gold इनवेस्‍टमेंट क्‍या होती है? Bond Scheme : सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम क्या है? न‍िवेश के ल‍िए लोगों में रहती है मारामारी

Sovereign Gold Bond Scheme: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की दूसरी सीरीज के तहत बॉन्ड का इश्यू प्राइस 5,197 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है. पहले की तरह ऑनलाइन निवेश करने वाले निवेशकों को सोने की कीमत में प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट दी जाएगी.

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म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) क्या है, इसमें निवेश कैसे शुरू करें?

बड़ी संख्या में निवेशकों द्वारा जमा धनराशि को म्यूचुअल फंड कहते हैं जिसे एक फंड में डाल दिया जाता है। आप जरूरी दस्तावेजों के साथ म्यूचुअल फंड की वेबसाइटों पर या इनकी इनवेस्‍टमेंट क्‍या होती है? शाखाओं में जाकर डायरेक्ट निवेश कर सकते हैं या किसी प्रोफेशनल की सहायता ले सकते हैं। म्यूचुअल फंड कई प्रकार के होते हैं जैसे Equity Mutual Funds, Debt Mutual Funds, Hybrid Mutual Funds, Solution-oriented Mutual Funds इत्यादि। इसमें एक फंड मैनेजर होता है जो आपके पैसों को विभिन्न वित्तीय साधनों में निवेश करता है। निवेश किस फंड में और कैसे करना है, इसके बारे में आपको नहीं सोचना है। चूंकि फंड मैनेजर आपके पैसों को विभिन्न शेयरों, छोटी-बड़ी कंपनियों और असेट्स में लगाता है, जिसे डायवर्सिफिकेशन कहते हैं, इसलिए इसमें जोखिम कम और रिटर्न ज्यादा है।

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