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प्रत्यक्ष विदेशी निवेश

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
वित्त वर्ष 2020 के दौरान सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सिंगापुर से 14.67 अरब डॉलर प्राप्त हुआ। लगातार दूसरे साल सिंगापुर से सबसे ज्यादा निलेश आया है। इसके बाद मॉरिशस से 8.24 अरब डॉलर निवेश आया है। सिंगापुर लंबे समय से भारत में विदेशी फंड का बड़ा स्रोत रहा है और 2000 से अब तक करीहब 97.6 अरब डॉलर निवेश आया है। इस प्रत्यक्ष विदेशी निवेश तरह से इस अवधि के दौरान सिंगापुर एफडीआई का पांचवा सबसे बड़ा स्रोत रहा। बहरहाल पिछले 2 साल से सिंगापुर से आवक बढ़ी है और बड़े पैमाने पर भारत की फर्मेें इस देश के न्यायक्षेत्र में शामिल हो रही हैं। भारत ने मारिशस और सिंगापुर के साथ अपनी संधि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में बदलाव किया है, जो वित्त वर्ष 2020 से लागू हुआ है।

विदेशी निवेश 13 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर

प्रत्यक्ष विदेशी इक्विटी निवेश (एफडीआई) वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 4 साल में सबसे तेज 13 प्रतिशत की वृद्धि दर से बढ़कर 49.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की ओर से आज जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिलती है।

भारत के नीति निर्माताओं के लिए यह आंकड़े राहत लेकर आए हैं, जो इक्विटी निवेश में सुस्त वृद्धि को लेकर चिंतति प्रत्यक्ष विदेशी निवेश थे। यह वित्त वर्ष 2018-19 में घटकर 1 प्रतिशत रह गया था और उसके एक साल पहले सिर्फ 3 प्रतिशत बढ़ा था।

इक्विटी पूंजी, पुनर्निवेश कमाई व अन्य पूंजी सहित सहित कुल एफडीआई में 73.4 अरब डॉलर रही, जो एक साल पहले 63 अरब डॉलर थी। इसमें 18 प्रतिशत की तेजी आई है।

वित्त, बैंकिंग, बीमा, आउटसोर्सिंग सहित अन्य सेवा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 7.8 अरब एफडीआई आया है। इसके बाद कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर विनिर्माण में 7.6 अरब डॉलर निवेश आया है। टेलीकम्युनिकेशन क्षेत्र में 4.5 अरब डॉलर निवेश आया है।

इस देश ने भारत में किया सबसे अधिक निवेश, जानिए कितना आया FDI

वित्त वर्ष 2017-18 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 18 प्रतिशत बढ़कर 28.25 लाख करोड़ रुपये हो गया. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को ये आंकड़े जारी किये. इनके मुताबिक वर्ष के दौरान देश में सबसे ज्यादा निवेश मॉरीशस से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया है.

भारत में बढ़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश जानिए क्या है कारण (फाइल फोटो)

वित्त वर्ष 2017-18 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 18 प्रतिशत बढ़कर 28.25 लाख करोड़ रुपये हो गया. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को ये आंकड़े जारी किये. इनके मुताबिक वर्ष के दौरान देश में सबसे ज्यादा निवेश मॉरीशस से आया है.

देश में बढ़ा विदेशी निवेश
भारतीय प्रत्यक्ष निवेश कंपनियों की परिसंपत्तियों और विदेशी देनदारियों की गणना संबंधी 2017-18 के आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष के दौरान प्रत्यक्ष विदेश निवेश 4,33,300 करोड़ रुपये बढ़कर 28,24,600 रुपये पर पहुंच गया. इसमें पिछले निवेशों का नया मूल्यांकन भी शामिल है. बता दें मॉरीशस टैक्स हैवन देशों में से एक है.

प्रश्न – भारत के आर्थिक वृद्धि में योगदान करने हेतु ‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश’ की भूमिका का मूल्यांकन प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कीजिए। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में नीतिगत सुधारों, निवेश में सुगमता तथा व्यवसाय करने में सुगमता पर सरकार द्वारा किए गए उपायों की विवेचना कीजिए।

प्रश्न – भारत के आर्थिक वृद्धि में योगदान करने हेतु ‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश’ की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में नीतिगत सुधारों, निवेश में सुगमता तथा व्यवसाय करने में सुगमता पर सरकार द्वारा किए गए उपायों की विवेचना कीजिए। – 28 May 2021

उत्तर – भारत के आर्थिक वृद्धि

1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा भारत में FDI को FEMA के तहत लाया गया था। भारत जैसे देश के लिए, FDI एक आर्थिक सहायता की तरह है जो देश को किसी भी कर्ज में बांधे बिना, विकास के नए आयाम का मार्ग प्रशस्त करती है। FDI से हमारा तात्पर्य केवल धन से ही नहीं बल्कि कौशल, प्रक्रिया, प्रबंधन, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रौद्योगिकी आदि से भी है।

बीमा क्षेत्र में 74% FDI की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मंजूरी का नोटिफिकेशन जारी, संसद से मार्च में पास हो चुका है बिल

बीमा क्षेत्र में 74% FDI की मंजूरी का नोटिफिकेशन जारी, संसद से मार्च में पास हो चुका है बिल

DPIIT ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को 49 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी करने के सरकार के फैसले का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.

डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने मंगलवार को बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को 49 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी करने के सरकार के फैसले का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. विभाग द्वारा जारी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एक प्रेस नोट के मुताबिक, फैसला फेमा (फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट) की तारीख से प्रभावी होगा.

बीमा संशोधन विधेयक, 2021 संसद द्वारा मार्च में पारित किया गया था. बिल द्वारा बीमा एक्ट, 1938 में संशोधन किया गया था. बीमा क्षेत्र में एफडीआई को साल 2015 में 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी किया गया था. FDI की सीमा को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाने का एलान 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2021-22 में हुआ था.

कैबिनेट ने टेलीकॉम कंपनियों के लिए राहत पैकेज को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 सितंबर, 2021 को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दूरसंचार क्षेत्र के लिए राहत पैकेज को मंजूरी दी है। राहत पैकेज में दूरसंचार कंपनियों द्वारा वैधानिक बकाया के भुगतान पर 4 साल की मोहलत (moratorium) शामिल है। मुख्य बिंदु कैबिनेट ने स्वचालित मार्ग से 100% विदेशी निवेश (FDI) की भी अनुमति दी है। कुल मिलाकर, दूरसंचार क्षेत्र

भारत 2020 में FDI का 5वां सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बना : संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2020 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में 64 बिलियन डालर प्राप्त किए। भारत दुनिया भर में FDI प्रवाह का पांचवां सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बन गया है। विश्व निवेश रिपोर्ट 2021 “World प्रत्यक्ष विदेशी निवेश Investment Report 2021” व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) द्वारा जारी की गयी है। इस

बीमा संशोधन विधेयक, 2021 राज्य सभा में पास हुआ

राज्य सभा ने बीमा (संशोधन) विधेयक, 2021 (Insurance (Amendment) Bill, 2021) पारित किया है। यह बीमा अधिनियम, 1938 में संशोधन करेगा, जिससे भारतीय बीमा कंपनियों में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ जाएगी। मुख्य बिंदु इस विधेयक में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (foreign direct investment) सीमा को मौजूदा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रावधान

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