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रेंज ब्रेक आउट

रेंज ब्रेक आउट

रेंज ब्रेक आउट

तकनीकी विश्लेषकों के लिए सबसे कठिन कार्य कारोबारी दायरे से बे्रकआउट के समय और इसकी दिशा का पता लगाना है। हरेक बार जब कीमत दायरे के निचले स्तर पर समर्थन स्तर को छूती है या ऊपरी दायरे पर समर्थन स्तर को छूने में कामयाब होती है तो निर्णय लेना काफी मुश्किल होता है। मसलन क्या सीमित दायरे में कारोबार जारी रहेगा रेंज ब्रेक आउट या आगे ब्रेकआउट की संभावना है?

चंूकि कीमतों में बदलाव फैक्टल होता है, स्केल्स में तब्दीली आ सकती है। सीमित दायरे में कारोबार मिनट के लिए हो सकता है या कई महीनों तक जारी रह सकता है। कोई भी ऐसी रणनीति नहीं है जो हमेशा काम करती है। लेकिन कारोबारी रणनीति की सरंचना संभावित ब्रेकआउट साथ ही लगातार सीमित दायरे में कारोबार को ध्यान रेंज ब्रेक आउट में रखकर की जा सकती है। इसे करने का आसान तरीका ऑप्शन है। लिहाजा इस तरह की रणनीति का इस्तेमाल किसी अंडरलाइंग जैसे सूचकांक (अत्यधिक तरल ऑप्शन मार्केट) के लिए किया जा सकता है।

इसमें दो नियम लागू होते हैं। पहला कारोबारी मात्रा को देखते हुए बे्रकआउट तब तक जारी रह सकता है जब तक कीमत पिछले कारोबारी दायरे के इर्ग-गिर्द घूमता है। मान लें कि कीमत 200-अंक के दायरे में रहता है तो बे्रकआउट ट्रेंड 200 अंकों तक रहेगा। कारोबार में बिना किसी खास बढ़ोतरी के ब्रेकआउट कमजोर संकेत हो सकता है और कीमत सीमित दायरे में रेंज ब्रेक आउट कारोबार की तरफ मुड़ सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए आइए हम निफ्टी के मौजूदा उतार-चढ़ाव पर विचार करते हैं।

मार्च 2011 के बाद से बाजार 5700-5950 के बीच रहा है। यानी 250 अंकों के दायरे में रहा है। बे्रकआउट की स्थिति में हम 200-250 अंकों के बदलाव के साथ हम इसी तरह के रुझान की उम्मीद कर सकते हैं। एक दिन में (औसतन 30-सत्र) सूचकांक में सामान्य तौर पर 1.5 फीसदी का बदलाव आता है। लिहाजा ब्रेकआउट और लक्ष्य की पूर्ति केवल दो या तीन सत्रों में हो सकती है।

कारोबारी की मात्रा के संदर्भ में 11.5 करोड़ निफ्टी शेयर के 5 सत्रों का औसत 30 सत्रों के औसत 14.5 करोड़ से कम होता है। रेंज-ट्रेडिंग अवधि के लिए कारोबार में गिरावट सामान्य होती है। कारोबारी मात्रा में बढ़ोतरी के साथ हम किसी भी वैध ब्रेकआउट की उम्मीद करेंगे जो संभवत: 30 दिनों के औसत को पार कर लेगा। चूंकि, कारोबारियों की अपेक्षाओं का पता बकाया ओपन इंटरेस्ट से लगता है इसलिए हम निफ्टी ऑप्शन में रेंज ब्रेक आउट एकत्रित ओपन इंटरेस्ट पोजीशन पर विचार कर सकते हैं।

ऐसे बिंदुओं पर ओपन इंटरेस्ट में अधिक बढ़ोतरी होती है जहां पर अधिकांश कारोबारियों को अगले ब्रेकआउट होने की उम्मीद होती है। 6000 कॉल (प्रीमियम 22) पर ओपन इंटरेस्ट में काफी अधिक बढ़ोतरी होती है और 6100 सी (9) पर कम रेंज ब्रेक आउट संख्या में ओपन इंटरेस्ट बनते हैं। ओपन इंटरेस्ट में इसी तरह की बढ़ोतरी 5700 पुट (36) रेंज ब्रेक आउट और 5500पी (9) पर अपेक्षाकृत कम संख्या में ओपन इंटरेस्ट होते हैं। लिहाजा अप्रैल निपटान में ब्रेकआउट अधिकांश कारोबारियों की राय में 5500-6100 के बीच आएगा।

कोई कारोबारी लागातार रेंज-ट्रेडिंग की उम्मीदें लगा सकता है या बे्रकआउट की अपेक्षा कर सकता है। अगर रेंज-ट्रेडिंग पर दाव खेला जाए तो बटरफ्लाई की तरह ऑप्शन के मिश्रण का इस्तेमाल कर गडु रिस्क: रिवार्ड की स्थिति पैदा की जा सकती है। बटरफ्लाई छोटे दायरों पर ध्यान केंद्रित करता है और दायरे के मध्य में प्रतिफल को अधिकतम बनाता है।

मिसाल के तौर पर 5,रेंज ब्रेक आउट 800-6,000 के बटरफ्लाई में लॉन्ग 5800सी (95), दो शॉर्ट 5900सी और लॉन्ग 6000सी (22) होंगे। इस पर अधिकतम खर्च 19 आएगा। अगर बाजार एक्सपायरी के समय 5900 पर या इसके करीब कारोबार कर रहा है तो 81 का अधिकतम प्रतिफल आएगा। इसी तरह, एक लॉन्ग पुट बटरफ्लाई में लॉन्ग 5800पी (63), दो शॉर्ट 5700पी और एक लॉन्ग 5600 (19) शामिल होंगे। इस पर खर्च 12 आएगा और अगर बाजार 5600 पर या इसके करीब समाप्त होता है तो अधिकतम प्रतिफल 88 होगा। स्पष्टï है कि कोई भी बटरफ्लाई उल्टा हो सकता है अगर निपटान के पहले मुनाफा होता है।

अगर कोई कारोबारी ब्रेकआउट की उम्मीद कर रहा है तो लॉन्ग स्ट्रैंगल पर विचार किया जा सकता है। मिसाल के तौर पर एक लॉन्ग 6000सी (22) और लॉन्ग 5500पी (19) पर खर्च 14 आएगा। 6041 या 5559 के बाद सैद्धांतिक तौर पर यह पोजीशन असीमित मुनाफा अर्जित कर सकता है।

अगर बाजार किसी भी दिशा में आगे बढ़ता है तो कारोबारी मुनाफे के साथ स्टैं्रगल को उल्टा कर सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर निफ्टी 5900 तक पहुंचता है तो 6000 कॉल के मूल्यांकन में बढ़ोतरी होगी जो 5600 पुट के मूल्यांकन में आई कमी से अधिक होगी। ब्रेकआउट और रेंज-ट्रेडिंग दोनों के लिए कारोबारी बटरफ्लाई को स्ट्रैंगल के साथ मिश्रित कर सकते हैं। नहीं तो फिर लॉन्ग पुट बटरफ्लाई को बुलस्प्रेड के साथ जोड़ा जा सकता है जो अपसाइड ब्रेकआउट पर मुनाफा अर्जित करता है।

अगर लिक्विड ऑप्शन बाजार हो तो संभावनाएं असीमित हो सकती हैं। इस तरह की रणनीति रिस्क:रिवार्ड अनुपात के प्रबंधन पर अधिक निर्भर करती है।

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